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पीसीसी चीफ दीपक बैज का बड़ा बयान, कहा- रायपुर दक्षिण के लिए आज होगी कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा…

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा में पहले स्पष्ट किया कि रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव के लिए अभी प्रत्याशी तय नहीं हुआ है. आज शाम तक नाम को घोषणा होगी. वहीं चुनाव के लिए सभी वरिष्ठ नेताओं को वार्डों की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा पार्षदों, छाया पार्षदों को भी जिम्मेदारी दे दी गई है.

भाजपा से सुनील सोनी उम्मीदवार

बता दें कि भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुई रायपुर दक्षिण सीट पर 13 नवंबर को उप चुनाव होगा. भाजपा ने गहन मंथन के बाद पूर्व सांसद सुनील सोनी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. लेकिन कांग्रेस अभी तक भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है. 

पुलिस ने लग्जरी गाड़ियों से तस्करी का किया भंडाफोड़, 3 अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार, 25 लाख का गांजा जब्त

रायपुर-   राजधानी रायपुर में मंदिरहसौद पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की संयुक्त टीम ने लग्जरी गाड़ियों से गांजा तस्करी कर रहे 3 अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के पास से पुलिस ने करीब 165 किलों गांजा बरामद किया है जिसकी कीमत 24.75 लाख रुपए बताई जा रही है। तस्करों ने पुलिस को देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तुरंत पीछा कर उन्हें पकड़ लिया। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

बता दें कि मंदिरहसौद पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ओडिशा से महासमुंद होते हुए रायपुर की ओर गांजे की बड़ी खेप लाई जा रही है। इसके बाद थाना मंदिरहसौद पुलिस ने नाकाबंदी की और महासमुंद की ओर से आ रही संदिग्ध गाड़ियों को रोककर तलाशी ली। एक्सयूवी 500 (सीजी 13 एस 0999) और थार (सीजी 04 पीएफ 6897) वाहनों से 165 किलो गांजा बरामद किया गया।

जानकारी के मुताबिक, गांजा तस्करी के आरोप में पुलिस ने 3 युवकों को गिराफ्तार किया है, जिनमें से एक भूपेंद्र कुमार देवदास ( उम्र 33 वर्ष) राजनांदगांव और अन्य दो वसीम अहमद (उम्र 29 वर्ष) , शहजाद खान (उम्र 30 वर्ष) राजस्थान के रहने वाले है। इन तस्करों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने इन तस्करों के पास से बरामद 165 किलोग्राम गांजा, एक XUV 500 कार कमांक CG 13 S 0999 और एक THAR कार CG 04 PF 6897 जब्त किया गया है, जिसकी कुल कीमत 54.75 लाख रुपए है।

डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह बने संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के नए कुलपति, राज्यपाल रमेन डेका ने जारी किया आदेश

रायपुर-     राज्यपाल रमेन डेका ने छत्तीसगढ़ शासन से परामर्श पर डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह (प्रोफसर प्राणीशास्त्र) को संत गहिरा गुरू यूनिवर्सिटी सरगुजा का नया कुलपति नियुक्त किया है। डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह वर्तमान में स्व. श्री महली भगत कॉलेज कुसमी बलरामपुर में बतौर प्रोफेसर पदस्थ थे। राज्यपाल रमेन डेका ने तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक उन्हें विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया है।

देखें आदेश –

मुख्यमंत्री ने पुलिस स्मृति दिवस पर वीर शहीदों को दी विनम्र श्रद्धांजलि
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को उन वीर पुलिसकर्मियों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन हमें हमारे देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सुरक्षा बलों और पुलिस के वीर शहीदों द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान दिए सर्वाेच्च बलिदान पर पूरे देश को गर्व है।
पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, रायपुर रेंज आईजी ने बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को किया इधर से उधर, देखें लिस्ट

रायपुर-  रायपुर रेंज के पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों का तबादला हुआ है. जिसमें सहायक उप निरीक्षक (ASI), प्रधान आरक्षक और आरक्षकों को इधर से उधर किया गया है. यह ट्रांसफर आदेश आईजी अमरेश कुमार मिश्रा ने जारी की है.

