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परिवार नियोजन के साथ रक्त अल्पता से बचा रही है साप्ताहिक गोली छाया

गोरखपुर।पादरी बाजार निवासी पूजा (28) की बड़ी बेटी छह साल की है और और छोटा बेटा तीन साल का। दंपति अब बच्चा नहीं चाहते लेकिन नसबंदी तब कराना चाहते हैं जब उनका बेटा पांच साल से अधिक उम्र का हो जाएगा। पिपराईच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर परिवार नियोजन परामर्शदाता की सलाह पर उन्होंने परिवार नियोजन के उपलब्ध सभी साधनों में से साप्ताहिक गोली छाया का चुनाव किया।

चिकित्सक की देखरेख में उन्होंने यह दवा शुरू की । अगले माह उनका मासिक अनियमित होने लगा। मासिक धर्म में खून की मात्रा भी कम हो गई। घबरा कर उन्होंने परिवार नियोजन परामर्शदाता रीना से बात की तो उन्हें समझाया गया कि यह एक नान हार्मोनल गोली है जिसके कारण यह बदलाव होता है और इस बदलाव के कारण महिलाओं में खून की कमी नहीं होने पाती है।

पूजा बताती हैं कि जब उनके मन का वहम दूर हो गया तो वह प्रति सप्ताह इस दवा का सेवन करने लगीं । एक वर्ष से दवा का सेवन कर रही हैं लेकिन कभी भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा । जब उन्होंने यह दवा शुरू की थी तो तीन महीने तक सप्ताह में दो गोली खानी होती थी और उसके बाद से प्रति सप्ताह सिर्फ एक गोली खाती हैं। दवा से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है।

पिपराईच सीएचसी की परिवार नियोजन परामर्शदाता रीना का कहना है कि जब कोई दंपति साप्ताहिक गोली छाया का चुनाव करते हैं तो पहले महिला को चिकित्सकीय परामर्श दिलवाया जाता है। अगर सेवा आयुष्मान आरोग्य मंदिर से दी जाती है तो टेलीकंसल्टेशन के जरिये चिकित्सकीय परामर्श लेते हैं। साप्ताहिक छाया गोली प्रसव के तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने के तुरंत बाद, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं । जिन महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट, बच्चेदानी के मुंह में बदलाव, पीलिया या लीवर के बीमारी का इतिहास, किसी भी प्रकार की एलर्जी और टीबी या गुर्दे जैसी कोई गंभीर बीमारी हो तो वह इस साधन को न अपनाएं ।

1.25 लाख छाया वितरित हुई

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एके चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1.25 लाख साप्ताहिक छाया गोली सरकारी प्रावधानों के तहत लाभार्थियों को वितरित की गईं। वर्ष 2017-18 में इस गोली की सुविधा सिर्फ जिला महिला अस्तपाल पर उपलब्ध थी । उस समय सिर्फ 746 छाया गोली वितरित हुई थी। वर्ष 2018-19 में 1184, वर्ष 2019-2020 में 19417, वर्ष 2020-21 में 35547, वर्ष 2021-22 में 69364 और 2022-23 में करीब एक लाख साप्ताहिक गोली छाया वितरित की गई। वर्ष 2019-20 के बाद से ही यह सुविधा सभी सीएचसी, पीएचसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर और स्वास्थ्य उप केंद्र पर साप्ताहिक गोली छाया उपलब्ध है।

वीडियो के जरिये दे रहे हैं अहम संदेश

साप्ताहिक गोली छाया के बारे में एक वीडियो संदेश के जरिये लाभार्थियों को बताया जा रहा है कि अगर गोली खाना भूल गए एक सप्ताह हो गया है, और असुरक्षित संबंध बन जाए तो सबसे पहले इस दवा का सेवन बंद कर दें। इमर्जेंसी पिल्स खाएं और माहवारी आने का इंतजार करें। जब एक बार माहवारी आ जाए तो पुनः पहले तीन महीने सप्ताह में दो गोली का सेवन करें और उसके बाद प्रत्येक सप्ताह एक गोली खाएं। जब तक बच्चा नहीं चाहिए, तब तक दवा का सेवन करते रहें।

