/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png StreetBuzz पीजी संस्कृत विभाग के सभागार में 23 अक्टूबर को कार्यक्रम, रूपरेखा तैयार करने के लिए हुई बैठक Arfa
पीजी संस्कृत विभाग के सभागार में 23 अक्टूबर को कार्यक्रम, रूपरेखा तैयार करने के लिए हुई बैठक
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग और डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 23 अक्टूबर को “महाकवि श्रीहर्ष के काव्य में श्रृंगार रस-विमर्श” विषय पर निःशुल्क एकल व्याख्यान का आयोजन पीजी संस्कृत विभाग के सभागार में किया जाएगा। इसमें कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर देवनारायण झा का एकल व्याख्यान होगा। व्याख्यान की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से स्नातकोत्तर संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. घनश्याम महतो की अध्यक्षता में आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक संस्कृत विभाग में हुई।

सुबह 11 बजे से कार्यक्रम होगा

व्याख्यान के संयोजक डॉ. आरएन चौरसिया ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन 23 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से प्रारंभ होगा, जिसमें भाग लेने के लिए इच्छुक शिक्षक, शोधार्थी, छात्र-छात्राएं और अन्य सभी संस्कृत- प्रेमी पंजीयन के लिए स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग या संयोजक डॉ. चौरसिया के मोबाइल नं- 9905437636 पर संपर्क कर करा सकते हैं।

बैठक में फाउंडेशन के सचिव मुकेश कुमार , संयोजक डॉ. आरएन चौरसिया, विभागीय प्राध्यापिका- डॉ. ममता स्नेही और डॉ. मोना शर्मा, जेआरएफ- मनी पुष्पक घोष और सदानंद विश्वास, छात्र-जिग्नेश कुमार, रजनीश कुमार महतो और जनार्दन मुखिया, मंजू अकेला, योगेंद्र पासवान, उदय कुमार आदि उपस्थित थे।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
अजमेर से दरभंगा आने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर
दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ महापर्व में अजमेर से बिहार आने वाले और बिहार से अजमेर जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय रेलवे ने दरभंगा से अजमेर के लिए 8 ट्रिप पूजा स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। रेलवे ने ट्रेनों की समय सारणी
भी जारी कर दी है। गाड़ी संख्या 05537/38 दरभंगा दौराई पूजा स्पेशल ट्रेन 9 नवंबर से 28 दिसंबर तक प्रत्येक शनिवार को दरभंगा से चलेगी।
दरभंगा से दोपहर 13:15 बजे प्रस्थान कर अगली रात 22:30 बजे अजमेर के दौराई पहुंचेगी।


दौराई-दरभंगा पूजा स्पेशल ट्रेन 10 नवंबर से 29 दिसंबर तक प्रत्येक रविवार रात 23:45 बजे दौराई से प्रस्थान करेगी और तीसरे दिन सुबह 06:50 बजे दरभंगा पहुंचेगी।


यह ट्रेन अजमेर, किशनगढ़, जयपुर, बांदीकुई, भरतपुर, मथुरा, हाथरस सिटी, कासगंज, बदायूं, शाहजहांपुर, सीतापुर, गोण्डा, बस्ती, खलीलाबद, गोरखपुर, कप्तानगंज, नरकटियागंज, रक्सौल, बैरागनिया, सीतामढ़ी होते हुए दरभंगा पहुंचेगी। रेलवे द्वारा पूजा स्पेशल ट्रेनों को चलाए जाने से यात्रियों के बीच खुशी का माहौल देखा जा रहा है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में BPSC शिक्षिका की फंदे से लटकी मिली लाश
दरभंगा में रविवार को कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के तिलकेश्वर थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुघराइन की सहायक शिक्षिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। शिक्षिका का शव कमरे में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला है। वहीं, मौके से सुसाइड नोट बरामद किया गया है। मृतका की पहचान गोपालगंज की बीपीएससी शिक्षिका निक्की कुमारी के रूप में की गई। वो सुघराईन गांव में ही रेंट पर रहती थी। हालांकि पंखे से लटकी हुई लाश देखने के बाद लोग अनुमान लगा रहे हैं कि दुपट्टा से बांधकर उसे लटकाया गया है। लोग आशंका जाहिर कर रहे हैं कि यह हत्या हो सकती है।


छुट्‌टी पर जाने की हेड मास्टर से की थी बात

निक्की कुमारी के कमरे से बरामद हुए सुसाइड नोट में लिखा है कि 'मैं अपनी मर्जी से जान दे रही हूं, मुझे माफ़ करना मां।' वहीं, मामले के संबंध में हेड मास्टर ओजेर आलम ने बताया कि शनिवार की शाम 7 बजे मेरी शिक्षिका निक्की की बात हुई थी। उसने बताया कि उसे छुट्टी चाहिए। इस पर हेड मास्टर ने अन्य शिक्षक के छुट्टी पर जाने की बात कही। उसके बाद शिक्षिका ने 9 अक्टूबर के बाद छुट्टी पर जाने की बात बताई थी।

