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उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा कदम, थूक लगाने वालों के खिलाफ 25,000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना"

उत्तराखंड में खाने-पीने की चीजों पर थूक लगाने वालों के खिलाफ अब बड़ी कार्रवाई होगी. पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक दोषी पाए जाने पर 25000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. हाल ही में देहरादून और मसूरी में होटल और ढाबा जैसी जगहों पर खाने-पीने की चीजों में थूकने की घटना सामने आई थी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस पर सीएम धामी ने संज्ञान लेते हुए एफडीए और पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड इस तरह की घटनाओं को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की सघन जांच हो और दोषियों को सजा मिले. वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का सीजन आ रहा है. ऐसे में किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शुद्धता और सुरक्षा सरकार की सर्वाच्च प्राथमिकता है.

दरअसल, मसूरी में लाइब्रेरी चौक पर चाय की रेहड़ी लगाने वाले दो भाइयों नौशाद अली और हसन अली को चाय के बर्तन में थूकने और उसे ग्राहकों को पिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दोनों भाई उत्तर प्रदेश के मुजफफरनगर जिले के खतौली के रहने वाले हैं.

SOP में क्या?

एसओपी में कहा गया कि सभी ढाबों, होटलों तथा रेस्टोरेंट में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करनी होगी. प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट कारोबारी, होटल और रेस्टूरेंट में हलाल और झटका को अनिवार्य रूप से लिखना पड़ेगा. अनुपालन न किए जाने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के प्राविधानों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जाएगी

अनुपम खेर की तस्वीर वाले नकली नोट से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश,तीन गिरफ्तार

अहमदाबाद में अनुपम खेर की तस्वीर वाले 500 रुपये के नकली नोट देकर ठगने वाले मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों ने करीब 1.5 करोड़ रुपये के सोने के बदले नकली नोट देकर भाग गए थें. इस मामले में क्राइम ब्रांच कार्रवाई करते हुए 1.37 करोड़ रुपये का सोना भी बरामद कर लिया है.

पुलिस तीनों आरोपियों की पहचान भी कर ली है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दीपक राजपूत (32), नरेंद्र जादव (36) और कल्पेश मेहता (45) के रूप में हुई है. ये तीनों अहमदाबाद के ही रहले वाले हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने सोना खरीदने के नाम पर नकली नोटों का इस्तेमाल कर ठगी की थी. फिलहाल पुलिस अब जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह ने और किसी के साथ भी ठगी की है. साथ ही ये भी देखा जा रहा है कि इस धोखाधड़ी में और कितने लोग शामिल हैं.

क्या है पूरा मामला?

मामला 24 सितंबर का है जब अहमदाबाद के सर्राफा व्यापारी मेहुल ठक्कर से सोना खरीदने के लिए आरोपियों ने संपर्क किया था. 2.1 किलोग्राम सोने की डील 1.60 करोड़ रुपये में तय हुई थी. ठक्कर ने सीजी रोड स्थित अपने अंगड़िया कार्यालय में इस डील को फाइनल किया. जहां पर व्यापारी को पैसे दिए जाने थे. जब ठक्कर के कर्मचारी वहां पहुंचे, तो वहां तीन लोग पहले से ही नकदी गिनने की मशीन लेकर मौजूद थे.

इनमें से दो आरोपियों ने सोना इकट्ठा किया और 500 रुपये के नकली नोटों के 26 बंडल ठक्कर के कर्मचारियों को थमा दिए. ठगों ने कहा कि बाकी 30 लाख रुपये की रकम बगल के ऑफिस से लाएंगे और इसके बाद वे सोना लेकर मौके से फरार हो गए. इसके बाद सर्राफा व्यापारी मेहुल ठक्कर ने नवरंगपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई. ठक्कर ने बताया कि 500 रुपये के नकली नोटों पर अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर छपी हुई थी. पुलिस को जब यह शिकायत मिली, तो उन्होंने फौरन मामले की जांच शुरू की.