छात्र ने प्रधानाचार्य की गाड़ी की शीशा तोड़ा, थाने में शिकायत

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के रमपुरवां इंटरकाॅलेज के प्रधानाचार्य डॉ.महानंद द्विवेदी के चार पहिया वाहन का शीशा मनबढ़ छात्र ने ईंट से हमला करके तोड़ दिया। प्रधानाचार्य द्वारा इसकी शिकायत खजनी थाने में की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार मनबढ़ छात्र कक्षा 11 वीं का विद्यार्थी है। इंटरकॉलेज में छात्रों से अकारण मारपीट करने पर उसे निष्कासित किया गया था, किंतु गृह परीक्षाओं के दौरान उसे पुनः अवसर देने के लिए प्रधानाचार्य ने अभिभावकों के साथ उसे विद्यालय में बुलाया गया था। पहले वह छात्र गांव के किसी व्यक्ति को अपना अभिभावक बना कर ले गया था, जिसे अनुमति नहीं दी गई थी। छात्र के पिता नहीं हैं वह अपनी मां को लेकर विद्यालय पहुंचा था।

बताया गया कि विद्यालय द्वारा मनबढ़ छात्र के खिलाफ सख्ती बरते जाने से मनबढ़ छात्र और आक्रोशित हो गया। छुट्टी के बाद अपने चार पहिया वाहन से घर लौट रहे प्रधानाचार्य डाॅक्टर महानंद द्विवेदी के चार पहिया वाहन यूपी 32 एलडब्ल्यू 9027 से घर लौट रहे थे उसवां बाबू गांव के पास आरोपित छात्र ने ईंट से हमला कर दिया जिससे वाहन छतिग्रस्त हो गया।

प्रधानाचार्य ने खजनी थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने उन्हें प्रभावी विधिक कार्रवाई का भरोसा दिया।

सीएम योगी की नीतियों से यूपी के खेल क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन : गिरीश चंद्र यादव

गोरखपुर। रामगढ़ताल में आयोजित सब जूनियर नेशनल रोइंग चैंपियनशिप का उद्घाटन बुधवार को प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने किया। 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु बनाई गई नीतियों से उत्तर प्रदेश के खेल क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। 

सीएम योगी के नेतृत्व में जल्द ही रामगढ़ताल रोइंग समेत जल क्रीड़ा की गतिविधियों के एक बड़े केंद्र के रूप में स्थापित होगा और यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन संभव होगा।

खेल मंत्री ने कहा कि सब जूनियर नेशनल रोइंग चैंपियनशिप में 20 राज्यों की टीमें प्रतिभाग कर रहीं हैं। यहां आए खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए 26 अक्टूबर को समापन समारोह में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के अंतर्गत रोइंग प्रतियोगिता का आयोजन गोरखपुर के रामगढ़ ताल में किया गया था और अब सब जूनियर नेशनल रोइंग चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश और विशेष रूप से गोरखपुर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। 

खेल मंत्री श्री यादव ने कहा कि रोइंग के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के कई खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। रोइंग में पदक जीतने वाले मुजफ्फरनगर के पुनीत कुमार को प्रदेश सरकार ने लक्ष्मण अवार्ड से सम्मानित किया है और वह खेल कोटा से देवरिया में जिला युवा कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात हैं। पदक विजेता लखनऊ के कुदरत अली, बुलंदशहर के अरविंद सिंह, हापुड़ के लोकेश कुमार भी प्रशिक्षक के रूप में तैनात हैं। संतकबीरनगर के राजेश कुमार ने एशियन गेम्स 2010 में दो रजत पदक जीते थे। इस प्रकार उत्तर प्रदेश में रोइंग के क्षेत्र में प्रबल संभावनाएं दिख रही है और यह स्थानीय खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में प्रेरणा प्रदान करेगी।  

