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टीम इंडिया में वॉशिंगटन सुंदर की वापसी, न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शामिल"

टीम इंडिया के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की शुरुआत काफी खराब रही. भारतीय टीम को सीरीज के पहले मैच में 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इस मैच की पहली पारी में टीम इंडिया की बल्लेबाजी पुरी तरह फ्लॉप रही. वहीं, गेंदबाज भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सक. ऐसे में सीरीज के अगले मैच से पहले टीम इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है. भारतीय टीम के स्क्वॉड में एक ऑलराउंडर की एंट्री हुई है.

टीम इंडिया में स्टार खिलाड़ी की एंट्री

टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आखिरी दो मैचों के लिए स्क्वॉड में स्टार ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर को शामिल किया है. वॉशिंगटन सुंदर ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 2021 में खेला था. यानी वह एक लंबे समय के बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करने जा रहे हैं. सुंदर टीम इंडिया के लिए अभी तक 4 टेस्ट मैच खेल चुके हैं. इस दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में छह पारियों में तीन अर्धशतक लगाए हैं और उनका औसत 66.25 है. इसके अलावा 6 विकेट भी झटके हैं.

रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के खिलाफ जड़ा शतक

वॉशिंगटन सुंदर फिलहाल रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप D में तमिलनाडु और दिल्ली की टीमों के बीच हो रहे मैच में खेल रहे हैं. इस मैच में वॉशिंगटन सुंदर ने कमाल का प्रदर्शन किया है. उन्होंने मुकाबले की पहली पारी में शतक जड़ा. ये पिछले 7 सालों में उनका पहला फर्स्ट क्लास शतक था. उन्होंने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 269 गेंदों पर 152 रन बनाए, इस दौरान उन्होंने 19 चौके और 1 छक्का जड़ा. इसके बाद उन्होंने पहली पारी में दिल्ली के दो बल्लेबाजों को भी आउट किया.

वॉशिंगटन सुंदर को हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज में खेलने का मौका मिला था. इससे पहले वह श्रीलंका दौरे पर वनडे टीम का भी हिस्सा थे. वॉशिंगटन सुंदर टीम इंडिया के लिए अभी तक 22 वनडे और 52 टी20 मैच भी खेल चुके हैं. वनडे में उन्होंने 23 विकेट लिए हैं और 315 रन भी बनाए हैं. दूसरी ओर टी20 में वॉशिंगटन सुंदर टीम इंडिया के लिए अभी तक 47 विकेट ले चुके हैं और बल्ले से 161 रनों का योगदान भी दिया है.

आखिरी दो टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया

रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, सरफराज खान, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ध्रुव ज्यूरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव , मो सिराज, आकाश दीप, वॉशिंगटन सुंदर.

टीम इंडिया के लिए लकी स्कोर: 107 रन, क्या न्यूजीलैंड को हरा पाएगी?

बेंगलुरु टेस्ट में जीत और हार का फैसला 107 रन से होना है. इस टारगेट को अब न्यूजीलैंड चेज कर लेता है या फिर टीम इंडिया उसे डिफेंड करेगी, ये देखना दिलचस्प रहने वाला है. दिलचस्प इसलिए क्योंकि 107 रन वो टारगेट है, जो टीम इंडिया के लिए लकी रहा है. मतलब, उस टारगेट को उसने डिफेंड किया है. और, ऐसा करते हुए जीत भी दर्ज की है. ऐसे में अगर इस स्कोर को हासिल करने की चाह में न्यूजीलैंड खुद मुसीबत में उलझती दिखे तो हैरान मत होइएगा.

10 विकेट हाथ में फिर भी न्यूजीलैंड की जीत पक्की नहीं!

