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झारखंड में 43 सीटों के लिए 18 अक्टूबर से शुरू होगा नामांकन , सुबह 11 बजे से प्रत्याशी कर पाएंगे नामांकन पत्र

* झारखंड डेस्क मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा है कि पहले चरण में 43 विधानसभा सीटों के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन शुरू हो जाएगा. नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है. प्रत्याशी सुबह 11 बजे से तीन बजे तक नामांकन कर सकेंगे. अवकाश के दिन नामांकन नहीं होगा. सभी प्रत्याशी नामांकन के दौरान चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का जरूर पालन करें. वे गुरुवार को धुर्वा के निर्वाचन सदन में प्रेस वार्ता कर रहे थे. पत्रकार वार्ता में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के साथ संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार और उपनिदेशक, जनसंपर्क आनन्द मौजूद थे. *10 हजार रुपये होंगे जमानत राशि,जमा करना होगा प्रत्याशी को* झारखंड के सीईओ के रवि कुमार ने कहा कि नामांकन के दौरान नामांकन स्थल की 100 मीटर की परिधि के भीतर सिर्फ तीन गाड़ियों के प्रवेश की अनुमति होगी. प्रत्याशी के साथ सिर्फ चार लोग नामांकन कक्ष में जा सकेंगे. प्रत्याशी के नामांकन के लिए 10 लोगों का प्रपोजल अनिवार्य होगा. हर सामान्य प्रत्याशी को 10 हजार रुपए बतौर जमानत राशि जमा करानी होगी. अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए यह राशि पांच हजार रुपए होगी. *प्रत्याशियों के लिए ये है जरूरी* झारखंड के सीईओ ने जानकारी दी कि शपथपत्र के रूप में हर प्रत्याशी को फॉर्म 26 को स्पष्ट रूप से पूरा भरना होगा. प्रत्याशियों को अपने आपराधिक मामलों से जुड़ी जानकारी कम से कम तीन समाचार पत्रों में विज्ञापित करानी होगी. उसे अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भी प्रदर्शित करना होगा. प्रत्येक प्रत्याशी चुनाव खर्च के ब्योरा के लिए अलग से बैंक अकाउंट खुलवा लेंगे. *दो चरणों में झारखंड में होंगे चुनाव* झारखंड में इस बार दो चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को है, जबकि दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को है. 23 नवंबर को मतगणना है. पहले चरण के चुनाव को लेकर 18 अक्टूबर से नामांकन शुरू हो रहा है. झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं. दूसरे चरण में शेष 38 सीटों पर मतदान होंगे.
चुनाव बिगुल बजने ही शुरू हो गयी 'विरासत की सियासत'?*,