पदक विजेताओं की सरकार कर रही सीधी भर्ती

श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स,खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, सांसद खेल स्पर्धा की शुरुआत कर और खेल बजट को तीन गुना करके खिलाड़ियों को हर प्रकार से प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि 2017 से उत्तर प्रदेश सरकार ने खेल के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पहली बार यूपी में खेल नीति बनाई गई। इसके अंतर्गत खिलाड़ियों को हर प्रकार से मदद करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे खिलाड़ी जो ओलंपिक, पैराओलंपिक, एशियन गेम्स तथा राष्ट्रमंडल आदि में पदक लाएंगे उन्हें राजपत्रित अधिकारी बनाने का निर्णय लिया गया है। यह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से इतर सीधी भर्ती होगी। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में प्रदेश सरकार ने ओलंपिक, पैराओलंपिक तथा एशियन गेम्स में पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाया है। यही नहीं, सभी भर्तियों में दो प्रतिशत स्पोर्ट कोटा लागू किया गया है। 

खेल के क्षेत्र में मिलेंगी और सुविधाएं

खेल मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में खेल के क्षेत्र में अनेक प्रकार की और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सीएम योगी के निर्देश पर चंदौली, संभल, हापुड़ व शामली ममें भी बड़े स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। हर विकास खण्ड स्तर पर ग्रामीण मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीण स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार हर सम्भव सुविधा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। खेल नीति के तहत आज खिलाड़ियों को प्रदेश के बाहर जाने के लिए ट्रेन में थ्री टियर की सुविधा भी सरकार प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों को एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत सुविधा प्रदान की जा रही है। रोइंग चैंपियनशिप के शुभारंभ अवसर पर यूपी रोइंग एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं आगरा की विधायक रानी पक्षालिका सिंह, विधायक महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा, यूपीआईआरए उपाध्यक्ष राणा राहुल सिंह, तमिलनाडू रोइंग के बालाजी, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर सहित खेल विभाग और प्रशासन के कई अधिकारी उपस्थित रहे।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय मे भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ त्रिदिवसीय किसान एक्सपो-2024

सूबे कैबिनेट मंत्री (कृषि) सूर्य प्रताप शाही, मुख्य अतिथि तथा गोरखपुर के सदर सांसद रवि किशन, विशिष्ट अतिथि की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ समापन समारोह। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर मे विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान तथा इन्टरेस्ट आर्ट इक्जिहीबिशन, गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान मे त्रिदिवसीय किसान एक्सपो-2024 का आयोजन 21-23 अक्टूबर को किया गया। इसमे देश भर की कृषि कम्पनियों ने अपने अपने स्टाल के माध्यम से अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई थी। लगातार तीन दिनों तक बङी संख्या मे किसान व कृषि के छात्र ने स्टालों पर जाकर जानकारी प्राप्त की।

किसान एक्सपो के आखिरी दिन मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही रहे। कैबिनेट कृषि मंत्री ने अपने उद्बोधन मे वृहद स्तर पर किसान एक्सपो के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय तथा विश्वविद्यालय की कुलपति को बधाई दी। उन्होनें अपने उद्बोधन मे कृषि के क्षेत्र मे विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यो की विस्तार से चर्चा की। उन्होने कहा कि हर प्रखंड मे लगाए जाएंगे मौसम सूचना केन्द्र। वर्षा के बारे किसानो को दी जाएगी सूचना।

सूचना के आधार पर किसान अपनी बुवाई का समय निर्धारित कर सकेंगे। पूर्वांचल मे मौसम की सूचना के आधार पर बुवाई कर बढा सकेंगे अपनी उत्पादकता। अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड मे कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा कृषि संस्थानों के माध्यम से नयी नयी परियोजनाएं संचालित की जाएंगी। कृषि मन्त्री ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान को भी इसमे शामिल करने की बात कही। दलहन व तिलहन की उत्पादकता बढाने पर सरकार का जोर। पिछले 3-4 वर्षों मे कृषि उत्पादन मे आशातीत वृद्धि।

विश्वविद्यालय मे कृषि संस्थान के विकास के लिए हर संभव सहायता करेगी सरकार। कृषि संस्थान के द्वारा कृषि एवं शोध के क्षेत्र मे किए जा रहे प्रयास की सरहना की तथा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टण्डन को बधाई दी। समापन समारोह के विशिष्ट अतिथि लोकप्रिय सदर सांसद और भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार रवि किशन रहे। रवि किशन ने स्वयं को एक किसान का बेटा बताते हुए अपनी उपलब्धियों के माध्यम से उपस्थित छात्रों मे जोश भर दिया। उन्होने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी भी नौजवान छात्र के लिए कुछ भी असंभव नही। उन्होंने गांव-देहात की लङकियों को चौका चूल्हा से निकल कर अपने सपने हासिल करने के लिए प्रेरित किया उन्होंने अपनी आस्कर नामित फिल्म "लापता लेडीज" की चर्चा करते हुए छात्राओं को आगे बढने की प्रेरणा दी, जिसमे गांव की एक लङकी आर्गेनिक फार्मिंग के माध्यम से अपने सपने पूरा करना चाहती है।

अपने उद्बोधन के अंत मे छात्रों की विशेष मांग पर भोजपुरी मे गाना सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो शान्तनु रस्तोगी ने विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के द्वारा इतने बङे स्तर किसान एक्सपो आयोजित करने के लिए सराहना करते हुए कहा कि यह एक्सपो पूर्वांचल के किसानों तथा कृषि संस्थान के छात्रों व शिक्षकों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पद्मश्री डॉ रामचेत चौधरी ने पूर्वांचल मे कालानमक चावल के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ बनाने के लिए अपने प्रयासों के बारे मे विस्तार से बताया। समारोह की शुरूआत मे कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो शरद कुमार मिश्र ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टण्डन के द्वारा कृषि संस्थान के विकास के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों के बारे मे बताया।

उन्होने विश्वविद्यालय की कृषि संस्थान की उपलब्धियों के बारे मे विस्तार से बताया। मंच पर अतिथि के रूप मे विश्वविद्यालय के कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो राजवन्त राव, विश्वविद्यालय के नियंता प्रो गोपाल प्रसाद तथा इन्टरेस्टिंग आर्ट इक्जिहीबिशन के मैनेजिंग डाइरेक्टर संदीप सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरूआत के पूर्व मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही तथा प्रति कुलपति प्रो शान्तनु रस्तोगी ने सभी स्टालों पर विजिट किया। कार्यक्रम का संचालन कृषि संस्थान की शिक्षक डॉ सरोज चौहान ने किया। कार्यक्रम के अन्त मे कृषि संस्थान के छात्र/छात्राएं जिन्होने किसान एक्सपो-2024 मे प्रतिभाग किया, उनको सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे विश्वविद्यालय के प्रो विमलेश मिश्र, डा महेन्द्र सिंह, डॉ अभिषेक शुक्ल, डा कुशलनाथ मिश्र, डा मनीष पाण्डेय तथा कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के सभी शिक्षक उपस्थित रहे। किसान एक्सपो मे बङी संख्या मे किसान, छात्र व आम नागरिक उपस्थित रहे।

गोष्ठी के दौरान अलंकृत होंगे पत्रकार, समाजसेवी

गोरखपुर । जर्नलिस्ट एसोसिएशन और प्रेस क्लब गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 10 नवंबर को एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा तथा इस दौरान पत्रकारिता की चुनिंदा हस्तियों को याद करते हुए उनकी स्मृति में वरिष्ठ पत्रकारों और समाजसेवियों को सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह और प्रेस क्लब गोरखपुर के अध्यक्ष मृत्युंजय शंकर सिंहा ने दी।