भारत के खिलाफ बेगलुरु में खेले जा रहे टेस्ट मैच के 5वें दिन न्यूजीलैंड जब 107 रन के टारगेट को चेज करने उतरेगी तो उसके हाथ में 10 विकेट होंगे. लेकिन, वैसे तो पूरी टीम के लिए मिलकर 107 रन बनाना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन, जिस तरह से इस स्कोर पर टीम इंडिया ने पहले जीत का चोला पहना है, उससे हाथ में 10 विकेट बचे होने के बाद भी न्य़ूजीलैंड की जीत सुनिश्चचित नहीं है.

2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था 107 रन डिफेंड

अब ये जान लीजिए कि टेस्ट मैच में पहले 107 रन का टारगेट किस टीम के खिलाफ डिफेंड किया था? उसने किस टीम को हराया था? और, ऐसा कब हुआ है? इसके तार 20 साल पहले से जुड़ते हैं. साल 2004 के नवंबर महीने में खेले टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने भी 107 रन का लक्ष्य रखा था, जिसे हासिल करने में कंगारू टीम नाकाम रही थी. 107 रन डिफेंड करते हुए भारत ने वो मैच 13 रन से जीता था.

2024 में न्यूजीलैंड का हो सकता है वही हाल

20 साल बाद यानी 2024 में अब वही सिचुएशन और टारगेट न्यूजीलैंड के सामने है जो भारत ने उसके सामने रखे हैं. अब जब टीम इंडिया 107 के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है तो न्यूजीलैंड को भी हरा ही सकती है.

भारत-न्यूजीलैंड बेंगलुरु टेस्ट

भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु टेस्ट में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले. भारत की पहली पारी 46 रन पर सिमट गई, जो कि घरेलू जमीन पर उसका सबसे छोटा स्कोर रहा. तो वहीं न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 402 रन बना दिए. न्यूजीलैंड को 356 रन की बढ़त मिली. सरफराज खान ने 150 रन बनाए और ऋषभ पंत ने 99 रन की पारी खेली, जिसकी बदौलत भारत ने दूसरी पारी में 462 रन बनाए. इस तरह न्यूजीलैंड को 107 रन का टागेट मिला.

महिला टी20 वर्ल्ड कप: न्यूजीलैंड ने वेस्टइंडीज को हराकर फाइनल में किया प्रवेश "



यूएई में खेले जा रहे महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल की लाइन-अप का फैसला हो चुका है. रविवार 20 अक्टूबर को होने वाले खिताबी मुकाबले में साउथ अफ्रीका का सामना होगा 2 बार की उप-विजेता न्यूजीलैंड से. शुक्रवार को खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने अपने स्पिनर्स के दम पर वेस्टइंडीज को 8 रन से हरा दिया. ईडन कार्सन और एमेलिया कर्र की बेहतरीन गेंदबाजी ने वेस्टइंडीज की डिएंड्रा डॉट्टिन के हैरतअंगेज ऑलराउंड प्रदर्शन को भी फीका कर दिया और 14 साल बाद कीवी टीम को फाइनल में पहुंचाया. इससे पहले टीम 2009 और 2010 के शुरुआती दोनों वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी लेकिन दोनों बार उसे हार का सामना करना पड़ा था. वहीं वेस्टइंडीज का दूसरी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया.

डॉट्टिन के आगे कीवी बैटिंग फेल

शारजाह में खेले शुक्रवार 18 अक्टूबर को खेले गए इस लो-स्कोरिंग सेमीफाइनल में दोनों टीमों के बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी की और वो 20 ओवर में 9 विकेट खोकर सिर्फ 128 रन ही बना सकी. न्यूजीलैंड के लिए ओपनर जॉर्जिया प्लिमर ने सबसे ज्यादा 33 रन बनाए, जबकि सूजी बेट्स ने भी 26 रन की पारी खेली. हालांकि, बेट्स ने 28 गेंदें खर्च की. टीम की कप्तान सोफी डिवाइन भी खास असर नहीं डाल सकीं और 12 रन पर आउट हो गईं.