बाकी संदिग्धों की तलाश में पुलिस

इस तरह की ठगी में नकली नोटों का इस्तेमाल होना नई बात नहीं है, लेकिन अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर वाले 500 रुपये के नोटों का इस्तेमाल कर ठगी करना बेहद चौंकाने वाला है. पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि यह नकली नोट कहां से आए और इन्हें छापने में कौन-कौन शामिल है. इसके साथ ही पुलिस बाकी संदिग्धों की तलाश में भी जुटी है.

इस मामले के बाद से सभी व्यापारी अब और सतर्क हो गए हैं और ठगी से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं. साथ ही पुलिस ने कहा कि ऐसे बड़े लेन-देन में सतर्क रहें और नकद लेन-देन करते समय सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें.

कोलकाता रेप मर्डर केस: सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की नई स्टेटस रिपोर्ट, चार्जशीट दाखिल

कोलकाता रेप मर्डर केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जांच की नई स्टेटस रिपोर्ट पेश की. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से बताया गया कि सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट 7 अक्टूबर को दाखिल हो गई है. आरोपी संजय रॉय के खिलाफ रेप और हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल की गई है.

निचली अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. आरोप तय करने को लेकर 4 नवंबर की तारीख तय की है. सीबीआई ने कहा है कि इस मामले में बाकी आरोपियों की भूमिका को लेकर जांच जारी है. सीबीआई को इस केस में सुप्रीम कोर्ट में पक्षकारों की ओर से जांच को लेकर लीड मिली है. उनकी ओर से बताए पहलुओं को लेकर भी सीबीआई जांच कर रही है.

सीबीआई कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की भी जांच कर रही है. कोर्ट ने जांच के दोनों पहलुओं को लेकर सीबीआई को 3 हफ्ते में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.पीठ ने कहा, समय-समय पर एनटीएफ की बैठकें होनी चाहिए. इसके साथ ही अन्य समूहों को भी नियमित बैठकें करनी चाहिए.

इससे पहले कोर्ट ने सीसीटीवी लगाए जाने और मेडिकल कॉलेजों में टॉयलेट व अलग रेस्ट रूम के निर्माण की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया था. कोर्ट ने बंगाल सरकार को इस काम को 15 अक्टूबर तक पूरा करने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को कहा था, वो रेप और हत्या मामला में सीबीआई की रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्षों से परेशान है.

कोर्ट ने डिटेल शेयर करने से इनकार करते हुए कहा था कि किसी भी खुलासे से जांच पर असर पड़ सकता है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यबल का गठन किया था. रेप और हत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी और अस्पताल में तोड़फोड़ पर कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार भी लगाई थी.

क्या है पूरा मामला

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त की रात को सेमिनार हॉल में रेप के बाद ट्रेनी डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी. पीड़िता की बॉडी पर चोट के कई निशान मिले. पेल्विक और कॉलर बोन समेत शरीर की कई हड्डियां टूटी मिलीं.मामले में कोलकाता पुलिस ने एक आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया. पुलिस का दावा है कि इसी ने डॉक्टर के साथ हैवानियत की. इस वारदात को लेकर अभी भी पूरे देश में आक्रोश देखने को मिल रहा है. डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

चलती ट्रेन से गिरी 8 साल की बच्ची, 100 की स्पीड से चल रही थी ट्रेन, जान बची, पढ़े पूरी खबर को

मध्य प्रदेश के रहने वाले अरविंद तिवारी नवरात्रि में अपने घर गए हुए थे. नवरात्रि की अष्टमी के बाद वापस ट्रेन से मथुरा लौट रहे थे, उसी दौरान इमरजेंसी विंडो के पास बैठी अरविंद तिवारी की बेटी चलती ट्रेन से नीच गिर गई. अरविंद तिवारी और उनकी पत्नी को इस बात की जानकारी करीब 10-15 किलो मीटर आगे निकल जाने के बाद मालूम पड़ा कि उनकी बेटी गायब है. जिसके बाद रात में ट्रेन को जंगल में ही रुकवाया गया.

एमपी के टीकमगढ़ जिले के रहने वाले अरविंद तिवारी नवरात्रि में अपने परिवार के साथ पैतृक गांव गए थे. वापस लौटते वक्त उनकी बेटी चलती ट्रेन से नीचे गिर गई.

जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त ट्रेन करीब 100 की स्पीड से चल रही थी. अरविंद तिवारी और उनकी पत्नी अंजली, 8 साल की बेटी गौरी, 5 साल के बेटे मुदुल ट्रेन में सफर कर रहे थे उसी दौरान ये हादसा हो गया. हालांकि इस हादसे में बच्ची की जान बच गई है. अरविंद गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन से मथुरा आ रहे थे.

चलती ट्रेन से गिरी बच्ची

ट्रेन से बेटी के गिरने की जानकारी अरविंद को तब लगी जब ट्रेन घटना स्थल से करीब 10 से 15 किलोमीटर आगे निकल चुकी थी. अरविंद ने इसकी जानकारी रेलवे को दी और ट्रेन को जंगल में ही रुकवाया गया. ट्रेन रुकने के बाद बच्ची को ढूंढना शुरू किया गया. ढूंढने के दौरान बच्ची को झाड़ियों में पाया गया.

अरविंद ने बताया कि वो ट्रेन के एस-3 कोच में सफर कर रहे थे. रात के करीब 10 बजे सभी ने खाना खाया. खाना खाने के बाद गौरी और मृदुल इमरजेंसी खिड़की के पास बैठे खेल रहे थे. हम अपने बेटे मृदुल को पत्नी के पास छोड़ने के लिए दूसरी सीट पर गए थे. वापस आया तो देखा की बेटी नहीं है. पूरी ट्रेन में ढूंढा लेकिन बेटी नहीं मिली. इसके बाद चेन पुलिंग कर ट्रेन को जंगल में ही रुकवाया.

15 किलोमीटर पीछे झाड़ियों में मिली

अरविंद की बेटी ने बताया कि वो इमरजेंसी विंडो के पास खड़ी थी, हवा झोंका आया और वो बाहर निकल गई. उसने कहा कि हमारे पैर में चोट लगी थी इसलिए हम खडे़ नहीं हो पाए. अंधेरा होने से डर लग रहा था. मैं करीब 2 घंटे झाड़ियों में पड़ी रोती रही. इसके बाद मम्मी-पापा और सब लोग आ गए.

100 की स्पीड से चल रही थी ट्रेन

वहीं रेलवे कर्मचारी ने बताया कि जैसी ही घटना की सूचना मिली तो ललितपुर रेलवे स्टेशन को जानकारी दी गई. जिसके बाद बच्ची को ढूंढने के लिए जीआरपी की चार टीमों को रेलवे ट्रैक पर लगाया गया. जहां ट्रेन को रोक गया था उससे काफी दूर बच्ची को झाड़ियों में रोता हुआ पाया गया. वहीं जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त ट्रेन 100 की स्पीड से चल रही थी.

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क्यों पहनते हैं समुद्री लुटेरे आंख पर काली पट्टी? जानें इसके पीछे का विज्ञान

जब भी आप फिल्मों में समुद्री लुटेरों या डाकुओं को देखते हैं, तो आपका ध्यान उनकी आंख में बंधी एक काली पट्टी पर जरूर गया होगा. अगर आप समुद्री लुटेरों की ड्रेस पहनेंगे तो बिना काली पट्टी शामिल किए उसे अधूरा ही माना जाएगा. साहित्य और इतिहास में अगर नजर डाले तो जिन समुद्री डाकू की आंखों पर पट्टी होती हो उसे एक मजबूत और हीरो स्टाइल वाले पुरुषों के रूप में बताया गया है.

इस काली पट्टी को देखकर आपके मन में कई बार ये सवाल भी उठा होगा कि आखिर वो इसे क्यों पहनते हैं? इसका कारण क्या है? कोई लोग अभी तक मानते हैं कि ये सिर्फ स्टाइल के लिए ही पहनते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. इसके पीछे एक साइंस है, आंखो का साइंस और इस रिपोर्ट में जानेंगे कि आखिर ये समुद्री डाकुओं की आंखो के लिए ये क्यों जरूरी होता है.

