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राजधानी पटनावासियों को आज एक और पार्क का मिलेगा सौगात, देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद की स्मृति में बने पार्क का सीएम करेंगे उद्घाटन

डेस्क : राजधानी पटनावासियों को आज एक और पार्क का सौगात मिलेगा। यह पार्क देश के पहले शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की स्मृति में बनकर तैयार हुआ है।

आज सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेहरू पथ पर निर्मित इस भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद स्मृति स्मारक पार्क का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही पार्क को मौलाना आजाद की जयंती 11 नवंबर के पहले तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पांच नवंबर को पार्क का निरीक्षण किया था। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि देश के पहले शिक्षा मंत्री आजाद साहब के देश की आजादी में योगदान, उनके व्यक्तित्व तथा कृतित्व के बारे में पार्क के शिलापट्ट पर अंकित करायें।

बिहार पैक्स चुनाव : आज से शुरु होगा पहले चरण की नामांकन प्रकिया, 26 नवंबर को होगी वोटिंग

डेस्क : बिहार में पैक्स चुनाव हो जा रहा है। राज्य में कुल पांच चरणों में पैक्स चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। प्रत्येक चरण में नामांकन फॉर्म भरने के लिए तीन दिनों का मौका दिया जाएगा। जिसे लेकर आज सोमवार से प्रदेश के 1580 पैक्सों में चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पहले चरण के नामांकन फॉर्म 13 नवंबर तक भरे जा सकेंगे। नाम वापसी 19 नवंबर को होगी। मतदान 26 नवंबर को होगा।

पहले चरण के नामांकन फॉर्म की स्क्रूटिनी 14 से 16 नवंबर के बीच होगी। 26 नवंबर को मतदान होगा। मतदान के दिन या अगले दिन मतगणना होगी। बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार के सचिव पुरुषोत्तम पासवान ने बताया कि दूसरे चरण के लिए नामांकन 13, 14 और 16 नवंबर को होगा। 17 और 18 को स्क्रूटिनी होगी। नाम वापसी 20 तक होगा।

तीसरे चरण के लिए 16 से 18 तक नामांकन होगा। स्क्रूटिनी 19 और 20 को होगी। नाम वापसी 22 तक होगी। चौथे चरण के लिए 17 से 19 तक तक नामांकन होगा। स्क्रूटिनी 20 और 21 को होगी। नाम वापसी 23 तक होगी। अंतिम चरण के लिए नामांकन फॉर्म 19, 20 और 21 को भरा जाएगा। स्क्रूटिनी 22 और 23 को होगी। नाम वापसी 26 तक होगी।

पहले चरण का मतदान 26 नवंबर, दूसरे चरण का 27, तीसरे का 29, चौथे का एक दिसंबर और पांचवें का 3 दिसंबर को होगा। पहले चरण का चुनाव चिह्न का आवंटन 19 नवंबर, दूसरे चरण के लिए 20, तीसरे चरण के लिए 22, चौथे चरण के लिए 23 और अंतिम चरण के लिए 26 को होगा।

राजद सांसद सुधाकर सिंह के लाठी से पीटने वाले बयान पर बीजेपी का पलटवार, भाजपा नेता व बिहार सरकार के मंत्री संतोष सिंह ने दिया यह जवाब

डेस्क : बिहार की राजनीति में बाहुबल का प्रदर्शन और राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे पर छींटाकशी करना कोई नई बात नहीं है। आलम यह है कि नेता कभी-कभी ऐसी बात बोल जाते है जो एक जनप्रतिनिधि के लिए सही नही कहा जा सकता है। वहीं नेताओं के इस तरह के बायनबाजी के बाद राजनीतिक माहौल भी गर्म होता है। बिहार में चार विधान सभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के दौरान एक ऐसा ही मामला सामने आया है। राजद के बक्सर से सांसद सुधाकर सिंह ने बीते शुक्रवार को एक सभा में कहा था कि पिछले चुनाव में सिर्फ 3 जगहों पर बीजेपी वालों को पीटे थे लेकिन इस बार 300 बूथों पर बीजेपी के लोगों को लाठी से पीटेंगे। आरजेडी के एमपी ने सुधाकर सिंह लोगों से कहा था कि याद रखना की उप चुनाव में विधायक सिर्फ एक साल के लिए चुना जायेगा। लेकिन सुधाकर सिंह पांच साल तक एमपी रहेगा। अगर कोई दूसरा विधायक चुना भी जायेगा तो उसे घुटना टेकवाना मुझे आता है।

