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अलग-अलग घटनाओं में छत्तीसगढ़ के 2 युवकों की मौत

डेस्क:– छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्य गए दो युवकों की मौत की खबर सामने आई है। पहली खबर उत्तराखंड की है, जहां एक बिलासपुर के रहने वाले एक MBBS सेकेंड ईयर के छात्र की सड़क हादसे में मौत हो गई। वहीं दूसरी खबर मध्यप्रदेश के सागर जिले से सामने आई है, जहां बालोद का रहने वाला एक युवक टेरीटोरियल आर्मी भर्ती की दौड़ दौरान बेसुध होकर गिर गया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। दोनों ही युवकों की मौत से उनके परिवारों में मातम छा गया है।

पहली खबर उत्तराखंड के देहरादून की है, जहां मिजोरम मेडिकल कॉलेज में सेकेंड इयर में पढ़ने वाला बिलासपुर का मेडिकल स्टूडेंट समर्थ साहू (उम्र 20 साल) अपने दोस्त के बर्थडे पर सरप्राइज देने जा रहा था। तभी शहर के ओएनजीसी चौक के पास बाइक फिसलने से हादसा हो गया। रोड पर लगी पोल से समर्थ का सिर टकराया और मौके ही उसकी जान चली गई। हादसे में उसका दोस्त घायल हो गया। इधर बेटे की मौत की खबर मिलते ही बिलासपुर में परिवार सदमे में आ गया। रो-रोकर परिजनों का बुरा हाल हो गया है।

बता दें कि समर्थ नेहरू नगर में रहने वाले मेडिकल व्यवसायी चंद्रशेखर साहू का बेटा हैं। हादसे की खबर मिलते ही समर्थ के परिवार के लोग फौरन देहरादून पहुंच गए. अब फैमिली उसकी बॉडी लेकर वापस बिलासपुर आएगी। बिलासपुर में समर्थ का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दूसरी खबर मध्यप्रदेश के सागर जिले से सामने आई है, जहां 14 नवंबर को आयोजित टेरिटोरियल आर्मी की सीधी भर्ती परीक्षा के दौरान बालोद जिले के डेंगरापार निवासी 24 वर्षीय राकेश कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। राकेश ने भर्ती परीक्षा दौरान तीन राउंड की दौड़ में दो राउंड सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था, लेकिन अंतिम राउंड के दौरान वह अचानक गिर पड़ा। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाय गया जहां इलाज के दौरान शुक्रवार 15 नवंबर को उसकी मौत हो गई।

बता दें राकेश लंबे समय से आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहा था और भर्ती दौड़ में शामिल होने के लिए 12 नवंबर को अपने गांव से सागर के लिए रवाना हुआ था। इस बीच उसकी आकस्मिक मौत से परिवार और गांव में शोक का माहौल है। आज राकेश के गृह ग्राम डेंगरापार में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
आज बंद होंगे भगवान बद्रीविशाल के कपाट

डेस्क:–भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया आज विधिपूर्वक संपन्न होगी। शीतकाल के लिए मंदिर के कपाट बंद होने के दौरान हजारों श्रद्धालु इसके साक्षी भी बनेंगे। कपाट बंद होने की विधि शाम 6:45 बजे शुरू होगी। जिसके बाद रात 9:07 बजे निर्धारित समय पर भगवान बद्रीविशाल जी के कपाट 6 महीने के लिए बंद हो जाएंगे।

पूजा विधि के दौरान भगवान बद्रीविशाल की पूजा और शयन आरती की जाएगी। भगवान को घृत कंबल ओढ़ाया जाएगा। इसके बाद भगवान की डोली को जोशीमठ के नरसिंह मंदिर ले जाया जाएगा, जहां शीतकाल में भी उनकी पूजा होगी। बद्रीनाथ धाम हर साल अप्रैल-मई में खुलता है और नवंबर के तीसरे सप्ताह में शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाता है, इस दौरान मंदिर समिति की ओर से विशेष पूजा और अनुष्ठान किया जाता है।

इससे पहले 16 नवंबर को मां लक्ष्मी की पूजा की गई। उन्हें कढ़ाई के प्रसाद का भोग लगाया गया। फिर देवी लक्ष्मी से बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होने की प्रार्थना की गई। ‘बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान किया।


बता दें कि गणेश मंदिर के कपाट 13 नवंबर को बंद हो गये थे। इसी क्रम में पंचपूजा के दूसरे दिन केदारेश्वर तथा जगद्गुरु आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए। 15 नवंबर की शाम वेद पुस्तकों की पूजा-अर्चना, खडग-पुस्तक पूजा संपन्न होने के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया।
कल जारी होगा सीएस एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट रिजल्ट, icsi.edu पर कर पाएंगे चेक

डेस्क :– सीएस एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट रिजल्ट की घोषणा 18 नवंबर, 2024 को जारी की जाएगी। नतीजे सुबह 11 बजे आधिकारिक वेबसाइट https://www.icsi.edu पर रिलीज किए जाएंगे। परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी पोर्टल पर जाकर इसकी जांच कर सकेंगे। साथ ही इसका प्रिंटआउट लेकर रख सकेंगे।

इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने इस संबधं में आधिकारिक सूचना पोर्टल पर रिलीज की है। इसके मुताबिक, 9 और 11 नवंबर, 2024 को आयोजित हुए कंपनी सेक्रेटरी एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट 18 नवंबर, 2024 को जारी किए जाएंगे। नतीजे सुबह 11 बजे घोषित होंगे। परिणाम के साथ-साथ संस्थान उम्मीदवार के विषय-वार अंकों का विवरण भी जारी करेगा।

सीएस एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट का ई-रिजल्ट-कम- मार्क्स स्टेटमेंट नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद संस्थान की वेबसाइट www.icsi.edu पर अपलोड कर दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को इस विवरण की फिजिकल कॉपी जारी नहीं की जाएगी। अभ्यर्थी इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें। उम्मीदवारों की सहूलियत के लिए नीचे आसान स्टेप्स दिए जा रहे हैं ,जिनको फॉलो करके कैंडिडेट्स आसानी से परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सीएस एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट icsi.edu पर जाना होगा। अब, होमपेज पर लेटेस्ट सेक्शन पर जाएं। यहां कंपनी सेक्रेटरी एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट नवंबर 2024 परिणाम लिंक दिखेगा, इस पर क्लिक करें। अपना लॉगिन विवरण दर्ज करें और सबमिट करें। परिणाम अब आपके सामने होगा। इसे जांचें और डाउनलोड करें

भविष्य के संदर्भ के लिए एक प्रिंटआउट लेकर रख लें।

इससे इतर आईसीएआई (ICAI) ने हाल ही में सीए इंटरमीडिएट जनवरी परीक्षा 2025 के लिए मॉक टेस्ट का शेड्यूल जारी कर दिया है। इसके तहत, फर्स्ट सीरीज के लिए 18 नवंबर, 2024 से मॉक टेस्ट शुरू होंगे, जबकि सेकेंड सीरीज के लिए मॉक टेस्ट की शुरुआत 9 दिसंबर, 2024 से होगी। कैंडिडेट्स ध्यान दें कि परीक्षा समाप्त होने के बाद संस्थान की ओर से आंसर-की भी जारी की जाएगी, जिससे अभ्यर्थियों को अपनी परीक्षा की तैयारी के बारे में अनुमान लग सके। इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए कैंडिडेट्स को पोर्टल पर विजिट करना होगा।
बीपीएससी ने बिहार सीसीई एग्जाम को लेकर जारी किया  नोटिफिकेशन, 13 दिसंबर को संपन्न होगी परीक्षा

डेस्क:–बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित एक अहम नोटिफिकेशन जारी किया गया है। अधिसूचना में बताया गया है कि "बीपीएससी 70th प्रीलिम एग्जाम की तिथि 13 दिसंबर से बढ़ाकर 19 दिसंबर 2024 किये जाने के सम्बन्ध में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स एवं समाचार पत्रों में भ्रामक एवं फर्जी सूचनाएं परिचालित की जा रही हैं।"

आयोग की ओर से इन सभी खबरों का खंडन किया गया है और साथ ही बताया गया है कि परीक्षा का आयोजन पूर्व में निर्धारित तिथि 13 दिसंबर 2024 में परिवर्तन नहीं किया गया है। इसलिए अभ्यर्थी इसी डेट को संज्ञान में रखते हुए परीक्षा तैयारियों को जारी रख सकते हैं।

जिन भी उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में भाग लेने के लिए आवेदन किया था उनके लिए परीक्षा तिथि से कुछ दिन पूर्व एडमिट कार्ड डाउनलोड के लिए जारी कर दिए जायेंगे। प्रवेश पत्र ऑनलाइन माध्यम से बीपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर जारी किये जाएंगे। इसके बाद अब मांगी गई डिटेल भरकर इसे डाउनलोड कर सकेंगे।

*प्रवेश पत्र डाउनलोड करने की स्टेप्स*

बीपीएससी सीसीई एडमिट कार्ड 2024 डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना है

वेबसाइट के होम पेज पर आपको एडमिट कार्ड से संबंधित लिंक पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपको मांगी गई डिटेल (लॉग इन क्रेडेंशिएल) दर्ज करना होगा।

अब आपका प्रवेश पत्र स्क्रीन पर ओपन हो जायेगा जहां से आप इसे डाउनलोड करके इसका प्रिंटआउट निकाल सकते हैं।

आपको बता दें कि बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय प्रकार के 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है। प्रश्न पत्र में सवाल सामान्य अध्ययन विषय से पूछे जायेंगे। पेपर को हल करने के लिए कुल दो घंटों का समय प्रदान किया जाएगा। अभ्यर्थी ध्यान रखें कि प्रश्न पत्र हल करते समय कैलकुलेटर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। पेपर हिंदी एवं अंग्रेजी दो भाषाओं में होगा। जो अभ्यर्थी प्रीलिम एग्जाम में निर्धारित कटऑफ अंक प्राप्त कर लेंगे वे भर्ती के अगले चरण मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई माने जाएंगे। अंत में अभ्यर्थियों को चयनित होने के लिए साक्षात्कार से होकर गुजरना होगा।
40 वर्षों में ऐसा पहली बार होगा,16 नवंबर की आधी रात से लेकर 17 नवंबर सुबह तक हावड़ा ब्रिज बंद रहेगा

डेस्क:–कोलकाता का फेमस हावड़ा ब्रिज 16 नवंबर की आधी रात से लेकर 17 नवंबर सुबह तक वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद रहेगा।

40 वर्षों में ऐसा पहली बार होगा। कारण, ब्रिज की महत्वपूर्ण जांच होनी है.एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह निरीक्षण श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, जिसे कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा इस कार्य के लिए नियुक्त विशेषज्ञ एजेंसी RITES के सहयोग से किए जा रहे एक सतत अध्ययन का हिस्सा है।

इसमें कहा गया है कि रवींद्र सेतु के नाम से भी जाना जाने वाला यह पुल 16 नवंबर को रात 11:30 बजे से 17 नवंबर को सुबह 4:30 बजे तक दोनों दिशाओं में वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद रहेगा।

कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट, जो संरचना के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है, ने कहा कि बिना किसी व्यवधान के मूल्यांकन करने के लिए अस्थायी बंद करना आवश्यक है।

अधिकारियों ने यात्रियों से असुविधा से बचने के लिए बंद अवधि के दौरान वैकल्पिक मार्गों की योजना बनाने का आग्रह किया है। अध्ययन के रिजल्ट इस इंजीनियरिंग चमत्कार के भविष्य के रखरखाव और संरक्षण प्रयासों का मार्गदर्शन करेंगे, जो कोलकाता की विरासत और लचीलेपन का प्रतीक बना हुआ है।

इससे पहले ऐसा मूल्यांकन 1983 और 1988 के बीच किया गया था. उस समय, अध्ययन तब किया गया था जब पुल ने फरवरी 1943 में अपने उद्घाटन के बाद से 40 वर्षों तक निर्बाध सेवा की थी।

अपने दो प्रतिष्ठित टावरों के बीच 1,500 फीट तक फैला रवींद्र सेतु कोलकाता के लिए एक जीवन रेखा है, जो वाहनों और पैदल यात्रियों की दैनिक आमद को समायोजित करता है. पुल का कैरिजवे 71 फीट चौड़ा है, जिसके दोनों ओर पैदल यात्रियों के लिए 18.5 फीट चौड़े दो फुटपाथ हैं।

संरचना की भार वहन प्रणाली 78 हैंगर पर निर्भर करती है जो बिटुमिनस सतह के नीचे कंक्रीट डेक स्लैब पर अधिरचना के वजन को स्थानांतरित करते हैं।

साइबर ठगों ने एक बार फिर अपनी शातिर चाल से बड़ी ठगी को दिया अंजाम,कैबिनेट मंत्री के अकाउंटेंट से 2 करोड़ की ठगी

डेस्क:–साइबर ठगों ने एक बार फिर अपनी शातिर चाल से बड़ी ठगी को अंजाम दिया है। इस बार ठगी का शिकार बने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव।

ठगों ने व्हाट्सएप पर मंत्री के बेटे की तस्वीर लगाकर रितेश को मैसेज भेजा और उनसे 2.08 करोड़ रुपये ठग लिए।

ठगों ने नंदी के बेटे की तस्वीर का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप डीपी लगाई और रितेश को मैसेज भेजा। मैसेज में लिखा था, “यह मेरा नया नंबर है। मैं एक जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं। तुरंत इन अकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर कर दो।”रितेश ने बिना देर किए तीन अलग-अलग बैंक खातों में 2.08 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।

ट्रांजैक्शन के बाद जब रितेश ने मंत्री के परिवार से संपर्क किया, तो ठगी का भेद खुला। घटना के बाद मंत्री के कार्यालय में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना तुरंत साइबर थाने को दी गई।

साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ठगों के बैंक खातों को फ्रीज कराने के लिए बैंकों को मेल भेजे गए हैं। पुलिस का कहना है कि मामले में जल्द ही ठगों का पता लगाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने साइबर सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध मैसेज पर तुरंत विश्वास न करें और जांच-पड़ताल के बाद ही कोई आर्थिक लेन-देन करें।यह घटना दिखाती है कि साइबर अपराधी अब तकनीक और भावनात्मक जोड़तोड़ का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। सावधानी ही बचाव है।
व्यवसायी ने रचाई झूठी लूट की कहानी,पुलिस ने किया खुलासा

डेस्क:–शाहाबाद थाना क्षेत्र में 13 नबम्बर को कपड़ा व सर्राफा व्यसायी रूपेश द्विवेदी को अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर लूटने की घटना का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने खुलासा करते हुये बताया कि रूपेश अपनी बुलेट से ग्राम बिल्हरी से शाहाबाद जा रहे थे। तभी 2 अज्ञात मोटर साइकिल सवार व्यक्तियों द्वारा पीबीआर पेट्रोल पंप के पास रूपेश द्विवेदी को गोली मारकर उनके पास से एक सोने की चेन तीन सोने की अंगूठी वह एक लाख 20 हजार रुपए लूट लिये जाने की घटना प्रकाश में आई थी।

पुलिस व उच्च अधिकारियों द्वारा सीएचसी शाहाबाद पहुंचकर रूपेश से घटना के संबंध में पूछताछ की गई तो रूपेश द्वारा बताया गया घटना वाले दिन वह गुलाब बैंड चौराहे पर स्थित अपनी कपड़े की दुकान से बुलेट मोटर साइकिल से समय करीब दिन के डेढ़ बजे बिल्हारी गांव के लिए निकला था तथा बिल्हारी से जूता चप्पल की दुकान से एक लाख 20 हजार रुपए लेकर वापस आ रहा था।

निकट पीबीआर पेट्रोल पंप के पास अज्ञात मोटर साइकिल सवार दो व्यक्तियों द्वारा गोली मारकर उसके पास से सारा पैसा तीन सोने की अंगूठी तथा गले में पहनी सोने की चैन को छीन लिया गया।

पुलिस द्वारा उक्त घटना के संबंध में पैट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे व आसपास मौलागंज चौराहा महुआ टोला चुंगी कांशीराम कालोनी के पीछे गली में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए तो सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रुपेश के पास कोई बैग मौजूद नहीं था।

रुपेश के भाई रोहित ने पूछताछ में बताया कि रूपेश जूते चप्पल के दुकानदार से पैसे लेने बिल्हारी गांव गया था।पुलिस ने बिल्हारी के जूता चप्पल दुकान मालिक से जानकारी की तो पता चला कि वह घटना दिन रूपेश बिल्हरी गया ही नहीं है।

घटनास्थल के पास से चार कदम दूर झाड़ियां में एक देसी तमंचा 315 बोर तथा चेंबर में खोखा कारतूस बरामद हुआ।रुपेश के हाथों के फिंगरप्रिंट से लेकर जांच हेतु भेजे गए जब पीड़ित रुपेश से साथ पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि उसने स्वयं को तमंचे से गोली मार कर झूठी लूट की सूचना प्रसारित कराई थी।

उसके साथ कोई लूट की घटना नहीं हुई उसने यह भी बताया कि उस पर कई लोगों का पैसा बकाया व कई लोगों का कर्जदार है।बकायादारों द्वारा पैसे का तगादा किए जाने से वह अत्यधिक तनाव में था।

पुलिस सभी से अनुरोध करती है की कोई भी व्यक्ति पुलिस को गलत या भ्रामक सूचना न दे जिससे पुलिस का बहुमूल्य समय नष्ट होता है जो जनसमस्याओं के निस्तारण में प्रयोग हो सकता है।

शादी से इनकार करने पर नर्सिंग छात्रा की कार से कुचलकर हत्या

डेस्क:–शादी से इनकार करने पर एक युवक ने तीन दिन पहले नर्सिंग की छात्रा कुसुम लता उर्फ रिंकी ( 20 वर्ष ) की कर से कुचल दिया था, गंभीर रूप से घायल छात्रा को लखनऊ में एडमिट कराया गया, शुक्रवार सुबह उसकी मृत्यु हो गई !

छात्रा के भाई की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी अरुण कुमार और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है

एसपी कन्नौज ने मामले में लापरवाही बरतने पर छिबरामऊ कोतवाल सचिन कुमार सिंह, दरोगा राजकुमार पटवा और हेड कांस्टेबल उपदेश कुमार को सस्पेंड कर दिया है !

छात्रा के भाई ने तहरीर के साथ पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज भी दिया, जिसमें छात्रा को एक कार टक्कर मारते दिख रही है, बताया गया कि आरोपी छात्रा के चाचा से भी मारपीट कर चुका है, जिसमें समझौता करवा दिया गया था !

कोतवाली क्षेत्र के गांव पालपुर निवासी रामनरेश की पुत्री कुसुम लता फर्रुखाबाद बघार स्थित नर्सिंग कॉलेज से एएनएम की पढ़ाई कर रही थी !
तंबू में आराम कर रहीं दो युवतियों पर नशे में धुत दो युवकों ने चढ़ा दी बुलेट,मच गई हलचल

डेस्क:–तिगरी मेले में लगे एक तंबू में आराम कर रहीं दो युवतियों पर नशे में धुत दो युवकों ने बुलेट चढ़ा दी। जिससे दोनों युवतियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें मेले के सरकारी अस्पताल में प्राथमिकी उपचार के बाद हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। पुलिस ने इस प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

तहसील हसनपुर के ग्राम आगापुर उर्फ याकूबपुर निवासी सतपाल सिंह अपने परिवार के साथ गंगा मेले में पहुंचे थे। 13 नवंबर की रात को उनके रिश्तेदार युवतियां नेहा व पुष्पा आराम कर रहीं थीं कि दो युवकों ने नशे की हालत में उनके ऊपर बुलेट बाइक चढ़ा दी। जिससे दोनों युवतियां गंभीर रूप से घायल हो गई।

इस प्रकरण में पुलिस ने सतपाल सिंह की तहरीर पर आरोपित गोल्डी सिंह निवासी गांव भोगपुर थाना चांदपुर जनपद बिजनौर व दीपक निवासी गांव भदौरा थाना सैदनगली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार ने बताया कि मामले को दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही उन्हें पकड़ा जाएगा।
आजादी के आंदोलन में बिरसा मुंडा का अहम योगदान: CM डॉ मोहन यादव 

डेस्क:–मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “अबुआ दिशोम-अबुआ राज”… अपना देश और अपनी माटी के महत्व का उद्घोष करने वाले और उलगुलान क्रांति से स्वत्व, स्वाभिमान और स्वराज की चेतना जगाने वाले भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आज हम सब उनको सादर नमन करते है। भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय संस्कृति, स्वाभिमान और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लंबा संघर्ष किया और जनजातीय गौरव का प्रतीक बन गये। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने उनके अभूतपूर्व योगदान को स्मरण करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर पर प्रति वर्ष “जनजातीय गौरव दिवस” के आयोजन की परंपरा आरंभ की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल, जंगल, जमीन के रक्षक बिरसा मुंडा ने वर्ष 1893-94 में अंग्रेजों द्वारा वन अधिनियम बनाकर जंगलों पर कब्जा करने का विरोध किया, शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और स्वतंत्रता के लिये उलगुलान क्रांति शुरू की। उन्होंने जनजातियों के स्वाभिमान को जगाया और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि यह हमारी धरती है और हम ही इसके रक्षक हैं। अपनी धरती और माटी की रक्षा के लिये जनजातियों ने बिरसा मुंडा के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। यह क्रांति इतनी प्रभावी थी कि आखिरकार अंग्रेजों ने छोटा नागपुर टेनेंसी कानून पारित किया और जनजातियों को उनका अधिकार प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समाज का गौरवमयी अतीत समाज के सामने लाना और उनकी संस्कृति तथा परंपराओं का संरक्षण है। राष्ट्र रक्षा के लिये उनके द्वारा किये गये बलिदान का प्रकटीकरण हो और इससे समाज अवगत हो, वे अपनी संस्कृति और परंपराओं का महत्व समझें तथा उनमें स्वत्व का बोध हो। समाज, संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आज शहडोल और धार जिले में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। मुझे प्रसन्नता है कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली जुड़कर हमारा मार्गदर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन की शुरुआत के साथ जनजातियों के गौरव की पुनर्स्थापना की नींव रखी है। उनका लक्ष्य है अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति का विकास करना तथा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना। जनजातीय समाज के कल्याण के लिये संकल्पित प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प की सिद्धि के लिये मध्यप्रदेश सरकार विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर जनजाति न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य जनजातीय समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना और उनका शैक्षणिक, आर्थिक, स्वस्थ और सामाजिक विकास करना है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि इस योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश की विशेष उपलब्धि रही है। पीएम जन-मन योजना में प्रदेश के 24 जिलों के 118 गांवों में निवासरत बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह के 11 लाख 35 हजार से अधिक भाई-बहनों को सहायता, रोज़गार और कौशल प्रशिक्षण देकर इन्हें विकास की नई राह से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इसमें 7 हजार 300 करोड़ रुपये की लागत से नये स्वास्थ्य केंद्र, छात्रावास, बहुउद्देशीय केंद्र, सड़क, पुल और आवास सहित अन्य निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उदाहरण देते हुए कहा कि पीएम जन-मन योजना में सिवनी जिले का झिंजरई गांव एक आदर्श ग्राम के रूप में विकसित हो चुका है। इस गांव में राज्य सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन शत-प्रतिशत हुआ। यही नहीं, छिंदवाड़ा और डिंडौरी जिले में 7 और कटनी में 6 विशेष पिछ़ड़े जनजातीय बहुल गांव आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। शौर्य और पराक्रम जनजातियों का मौलिक स्वभाव है। उनकी इस विशेषता को देखते हुए प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह के लिये शौर्य संकल्प योजना के अंतर्गत पीवीटीजी बटालियन गठित की जायेगी। जनजातीय विद्यार्थियों की शिक्षा और भविष्य निर्माण के लिये उन्हें प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, विदेश अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना और परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण का लाभ दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिये हमने इस वित्त वर्ष में 40 हजार 804 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले बजट की तुलना में 23.4 प्रतिशत अधिक है। तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपये किया गया। इससे 35 लाख संग्राहक लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश में जनजातीय विकास की अधोसंरचनाओं के निर्माण के लिये विशेष तकनीकी समूह तैयार करने का निर्णय लिया गया। रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में अधिकतम 3900 रुपये प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त सहायता राशि स्वीकृत की गई। प्रदेश में जनजातियों को जल, जंगल, जमीन और श्रमिकों के अधिकारों की जानकारी तथा इनके संरक्षण और सांस्कृतिक परंपराओं की सुरक्षा के लिये पेसा अधिनियम लागू किया गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के समग्र विकास और उनके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में विशेष पहल करते हुए 2 अक्टूबर, 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान आरंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में जनजातीय आबादी के लिए समान अवसरों का सृजन, सामाजिक-आर्थिक स्तर का विकास, बुनियादी ढांचे का सुधार और स्वास्थ्य, शिक्षा तथा आजीविका के क्षेत्र में ठोस प्रगति करना है। हमारा लक्ष्य प्रदेश के 267 विकासखंडों में स्थित 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांव का सर्वांगीण विकास करना है। यही नहीं, इस योजना में केंद्र सरकार द्वारा देशभर में 100 जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार तैयार करने की योजना है। प्रदेश के 19 जिलों में जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसमें जनजातियों की पुरातन कला, संस्कृति के प्रतीक, शिल्पकारी, चित्रकारी, खिलौने, मिट्टी व बांस से तैयार उत्पाद आदि का प्रदर्शन किया जायेगा। इससे पारंपरिक कला संस्कृति समृद्ध होने के साथ जनजातीय वर्ग का आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे इस बात से संतोष है कि भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय समाज के स्वाभिमान और उत्थान के लिये जो स्वप्न देखा था, वह आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आकार ले रहा है। जनजातीय कल्याण के लिये प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूर्णत: साकार करेगा। उनकी नीतियों को मध्यप्रदेश ने धरातल पर उतारने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन हमें यह स्मरण दिलाता है कि जनजातीय समाज ने राष्ट्र और संस्कृति के लिए हर क्षेत्र और प्रत्येक कालखंड में बलिदान दिया है। भारत की अस्मिता और संस्कृति की रक्षा में बलिदान हुए जनजातीय भाई-बंधुओं की लंबी श्रृंखला है। जनजातीय समाज ने भारत पर होने वाले प्रत्येक आक्रमण का सामना किया है, जिसे यूनानी हमलावर सिकंदर के आक्रमण से लेकर अंग्रेजी काल तक देखा जा सकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज यदि भारत एक बार फिर अपने गौरव की ओर लौट रहा है तो उसमें महत्वपूर्ण भूमिका जनजातीय समाज के बलिदानियों की भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आहवान किया कि आइए बलिदानों के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर हम जनजातीय समाज के कल्याण, विकास और प्रगति का संकल्प लें। जल, जंगल, जमीन, स्वत्व और स्वाभिमान के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले महान योद्धा भगवान बिरसा मुंडा को कोटिशः नमन और प्रदेशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।