*कई राजनेताओं की बेटे-बेटियों और पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारने की चल रही है तैयारी!* झारखंड डेस्क रांची :झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही सभी दलों ने अपनी कमर कसकर मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। लेकिन 'विरासत की सियासत' को चमकाने के लिए नेताओं ने गणेश परिक्रमा करना शुरू कर दिया है। सूबे के एक दर्जन से भी ज्यादा सांसद, विधायक, मंत्री और नेता अपने बेटे-बेटियों व पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें पार्टियों का टिकट दिलाने की लॉबिंग शुरू हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को भाजपा घाटशिला से मैदान में उतारने जा रही है। कोल्हान प्रमंडल में चंपई सोरेन का काफी प्रभाव माना जाता है। उधर, संथाल परगना प्रमंडल की जामा सीट से तीन बार झामुमो की विधायक रहीं सीता सोरेन अब भाजपा में हैं। वह इस सीट पर अपनी पुत्री जयश्री सोरेन को भाजपा का टिकट दिलाना चाहती हैं। भाजपा के सामने दुविधा यह है कि इस सीट पर पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे सुरेश मुर्मू की भी मजबूत दावेदारी है। वहीं, झारखंड की मौजूदा कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत वाले कांग्रेस कोटे के मंत्री रामेश्वर उरांव की उम्र 77 वर्ष है। उम्र के तकाजे के आधार पर उनका टिकट कट सकता है। ऐसे में वह अपने पुत्र रोहित उरांव को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। वह लोहरदगा से विधायक हैं। लेकिन इसी सीट पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत भी अपने पुत्र अभिनव भगत को उतारना चाहते हैं। अभिनव यूथ कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं और उन्होंने उम्मीदवारी की दावेदारी के साथ बायोडाटा पार्टी के पास जमा किया है। धनबाद जिले के बाघमारा से भाजपा के विधायक रहे ढुल्लू महतो अब सांसद बन चुके हैं। वह खाली हुई विधानसभा सीट पर अपनी पत्नी सावित्री देवी या पुत्र प्रशांत कुमार में से किसी एक के लिए टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। धनबाद जिले की ही सिंदरी सीट के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो गंभीर रूप से बीमार होकर साढ़े तीन साल से हॉस्पिटल के बिस्तर पर पड़े हैं। अब इस सीट पर उनकी पत्नी तारा देवी दावेदारी कर रही हैं। जबकि कोल्हान की मनोहरपुर सीट से झामुमो की विधायक रहीं जोबा मांझी लोकसभा चुनाव में चाईबासा सीट से जीतकर संसद पहुंच चुकी हैं। इस सीट पर उनके पुत्र उदय मांझी झामुमो टिकट के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं, झामुमो के कद्दावर नेता और महेशपुर सीट से विधायक स्टीफन मरांडी अपनी पुत्री उपासना मरांडी को सियासत में लाना चाहते हैं। संभव है कि वह अपनी जगह बेटी को मैदान में उतारें। पलामू जिले की विश्रामपुर सीट से भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भी अपने पुत्र ईश्वर सागर चंद्रवंशी को सियासी विरासत सौंपना चाहते हैं। इसी सीट से कई बार विधायक रहे और राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि उनका पुत्र अभय दुबे उनका सियासी उत्तराधिकारी होगा और वह विश्रामपुर से चुनाव लड़ेगा। जबकि हजारीबाग जिले की बरही सीट पर कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला अपने पुत्र रविशंकर अकेला को अपनी विरासत सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। इस सीट पर पिता-पुत्र दोनों ने उम्मीदवारों की दावेदारी का आवेदन पार्टी को सौंपा है। इसी जिले की बड़कागांव सीट पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री विधायक योगेंद्र साव और उनकी विधायक पुत्री अंबा प्रसाद ने टिकट के लिए आवेदन दिया है। पलामू की हुसैनाबाद सीट से एनसीपी के विधायक और पूर्व मंत्री कमलेश सिंह भी अपने बेटे सूर्या सिंह को सियासी विरासत सौंपना चाहते हैं। पिछले साल एक कार्यक्रम में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसका ऐलान भी किया था। उधर, डाल्टनगंज सीट से पांच बार विधायक-सांसद रह चुके दिग्गज नेता इंदर सिंह नामधारी ने पिछले चुनाव में अपने बेटे दिलीप सिंह नामधारी को मैदान में उतारा था। लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। दिलीप इस बार फिर मैदान में उतरेंगे, यह तय माना जा रहा है। इसी तरह सिमडेगा सीट पर चार बार विधायक रहे भाजपा के दिग्गज नेता निर्मल बेसरा के बेटे श्रद्धानंद बेसरा को पार्टी ने पिछले चुनाव में उतारा था और वह महज कुछ सौ वोटों के फासले से पराजित हो गए थे। इस बार फिर वह टिकट के मजबूत दावेदार हैं। ऐसे कई और नेता हैं जो अपने पुत्र-पुत्रियों को चुनावी मैदान में उतारकर अपनी धमक बरकरार रखना चाहते हैं।
इसबार के झारखंड विंधानसभा चुनाव में कई ऐसे चर्चित नए चेहरे होंगे मैदान में जिसपर रहेगी पूरे देश की नजर,आइए जानते हैं कौन हैं ये चेहरे...!