काली पट्टी पहनने का साइंस

जब कभी आप अंधेरे से रोशनी में आते हैं तो आंखो को एडजस्ट करने में सिर्फ कुछ सेकंड लगते हैं, ज्यादा टाइम नहीं लगता है, लेकिन वहीं इसके उलट जब आप रौशनी से बिल्कुल अंधेरे में आते हैं तो आंखो को एडजस्ट करने में कुछ मिनट लग जाते हैं. लगभग 5 से 10 मिनट. लुटेरों के लिए इतना समय बहुत होता है.

समुद्री डाकुओं को पाइरेट्स भी कहा जाता है. दरअसल ये इन लोगों को अक्सर जहाज के ऊपरी और निचले तल पर जाना पड़ता है. ऊपरी तल पर बढ़िया धूप होती है तो वहीं निचले तल पर काफी अंधेरा होता है. ऐसे में आंखों को एडजस्ट होने में समय लगता है. इसमें ज्यादा समय न लगे इसलिए ये समुद्री लुटेरे एक आंख पर पट्टी बांध लेते हैं.

समुद्री लुटेरे क्यों पहनते हैं आई पैच

इससे जैसे ही वो लुटेरे अंधेरे से रोशनी की तरफ जाते हैं, उसी समय ये तुरंत उस आंख की पट्टी को घुमाकर दूसरी आंख को ढक लेते हैं. इससे वो अंधेरे में आसानी से देख पाते हैं, क्योंकि वो आंख पहले से ही अंधेरा देख रही थी, जब वो धूप में थी तो वो आंख ढकी हुई थी. इसलिए अंधेरे में देखने के लिए उसे एडजस्ट होने में बिल्कुल भी टाईम नहीं लगता है वो अंधेरे में आसानी से देख पाते हैं.

अभी तक इस रिपोर्ट में आपने जान लिया कि ये लुटेरे काली पट्टी क्यों पहनते हैं, लेकिन अब जानेंगे कि हमारी आंख में ऐसा क्यों होता है? क्यों अंधेरे से रोशनी और रोशनी से अंधेरे में जाने पर उनको एडजस्ट होना होता है? दरअसल हमारी आंखो में एक रेटिना होता है, जिसके कारण हम लोगों को देख पाते हैं. ये रेटिना एक तरह से दिमाग से भी जुड़ा होता है

अचानक आंखो के आगे क्यों छा जाता है अंधेरा?

उजाले से अंधेरे में आंखों को देखने में समय लगता है क्योंकि आंखों की पुतलियों को उजाले के हिसाब से आकार बदलने में समय लगता है. आंखों की पुतलियों को आइरिस कहा जाता है. यह उजाले के मुताबिक अपने आकार को बड़ा या छोटा करती है. जब हम रोशनी वाली जगह पर होते हैं, तो आइरिस सिकुड़ कर छोटा हो जाता है. वहीं, जब हम अंधेरे में जाते हैं, तो आइरिस फैल कर बड़ा हो जाता है. वहीं आइरिस का अचानक बड़ा या छोटा होना बिल्कुल भी संभव नहीं होता है. इसीलिए पाइरेट्स इसका इस्तेमाल करते हैं.

साइकोलॉजिकल नजरिए से भी मिलता है फायदा

इस काली पट्टी से समुद्री लुटेरों की भयानक छवि दिखती है, इससे भी इनको मनोवैज्ञानिक लाभ फायदा मिलता है. इन लुटेरों की सफलता में इसकी भी बड़ी भूमिका होती है, दरअसल आंख पर पट्टी बांधने से उनकी भयावह छवि और भी बढ़ जाती है, जिससे वे लड़ाई और लूट के दौरान ज्यादा अनुभवी लगते हैं. इससे सामने वाले सोचता है कि ये लुटेरा और भी कई बड़ी लूट कर चुका है, जिससे सामने वाले का मनोबल गिर जाता है, और वो मन में एक तरह से हार मान लेते हैं.

वीर गुप्ता

स्टारशिप रॉकेट का पांचवां टेस्ट सफल, एलन मस्क ने कहा - यह दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट है"

एलन मस्क और उनकी कंपनी स्पेसएक्स एक बार फिर सुर्खियों में है और इसकी वजह है उनका स्टारशिप रॉकेट. यह रॉकेट अपने नाम की ही तरह एक स्टार साबित हुआ है. रविवार को स्पेसएक्स ने अपने सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का पांचवां टेस्ट किया जो कि सफल रहा है.

इसकी खास बात यह रही कि इस रॉकेट को न केवल लॉन्च किया गया बल्कि लॉन्चिंग पैड पर वापस लाया गया जहां पर बने एक टावर ने इस रॉकेट को कैच किया. रॉकेट को पकड़ने के लिए इस टावर में दो मेटल आर्म लगाए गए हैं, जिसे ‘चॉपस्टिक’ नाम दिया गया है.

स्टारशिप का पांचवां टेस्ट कामयाब

स्टारशिप रॉकेट की लॉन्चिंग, रीएंट्री और टावर पर वापस लौटने की यह पूरी प्रक्रिया करीब एक घंटे 5 मिनट में पूरी हुई. 13 अक्टूबर की शाम 5:55 मिनट पर स्टारशिप रॉकेट को टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया था. उड़ान के कुछ मिनट बाद रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर दूसरे हिस्से (स्पेसक्राफ्ट) से अलग हो गया.

इस स्पेसक्राफ्ट की जहां हिंद महासागर में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई. तो वहीं इस दौरान रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर पृथ्वी से करीब 96 किलोमीटर दूर जाकर दोबारा लॉन्चपैड पर वापस लौटा और टावर ने इसे कैच किया. स्पेसएक्स ने इसे इंजीनियरिंग के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताते हुए स्टारशिप को दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट बताया है.

दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट है स्टारशिप

जानकारी के मुताबिक स्टारशिप पृथ्वी की कक्षा में 150000 किलोग्राम तक पेलोड ले जाने में सक्षम होगा. इसके अलावा यह मून मिशन, अर्थ टू अर्थ ट्रांसपोर्टेशन और इंटरप्लेनेटरी ट्रांसपोर्टेशन में भी सक्षम है. इसकी दूसरी खासियत की बात करें तो स्टारशिप की ऊंचाई 164 फीट की है और डायमीटर 9 मीटर का है. इसकी पेलोड कैपिसिटी 100 से 150 टन है तो वहीं इसमें 6 इंजन लगाए गए हैं. इसमें से 3 रैप्टर और तीन रैप्टर वैक्यूम इंजन हैं.

वहीं इसके बूस्टर की बात करें तो यह पूरी तरह से रियूजेबल है. यह रॉकेट लॉन्चिंग के थोड़ी देर बाद पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा लौट सकता है साथ ही इस लॉन्चिंग साइट पर बने टावर के जरिए कैच किया जा सकता है. इसमें 33 रैप्टर इंजन लगे हैं.

खास बात यह है कि स्टारशिप एलन मस्क और उनकी स्पेसएक्स का एक बहुत अहम प्रोजेक्ट है. नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम (इसके जरिए चांद पर एक बार फिर इंसानों को भेजा जाएगा) में भी स्टारशिप एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाना है साथ ही एलन मस्क इसे मंगल पर भेजने की भी योजना बना रहे हैं

पहले 3 टेस्ट में फेल हुआ था स्टारशिप

20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था, तब यह फेल हो गया था. दरअसल लॉन्चिंग के कुछ ही मिनटों पर स्टारशिप हवा में ब्लास्ट कर गया. हालांकि तब स्पेसएक्स ने लॉन्च पैड से इसकी उड़ान को ही बड़ी सफलता मानी थी.

वहीं दूसरे टेस्ट में भी स्टारशिप कोई खास कमाल नहीं कर पाया था. 18 नवंबर 2023 को हुए दूसरे टेस्ट में सेपरेशन स्टेज में खराबी आ गई थी. तब बूस्टर जिसे की वापस लॉन्चिंग पैड पर उतरना था वह पृथ्वी में 90 किलोमीटर की ऊंचाई पर विस्फोट हो गया. वहीं थोड़ी देर बाद दूसरे हिस्से यानी स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट में भी तकनीकी खामी आ गई जिससे उसे नष्ट करना पड़ा.

तीसरे टेस्ट की बात करें तो 14 मार्च 2024 को इसे अंजाम दिया गया था. इस दौरान यह काफी हद तक सफल रहा लेकिन रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूट गया. इस दौरान स्टारशिप ने ऑर्बिट में पहुंचने के बाद पेलोड डोर को खोला और बंद दिया साथ ही वायुमंडल में रीएंट्री करने में भी यह कामयाब रहा लेकिन संपर्क टूट जाने के लिए कारण यह टेस्ट पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया.

चौथे टेस्ट में मिली थी सफलता

करीब 3 महीने बाद 6 जून को स्पेसएक्स ने स्टारशिप का चौथा टेस्ट किया. स्टारशिप की यह टेस्टिंग पूरी तरह कामयाब रही. टेक्सास के बोका चिका से इसे लॉन्च किया गया था, करीब एक घंटे के मिशन के दौरान स्टारशिप को अंतरिक्ष में ले जाकर वापस पृथ्वी में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई. तब इसके बूस्टर को मैक्सिको की खाड़ी में लैंड कराया गया था.

जम्मू-कश्मीर के मारवाह वार्डवान गांव में लगी भीषण आग , 70 से ज्यादा परिवार हुए बेघर"महबूबा मुफ्ती ने सरकार से की ये अपील

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के मारवाह वार्डवान गांव में आग लगने की घटना सामने आई है. बताया जा रहा है कि यह आग पहले एक घर में लगी और तेजी से फैल गई, जिसके चलते इस आग की चपेट में लगभग 65 घर आ गए और जलकर खाक हो गए. इन घरों में रहने वाले करीब 70 से 80 परिवार उनके घर जलने की वजह से बेघर हो गए हैं. आग किन कारणों से लगी, इसका पता अभी नहीं लग पाया है.

फायर डिपार्टमेंट को आग लगने की जानकारी दी गई, जिसके बाद अग्निशमन की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. इसके साथ ही एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है. अग्निशमन और इमरजेंसी सर्विस के एक अधिकारी ने कहा कि आग पर काबू पाने की कोशिशों की निगरानी करने और अग्निशमन दल की सहायता के लिए एक दर्जन से ज्यादा कर्माचारियों को बुलाया गया है. किश्तवाड़ के एक उच्च जिला अधिकारी ने कहा कि आग ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है, और प्रभावित लोगों के लिए सहायता शुरू की जा रही है.

महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?

उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वाशन दिया है. हालांकि राहत की बात यह रही कि इस आग की चपेट में सिर्फ घर ही आए. किसी तरह की जान की हानी नहीं हुई है लेकिन माल की हानी की जानकारी जरूर सामने आई है. इस घटना पर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का भी बयान सामने आ गया है. उन्होंने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों की मदद करने की अपील की.

पीड़ित परिवार के लिए अपील

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, “किश्तवाड़ के मारवाह वार्डवान गांव में लगी आग से 70 आवासीय घर जलकर खाक हो गए. उम्मीद करती हूं कि सरकार तुरंत इन परिवारों को सहायता देगी. खासकर इसलिए क्योंकि सर्दियां आने ही वाली हैं.”

एनसीपी में शामिल हुए कांग्रेस विधायक हीरामन खोसकर, अजित पवार ने किया स्वागत

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है. राज्य में चुनाव के कुछ ही समय बचा है, सही राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी में जोरशोर से लगी हुई हैं. नेताओं का एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में आना-जाना भी लगा हुआ है. इसी कड़ी में कांग्रेस के इगतपुरी से विधायक हीरामन भीका खोसकर ने पार्टी का साथ छोड़कर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी एनसीपी का दामन थाम लिया

एनसीपी में उनका स्वागत खुद अजित पवार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील तटकरे ने किया. पार्टी में उनके शामिल होने पर तटकरे ने कहा कि श्री खोसकर के शामिल होने से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले नासिक और आसपास के इलाकों में पार्टी मजबूत होगी. खोसकर जो कि आदिवासी समुदाय से आते हैं, नासिक के आसपास क्षेत्र में इनका प्रभाव माना जाता है.

कई सदस्यों के साथ थामा पार्टी का साथ

कांग्रेस विधायक का स्वागत करते हुए एनसीपी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि पार्टी में शामिल होने वाले सभी सदस्यों का स्वागत है।. पोस्ट में बताया गया है कि शामिल होने वाले नए सदस्यों में कई जिला परिषद के सदस्य हैं और कई लोग विभिन्न जिलों में पूर्व अधिकारी भी रहे हैं.

पार्टी में शामिल होने वालों में संदीप गोपाल गुलवे, सम्पतन साकाले, पूर्व जिला परिषद सदस्य जर्नादन मामा माली, पूर्व जिला परिषद सदस्य उदय जाधव, विनायक मालेकर, जयराम धांडे, प्रशांत कडू, पांडुमामा शिंदे, ज्ञानेश्वर कडू, सरपंच जगन कदम, फिरोज शेख, दिलीप चौधरी, तुकाराम सहाने, रमेश जाधव, दशरथ भागड़े, सुदाम भोर, अरुण गायकर और शिवाजी सिरसत शामिल हैं.

प्रतिष्ठा का सवाल है चुनाव

एनसीपी ने बताया कि खोसकर दूसरे बड़े नेता हैं जिन्होंने हाल में पार्टी का दामन थामा है, इससे पहले दिग्गज अभिनेता सयाजी शिंदे ने हाल ही में पार्टी जॉइन की थी.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 288 सीटों पर होंगे. निर्वाचन आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. यह चुनाव अजित पवार के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है, क्योंकि चाचा शरद पवार से विद्रोह के बाद लोकसभा में वह कुछ खास नहीं कर पाए थे. यदि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो यह उनके राजनीतिक करियर के लिए सही नहीं होगा.

आगामी महाराष्ट्र चुनाव में महा विकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें शिवसेना यूबीटी, एनसीपी शरद पवार गुट और कांग्रेस शामिल है का मुकाबला महायुति गठबंधन से होगा, जिसमें भाजपा, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल हैं.

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन, 6G टेक्नोलॉजी और AI पर फोकस"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित India Mobile Congress 2024 का उद्घाटन किया. इंडिया मोबाइल कांग्रेस के इस 8वें संस्करण में भारत और दुनियाभर की कई टेक कंपनियां अपनी नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी को लोगों के सामने शोकेस करेंगी. आज यानी 15 अक्टूबर से India Mobile Congress का आगाज़ हुआ है और 18 अक्टूबर तक ये इवेंट चलेगा, गौर करने वाली बात यह है कि इस टेक इवेंट में 190 से भी ज्यादा देश हिस्सा लेने वाले हैं.

India Mobile Congress 2024 की इस बार थीम का नाम ही है The Future is Now. थीम के नाम से काफी कुछ क्लियर होता नजर आ रहा है जैसे कि इवेंट के दौरान फ्यूचर में नजर आने वाली इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के बारे में काफी कुछ नया देखने को मिलेगा.

क्या होगा खास?

इस टेक इवेंट में एक नहीं बल्कि बहुत सी चीजों पर फोकस रहेगा जैसे कि 5G के बाद अब भारत में तैयार हो रही 6G Technology पर नए अपडेट्स मिलने की उम्मीद है. 6जी टेक्नोलॉजी के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उर्फ AI टेक्नोलॉजी, क्लाउड एंड एज कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर्स, शाओमी कंपनी का नया स्नैपड्रैगन 4एस जेनरेशन 2 प्रोसेसर पर काम करने वाले फोन की झलक, 900 से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियों की लेटेस्ट इनोवेशन भी देखने को मिलेंगी.

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के अलावा PM Narendra Modi आज WTSA 2024 यानी वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली का भी उद्घाटन करेंगे. वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली को पहली बार इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन द्वारा भारत में आयोजित किया जा रहा है.

जेनरेटिव एआई का दायरा भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए टेक सेक्टर की कई दिग्गज हस्तियां AI पर विचार रख सकती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल इंडिया मोबाइल कांग्रेस में भारत और दुनियाभर से 50 से ज्यादा स्पीकर्स शामिल होने वाले हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार को लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं.