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जहानाबाद पहुंची पुष्पम प्रिया का कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत, बोलीं-"हमारा मोटिव आज भी बिहार में बदलाव लाना है

जहानाबाद - पुष्पम प्रिया, बिहार की प्रमुख राजनीतिक नेता और "बिहार की बदलती तस्वीर" की प्रमुख प्रवक्ता जहानाबाद पहुंची। जहां कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान उन्होंने अपना संदेश दिया। उन्होंने कहा, "हमारा मोटिव आज भी बिहार में बदलाव लाना है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि बिहार में हर नागरिक को समान अवसर मिले, और राज्य को विकास की राह पर आगे बढ़ाना है।"

पुष्पम प्रिया ने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे आम लोगों के बीच जाएं और उनकी समस्याओं को सुनें। उन्होंने कहा कि यह बदलाव तभी संभव है जब हम लोगों की आवाज को सही तरीके से उठाएं और उनके मुद्दों को अपनी प्राथमिकता बनाएं।

कहा कि हमारा आंदोलन और हमारी पार्टी सिर्फ चुनावों तक सीमित नहीं है, यह एक विचारधारा है। हम बिहार में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं," पुष्पम ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा। इस दौरान उन्होंने बिहार के विकास के लिए अपनी योजनाओं और नीतियों को लेकर भी चर्चा की, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। 

पुष्पम प्रिया ने यह भी कहा कि बिहार का भविष्य केवल राजनीतिक नेताओं के हाथों में नहीं है, बल्कि हर बिहारी के प्रयास से बेहतर होगा। उनका स्पष्ट संदेश था कि बदलाव सिर्फ एक चुनावी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है।से की बातें और कहां की हमारा मोटिव आज भी बिहार की बदलाव। 

जहानाबाद से वरुण कुमार

एस एन सिन्हा कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य मेला "बोधि" का आयोजन, विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर दिया जोर

जहानाबाद एस एन सिन्हा कॉलेज, में मनोविज्ञान विभाग के द्वारा IQAC के तत्वावधान में मानसिक स्वास्थ्य मेला 2024, 'बोधि' का आयोजन किया गया l विभाग की ओर से अतिथियों का स्वागत Assistant प्रोफेसर डॉ नेहा कुमारी द्वारा किया गया l कार्यक्रम बोधि के विषय मे जानकारी विभागाध्यक्ष डॉ शशिधर गुप्ता के द्वारा दी गई l मानसिक स्वास्थ्य के आवश्यकता के विषय मे विस्तृत जानकारी देते हुए IQAC समन्वयक प्रो (डॉ) सुबोध कुमार झा ने बच्चों के क्रिएटिविटी की स्वतंत्रता देने पर जोर दिया l वही S.S कॉलेज के रिटायर प्रोफेसर डॉ विवेकानंद शर्मा ने ऑनलाइन सेवाओं का मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाली नकारत्मक प्रभाव का वर्णन किया l डॉ अख्तर रूमानी ने प्राचीन काल से ही मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता होने के विषय मे अपना पक्ष रखा l

महाविद्यालय के पूर्व प्रोo उमाशंकर सिंह ने मानसिक जरूरतों पर ध्यान आकर्षित किया l प्रथम सत्र के अंतिम में प्राचार्य प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार रजक ने कार्यक्रम में सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाने में जोर दिया l कार्यक्रम का संचालन अंजलि और महविश निगार के द्वारा किया गया l

दूसरे सत्र के आरंभ में मगध विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ मीनाक्षी ने बॉडी शैमिंग और मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर अपना लेक्चर दिया l इन्होंने अपने मे विश्वास रखने पर जोर दिया l इसके उपरांत विभाग के बच्चों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य पर नाटक प्रकाश... का मंचन किया गया l

सत्र के अंतिम पक्ष में पारस हॉस्पिटल, पटना के क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक डॉ नीरज ने हाउ टू मैनेज मेंटल हजिंन पर कार्यशाला का आयोजन किया l जिसमें उन्होंने छोटे-छोटे बदलाव से कैसे अपने जीवन मे परिवर्तन ला सकते है इस पर चर्चा की l इसी के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया l