* झारखंड डेस्क झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा हो गयी है. चुनाव आयोग ने 2 चरण में राज्य में विधानसभा चुनाव करवाने का फैसला लिया है. पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. 23 तारीख को मतों की गिनती होगी. पूरे देश की नजर इस चुनाव पर है. हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित तमाम दिग्गजों के बीच कुछ ऐसे भी चेहरे हैं. जिन चेहरों पर पूरे देश की नजर रहेगी उनमें सबसे पहला नाम कल्पना मुर्मू सोरेन का आता है जिन्होंने बहुत ही कम समय में झारखंड की राजनीति में एक अलग पहचान बनायी है. इसी तरह जयराम महतो, बाबूलाल सोरेन और चंद्रदेव महतो पर भी पूरे देश की नजर रहेगी. *कल्पना सोरेन ने बहुत ही कम समय में किया अपने आपको स्थापित* झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने बहुत ही कम समय में झारखंड की राजनीति में अपने आपको स्थापित किया है. हेमंत सोरेन के सीएम बनने के बाद भी कल्पना सोरेन ने राजनीति से अपने आपको अलग रखा था. जब जेल जाने के कारण हेमंत सोरेन को पद छोड़ना पड़ा उस समय भी कल्पना सोरेन की राजनीति में डायरेक्ट एंट्री नहीं हुई थी. हालांकि बाद में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के माध्यम से उन्होंने राजनीति में एंट्री मारी. महज पिछले 4-5 महीने में ही कल्पना सोरेन ने अपने आपको पूरी तरह से राजनीति में स्थापित कर लिया है. सोशल मीडिया पर उनके हजारों की संख्या में फॉलोअर्स हैं. महिला वोटर्स के बीच भी उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. सूत्रों के अनुसार मंइयां सम्मान योजना के पीछे भी कल्पना सोरेन की रणनीति ही बतायी जा रही है. इस विधानसभा चुनाव में पूरे देश की नजर कल्पना सोरेन पर होगी. कई विधानसभा सीटों पर अभी से ही उनकी सभा के लिए प्रत्याशियों की तरफ से तैयारी की जा रही है. *जयराम महतो ने पुराने मुद्दों को दी नई धार* जेएलकेएम के नेता जयराम महतो इस विधानसभा चुनाव में लगभग 1 दर्जन सीटों पर प्रभावी साबित हो सकते हैं. जयराम महतो ने झारखंड में स्थानीयता और भाषा जैसे मुद्दों के दम पर पिछले 2-3 सालों में छोटानागपुर और कोल्हान के कुछ क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनायी है. हाल ही में उन्होंने अपनी पार्टी का भी गठन किया है. लोकसभा चुनाव में भी गिरिडीह सीट पर उन्होंने 3 लाख से अधिक वोट लाकर लोगों को चौका दिया था. कई अन्य सीटों पर भी उनके उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि हाल के दिनों में उनकी पार्टी में हुई टूट के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. युवाओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ है. झारखंड की राजनीति में जयराम महतो की पार्टी को आजसू पार्टी के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है. *ए.के. रॉय की विरासत संभालने आगे आए हैं चंद्रदेव महतो* झारखंड अलग राज्य आंदोलन को 60,70 और 80 की दशक में ए.के. रॉय ने नई दिशा दी थी. उनके प्रयासों से ही स्थापित झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बढ़ चढ़कर झारखंड आंदोलन में हिस्सा लिया. एक दौर में शिबू सोरेन, बिनोद बिहारी महतो और ए.के रॉय की तिकड़ी की चर्चा देश भर में होती थी. ए.के. रॉय शिबू सोरेन के कट्टर प्रशंसक थे और वो झारखंड की कमान आदिवासियों के हाथ में जाए इसके सबसे बड़े पैरवीकार रहे थे. ए.के रॉय के निधन के बाद उनकी पार्टी का हाल ही में भाकपा माले में विलय हो गया. ए.के. रॉय की पार्टी के नेता रहे चंद्रदेव महतो, ए.के रॉय की परंपरागत सीट सिंदरी से इस चुनाव में भाकपा माले की टिकट पर उतरने वाले हैं. चंद्रदेव महतो बेहद ही इमानदार और ए.के. रॉय की ही तरह फक्कड़ स्वभाव के माने जाते हैं. चंद्रदेव महतो ने बतौर शिक्षक रहते हुए भी सिंदरी में जमकर काम किया और उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में एंट्री ली है. उन तमाम पुराने मुद्दों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं जिन्हें एक दौर में बिनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन और ए.के रॉय उठाते रहे थे. झारखंड की राजनीति में सिंदरी सीट इस चुनाव में चंद्रदेव महतो के द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों के कारण तेजी से चर्चित हो रहा है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि भाकपा माले के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद उत्तरी छोटानागपुर के क्षेत्र में चुनाव परिणाम पर भी इसका असर पड़ सकता है. चंपाई के बेटे बाबूलाल सोरेन ने मान सम्मान को बनाया मुद्दा हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जेएमएम की तरफ से झारखंड के मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन ने बाद में विद्रोह कर दिया और वो बीजेपी में शामिल हो गए. चंपई सोरेन के बीजेपी में एंट्री और जेएमएम में विद्रोह के पीछे सबसे बड़े सूत्रधार के तौर पर बाबूलाल सोरेन का नाम सामने आया. बाबूलाल सोरेन चंपई सोरेन के पुत्र हैं. उन्होंने चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाने के जेएमएम के तरीके पर सवाल उठाया था और कहा जाता है कि बीजेपी के साथ दोस्ती के लिए भी पूरी कहानी के प्रमुख सूत्रधार वो रहे थे. बाबूलाल सोरेन के घाटशिला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है. हालांकि बीजेपी की तरफ से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं हुई है. लेकिन वो लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. चंपई सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं की कमान बाबूलाल सोरेन के हाथ में ही लंबे समय से रही है. हालांकि जेएमएम की तरफ से उनके खिलाफ बड़ी तैयारी करने की योजना है. ऐसे में पूरे देश के लोगों की नजर है कि क्या बाबूलाल सोरेन राजनीति के मैदान में जोरदार एंट्री मार पाएंगे?
झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बाऱ 11 लाख 84 हजार 150 वोटर फर्स्ट टाइम मतदान करेंगे जिनकी उम्र 18 से 19 साल की है

झारखंड डेस्क 

झारखंड के इतिहास में पहली बार होगा, जब सिर्फ दो ही चरण में विधानसभा के चुनाव पूरे हो जायेंगे। इस बार जिस तरह के डेट से लेकर शेड्यूल तक आयोग ने तय किये हैं, उससे एक बात तो साफ है कि इलेक्शन ने चुनाव की तारीख को लेकर काफी मशक्कत की है। 

झारखंड में इस बार 2 करोड़ 60 लाख 87 हजार 698 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमे से 11 लाख 84 हजार 150 फर्स्ट टाइम वोटर है, जिनकी उम्र 18 से 19 साल की है।

 मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में वोटर्स की कुल संख्या 2.6 करोड़ है। जिनमें से 1.29 करोड़ महिला मतदाता है। वहीं पुरुष वोटर्स की संख्या1.39 करोड़ हैं। सरकार का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है।इस चुनाव में 448 थर्ड जेंडर और 1 लाख 13 हजार 970 सीनियर सिटीजन वोट डालेंगे। 

चुनाव आयोग की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक 2019 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 98 पोलिंग स्टेशन बढ़ाये गये हैं। 2019 में जहां 29464 पोलिंग बूथ थे, तो वहीं 2024 में 29562 पोलिंग बूथ बनाये गये हैं। इनमें से 5 हजार 42 पोलिंग स्टेशन शहरी इलाके में हैं। वहीं 24 हजार 520 ग्रामीण पोलिंग बूथ हैं। हर पोलिंग बूथ में 881 

मतदाता वोट डालेंगे।झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर वोटिंग होगी। इनमें से 44 सीट जनरल, 28 एसटी और 9 एससी हैं।

गो एयर की तरह भाजपा की गोगो दीदी योजना भी दिवालिया हो जाएगी।:इरफ़ान अंसारी

रांची। झारखंड में आचार संहिता लागू होने के साथ ही राजनीति तेज हो गयी है। भाजपा और झामुमो में तीखे आरोप पलटवार शुरू हो गये हैं। इधर मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा के गोगो दीदी योजना को लेकर तीखा तंज कसा है।

 इरफान अंसारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि गो एयर की तरह भाजपा की गोगो दीदी योजना भी दिवालिया हो जाएगी। इरफान ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंइयां सम्मान योजना की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये करने की घोषणा की है। यह निर्णय राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह मास्टर स्ट्रोक राज्य के विकास और महिलाओं के सम्मान को सुनिश्चित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा समय से पहले किए जाने पर मंत्री इरफान अंसारी ने एतराज जताया है। 

इरफान ने कहा कि इसका खामियाजा राज्य की जनता को छठ जैसे मौके पर भी आचार संहिता के जरिए उठानी पड़ेगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में चुनाव कराने का फैसला लिया है। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अभी एक महीना शेष था. इसके बावजूद आयोग ने यह फैसला लिया है अब चुनाव की घोषणा हो गई है।

रामगढ़ : कुज्जु ओपी क्षेत्र के नया मोड़ एनएच 33 के पास ट्रेलर की चपेट में आने से बाइक सवार तीन युवकों की मौत,

रामगढ़ ,झा डेस्क: जिला में कुज्जु ओपी क्षेत्र के नया मोड़ एनएच 33 फोरलेन पर ट्रेलर की चपेट में आने से बाइक सवार तीन युवक की मौत के बाद लोग आक्रोशित हो गये। लोगों ने रांची पटना मुख्य मार्ग को पूरी तरह कर दिया जाम।

 इस कारण सैकड़ों वाहन जाम में फंस गया। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और अंचल अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को समझने का प्रयास किया। 

प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार एक बाइक पर सवार होकर 3 युवक विपरीत दिशा से नया मोड़ की ओर आ रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रहे ट्रेलर की चपेट में आ गए। इस दुर्घटना से घटनास्थल पर एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई और दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।  

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायल युवकों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा। दोनों युवकों में से एक युवक की मौत रास्ते में हो गई और एक युवक की मौत अस्पताल में हो गई है। इस दुर्घटना की सूचना पाकर युवक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, जिसके बाद वहां पर चीख-पुकार मच गयी। तीनों युवक कुज्जु के दिगवार बस्ती के रहने वाले थे। मृतकों में चंदन मुंडा, राजा मुंडा, आदित्य कुमार महतो शामिल है।

भाजपा के चुनाव समिति की दिल्ली में हुई बैठक में झारखंड में टिकट बंटबारे को लेकर सस्पेंस खत्म,67 सीट पर भाजपा लड़ेगी खुद चुनाव,

बाकी में मिलेगा सहयोगी दलों को,कल तक जारी हो सकता है पहली लिस्ट


झारखंड डेस्क

झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है,इसके साथ हीं सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने लग गई हैं.

इस बीच जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार बीजेपी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. जानकारी के अनुसार कूल 81 सीटों में से भाजपा 67 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, बाकी सभी सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ेगी.

 झारखंड में बीजेपी एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. यहां उसका गठबंधन जेडीयू और आजसू के साथ है. कहा जा रहा है कि बीजेपी 11 सीटें आजसू और दो सीटें जेडीयू को दे सकती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के 22 मौजूदा विधायकों का टिकट बरकरार रखा जाएगा, जबकि 6 विधायकों का टिकट कटने वाला है. पार्टी ने 56 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं.

कल तक भाजपा पहली सूची करेगी जारी

बीते दिन दिल्ली में उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी चुनाव समिति की बैठक हुई. पार्टी मुख्यालय में सीईसी की करीब दो घंटे तक चली बैठक में झारखंड में चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई. इस बैठक में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष शामिल थे. बैठक में राज्य के चुनाव प्रभारी और झारखंड कोर टीम के सदस्यों के साथ उम्मीदवारों की संभावित नामों पर चर्चा की गई.

बीजेपी चुनाव समिति की दिल्ली में हुई बैठक

बीजेपी चुनाव समिति की बैठक में झारखंड की लगभग सभी सीटों पर चर्चा हुई. करीब 12-13 सीटों पर नाम तय करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय नेतृत्व को दी गई है. बताया जा रहा है अगले दो दिनों में पार्टी झारखंड के लिए पहली सूची जारी कर सकती है. पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है. पहली सूची में करीब 35 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं.

पार्टी के लिए समर्पित बरीय नेताओं को मिलेगी प्राथमिकता

इस बार बीजेपी ने वरिष्ठ नेताओं और अन्य दलों से आए नेताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है. झारखंड के बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी सहयोगी आजसू को 11 सीटें देगी, जेडीयू को दो सीटें देगी और एलजेपी (रामविलास) नेता चिराग पासवान को चुनाव नहीं लड़ने के लिए राजी कर लिया गया है. यह तय करना केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर है कि वे पासवान की पार्टी को एक सीट देने को तैयार है या नहीं.

सूत्रों का कहना है कि झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपनी सराय केला सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी अपनी चंदनकियारी सीट से चुनाव लड़ेंगे.

चुनाव तिथि की घोषणा के बाद पोलटिकल पार्टी में बढ़ी हलचल, जल्द सीट शेयरिंग पर होगा फैसला,

झामुमो और भाजपा के पहली सूची की संभावित नामों की सूची, सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल


झारखंड डेस्क 

झारखंड में इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है। हालांकि चर्चा है कि एक दो दिनों में सीट शेयरिंग पर मुहर लग सकती है। 

 खबर ये भी है कि पिछली बार से अधिक सीटों पर झामुमो चुनाव लड़ सकता है। हालांकि अभी इसे लेकर कुछ भी अधिकारिक जानकारी नहीं सामने आयी है। 

झामुमो की तरफ से जो संकेत मिले हैं। उसके मुताबिक इंडिया ब्लॉक में सबसे ज्यादा सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पास रहेंगी। झामुमो अपने पास 45 से 48 सीटें रख सकता है। कांग्रेस के खाते में 28 से 31 सीटें आने की उम्मीद है। 

वहीं लेफ्ट 2 से 3 और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 3 से 4 सीटें मिल सकती हैं।

कांग्रेस की तरफ से सुबोध कांत सहाय ने चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि झारखंड में एलायंस तैयार है। जल्द बैठकर सीट शेयरिंग पर चर्चा कर ली जायेगी। 

इस बीच झारखंड की तरफ से संभावित प्रत्याशियों के नाम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि झामुमो भी जल्द ही अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर देगा। इस बार पार्टियां अपने प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार का ज्यादा से ज्यादा मौका देना चाहती है, इसी बजह से भाजपा और झामुमो दोनों की तरफ से प्रत्याशियों की सूची जारी करने की जल्दबाजी दिख रही है। 

 झामुमों के संभावित नाम, जो हो रहे हैं वायरल 


झामुमो के उम्मीदवारों की पहली सूची 

बरहेट - हेमन्त सोरेन 

गांडेय - कल्पना सोरेन 

गिरिडीह - सोनू सुदिव्य 

सराईकेला - गणेश महली 

मझगांव - निरल पूर्ती 

चाईबासा - दीपक बिरुआ

 दुमका - बसंत सोरेन 

गुमला - भूषण तिर्की 

सिसई - झिगा सुसारण होरो 

मधुपुर - हफीजुल अंसारी 

सिमरिया - मनोज चंद्रा 

चंदनकियारी - उमाकांत रजक 

नाला - रबिन्द्र नाथ महतो 

तमाड़ - विकास मुंडा

 टुंडी - मथुरा महतो 

डुमरी - बेबी देवी 

गढ़वा - मिथिलेश ठाकुर 

भवनाथपुर - अनंत प्रताप देव 

लातेहार - बैद्यनाथ राम  

भाजपा की पहली सूची के कुछ संभावित प्रत्याशियों के नाम


1. रांची - नवीन जायसवाल 

2. 

2. हटिया - अजय नाथ शाहदेव

3. कांके - कमलेश राम

4. दुमका - सुनील सोरेन 

5. हजारीबाग - प्रदीप प्रसाद 

  6 . बेरमो - रविंद्र पांडे

7. पोटका - मीरा मुंडा 

8 . मधुपुर - गंगा नारायण सिंह

9. झरिया - रागिनी सिंह

10. बोकारो - बिरंची नारायण

11. कोडरमा - नीरा यादव 

12. बरकट्ठा - अमित यादव 

 

13 . जमुआ - डॉ मंजू 

14. बरही - मनोज यादव

15. चक्रधरपुर - शशिभूषण सामड 

16. जगन्नाथपुर - गीता कोड़ा 

17. बगोदर - नागेंद्र महतो 

18 . गांडेय - मुनिया देवी 

19. गिरिडीह- निर्भय शाहबादी

20. निरसा - अपर्णा सेनगुप्ता 

21. चंदनकियारी - अमर बाउरी

22. गुमला - सुदर्शन भगत

23. सिसई- अरुण उरांव

24. खिजरी - राम कुमार पाहन

25. सरायकेला - चंपाई सोरेन 

26. राजधनवार - बाबूलाल मरांडी

27. राजमहल - अनंत ओझा

28. धनबाद - राज सिन्हा 

29. गोड्डा - अमित मंडल

30. महागामा - अशोक भगत

31. नाला: माधव महतो 

32. बिश्रामपुर- रामचन्द्र चंद्रवंशी

33. पलामू - आलोक चौरसिया

34. गढ़वा - सत्येद्र तिवारी

35. हुसैनाबाद - कमलेश सिंह

36. भवनाथपुर - भानु प्रताप शाही 

37. खूंटी - नीलकंठ सिंह मुंडा

38. सारठ - रणधीर सिंह 

जदयू 

जमशेदपुर (पश्चिम) - सरयू राय

तमाड़ - राजा पीटर

अन्य सीटों के आज लिस्ट आने की संभावना।

चुनाव तारीख के ऐलान के साथ ही झारखंड में लगा आचार संहिता, आइये जानते हैं क्या है अचार सहिंता और किन चीजों पर लगती है पाबंदी

झारखंड डेस्क: चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही झारखंड में आचार संहिता लागू हो गयी है। आज झारखंड की हर गतिविधियों पर चुनाव आयोग का कंट्रोल होगा। आचार संहिता का अब कठोरता से पालन करना होगा। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को आचार संहिता कहते हैं। आचार संहिता चुनाव परिणाम के जारी होने के बाद या नयी सरकार के गठन होने तक जारी रहेगा। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल होता है कि आचार संहिता के लागू होने पर आखिर किन-किन चीजों पर पाबंदी लग जाती है। तो, आईये जानते इसके बारे में.... भारतीय चुनाव आयोग आचार संहिता को राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार करता है। इसके लागू होने के दौरान, राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर कुछ पाबंदी लगाई जाती है, ताकि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने में बराबर का मंच मिल सके। चलिए समझते हैं कि आचार सहिंता किन-किन पर लागू होती है और इसके उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कार्रवाई कर सकता है। चुनाव आचार संहिता किन पर लागू होती है? चुनाव आचार संहिता के नियम सिर्फ राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर ही लागू नहीं होते हैं. ये केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित सभी संगठनों, समितियों, निगमों, आयोगों आदि पर भी लागू होती है। इन संगठनों का अपनी उपलब्धियों का विशिष्ट रूप से विज्ञापन करना या नई सब्सिडी की घोषणा करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है. *किन चीज़ों पर मनाही होती है?* आचार संहिता लागू होते ही सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फायदा पहुंचता हों. सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है. सरकारी वाहन किसी दल या प्रत्याशी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होगा. कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है. संबंधित राज्य/केंद्रीय सरकार की आधिरकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों/राजनेताओं/राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को निकाल दिया जाता है. कृषि-संबंधी उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए सत्ताधारी पार्टी को चुनाव आयोग से परामर्श करना होगा. *क्या हो सकती है चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन पर कार्रवाई?* चुनाव आचार संहिताके नियमों का पालन करना सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है. आचार संहिता के उल्लंघन को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा. चुनाव आयोग उल्लंघन करने वाले प्रत्याशी या राजनीतिक दल पर कार्रवाई कर सकता है. संबंधित अधिकारी, जिसके क्षेत्र में उल्लंघन हुआ, उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है. मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से भी रोक सकता है. जरूरी होने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है. उल्लंघन करने पर जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं. उदाहरण के लिए किसी वाहन, जिसके लिए किसी उम्मीदवार के नाम पर चुनाव प्रचार हेतु अनुमति ली गई है, का दूसरे उम्मीदवार द्वारा प्रचार में इस्तेमाल होना आचार संहिता का उल्लंघन है. ऐसे मामलों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के तहत कार्रवाई की जाएगी.
विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो लोगों को हथियार के साथ किया गिरफ्तार


डेस्क : विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता की घोषणा होते ही बीते मंगलवार रात को राजमहल-उधवा मुख्य मार्ग पर राजमहल थाना क्षेत्र अंतर्गत फुलवरिया बैरियर के पास पुलिस इंस्पेक्टर श्यामलाल हांसदा एवं थाना प्रभारी गुलाम सरवर ने एंटी क्राइम चेकिंग चलाया. जिसमें रास्ते पर परिचालन करने वाले सभी दो पहिया तीन पहिया एवं चार पहिया वाहनों का जांच किया गया. उधवा की ओर से राजमहल आ रही एक टोटो ( ई रिक्शा ) में सवार दो युवक की जांच की गई. जिसमें एक देशी कट्टा व जिंदा कारतूस बरामद हुआ.

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय में एसडीपीओ विमलेश कुमार त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि पुलिस के द्वारा मौके पर ही जांच पड़ताल की वीडियोग्राफी की गई. थाना क्षेत्र के नया बाजार बिरसा मुंडा टाउन हॉल के पास निवासी धनराज हजारी एवं मो रहमान को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी. हिरासत में ले गए दोनों युवकों ने देसी कट्टा को डिलीवरी करने की बात पुलिस के समक्ष स्वीकार की है. इधर थाना प्रभारी गुलाम सरवर के बयान पर थाना कांड संख्या 166/24 में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए दोनों युवकों की गिरफ्तारी की पुष्टि कर राजमहल न्यायालय में प्रस्तुत करते हुए जेल भेज दिया है.

गिरफ्तार युवकों ने पुलिस को बताया है कि लखीपुर के एक आम बागान में उसके दोस्त ने देसी कट्टा एवं जिंदा कारतूस देकर कहा कि इसके डिलीवरी राजू होटल के समीप एक व्यक्ति लगा और दो हजार रुपए दे देगा. डिलीवरी करने के लिए देसी कट्टा लेकर जा रहा था.

गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में कई राज पुलिस के सामने आए हैं. पुलिस के हाथ कई मोबाइल नंबर भी लगे हैं. पुलिस के सामने अन्य दो से तीन लोग के नाम भी सामने आया है. पुलिस सभी बिंदुओं की जांच कर कुंडली खंगालने में जुड़ी है.

मौके पर छापेमारी दल में एसआई विक्रम कुमार, विट्टू कुमार साहा, सालखु मुर्मू, महादेव उरांव, एएसआई अरविंद कुमार दास, व तस्लीम राजा मौजूद थे.