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जाति के आधार पर हटाए जा रहे बीएलओ व पुलिस कर्मी: अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि आज कुशवाहा, मौर्य, सैनी, शाक्य समाज के हमारे जिम्मेदार नेता लोग समाजवादी के साथ आए हैं, मैं उनको बधाई देना चाहता हूं। हमें उम्मीद है आने वाले समय में यह पीडीए(पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की लड़ाई को और मजबूत बनाने का काम करेंगे।

अखिलेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पीडीए की दुश्मन है। प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में सिपाहियों को जाति के आधार पर हटाया जाता है। उपचुनाव से पहले बीएलओ को भी हटाया गया।अंबेडकरनगर जिले से खबर सुनने में यहां तक आ रही है कि जिलाधिकारी भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष बन गए हैं। क्या आईएएस एकेडमी में यही सिखाया जाता है?

सभा अध्यक्ष ने आज कानून व्यवस्था पूरी तरह से खराब है। बहराइच में हुए बीते दिनों दंगा को लेकर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दंगा कराने का काम अगर किसी ने किया तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने। उन्होंने कहा कि जब एक पत्रकार ने बहराइच की सच्चाई दिखाई तो उसकी पिटाई कर दी।

उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव का एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आईएनडीआईए (इंडिया) गठबंधन उप चुनाव लड़ेगा। हमारी बातचीत हो रही है, हम लोग फैसला कर लेंगे।

अखिलेश ने कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बेटियों के साथ अन्याय हो रहा है। कानून व्यवस्था जीरो हो गई है। बताइए पुलिस के साथ ही घटना हुई जा रही है। कानपुर में महिला सिपाही के साथ घटना हो का रही है। कानपुर में पुलिस द्वारा 25 लाख का सोना हड़प लिया जा रहा है। एक पूर्व डीजीपी लगातार कह रहे हैं कि यूपी पुलिस काफी दबाव में काम कर रही है। अगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ये बात कह रहे हैं तो उनसे बेहतर कौन जानता होगा। भाजपाइयों ने पुलिस पर भी हथकड़ियां लगा दी हैं।

जो अनकंस्टीट्यूशनल है, जो नियम के विरुद्ध है, जहां हत्या हुई है, वह जांच का विषय बनता है। बताओ बिजनौर में पुलिस ने 18 साल के लड़के को मार मार के जान ले ली। पूरे उत्तर प्रदेश को इन्होंने कस्टोडियल डेथ में नंबर एक बना दिया है।

एक सवाल का जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि अगर वह कह रहे हैं बंटो नहीं तो पीडीए परिवार भी तो नहीं बंटेगा। वह नारा आपके लिए लगा रहे हैं कि इसलिए पीडीए परिवार के लोग बंटना मत।
सिपाही ने एक युवक की जान अपनी सूझबूझ और दरियादिली से बचाई
लखनऊ । राजधानी में एक सिपाही ने एक युवक की जान अपनी सूझबूझ और दरियादिली से बचाई। हजरतगंज में मल्टीलेवल पार्किंग के पास बाइक से जा रहे अजय कुमार अचानक फिसल कर गिर पड़े। इससे वह दहशत में आ गए और सांसें थमने लगीं। यह देख पास में मौजूद उत्तरी चौकी में तैनात सिपाही सूरज वहां पहुंचे। उन्होंने तुरंत अजय को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देना शुरू किया। इससे अजय की हालत में सुधार हुआ।घटना के समय पास में मौजूद एसीपी गंज व अन्य पुलिसकर्मी भी पहुंच गए।