जिसमें फोटोग्राफ 'मन-तरंग' प्रतियोगिता, स्लोगन ' मनोमय' प्रतियोगिता और डिबेट मनो-मंथन प्रतियोगिता सहित अन्य प्रतियोगिताएं शामिल थी l सभी विद्यार्थियों सहित उपस्थित सभी लोगों ने इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर ज्ञानवर्धन किया l

खुशबु कुमारी, गौरव, अंजलि, प्रहलाद, महविश, स्मृति रानी आदि छात्र- छात्राओं ने ट्रॉफी, मेडल और सर्टिफिकेट प्राप्त किया l तीसरे सत्र की शुरुआत आघात नुक्कड नाटक से किया गया l जो व्यक्तित्व विकार पर आधारित था l

मेले में डॉ एन पी सिंह, ओम प्रकाश वर्मा, डॉ बबलू कुमार, डॉ सुनील कुमार, मो इंतखाब आलम, कुमकुम कुमारी, डॉ ज्योतिर्मय, डॉ कविंद्र भगत, डॉ सुमन कुमारी, डॉ यास्मीन बानो, पंकज कुमार, अनिल कुमार, गीता कुमारी, देवव्रत कुमार, डॉ प्रमिला कुमारी सहित शिक्षकेतर कर्मी शशि कुमार सिंह, रास नारायण भगत,ब्रजेश कुमार, संजय कुमार, विकास कुमार, निराला कुमार, राजीव कुमार, विकास कुमार, गौरव कुमार, सुनील कुमार, चंदन कुमार, आजाद कुमार आदि उपस्थित थे l

जहानाबाद के राजा बाजार रेलवे पुल के पास टली बड़ी दुर्घटना, NH 110 अरवल जहानाबाद रोड पर गिरी लोहे की ब्रेकर


जहानाबाद: जिले के अतिव्यस्त एन एच 110 अरवल जहानाबाद रोड के राजा बाजार स्थित रेलवे पुल अ॑डर पास के उपर लगा लोहे का ब्रेकर गिर पड़ा। जिससे बड़ी दुर्घटना होते होते बची।

हालांकि लोहे का ब्रेकर कब गिरा, कैसे गिरा किसी को जानकारी नहीं है। वही यदि दिन में लोहे का भारी-भरकम ब्रेकर गिरता तो बड़ी दुर्घटना हो ही जाती,गलीमत रहा कि ब्रेकर रात्रि में गिरी।

हालांकि सुबह-सुबह अचानक लोहे का ब्रेकर गिरने के फलस्वरूप गाड़ियों की लम्बी कतार लग गई। ज्यादा मुश्किल सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

वही स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह देखा गया कि अ॑डर पास में लगा लोहे का ब्रेकर गिरा पड़ा हुआ है।ब्रेकर गिरे रहने के फलस्वरूप सुबह गाड़ियों की लम्बी कतार लग गई।

वही स्कूली बच्चों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।पर॑तु धिरे धिरे समान्य स्थिति बन गई है। वही स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन एवं नगरपालिका प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में भी एक बार हादसा हुआ था फिर भी मरम्मत नहीं कराया गया। यदि दिन के उजाले में गिरता तो बहुत बड़ी दुर्घटना घट सकती थी।

जहानाबाद जिले में जदयू का बड़ा फैसला, तीनों विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी का किया गया नियुक्त!

जहानाबाद जनता दल (यू०) प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने विधानसभा चुनाव के पूर्व संगठन मजबूती को लेकर जहानाबाद जिला के तीनों विधानसभा में प्रदेश से प्रभारियों को मनोनीत किया है

जिसमे 216,जहानाबाद के लिए रविन्द्र पटेल, 217- घोषी अरुण कुमार राव, 218- मखदुमपुर बंटी चंद्रवंशी को जिम्मेवारी दिया है।

वहीं जहानाबाद जिला के कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को गया,पटना एवं नालंदा जिला के विभिन्न विधानसभा का जिम्मेवारी दिया गया है। जिसमे संजय कुमार सिंह को गुरुआ,राजीव नयन उर्फ राजू सिंह को शेरघाटी, डॉ निरंजन कुमार अम्बेडकर को वजीरगंज, शमशाद सांई को इस्लामपुर ,परिमल राज को फतुहां,अरमान अहमद गुड्डू को गया नगर का प्रभारी बनाया गया है।

जदयू जिलाध्यक्ष दिलीप कुशवाहा ने सभी प्रभारियों को बधाई देते हुए कहा कि ये सभी कार्यकर्ता पार्टी के प्रति निष्ठावान और संगठन चलाने का पुराना अनुभव रहा है।इनके नेतृत्व में जिला जदयू काफी मजबूत होगा और आने वाले विधानसभा चुनाव में सभी सीट जितने का काम करेगा।

सदर अस्पताल में जीविका दीदियां करेंगी साफ-सफाई का कार्य, डीएम ने लॉड्री एवं साफ-सफाई केन्द्र का किया उद्घाटन

जहानाबाद : जिलाधिकारी अलंकृता पांडे के द्वारा आज जहानाबाद सदर अस्पताल में जीविका दीदियों द्वारा संचालित लॉन्ड्री सेवा एवं साफ-सफाई सेवा केन्द्र का दीप प्रज्वल्लन कर विधिवत उद्घाटन किया गया। 

इस अवसर पर जिलाधिकारी के द्वारा उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी चिकित्सकों कर्मियों तथा जीविका से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मियों तथा पत्रकार बंधुओ को संबोधित करते हुए बताया गया कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा निर्णय लिया गया है कि सभी जिलों के सदर अस्पताल में लॉन्ड्री सेवा एवं साफ-सफाई सेवा, जीविका की दीदियों द्वारा संचालित किया जाएगा। जिसका आज से जहानाबाद सदर अस्पताल में शुभारंभ किया जा रहा है।

जिला पदाधिकारी ने लॉन्ड्री सेवा केन्द्र एवं साफ-सफाई सेवा केन्द्र में चयनित जीविका दीदियों को इस महत्वपूर्ण सेवा से जुड़ने के लिए शुभकामनाएं दी और अपील किया कि पूरी तत्परता एवं सेवा भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगी। 

कहा कि अस्पताल सेवा का स्थल है एवं सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की महती जिम्मेदारी जहां चिकित्सकों पर होती है। वहीं साफ सफाई की जिम्मेवारी भी किसी दृष्टि से कम महत्वपूर्ण नहीं है। 

सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को बेहतर साफ सफाई की सुविधा मिले तो स्वास्थ्य देखभाल में भी बेहतरी आएगी। 

जिला पदाधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि अभी सदर अस्पताल परिसर में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके कारण लॉन्ड्री सेवा केन्द्र एवं साफ-सफाई सेवा केन्द्र अस्थाई भवन में संचालित किया जा रहा है, जो निर्माण के उपरांत स्थायी भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। 

पूर्व में सदर अस्पताल के साफ सफाई एवं लॉन्ड्री सेवा का संचालन जिस एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा था, उसकी सेवाओं में लगातार कमियां पाई जा रही थी और जिला पदाधिकारी के विगत निरीक्षणों में भी यह दृष्टिगोचर हुई थी। जीविका के माध्यम से नए सिरे से साफ सफाई एवं लॉन्ड्री सेवा के संचालन से उम्मीद है कि जीविका दीदियां, सदर अस्पताल में इन सेवाओं का बेहतर संचालन करेगी। 

जीविका दीदियों को बायोमेडिकल कचड़ा एवं सामान्य कचड़ा को अलग-अलग प्रबंधन करने की भी जिम्मेदारी दी गई है, ताकि बायोमेडिकल कचड़ा का उठाव चयनित एजेंसी सिनर्जी प्रा0 लि0 एवं सामान्य कचड़े का उठाव नगर परिषद, जहानाबाद के माध्यम से किया जा सके।  

अवगत कराना चाहेंगे कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति एवं बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन समिति द्वारा संपोषित सामुदायिक संगठन “जीविका“ के बीच हुए MoU के आलोक में सभी चिकित्सा महाविद्यालय एवं सदर अस्पतालों में जीविका के माध्यम से साफ सफाई एवं लॉन्ड्री सेवा के संचालन का निर्देश प्राप्त हुआ है।

इसी निर्देश के तत्वाधान में, लॉन्ड्री सेवा के लिए 05 एवं साफ-सफाई सेवा के लिए 40 जीविका दीदियों को सदर अस्पताल में सेवा देने के लिए चयनित किया गया है, जो पालीवार सेवाऐं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगी।  

इस उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर उप विकास आयुक्त धनंजय कुमार, प्रभारी सिविल सर्जन, डीपीएम जिला स्वास्थ्य समिति, डीपीएम जीविका समेत सदर अस्पताल एवं जीविका से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

जहानाबाद से बरुण कुमार

क्रीमीलेयर के संबंध मे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध मे भारत ब॑द का जहानाबाद में दिखा असर, यातायात सेवा बाधित

जहानाबाद : जिले में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले,जो दिनांक 1/8 को एसी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर दिया गया था के विरोध मे आज भारत ब॑द का असर सुबह से ही देखने को मिला। 

सुबह में ही एन एच 83 पर बड़ी गाड़ियों की लम्बी कतार लग गई। ट्रेन से उतरे यात्रियों को गाड़ी नहीं मिलने से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

यहां यह बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में एसी/एसटी आरक्षण में भारतीय स॑विधान में दिए गए गए अधिकार में बदलाव किया है। जिसमें एसी/एसटी में वर्गीकरण एवं क्रिमीलेयर का जो निर्णय लिया गया है। उसके खिलाफ भारत बंद के समर्थन में,एसी/एसटी आरक्षण बचाओ अभियान के तहत जिले में भी पुरा असर देखने को मिल रहा है।

वही कई नेताओं ने सुबह से ही जिले के ऊटा मोड़,अरवल मोड़,गया मोड़ पर भारत ब॑द के समर्थन में नारे लगाए और भारत सरकार से मांग किया है कि कोर्ट के फैसले को निरस्त करने हेतु कैबिनेट बैठक कर अध्यादेश लाए।

नेताओं ने कहा कि फुट डालो, शासन करो की नीति नहीं चलेगी। हमलोग पुरे भारत में दलित स॑गठीत है। नेताओं ने कहा कि  सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 1/8 को एसी/ एसटी आरक्षण में वर्गीकरण एवं क्रिमीलेयर का जो निर्णय लिया गया है ,यह निर्णय भारतीय स॑विधान में दिए प्रावधान के अनुक्षेद 14,15,16,341 व 342 के विरुद्ध एक गैरस॑वैधानिक निर्णय है।जो फुट डालो, शासन करो की नीति देखा जा रहा है,जिसका विरोध सम्पूर्ण भारत के व॑चीत समाज अपना रोष जताते हुए आज 21/8 को भारत बंद का आह्वान किया है।

आज जिले में जगह जगह एस/एसटी नेताओं द्वारा ब॑द के समर्थन में बड़ी गाड़ियों का परिचालन बंद है। वही जिले के सभी सड़कें सुनसान दिखाई पड़ रहा है। आवागमन सहित सभी दुकानें भी जिले में ब॑द है।

जहानाबाद से मनोहर सिंह की रिपोर्ट

पीएम मोदी ने लाल किले से छेड़ा नया राग, सेक्यूलर सिविल कोड का किया जिक्र, कांग्रेस बोली-अंबेडकर का अपमान