इस घटना को लेकर तिलकेश्वर थानाध्यक्ष अंकित चौधरी ने बताया कि सूचना मिली है घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद मौत का खुलासा किया जाएगा। जांच में ही पता चलेगा कि ये ये आत्म हत्या है या किस वजह से हत्या की गई है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में 18-20 अक्टूबर को शुरू होगा कार्यक्रम, विजेताओं को बिहार राज्यपाल करेंगे पुरस्कृत
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव 2024 की शुरुआत 18 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से होगी। जिसकी जानकारी चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव के सह-संयोजक राकेश कुमार झा द्वारा दी गई है। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया गया है कि महोत्सव का उद्घाटन बिहार राज्यपाल सह कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर करेंगे।

जिसको लेकर र विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी महाविद्यालय के प्रधान व समन्वयकों से अपने शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, शोधकर्ताओं और प्रोफेसर को इस प्रतियोगिता के बारे में सूचित करने का अनुरोध किया है।

निबंध लिखकर ईमेल करेंगे प्रतिभागी


भारत की संकल्पना तथा शिक्षक, शोधकर्ताओं और प्राध्यापकों के लिए भारतीय इतिहास में स्व पुनर्जागरण विषय पर 10 अक्टूबर तक अपनी हिंदी में लिखी आलेख को कम से कम 2000 शब्दों में। वहीं, शिक्षक, शोधकर्ता व प्रोफेसर कम से कम 3000 शब्दों में पर भेज सकते हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 100 रुपए का शुल्क जमा करके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अभ्यर्थी स्वयं https://www.chandraguptlitfest.com/ पर जाकर कर सकते हैं। प्रतियोगिता के दोनों श्रेणियों में शामिल शीर्ष तीन-तीन श्रेष्ठ लेख के लिए बिहार के राज्यपाल पुरस्कृत करेंगे।

10 अक्टूबर तक जमा करना होगा निबन्ध

बताया कि इसको लेकर विश्वविद्यालय से संबंध में सभी महाविद्यालय और विभाग के अधिकारियों को आमंत्रण पत्र भेजा गया है। प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया है। दोनों ही विषयों के निबंध लिखकर 10 अक्टूबर तक अभ्यर्थियों को ऑनलाइन जमा कर देना है। बता दें कि विश्वविद्यालय के इस तीन दिवसीय चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव 2024 के आयोजन को सफल बनाने के लिए जोर-जोर से तैयारी कर रही है। इसमें दरभंगा जिला के अलावे समस्तीपुर मधुबनी, सहरसा और सुपौल जिले के महाविद्यालय के अभ्यर्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। जिसमें महाविद्यालय के छात्र- छात्राए, शिक्षक, प्रोफेसर और शोधकर्ता शामिल हैं।


दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
44 साल से अधिक काम करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलसचिव डा. अजय कुमार पंडित ने अधिसूचना जारी करते हुए संबंधित सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य और विश्वविद्यालय विभागाध्यक्षों को सूचित किया है कि निर्धारित आयु और अवधि के बाद सेवा देना वालों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दरभंगा बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 में शिक्षकोत्तर कर्मियों की सेवानिवृति की आयु 62 वर्ष निर्धारित है। किसी भी परिस्थिति में सेवा अवधि 44 वर्ष से अधिक नहीं हो सकती है। जिसको लेकर बिहार सरकार ने सभी विभागों के नाम जारी पत्र में स्पष्ट कर चुकी है।

सेवा अवधि से अधिक नौकरी करने वालों से वसूली जाएगी राशि

कुलसचिव द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के अधीन स्नातकोत्तर विभागों, सभी अंगीभूत और संबंध महाविद्यालयों के वैसे शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों का वेतन भी अवरुद्ध किया जा सकता है, जिनकी सेवा 44 वर्ष पूरी हो चुकी है। इसके साथ स्थापना शाखा को निदेशित किया गया है कि ऐसे चिह्नित कर्मियों की सूची तैयार कर विश्वविद्यालय के वित्त विभाग को उपलब्ध करा दें। इसके अलावा ये भी बात सामने आई है कि जो कर्मी उक्त अवधि तक नौकरी कर चुके हैं उनसे वेतनादि की राशि की वसूली भी की जा जाएगी।