श्री रत्नाकर सिंह ने बताया की समाज को आज पत्रकारों से बहुत अपेक्षाएं हैं, लेकिन बहुत स्थितियां ऐसी आती है जहां पत्रकारिता समाज के आरोपों के निशाने पर होती है। ऐसे में समाज की एक पत्रकार से और पत्रकारिता से क्या अपेक्षा है, इस संबंध में एक विचार गोष्ठी आयोजित की जाएगी, गोष्ठी का विषय प्रवर्तन आकाशवाणी के पूर्व समाचार संपादक श्री रमेश चंद्र शुक्ला करेंगे। तथा संचालन वरिष्ठ पत्रकार शफी आजमी और आकाशवाणी उद्घोषिका नूतन मिश्रा संयुक्त रूप से करेंगे। गोष्ठीमें जी न्यूज़ के पूर्व स्टेट हेड, राइटर और वरिष्ठ पत्रकार मनोज राजन त्रिपाठी मुख्य वक्ता होंगे। समारोह की अध्यक्षता गोरखपुर के महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव करेंगे। गोरखपुर क्लब सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ऑस्कर के लिए नामित फिल्म कलाकार और गोरखपुर के लोकप्रिय सांसद रवि किशन शुक्ला उपस्थित रहेंगे. विशिष्ट अतिथि के रूप में लेखक और वरिष्ठ विधिवेत्ता पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश त्रिपाठी, रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री पंकज सिंह और गोरखपुर की पूर्व महापौर

श्रीमती अंजू चौधरी के साथ विधायक विपिन सिंह और बस्ती से विधायक और पूर्व सहायक सूचना निदेशक श्री हंसूराम उपस्थित रहेंगे.

श्री सिंह ने बताया कि इस अवसर पर गोरखपुर की पत्रकारिता को एक निर्णायक धार देने वाले पत्रकार श्री स्वर्गीय रोहित पांडे, स्वर्गीय रत्नेश मिश्रा दूरदर्शन, स्वर्गीय दिनेश राय आकाशवाणी गोरखपुर और स्वर्गीय राजीव केतन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फोटो जर्नलिस्ट की स्मृति में श्री शलभमणि त्रिपाठी, श्री वागीश धर द्विवेदी, श्री अभिलाष भट्ट और श्री धीरज श्रीवास्तव को सम्मानित किया जाएगा। गोरखपुर में समाज सेवा का एक आयाम निर्धारित करने वाले स्वर्गीय समाजसेवी डॉक्टर अशोक श्रीवास्तव को प्रख्यात समाजसेवी स्वर्गीय बालकृष्ण बजाज स्मृति लाइफटाइम सम्मान से विभूषित किया जाएगा। इनके साथ ही महिला शक्ति के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की वर्तमान उपाध्यक्ष श्रीमती चारु चौधरी और देवरिया नगर पालिका परिषद की विगत तीसरे टर्म में अध्यक्ष श्रीमती अलका सिंह को नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

*श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता*

खजनी गोरखपुर।कस्बे में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के छठवें दिन अयोध्यावासी कथा व्यास भागवताचार्य पंडित प्रदीप मिश्र शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाओं का विस्तार सहित वर्णन किया। इस दौरान भगवान के नामकरण पूतना वध के साथ माखन चोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। पं. मिश्रा ने कहा कि भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस द्वारा भेजे गए सभी राक्षसों का संहार किया वहीं माता यशोदा और ब्रज के लोगों को भक्ति आनंद प्रदान किया।

इस अवसर पर मुख्य यजमान गौरीशंकर वर्मा, प्रमिला वर्मा गोरखपुर सदर सांसद रवि किशन शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिकेश राम त्रिपाठी, पूर्व सांसद प्रतिनिधि एड.विनोद कुमार पांडेय, सरस्वती शिशु मंदिर खजनी के प्रधानाचार्य बृजराज मिश्र राम अशीष तिवारी, संतोष तिवारी, विरेंद्र वर्मा, डाक्टर रघुपति यादव बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता कथा में शामिल हुए।

समाजवादी छात्र सभा महानगर के अध्यक्ष के नेतृत्व में निकाली गई पदयात्रा

गोरखपुर। समाजवादी छात्र सभा महानगर अध्यक्ष अनूप यादव ईश्वर के नेतृत्व में गोरखपुर विश्वविद्यालय से चलकर जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल को संबोधित विभिन्न चार सूत्री मांगों को लेकर मौजूद संबंधित अधिकारी को ज्ञापन सोपा गया।