सिपाही सूरज, अजय को ऑटो से सिविल अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर ने अजय का इलाज किया। अजय के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। यहां उन्होंने सिपाही व अन्य पुलिसकर्मियों का आभार जताया है। सूरज ने बताया कि ट्रेनिंग में उन्हें सीपीआर के महत्व की जानकारी दी गई थी। अजय की हालत देखकर लगा था कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया है। वह कुछ बोल नहीं पा रहे थे। इसके बाद उन्हें सीपीआर देकर सिविल अस्पताल पहुंचाया।मौके पर एसीपी अरविंद वर्मा एवं चौकी प्रभारी उत्तरी म०उ०नि० शिवानी सिंह मौजूद थे। इस पर सूरज के इस कार्य की सभी सराहना करते दिखे। वहीं परिजनों द्वारा लखनऊ पुलिस की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया गया।
बुलंदशहर सिलेंडर विस्फोट में छह लोगों की हुई मौत
लखनऊ । बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद इलाके में सिलेंडर में विस्फोट हो गया। विस्फोट की वजह से एक मकान गिर गया, जिसके मलबे के नीचे दबकर छह लोगों की मौत हो गई है। वहीं दो लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद में सिलेंडर फटने से हुए हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह ने बताया कि साढ़े आठ बजे के आसपास इलाके में रहने वाले रियाजुद्दीन के मकान में सिलेंडर ब्लॉस्ट हुआ। इस हादसे में पूरा मकान जमीदोंज हो गया। रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के अलावा पुलिस टीम राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है। अस्पताल में छह लोगों को मृत घोषित किया है, जिसमें राजू उर्फ रियाजुद्दीन (50), उसकी पत्नी रुखसाना (45), पुत्र सलमान (16), पुत्री तमन्ना (24), आस मोहम्मद (26) और तमन्ना की बेटी हिबजा (03) शामिल हैं। वहीं, हादसे में सिराज उर्फ सिराजुद्दीन और शाहरुख घायल हैं। शाहरुख की हालत नाजुक होने पर उसे दिल्ली रेफर किया गया है।

यूपी के 20 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों को दीपावली पूर्व मिलेगा वेतन का ताेहफा
लखनऊ। उप्र की योगी सरकार ने प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दीपावली का तोहफा देने जा रही है। सभी विभागों में 30 अक्टूबर तक वेतन भुगतान के आदेश दिए गए हैं।उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सोमवार को दिए आदेश में कहा है कि दीपावली पर्व पर प्रदेश के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन का भुगतान कर दिया जाए। जारी आदेश में 30 अक्टूबर को वेतन भुगतान सुनिश्चित कराने को कहा गया है। इससे करीब प्रदेश के 20 लाख कर्मचारी खुशी और हर्षोल्लास के साथ आने वाले दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व मना सकेगें।
एससीएसटी एक्ट नीले कबूतरों को बहन बेटी छेड़ने की छूट दे दी जाय :सूरज प्रसाद चौबे
लखनऊ । सवर्ण समाज की एक बैठक में बोलते हुए सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश महासचिव सुरज प्रसाद चौबे ने कहा कि थाना चीवार हमीरपुर लोदीपुर निवारा गांव स्थित भस्मानद इण्टर कॉलेज में दलित छात्र सामान्य वर्ग की लड़कियों ने छेड़खानी करता था,सिटी मारता था,यही नहीं रुका बच्चियों से मोबाइल नम्बर भी मांगने लगा तंग आकर बच्चियों ने इसकी शिकायत स्कूल के शिक्षक गोविन्द त्रिपाठी से की, शिक्षक ने संबंधित छात्र को डाट दिया,इससे नाराज छात्र,उसके परिजन भीम आर्मी के पदाधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक के यह प्रार्थना पत्र दिया,प्रशासन ने बिना किसी जांच के एस सी एस टी एक्ट लगाकर मुकदमा लगा दिया ।

शिक्षक गोविन्द त्रिपाठी ने बताया कि अब मामले की परते खुल ने के बाद भीम आर्मी के लोग उनसे कहा कि माफी मांग ले समझौते की बात कर रहे है , शिक्षक ने कहा कि लड़कियों के साथ अभद्रता करने वाले को डांटने से जेल जाना पड़ा तो जायेंगे बेटियों के इज्जत से समझौता नहीं किया जाएगा,इसी तरह प्रतापगढ़ के सिंहपुर थाना में सवर्ण शिक्षक दलित छात्रा को होम वर्क न करने पर डाटा तो वहा भी एस सी एस टी एक्ट भीम आर्मी के दबाव में लिख दिया गया है,विगत दिवस कुशीनगर में दलित भाई साहब को ईट चुराने से मना करने पर राम गोपाल मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ,यहां तक कि दलित भाई ने अपने बेटी को गैर मर्दों के सामने कपड़े फाड़ने को कह रहा है,ये लोग कुछ पैसों के लिए अपनी इज्जत खुद बेच रहे हैं ।

मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने ई डी पर जब एस सी एस टी एक्ट लगाया था,तो पूरी केन्द्र सरकार,और मीडिया इसे गलत बताया था, दुरुप्रयोग की बात कह रही थी एक निर्दोष शिक्षक आम आदमी फसाया जा रहा है तो देश के नेता मंत्री मीडिया आवाज नहीं उठा रही है ,कोई भी राजनीतिक दल के नेता इस पर नहीं बोल पा रहा है वोट बैंक का डर सताता है,मैं जानना चाहता हूं कि एस सी एस टी एक्ट का मतलब नीले कबूतरों को बहन बेटी छेड़ने हत्या रेप करने की छूट दे दी जाय रोकेंगे तो एस सी एस टी एक्ट लगाया जाएगा,सवर्ण के पास कोई संवैधानिक संस्था भी नहीं है जहां पर जा कर अपने को न्याय मांग सके,इस काले कानून से सबसे अधिक पीड़ित पिछड़ी जाति है,उसके बाद सवर्ण है हम सभी  को संगठित हो कर इसका विरोध करना चाहिए आप किसी भी राजनीतिक दल में हो जब समाज की बात आए तो आप सभी समाज के साथ खड़े हो,सवर्ण आर्मी प्रमुख सर्वेश पाण्डेय समाज के लिए कवच का काम कर रहे है आप अपने अस्तित्व को बचाए संगठित हो।
मुख्यमंत्री योगी ने खिलाड़ी पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण, आहार को दिये 10 करोड़ रुपये
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर वर्दी भत्ते में 70 प्रतिशत की वृद्धि, बैरक में रहने वाले आरक्षियों के पुलिस अकोमोडेशन अलाउंस में 25 प्रतिशत की वृद्धि और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलकूद में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, आहार समेत अन्य मदों के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में 10 कराेड़ रुपये बढ़ाने की घोषणा की।

इन घोषणाओं पर प्रदेश सरकार 115 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी। मुख्यमंत्री योगी ने बहु मंजिल आवास और प्रशासनिक भवन के रखरखाव के लिए 1,380 करोड़ रुपये के कॉरपस फंड की घोषणा की। वहीं, अंतरराष्ट्रीय आयोजन में पुलिस बल पर आने वाले खर्च पर प्रस्तावित शुल्क लगाने की स्वीकृति की, जो पुलिस महानिदेशक के अधीन रहेगा। साथ ही इसका सम्मान प्रस्तावित कॉरपस नियमावली के तहत किया जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दिवगंत शहीद पुलिस कर्मियों को याद किया।

115 शहीद कार्मिकों के आश्रितों को दी 36.20 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि कर्तव्यों का पालन करते हुए शहीद पुलिस कर्मी, केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों तथा भारतीय सेवा में कार्यरत उत्तर प्रदेश के 115 शहीद कार्मिकों के आश्रितों को 36 करोड़ 20 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। वहीं, जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों की सुख सुविधा के लिए तीन करोड़ 50 लाख, कल्याण के लिए चार करोड़, कार्यरत, सेवानिवृत पुलिसकर्मी एवं उनके आश्रितों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 2,66 दावों के निस्तारण के लिए 30 लाख 56,000 रुपये की राशि दी गयी। इसी तरह पांच लाख से अधिक चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 3,12 प्रकरण के लिए 12 करोड़ 60 लाख, 135 पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अग्रिम ऋण के रूप में पांच करोड़ पांच लाख, जीवन बीमा योजना के तहत 3,06 मृतक पुलिस कार्मिकों के आश्रितों की सहायता के लिए नौ करोड़ आठ लाख रुपये, पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों द्वारा कराए गए कैशलेस उपचार के तहत 31 लाख 16 हजार रुपये, पुलिस कार्मिकों के 205 मेधावी छात्रों को शिक्षा निधि के माध्यम से 53 लाख 30,000 रुपये की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया।

एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को अति उत्कृष्ट सेवा पदक से किया गया सम्मानित

मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवाओं के लिए चार तथा दीर्घ-सराहनीय सेवाओं के लिए 110 अधिकारियों और कर्मचारियों को पुलिस पदक का प्रदान किये गये। गृह मंत्रालय भारत सरकार ने 1,013 पुलिस कार्मिकों को अति उत्कृष्ट सेवा पदक तथा 729 कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। वहीं, तीन राजपत्रित अधिकारियों संग कर्मचारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक प्रदान किया गया। पुलिस महानिदेशक ने मानदेय और राजपत्रित पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, 455 पुलिस कर्मियों को सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह प्रदान किया गया। पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश का प्रशंसा चिन्ह डीजी कमेंडेशन डिस्क 29 प्लेटिनम, 51 गोल्ड और 783 सिल्वर राजपत्रित और अराजपत्रित कार्मिकों को प्रदान किए गए।

गैंगस्टर एक्ट के तहत 77,811 अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में 2017 के बाद पुलिस विभाग के विभिन्न पदों पर 1,54,000 से अधिक भर्तियां की गयीं। इसमें 22,000 से अधिक महिला कार्मिक शामिल हैं। विभिन्न राजपत्रित पदों पर एक लाख 41,000 से अधिक कार्मिकों को पदोन्नति दी गयी। वर्तमान में 60,000 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

प्रदेश में शांति और कानून का राज्य स्थापित करने के लिए पिछले 7 वर्ष में 17 जवानों ने अप्रतिम शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त किया जबकि 1,618 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदेश में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए गैंगस्टर एक्ट के तहत 77,811 और 9,23 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। माफिया और अपराधी गिराहों के 68 मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर 31 माफिया तथा उनके 66 सहयोगियों को आजीवन कारावास की सजा दिलायी गयी। इसके अलावा दो को फांसी की सजा हुई है। माफिया और उनके गैंग के सदस्यों द्वारा अर्जित चार हजार 57 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया गया।

उन्होंने कहा कि एंटी रोमियो स्क्वायड द्वारा 22 मार्च 2017 से 2 अक्टूबर 2024 तक 1 करोड़ 2 लाख से अधिक स्थानों पर चेकिंग की। साथ ही तीन करोड़ 68 लाख से अधिक व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान 23,375 अभियोग पंजीकृत कर 31 हजार 517 के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गयी जबकि एक करोड़ 39 लाख से अधिक व्यक्तियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

प्रदेश के हर थाने में महिला बीट आरक्षित तथा महिला हेल्थ डेस्क की स्थापना की गई। सभी जनपदों में 15,130 महिला पुलिसकर्मी को नियुक्त करते हुए 10,378 महिला बीट आवंटित की गयी। ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत 11 लाख 71,000 से अधिक सीसीटीवी स्थापित किए गए।

धार्मिक स्थलों से एक लाख से अधिक लाउडस्पीकर उतारे गये

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक अभियान के तहत धार्मिक स्थलों से 1,08,037 से अधिक लाउडस्पीकर उतारे गए या उच्चतम न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार उनकी ध्वनि नियंत्रित की गयी। 31 मई 2017 से दो अक्टूबर 2024 तक पुलिस द्वारा दो करोड़ 68 लाख से अधिक स्थानों पर फुट पेट्रोलिंग के माध्यम से सुरक्षा का एक बेहतर वातावरण प्रस्तुत किया गया। योगी ने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की कर्तव्य पालन के दौरान मृत्यु होने पर जो विभिन्न प्रकार की शिकायतें शासन के पास उपलब्ध होती रही हैं, उसी क्रम में उन कर्मियों के परिवारजनों खासतौर पर उनकी पत्नी तथा माता-पिता के जीवित न रहने की दिशा में शासन आदेश में वर्णित व्यवस्था के अनुसार मृतक के परिवार को पूर्ण धनराशि नहीं मिलने की समस्या बताई गई थी।

इस पर विचार करते हुए निर्णय लिया गया है कि वर्तमान शासन आदेश को संशोधित करते हुए अनुग्रह की संपूर्ण धनराशि 25 लाख या 50 लाख रुपए जैसी अनुमान्यता है को पूर्णतया मृतक की पत्नी, माता-पिता या जो भी कानूनी वारिस हो उसको उपलब्ध कराई जाए।

इस अवसर पर मंत्री असीम अरुण, महापौर सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार, अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक सुजीत पांडेय और मंडलायुक्त रोशन जैकब आदि शामिल हुए।

बहादुर जवानों ने प्रदेश में कानून राज बनाये रखने के लिए शानदार काम किया: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ। पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन साेमवार 21 अक्टूबर को रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद पुलिस जनों को श्रद्वाजंलि अर्पित की। शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया। इससे पहले उन्हाेंने परेड की सलामी ली।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस जन अत्यंत कठिन परिस्थितियाें में भी अपना काम करते हैं। हमारे बहादुर जवानों ने प्रदेश में कानून राज बनाये रखने के लिए शानदार काम किया। अपने कर्तव्य को निर्वाहन करते हुए करीब 1618 पुलिस कर्मी घायल हुए। 17 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गवाईं। 61 माफियाओं की सजा दिलायी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सुरक्षा का माहौल दिया गया। प्रदेश में 11.73 लाख सीसीटीवी लगाये गए। 2.68 लाख किमी. फुट पेट्रोलिंग की गयी।


अपराध पर नियंत्रण करने, कानून व्यवस्था काे बेहतर बनाये करने के साथ-साथ महिला सुरक्षा के प्रयास का सराहनीय है। 115 शहीद कर्मिकों को 36 करोड़ 20 लाख की आर्थिक सहायता दी जा रही है। पुलिस कर्मियों के चिकित्सा से जुड़े मामलों में 12 करोड़ रुपये, गंभीर रूप से बीमार लोगों को पांच करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। मृतक आश्रितों को सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। एक लाख से अधिक पुलिस कर्मियों को प्रोन्नति दी गई।

60 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती का काम चल रहा है। इस अवसर पर शहीद पुलिस कर्मी रोहित कुमार और सचिन राठी के परिवार को सम्मनित किया गया। इस माैके पर महापाैर सुषमा खर्कवाल, समाज कल्याण मंत्री असीम अरूण, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मी माैजूद थे।उल्लेखनीय है कि कर्तव्यपालन के दाैरान संवेदनशीलता, समपर्ण और त्याग का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करने वाले शहीद पुलिसकार्मिकाें की स्मृति में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
करवा चौथ पर पति की गुहार : मेरी पत्नी शराबी है,मुझे बचा लो, परामर्श केंद्र में गिले शिकवे के बाद हुआ समझौता
लखनऊ /झांसी। करवा चौथ पर महानगर के महिला थाने में एक अजब-गजब मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने परामर्श केंद्र में मदद की गुहार लगाते हुए अपनी पत्नी से बचाने की प्रार्थना की। पति-पत्नी का झगड़ा जब परामर्श केंद्र में पहुंचा तो काउंसलर ने इसकी वजह जाननी चाही। इस पर पति ने काउंसलर को बताया कि उसकी बीवी शराब पीती है। इस वजह से अक्सर घर में झगड़ा होता है। पति का आरोप है कि कई बार तो उसे भी पत्नी जबरन नशे में टल्ली कर देती है। इस वजह से वह पत्नी को मायके छोड़ आया था। पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने पति-पत्नी के बीच के झगड़े को परिवार परामर्श केंद्र में भेज दिया।

