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विजिटर्स वीजा पर विदेश जाने के बाद वापस नहीं आए 2946 लोग, जांच शुरू

लखनऊ । यूपी प्रदेश के 2946 लोग विजिटर्स वीजा पर विदेश जाने के बाद वापस ही नहीं आए। इनमें लखनऊ के 106 लोग शामिल हैं। गृह मंत्रालय द्वारा इस बाबत कार्रवाई करने के आदेश के बाद यह खुलासा हुआ है। इसके बाद लखनऊ, गोरखपुर, देवरिया और अमेठी में विदेश भेजने वाले एजेंटों पर चार मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। बता दें कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार में लोगों से जबरन साइबर फ्रॉड कराने के मामले सामने आए हैं।

एडीजी साइबर क्राइम बीके सिंह ने बताया कि यूपी में विदेश भेजने वाले 75 अधिकृत एजेंट हैं, जबकि 431 अनधिकृत हैं। मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान, कमिश्नरों को अधिकृत और अनधिकृत एजेंटों की लिस्ट भेज कर कार्यवाही के लिए लिखा है। 2946 लोगों में 527 महिलाएं और 2419 पुरुष हैं। मुख्यालय हर जिले में इनका सत्यापन करा रहा है, जिसमें से 800 का सत्यापन हो चुका है ।विदेश जाकर लापता होने वालों में सबसे ज्यादा 740 लोग गोरखपुर के हैं। वहीं देवरिया के 369, नोएडा के 251, लखनऊ के 106, गाजियाबाद के 200, कानपुर के 58, बाराबंकी के 11, वाराणसी के 32, आजमगढ़ के 80 लोग हैं। बीते दिनों 51 लोग वापस भी आ चुके हैं। यूपी से थाईलैंड गए करीब 2 हजार लोग वापस नहीं लौटे हैं। करीब 400 लोग वियतनाम, 230 कंबोडिया, 82 म्यांमार से वापस नहीं आए हैं।

केजीएमयू के क्वीन मेरी हॉस्पिटल में आग लगने से मचा हड़कंप
लखनऊ । केजीएमयू के क्वीन मेरी हॉस्पिटल में अचानक से आग लग गई। आग लगने के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। अस्पताल में भर्ती मरीज व उनके परिजन पूरी तरह से घबराकर भागने लगे। उधर सूचना पर कई दमकल की गाड़िया व फायर बिग्रेड कर्मी पहुंचकर आग को बुझाने में जुट गए। कड़ी मेहनत के बाद अग्निशमन विभाग ने जल्द ही आग पर काबू पा लिया। तब जाकर मरीज व उनके परिजनों ने राहत की सांस ली। हालांकि इस दौरान किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। अाग अस्पताल के बेसमेट में लगी थी। इसलिए आग पर काबू पाने में अधिक समय नहीं लगा।

15 मिनट में आग को पूर्ण रूप से बुझा दिया

रविवार को सुबह लगभग 4.47 पर चौक फायर स्टेशन तथा मुख्य अग्निशमन अधिकारी के सीयूजी नंबर पर सूचना प्राप्त हुई की क्वीन मेरी हॉस्पिटल केजीएमयू में आग लगी हुई है। इस दौरान कुछ लोग फंसे हुए है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य अग्निशमन अधिकारी व चौक फायर स्टेशन से तीन गाड़ियां अावश्यक उपकरणों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो देखा कि आग बेसमेंट में रखें हुए मेडिकल सामानों में लगी हुई थी ।तत्काल  अस्पताल के हाइड्रेन्ट सिस्टम से लाइन बिछाकर आग को बुझाना प्रारंभ कर दिया गया और हॉस्पिटल में नियुक्त कर्मियों की सहायता से मांत्र 15 मिनट में आग को पूर्ण रूप से बुझा दिया गया ।

बेसमेंट में भरे धुएं को खिड़कियों को खोलकर बाहर निकाला

उन्होंने बताया कि बेसमेंट में काफी धुआं भरा हुआ था । जिसकी वह से सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। ऐसे में सीढ़ियों की मदद से अगल-बगल की खिड़कियों को खोलकर बाहर निकाल दिया गया । उक्त घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई । प्रभावित स्थल के अगल-बगल के स्प्रिंकलर सिस्टम जो क्रियाशील अवस्था में थे उनके चल जाने के कारण आग का फैलाव बेसमेंट में नहीं हो सका तथा अग्निशमन विभाग और  केजीएमयू में नियुक्त  कर्मचारी के साथ किए जाने वाले मॉक ड्रिल का प्रभाव देखने को मिला ।