ज्ञापन में मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न देने, गोरखपुर विश्वविद्यालय सहित अन्य महाविद्यालयों में छात्र संघ बहाली, गोरखपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं प्राइवेट डॉक्टरों की फीस निर्धारित किए जाने की मांग की गई

काठमांडू संगोष्ठी पर उन्नत सामग्री (KaSAM-2024) ने वैश्विक सहयोग को किया मजबूत

गोरखपुर।काठमांडू संगोष्ठी पर उन्नत सामग्री (KaSAM-2024) का 5वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एक प्रतिष्ठित आयोजन के रूप में उभरा है, जिसमें वैश्विक स्तर पर विद्वान, शोधकर्ता, छात्र और पेशेवर शामिल हुए। यह आयोजन नेपाल के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान त्रिभुवन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDUGU) ने साझेदारी की। इस वर्ष संगोष्ठी का विषय “जलवायु परिवर्तन में उन्नत सामग्री” था, जो इसके उद्देश्य को रेखांकित करता है।

इस आयोजन ने उन्नत सामग्री और उनके उपयोग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श और ज्ञान-विनिमय के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया।

उद्घाटन सत्र में प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, ने सतत विकास के लिए उन्नत सामग्री पर अपने मुख्य भाषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान और मशीन लर्निंग जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये तकनीकें उन्नत सामग्री विज्ञान अनुसंधान को नए आयाम दे सकती हैं और सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती हैं।

त्रिभुवन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशर जंग बराल ने अपने अतिथि व्याख्यान में KaSAM-2024 द्वारा सामग्री विज्ञान अनुसंधान और इसके विकास के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक बुद्धिमत्ता, कठोर परिश्रम, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सफलता की कुंजी हैं।

संगोष्ठी के अध्यक्ष प्रो. रमेश्वर अधिकारी ने इस 5वें अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के सभी सह-आयोजकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

KaSAM-2024 का एक महत्वपूर्ण पहलू दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और त्रिभुवन विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान वैश्वीकरण को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर था।

प्रो. पूनम टंडन के नेतृत्व में, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधिमंडल त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल का दौरा किया और इस MoU पर हस्ताक्षर किए। त्रिभुवन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशर जंग बराल ने इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डी.डी.यू. गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ सहयोग के प्रति गहरी रुचि व्यक्त की।

इससे पहले, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंध निदेशक डॉ. बिनोद जोशी ने दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का स्वागत किया और MoU के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

अपने संबोधन में, प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक और अनुसंधान उन्मुखियों में समान रुचि है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैविक विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों के इंटर्नशिप और शोध परियोजनाओं के लिए भी खुले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सहयोग विचारों और अवसरों के आदान-प्रदान की गति को निश्चित रूप से बढ़ाएगा।

इस अवसर पर त्रिभुवन विश्वविद्यालय के प्रो. एम.एल. शर्मा, प्रो. रमेश्वर अधिकारी, और दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य प्रो. दिनेश यादव, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ निदेशक, प्रो. राजर्षि कुमार गौड़, जैव प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय प्रकोष्ठ निदेशक डॉ. रामवंत गुप्ता, डॉ. अम्बरीश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

यह समझौता ज्ञापन दोनों विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग का एक नया अध्याय स्थापित करता है और शैक्षणिक एवं अनुसंधान में संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर नए अवसर पैदा करेगा

विश्वविद्यालय में कल आएंगे उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में लगे किसान मेले के दूसरे दिन भी खूब रौनक देखने को मिली. यह तीन दिवसीय मेला कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान तथा इंटरेस्ट आर्ट एग्जिबिशन कंपनी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ है.पूर्वांचल के इस सबसे बड़े किसान एक्सपो-2024 का शुभारंभ कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने किया था ।

यह किसान एक्सपो एक व्यापक मंच प्रदान कर रहा है जहाँ कृषि से जुडी नई तकनीकों के बारे में लोग जागरूक हो रहे हैं । यह मेला उत्पादन करने वाली कंपनियों, उपयोग करने वाले उपभोक्ता किसानों, इसके बारे में तकनीकी विशेषता का ज्ञान रखने वाले विशिष्ट विशेषज्ञों तथा जिज्ञासा रखने वाले विद्यार्थियों को माकूल सुनहरा मंच प्रदान कर रहा है क

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र हेतु लगे प्रदर्शनी पर सैकड़ों लोगों का तांता लगा रहाक ज्ञान धारा कंपनी द्वारा कई किस्म के पशु आहार को प्रदर्शित किया गया. उन्होंने भविष्य में अपनी कंपनी के द्वारा कृषि छात्रों के लिए प्लेसमेंट के अवसरों पर चर्चा की.

आयोजकों के अनुसार किसान एक्सपो में लगातार स्टॉल की संख्या में बढ़ोतरी, इसके सफल आयोजन को प्रदर्शित करता है.किसान एक्सपो में बड़ी संख्या में कृषि से संबंधित कंपनियों ने अपने स्टाल लगाए हैं.जहां पर मेस्सी फेर्गुसन का मिनी ट्रैक्टर आकर्षण का केंद्र रहा क जो छोटे फॉर्म की खेती के लिए विशिष्ट विकल्प है.बड़ी संख्या में विद्यार्थियों एवं किसानों ने इस मिनी ट्रेक्ट्रर की तकनिकी विशेषता को समझा.

इसके अलावा रासायनिक खाद तथा पेस्टिसाइड के छिड़काव के लिए ड्रोन तथा अन्य उपकरणों का भी प्रदर्शन कंपनियों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है क राष्ट्रीय बीज निगम के डॉक्टर योगेंद्र यादव ने अपनी फसलों से बीज उत्पादन पर तकनीकी जानकारी दी क महिला किसान भागीरथी द्वारा लगाए गए हर्बल स्टॉल पर हर्बल कॉस्मेटिक्स भी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. कृषि विभाग के परास्नातक के छात्रों ने काला नमक वैरायटी की प्रस्तुति की, जिसमें उन्होंने उच्चतम गुणवत्ता वाले काला नमक चावलों की विशेषताएं साझा किया। इसके अलावा बीएससी के छात्रों ने ऊर्ध्वाधर खेती का डेमोंसट्रेशन दिया जिसमें कम जमीन पर अधिक फैसले तैयार की जा सकती हैंक

किसान एक्सपो के तीसरे दिन श्री सूर्यप्रताप शाही, माननीय कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे क समापन समारोह में कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया जायेगा.

विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शोधार्थी एवं शिक्षकों के अतिरिक्त आम लोगों की उपस्थित से मेले में खूब रौनक बनी हुई है. पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर रामचेत चौधरी जी की काला नमक के स्टॉल पर लगातार उपस्थिति से मेले की सार्थकता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

आंध्रा,तेलंगाना, महाराष्ट्र,राजस्थान, दिल्ली भी टेरोकोटा के मुरीद

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वर्ष 2018 में टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल किए जाने के बाद इससे जुड़े शिल्पकारों के दिन बहुर गए हैं। ओडीओपी में शामिल होने से पहले दम तोड़ रहे इस शिल्प की धूम अब पूरे देश में हुई है। शिल्पकारों के पास काम इतना कि दम लेने की फुर्सत नहीं। साल दर साल टेराकोटा उत्पादों की बढ़ रही मांग के बीच शिल्पकारों की कारोबारी दिवाली नवरात्र से पहले ही जगमग हो चुकी है। देश के अलग अलग राज्यों में करीब 30 ट्रक टेराकोटा उत्पादों की सप्लाई करने के बाद गोरखपुर के शिल्पकार दिवाली के लिए स्थानीय बाजार के लिए उत्पादों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