बता दें सुधाकर सिंह के सांसद बनने के बाद रामगढ़ विधानसभा सीट खाली हुई है। जिसपर उपचुनाव हो रहा है और इस सीट से सुधाकर सिंह के भाई और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।

इधर सुधाकर सिंह के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति गर्म है। आज बीजेपी कोटे से बिहार सरकार बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने जवाब दिया। रामगढ़ में सभा को संबोधित करते हुए मंत्री संतोष सिंह ने कहा-मैं दावे के साथ कहता हूं कि जिस दिन लाठी लेकर आयेगा, उस दिन उसका एक हड्डी नहीं बचेगा। सारा हड्डी चूर-चूर हो जायेगा। एक-एक हड्डी चूर-चूर हो जायेगा। वो लालू जी का जमाना गया। तुम्हारे पास लाठी है तो मेरे पास भी लाठी है। तुम लाठी के दम पर बिहार में डबल इंजन की सरकार के विकास की यात्रा को नहीं रोक पाओगे।

मंत्री संतोष सिंह ने जनसभा में लोगों से कहा कि आप लाठी वालों से डरियेगा नहीं। लाठी लेकर हम भी खड़े हैं। उन्होंने मंच पर बैठे बीजेपी के उम्मीदवार अशोक सिंह को इशारा करते हुए कहा कि अशोक भैया भी लाठी रखे हैं। उनके पास भी लाठी की कमी नहीं है। हमारे एक कार्यकर्ता पर हाथ उठायेगा तो हाथ तोड़ देंगे। अगर अंगुली उठाओगे तो अंगुली काट लेंगे। हमारे पास इतनी ताकत है।

उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह बौखलाहट में बोल रहे हैं तो जनता इस बार उन्हें धूल चटा देगी। आऱजेडी के लोग जिस भाषा में समझेंगे उसी भाषा में समझाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सुधाकर सिंह का दिमाग खराब हो गया है। रामगढ़ में राजद की जमीन खिसक गयी है। इस वजह से उसके नेता बौखलाए हुए हैं। अब बिहार में जंगलराज वाली गुंडई और लाठी डंडे वाली सरकार चलने वाली नहीं है। रामगढ़ की जनता उनको धूल चटा देगी और इस परिवार की राजनीति जीवन भर के लिए खत्म हो जाएगी।

बिहार एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, पटना के कुख्यात इस अपराधी को दबोचा

डेस्क : बिहार एसटीएफ को फिर एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। एसटीएफ की टीम पटना जिले के टॉप-10 कुख्यात वांछित अपराधियों में शामिल रणधीर कुमार को गिरफ्तार किया है।

बिहार एसटीएफ की विशेष टीम ने रविवार को रणधीर को नवादा जिला के नवादा थाना क्षेत्र से छापामारी कर गिरफ्तार किया। गिरफ्तार रणधीर पटना जिले के फतुहा थानाक्षेत्र अंतर्गत मिर्जापुर नौहट्टा का रहने वाला है। इसके खिलाफ हत्या में शामिल रहने सहित कई अन्य आरोप दर्ज हैं।