परिवार परामर्श के काउंसलर के मुताबिक जब दोनों पति-पत्नी की काउंसिलिंग हुई तो दोनों के बीच मौके पर ही कहा-सुनी होने लगी। पति का आरोप था कि शाम होते ही उसकी पत्नी शराब पीने लगती है। इसके साथ ही उसे भी जबरदस्ती शराब पिलाकर नशे में कर देती है। वह रोज-रोज इस महंगाई में पत्नी को शराब नहीं पिला सकता। पत्नी दारु पीने के लिए रोज जबरदस्ती करती है। पति ने आरोप लगाया है कि पत्नी एक बार में तीन से चार पैग पीती है जबकि उसे शराब पीना बिल्कुल पसंद नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ पत्नी ने सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया।

वीरांगना नगर में रहने वाली पत्नी सरला (काल्पनिक नाम) ने आरोप लगाया था कि उसके पति ने मारपीट कर उसे घर से बाहर निकाल दिया है। अब वह मायके में रह रही है। इसकी उसने पुलिस में शिकायत की थी। इसके बाद पति को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। पति ने बताया कि दो महीने पहले उसकी शादी हुई थी। पहली ही बार में पत्नी ने शराब पीने की बात कही। इसके बाद हर रोज शराब पीने लगी और उसे भी जबरदस्ती पिलाने लगी। वह पत्नी की शराब पीने की आदत से बेहद परेशान हो गया और मजबूरी में मायके छोड़ आया था।इस मामले में महिला थानाध्यक्ष किरन रावत ने बताया कि काउंसलर व टीम ने पति-पत्नी व उनके परिजनों को समझाया। दोनों के गिले-शिकवे सुने। इसके बाद पति-पत्नी साथ में रहने को तैयार हो गए हैं।
योगी सरकार की अगुवाई में हो रहा किशोरों के स्वास्थ्य और विकास की मध्यावधि प्रगति पर मंथन


लखनऊ। किशोरों की शिक्षा, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक विकास किसी भी देश और समाज के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इस मुहिम को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी गंभीरता से लिया है और इस दिशा में कदम बढ़ाया है। योगी सरकार द्वारा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना (एनपीईपी) के अंतर्गत नई दिल्ली स्थित एनसीईआरटी की देखरेख में एक मंथन आयोजित कर रही है। जिसमें उत्तर प्रदेश समेत 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 5 क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों से लगभग 70 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

यह मंथन किशोरों के समग्र विकास के लिए नीतियों का निर्माण करने और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का एक प्रयास है। इस कार्यक्रम में सामाजिक विज्ञान शिक्षा विभाग, एनसीईआरटी नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश एससीईआरटी की सहभागिता से किशोरों को स्वस्थ जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने के प्रयासों की चर्चा हो रही है और आगे की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।

किशोरों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

इस मंथन में किशोरों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक और सामाजिक कल्याण जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) जैसे हृदय रोग, कैंसर और श्वास संबंधी बीमारियों के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के किशोरों में भी स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास करने के उपाय खोजे जा रहे हैं।

एनसीईआरटी के निदेशक बोले

एनसीईआरटी ने कहा कि प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि एनसीईआरटी के तत्वावधान में 19 से 21 अक्टूबर तक आयोजित राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना (एनपीईपी) की मध्यावधि समीक्षा चल रही है। इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम छमाही अवधि के दौरान देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, एससीईआरटी और क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों द्वारा जनसंख्या शिक्षा से संबंधित कार्यों की समीक्षा की जा रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अलोक में हो रहा प्रयास

एनसीईआरटी की प्रो. गौरी श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और एनसीएफ 2023 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, यह मंथन किशोरों की शिक्षा और समग्र विकास पर केंद्रित है। इसमें यह सुनिश्चित करने के प्रयास हो रहे हैं कि विभिन्न राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर किशोरों के विकास के लिए बनाई जाने वाली नीतियों का सटीक और प्रभावी निर्माण किया जा सके।