#pmnarendramodispeechsecualcivilcode

आजादी की 78वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से भाषण देते हुए एक बार फिर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का जिक्र किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूसीसी पर अपनी सरकार का रुख भी साफ कर दिया। हालांकि पीएम मोदी ने यूसीसी की जगह जिस नाम का इस्तेमाल किया है, वो विवाद बढ़ाने वाला है। जिसकी शुरूआत हो भी गई है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से यह कह कर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का घोर अपमान किया है।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह कहना हमारे पास अब तक 'सांप्रदायिक नागरिक संहिता' है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है, जो हिंदू पर्सनल लॉ में सुधारों के सबसे बड़े समर्थक थे। ये सुधार 1950 के दशक के मध्य तक वास्तविकता बन गए। इन सुधारों का आरएसएस और जनसंघ ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने 21वें विधि आयोग द्वारा 31 अगस्त, 2018 को पारिवारिक कानून के सुधार पर दिए गए परामर्श पत्र के कथन का उल्लेख किया।

देश को कम्युनल नहीं, सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत-पीएम मोदी

इससे पहले पीएम मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। जिस सिविल कोड का हम पालन कर रहे हैं, वह कम्युनल सिविल कोड है। समय की यह मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। इसके बाद ही हमें धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कई बार चर्चा की है। कई बार आदेश भी दिए हैं। मोदी ने यह भी कहा कि संविधान निर्माताओं का सपना पूरा करना हमारा दायित्व है। धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाले कानून आधुनिक समाज स्थापित नहीं कर सकते। इसलिए इनका कोई स्थान नहीं हो सकता है।

इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ऐसे सिविल कोड से जब हम संविधान के 75 वर्षा मना रहे हैं अब संविधान की भावना जो कहती है हमें करने के लिए, देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें कहती है करने के लिए और तब संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है और मैं चाहता हूं की इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो, हर कोई अपने विचार लेकर आए और उन कानूनों को, जो कानून देश को धर्म के आधार पर बांट दे, समाज में ऊंच-नीच का कारण बन जाए, ऐसे कानून का समाज में कोई स्थान नहीं है और इसलिए मैं तो कहूंगा और समाज की मांग है कि देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड होना चाहिए। हमने कम्यूनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सिविल कोड की तरफ जाना होगा और तब जाकर के जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे हमें मुक्ति मिलेगी।

क्या है यूसीसी ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता, जिसे प्रधानमंत्री ने सेक्युलर सिविल कोड के नाम से संबोधित किया, इसका सीधा सा मतलब है देश में रहने वाले हर धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग के लिए हर मुद्दे पर एक समान नियम-कानून। एक ऐसा कानून जो पूरे देश के लिए एक समान हो। इसमें सभी धर्म वालों के लिए विरासत, शादी, तलाक और गोद लेने के नियम एक ही होंगे। भारत के संविधान में भी देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की बात कही गई है। इसका अनुच्छेद-44 नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है और इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में दिए गए धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के सिद्धांत का पालन करना है। अनुच्छेद-44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना सरकार का दायित्व है।

पहले भी एक परिवार में एक नियम की कर चुके हैं पैरवी

ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता को देश की जरूरत बताया है। पिछले साल मध्य प्रदेश में एक रैली में उन्होंने कहा था, परिवार के एक सदस्य के लिए एक नियम हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा नियम हो तो क्या वो घर चल पाएगा? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?'

यूसीसी बीजेपी सरकार का टॉप एजेंडा

बता दें कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा मोदी सरकार के टॉप एजेंडे में रहा है। बीजेपी के तीन बड़े वादों- अयोध्या में राम मंदिर बनाना, कश्मीर से 370 हटाना के साथ- साथ समान नागरिक संहिता भी शामिल रहा है. राम मंदिर और 370 का वादा पूरा हो चुका है। अब बारी समान नागरिक संहिता या कहें तो सेक्यूलर सिविल कोड लागू करने की बारी है।

बिना कारण ही हिंदुओं को झेलनी पड़ रही गर्मी', बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बोले मोहन भागवत