देखें सूची –

छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य सम्मेलन: नंदकिशोर शुक्ल ने कहा- छत्तीसगढ़ियों के साथ हुआ षड्यंत्र, नहीं मिलने दिया छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य का दर्जा
रायपुर-   राजधानी में रविवार को छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में साहित्यकार, संस्कृति विशेषज्ञ, रंगकर्मी, पत्रकार, शिक्षक, लोक कलाकार, कर्मचारी नेता, छात्र, और संगठन सेनानी शामिल हुए। सम्मेलन का विषय था – ‘छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य का दर्जा’। सम्मेलन को मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ल ने संबोधित किया। शुक्ल ने दस्तावेजी प्रमाणों के साथ बताया कि राज्य निर्माण के साथ ही छत्तीसगढ़ियों के साथ एक बड़ा षड्यंत्र हुआ था।

छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि 2001 से लेकर 2003 तक केंद्र और राज्य सरकार के बीच क और ख श्रेणी को लेकर कई पत्र व्यवहार हुए। इस पत्र व्यवहार में केंद्र से जब यह पूछा गया था कि छत्तीसगढ़ को किस राज्य की श्रेणी में रखा जाए तो साजिशन छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य को क श्रेणी में रखवा दिया गया। क श्रेणी हिंदीभाषी राज्यों के लिए है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य को ख श्रेणी में रखा जाना चाहिए था क्योंकि यह छत्तीसगढ़ की पहचान छत्तीसगढ़ी राज्य के तौर पर है। ख श्रेणी में छत्तीसगढ़ी और हिंदीभाषी राज्य को रखा जाता है।

इस षड्यंत्र का बड़ा नुकसान आज छत्तीसगढ़ियों को उठाना पड़ा है। छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर संघर्ष की स्थिति इस श्रेणी के चलते पैदा हुई है। आज भी यह संघर्ष जारी है। 2007 में छत्तीसगढ़ीभाषियों के आंदोलन के बाद राज्य में छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा तो दे दिया गया, लेकिन इसमें भी छत्तीसगढ़ियों के साथ छल हुआ। छत्तीसगढ़ी को हिंदी के बाद द्वितीय भाषा घोषित कर दिया गया। इसी तरह 2008 में छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग गठित किया गया था, लेकिन बाद में षड्यंत्र के तहत इसमें भी बदलाव कर इसे छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग कर दिया गया।

2020 में केंद्र सरकार की ओर से नवा शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में भाषायी सर्वेक्षण कराया गया, तो यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ 5 फीसदी लोगों की मातृभाषा हिंदी है, जबकि 65 फीसदी से अधिक लोगों की मातृभाषा छत्तीसगढ़ी है। बावजूद इसके अभी भी छत्तीसगढ़ियों के साथ छल और षड्यंत्र चल रहा है। आज भी स्कूलों में माध्यम भाषा छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई नहीं हो रही है। यह मोदी सरकार की गारंटी के खिलाफ भी है, जिसमें नवा शिक्षा नीति में यह बात कही गई है।

सम्मेलन को संस्कृति विशेषज्ञ अशोक तिवारी, साहित्यकार सुधीर शर्मा सहित कई अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ी भाषा के साथ हो रहे छल और षड्यंत्र के मुद्दे पर जल्द ही राज्य के मंत्रियों और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और यह मांग करेंगे कि छत्तीसगढ़ीभाषी राज्य का दर्जा दिलाने के लिए सरकार विशेष प्रयास करें। छत्तीसगढ़ी को सरकारी काम-काज और पढ़ाई का माध्यम भाषा बनाने का स्पष्ट निर्देश जारी करें।

सम्मेलन में विशेष रूप से वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी, बृजेश चौबे, प्रकाश शर्मा, गुलाल वर्मा, प्रफुल्ल ठाकुर, विधि विशेषज्ञ राजीव तिवारी, प्रोफेसर डॉ. तपेशचंद्र गुप्ता, डॉ. प्रीति सतपथी, डॉ. गार्गी पांडेय, डॉ. राहुल तिवारी, शिक्षक संघ वीरेंद्र दुबे, अमित शुक्ला, रंगकर्मी विजय मिश्रा, विकास शर्मा, कर्मचारी नेता सीएल दुबे, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना अध्यक्ष दिलीप मिरी सहित छात्र संगठन के पदाधिकारी शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वैभव बेमेतरिहा ने किया।

अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ बना ओवरऑल चैम्पियन

रायपुर-    अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने पहला स्थान प्राप्त कर ओवरऑल चैम्पियन बना। समापन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विजेता खिलाड़ियों को ट्रॉफी प्रदान की। इस मौके पर राज्यपाल रमेन डेका ने अपने वीडियो संदेश में खिलाड़ियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत, पुरन्दर मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 97 गोल्ड, 44 सिल्वर, 33 कांस्य पदक के साथ कुल 731 प्वाइंट्स लेकर रिकॉर्ड जीत हासिल की और पहला स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में ओलम्पिक मेडलिस्ट मनु भाकर ने भी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर केरल ने 38 गोल्ड, 37 सिल्वर, ब्रोंज 27, कुल अंक 389 के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। तीसरा स्थान मध्यप्रदेश ने 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 26 कांस्य पदक के साथ कुल अंक 363 प्राप्त किया।

समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने खेल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि खेल व्यक्तित्व विकास के लिए अहम होता है उन्होंने सभी खिलाड़ियों का बधाई दी। समारोह की अध्यक्षता कर रहे वन मंत्री केदार कश्यप ने आयोजन की सफलता के लिए वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। कार्यक्रम में उत्तराखंड के वनमंत्री सुबोध उनियाल ने आगामी अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता उत्तराखण्ड में किए जाने की घोषणा की।

समारोह में नोडल ऑफिसर शालिनी रैना ने उत्तराखंड के वनमंत्री सुबोध उनियाल को प्रतियोगिता के ध्वज का हस्तांतरण किया। उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन 1992 से हो रहा है और यह छत्तीसगढ़ में तीसरी बार संपन्न हुआ। यह प्रतियोगिता वनों के संरक्षण पर आधारित है और इसमें वनरक्षक से लेकर विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

समारोह में वन बल प्रमुख श्रीनिवास राव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में इस खेल प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया है। विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों ने खेल भावना और मेहमान नवाज़ी की प्रशंसा की। प्रतियोगिता के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य की संस्कृति, परम्परा और स्थानीय गीत-संगीत से प्रतिभागियों को रूबरू कराया गया। राज्य की संस्कृति और खान-पान की विशेषताएँ सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रही।

समारोह में बॉलीवुड सिंगर सुवर्णा तिवारी के गीतों ने समां बांधा। इसके अलावा सुप्रसिद्ध बस्तर बैंड और छत्तीसगढ़ की लोकगाथा लोरिक चन्दा की शानदार प्रस्तुति दी गई। समापन समारोह में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव वन ऋचा शर्मा, केन्द्रीय वन महानिरीक्षक, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के.बी. सिंह और छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सिसोदिया सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

शहीद जवानों को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मंत्री श्री वर्मा ने दी श्रद्धांजलि, नक्सलियों के लगाए बारूदी सुरंग में हुआ था विस्फोट

रायपुर-      खेलकूद, युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा ने नारायणपुर जिले में शनिवार को हुए एक बारूदी सुरंग विस्फोट के कारण शहीद हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के दो जवानों को आज माना स्थित चौथी बटालियन परिसर पहुंचकर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से श्रद्धांजलि दी। मंत्री टंकराम वर्मा ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि हमारी सरकार राज्य को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए काम कर रही है। बीते 9 महीने में नक्सलियों के विरूद्ध छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित अभियान के चलते नक्सलियों के हौसले पस्त हो गए हैं और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए इस तरीके की कायराना हरकत कर रहे हैं।

गौरतलब है कि नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई एक बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से आईटीबीपी के जवान अमर पंवार और के. राजेश शहीद और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। शहीद हुए जवान 53वीं बटालियन के थे। शहीद जवान अमर पंवार महाराष्ट्र के सतारा और के. राजेश आंध्र प्रदेश के कडप्पा के रहने वाले थे। उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान से उनके पैतृक स्थानों पर ले जाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 80 करोड़ रूपए की लागत से बने अम्बिकापुर के मां महामाया एयरपोर्ट का किया वर्चुअल शुभारंभ

रायपुर-     देश का दूरस्थ आदिवासी बहुल अंचल छत्तीसगढ़ का सरगुजा ज़िला अब हवाई सेवा से जुड़ चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी से मां महामाया एयरपोर्ट, दरिमा, अम्बिकापुर का वर्चुअल उद्घाटन कर सरगुजा और इसके आसपास के जिलों को हवाई यात्रा की सुविधा का तोहफा दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के एयरपोर्ट में विकसित की जा रही आधुनिक से आधुनिक सुविधाएं अब दुनिया में चर्चा का विषय बन गई हैं। सरगुजा अंचल में इस नए एयरपोर्ट के शुभारंभ से विकास के साथ-साथ रोजगार के भी नए अवसर खुलेंगे।

इस मौके पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री तोखन साहू, सहित छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद एवं विधायक उपस्थित थे।

