लक्खी पूजा आज, धन-धान्य के साथ पधारेंगी मां लक्ष्मी
नयी दिल्ली : 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है। विभिन्न समुदाय अपनी परंपराओं से पूजा करेंगे। बंगाली लोग कोजागरी लक्खी पूजा करेंगे, जबकि उड़िया समाज गजलक्ष्मी पूजा करेगा। पूजा की तैयारी जोरों पर है, और...
धन-धान्य के साथ माता लक्ष्मी घरों में पधारेंगी। शरद पूर्णिमा को अलग-अलग समाज के लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं।
बंगाली समुदाय के लोग कोजागरी लक्खी पूजा करेंगे। वहीं, मिथिलांचल के लोग कोजगरा पूजा और उड़िया समाज के लोग गजलक्ष्मी पूजा करेंगे। उड़िया समाज की महिलाएं गज लक्ष्मी की पूजा कर पति की लंबी आयु की कामना करेंगी।
लक्खी पूजा को लेकर मूर्तिकार मां लक्ष्मी की प्रतिमा बनाने में जुटे हैं। शहर के विभिन्न स्थानों पर पूजा पंडाल में माता लक्ष्मी की पूजा होगी। बाजार में मां कोजागरी की छोटी-बड़ी प्रतिमा 100 से लेकर 3000 रुपये में बिक रही है। घर-घर में लोग पूजा की तैयारी में जुटे हैं। बंगाली समाज के घर में मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी हो चुकी है।
मां की प्रतिमाएं घरों व मंडपों में मंगलवार शाम लाई जाएगी। पूजा से पूर्व सुबह अल्पना से आंगन सजाया जाएगा। मां लक्ष्मी के पैरों के चिह्न और धान के शीष द्वार पर लगाए जाएंगे। परंपरा के अनुसार, षोला से कदम्ब बनाएं जाएंगे। द्वार को आम पल्लव के तोरण से सजाया जाएगा। इसके बाद विधिवत पूजा होगी। लक्ष्मी पूजा में मां को नारियल लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
पूजा मुहूर्त
पुरोहित संतोष त्रिपाठी ने बताया कि अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्तूबर को रात 8 बजकर 40 मिनट पर होगा। 17 अक्तूबर को 4 बजकर 55 मिनट पर इसका समापन होगा। 16 अक्तूबर को ही शरद पूर्णिमा या कोजागरी पूजा होगी। इस दिन कोजागरी पूजा का निशिता काल मुहूर्त 16 अक्तूबर की रात 11 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। कोजागरी पूजा के दिन शाम 5 बजकर 5 मिनट पर चंद्रोदय होगा।
Oct 16 2024, 12:52