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आईपीएस श्वेता श्रीमाली की सख्त निगरानी में लॉरेंस बिश्नोई: साबरमती जेल में हाई सिक्योरिटी

महाराष्ट्र के मुंबई के बांद्रा में दशहरे के दिन बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. अब बाबा सिद्दकी की मौत के कुछ समय बाद ही मुंबई कंट्रोल रूम को सलमान खान को जान से मारने की धमकी लॉरेंज बिश्नोई गैंग की तरफ से दी गई है. एक्टर सलमान खान के बांद्रा स्थित घर पर भी अप्रैल महीने में फायरिंग भी की गई थी. इस फायरिंग में ही लॉरेंस गैंग के शामिल होने की बात सामने आई थी

अभी फिलहाल, लॉरेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में रखा गया है. इससे जुड़े मामलों की गंभीरता को देखते हुए लॉरेंस को हाई सिक्योरिटी में रखा गया है. जिस कुख्यात अपराधी की वजह से बॉलीवुड में चर्चों को बौछार हो गई है उस लॉरेंस बिश्नोई के जेल में की जाने वाली एक-एक हरकतों की निगरानी लेडी सिंघम आईपीएस अधिकारी श्वेता श्रीमाली के जरिए रखी जाती है. आईपीएस श्वेता श्रीमाली ने 2023 में ही साबरमती जेल की कमान संभाली है. इन्होंने 2010 सिविल सर्विसेज परीक्षा में सेलेक्शन के बाद सें बतौर आईपीएस ज्वाइन किया था.

गुजरात कैडर में पति-पत्नी आईपीएस

तेज-तर्रार ऑफिसर श्वेता श्रीमाली और पति सुनील जोशी, दोनों ही गुजरात कैडर में प्रशासन का हिस्सा हैं. श्वेता श्रीमाली साबरमती सेंट्रल जेल की डीआईजी हैं तो वहीं पति सुनील जोशी गुजरात एटीएस का हिस्सा हैं. दोनों ने ही 2010 में यूपीएससी की परीक्षा को पास किया था. उन्होंने ऑल ओवर इंडिया में यूपीएससी की परीक्षा में 79 रैंक हासिल की थी.

आईपीएस श्वेता श्रीमाली राजपूतों की धरती राजस्थान की रहने वाली हैं. स्कूल के दिनों से ही आईपीएस श्वेता पढ़ने में काफी होशियार थीं. एक अच्छे और मेहनती स्टूडेंट के तौर पर उन्होंने पूरी लगन और शिद्दत से अपनी पढ़ाई को पूरा किया. ग्रैजुएशन में उन्होंने बीए को चुना और उसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. कड़ी मेहनत और लगन के बाद उन्हें इस परीक्षा में सफलता भी मिली.

किन-किन जिलों में किया काम?

श्वेता श्रीमाली ने अहमदाबाद में डीसीपी के तौर पर काम किया. उसके बाद उन्हें आदिवासियों के बाहुल्य इलाके की कमान सौंपी गई, जिसमें डांग जिले में उन्होंने बतौर एसपी काम किया. अब वो साबरमती सेंट्रल जेल में डीआईजी के पद पर काम कर रही हैं

आचार संहिता उल्लंघन: शिंदे सरकार को चुनाव आयोग का झटका, 103 फैसले और 8 टेंडर किए रद्द

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग की ओर से कर दिया गया है. 20 नवंबर को राज्य में एक ही चरण में चुनाव होंगे और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे, लेकिन इससे पहले राज्य सरकार को चुनाव आयोग की ओर से बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने शिंदे सरकार पर एक्शन लिया है, जिसके चलते आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए उन्हें टेंडर और कई जीआर कैंसिल करने पड़े हैं.

दरअसल चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगने से पहले महामंडल पर की गई नियुक्तियों और हड़बड़ी मे लिए गए फैसलों पर आचार संहिता लगने के बाद अमल करने को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है, जिसके बाद अब आचार संहिता रहने तक इन फैसलों (GRs) को जैसे थे वैसे ही रखने का आदेश दिया गया है और सख्ती भी दिखाई है.

चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

इसके साथ ही जिन फैसलों पर जीआर निकले होंगे और उन पर अमल नहीं हुआ होगा. उन्हे पेंडिंग रखने का आदेश दिया गया है. आचार संहिता लगने के बाद भी राज्य सरकार ने कई फैसले जारी कर उनके टेंडर भी निकाले. इस तरह का एक्शन आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करने में लिया जाता है. इस पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है.

103 फैसले और 8 टेंडर रद्द करने पड़े

ऐसे में केंद्रीय चुनाव आयोग के आक्रामक रवैये को देखने के बाद राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने आचार संहिता के दौरान सरकार की वेबसाइट पर जारी 103 फैसले और 8 टेंडर को रद्द कर दिया है. हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था, जिसके तुरंत बाद शिंदे सरकार ने अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपॉइंटमेंट्स और टेंडर जारी कर दिए थे. इसके बाद उन्हें चुनाव आयोग की ओर से एक पत्र भेजा गया था. उसमें बताया गया था कि आचार संहिता लागू होने के बाद फैसले नहीं लिए जा सकते.

जयपुर में आरएसएस कार्यक्रम में चाकूबाजी, 10 लोग घायल, जानें पूरी मामला

करणी विहार थाना क्षेत्र के रजनी विहार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के शरद पूर्णिमा कार्यक्रम के तहत गुरुवार रात खीर वितरण के दौरान कुछ युवकों ने चाकूबाजी कर दी।

चाकू के वार से दस लोग घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने घायलों को एसएमएस अस्पताल भिजवाया, जहां उनका इलाज जारी है।

जानकारी के अनुसार, आरएसएस की शाखा की ओर से रजनी विहार में शरद पूर्णिमा का आयोजन किया जा रहा था। इसी दौरान एक युवक ने खीर वितरण में शामिल लोगों पर चाकू से हमला कर दिया और खीर फेंक दी, जिससे कार्यक्रम में अफरातफरी मच गई। इसी दौरान कुछ लोगों हमलावरों को पकड़ लिया। घटना के बाद आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए कई लोग करणी विहार थाने पहुंचे। पुलिस ने बताया कि मामले में नसीब चौधरी व उसके बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

अस्पताल पहुंचे भाजपा नेता

मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, विधायक गोपाल शर्मा, भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी सवाई मानसिंह अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचे। देर रात पुलिस ने आसपास के इलाके में अतिरिक्त जाप्ता लगाया और वारदात में शामिल अन्य युवकों की तलाश के लिए दबिश शुरू कर दी है।

यह हुए घायल

पुलिस के मुताबिक, सभी घायल आरएसएस की जगदम्बा नगर हीरापुरा शाखा से जुड़े हुए है। घायल शंकर बागड़ा, मुरारीलाल, राम पारीक, लाखन सिंह जादौन, पुष्पेंद्र व दिनेश शर्मा एसएमएस अस्पताल में भर्ती है। बाकी चार घायल नजदीक के अस्पताल में भिजवाए गए हैं। घायलों ने बताया कि कार्यक्रम में खीर वितरण हो रही थी। तभी आरोपियों ने खीर को लात मारी ओर हमला कर दिया।

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज का बड़ा एक्शन, अधिकारियों को मीटिंग से किया बाहर

हरियाणा की राजनीति में गब्बर के नाम से मशहूर अनिल विज कैबिनेट मंत्री बनते ही एक बार फिर से एक्शन में नजर आए.कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने के तुरंत बाद मंत्री अनिल विज ने गुरुवार शाम 6 बजे अपने गृह जिले अंबाला के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई थी.

अनिल विज शपथ लेने के तुरंत बाद अंबाला पहुंचे. लेकिन इस बैठक में कई सीनियर अधिकारी नदारद थें. जिसके बाद अनिल विज मीटिंग में मौजूद अन्य जूनियर अधिकारियों पर नाराज हो गए और उन्हें मीटिंग से बाहर जाने को कह दिया.

इस दौरान अनिल विज वहां मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से उन्होंने ये भी कहा कि मैं कोई पहली बार मंत्री नहीं बना हूं और जब 2 बजे इस मीटिंग के लिए सभी अधिकारियों को बता दिया गया था फिर शाम 6 बजे की इ, मीटिंग में कई सीनियर अधिकारी क्यों नही हैं? इस बैठक में कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद नहीं थे.

कैबिनेट मंत्री की ली शपथ

हरियाणा के अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज ने बृहस्पतिवार को ही कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. पंचकूला में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विज को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान एक दिलचस्प वाकया भी हुआ जब अनिल विज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गर्मजोशी से हाथ मिलाया.

पीएम मोदी से हुई बातचीत

मंत्री पद की शपथ लेने के बाद जब विज अपनी सीट की ओर लौट रहे थे, तो उन्होंने मंच पर मौजूद नेताओं का अभिवादन किया. प्रधानमंत्री मोदी के पास पहुंचते ही विज ने उनसे हाथ मिलाया और दोनों के बीच हल्की बातचीत भी हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी मुस्कुराते हुए नजर आए, और विज अपनी सीट की ओर बढ़ गए.

मुख्यमंत्री पद का दावा कर रहे थे विज

अनिल विज का मुख्यमंत्री पद को लेकर दावा भी चर्चा में रहा है. चुनाव के समय से ही विज ने मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोक रखा था. उन्होंने कहा था कि यदि पार्टी विधानसभा चुनाव जीतती है तो वह अपनी वरिष्ठता के आधार पर मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करेंगे. इसके लिए उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी. हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने उनकी दावेदारी को दरकिनार कर दिया और अंत में उन्हें कैबिनेट मंत्री पद से संतोष करना पड़ा.

शपथ ग्रहण से पहले ही अनिल विज के सुर बदल गए थे. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर पार्टी उन्हें चौकीदार बना देती है, तो वह पूरी निष्ठा के साथ यह काम करेंगे. इससे पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक में भी विज ने स्पष्ट किया था कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं और उन्होंने कभी कोई पद नहीं मांगा. विज ने कहा था कि पार्टी का जो भी फैसला होगा, वह उसे स्वीकार करेंगे.

लॉरेंस गैंग का खुलासा: जिगाना पिस्टल से सलमान खान को मारने की थी प्लानिंग"

मुंबई में सलमान खान की हत्या की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार लॉरेंस के शूटर सुक्खा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. सुक्खा के मुताबिक, सलमान को मार डालने के लिए अत्याधुनिक अथियार AK 47, AK 92, M 16 और तुर्की मेड जिगाना हथियार (टर्किश पिस्टल) भी खरीदने की तैयारी थी. तुर्की मेड जिगाना हथियार वही है जिससे माफिया अतीक अहमद और पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गई थी. जिगाना सीरीज की सभी पिस्टल्स तुर्की की कंपनी टिसास ट्रैबजेन आर्म्स इंडस्ट्री कॉर्प बनाती है. यह कंपनी पिछले 23 सालों से पिस्टल बना रही है.

जिगाना पिस्टल को लिमिटेड इस्तेमाल के लिए बनाया जाता है. जिगाना पिस्टल केवल सिक्योरिटी कंपनी को बेची जाती है और तुर्की सेना इसका इस्तेमाल करती है. कंपनी दावा करती है कि यह यूरोपियन पिस्टल की कॉपी नहीं है. भारत में यह पिस्टल बैन है. लेकिन फिर भी अवैध तस्करी से यह पिस्टल यहां लाई जाती हैं. जिगाना पिस्टल पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत पहुंचती हैं. सलमान खान की हत्या करने के लिए भी लॉरेंस गैंग पाकिस्तान के जरिए ही जिगाना पिस्टल मंगवाने जा रहा था.

जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल तुर्की की सेना के अलावा इस्तेमाल मलेशिया और अजरबैजान की सेना के साथ फिलीपिंस पुलिस और अमेरिकी कोस्ट गार्ड करते हैं. जिगाना पिस्टल में ब्राउनिंग टाइप लॉकिंग सिस्टम है, जो उसे पावरफुल बनाता है. मॉडर्न फायर आर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, Zigana M16 जिगाना का सबसे ओरिजनल मॉडल है. जिसमें शॉर्ट अंडरबैरल डस्टकवर का इस्तेमाल किया गया है. जिगाना दूसरी पिस्टल से इसलिए भी अलग है क्योंकि इससे निकलने वाली गोली एक सेकंड में 350 मीटर की दूरी तय करती है.

कितनी है इस पिस्टल की कीमत?

तुर्की में बनने वाली जिगाना पिस्टल खरीद पाना सबके बस की बात नहीं. 4 से 7 लाख रुपये कीमत वाली जिगाना के लिए गैंगस्टर 10-12 लाख रुपये चुकाने को भी तैयार हो जाते हैं. दिल्ली के टॉप गैंगस्टर्स को भी जिगाना पिस्टल खूब पसंद है. कुछ साल पहले जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जितेंदर गोली (अब मृत) से हाथ मिलाया तो दोस्ती की निशानी के रूप में एक जिगाना पिस्टल दी. ये कभी जाम नहीं होतीं.

जिगाना पिस्टल से एक ही बार में 15-17 राउंड फायर कर सकते हैं. गोगी इससे बड़ा इम्प्रेस हुआ. उसने ढेर सारी जिगाना पिस्टल मंगवाने का ऑर्डर दे डाला. एक वक्त तो गोगी जिगाना पिस्टल के लिए पागल सा हो गया था. उसने अपने गुर्गों को बोला कि रंगदारी से आई रकम का बड़ा हिस्सा जिगाना पिस्टल खरीदने में खर्च किया जाए.

लड़की का नाम जिगाना

इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि वो नाटो स्टैंडर्ड के मुताबिक ही पिस्टल का निर्माण करती है. वो कम भारी हथियार बनाती है और डिफेंस इंडस्ट्री के प्रोडक्ट्स के मानकों के मुताबिक ही इसे तैयार करती है. कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट में दावा किया गया है पिस्टल को सप्लाई से पहले मानकों पर परखा पर जाता है. जैसे उसका फायर कंट्रोल टेस्ट होता है. इसमें 100 फीसदी पास होने के बाद भी उसे सप्लाई किया जाता है. जिगना सीरीज का सबसे आखिरी मॉडल Zigana PX9 है. जिगाना हंगरी मूल की एक एक लड़की का नाम है, जिसका मतलब होता है जिप्सी गर्ल.

छत्तीसगढ़ में डीएमएफ घोटाले की जांच में ईडी का बड़ा एक्शन, दो अधिकारी गिरफ्तार*

प्रवर्तन निदेशालय ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड ( डीएमएफ) स्कैम मामले में सस्पेंडेड आईएएल अधिकारी रानू साहू और एक महिला प्रशासनिक अफसर माया वारियर को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने दोनों को पांच दिनों की ईडी रिमांड का आदेश दिया है. यह घोटाला करीब 100 करोड़ रुपए का है. रानू साहू रायपुल जेल में पिछले एक साल से जेल में बंद हैं. वहीं महिला अफसर को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया.

माया वारियर और रानू साहू को ईडी ने क्रमशः 15 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया है. दोनों छत्तीसगढ़ के जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले में मुख्य आरोपी हैं.

ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन दोनों आरोपियों को क्रमशः 16 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), रायपुर के समक्ष पेश किया गया. न्यायालय ने उन्हें 22 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड में दे दिया है.

ईडी ने राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक कार्यपालकों के साथ मिलीभगत करके डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने के पैसे की हेराफेरी का आरोप लगया है. इनके खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से दर्ज 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है.

छत्तीसगढ़ में डीएमएफ घोटाले का आरोप

बता दें कि डीएमएफ खनिकों द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य खनन संबंधी परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करना है.

रानू साहू मई 2021 से जून 2022 तक कोरबा, छत्तीसगढ़ की तत्कालीन जिला कलेक्टर थीं और माया वरियर अगस्त, 2021 से मार्च, 2023 तक कोरबा, छत्तीसगढ़ में आदिवासी विकास विभाग की तत्कालीन सहायक आयुक्त थीं.

ईडी की जांच में पता चला है कि ठेकेदारों ने अधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन या अवैध रिश्वत का भुगतान किया है, जो अनुबंध मूल्य का 25 फीसदी से 40 फीसदी तक है.

कमीशन में लिए गए थे सैंकड़ों करोड़ रुपए

रिश्वत के भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई नकदी विक्रेताओं और ठेकेदारों द्वारा समायोजन प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई थी. इसकी शुरुआत से लेकर वित्त वर्ष 2022-23 तक 1000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. कोरबा में अकेले कमीशन की राशि सैकड़ों करोड़ रुपये है.

इससे पहले, ईडी, रायपुर ने डीएमएफ घोटाले से जुड़े छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर सरकारी अधिकारियों, विक्रेताओं, ठेकेदारों और आवास प्रविष्टि प्रदाताओं के मामले में तलाशी अभियान चलाया था. इस अभियान में 2.32 करोड़ रुपये के आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, नकदी और बैंक बैलेंस, आभूषण आदि जब्त किए गए थे.

बहराइच हिंसा: अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- सरकार नाकामी छुपाने के लिए कर रही एनकाउंटर"

बहराइच हिंसा के मामले में यूपी पुलिस से मुठभेड़ में आरोपी सरफराज और मोहम्मद तालीम के घायल होने की घटना पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा कि ये घटनाएं सरकार की नाकामी हैं. सरकार नाकामी छुपाने के लिए एनकाउंटर कर रही है. यदि एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था बेहतर होता तो उत्तर प्रदेश में सबसे बेहतरीन लॉ एंड आर्डर होता.

उन्होंने कहा कि एनकाउंटर करना और नफरत को बढ़ावा देना, यह सरकार को नया तरीका मिल गया है. यह अपने सभी नाकामी को छुपा रहे हैं. बैलेंस करने के लिए क्षत्रिय को भी मार दिया गया. सरकार अपनी नाकामी छुपा रही है और ऐसे एनकाउंटर करवा रही है.

सपा प्रमुख ने बहराइच की घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो घटना हुआ, दुखद हुआ. ऐसी घटना समाज में न हों. अगर किसी की जान गयी है तो उसका दोषी कौन होगा? जब जांच होगी तो बहुत से पुलिस जेल जाएंगे.

अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर बोला हमला

बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि गुरुवार को बहराइच हिंसा के आरोपी सरफराज और मोहम्मद तालीम नेपाल भागने की कोशिश कर रहे हैं. उस दौरान मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से वे घायल हो गया है. बहराइच हिंसा के मामले में एनकाउंट की घटना के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है और अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है.

वहीं, मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर का चुनाव वे लोग हार रहे हैं. इस कारण सभी बीएलओ हटा दिए हैं. इंटरनल सर्वे में वो लोग हार रहे थे, इसलिए उन्होंने चुनाव टाल दिया है.

शुक्रवार को महाराष्ट्र जा रहे हैं अखिलेश

महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मैं शुक्रवार को महाराष्ट्र जा रहा हूं. हमारी कोशिश होगी कि इंडिया गठबंधन के साथ लड़े. हमने सीटें मांगी हैं, हमें उम्मीद है कि हमारे दो विधायक थे, इस बार ज्यादा सीटें मिलेंगी और पूरी मजबूती के साथ इंडिया गठबंधन के साथ खड़े होंगे. उत्तर प्रदेश में बहुत जल्द सब तय हो जाएगा. बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ सीटों के समझौते को लेकर घमासान मचा हुआ है. अखिलेश यादव ने आशा जताई कि जल्द ही इसका समाधान निकल आएगा.

शरद पवार का दावा: महा विकास अघाड़ी में 200 सीटों पर सहमति बनी"..

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही अब महायुति और महा विकास अघाड़ी के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत तेज हो गयी है. महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिव सेना (उद्धव ठाकरे) पार्टियां शामिल हैं. गुरुवार को एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि महा विकास अघाड़ी के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर 200 सीटों पर सहमति बना गई है. बता दें कि महाराष्ट्र में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 288 है और 20 नवंबर को राज्य में चुनाव कराने का ऐलान चुनाव आयोग ने किया है.

महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शरद पवार ने दावा किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

सीट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि वह सीधे तौर पर सीट बंटवारे की प्रक्रिया में शामिल नहीं है. एनसीपी-एसपी राज्य इकाई प्रमुख जयंत पाटिल बातचीत में उनकी पार्टी की ओर से शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सतारा जिले सहित किन सीटों पर एनसीपी (एसपी) चुनाव लड़ेगी. इसका फैसला जयंत पाटिल ही करेंगे.

हरियाणा चुनाव परिणाम का नहीं पड़ेगा प्रभाव

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी और महायुति के बीच मुकाबला है. शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के खिलाफ महा विकास अघाड़ी की पार्टियों का मुकाबला है.

जून 2022 में शिव सेना में विभाजन हुआ था और शिव सेना (एकनाथ शिंदे) और शिव सेना (उद्धव ठाकरे) का गठन हुआ था तो जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने अलग पार्टी का गठन किया था. हालांकि चुनाव आयोग ने अजित पवार की पार्टी को असली एनसीपी माना है. इस विभाजन के बाद महाराष्ट्र में यह पहला विधानसभा चुनाव है. शरद पवार ने साफ कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का प्रभाव महाराष्ट्र विधासनभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा.

चुनाव के बाद क्या बढ़ेगा जयंत पाटिल का कद?

इस बीच, एनसीपी (सपा) ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि उपलब्ध प्रतीकों की सूची से तुरही प्रतीक को फ्रीज कर दिया जाए, क्योंकि यह पार्टी को औपचारिक रूप से आवंटित “तुरहा फूंकने वाले आदमी” प्रतीक से मिलता-जुलता है. लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को तुरही प्रतीक आवंटित किया था. शरद पवार ने कहा कि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी. उसके बाद उनकी पार्टी ने तुरही प्रतीक चिह्न की फ्रीज करने की मांग की है.

महा विकास अघाड़ी के सीएम चेहरे को लेकर शरद पवार ने कहा कि मुद्दा तीन घटकों – शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (सपा) के बीच यह मुद्दा हल हो गया है. हालांकि शरद पवार ने संकेत दिया कि चुनाव के बाद जयंत पाटिल की भूमिका बढ़ सकती है. इससे ऐसी अटकलें लगने लगी है कि शरद पवार जयंत पाटिल को सीएम पद के चेहरे के रूप में पेश कर सकते हैं.

पंजाब में सहकारी बैंक के कर्जदारों को बड़ी राहत, जानें क्या है सरकार का फैसला

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने दिवाली के त्यौहार पर सहकारी बैंक के सभी बड़े कर्जदारों को खास सौगात दी है.

सीएम भगवंत मान ने कहा कि सरकार का मकसद राज्य में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करना है. पंजाब सरकार की घोषणा के मुताबिक सहकारी बैंक द्वारा सभी बड़े कर्जों पर एक महीने की प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाएगी. राज्य सरकार ने सभी से इस घोषणा का लाभ उठाने की अपील की है. भगवंत मान ने कहा कि यह पेशकश ग्राहकों को व्यक्तिगत, उपभोक्ता और वाहन ऋण की सुविधा देने के लिए शुरू की गई है.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि दिवाली वह समय होता है जब लोग खरीदारी करते हैं. ऐसे में यह पेशकश बैंक के ग्राहकों को आने वाले त्योहारों को बड़े स्तर पर मनाने की सुविधा देती है. इस कदम का मकसद सहकारी बैंकों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना भी है. उन्होंने कहा कि शून्य प्रोसेसिंग फीस सीमित समय के लिए है. यह 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक लागू रहेगी.

सपनों की कार की सवारी का आनंद लें

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बैंक सरकारी संस्थाओं के वेतनभोगी कर्मचारियों को उनकी सामाजिक-आर्थिक जरूरतों को पूरा करने और घरों के लिए टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के लिए व्यक्तिगत और उपभोक्ता ऋण प्रदान कर रहा है. इस बैंक से सस्ती दरों पर वाहन ऋण प्राप्त कर कोई भी परिवार अपने सपनों की कार की सवारी का आनंद ले सकता है.

प्रोसेसिंग फीस/शुल्क पर मिली छूट

मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें से कोई भी ऋण लेने वाले ग्राहक को पेशकश की अवधि के दौरान व्यक्तिगत ऋण, उपभोक्ता ऋण और वाहन ऋण के लिए कोई प्रोसेसिंग फीस/शुल्क अदा नहीं करना होगा. उन्होंने कहा कि ग्राहक इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए चंडीगढ़ स्थित पंजाब राज्य सहकारी बैंक की 18 शाखाओं में से किसी से भी संपर्क कर सकते हैं. भगवंत सिंह मान ने सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए लोगों से इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की.

प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान हमारी सरकार आई तो शराबबंदी हटेगी

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि उनकी सरकार आई तो बिहार से शराबबंदी हटा दी जाएगी. बिहार में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने यह ऐलान किया. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पहली बार विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार उतारे हैं और अगला विधानसभा चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया है.

उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराबबंदी लागू किये जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गांधी जी ने नहीं कहा कि कानून बनाकर शराब बंद कर दो. ये लोग गांधी को तो समझते नहीं हैं

प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी का अगर कोई फायदा तब हो जब लागू हो, लेकिन बिहार में शराबबंदी कहां है? घर-घर शराब माफिया हैं. शराबबंदी हटनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शराबबंदी सिर्फ सरकारी फाइल और नेताओं के भाषण में ही लागू है.

शराबबंदी हटाने का विरोध करने पर बोला हमला

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आई तो तुरंत शराबबंदी हटाएंगे. शराबबंदी हटाने का विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी हटाने का विरोध वो कर रहा है जो शराब के गलत धंधे से पैसा कमा रहा है. नीतीश कुमार से जुड़ा हर अधिकारी शराब के धंधे से जुड़ा है. तीनों दलों में शराब से जुड़े लोग हैं. वास्तव में ये लोग बिहार की जनता से अन्याय कर रहे हैं.

एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘बिहार में कहीं भी शराबबंदी लागू नहीं है, राज्य में केवल शराब की दुकानों पर ताला लगा हुआ है और हर जगह होम डिलिवरी हो रही है.

शराबबंदी से 20 हजार करोड़ का नुकसान

उन्होंने कहा कि तथाकथित शराबबंदी से बिहार की जनता को हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. राज्य की गरीब जनता का पैसा शराबबंदी के नाम पर लूटा जा रहा है और यह पैसा अधिकारियों और शराब माफिया के यहां जा रहा है, जबकि गांव-गांव में शराब की बिक्री हो रही है.

उन्होंने सवाल किया कि यदि बिहार में शराबबंदी है तो फिर कैसे जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है. उन्होंने बिहार के जिलों में यात्रा की. उस दौरान लोगों ने बताया कि उनके इलाके में कैसे जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई. जहरीली शराब पीने से मौत की जानकारी लोग पुलिस को भी नहीं देते हैं, क्योंकि लोग डरते हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. बिहार में कहीं भी शराबबंदी लागू नहीं है. यहां हर जगह शराब बिक रही है.