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एक्शन में कलेक्टर, कस्टम मिलिंग का चावल जमा न करने पर राइस मिलों को किया ब्लैकलिस्टेड

महासमुंद-      जिले के बागबाहरा स्थित दो राइस मिलों, मेसर्स जय चण्डी एग्रोटेक राइस मिल और मेसर्स लक्ष्मी राइस इंडस्ट्रीज को आगामी एक खरीफ वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.

कलेक्टर ने भौतिक सत्यापन के दौरान पाया कि मेसर्स जय चण्डी एग्रोटेक राइस मिल ने 124 क्विंटल धान और मेसर्स लक्ष्मी राइस इंडस्ट्रीज ने 1681.60 क्विंटल धान का चावल जमा नहीं किया. इस गंभीर लापरवाही के चलते दोनों राइस मिलों को काली सूची में डाला गया है.

इसके साथ ही, कलेक्टर ने जिला विपणन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि मेसर्स जय चण्डी एग्रोटेक राइस मिल से 3 लाख 10 हजार रुपये और मेसर्स लक्ष्मी राइस इंडस्ट्रीज से 42 लाख 4 हजार रुपये की बैक गारंटी तत्काल वसूली जाए. यह कार्रवाई चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाई गई है.

अंबिकापुर एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले ही शुरू हुआ विरोध, हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति ने फूंका बिगुल…

बिलासपुर-    एक तरफ रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर के बाद अब अंबिकापुर से नियमित हवाई सेवा शुरू करने की तैयारी है. प्रधानमंत्री मोदी 20 अक्टूबर को एयरपोर्ट प्रदेशवासियों को समर्पित करेंगे, लेकिन उसके पहले हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति ने बिना सुविधाओं के एयरपोर्ट का उद्घाटन किए जाने का विरोध किया है. 

हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि आधे-अधूरे एयरपोर्ट पर फ्यूल भराने की सुविधा नहीं है, जिससे आने वाले दिनों में उड़ान संचालन को लेकर संशय है. रायपुर को छोड़, बिलासपुर, जगदलपुर और अंबिकापुर में जरूरी सुविधाएं नहीं है. उन्होंने कहा कि 4 सी लाइसेंस, नाइट लैंडिंग, टेक्सी, कैंटीन जैसी सुविधाओं का अब तक अभाव है. पिछले 5 साल से हवाई सेवा समितियों के लोग संघर्ष कर रहे हैं. समिति ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर में बड़ा फर्जीवाड़ा
रायपुर-  रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर निर्माण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. सड़क बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जमीन प्रभावितों के लिए मुआवजा तय किया गया था. इसमें तहसील के अफसरों ने करीब 42 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है. भू-स्वामियों को नियमानुसार 300 करोड़ का मुआवजा देना था पर अफसरों ने जमीन मालिकों से मिलकर 342 करोड़ का मुआवजा बना दिया. इसमें शासन ने 246 करोड़ की राशि भू-स्वामियों को बांट भी दी है. जांच के बाद हुए खुलासे के बाद एक तहसीलदार और तीन पटवारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, अभनपुर में अफसरों ने जमीन मालिकों को अधिग्रहण के दौरान वास्तविक से ज्यादा मुआवजा दिलवा दिया. पूरी मिलीभगत से इस काम को किया गया. भू-अर्जन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर तत्कालीन रायपुर कलेक्टर ने इसकी जांच का आदेश दिया था. प्रारंभिक जांच में ही गड़बड़ी साबित हो गई. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आते ही गोबरा नवापारा के तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण और पटवारी जितेंद्र साहू, दिनेश पटेल और लेखराम देवांगन को निलंबित किया गया है. अभी भू-स्वामियों ने 2.41 किमी तक कॉरिडोर के काम पर रोक लगा दी है. इसके चलते प्रोजेक्ट का काम रुक गया है.