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आज स्वतंत्रता दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ मुख्यालय पर तिरंगा फहराया। मोहन भागवत ने ध्वजारोहण के बाद संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। आरएसएस प्रमुख ने बांग्लादेश में जारी हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने अपने संबोधन में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदूओं को अकारण ही उस हिंसा की गर्मी झेलनी पड़ रही है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ के हेडक्‍वार्टर पर झंडा फहराते हुए कहा, 'हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिन पूरा कर रहे हैं। देश में इस स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने वाला समूह और उनके पीछे खड़े होने वाले समाज ये दोनों बातें जब बनी तब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। हमने जो बड़ी मेहनत से स्वतंत्रता पाई वो पीढ़ी तो चली गई लेकिन आने वाले पीढ़ी को स्व के रंग में रंगना और उसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्‍होंने कहा, आने वाली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करे क्योंकि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं और हमें उनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा तथा स्वयं को बचाना होगा।

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ऐसा है कि वह खुद की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता इसका तो दायित्व है ही, हर देश का होता है लेकिन भारतवर्ष की परंपरा रही है कि भारत अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है और इसलिए पिछले सालों में हमने देखा होगा कि हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, कुछ नहीं किया। जब-जब जो संकट में था, उसकी मदद की, वह हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है इसको देखा नहीं, जो संकट में है उसकी मदद करना ये हमारा देश है, ऐसा हमको चलना है।

भागवत ने परोक्ष रूप से बांग्लादेश के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि कि दुनिया भर के दुखी-पीड़ितों के लिए हम करते हैं, हमारी सरकार भी करती है, तो ऐसी परिस्थिति में अपना देश ठीक रहे और अन्य देशों को ठीक होना है, उनको हमारी मदद की जरूरत हो और उन देशों में जो अस्थिरता की अराजकता की गर्मी झेलने वाले जो लोग हैं। उनको कोई कष्ट न हो, उन पर कोई अत्याचार न हो, एक देश के नाते हमारे सिर पर है कुछ मामले तो सरकार को अपने स्तर पर ही करने पड़ते हैं। परंतु यह सब करके भी उनको शक्ति तब मिलती है जब समाज इस प्रकार की मनोवृत्ति लेकर, सजगता लेकर देश के लिए सबकुछ अर्पण करने के लिए जीता है।

भागवत ने कहा, यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि अस्थिरता और अराजकता की मार झेल रहे लोगों को किसी परेशानी, अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े. कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर भी देखना पड़ता है, लेकिन उसे ताकत तभी मिलती है जब समाज अपना कर्तव्य निभाता है और देश के लिए प्रतिबद्धता दिखाता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पीएम मोदी ने कहा, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा, भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।

बता दें कि बांग्लादेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से कई हिंदू मंदिरों, हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की खबरें हैं। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर शेख हसीना नीत सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद देश में अव्यवस्था का माहौल हो गया। हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर भारत आ गईं।

पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों से पीएम मोदी ने की मुलाकात, मनु भाकर की पिस्टल थामे आए नजर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक से लौटे इंडियन एथलीट्स से मुलाकात की है। पीएम 15 अगस्त के मौके पर इन एथलीट्स से मिले और उनका हौसला बढ़ाते नजर आए। इस दौरान मनु भाकर, भारतीय हॉकी टीम समेत अन्य खिलाड़ी मौजूद रहे। भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पीएम मोदी को अपनी जर्सी दी। वहीं, शूटर मनु भाकर ने प्रधानमंत्री को पिस्टल दी।

भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस में लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतकर इतिहास रचा था. भारत के महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश और कप्तान हरमनप्रीत सिंह समेत जब पूरी टीम ने उनसे मुलाकात की तो तोहफे के रूप में साइन की हुई जर्सी दी. इसके अलावा हॉकी स्टिक भी गिफ्ट किया।

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में शूटिंग में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वो इस खेल में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। इतना ही नहीं उन्होंने ओलंपिक के एक ही एडिशन में दो मेडल हासिल कर इतिहास रचा है।

मनु के साथ मिस्क्ड इवेंट में ब्रॉन्ज जीतने वाले सरबजोत सिंह और शूटिंग के 50 मीटर 3 पोजिशंस इवेंट में ब्रॉन्ज हासिल करने वाले स्वप्निल कुसाले ने भी पीएम से मिलकर बातचीत की। इसके अलावा युवा पहलवान और पेरिस में रेसलिंग के एकमात्र मेडल विजेता अमन सहरावत ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की।

हालांकि, इस दौरान नीरज चोपड़ कहीं नजर नहीं आए। दरअसल, नीरज चोपड़ा सर्जरी कराने के लिए पेरिस से सीधा जर्मनी चले गए हैं। इसके चलते वह भारत नहीं आ सके।बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु भी निजी कारणों के चलते पीएम से मिलने नहीं पहुचीं। 2 ओलंपिक मेडल जीतने वाली सिंधु इस बार खाली हाथ रहीं। उन्हें क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और लगातार तीसरा ओलंपिक मेडल जीतने का सपना टूट गया।

पेरिस ओलंपिक में भारत को 6 मेडल मिले। शूटिंग में 3, रेसलिंग में 1, हॉकी में 1 और जेवलिन थ्रो में 1। पिछले ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे, जो किसी भी एडिशन में मिले सबसे ज्यादा मेडल हैं। पेरिस में हुए ओलंपिक में मनु भाकर ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल दिलाने के साथ भारत की झोली में पहला मेडल डाला। दूसरा ब्रॉन्ज मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने शूटिंग में दिलाया। तीसरा मेडल स्वप्निल कुसाले ने जीता जो ब्रॉन्ज मेडल था। यह मेडल भी शूटिंग में ही मिला। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले ओलंपिक की तरह इस बार भी ब्रॉन्ज जीता। रेसलिंग में अमन सहरावत ने भारत को ब्रॉन्ज दिलाया और आखिरी मेडल (सिल्वर) नीरज चोपड़ा ने दिलाया।

कोलकाता लेडी डॉक्टर की हत्या-रेप मामले में घिरीं ममता बनर्जी, पहली बार नहीं लगा आरोपियों को बचाने का आरोप

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ के साथ हैवानियत की हदें पार की गई।पहले अस्मत लूटी गई, फिर बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया। इस घटना ने एक बार फिर निर्भया कांड की याद दिला दी। जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। देश भर में भारी प्रदर्शन और लोगों के आक्रोश को देखते हे लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच सीबीआई क सौंप दी गी है। दिल्ली से सीबीआई की 25 सदस्यीय टीम कोलकाता पहुंच चुकी है और जांच शुरू कर दी है। इस बीच राज्य की ममता बनर्जी सरकार सवालों के घेरे में है।

एक तरफ जहां विपक्षी बीजेपी और सीपीएम प्रशासन की लापरवाही को मुद्दा बनाकर बंगाल सरकार से इस्तीफा मांग रही हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता और सहयोगी कांग्रेस भी ममता सरकार पर हमलावर है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तो यहां तक पूछ दिया कि आखिर ममता सरकार उसे प्रोटेक्ट क्यों कर रही हैं?

दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) संदीप घोष ने कल यानी सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ ही देर बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नियुक्त कर दिया गया। ममता सरकार के इसी फैसले की आलोचना हुई। हाईकोर्ट ने अदालत में मौजूद ममता सरकार के वकील से पूछा, ‘आप उनका बचाव क्यों कर रहे हैं? उनका बयान रिकॉर्ड करिए। उन्हें जो कुछ भी पता है, उन्हें बताने दीजिए।’हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देने वाले प्रिंसिपल को दूसरे सरकारी कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे बनाया जा सकता है? 

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे पर बंगाल सरकार की फजीहत हो रही है। पहले भी संदेशखाली केस जैसे बड़े मुद्दों पर ममता बनर्जी चौतरफा घिर चुकी हैं।2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संदेशखाली के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस बैकफुट पर आई थी। आरोप था कि तृणमूल के नेता शक्ति का इस्तेमाल कर इन इलाकों में महिलाओं का यौन शोषण करते हैं। ममता ने इस मुद्दे को बीजेपी प्रायोजित बताया।