न्यूजीलैंड की टीम ने वैसे तो शुरुआती 8 ओवर में 48 रन बना लिए थे लेकिन इसके बाद रनों की रफ्तार कम होने लगी और एक वक्त टीम का 120 रन तक पहुंचना भी मुश्किल लग रहा था. ऐसे वक्त में ब्रूक हैलीडे ने सिर्फ 9 गेंदों में 18 रन ठोक दिए, जबकि इसाबेला गेज ने भी 14 गेंद में 20 रन बनाकर टीम को यहां तक पहुंचाया. कीवी टीम बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच पाई तो इसकी अहम वजह डॉट्टिन रहीं, जिन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 22 रन खर्च किए और 4 विकेट अपने नाम किए.

कार्सन-एमेलिया की स्पिन ने फंसाया

वेस्टइंडीज की शुरुआत तो और भी ज्यादा धीमी और खराब रही. न्यूजीलैंड के लिए रोजमैरी मायर और फ्रैन जोनास ने पावरप्ले में ही विंडीज बल्लेबाजों पर लगाम कस दी और इडेन कार्सन ने विकटों की झड़ी लगा दी. वेस्टइंडीज ने 11वें ओवर तक सिर्फ 51 रन बनाए थे और उसके शीर्ष-4 बल्लेबाज आउट हो गए थे. इसमें से 3 का शिकार स्पिनर कार्सन (3/29) ने ही किया था. 14वें ओवर में 63 रन पर पांचवां विकेट भी गिर गया था और ऐसे में सारी जिम्मेदारी अनुभवी बल्लेबाज डॉट्टिन पर आ गई. डॉट्टिन ने भी एक ही ओवर में 3 छक्के जमाकर टीम की वापसी कराई और जीत की उम्मीद जगाई.

फिर 17वें ओवर में स्पिनर एमेलिया कर्र (2/14) ने मैच ही पलट दिया. उनकी गेंद पर छक्का जमाने की कोशिश में डॉट्टिन (33 रन, 22 गेंद) आउट हो गईं और विंडीज टीम की उम्मीदें धूमिल हो गईं. इसके बाद तो न्यूजीलैंड ने मैच पर पकड़ बना ली और वेस्टइंडीज को 120 रन पर रोककर 8 रन से मुकाबला जीत लिया. इसके साथ ही न्यूजीलैंड की टीम तीसरी बार टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है. इस बार टीम अपना पहला खिताब जीतने की उम्मीद करेगी लेकिन उसके सामने साउथ अफ्रीका की बेहद मुश्किल चुनौती है, जिसने खिताब की सबसे बड़ी दावेदार ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हराकर सबको चौंका दिया था.

पाकिस्तान ने 1348 दिन बाद घरेलू जमीन पर टेस्ट मैच जीता, इंग्लैंड को 152 रन से हराया"

पाकिस्तान की टीम को आखिरकार जीत नसीब हो ही गई. घरेलू जमीन पर टेस्ट मैच जीतने का उसका इंतजार आखिर थम गया. बाबर आजम को जिस मैच में पाकिस्तान ने बाहर किया, उसी में उसने 152 रन से बड़ी जीत दर्ज की. मुल्तान में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को सिर्फ 4 दिन में चित कर दिया. पाकिस्तान की इस जीत में हीरो उसके स्पिनर रहे, जिन्होंने सभी 20 विकेट अपने नाम किए. इस शानदार जीत के साथ पाकिस्तान के 1338 दिन से चले आ रहे इंतजार पर भी विराम लग गया.

पाकिस्तानी स्पिनर्स का कमाल, 4 दिन में इंग्लैंड चित

मुल्तान में खेले दूसरे टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 297 रन का लक्ष्य रखा था. इस लक्ष्य का पीछा करने उतरे इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने मुल्तान की पिच पर पाकिस्तानी स्पिनरों के सामने सरेंडर कर दिया. अकेले नोमान अली ही इंग्लैंड के 8 बल्लेबाजों पर भारी पड़ गए. नतीजा ये हुआ कि पूरी टीम मिलकर 150 रन भी नहीं बना सकी. लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 144 रन ही बना सकी और मुकाबला हार गई.

मुल्तान में कैसे जीत की ओर बढ़ा पाकिस्तान?

मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की थी. उसने अपनी पहली पारी में बाबर आजम की जगह लेने और टीम में डेब्यू करने वाले बल्लेबाज कामरान गुलाम के शतक के दम पर 366 रन बनाए. कामरान गुलाम ने 118 रन की पारी खेली. इसके बाद इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 291 रन का स्कोर खड़ा किया. पाकिस्तान के लिए सलमान आगा ने दूसरी पारी में 63 रन बनाए. पाकिस्तान की दूसरी पारी 221 रन पर खत्म हुई. इस तरह इंग्लैंड को 297 रन का लक्ष्य मिला.

नोमान और साजिद की फिरकी इंग्लैंड समझ नहीं पाया

इंग्लैंड के पास 297 रन के लक्ष्य को हासिल करने का पूरा समय था, लेकिन, समय होने के बावजूद वो मंजिल तक नहीं पहुंच सके क्योंकि पाकिस्तानी स्पिनरों का बुना माया जाल उनकी समझ से बाहर रहा. नोमान अली और साजिद खान ने मिलकर दोनों पारियों में इंग्लैंड के बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया. पहली पारी में साजिद खान ने 7 विकेट और नोमान अली ने 3 विकेट लिए तो दूसरी पारी में नोमान अली ने 8 विकेट जबकि साजिद ने 2 विकेट अपने नाम किए. यानी 20 में से 11 विकेट नोमान अली ने अपने नाम किए तो वहीं 9 विकेट साजिद खान ने झटके.

1348 दिन का इंतजार खत्म

मुल्तान में खेला पहला टेस्ट इंग्लैंड ने जीता था. वहीं दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हरा दिया. इसी के साथ 3 टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर आ खड़ी हो गया है. मुल्तान में खेला दूसरा टेस्ट जीतकर पाकिस्तान ने घरेलू जमीन पर 1348 दिन से टेस्ट मैच ना जीत पाने का अपना इंतजार भी खत्म किया. उसने आखिरी टेस्ट घरेलू जमीन पर फरवरी 2021 में जीता था.

बेंगलुरु टेस्ट: रोहित शर्मा का एक फैसला पलट सकता है 36 साल का इतिहास

बेंगलुरु टेस्ट में पहला दिन बारिश की भेंट चढ़ गया और दूसरे दिन के खेल में टीम इंडिया घरेलू जमीन पर बनाए अपने सबसे लोएस्ट टोटल 46 रन पर ढेर हो गई. ऐसे में सवाल ये है कि क्या रोहित शर्मा का उठाया एक कदम 36 साल का इतिहास पलट सकता है. क्योंकि, आसार तो इसी के जगे दिख रहे हैं. और, अगर ऐसा हो गया तो फिर हेड कोच गंभीर के लिए ये कभी ना भूला सकने वाला टेस्ट मैच साबित हो सकता है. अब आप सोच रहे होंगे कि रोहित शर्मा का उठाया कदम क्या है? और, क्या है उसका 36 साल के इतिहास से कनेक्शन?

रोहित शर्मा ने उठाया कौन सा कदम?

टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के उठाए कदम से यहां मतलब उनके टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के फैसले से है. भारतीय कप्तान के उस फैसले का ही नतीजा रहा कि टीम 46 रन पर लुढ़क गई. दूसरे दिन के खेल के बाद रोहित शर्मा ने अपनी गलती मानते हुए कहा भी कि उनसे पिच को पढ़ने में चूक हुई. उन्होंने टॉस जीतकर गलत फैसला कर लिया.

रोहित का कदम पलट सकता है 36 साल का इतिहास

इसमें कोई दो राय नहीं कि टॉस जीतकर रोहित शर्मा का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला टीम इंडिया के लिए आत्मघाती रहा. अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेने जैसा रहा. उनके उसी फैसले ने अब 36 साल के इतिहास को पलटने की उम्मीद जगा दी है. यहां 36 साल के इतिहास से मतलब न्यूजीलैंड के भारत में टेस्ट मैच जीतने से है.

न्यूजीलैंड ने भारतीय जमीन पर आखिरी बार टेस्ट मैच 36 साल पहले यानी 1988 में जीता था. वो मुकाबला मुंबई के वानखेड़े मैदान पर खेला गया था. उसके बाद कीवी टीम भारत में एक टेस्ट मैच जीतने को तरस रही है. अब जिस तरह से उसने बेंगलुरु टेस्ट को मजबूती से जकड़ा है, उसे देखकर लगता है कि रोहित शर्मा के उठाए कदम के चलते 36 साल का इतिहास पलट सकता है. मतलब, न्यूजीलैंड जीत सकती है.

गौतम गंभीर नहीं भूल सकते फिर ये टेस्ट मैच!

अब एक तो अपने ही देश की जमीन पर टेस्ट मैच में 46 रन पर लुढ़कने का रिकॉर्ड बना. अब ऊपर से 36 साल बाद भारत में न्यूजीलैंड ने टेस्ट मैच भी जीत लिया तो हेड कोच गौतम गंभीर की कोचिंग में वो सब होता दिखेगा, जो पहले नहीं दिख रहा था. जाहिर है कि अगर ऐसा हुआ तो गौतम गंभीर के कोचिंग करियर में कभी ना भूला पाने जैसा होगा बेंगलुरु टेस्ट.

बहरहाल, टीम इंडिया के पास अभी भी एक पारी है. बेंगलुरु टेस्ट मेंं अभी काफी खेल भी बचा है. और, सबसे बड़ी बात की क्रिकेट अनिश्चताओं का खेल है. हो सकता है कि टीम इंडिया ये टेस्ट मैच बचा भी ले. लेकिन, ताजा समीकरण में जो दिख रहा है, उसके मुताबिक इतिहास पलटने का पलड़ा ज्यादा भारी है.

भारत vs न्यूजीलैंड: टीम इंडिया की शर्मनाक हार के बाद रोहित शर्मा ने दी बड़ी प्रतिक्रिया

बेंगलुरु में गुरुवार 17 अक्टूबर की सुबह जो हुआ, उसे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए याद रखा जाएगा. टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के हाथों पहली पारी में ऐसी जिल्लत झेलनी पड़ी, जिसका जरा भी अंदाजा शायद ही कभी किसी ने लगाया होगा. पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन टीम इंडिया पहली पारी में सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई. उसके बल्लेबाजों ने पूरी तरह सरेंडर कर दिया. टीम इंडिया की इस हालत के लिए अब खुद कप्तान रोहित शर्मा ने जिम्मेदारी ली है और माना कि उनका एक फैसला गलत साबित हुआ. दिन का खेल खत्म होने के बाद कप्तान रोहित ने माना कि उन्होंने पिच को समझने में गलती की, जिसके कारण टीम इंडिया का ये हाल हुआ.

चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच का पहला दिन तो पूरी तरह बारिश से धुल गया था. फिर दूसरे दिन सुबह भी स्थिति बारिश वाली ही बनी थी लेकिन फिर भी मुकाबला शुरू हुआ और यहां भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीत लिया लेकिन सबको चौंकाते हुए पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. जल्द ही इसका असर दिखा और टीम इंडिया दूसरे सेशन की शुरुआत में ही सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई. टॉप ऑर्डर के 4 बल्लेबाज अपना खाता तक नहीं खोल सके. न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने कहर से भारत के धुरंधर बल्लेबाज ढेर हो गए.