पटना के ही प्रोपर्टी डीलर शिव कुमार की हत्या में भी रणधीर के शामिल रहने का आरोप है। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ पटना जिला के विभिन्न थाना में हत्या, रंगदारी एवं आर्म्स एक्ट सहित कई कांड दर्ज है। अपराध के कई संगीन मामलों के आरोपी रणधीर को पटना जिला पुलिस ने जिले के टॉप 10 कुख्यात वांछित अपराधियों में शामिल रखा था। बिहार एसटीएफ ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए आरोपी को नवादा से गिरफ्तार किया।

पथ निर्माण विभाग का बड़ा निर्णय : रिश्तेदारों को ठेकेदारी देने वाले इंजिनियरों पर होगी कार्रवाई

डेस्क : बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है। विभागीय कार्यों में और पारदर्शिता लाने के लिए पथ निर्माण विभाग ने इंजीनियरों पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।

विभाग ने इंजीनियरों से शपथ पत्र मांगा है। इंजीनियरों को दो शपथ पत्र देने होंगे। इसमें उन्हें बताना होगा कि उनके सगे-संबंधी कोई ठेकेदारी नहीं कर रहे हैं। रिश्तेदारों की ओर से ठेकेदारी करने की स्थिति में इंजीनियरों को उस कार्य अंचल, उपभाग या प्रमंडल से हटा दिया जाएगा।

विभाग के अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) की ओर से इंजीनियरों को पत्र भेजा गया है। यह पत्र बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, बिहार राज्य पथ विकास निगम, राष्ट्रीय उच्च पथ प्रभाग, यांत्रिक उपभाग में कार्यरत इंजीनियरों के साथ ही सभी अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंताओं को भेजा गया है।

विभाग ने कहा है कि इंजीनियर खुद के अलावा अपने अधीनस्थ कार्यरत सभी अभियंताओं से स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र प्राप्त कर 10 दिनों के भीतर विभाग को उपलब्ध कराएं। शपथ प्रारूप में इंजीनियरों को अपना नाम, पदनाम, कार्यालय के साथ ही यह शपथ देना होगा कि उनकी जानकारी में परिवार के कोई भी सदस्य या रिश्तेदार मसलन पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, माता, पिता, भाई, भतीजा उनके पदस्थापन वाले उपभाग, अंचल या प्रमंडल में संवेदक के तौर पर कार्य नहीं करते हैं।

साथ ही वे किसी तरह का निर्माण या अनुरक्षण का काम भी नहीं कर रहे हैं। वहीं प्रारूप दो में इंजीनियरों को अपनी पूरी जानकारी के साथ यह बताना होगा कि उनके परिवार के सदस्य ठेकेदार के रूप में कार्यरत हैं लेकिन प्रत्यक्ष रूप से उनकी कोई सहभागिता नहीं है।

अगले साल 1 जनवरी तक पटना जिले में 10 नये युवाओं को मतदाता सूची शामिल करने का रखा गया लक्ष्य, डीएम ने अधिकारियों को इसे पूरा करने का दिया निर्देश

डेस्क : 1 जनवरी 2025 तक पटना जिले में 10 लाख से अधिक युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बाबत युवाओं और महिलाओं को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए अगला अभियान 23 और 24 नवंबर को सभी मतदान केंद्रों पर होगा।

बीते शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने यह निर्देश दिया। जिले के 14 विस क्षेत्रों में कुल 4,906 मतदान केन्द्र हैं। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान, 2025 के लिए 18-19 आयु वर्ग के युवाओं के पंजीकरण का लक्ष्य 3 लाख 82 हजार 668 है और 20-29 आयु वर्ग के लिए पंजीकरण लक्ष्य 6 लाख 57 हजार 404 है। इस प्रकार दोनों आयु वर्ग को मिलाकर 10 लाख 40 हजार 72 युवा मतदाता बनाने का लक्ष्य है।

22 जनवरी को प्रकाशित मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के अनुसार जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 49 लाख 01 हजार,306 है। इसमें 25 लाख 76 हजार 506 पुरुष तथा 23 लाख 24 हजार 627 महिला मतदाता हैं। 173 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। पटना जिले में लिंगानुपात 902 है। सेवा निर्वाचकों की संख्या 12 हजार 833 है। 18-19 आयुवर्ग के निर्वाचकों की संख्या 55 हजार 410 है। 28 नवम्बर तक दावा एवं आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।

महापर्व छठ के समापन के बाद काम पर लौटने की जद्दोजहद, ट्रेनो में बढ़ी भारी भीड़

डेस्क : महापर्व छठ के समापन के बाद बिहार के कामकाजी अपने-अपने काम पर लौटने लगे हैं। पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित विभिन्न स्टेशनों पर शनिवार को यात्रियों की भारी भीड़ दिखी।

राजेन्द्र नगर टर्मिनल पर अनारक्षित टिकट खरीदकर संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस और संपूर्ण क्रांति क्लोन में चढ़ने की कोशिश में यात्रियों का हाल बेहाल हो गया। टिकट खरीदकर उन्हें बोगी में प्रवेश करने के लिए कतार में चार घंटे तक समय गुजारना पड़ा। यात्रियों की भीड़ इतनी थी कि आधा किमी तक लंबी कतार दिखी। यात्री काफी देर तक इंतजार करने के बाद कतार में ही बैठ गए। यात्रियों की भीड़ इतनी थी कि व्यवस्थित करने में रेलवे अफसरों के पसीने छूट गए।

मौके पर दानापुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अभिनव सिद्धार्थ सहित रेलवे के दो अन्य अफसर शाम से ही यात्रियों को समझाते दिखे। ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने के बाद आरपीएफ की मदद से यात्रियों को बोगियों में प्रवेश दिलाया गया। कतारबद्ध यात्रियों को बोगियों में सवार होने में आधे घंटे तक का समय लगा। रेलयात्री मजहर ने बताया कि अनारक्षित टिकट लेने के दौरान भी आधे घंटे तक कतार में खड़ा होना पड़ा। इतनी भीड़ है कि शाम साढ़े तीन बजे से लाइन में लगे हैं। जनरल डब्बों की संख्या और बढ़ाई जानी चाहिए। शनिवार तक की छुट्टी कंपनी से मिली थी। रविवार को हर हाल में काम पकड़ना है। स्पेशल ट्रेनों के भरोसे रहेंगे तो पता नहीं कब पहुंचेंगे।

गरीब रथ, संपर्क क्रांति, संपूर्ण क्रांति, मगध, विक्रमशिला, दानापुर सिकंदराबाद, श्रमजीवी, पटना -कोटा, श्रमजीवी एक्सप्रेस, संघमिश्रा, दानापुर पुणे सहित ट्रेनों में भारी भीड़ रही। वहीं राजेन्द्रनगर टर्मिनल से नई दिल्ली को जाने वाली तेजस राजधानी एक्सप्रेस में भी भारी संख्या में वेटिंग टिकट वाले यात्री सवार हुए। जिनकी टिकट कंफर्म नहीं हुई वे टीटीई से आरजू मिन्नत करते दिखे। कई यात्रियों ने पेंट्रीकार में घुसकर सफर किया। हालांकि रास्ते में यात्रियों पर जुर्माना भी किया गया। संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में राजेन्द्रनगर टर्मिनल पर अनारक्षित बोगी में रेलवे यार्ड में ही कई यात्री बोगी में घुसने की कोशिश करते दिखे। हालांकि आरपीएफ की तैनाती होने की वजह से यात्रियों को सफलता नहीं मिली। इस ट्रेन में एसी, स्लीपर और सामान्य बोगी में ठसमठस भीड़ रही। अनारक्षित बोगियों में ट्रेन खुलने पर भी यात्री चढ़ने की कोशिश करते रहे।

सीएम नीतीश कुमार का बड़ा बयान : वाजपेयी ने ही मुझे मुख्यमंत्री बनाया था, अब दाएं-बाएं नहीं

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एकबार फिर कहा है कि उन्होंने दो बार गलती कर चुके है। स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी ने ही पहली बार मुझे मुख्यमंत्री बनाया था। अब वे दाएं बाएं नहीं करने वाले है। अब उनका बीजेपी से अलग होने का कोई सवाल ही नहीं है।

दरअसल बीते शनिवार को उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में तरारी और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमलोग 2005 से ही बिहार के विकास में लगे है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, सिंचाई समेत हर क्षेत्र में कार्य हुआ है। केंद्र सरकार से भी अब भरपूर मदद मिल रही है। इससे विकास और तेजी से होगा।

तरारी स्थित खेल मैदान में राजग समर्थित भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत और रामगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत नुआंव प्रखंड के चंदेश गांव में भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह के समर्थन में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने लालू-राबड़ी के शासनकाल की याद दिलाई। कहा कि 2005 के पहले बिहार में जंगल राज था। लोग शाम में डरकर घर से बाहर नहीं निकलते थे। स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती थी। अस्पतालों में इलाज नहीं होता था। बिजली नहीं थी। आने-जाने का रास्ता नहीं था। लेकिन, जबसे हमारे हाथ में बिहार की कमान आई, तब से लगातार विकास हो रहा है। हमलोगों ने सब काम किया।

उन्होंने मुस्लिम समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि वे लोग केवल वोट लेने का काम करते थे और हिन्दू-मुस्लिम में झगड़ा कराते थे। 1989 के भागलपुर दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि हम लोगों ने सरकार में आने पर इसकी जांच कराई और दोषियों पर कार्रवाई हुई। पीड़ितों को मदद भी दिलाई। 2006 से कब्रिस्तान की घेराबंदी शुरू कराई और हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा बंद हुआ। इसलिए अब फिर से उन्हें वोट दीजिएगा तो वे लोग गड़बड़ करेंगे। हम लोगों ने सबके लिए काम किया है। चाहे हिन्दू हों या मुस्लिम, अगड़ा हों या पिछड़ा-अतिपिछड़ा, दलित हों या महादिलत, युवा हों या महिला। इसीलिए आज आपके बीच आये हैं। अगले साल विधानसभा चुनाव के पहले सारे काम पूरे कर लिये जायेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने ही मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था। केन्द्र में मंत्री रहते वे मुझे बहुत मानते थे। तभी से हम भाजपा के साथ बिहार के विकास में लगे हैं। हमसे दो बार गलती हो गई थी। गलत लोगों का साथ लेकर काम किया। बाद में पता चला कि वे लोग हर काम में गड़बड़ करते हैं तो हमने तय कर लिया है कि अब किसी भी प्रकार से दाएं-बाएं नहीं होगा।

अंग्रेजी से हिन्दी या अन्य विदेशी भाषाओं की तरह मैथिली सहित 17 भाषा का होगा सटीक अनुवाद

डेस्क: अंग्रेजी से हिन्दी या अन्य विदेशी भाषाओं की तरह अब 17 स्थानीय भाषाओं में भी सटीक अनुवाद हो सकेगा। अब तक इसमें कई भाषाओं में अनुवाद हो भी रहा है, लेकिन उनमें तकनीकी रूप से पूरी तहत शुद्धता नहीं है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा नई पहल की गई है। इसके तहत देश के 17 स्थानीय क्षेत्रीय भाषाओं में सटीक अनुवाद सुविधा देने की कवायद की जा रही है। इसमें बिहार के मैथिली भाषा भी शामिल है।

इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) व अन्य केंद्रीय संस्थानों का कंसोर्टियम बनाया है। इसका नोडल अधिकारी आईआईटी पटना को बनाया गया है। इसके बाद सबसे पहले बिहार के प्रमुख स्थानीय भाषा मैथिली में भी ट्रांसलेट करने को लेकर टूल्स डेवलप करेंगे।

इसके बाद केंद्र सरकार के आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी ट्रांसलेट करने की सुविधा देने की कवायद होगी। इसकी निगरानी शिक्षा मंत्रालय की ओर से होगी। यह भाषिनी पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वयन होगा।

इन भाषाओं में अनुवाद की चल रही कवायद

असमिया, बांग्ला, गुजराती, कश्मीरी, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, उर्दू, सिंधी, कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली, बोडो, डोगरी, मैथिली, और संथाली।

मीडिया संस्थानों से लिए जाएंगे हिंदी के डाटा

अनुवाद को लेकर बनाएं गए प्रारूप के तहत साफ्टवेयर को सुचारू रूप से चलाने के लिए मीडिया संस्थानों से डाटा लिए जांएगे।

इसके तहत मीडिया हाउस के खबरों के हिंदी भाषा का डेटा बैंक तैयार होगी। इसमें विशेष रूप से विधि, प्रशासन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और जलवायु क्षेत्र के डाटा होंगे। इसके तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, जलवायु, पर्यटन, न्यायपालिका से 50 प्रतिशत कंटेट रहेगा।

शिक्षा से 30 प्रतिशत एवं शासन और नीति के कंटेट 20 प्रतिशत होगा। इसके तहत साफ्टवेयर हिंदी भाषा को मुख्य भाषा मान कर कार्य करेगी। इसके तहत स्पेक्ट्रम में आसान अनुवाद की सुविधा करेगी। इसके आधार पर इसमें प्रोग्रामिंग किए जाएंगे।

बिहार में हजारों शिक्षक होंगे इधर से उधर, 16 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने स्थानातंरण के लिए किया ऑनलाइन आवेदन

डेस्क: राज्य के सरकारी विद्यालयों में स्थानातंरण के लिए अब तक 16 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। वैसे शिक्षकों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 22 नवंबर तक निर्धारित है।

यह आवेदन सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियमित शिक्षकों, सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों और बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर नियुक्त शिक्षकों के लिए है। इसके बाद शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर दिसंबर के तीसरे/चौथे सप्ताह में स्थानांतरण व पदस्थापन किया जाएगा। इसमें वरीयता के आधार को प्राथमिकता दी जाएगी।

शिक्षा विभाग के मुताबिक, शिक्षकों द्वारा किए जा रहे ऑनलाइन आवेदन की ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर लगातार निगरानी की है। आवेदन में शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के इकाई अंतर्गत विद्यालयों में रिक्ति के आधार पर साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन से विद्यालय का आवंटन होगा।

प्रथम विकल्प की इकाई के विद्यालयों में रिक्ति नहीं रहने की स्थिति में शिक्षकों द्वारा दिए गए क्रमश अन्य विकल्पों के इकाईयों के विद्यालयों में उपलब्ध रिक्ति के आधार पर विद्यालय आवंटन किया जाएगा, इसलिए शिक्षकों को दस विकल्प आवेदन में देने को कहा गया है। जनवरी के पहले सप्ताह (एक से सात तारीख तक) में शिक्षकों को अपने आवंटित विद्यालय में योगदान करना सुनिश्चित किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग ने तीन खाद्य संरक्षा पदाधिकारियों को अपने कार्यों के साथ ही अन्य जिलों का प्रभार दिया है। बेगूसराय में खाद्य संरक्षा पदाधिकारी के पद पर तैनात वीरेंद्र कुमार 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गए। वीरेंद्र कुमार के पास बेगूसराय के अलावा जहानाबाद और खगडिय़ा का भी प्रभार था। उनके सेवानिवृत्त होने ही तीन जिलों में खाद्य संरक्षा पदाधिकारी के पद रिक्त हो गए।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, रिक्त पदों को तत्काल भरने की आवश्यकता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने खाद्य संरक्षा पदाधिकारी मुकेश जी कश्यप को जहानाबाद, तपेश्परी सिंह को बेगूसराय जबकि अर्जुन प्रसाद को खगड़िया जिला का खाद्य संरक्षा पदाधिकारी नियुक्त किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।