दशहरा और दिवाली को लेकर गोरखपुर के टेराकोटा उत्पादों की मांग में गत वर्ष की तुलना में दोगुनी वृद्धि हुई है। त्योहारी डिमांड की सप्लाई शिल्पकारों द्वारा नवरात्र के पहले ही की जा चुकी है। राष्ट्रीय पुरस्कार के सम्मानित टेराकोटा शिल्पकार राजन प्रजापति बताते हैं कि इस बार उन्होंने दशहरा और दिवाली को लेकर 15 ट्रक उत्पादों की सप्लाई हैदराबाद, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली और राजस्थान के शहरों में की है। राजन ने पिछले साल 8 ट्रक टेराकोटा उत्पादों की आपूर्ति बाहरी राज्यों को की थी। राजन प्रजापति के अलावा पन्नेलाल प्रजापति ने 8 ट्रक, हरिओम आजाद ने 2 ट्रक, मोहनलाल व सोहनलाल प्रजापति ने 2 ट्रक और हीरालाल प्रजापति ने एक ट्रक उत्पादों की आपूर्ति की है। इन सभी के पास आए डिमांड नवरात्र और दशहरे के पहले ही पूरे किए जा चुके हैं।

गैर राज्यों को आपूर्ति के बाद अब सारा फोकस स्थानीय मार्केट के लिए उत्पाद तैयार करने पर

टेराकोटा शिल्पकारों का कहना है कि अब वह दिवाली पर लोकल मार्केट की मांग के अनुरूप अपने उत्पादों को अंतिम रूप दे रहे हैं। ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद लोकल मार्केट में भी टेराकोटा शिल्प की मांग दोगुनी से अधिक हो चुकी है।

जब बाबा ही हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं तो विज्ञापन की हमारी बल्ले बल्ले

ये सभी शिल्पकार टेराकोटा के बाजार में आए बम्पर बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। राजन प्रजापति कहते हैं कि हमें तो माल बेचने के लिए विज्ञापन की जरूरत ही नहीं पड़ती है। टेराकोटा की ब्रांडिंग खुद सीएम योगी ने इतनी अधिक कर दी है कि हमारे पास काम की भरमार रहती है। अभी 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में हुई यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में गोरखपुर के टेराकोटा शिल्प ने देश-दुनिया के आगंतुकों के समक्ष अपनी चमक बिखेरी। प्रतिभागी शिल्पकारों और कारोबारियों को काफी नए ऑर्डर भी मिले।

बेहतर संभावना देख नए लोग भी इस परंपरागत हुनर से जुड़े

शिल्पकारों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के पहले भो टेराकोटा शिल्पकारों के पास क्षमता तो थी लेकिन शासन के प्रोत्साहन और उचित प्लेटफार्म की कमी से इसका दायरा संकुचित होता जा रहा था। 2017 तक दम तोड़ रहे इस माटी शिल्प के लिए तारणहार बनकर आए। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2018 में टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया और फिर तबसे यह शिल्प नई ऊंचाई को छू रहा है। ओडीओपी में शामिल होने के बाद सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन के चलते टेराकोटा का कारोबार साल दर साल विस्तृत होता जा रहा है। स्थिति यह है कि आज पुराने शिल्पकारों के पास काम की कोई कमी नहीं है। यही नहीं, टेराकोटा की भविष्य से जुड़ी संभावना को देखकर बड़ी संख्या में नए शिल्पकार और कारोबारी भी इससे जुड़ चुके हैं।

योगी सरकार की मदद से उत्पादन बढ़ा, गुणवत्ता भी सुधरी

वास्तव में टेराकोटा का कायाकल्प तब हुआ जब सीएम योगी ने इसे गोरखपुर का ओडीओपी घोषित किया। ओडीओपी में शामिल होने के बाद टेराकोटा शिल्पकारों को संसाधनगत, वित्तीय व तकनीकी मदद तो मिली ही, सीएम की अगुवाई में ऐसी जबरदस्त ब्रांडिंग हुई कि इसके बाजार का अपार विस्तार हो गया। इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल, डिजाइन मशीन आदि मिलने से शिल्पकारों का काम आसान और उत्पादकता तीन से चार गुनी हो गई। गुणवत्ता अलग से निखर गई है।