भारतीय ज्ञान परंपरा पर दिया जा रहा जोर

एससीईआरटी लखनऊ के निदेशक गणेश कुमार के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के अंतर्गत टीम वर्क, मूल्य संवर्धन और भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े महत्व को भी रेखांकित किया जा रहा है। यह एक तरह से योजना के मध्यावधि प्रगति की समीक्षा है।

किशोरों के भविष्य पर गंभीर चर्चा

एससीईआरटी, उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक डॉ पवन सचान कहते हैं कि इस तीन दिवसीय मंथन कार्यक्रम में 21 अक्टूबर तक विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों द्वारा किशोरों के भविष्य से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श व मध्यावधि समीक्षा हो रही है। इसका उद्देश्य देश की युवा पीढ़ी को सशक्त और जागरूक बनाने के लिए भविष्य की ठोस नीतियों का निर्माण करना है। डॉ सचान ने बताया कि किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखने पर जोर, शारीरिक व्यायाम और प्ले ग्राउंड की आवश्यकता पर विशेष बल देने का साथ ही ड्रग्स और इंटरनेट की लत के खतरों पर भी विचार-विमर्श हो रहा है।

कहती है आईसीएमआर की रिपोर्ट

आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, 1990 से 2016 के बीच भारत में गैर-संक्रामक रोगों से होने वाली मौतों में भारी वृद्धि हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए अब योगी सरकार ने भी यूपी के किशोरों में स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और नशे से दूर रहने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिये हैं। हालांकि अभी इसे और पुष्ट करने की कोशिशें जारी हैं।

समाज में जिम्मेदार नागरिक के रूप में किशोरों को तैयार करना है उद्देश्य: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप की मानें तो इस मंथन का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य किशोरों को समाज में एक सक्रिय और जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करना है। इस मंथन में कम उम्र में विवाह, मादक द्रव्यों का सेवन और सामाजिक हिंसा जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा की जा रही है, ताकि किशोरों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए उचित मार्गदर्शन किया जा सके।
बहराइच हिंसा के आरोपियों के अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई फिलहाल रुकी, हाईकोर्ट ने दी राहत

लखनऊ /बहराइच। बहराइच हिंसा के आरोपियों के अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई फिलहाल रुक गई है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में मामला पहुंचने पर कोर्ट ने राज्य सरकार से 23 अक्तूबर को जानकारी पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही जिन कथित अवैध निर्माणकर्ताओं को नोटिसें जारी की गई हैं, उन्हें भी इनका जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय देकर अफसरों को इनका निस्तारण करने का आदेश दिया है।


न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह आदेश एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था के पूर्वी उप्र के उपाध्यक्ष के जरिए दाखिल जनहित याचिका पर दिया। याचिका में बहराइच के कथित अवैध निर्माणकर्ताओं को 17 अक्तूबर को जारी ध्वस्तीकरण की नोटिसों को चुनौती देकर इन्हें रद्द करने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया कि सरकारी अमला समुदाय विशेष के लोगों के निर्माणों को अवैध बताकर ढहाने की कर्रवाई कर रहा है, जबकि वहां पर सड़कों आदि पर कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है।

उधर, राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने याचिका का विरोध कर आपत्ति उठाई कि अतिक्रमण कर बने निर्माणों को लेकर नोटिसें जारी की गई हैं। नोटिसों को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सरकारी वकील को यह आपत्तियां लिखित रूप में दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया।कोर्ट ने कहा कि निर्माणों के ध्वस्तीकरण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही बीते 17 सितंबर को संज्ञान लेकर आदेश दिया है। ऐसे में हम यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं पाते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तत्परता से पालन नहीं करेगी। कोर्ट ने कहा इस मामले में जिनको नोटिसें जारी हुई हैं, उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए महज तीन दिन का वक्त दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि तीन दिन का समय काफी कम है। नोटिसों में जगह का ब्योरा भी स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने इनकों जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया।