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हर हाल में पत्नी-बच्चों का भरण-पोषण करना पति का कर्तव्य: हाईकोर्ट
लखनऊ । यूपी में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पारिवारिक मामले में एक अहम फैसला दिया। इसमें कोर्ट ने कहा कि पत्नी व बच्चों का हर हाल में भरण-पोषण करना पति का पवित्र कर्तव्य है। वैवाहिक कार्यवाहियों में अक्सर पतियों की तुलना में पत्नियां व बच्चे अधिक आर्थिक संकट झेलते हैं। क्योंकि उन्हें परिवार या आय से सीमित मदद मिलती है। उनकी इस हालत में पतियों की ओर से लगातार परेशानी बढ़ाई जाती है। इससे उन्हें ऐसे कार्यवाहियों का सामना करने में मुश्किलें आती हैं।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने इस टिप्पणी के साथ पत्नी को तलाक के मामले में अदालती कार्यवाहियों का खर्च देने के आदेश के खिलाफ दाखिल सैन्य अफसर पति की अपील खारिज कर दी। इसमें लखनऊ की पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।पति की ओर से दाखिल तलाक के दावे के दौरान पारिवारिक अदालत ने पत्नी की अर्जी पर सुनवाई की थी। इस दौरान सैन्य अफसर को आदेश दिया था कि अदालती कार्यवाही के लिए 50,000 समेत खर्चे के 10,000 रुपये एकमुश्त अदा करें।

प्रत्येक सुनवाई पर 500 रुपये भी पत्नी को देने का आदेश दिया था। बीते सितंबर में दिए गए इस आदेश के खिलाफ सैन्य अफसर ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। उनके वकील का कहना था कि यह आदेश देते समय पारिवारिक अदालत ने इस तथ्य पर गौर नहीं किया कि पत्नी, पति से अलग रह रही है।हाईकोर्ट ने कहा कि पारिवारिक अदालत ने सिर्फ तलाक के दावे के खर्चों के लिए यह आदेश दिया है। शादी होते ही पत्नी के भरण पोषण का दायित्व पति का होता है। बच्चों के पैदा होने पर उनके भरण पोषण का दायित्व भी कानूनी तौर पर लागू हो जाता है। मामले में पति सेना में कर्नल हैं और पर्याप्त वेतन पा रहे हैं।
झांसी अग्निकांड में चौंकाने वाला खुलासा, एसएनसीयू  में दिन में हुआ था शॉर्ट सर्किट लेकिन स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया
लखनऊ । यूपी के झांसी अग्निकांड के बाद से नये-नये चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे है। अब नई बात निकल कर आ रही कि मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू में शुक्रवार की शाम पांच बजे शॉर्ट सर्किट हुआ तो उस समय गंभीरता पूर्वक से नहीं लिया गया। जिसका परिणाम रहा कि रात में जब दोबारा आग लगी तो उसकी चपेट में आने से दस नवजात की मौत हो गई। इस पूरे मामले में अभी तक अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही निकल कर सामने आ रही है।

जैसा की मीडिया से ललितपुर का जखौरा निवासी कृपाल सिंह ने बताया कि उनका नाती एसएनसीयू में भर्ती था। शाम करीब 5 बजे एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ। जिसकी जानकारी ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को दी थी। अफसोस की बात है कि किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। रात करीब 10 बजे फिर से शॉर्ट सर्किट हुआ और तेजी से आग लग गई। बताया जा रहा है कि आग लगने के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक नर्स हल्की झुलस गई। उसने आवाज लगाते हुए कहा 'अंकल आग लग गई है, बच्चों को बाहर निकालो'। उसकी बात सुनकर वह भी बच्चों को बाहर निकालने में लग गए। आग में झुलसने से मरी दो नवजात बेटियों के पिता  ने बताया कि शाम 5 बजे शॉर्ट सर्किट हुआ था मगर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।

जानकारी के लिए बता दें कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में कुल 55 बच्चे भर्ती थे।  यहां शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में आग लग गई। इसके बाद अफरातफरी मच गई। वहीं, शनिवार सुबह पहुंचे उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने आग पीड़ितों की मदद के निर्देश दिए।डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अग्निकांड के त्रिस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। शनिवार सुबह पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन टीमें मामले की जांच करेंगी। इन टीमों में शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम और तीसरी मजिस्ट्रेट जांच होगी। तीनों जांच का मुख्य बिंदु आग लगने की वजह का पता लगाना है। लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंडलायुक्त ने शुरू की जांच, नर्सिंग स्टाफ के दर्ज किए गए बयान

मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने शनिवार को अग्निकांड की जांच शुरू कर दी। ड्यूटी पर तैनात नौ डॉक्टर, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के बयान दर्ज किए गए। अब वह अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। उसके आधार पर शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी।अग्निकांड में झांसी के पूनम की बेटी, संध्या के बेटे, बबीना के सुनील के बेटे, कटेरा के कविता पत्नी बालकिशन के बेटे की मौत हो गई। वहीं, ललितपुर की पूजा, संजना और भगवती के एक-एक बेटे ने दम तोड़ दिया। हमीरपुर की नजमा की जुड़वा बेटियों की भी जान चली गई। जालौन के संतोषी पत्नी संतराम के बेटे की भी मौत हो गई।

इनके नवजातों का नहीं चला पता

झांसी के एरच की संध्या कंचन, बंगरा की कविता, राजगढ़ की नैंसी के नवजात शिशु का पता नहीं चल पाया है। वहीं, ललितपुर के फुलवारा की संजना, जालौन जनपद के पचनादेव की संतोषी, हमीरपुर के रिगवारा की सुखवती के बच्चे के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।


आयुक्त ने पूछे जेआर, स्टाफ से सवाल, भेजेंगे रिपोर्ट

अग्निकांड के समय एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात रहे स्टाफ के बयान मंडलायुक्त ने दर्ज किए। उन्होंने जूनियर रेजिडेंट और स्टाफ से पूछताछ की। बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। जिस समय ये अग्निकांड हुआ, तब ड्यूटी पर डॉ. विजय कीर्ति, डॉ. मेघा, स्टाफ नर्स मेधा जेम्स, पवन, रीना, मोहिनी, आरती, निशा आदि की ड्यूटी थी। चूंकि, शासन स्तर से जांच करके रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे में शनिवार को सुबह सभी को बयान दर्ज करने के लिए प्राचार्य कार्यालय बुलाया गया।

एसएनसीयू में आग कैसे लगी?

यहां पर मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने जूनियर रेजिडेंट और स्टाफ से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक स्टाफ से पूछा गया कि एसएनसीयू में आग कैसे लगी। जब घटना हुई, तब आपकी ड्यूटी कहां थी। आग बुझाने के लिए क्या प्रयास किए गए। आग से बचाव के केंद्र में क्या इंतजाम थे समेत कई बिंदुओं पर बयान दर्ज किए गए हैं। अब आयुक्त अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। जांच में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई तय है।

लापरवाही से नवजातों की मौत पर एनएचआरसी सख्त, मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झांसी के सरकारी अस्पताल में आग लगने से 10 नवजातों की मौत की घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर एस सप्ताह में घटना की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। आयोग ने पाया है कि यह घटना लापरवाही की वजह से हुई, जो कि मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। आयोग ने मामले में एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को प्रदान की जा रही चिकित्सा और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे की जानकारी देने को कहा है। साथ ही, यह भी पूछा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