पिच पढ़ने में हुई बड़ी गलती

टॉस के बाद से ही लगातार ये सवाल उठ रहे थे कि टीम इंडिया ने पहले बॉलिंग क्यों नहीं चुनी? पूरे दिन भर सोशल मीडिया पर भी फैंस यही चर्चा करते रहे. आखिर दिन का खेल खत्म होने के बाद कप्तान रोहित खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए और उनके सामने पत्रकारों ने ये सवाल रख दिया. रोहित ने बिना कोई बहाना बनाए सीधे मान लिया कि उन्होंने पिच को पढ़ने में गलती की. भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्हें लगा था कि पिच फ्लैट होगी, क्योंकि उसमें ज्यादा घास नहीं दिख रही थी और इसलिए ही उन्होंने पहले बैटिंग का फैसला किया.

रोहित ने कहा कि उनकी इस गलती के कारण टीम इस हाल में फंसी है. उन्होंने टीम के 46 रन पर ऑल आउट होने को दिल दुखाने वाला कहा क्योंकि उनकी गलती के कारण ऐसा हुआ था. रोहित ने हालांकि ये भी कहा कि पूरे साल में एक या दो गलती फिर भी चलती है.

इस वजह से नहीं लिया तीसरा पेसर

वहीं पिछली टेस्ट सीरीज में 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतरने के बाद इस मुकाबले में सिर्फ 2 पेसर शामिल करने के फैसले पर रोहित ने कहा कि स्पिनर कुलदीप यादव को इसलिए शामिल किया गया था क्योंकि पिच फ्लैट नजर आ रही थी और ऐसी पिच पर वो विकेट लेने में माहिर हैं. लेकिन सारे दांव उल्टे पड़ गए और न्यूजीलैंड ने सिर्फ 3 विकेट खोकर 180 रन बना लिए. हालांकि कुलदीप को एक विकेट जरूर मिला लेकिन कीवी बल्लेबाजों ने उन पर अटैक भी किया और 4.75 की औसत से रन बटोरे.

न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया को दिया बड़ा झटका, पहले 10 ओवर में गिरे 3 विकेट

बेंगलुरू टेस्ट के दूसरे दिन बारिश रुकी तो खेल शुरू हुआ और लेकिन इसके बाद न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने खतरनाक गेंदों की बरसात कर दी. न्यूजीलैंड ने पहले 10 ओवर इतने बेहतरीन फेंके कि टीम इंडिया का बुरा हाल हो गया और उसके फैंस को 18 साल बाद ऐसा दिन देखना पड़ा.

 टीम इंडिया ने बेंगलुरू टेस्ट के पहले 10 ओवर में सिर्फ 12 रन बनाए और उसके 3 विकेट भी गिर गए. ये टीम इंडिया का पिछले 18 सालों में अपने घर पर पहले 10 ओवर में सबसे कम स्कोर है. इससे पहले साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में पहले 10 ओवर में 10 रन ही बनाए थे और उसका एक विकेट गिरा था. मतलब पिछले 23 सालों में टीम इंडिया के साथ अपने घर पर दूसरी बार इतना बुरा हाल हुआ है.

टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर ढेर

बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में पहले 10 ओवर में ही टीम इंडिया के तीन टॉप बल्लेबाज आउट हो गए. सबसे पहले कप्तान रोहित शर्मा का विकेट निकला. वो 2 रन बनाकर टिम साउदी की गेंद पर बोल्ड हुए. इसके बाद विराट कोहली ने विलियम ओरौर्के को अपना विकेट दिया. विराट तो खाता भी नहीं खोल पाए. इसके बाद सरफराज खान का भी यही हाल हुआ. ईरानी कप में दोहरा शतक जमाने वाले सरफराज खान तीसरी गेंद पर खाता खोले बिना आउट हो गए. उनका विकेट मैट हैनरी ने झटका.

टीम इंडिया का इतना बुरा हाल कैसे हुआ?

अब सवाल ये है कि टीम इंडिया का इतना बुरा हाल कैसे हुआ? क्या भारतीय बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेले या न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने कमाल गेंदबाजी की. वैसे सच बात ये है कि इसमें पिच का बेहद अहम रोल रहा . बेंगलुरु में पिछले दो दिन से बारिश हो रही थी और पिच को कवर्स से ढका गया था. इसके बावजूद टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी. पिच की नमी से गेंदबाजों को फायदा मिला और उन्हें एक्स्ट्रा बाउंस हासिल हुआ. इसके बाद न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने अपनी लेंग्थ एडजस्ट कर टीम इंडिया पर शॉर्ट बॉल से हमला किया और नतीजा न्यूजीलैंड ने टॉप ऑर्डर को धराशायी कर दिया.

विराट कोहली ने तोड़ा धोनी का रिकॉर्ड, बने भारत के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले खिलाड़ी

विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में एमएस धोनी का एक बड़ा रिकॉर्ड तोड़ दिया है. टॉस जीतने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने जैसे ही प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया, उसी के साथ विराट कोहली के नाम भी एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई. अब आप सोच रहे होंगे कि भारतीय प्लेइंग इलेवन के ऐलान का विराट कोहली के बनाए रिकॉर्ड से क्या लेना-देना? दरअसल, इसका कनेक्शन ये है कि अगर विराट कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं होते तो वो धोनी के रिकॉर्ड को बेंगलुरु में नहीं तोड़ पाते. कोहली ने बेंगलुरु में धोनी का जो रिकॉर्ड तोड़ा है वो भारत के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले खिलाड़ी से जुड़ा है.

विराट ने तोड़ा धोनी का बड़ा रिकॉर्ड

भारत के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर का है, जिन्होंने अपने करियर में 664 मैच खेले. उसके बाद 535 मैचों के साथ एमएस धोनी इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर थे. लेकिन, न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए मैदान पर उतरते ही विराट कोहली ने धोनी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया है. न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु में खेला जा रहा पहला टेस्ट विराट कोहली के करियर का 536वां इंटरनेशनल मैच है.

टॉप 5 में रोहित शर्मा का भी नाम

सचिन, विराट और धोनी के अलावा राहुल द्रविड़ एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 500 या उससे ज्यादा इंटरनेशनल मैच भारत के लिए खेले हैं. भारत के लिए 504 इंटरनेशनल मैच खेलकर द्रविड़ चौथे स्थान पर हैं. वहीं टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट उनके करियर का 486वां इंटरनेशनल मैच है. रोहित शर्मा सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों में 5वें स्थान पर हैं.

बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली नाकाम

न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में धोनी को सबसे ज्यादा मैच खेलने के मामले में पीछे करने वाले विराट कोहली के प्रदर्शन की बात करें तो वो 9 गेंदों का सामना करने के बाद खाता भी नहीं खोल पाए. लंबे समय के बाद नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट का प्रदर्शन एक बार फिर से खराब रहा.

मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी को सोशल मीडिया पर मिली धमकी,पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी को धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है. बरेली के रहने वाले युवक ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर धमकी देते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है. पीड़ित कोच ने मामले की शिकायत पुलिस से की है. डीआईजी के आदेश पर मुरादाबाद सिविल लाइंस थाने पर पुलिस ने धमकी देने वाले आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

धमकी देने वाला युवक बरेली का रहने वाला है. वह पीड़ित कोच का शिष्य रह चुका है. उसने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वीडियो जारी कर कोच के खिलाफ अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया. उन्होंने इसकी शिकायत डीआईजी से की. उनका कहना है कि उनके खिलाफ गलत व्यवहार करने वाले युवक पर कानूनी कार्रवाई की जाए. मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी मुरादाबाद की जिगर कॉलोनी में रहते हैं.

बरेली के युवक ने दी धमकी

पीड़ित कोच ने बताया कि करीब 10 साल पहले उनके पास बरेली के इज्जतनगर निवासी दीपक चौहान प्रैक्टिस करता था. 2017 में जब वह TMU में थे तब दीपक उनका शिष्य हुआ करता था. उन्होंने बताया कि वह कुछ गलत आदतों में लगा हुआ था. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उनके पास दीपक का फोन आया था. सब कुछ नोर्मल था और ठीक-ठाक बात हुई. 6 अक्टूबर को अचानक उसकी पोस्ट देखी तो उन्हें भरोसा नहीं हुआ. उन्होंनेबताया कि दीपक चौहान ने उनके खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए धमकी दी.

शिकायत पर पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

पीड़ित कोच बदरउद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि उन्हें कभी ऐसा अंदाजा नहीं था दीपक मुझे लेकर इस तरीके की बात करेगा. जब उन्होंने यह वीडियो सोशल मीडिया पर देखी तो उन्हें बहुत बुरा लगा. इसकी शिकायत पुलिस से की है. दीपक ने उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है. उनकी शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस अधीक्षक नगर कुंवर रणविजय सिंह ने बताया कि क्रिकेट कोच की शिकायत पर धमकी देने वाले युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

शमी की चोट ने बढ़ाई टीम इंडिया की चिंता, रोहित शर्मा ने कहा - ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना मुश्किल

हाल ही में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को दोबारा चोट लगने की खबर सामने आई थी जिसे इस खिलाड़ी ने सिरे से नकार दिया था लेकिन अब टीम इंडिया के कप्तान ने ही शमी को गलत बता दिया है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि रोहित शर्मा ने बेंगलुरू में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मोहम्मद शमी का घुटना पूरी तरह ठीक नहीं हुआ है और उनकी चोट इतनी ज्यादा है कि इस खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ले जाना बेहद मुश्किल है.

रोहित शर्मा ने खोली शमी की पोल

रोहित शर्मा ने शमी की पोल खोलते हुए कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शमी पर फैसला लेना बेहद मुश्किल है. उन्हें एक और झटका लगा है और उनके घुटने में सूझन है. अब उन्हें दोबारा से शुरुआत करनी पड़ रही है. शमी एनसीए में डॉक्टर और फीजियो के साथ हैं. हम चोटिल शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जाना चाहते.’ रोहित शर्मा का ये बयान साबित करता है कि मोहम्मद शमी ने हाल ही में जिस रिपोर्ट का खंडन किया था वो कहीं ना कहीं सच है.

शमी ने क्या कहा था?

सोशल मीडिया पर जब शमी को दोबारा चोट लगने की खबर फैली थी तो इस गेंदबाज ने लिखा था कि इस तरह की बेबुनियाद अफवाहें क्यों फैलाई जा रही हैं.वो कड़ी मेहनत कर रहे हैं और ठीक होने के लिए बेस्ट कोशिश कर रहे हैं. शमी ने कहा कि बीसीसीआई और मैंने नहीं कहा है कि मैं बॉर्डर-गावस्कर सीरीज से बाहर हूं. शमी ने फैंस से अपील की थी कि वो इस तरह की खबरों पर ध्यान ना दें. लेकिन सवाल ये है कि अगर वो खबर गलत थी तो रोहित शर्मा का ये बयान भी गलत है? क्या कप्तान अपने खिलाड़ी के बारे में झूठ बोल रहा है? अब इस खबर का जवाब शमी क्या देते हैं ये देखने वाली बात होगी.

शमी को कब लगी थी चोट

मोहम्मद शमी को वर्ल्ड कप 2023 के दौरान चोट लगी थी. वर्ल्ड कप फाइनल के बाद से शमी ने कोई मैच नहीं खेला है. उनकी सर्जरी भी हुई और अब जब उनके मैदान में वापस लौटने का समय आया तो ऐसी खबरें हैं कि वो दोबारा चोटिल हो गए हैं. शमी अगर ठीक हो जाते हैं तो टीम इंडिया के लिए इससे अच्छी बात नहीं है लेकिन अगर ये खिलाड़ी बाहर होता है तो भारतीय टीम के लिए ये निश्चित तौर पर चिंता का विषय है.