आग को बुझाने में अस्पताल के कर्मचारियों की रही अहम भूमिका

अग्निशमन विभाग के पहुंचने तक वहां के लोगों ने मॉक ड्रिल में सिखाई जाने वाली चीजों का अनुपालन करते हुए एक्सटिंग्विशर आदि उपकरणों की सहायता से आग के प्रसार को रोक रखा था तथा अग्निशमन विभाग के पहुंचने पर अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को आग बुझाने में अपना पूरा सहयोग भी दिया  जिस कारण एक बहुत बड़ी घटना को होने से पहले ही कुछ ही समय पर में रोक लिया गया। उक्त घटना में बेसमेंट में रखा कुछ मेडिकल समान ही जला है बाकी सामान बचा लिया गया। अगल-बगल के लोगों से पूछने पर पता चला कि  आग संभवतः इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी होगी।
इस बार महाकुंभ में 45 से 50 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद, सुरक्षा का खास रखा जा रहा ध्यान

लखनऊप। यूपी के प्रयागराज में 2025 में लगने वाले महाकुंभ भव्य व दिव्य बनाने की तैयारियां जोरों पर है। इसमें 45 से 50 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है। करोड़ों में आने वाले पर्यटक स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार देने का काम करेंगे। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ वेंडर और सेवा प्रदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों के पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के के कड़े इंतजाम किये जा रहे है।

प्रदेश में पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति-2022 को मंज़ूरी दी गई है। इसके बाद पर्यटन क्षेत्र के विकास ने गति पकड़ी है। नई पर्यटन नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ के निवेश और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पहले पर्यटन सेक्टर से जुड़े सर्विस प्रोवाइडर को कौशल विकास और प्रबंधन से जोड़ा जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ इसके लिए बड़ा मंच साबित हो रहा है।इस क्रम में महाकुंभ में पर्यटकों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने वाले सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। नाविकों, टूर गाइड, स्ट्रीट वेंडर और सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है। नाविकों की आय बढ़ाने और उनके क्षमता विकास के लिए पर्यटन विभाग 2000 नाविकों को प्रशिक्षण दे रहा है। राजधानी के मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान में इनकी ट्रेनिंग चल रही है।इसके बाद नाविक रिवर गाइड की भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे।

इससे नाविकों को रोजगार मिलेगा। विभाग प्रयागराज में 1000 टूर गाइड को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दे रहा है। अब तक 420 टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवा देने को तैयार हैं। क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी के अनुसार महाकुंभ के पहले इस ट्रेनिंग से 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही धार्मिक पर्यटन स्थलों के पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे।महाकुंभ के पहले पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं और जनशक्ति को कुशल बनाने के लिए टूर गाइड और नाविकों के साथ स्ट्रीट वेंडर और टैक्सी ड्राइवर को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनको पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनने, पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता आदि के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पर्यटन विभाग 600 स्ट्रीट वेंडर और 600 टैक्सी ड्राइवर को प्रशिक्षण देगा। अभी तक 250 स्ट्रीट वेंडर और 120 टैक्सी ड्राइवर को ट्रेनिंग दी गई है। अन्य का प्रशिक्षण चल रहा है।

इसके साथ ही महाकुंभ में आने के बाद पर्यटक व श्रद्धालु अपने आप को सुरिक्षत महसूस करें। इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था के तगड़े इंतजाम किये जा रहे है। चूंकि महाकुंभ के लिए तंबुओं का शहर बस रहा है। इस महाकुंभ नगरी में सुरक्षा और व्यवस्था हाईटेक होगी। प्रदेश के किसी जिले के मुकाबले सबसे ज्यादा 56 थाने होंगे। 144 पुलिस चौकी होगी। अभी कानपुर में सबसे ज्यादा 52 थाने हैं। महाकुंभ नगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा रहेगी। इसके अलावा आसमान और जल दोनों स्थानों से ड्रोन के माध्मय से निगरानी की जाएगी। ताकि गंगा और युमना नदीं में घुसकर कोई किसी प्रकार की वारदात न करने पाये।
बदायूं-मेरठ हाईवे पर भीषण सड़क हादसा,छह लोगों की मौत


लखनऊ। यूपी के बदायूं के मुजरिया थाना क्षेत्र में बदायूं-मेरठ हाईवे पर भीषण सड़क हादसा हो गया। मुजरिया गांव के पास बृहस्पतिवार सुबह करीब सात बजे ट्रैक्टर की टक्कर से टेंपो में सवार छह लोगों की मौत हो गई। पांच लोग घायल हुए हैं। इसी दौरान पीछे से आ रही कार डिवाइडर से टकरा गई। कार सवार लोगों को मामूली चोट आई है। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने सभी को अस्पताल भिजवाया, जहां छह लोगों की मृत घोषित कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक टेंपो सवार लोग नोएडा में काम करते थे। ये सभी लोग दिवाली मनाने के लिए टेंपो बुक कर वहां से घर लौट रहे थे। सुबह करीब सात बजे इनका टेंपो मुजरिया गांव के समीप पहुंचा। बताया जा रहा है कि हाईवे पर गलत दिशा से ट्रैक्टर आ रहा था, जिससे टेंपो टकरा गया। इसी बीच पीछे से आई कार भी डिवाइडर से टकरा गई। ट्रै्क्टर की टक्कर से टेंपो के परखच्चे उड़ गए। चीख-पुकार मचने पर आसपास के लोग जुट गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची थाना पुलिस ने एंबुलेंस से सभी घायलों को अस्पताल भिजवाया, जहां छह लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। मरने वालों में एक बच्चा भी शामिल एक मृतक की पहचान अतुल निवासी गांव मिर्जापुर थाना उझानी के तौर पर हुई है। पुलिस अन्य मृतकों की शिनाख्त कराने का प्रयास कर रही है। वहीं जानकारी होते ही डीएम और एसएसपी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों का हाल जाना। उधर, पुलिस ने ट्रैक्टर को कब्जे में लिया है। उसका चालक फरार हो गया है।
सरकार और प्रशासन जनता को नहीं दे पा रहे न्याय : अखिलेश यादव
लखनऊ/हरदोई। प्रशासन अगर जनता की सुनने लगे तो आज जो घटना जौनपुर (किशोर की जमीनी विवाद में हुई हत्या) में हुई है ऐसी घटना नहीं होगी। प्रशासन और सरकार के लोग न्याय नहीं दे पा रहे हैं। जौनपुर इससे पहले एक बिंद परिवार के नौजवान को पीट-पीट कर पुलिस ने मार दिया। उसी जिले में एक यादव की हत्या हुई। अभी कुछ दिन पूर्व लखनऊ में मोहित पांडेय की हत्या कर दी गई। उससे पहले एक गौतम नाम के युवक की हत्या हुई। ये जो कस्टोडियाल डेथ पहले कभी नहीं हुई होगी। इतना भ्रष्टाचार कभी नहीं हुआ होगा।

यह बातें बुधवार को हरदोई पहुंचे समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कही। वे पूर्व एमएलए राजेश्वरी देवी के आवास मृत पुत्र को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। अखिलेश ने कहा कि भाजपा लोगों को बचाती नहीं फंसाती है। भाजपा किसी की सगी नहीं है। ये हम नहीं उन्हीं के पार्टी वालों से पूछो। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पीडीए की ताकत से घबराकर ये नारा (बंटेंगे तो कटेंगे) दिया गया है। पीडीए की बढ़ती हुई ताकत से बीजेपी घबराई हुई है। ये किस लैब में तैयार हुआ और कौन इसके लिए उपयोगी व्यक्ति हो इसके लिए हमारे मुख्यमंत्री को आगे लाया गया। इस बार पीडीए लोगों को जोड़ेगा। घबराई बीजेपी इसीलिए ऐसे नारे दे रही है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि पीडीए परिवार वो है जो सामाजिक न्याय की लड़ाई एवं सामाजिक सद्भाव को आगे बढ़ाना चाहता है। अगर आज कोई भाईचारा बचा रहा है तो पीडीए परिवार ही बचा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार की स्ट्रैटजी बहुत साफ है, पहले तो झूठा फंसाओ और फिर मीडिया के माध्यम से बदनाम कर दो की कोई अगर मदद करने आए तो उसे भी प्रशासन की मदद से झूठे मुकदमे लगाकर फंसा दो। अगर मीडिया या पत्रकार कोई सच्चाई दिखा दे तो उसे पर भी ऐसा मुकदमा लगेगा कि हाईकोर्ट तक के चक्कर लगाता रहे।

अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के सवाल पर कहा कि नौ के नौ चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लोग हारने जा रहे हैं। पीडीए की ताकत बढ़ती चली जा रही है, पीडीए से लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। एक जगह चुनाव नहीं हो रहा है जिस सीट पर चुनाव नहीं हो रहा है वहां मुख्यमंत्री लगातार दौरे कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कहा कि उस सीट पर इंटरनल सर्वे में भी जब हार की जानकारी हुई तो उन्होंने ही चुनाव को टाल दिया है। यह चुनाव नहीं टाला है बल्कि जनता के गुस्से का सामना नहीं कर पा रही है बीजेपी। जहां चुनाव हो रहे हैं वहां सरकार अधिकारियों को आगे करके चुनाव लड़ रही है। इसके बावजूद भी वह नौ सीटें हारने जा रहे है।

भारतीय जनता पार्टी के लोगों के पास कोई काम नहीं है। नौकरी नहीं दे पा रहे हैं, लगातार महंगाई बढ़ रही है। जनता के साथ भेदभाव हो रहा हो। इसलिए इस तरह के राजनीतिक बयान दिए जा रहे हैं जो आज तक किसी भी दल द्वारा नहीं दिए गए। पत्रकारों से बातचीत के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्व एमएलसी राजपाल कश्यप के आवास के लिए रवाना हो गए।
सपा मुख्यालय के बाहर लगी 'न बटेंगे न कटेंगे, पीडीए के संग रहेंगे' की होर्डिंग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव को लेकर मतदाताओं को साधने के लिए राजनीतिक दलों के बीच होर्डिंग्स वार जारी है। भाजपा के 'बंटोगे तो कटोगे' की लगी होर्डिंग्स का जवाब समाजवादी पार्टी ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर होर्डिंग लगाकर दिया है। हालांकि सपा की ओर से यह होर्डिंग अधिकारिक रुप से लगी या नहीं इसकी पुष्टि नहीं है। यह होर्डिंग सपा नेता अमित चौबे के सौजन्य से लगाई गई है जिसमें लिखा है कि 'न बटेंगे न कटेंगे, पीडीए के संग रहेंगे' जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।

समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय के बाहर बुधवार को महाराजगंज के फरेंदा विधानसभा से नेता अमित चौबे के सौजन्य से एक होर्डिंग लगाई गई है। इस होर्डिंग में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को 2027 के सत्ताधीश के साथ भाजपा के एक सियासी सुर्खियां बने स्लोगन 'बंटोगे तो कटोगे' पर कटाक्ष किया गया है। इसमें लिखा है कि 'न बटेंगे न कटेंगे, पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के संग रहेंगे। यह होर्डिंग मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में छा गई और राजनीतिक चर्चा का विषय बन गई।

इस पर वरिष्ठ पत्रकार मनीष पांडेय का कहना है कि राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता इन दिनों प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में जीत को लेकर सभी जोर आजमाइश कर रहे हैं। इसमें होर्डिंग-पोस्टर वॉर इन दिनों खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिए एक दूसरे के दलों और उनके पार्टी प्रमुखों को केन्द्र में रख कर 2027 चुनाव का माहौल तैयार किया जा रहा है। ऐसा इसलिए भी राजनीतिज्ञों द्वारा किया जा रहा है कि वह खुद भी चर्चा में बने रहे। इससे इतर भाजपा की होर्डिंग में केवल हिन्दुओं को संगठित करने की बात को मुख्यत: केन्द्र में रखा गया है। इससे साफ है कि राजनीतिक पार्टियां या उनके नेता की मंशा क्या है। फिलहाल जनता काफी जागरूक हो चुकी है वह सही-गलत का आंकलन कर उसी पार्टी या नेता को चुनेगी जिसका रास्ता राष्ट्रहित में होगा।
दीपावली पर 31 व  एक नवम्बर को अवकाश घोषित
लखनऊ। राज्य सरकार ने प्रदेश में दिवाली के अवसर पर दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी है। सरकार की तरफ से पहले एक दिन की छुट्टी घोषित थी। लेकिन तिथियों को लेकर विद्वान एकमत नहीं हो पाए। दिवाली मनाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है। कुछ लोग एक नवम्बर को दिवाली मनाने के पक्ष में हैं तो कुछ लोग 31 अक्टूबर को मनाए जाने के पक्ष में हैं।

इस प्रकार से उप्र में दो दिन दिवाली मनाई जा रही है। इसे देखते हुए उप्र की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक नवम्बर को भी अवकाश घोषित कर दिया है। उप्र सरकार की तरफ से इस संबंध में बुधवार को एक शासनादेश जारी कर दिया गया है।
सवर्ण समाज को न्याय के लिए किसी राजनेता,दल से आशा करना बेईमानी होगी: सूरज प्रसाद चौबे

लखनऊ। विगत दिवस मोहित पांडेय की दुःखद मृत्यु पुलिस कस्टडी मे हो गयी थी ,पीड़ित परिवार के इस दुख के घड़ी मे सवर्ण आर्मी का प्रतिनिधि मंडल परिवार से मिला,सम्बेदना व्यक्त किया, कहा की सवर्ण आर्मी न्याय के इस लड़ाई मे परिवार के साथ है ।

सवर्ण आर्मी के प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने कहा की मोहित पांडेय के लिए न्याय की मांग हर इंसान को करनी चाहिए,अगर आप मानव है तोआप मे मानवता है तो आप भी गरीब असहाय पीड़ित परिवार के न्याय मे आवाज उठाये ,मोहित पांडेय की जगह एस सी एस टी ओबीसी वर्ग का होता तो पक्ष बिपक्ष शासन प्रशासन सभी एक सुर मे बोलते नेसनल चैनल पर डिबेट होते पर ब्राह्मण ,सवर्ण मरा है सारे राज नेता खामोश है।

ब्राह्मण परिवारो की जब वोट बैंक साधना हो तो कोई परशुराम मंदिर बनाने की घोषणा करता है तो कोई ब्राह्मण उत्थान की ,जब जुल्म होता है तो ब्राह्मण समाज के ठीकेदार गायब हो जाते है बड़के नेता भी । सवर्न् समाज् को न्याय के लिए किसी भी राज नेता राजनितिक दल से आशा करना बेईमानी होगी ।सवर्ण आर्मी के प्रतिनिधि मंडल मे राष्ट्रीय महासचिव ठाकुर शिवम् सिंह संयोजक गोपाल जी पांडेय प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे मीडिया प्रभारी पुनीत ओझा जिला अध्यक्ष लखनऊ प्रभात दुबे रहे।

तेज रफ्तार डंपर ने बाइक सवार पिता और पुत्रों को रौंदा, तीनाें की हुई मौत ,शहर में बड़ा हादसा होने के बाद यातायात पुलिस पर उठे सवाल
लखनऊ/हमीरपुर। शहर में धनतेरस की रात भारी वाहनों की इन्ट्री होते ही तेज रफ्तार डंपर ने बाइक सवार पीडब्ल्यूडी कर्मी और उसके दो पुत्रों को रौंद डाला। हादसे में तीनों की मौत हो गई। बुधवार को पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पीडब्ल्यूडी में जयप्रकाश सविता (46) वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात थे। धनतेरस में खरीदारी के लिए मंगलवार की रात को वे अपने पुत्र आयुष (13), अर्थव (10) को बाइक में बैठाकर बाजार जा रहे थे। जैसे ही बाइक सवार तीनों पीडब्ल्यूडी दफ्तर के गेट से बाहर निकलकर हमीरपुर-कालपी राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे पहुंचे, तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार डंपर तीनों को रौंदते हुए आगे निकल गया। सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पिता और पुत्रों को आनन-फानन सदर अस्पताल की इमरजेंसी ले जाया गया, जहां दोनों मासूम बच्चों को डाॅक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। हालत गंभीर होने पर पिता को कानपुर रेफर कर दिया गया। थोड़ी ही देर में उन्होंने भी रास्ते में ही दम तोड़ दिया। हादसे में तीन लोगों की मौत से प्रशासन भी सकते में आ गया। एडीएम फाइनेंस विजय शंकर तिवारी, एएसपी मनोज कुमार गुप्ता, एसडीएम सदर पीपी पाठक व सीओ सदर राजेश कमल मौके पर पहुंचे। एएसपी ने बताया कि हादसे में पिता और पुत्रों समेत तीन की मौत हो गई है। डंपर को कब्जे में ले लिया गया है।