4 हजार करोड़ की लागत से बननी है 464 किमी सड़क

बता दें कि रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर 464 किलोमीटर तक बनाना है. सड़क बनाने में करीब 4 हजार करोड़ खर्च होंगे. इसमें अभनपुर ब्लॉक में अफसरों ने जमीन मालिकों के साथ मिलकर 9 किमी सड़क की जमीन का 342 करोड़ का मुआवजा बना दिया, जबकि नियमों के अनुसार लगभग 300 करोड़ का मुआवजा होता है. शासन ने इसमें 246 करोड़ की राशि भू-स्वामियों को बांट भी दी. अभी इन भू-स्वामियों को 78 करोड़ की राशि और मिलनी थी. इसी बीच एनएचएआई की विजलेंस टीम से ज्यादा मुआवजा बांटने की शिकायत हो गई और राशि बांटने पर रोक लग गई।

जानिए… कैसे हुआ पूरा खेल

जमीन अधिग्रहण के नियमों के अनुसार ग्रामीण अंचल में 500 वर्गमीटर से कम जमीन है तो उसका मुआवजा अधिक मिलता है यदि 500 वर्गमीटर से जमीन ज्यादा है तो उसका पैसा कम मिलता है. जैसे एक एकड़ जमीन है तो उसका मुआवजा 20 लाख होगा. यदि इसी जमीन को टुकडों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो मुआवजा बढ़कर करीब एक करोड़ का हो जाएगा. रायपुर- विशाखापट्टनम कॉरिडोर के पास होते ही बड़े-बड़े रसूखदारों ने अफसरों से मिलकर ज्यादातर जमीन को 500 वर्गमीटर के नीचे कर दिया. इस वजह से मुआवजे की रकम बहुत ज्यादा बढ़ गई, जिससे अफसरों को भी शक हुआ और जांच कराई.

लापरवाही पर कलेक्टर का एक्शन : दो पटवारियों को कारण बताओ नोटिस जारी, पंचायत सचिव निलंबित…तहसीलदारों को दिए ये निर्देश

मुंगेली-   कलेक्टर राहुल देव ने आज कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर उनके कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी गंभीरतापूर्वक कार्य करते हुए आमजनों को त्वरित राहत पहुंचाएं। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में जिले की स्थिति हमेशा टॉप में रहे। समीक्षा के दौरान राजस्व प्रकरण के निराकरण में लापरवाही पाए जाने पर ग्राम जुनवानी हल्का नम्बर 16 के पटवारी मानू साहू और ग्राम देवरी हल्का नम्बर 15 के पटवारी सतीश कुर्रे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. वहीं जनपद पंचायत लोरमी में पदस्थ पंचायत सचिव ध्रुव कुमार तिवारी को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया.

तहसीलदारों को दिए ये निर्देश

कलेक्टर ने सभी तहसीलदारों को अपने तहसील से संबंधित रिकॉर्ड को अद्यतन रखने के निर्देश दिए। उन्होंने नामांतरण, बटांकन, सीमांकन, डिजिटल हस्ताक्षर, स्वामित्व योजना, अभिलेख शुद्धता, नक्शा बटाकन आदि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने तथा जिम्मेदारीपूर्वक समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जिन प्रकरणों में नामांतरण की आवश्यकता नहीं है, उनमें अनिवार्य रूप से विस्तृत टीप लिखें। उन्होंने सभी एसडीएम को टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग व व्यपवर्तन के कार्य का गंभीरतापूर्वक मॉनिटरिंग करने और प्रावधानानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोक सेवा गारंटी और आरबीसी 6-4 के प्रकरणों का त्वरित निराकरण करें। अतिक्रमण की शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही करें।

पंचायत सचिव निलंबित

जनपद पंचायत लोरमी में पदस्थ पंचायत सचिव ध्रुव कुमार तिवारी को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया है। कलेक्टर राहुल देव के निर्देशानुसार जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय ने यह कार्यवाही की है। शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने, ग्राम पंचायत का प्रभार नहीं देने एवं उच्चाधिकारी के आदेश की लगातार अवहेलना करने के कारण पंचायत सचिव के विरूद्ध यह कार्यवाही की गई है। निलंबन अवधि में सचिव तिवारी का मुख्यालय जनपद पंचायत लोरमी निर्धारित किया जाता है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।

रायपुर दक्षिण उपचुनाव : PCC चीफ बैज ने बूथ प्रभारियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ की बैठक, कहा – एकजुटता से चुनाव लड़ना और जीतना है…
रायपुर- रायपुर दक्षिण उपचुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राष्ट्रीय सचिव एवं सह प्रभारी जरिता लेफतलांग, एआईसीसी के सह-सचिव एवं सह-प्रभारी विजय जांगिड़ की उपस्थिति में दक्षिण विधानसभा के चुनाव के संबंध में दो महत्वपूर्ण बैठक ली. बैज ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए रिचार्ज किया.

पहली बैठक बूथ कमेटियों के प्रभारियों की और दूसरी बैठक दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं की हुई. बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि दक्षिण विधानसभा में बदलाव की हवा चल रही है. यह चुनाव कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए अवसर है. हम सबको मिलकर इस बार दक्षिण विधानसभा में कांग्रेस को विजयी बनाना है. 20 अक्टूबर को दक्षिण विधानसभा के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन है. हमें एक-एक बूथ में पूरी ताकत से भिड़ना है. भाजपा सरकार की 11 माह की नाकामी इस चुनाव में हमारा सबसे बड़ा मुद्दा है. हमें पूरी एकजुटता से चुनाव लड़ना और जीतना है.

बैठक में पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री गुरू रूद्र कुमार, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रतिमा चंद्राकर, महापौर एजाज ढेबर, पारस चोपड़ा, शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे सहित वरिष्ठ कांग्रेसी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आईएफएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल यहां नवा रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित आईएफएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ में आयोजित 27 वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में बतौर खिलाड़ी हिस्सा ले रहे देश भर से आए वन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं विभिन्न प्रदेशों से हमारे वन विभाग के अधिकारीगण जो बतौर खिलाड़ी आये हैं उन सभी का छत्तीसगढ़ प्रदेश में बहुत-बहुत स्वागत करता हूं। यह छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य का विषय है कि राष्ट्रीय स्तर का यह 27वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का हमारे छत्तीसगढ़ में आयोजन हुआ है। इसके लिए मैं केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और पूरे विभाग को आभार देता हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि छत्तीसगढ़ में आकर आप सभी को बहुत अच्छा लगा होगा। छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर प्रदेश है। यहां पर 44% वन है और कई जलप्रपात और गुफाओं सहित अनेक दर्शनीय स्थल हैं। इस खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से हमारे देशभर के आईएफएस अधिकारियों के साथ-साथ वन विभाग के जितने खिलाड़ी हैं सबसे मिलने का यह अवसर यहां पर मिला है।

आईएफएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम वन मंत्री केदार कश्यप, स्वामी राजीव लोचन महाराज, आईएफएस एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के संरक्षक व्ही श्रीनिवास राव और अध्यक्ष संजीता गुप्ता सहित अनेक अधिकारीगण उपस्थित थे।

अपराधों पर नियंत्रण के लिए सख्ती से की जाए कार्यवाही: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपराधियों और असामाजिक तत्वों पर सख्ती से कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि हर हाल में कानून और व्यवस्था बहाल रखना चाहिये। पुलिस त्वरित कार्यवाही करे और चौकन्ना रहे। बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर होने वाली घटनाओं पर पुलिस की पैनी नजर होनी चाहिए और इन घटनाओं के संभावित परिणाम पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराधों को रोकने के लिए नशे के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाया जाए। गांजा, अवैध शराब, ड्रग्स की तस्करी पर मुस्तैदी से कार्यवाही हो।

श्री साय ने कहा कि नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि में पुलिस की गश्त नियमित रूप से होनी चाहिए। पुलिस के आला अफसर भी अनिवार्य रूप से पेट्रोलिंग करें। रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड, हवाई अड्डों के साथ ही संवेदनशील इलाकों में नियमित रूप से पुलिस की पेट्रोलिंग होती रहनी चाहिए। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शॉपिंग मॉल, दुकानों, होटलों आदि रात्रि के समय पर निर्धारित समय पर बंद होनी चाहिए। बियर बार एवं होटल निर्धारित समय पर बंद हो ऐसे होटल जहां शराब की अवैध बिक्री की शिकायत मिलती है उन पर सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सायबर क्राईम को रोकने के लिए तत्परता से प्रभावी कार्यवाही की जाए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत सहित गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ट्राईफूड पार्क के व्यवस्थित संचालन को लेकर मंत्रालय में हुई बैठक

रायपुर-    जगदलपुर के ग्राम सेमरा में स्थित ट्राईफूड पार्क के संचालन के संबंध में आज आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, ट्रायफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार आशीष चटर्जी की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई। मैनेजिंग डायरेक्टर, ट्रायफेड आशीष चटर्जी ने बताया कि ट्रायफेड द्वारा 8.20 करोड़ की लागत से जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में ट्राईफूड पार्क तैयार कर लिया गया है उक्त प्लांट सेमरा ग्राम, जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में स्थित है इसका सकल क्षेत्रफल लगभग 21.55 एकड़ है, जिसमें 4.36 एकड़ में प्लाट स्थापित है।

उल्लेखनीय है कि जगदलपुर बस्तर में ट्रायफेड द्वारा स्थापित यह फूड पार्क वनोत्पाद की एक प्रमुख प्रसंस्करण इकाई है, जिसमें वनधन केन्द्रों एवं स्थानीय जनजाति कृषकों से कच्ची सामग्री (विशेषकर लघु वनोपज) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लेकर उसका प्रसंस्करण कर उत्पादन, पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग किया जाएगा। इस फूड पार्क के व्यवस्थित संचालन एवं आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की गई।

बैठक में सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग नरेन्द्र कुमार दुग्गा, उप सचिव बी.के. राजपूत, उप राज्य कार्यक्रम निर्देशक, छत्तीसगढ़, आदिवासी विकास समिति, रायपुर अनुपम त्रिवेदी, जी.एम. ट्रायफेड संयम कश्यप एवं रीजनल मैनेजर, ट्रायफेड, रायपुर पी.एम. खदाने उपस्थित थे।

सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के हित में काम करने वाला एक विशाल संगठन है लघु उद्योग भारती - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अग्रसेन भवन खुर्सीपार में आयोजित क्षेत्रीय उद्यमी सम्मेलन 2024 का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, लघु उद्योग के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पुरूषोत्तम पटेल, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंघानिया, लघु उद्योग भारती के म.प्र. अध्यक्ष राजेश मिश्रा सहित अन्य उद्यमी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उद्यमी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि उद्यमिता के विकास और प्रदेश में नये निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लघु उद्योग भारती द्वारा सम्मेलन का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग भारती, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के हित में काम करने वाला एक विशाल संगठन है। देश में इस संगठन की करीब 1000 इकाईयां और 65000 सदस्य होना सचमुच गौरव की बात है। सरगुजा और बस्तर जैसे जनजातीय क्षेत्रों में भी संगठन ने अपना विस्तार किया है। इससे निश्चित ही इन क्षेत्रों में भी लघु और सूक्ष्म उद्योगों को ताकत मिल रही है और उद्यमिता का विकास हो रहा है। हमारे प्रदेश में खनिज सम्पदा का भंडार है। यहां का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। हमारे प्रदेश में मेहनतकश किसान है, इसलिए छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां पर उद्योग की बहुत अच्छी संभावना है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आगामी माह नवम्बर में प्रदेश की नई उद्योग नीति 2024-29 लांच करने की तैयारी है। इस नीति में छोटे और मझोले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से प्रावधान किये जा रहे हैं। उद्यमियों की मांग पर मुख्यमंत्री श्री साय ने लघु उद्योग भारती के लिए नया रायपुर में भूमि एवं मध्यप्रदेश के समान छत्तीसगढ़ में भी एमएसएमई (माइक्रो एंड स्माल मिडियम इंटरप्राइजेस) मंत्रालय के अधीन स्थापित करने का आश्वासन दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने लघु उद्योग भारती की ’छत्तीसगढ़ उद्योग दर्पण 2024’ पुस्तक का विमोचन किया।

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि हमारी सरकार उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली 2.0 लागू की गई है। उद्यमियों को अब विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। सभी आवश्यक अनुमतियां और लाइसेंस इसी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होंगे। उद्योगों में उत्पादित होने वाले माल की बिक्री हेतु विदेश से एमओयू किया गया है। श्री देवांगन ने कहा कि उद्योगों के विस्तार के लिए कार्य किया जा रहा है। सरकार द्वारा इस्पात उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की जा रही है, जो इस उद्योग को गति देगी।

इस अवसर पर दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला, संयुक्त कलेक्टर हरवंश मिरी सहित बड़ी संख्या में म.प्र.एवं छत्तीसगढ़ के उद्यमी उपस्थित थे।

गरियाबंद: अवैध रेत परिवहन कर रहे 7 वाहनों पर खनिज विभाग ने की कार्रवाई, लेकिन यहां अब भी जारी है अवैध खनन

गरियाबंद-   जिले के धमतरी में रेत खदानों से अवैध परिवहन करते हुए 7 हाईवा को माइनिंग विभाग ने जब्त किया है. माइनिंग विभाग ने प्रशासन की संयुक्त टीम के साथ मिलकर रेत का अवैध परिवहन कर रहे 7 हाईवा को जब्त किया. इनमें से 6 हाईवा धमतरी जिले के मोहेरेंगा और परेवाडीह घाट से आ रहे थे, जबकि 1 हाईवा गरियाबंद के तर्रा घाट से पकड़ा गया. हालांकि, गरियाबंद के खदानों में चल रहे अवैध खुदाई के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है, क्योंकि राजधानी के रेत माफिया का एक प्रभावशाली सिंडिकेट यहां सक्रिय है.7

सूत्रों की मानें तो कार्रवाई से बचाने प्रभावशाली माफिया के गरियाबंद के तर्रा घाट से आरहे वाहन को हाइवे में आने नहीं दिया गया था, उन्हें सिग्नल मिलते ही आने कहा गया था. जब कलेक्टर दीपक अग्रवाल को इस मामले की जानकारी मिली, तो उन्होंने संयुक्त टीम को उस स्थान पर भेजा.

इस कार्रवाई के दौरान राजिम के चौबे बाधा मोड में रेत से भरे 9 हाईवा घंटों तक रुके रहे. इनमें से अधिकांश के पास पिट पास नहीं था और बाकी ओवरलोड थे. लेकिन हैरानी की बात यह है कि चालकों को पिट पास लाने के लिए वापस खदान भेजा गया और अंततः सभी 9 हाईवा को छोड़ दिया गया.

गौरतलब है कि गरियाबंद के खदानों में वीआईपी माफियाओं की एंट्री के बाद अवैध कारोबार का ग्राफ तेजी से बढ़ गया है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अवैध खनन और परिवहन जारी रहता है, जिससे रायपुर, दुर्ग और कवर्धा रूट होते हुए एमपी तक सप्लाई की जा रही है.

 अवैध खनन के प्रमुख घाट:

1. तर्रा घाट:

   यह घाट पैरी नदी पर स्थित है और इसके संचालन में स्थानीय राजनीतिक हस्तक्षेप है. यहाँ हर रात 20 हाईवा 60 ट्रिप से ज्यादा रेत की सप्लाई होती है.

2. बिडोरा घाट:

   सुखा नदी में स्थित यह घाट खनिज विभाग के रिकॉर्ड में अनुबंधित नहीं है. यहाँ से राजधानी में रेत की सप्लाई की जा रही है, जबकि स्थानीय राजनीतिक दबाव के कारण कार्रवाई में बाधा आती है.

3. बोरिद घाट:

   इसे बिडोरा 2 के नाम से जाना जाता है और यह भी अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. यहाँ 20 से ज्यादा हाईवा रात के अंधेरे में रेत परिवहन कर रहे हैं.

जिला खनिज अधिकारी फागूलाल नागेश ने कहा कि संयुक्त टीम के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई की जा रही है और पिछले कुछ दिनों में कई वाहन जब्त किए गए हैं. उन्होंने अवैध कारोबार को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास जारी रखने का आश्वासन दिया.