यह हवाई सेवा सरगुजा और इसके आस-पास के जिलों जैसे जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के लाखों लोगों के जीवन में एक नया अध्याय लेकर आएगी। इससे लोगों को आसानी से देश के बड़े शहरों तक हवाई यात्रा की सुविधा मिलेगी, जो पहले के मुकाबले किफायती और समय की बचत वाला विकल्प होगा। इससे न केवल आवागमन में सुगमता आएगी, बल्कि इस क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी एक नई रफ्तार जुड़ेगी। इस क्षेत्र के लोग इस नई सेवा के जरिए दिल्ली, कोलकाता, रायपुर, बिलासपुर और अन्य प्रमुख शहरों से सीधा जुड़ सकेंगे। हवाई सेवा की शुरुआत सरगुजा अंचल की बहुप्रतीक्षित मांग थी, जो अब पूरी हो चुकी है।

राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि मां महामाया एयरपोर्ट के प्रारंभ होने से इस अंचल में विकास के नये आयाम खुलेंगे। एयरपोर्ट के माध्यम से सरगुजा क्षेत्र के नागरिकों और उद्योगपतियों के लिये एक बेहतर एयर कनेक्टिविटी स्थापित होगा। बस्तर के बाद सरगुजा प्रदेश का दूसरा बड़ा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जहां यह सुविधा प्रारंभ हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि यह उड़ान छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाईयों की ओर ले जायेगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा “मां महामाया एयरपोर्ट का उद्घाटन सरगुजा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह केवल हवाई यात्रा को सुगम बनाने का प्रयास नहीं है, बल्कि हमारे आदिवासी समुदाय और दूरदराज के क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे क्षेत्र के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। हमें गर्व है कि हम अपने प्रदेश को विकसित भारत 2047 के सपने की ओर बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। एयर कनेक्टिविटी न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप देश में हवाई चप्पल पहनने वालों का हवाई जहाज के सफर का सपना साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज़न देश में बेहतर विमानन सेवा की स्थापना करना और देश के सभी हिस्सों को इससे जोड़ना है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहार जायसवाल, सरगुजा सांसद चिंतामणी महाराज ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

अम्बिकापुर के दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट में एयर स्ट्रीप का उन्नयन भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत किया गया है। यह एयरपोर्ट 365 एकड़ में फैला हुआ है। इसे 80 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। यह एयरपोर्ट 3 सीवीएफआर कैटिगरी का है। इसमें 72 सीटर विमान लैंड कर सकते हैं। टर्मिनल बिल्डिंग का विस्तार सालाना 5 लाख यात्रियों की अनुमानित क्षमता के अनुसार किया गया है। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, संचालक, एविएशन संजीव झा भी उपस्थित थे।

एयर कनेक्टिविटी: विकसित भारत 2047 के सपने की ओर एक कदम

सरगुजा की हरी-भरी वादियों में बसे आदिवासी अंचल के लोग जब भी बड़े शहरों की ओर रुख करते, तो लंबी और थका देने वाली यात्रा का ख्याल उन्हें परेशान कर देता। इस दूरस्थ इलाके की खास पहचान तो उसकी प्राकृतिक सुंदरता है, पर यहां के लोगों के लिए देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ना हमेशा एक चुनौती रहा है। लेकिन अब चीजें बदलने वाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्चुअल माध्यम से मां महामाया एयरपोर्ट, अंबिकापुर का उद्घाटन कर यह सुनिश्चित किया कि सरगुजा का यह क्षेत्र देश की विकास यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा बने।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह संकल्प केवल एक एयरपोर्ट की शुरुआत नहीं, बल्कि एक बड़े सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है। यह हमारे ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प का प्रतीक है।” जब उन्होंने छत्तीसगढ़ को यह सौग़ात दी तो , अंबिकापुर के लोगों के चेहरे पर एक नई उम्मीद की चमक थी। यह एयरपोर्ट न केवल सरगुजा बल्कि आसपास के जिलों जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के लाखों लोगों के लिए देश की मुख्यधारा से जुड़ने का एक जरिया बन गया है।

सरगुजा की बढ़ती संभावनाएं

मां महामाया एयरपोर्ट के शुरू होने से सरगुजा के लोग सीधे रायपुर, दिल्ली, कोलकाता, जबलपुर, और अन्य बड़े शहरों से जुड़ सकेंगे। इस पहल से यहां के छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए बाहर जाने का मौका मिलेगा, व्यापारी अपने व्यापार को फैलाने के लिए नए बाजारों तक पहुंच सकेंगे और सबसे महत्वपूर्ण, मरीजों को इलाज के लिए बेहतर सुविधाओं तक आसानी से पहुंच मिल सकेगी।

अंबिकापुर के एक युवा उद्यमी राजेश बताते हैं, “अब हमें अपने उत्पादों को दूसरे शहरों तक पहुंचाने में आसानी होगी। पहले सड़क मार्ग से यह सफर लंबा और महंगा होता था, लेकिन अब हम अपने स्थानीय उत्पादों को सीधे दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों तक पहुंचा सकते हैं।” यह एयरपोर्ट सरगुजा की आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा देगा, और यहां के छोटे-बड़े व्यापारी भी इस बदलाव को लेकर उत्साहित हैं।

पर्यटन के लिए नए रास्ते

सरगुजा की खूबसूरत घाटियाँ, मैनपाट का हिल स्टेशन, और रामगढ़ की ऐतिहासिक गुफाएं यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिनी जाती हैं। अब इस एयरपोर्ट के शुरू होने से पर्यटकों के लिए यहां आना आसान हो जाएगा। पर्यटन से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे सरगुजा का आकर्षण और बढ़ेगा। स्थानीय गाइड शंकर कहते हैं, “पहले पर्यटकों को यहाँ आने के लिए घंटों की सड़क यात्रा करनी पड़ती थी, पर अब वे सीधे फ्लाइट से आ सकते हैं। इससे हमारा पर्यटन व्यवसाय बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।”

आर्थिक विकास और निवेश की संभावनाएं

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस मौके पर सरगुजा के आर्थिक विकास की बात पर जोर देते हुए कहा कि यह एयरपोर्ट न केवल आवागमन को सरल बनाएगा बल्कि क्षेत्र में निवेश को भी आकर्षित करेगा। हवाई सेवा से यहां के स्थानीय उद्योगों को नए बाजार मिलेंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यहां के छोटे व्यवसाय, जैसे हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग, और कृषि उत्पाद, अब देश के दूसरे हिस्सों में आसानी से पहुंच सकेंगे।

सरगुजा के कृषि उत्पादों की देशभर में मांग है, और अब यहां के किसान भी अपने उत्पादों को सीधे दिल्ली या कोलकाता के बाजारों तक पहुंचा सकते हैं। यह न केवल उनकी आय में वृद्धि करेगा बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाएगा।

रतनपुर, मुंगेली, लोरमी मार्ग समेत इन मार्गों को संवारने की तैयारी, देंखे प्रस्तावित राजमार्गों की पूरी सूची

रायपुर-     रतनपुर, लोरमी, मुंगेली होते हुए नांदघाट और भाटापारा मार्ग भी जल्द संवरने की तैयारी है. छत्तीसगढ़ की सड़क अधोसंरचना के विकास और सुधार को समर्थन देने के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और 2024-25 की केंद्रीय सड़क निधि के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत 13 महत्वपूर्ण सड़क विकास परियोजनाओं, जिनकी कुल लागत 1,383 करोड़ है, के प्रस्तावों की मंजूरी का अनुरोध किया. इसके अलावा, श्री साहू ने छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित नए राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए घोषणा का अनुरोध किया. सड़क परिवहन मंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के महत्व को समझते हुए, मंत्रालय के नए राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्यक्रम के तहत केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू द्वारा प्रस्तावित मार्गो पर विचार करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाने का आश्वासन दिया. श्री साहू ने सड़क परिवहन मंत्री के प्रति छत्तीसगढ़ में सड़क विकास पहलो को आगे बढ़ाने में निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, यह समर्थन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए आवश्यक है और यह छत्तीसगढ़ की परिवर्तनकारी राह की नींव रखता है.

छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची

- रतनपुर-लोरमी-मुंगेली-नांदघाट-भाटापारा- बलौदाबाजार (135 किमी)

- केंवची राष्ट्रीय राजमार्ग 45 -पेंड़ा रोड पासान-कटघोरा राष्ट्रीय राजमार्ग 130 (116 किमी)

- मुंगेली-नवागढ़-बेमेतरा-धमधा-दुर्ग-झलमला (बालोद) सड़क (176 किमी)

- पंडरिया-बजाग-गदासरई सड़क (37 किमी)

- रायगढ़-धरमजयगढ़-मैनपाट अंबिकापुर- उत्तर प्रदेश सीमा (282 किमी)

- कवर्धा-राजनांदगांव-भानुप्रतापपुर- अंतागढ़-नारायणपुर-गीदम-दंतेवाड़ा-सुकमा (482 किमी)

- राजनांदगांव-मोहला-मानपुर सड़क (100 किमी)

- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 53 को रायपुर रिंग रोड से जोड़ने वाली सड़क (11 किमी)