हेल्पलाइन नंबर जारी

नवजातों के बारे में जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 6389831357 जारी किया है। इस पर संपर्क करके जानकारी ली जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजन को सात लाख रुपये दिए जाएंगे। इनमें राज्य सरकार की ओर से पांच और केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपये हैं। वहीं, राज्य सरकार की ओर से घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने नमोघाट और देव दीपावली उत्सव का किया उद्घाटन
लखनऊ /वाराणसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार शाम यहां नमोघाट का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने देव दीपावली उत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने काशी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि धरती जहां की पारस है, नाम उसका बनारस है। परंपरा और संस्कृति को संजोए रखने वाली काशी निरंतर विकास कर रही है। धनखड़ ने नमो घाट को दुनिया को सबसे बड़ा घाट बताया और कहा कि आज वह पल हमारे जीवन में आया है जिसकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सनातन हमें एक रहने और मजबूत रहने का संदेश देता है। भारत सनातन की भूमि है। काशी इसका प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तो उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से बदल रहा है। अपना भारत बदल रहा है और तेजी से बदल रहा है। भारत की उपलब्धियों को पूरी दुनिया सराह रही है। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। इसके पहले नमो घाट पर जैसे ही उपराष्ट्रपति पहुंचे लोगों ने हर-हर महादेव का परम्परागत उद्घोष कर उनका स्वागत किया। देव दीपावली को लेकर उपराष्ट्रपति में भी उत्साह दिखा। वह घाट पर मौजूद लोगों का अभिवादन लगातार हाथ जोड़ कर करते रहे।

उल्लेखनीय है कि प्राचीनता और आधुनिकता के साथ तालमेल मिलाकर चलती काशी के घाटों की शृंखला में एक और पक्का घाट जुड़ गया है। यह वाराणसी के पहले मॉडल घाट के रूप में जुड़ा है। इसका विस्तार नमो घाट से आदिकेशव घाट (लगभग 1.5 किलोमीटर) तक हुआ है। घाट की बनावट और अंतरराष्ट्रीय सुविधा के साथ नमस्ते का स्कल्पचर पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। जल, थल और नभ से जुड़ने वाला यह पहला घाट होगा, जहां हेलीकाप्टर भी उतारा जा सकता है। यहां फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थियेटर, कुंड, फ्लोटिंग जेटी पर बाथिंग कुंड तथा चेंजिंग रूम का भी निर्माण हुआ है। योग स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफेटेरिया के अलावा कई अन्य सुविधाएं हैं। यह वाराणसी का पहला घाट है, जो दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। नमो घाट का पुनर्निर्माण दो फेजों मे किया गया है। इसका निर्माण 81 हजार वर्ग मीटर में 91.06 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। नमोघाट पर सुबह-ए-बनारस का नजारा पर्यटक विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ ले सकेंगे। यहां उदीयमान भगवान सूर्य का अभिवादन करता 75 फीट ऊंचा नमस्ते स्कल्पचर पर्यटकों को भा रहा है।

मंडलायुक्त और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष कौशल राज शर्मा ने बताया कि नमो घाट के पुनर्विकास में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है। घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा। भविष्य में लोग यहां वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स और हेली टूरिज्म का भी लुत्फ ले सकेंगे। सेहतमंद रहने के लिए मॉर्निंग वाक, व्यायाम और योग कर सकेंगे। दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक रैंप बना है। ओपेन थियेटर, लाइब्रेरी, लाउंज, बाथिंग कुंड, बनारसी खान-पान के लिए फूड कोर्ट और मल्टीपर्पज प्लेटफार्म है। यहां हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन व क्राउड मैनेजमेंट में भी काम आ सकता है। जेटी से नाव के जरिए श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम और गंगा आरती देखने जा सकेंगे। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए देश का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी नमो घाट पर बना है। इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहां अलग से सीएनजी स्टेशन है। नमो घाट से क्रूज के जरिए पास के अन्य शहरों का भ्रमण किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी ने नगाड़ा बजाकर किया अन्तर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारम्भ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को संगीत नाटक अकादमी में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारम्भ नगाड़ा बजाकर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनजाति समाज भारत का मूल सम्प्रदाय के साथ माटी से जुड़ा समाज है। मातृभूमि के प्रति 'माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या:' के भाव को अंगीकार करने वाला समाज है। इसी भाव के साथ ही जब यह देश गुलाम था, उस कालखण्ड में भगवान बिरसा मुंडा ने जनजाति गौरव के लिए अपना बलिदान देकर देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती माता के प्रति कृतज्ञता का भाव रखने वाला जनजातीय समाज को आगे बढ़ाने के लिए डबल इंजन सरकार काम कर रही है। पहले जनजातीय समाज को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। सभी जनजातियों को सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। वीर एकलव्य नाम से चलने वाले विद्यालयों की श्रंखला खड़ी की जा रही है। उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जा रहा है।

अपनी परम्परा व माटी के प्रति अनुराग रखने वाले यही लोगों ने भारतीय संस्कृति की रक्षा की। उनकी विरासत व संस्कृति सुरक्षित रहे, इसके लिए कई स्थानों पर म्यूजियम बनाये जा रहे हैं। अपनी विरासत से मोहभंग नहीं होने देना है। बलरामपुर व सोनभद्र में एक भव्य म्यूजिकयम बना है।

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि हमारी जो धरोहर है, उसे हमें संजोकर चलना है। मुख्यमंत्री का प्रयास है कि वनों में रहने वाला जो वनवासी समाज है, उसे वनाधिकार मिले।इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गौड़, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वैजनाथ रावत, भाजपा अनुसूचित मोर्चा संजय गौड़, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा. हरिओम, प्रमुख सचिव
योगी के मंत्री के अकाउंटेंट से 2.08 करोड़ की ठगी, नंदी के बेटे का फोटो लगाकर किया था ये मैसेज
लखनऊ । साइबर ठगों ने सूबे के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये ठग लिए। व्हाट्सएप डीपी पर नंदी के बेटे की तस्वीर लगाए ठग ने मैसेज भेजा, मैं जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं। यह मेरा नया नंबर है, तुरंत पैसे भेजो। अकाउंटेंट ने तुरंत बताए तीन खातों में पैसे भेज दिए। भेद खुलने पर सनसनी मची। साइबर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। ठगी की यह वारदात बुधवार को हुई। मंत्री नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव के मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से मैसेज आया। डीपी नंदी के बेटे की लगी हुई थी।

मैसेज में लिखा था कि यह मेरा नया नंबर है। मैं एक बहुत जरूरी बिजनेस मीटिंग हूं। यह मीटिंग अभी काफी देर तक चलेगी। मुझे कुछ पैसों की तुरंत जरूरत है। इसके बाद साइबर ठगों ने बैंक खातों के तीन नंबर भेजे। कहा, पैसा तुरंत ट्रांसफर कर दो। मैसेज देखने के बाद अकाउंटेंट ने तीन बार में 2.08 करोड़ रुपये बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। कुछ देर बाद रितेश को पता चला कि मंत्री के बेटे ने इस तरह का कोई मैसेज नहीं भेजा है और न ही अपने खाते में पैसा ही मंगवाया।

इसके बाद प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक खलबली मची। ठगी की सूचना साइबर सेल थाना पुलिस को बुधवार रात करीब 11:30 बजे दी गई। मामला कैबिनेट मंत्री से जुड़ा होने के कारण एक बारगी आला पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए। साइबर पुलिस रातभर जालसाजों के बैंक खातों का डिटेल खंगालने में जुटी रही।

तीन खातों में ट्रांसफर हुआ पैसा

साइबर पुलिस की जांच में पता चला कि जालसाज ने ठगी के लिए तीन बैंकों के खातों का इस्तेमाल किया है। इनमें आईसीआईसीआई, एचडीएफसी समेत एक अन्य बैंक का खाता शामिल है। साइबर पुलिस ने तीनों खातों की जानकारी बैंक अधिकारियों से मांगी है। साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि संबंधित खाते फ्रीज कराने के लिए मेल किया है। ठगों का ब्योरा खंगाल रहे हैं। वहीं, मंत्री नंद गोपाल गुप्ता से अमर उजाला संवाददाता ने घटना के बारे में बात की कोशिश की, लेकिन उनके पीआरओ ने कहा कि अभी बात कराएंगे, पर यह हो नहीं सकी।
केंद्र में कांग्रेस थी तो रोज शहीद होता था झारखंड का जवान, अब आतंकियों की निकलती है जहन्नुम की यात्रा: योगी आदित्यनाथ

धनबाद/बोकारो/लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को झारखंड में तीसरे दिन चुनावी रण में पहुंचे। उन्होंने 15 नवंबर को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पावन जयंती और झारखंड के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ ही कांग्रेस, राजद व वामपंथी उनके निशाने पर रहे। बोले कि पहले चरण के मतदान का रुझान बता रहा कि झारखंड को लूटने वाले झामुमो, कांग्रेस व राजद सत्ता से बेदखल होने जा रहे हैं और भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।

सीएम ने कहा कि कांग्रेस, कम्युनिस्ट, झामुमो व राजद वाले यहां दिखावा करते हैं और रांची में एक ही थाली में खाकर लूट-खसोट करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को निरसा विधानसभा से प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता, सिंदरी से तारा देवी, बोकारो से बिरंची नारायण, चंदनक्यारी से अमर कुमार बाउरी व बेरमो से रविंद्र कुमार पांडेय, गोमिया से लंबोदर महतो के लिए जनसभा कर जिताने की अपील की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 15 नवंबर 2000 को झारखंड का निर्माण किया था। उनका सपना था कि झारखंड विकास करेगा तो भारत भी विकास करेगा, लेकिन झारखंड को और भी बदतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जब झारखंड का निर्माण हो रहा था, तब कांग्रेस व राजद विरोध कर रही थी।

झामुमो की गोद में बैठकर दोनों पार्टियां झारखंड को गुमराह कर रही हैं। एक तरफ यह लूट रहे हैं तो दूसरी तरफ लुटेरों के सरदार वामपंथियों को सिर पर उठाकर झारखंड को नक्सलवाद का गढ़ बनाने की तरफ उतारू हैं। इन्हें पनपने नहीं देना है। सीएम योगी ने कहा कि धनबाद कोयले की राजधानी भी कही जाती है। यहां का कोयला मजदूर वामपंथियों की ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहा है। वामपंथी संघर्ष का नारा लगवाएंगे, हड़ताल करवाते हैं, फिर ब्लैकमेल करके माल कमाते हैं। मजदूर वहीं का वहीं रह जाता है और लाल सलाम वाले मालामाल बन जाते हैं। कोई बैरियर बनता है तो यह लोग उसकी निर्मम हत्या भी करते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता के पति के साथ क्या हुआ था। लालसलाम वालों को धक्का देकर बाहर करना है। सीएम योगी ने आरोप लगाया कि मोदी जी राशन भेजते हैं, लेकिन यहां झामुमो, कांग्रेसी, राजद व कम्युनिस्ट खा जाते हैं।

जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तो झारखंड का जवान रोज शहीद होता था। यह लोग जवानों से कहते थे कि जब दुश्मन गोली चलाएगा, तब गोली चलाना लेकिन नया भारत घुसपैठ करने वाले आतंकियों का काम तमाम कर उसकी जहन्नुम की यात्रा निकाल देता है। आतंकियों का हाल देख आका पाकिस्तान भी कांप जाता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि झारखंड को लव और लैंड जेहाद का अड्डा बना दिया है। दूसरी, तीसरी, चौथी शादी कराकर जनजाति बेटियों को बहकाकर जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। झामुमो, राजद व कांग्रेस वाले रोटी, माटी व बेटी की सुरक्षा में सेंध लगाने आए हैं। लव जेहाद व लैंड जेहाद के माध्यम से बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्या मुसलमानों को घुसाकर यहां के अस्तित्व से खिलवाड़ करना चाहते हैं।