हादसा होने के बाद यातायात पुलिस पर उठे सवाल

धनतेरस और दीपावली जैसे बड़े त्योहार को लेकर यातायात पुलिस पर भी अब सवाल खड़े हो गए हैं। करीब पांच किमी. के दायरे में बसे हमीरपुर शहर में धनतेरस की बाजार सजती है। दुकानदार सड़क किनारे दुकानें भी सजाकर हादसे की बड़ी वजह बनते हैं, बावजूद यातायात पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाए। यदि त्योहार के मद्देनजर भारी वाहनों की नो इन्ट्री रहती तो शायद इतना बड़ा हादसा शहर के अंदर न होता।
महाकुम्भ में फसाड लाइटों से जगमग होंगे संगमनगरी के पौराणिक मंदिर,19 करोड़ की मिली प्रशासकीय स्वीकृति, पर्यटन विभाग करा रहा फसाड लाइट का कार्य
प्रयागराज। प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में दुनिया के कोने-कोने से करोड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के पहुंचने का अनुमान है। इस भव्य आयोजन को स्मरणीय बनाने के लिए शहर की सड़कों, चौराहों, दीवारों के साथ मंदिरों और सेतुओं को भी सजाया संवारा जा रहा है। इन तैयारियों को देखते हुए दिन में तो संगमनगरी दिव्य नजर आएगी ही, साथ ही रात में इसकी आभा को अलौकिक बनाने के लिए भी योगी सरकार ने पहल की है। प्रयागराज के कई पौराणिक मंदिरों और इमारतों पर फसाड लाइटिंग की व्यवस्था इसी तैयारी का हिस्सा है।

फसाड लाइटिंग से जगमग होंगे कुम्भनगरी के 5 पौराणिक मंदिर

धार्मिक नगरी प्रयागराज को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यहां के पौराणिक मंदिर आस्था और आकर्षण का केंद्र रहते हैं। महाकुम्भ में प्रदेश की योगी सरकार इन्हें नव्य स्वरूप प्रदान कर रही है।

18.94 करोड़ की धनराशि की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी

प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि जिले के पांच पौराणिक मंदिरों में इस बार फसाड लाइटिंग का कार्य किया जा रहा है। जिन मंदिरों का इसके लिए चयन किया गया है उसमें मां अलोप शंकरी देवी मंदिर, श्री शंकर विमान मण्डपम मंदिर, सिविल लाइन्स का श्री हनुमंत निकेतन मंदिर, श्रृंगवेरपुर धाम का श्रृंगी ऋषि मंदिर और नागवासुकी मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा यमुना किनारे स्थित किले और शास्त्री पुल में भी फसाड लाइटिंग का कार्य होगा। इसके लिए 18.94 करोड़ की धनराशि की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है।

नाइट टूरिज्म के लिए वरदान बनेगी नई प्रकाश व्यवस्था

फसाड लाइटिंग सामान्य प्रकाश व्यवस्था से बिल्कुल अलग होती है। इसका उपयोग सूर्यास्त के बाद किसी इमारत की वास्तुकला की सुंदरता को उभारने में किया जाता है। सामान्य प्रकाश व्यवस्था में जहां संरचना को प्रकाशित करना महत्वपूर्ण होता है तो वहीं फसाड लाइटिंग में उस इमारत या संरचना को कलात्मक अंदाज में प्रकाशित करना होता है जिससे यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता है।

रात में किसी इमारत या संरचना की सुंदरता को खूबसूरत अंदाज में उजागर करने के कई तरीके हो सकते हैं। यह तरीका उस संरचना पर निर्भर करता है जिसे रोशन करना है। इसमें स्पॉटलाइट, फ्लड लाइट, लैंडस्केप स्पॉटलाइट, रिसेस्ड डाउन लाइट, ट्रैक लाइट, लीनियर लाइट और पैनल लाइट का इस्तेमाल किया जायेगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के मुताबिक महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक रात्रि के समय इन मंदिरों के इस सुसज्जित और भव्य रूप में देख सकेंगे। इससे नाइट टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।