जाने क्या है सुपर हंटर मून
गोरखपुर। वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर के एजुकेटर खगोल विज्ञान ( खगोलविद ) अमर पाल सिंह ने बताया कि पूर्ण सुपरमून आने वाला है। यह सुपर हंटर मून होगा और 2024 का सबसे निकटतम पूर्ण सुपरमून होगा।
वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर द्वारा शरद पूर्णिमा के अवसर पर नक्षत्र शाला कैंपस में जन सामान्य हेतु सूर्य दर्शन एवं रात्रि आकाश दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा । यह कार्यक्रम पूर्णतय: निःशुल्क होगा और खगोल विज्ञान के हिसाब से कल का चंद्रमा सुपर मून कहलायेगा । जैसा कि नक्षत्र शाला द्वारा समय - समय पर आकाश में घटित होने वाली विभिन्न खगोलीय घटनाओं को जनसामान्य हेतु निःशुल्क आयोजित किया जाता है । इस अवसर पर नक्षत्रशाला, गोरखपुर द्वारा विभिन्न टेलिस्कोप स्थापित किये जायेंगे ।
क्यों कहा जाता है इसे सुपर मून
इसके बारे में खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इसके पीछे एक इतिहास है,
इतिहास : प्रथ्वी के सबसे करीब की पूर्णिमा को सुपर मून कहा जाता है , सुपरमून शब्द का सर्वप्रथम खगोलिकी की शब्दावली में इस्तेमाल प्रसिद्ध खगोल शास्त्री सर रिचर्ड नोले ने वर्ष 1979 में किया था । नोले की परिभाषा के अनुसार, सुपर मून पूर्णिमा एवं अमावस्या दोनों दिनों पर पड़ सकती है । पूर्णिमा और अमावस्या तब सुपरमून होती है जब वह पृथ्वी से अपने निकटतम बिंदु यानि पेरिगी के 90% के भीतर होती है। सुपरमून की स्थिति में चन्द्रमा अपने आकार से लगभग 14% बड़ा एवं 30% चमकीला नजर आता है । दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को रात्रि में 11:55 पर चंद्रमा पृथ्वी से सबसे करीब की स्थिति में 351519 किलोमीटर दूर होगा । अपोगी की स्थिति में यह दूरी दिनांक 30 अक्टूबर 2024 को 406161 किलोमीटर हो जाएगी
इस बर्ष कितने सुपर मून हैं
खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि
बर्ष 2024 में चार पूर्ण सुपरमून हैं जिसमे से यह तीसरा सुपरमून है । यह सुपर मून इस वर्ष का सबसे करीब का सुपरमून है ।
ऐसा कैसे होता है
खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि
चंद्रमा की पृथ्वी के चारों तरफ एक अंडाकार (दीर्घवृताकार कक्षा) है । यह पूर्णतय: गोल नहीं है । जिसके फलस्वरूप चंद्रमा प्रत्येक माह एक बार पृथ्वी के सबसे निकट और एक बार पृथ्वी से सबसे दूर होता है । जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है तो इस स्थिति को पेरिगी तथा जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है तो इस स्थिति को अपोगी की स्थिति कहते है । खगोलिकी में सुपरमून उस स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट हो और उसी समय पूर्णिमा भी हो।
वास्तव में सुपरमून को खगोलिकी में पेरिगी-सिज़ीगी मून कहा जाता है । सिज़ीगी की स्थिति में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में संरेखित हो जाते है
प्रत्येक पूर्णिमा और अमावस्या सिज़ीगी की स्थिति में ही होती है , सुपर मून काफी ज्यादा प्रभावशाली होता है। सुपर मून की स्थिति में चन्द्रमा सामान्य से ज्यादा बड़ा प्रतीत होता है। चंद्रमा का व्यास लगभग 3475 किलोमीटर है ।
पेरिगी की स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 351,000 कि.मी. (220,000) मील तक पास हो सकता है, वहीं ऐपोगी के समय की स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 410,000 कि.मी. (254,000 मील) तक दूर तक हो सकता है। क्योंकि चन्द्रमा लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है इसलिए वह हर महीने में दो बार इन स्थितियों से गुजरता है।
2024 के चार पूर्ण सुपरमून :
19 अगस्त: 224,917 मील (361,969 किलोमीटर)
18 सितंबर: 222,131 मील (357,485 किलोमीटर)
17 अक्टूबर: 222,055 मील (351,519 किलोमीटर)
15 नवंबर: 224,853 मील (361,866 किलोमीटर) ।
Oct 17 2024, 18:13