यह बेटी की इज्जत से खिलवाड़ करेंगे, रोजगार पर डाका डालकर रोटी की समस्या खड़ा करेंगे। इसे केवल भाजपा ही रोकेगी। सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस प्रभारी कह रहे थे कि सरकार आएगी तो सिलेंडर देंगे। जब तुम्हारी सरकार थी तो क्या कर रहे थे। वे लोग हिंदुओं-जनजातियों का अधिकार घुसपैठियों को भी देंगे। भाजपा कहती है कि योजना का लाभ जनजातीय और झारखंडवासियों को मिलेगा, घुसपैठियों को नहीं। झामुमो, कांग्रेस व राजद ने लूटखसोट के अलावा क्या किया है। कांग्रेस के एक सांसद के घर 350 करोड़ रुपये तो झामुमो सरकार के मंत्री के घर में 35 करोड़ रुपये मिले। यह झारखंड का पैसा है, जो चंद लोग लूटकर घर को भरने का कार्य कर रहे हैं। भ्रष्टाचारियों के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है। इसे रोकने के लिए भाजपा आवश्यक है।
यूपीपीएससी :दो परीक्षा का फैसला वापस,पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराने का फैसला
लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कार्यालय (यूपीपीएससी) ने दो शिफ्ट, दो परीक्षा का फैसला वापस ले लिया है। प्रयागराज में आयोग के सामने 4 दिनों से डटे  हजार छात्रों के आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा है।आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। गुरुवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। यूपीपीएससी ने पीसीएस की प्रारम्भिक परीक्षा को एक ही दिन में कराने का निर्णय लिया है। साथ ही दिसंबर में प्रस्तावित आरओ व एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। आयोग के इस फैसले से लाखों छात्रों को राहत मिली है।

प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीपीएससी को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इसके बाद यूपीपीएससी ने यह निर्णय लिया है। अब पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही स्थगित की गयी आरओ/एआरओ (प्रा.) परीक्षा-2023 का प्रारूप तय करने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अतिशीघ्र अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यूपीपीएससी के मुताबिक समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।

आयोग ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। गुरुवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। आयोग के भीतर हुई बैठक में जिलाधिकारी, कमिश्नर समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। कई घंटे चली बैठक के बाद आयोग ने छात्रों के पक्ष में फैसला लिया। छात्रों की मांग मानने के अलावा आयोग के पास कोई रास्ता नहीं था। छात्र एक ही मांग पर अड़े थे कि परीक्षा एक दिन एक ही शिफ्ट में कराई जाए। सात व आठ दिसंबर 2024 को होनी वाली पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 स्थगित कर दी गई है।  जानकारी के लिए बता दें कि अगर पीसीएस-2024 की परीक्षा समय पर हो गई होती, तो अब तक इसका अंतिम परिणाम भी घोषित हो चुका होता। आयोग ने पीसीएस-2023 का चयन परिणाम प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन से नौ माह के भीतर घोषित कर दिया था और पीसीएस-2024 के लिए आयोग की योजना आठ माह में परिणाम घोषित करने की थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

आयोग के आज के फैसले के बाद यह परीक्षा चौथी बार स्थगित हो चुकी है। शुरूआत में पीसीएस प्रारंभिक-2024 परीक्षा आयोग के कैलेंडर में 17 मार्च को होनी थी, लेकिन इससे पहले 11 फरवरी को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक होने से आयोग को कैलेंडर में शामिल पीसीएस सहित पांच परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ गई थीं। पहली बार पीसीएस परीक्षा स्थगित होने पर इसे जून में प्रस्तावित किया गया, लेकिन समय पर परीक्षा नहीं कराई जा सकी। इसके बाद पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्तूबर को प्रस्तावित की गई लेकिन पर्याप्त संख्या में केंद्र उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण आयोग ने दो दिन 26 एवं 27 अक्तूबर को परीक्षा कराने के लिए प्रदेश के 51 जिलाधिकारियों से केंद्रों की सूची मांगी। हालांकि, आयोग ने अक्तूबर में प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को भी स्थगित कर दिया।  अक्तूबर के बाद आयोग ने हाल ही में परीक्षा कैलेंडर जारी किया, जिसमें बताया गया कि परीक्षा 07 और 8 अक्तूबर को दो पालियों में आयोजित कराई जाएगी। कैलेंडर देखने के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और धरना प्रदर्शन किया गया। आयोग ने छात्रों के आगे झुकते हुए चौथी बार 14 नवंबर, 2024 परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय सुनाया। हालांकि, परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।

छात्रों के साथ योगी सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता राहुल गांधी ने प्रयागराज में आंदोलन कर रही प्रतियोगी छात्रों की मांग को उचित ठहाराते हुए गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का रवैया उनके प्रति असंवेदनशील और अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार तथा लोक सेवा आयोग को प्रतियोगिताओं के साथ क्रूर व्यवहार करने की बजाय उनकी मांग मान लेनी चाहिए और उनका पुलिस उत्पीड़न बंद करवाया जाना चाहिए। उन्होंने एक्स पर कहा, प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के साथ यूपी सरकार और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रवैया बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है।

नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य है और एक पाली में परीक्षा की छात्रों की मांग बिल्कुल न्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा,शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी भाजपा सरकार की अक्षमता की कीमत आखिर छात्र क्यों चुकायें। 'पढ़ाई करने वाले छात्रों को सड़क पर लड़ाई करने को मजबूर कर दिया गया है और अब उनका पुलिस के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहकर साधना कर रहे युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे। प्रतियोगी छात्रों की मांग का पूरी हम तरह से समर्थन करते हैं। उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को तानाशाही से नहीं दबाया जा सकता।



चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज : अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी मांग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं। चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है। जब भाजपा जाएगी तब नौकरी आएगी।
योगी सरकार का बड़ा एक्शन: खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारी निलंबित

लखनऊ । प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

शासन ने आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है। इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।

यहां बता दें कि लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलक्ट्रेट परिसर गए और बीच सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए।

इस मामले में तत्काल उच्चस्तर से जांच के आदेश दिए गए। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के डीएम से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें यह पूछा कि छह साल पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहे। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों को दोषी पाया गया है।
केंद्रीय मंत्री ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय मनोहर लाल ने यूपी के ऊर्जा और नगर विकास के क्षेत्रों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और कार्



लखनऊ।केंद्रीय मंत्री उर्जा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय मनोहर लाल एक दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे। जहां चौधरी चरण हवाई अड्डे पर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा राज्यमंत्री राकेश राठौर महापौर सुषमा खार्कवाल जी ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया।केंद्रीय मंत्री ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय मनोहर लाल बुधवार को नगरीय निकाय निदेशालय में प्रदेश के ऊर्जा और नगर विकास विभाग से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर विभागीय मंत्री एके शर्मा और राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू की मौजूदगी में  अधिकारियो से विभागीय कार्यों की चर्चा की।

उन्होंने दोनों विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली तकनीकी समस्याओं और केंद्र से सहयोग पर भी वार्ता की। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में केंद्र सरकार पूर्ण रूप से सहयोग करेंगी। केंद्रीय मंत्री ने ऊर्जा विभाग के कार्यों के क्रियान्वयन पर वार्ता करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों के ट्रांसफार्मर को मुफ्त और शीघ्र बदलने की कार्यवाही की जाये, जिससे किसानों के नलकूपों में रात में अंधेरा न रहे, इसके लिए उन्हें रात में भी सिंगल फेज लाइट दी जाये। साथ ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी कालोनियों और वाणिज्यक प्रतिष्ठानों में 31 मार्च 2025 तक लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने पर बल दिया।

उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्ता पूर्ण बिजली देने के लिए ट्रांसफार्मर की क्षतिग्रस्तता को कम करने, तथा जर्जर लाइनों को बदलने पर ध्यान देने को कहा। प्रदेश में लाइन लॉस और विद्युत चोरी रोकने के लिए ठोस प्रयास किये जाएं। फीडर के साथ ही ट्रांसफार्मर में भी मीटर लगाए जाएं। उन्होंने अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में भी मोबाइल सब स्टेशन संचालित करने तथा ट्रांसमिशन लाइन की स्ट्रेंथ जाँचने के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करने की बात कही। उन्होंने उपभोक्ताओं को सुलभ करायी जा रही सुविधाओं तथा ऊर्जा विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री ने नगर विकास के कार्यों और योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के चयन में गड़बड़ी न हो। भारत सरकार को भेजे जाने वाले पात्र व्यक्तियों की सूची में विशेष सावधानी बरतें। इसी प्रकार एनयूएलएम के लाभार्थियों की आमदनी बढ़ाने तथा उनके जीवन स्तर को सुधारने तथा रोजगार के अवसर सुलभ कराने के प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के तहत कराये जा रहे कार्यों को जमीनी स्तर पर लागू करने के ठोस प्रयास किये जाये।

निकायों से निकलने वाले के सोर्स सेग्रीगेशन और वेस्ट प्रोसेसिंग की स्थिति में सुधार करें। उन्होंने निकायों में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा। उन्होंने साफ किये गए कूड़ा स्थलों और सीटीयू स्थलों का सुंदरीकरण कराने, नगरीय तलाबों, झीलों व नदियों की साफ-सफाई पर भी ध्यान केंद्रित किया। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने निकायों के स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम एवं नगरी सड़कों को केंद्र की योजना से सम्बद्ध करने का आग्रह किया।

डीसीसीसी एक अभिनव पहल : केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री ने निदेशालय में स्थापित डीसीसीसी (डेडिकेटेड कॉमण्ड एंड कण्ट्रोल सेंटर) का निरिक्षण किया। उन्होंने केंद्र द्वारा स्वच्छता कार्यों और अन्य योजनाओं के प्रगति कार्यों की मॉनिटरिंग ऑनलाइन माध्यम से करने की सराहना की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की निकायों के अधिशासी अधिकारियों और स्वच्छता के कार्यों जुटे अन्य कर्मचारियों से ऑनलाइन माध्यम से संवाद भी किया। उन्होंने निकायों में स्वच्छता और अन्य कार्यों की मॉनिटरिंग से लिए स्थापित डीसीसीसी को एक अभिनव पहल बताते हुए सराहना की।

बैठक में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा, राज्य मंत्री राकेश राठौर 'गुरू', प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण, अध्यक्ष यूपीपीसीएल डॉ. आशीष गोयल, संयुक्त सचिव भारत सरकार, सचिव नगर विकास अजय शुक्ला जी, एमडी ट्रांसमिशन, एमडी यूपीपीसीएल पंकज कुमार, निदेशक नगरीय निकाय अनुज कुमार झा, निदेशक नेडा अनुपम शुक्ला, विशेष सचिव और दोनों विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने पीड़ितों की सुनीं समस्याएं ,165 प्रार्थना प्रत्रों पर कार्रवाई करने के दिये निर्देश

लखनऊ । राज्य महिला आयोग द्वारा प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर रोकथाम और पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलायें जाने के उद्देश्य से अध्यक्ष  डॉ. बबीता सिंह चौहान द्वारा बुधवार को आयोग मुख्यालय  पर महिला जनसुनवाई की गयी। इस दौरान 10 प्रचलित प्रकरणों के साथ  आयोग मुख्यालय पर विभिन्न जनपदों से आये 16 पीड़ित आवेदिकाओं व आवेदकों द्वारा दिये गये नवीन प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई कर उनके निस्तारण के निर्देश दिये गये व साथ ही विभिन्न माध्यमों से आयोग कार्यालय में प्राप्त 165 नवीन प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये गये। 

इसके अतिरिक्त अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान के निदेर्शानुसार प्रदेश के 21 जनपदों में क्रमश: देवरिया, उन्नाव, सीतापुर, शामली, मेरठ, बुलन्दशहर, बिजनौर, औरैया, मऊ, झांसी, लखीमपुर खीरी, हाथरस,  सोनभद्र, फतेहपुर, बरेली, पीलीभीत, ललितपुर, संतकबीरनगर, कौशाम्बी, कासगंज व बदायूं में आयोग की उपाध्यक्ष एवं  सदस्यों के द्वारा भी मिशन-शक्ति फेज-5 के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं की जानकारी विभिन्न महिला गृहो एवं आगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण तथा महिला उत्पीड़न की घटनाओं की उक्त जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ महिला जनसुनवाई व समीक्षा बैठक कर पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कराया गया।