बिहार सरकार ने पहली ही जारी कर चुकी लिस्ट

बता दें कि बिहार सरकार ने बहुत पहले ही सभी विभागों के नाम जारी पत्र में स्पष्ट कर चुकी है कि 18 साल से कम उम्र में किसी को नौकरी नहीं दी जा सकती है। ऐसे में कोई भी कर्मी अधिकतम 44 साल ही अपनी सेवा दे सकता है। नियमानुसार, शिक्षक कोटि 65 साल और शिक्षकेतर कर्मी 62 साल या फिर अधिकतम 44 वर्ष ही नौकरी कर सकते हैं। साथ ही यह भी प्रावधान है कि अगर इस अधिकतम अवधि से अधिक कोई भी कर्मी सेवा देता है और उनको दी जाती है तो संबंधित कर्मी और पदाधिकारी से ही इस राशि की वसूली की जाएगी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों ने की मारपीट, मांगे थे 1100 रुपए
दरभंगा के नगर थाना क्षेत्र से एक मामला सामने आया है। इसमें एक स्थानीय जो बैंक संबंधित ऑफिस चलाते हैं, उनके साथ पूजा समिति के सदस्यों द्वारा मारपीट की गई। घटना गुरुवार के लगभग साढ़े तीन बजे की है। मामले को लेकर नगर थाने में आवेदन दिया गया है। घटना के संबंध में आवेदक चौधरी दिव्यांशु विमान द्वारा बताया गया है कि वो अपना बैंक संबंधी आफिस कुतुबगंज, वार्ड नंबर 11 में चलते है। आज शाम करीब 3:30 बजे हसन चौक पूजा समिति सदस्य द्वारा 1100 रुपए का चंदा मांगने के लिए करीब 10 लोग आफिस पर आए। लेकिन जब इनके द्वारा कम चंदा देने की बात कही गई तो गाली गलौज करने लगे और मारपीट करने लगे।

DMCH में कराया इलाज

इस दौरान आवेदक चौधरी दिव्यांशु विमान का सिर फूट गया। इसका इलाज उन्होंने DMCH में कराया है। उन्होंने आगे बताया कि बीच बचाव करने पर जाते जाते दुकान तोड़फोड़ और रास्ता में मारपीट की धमकी देने लगे।

CCTV फुटेज आया सामने

इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। उन्होंने पुलिस के साथ भी साझा किया है। इस संबंध में नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की जांच की जा रही है। विधि संवत कार्रवाई की जाएगी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में कोसी कमला नदी उफनाई, चार पंचायतें जलमग्न
दरभंगा में कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से होकर गुजरने वाली कोसी और कमला बलान नदी में उफान है। कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध से पूरब 4 पंचायतों के सभी गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। हजारों एकड़ में लगी धान की फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है। चारों पंचायत के सभी गांव और सुघरईन पंचायत के भरैन मुशहरी व भिंडुआ पंचायत के गोबरष्ठी गांव के किनारे बसे सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है।

नदी के जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार ऐसी है कि रविवार की शाम 6 बजे से सोमवार की दोपहर बाद 4 बजे तक 22 घंटे में नदी का जलस्तर साढ़े चार से पांच फीट बढ़ा है। इससे चारों पंचायत के 41 गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह प्रभावित हो गए हैं।

इन इलाकों के घरों में पानी घुंस गया

इटहर पंचायत के चौकीया, लक्षमीनिया, इटहर, इटहर पोखर, जिमराहा विसुनिया, समौरा।

उसरी पंचायत के उसरी, हरिनाही, कोला,छोटकी और बड़की कोनिया, अरराही।

सिमरटोका पंचायत के उजुआ का झाझा, कोला, छोटकी और बड़की कोनिया, अरराही, कोदरा, कुंज भवन, बढ़ा महादेव मठ, बुढ़िया सुकराती टोला।

तिलकेश्वर पंचायत के बाघमोत्तर, न हो बहवा, सपही, बथौल, गोलमा सेक्का, करैन, तिलकपुर आदि गांवों में पानी घुस गया है।

कई घरों में नहीं जले चूल्हे

बाढ़ प्रभावित गांवों में सैकड़ों परिवार खटिया पर बैठकर 22 घंटे से समय व्यतीत कर रहे हैं। सैकड़ों परिवार के घरों में पानी रहने की वजह से चूल्हे नहीं जले हैं।

बघमोत्तर के कारी सदा, राम पुकार सदा, रामरतन सदा, प्रसादी सदा, बहाव के सुमन सदा, लखन सदा, आनंदी सदा बथैला के गणेश सदा, राजा राम सदा, छोटे लाल सदा ने बताया कि अचानक रात लगभग दो बजे घर में पानी घुस गया। आनन-फानन घर के सामान को बचाया।

दिन में चूड़ा, चीनी और सत्तू खाकर रहे। रात में भी यही खाना पड़ेगा। कमोबेश सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में पीड़ित परिवारों के साथ यही स्थिति है।

सड़क से संपर्क भंग,अब नव ही सहारा

मुख्य सड़क कुशेश्वरस्थान फुलतोड़ा के किनारे बसे गांवों को छोड़कर बाढ़ प्रभावित सभी गांव का सड़क से संपर्क भंग हो गया है। लोग नाव के सहारे मुख्य मार्ग पर आते हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 4815.69 हेक्टेयर में लगी खरीफ की फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है।

चारों पंचायत के विद्यालय भी प्रभावित हो गए हैं।

विद्यालय को बंद करने के लिए पत्र लिखा गया

बीईओ राम भरोसे चौधरी ने बताया कि वरीय पदाधिकारी को चार पंचायतों के बाढ़ प्रभावित विद्यालय को बंद करने के लिए पत्र लिखा गया है।

थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में पुलिस गश्त कर रही है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 26 नाव चलाई जा रही

कुशेश्वरस्थान पूर्वी के सीओ गोपाल पासवान ने कहा कि तटबंध से पूरब चार पंचायत पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हो गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 26 नाव चलाई जा रही है। सुरक्षा को लेकर एनडीआरएफ की एक - यूनिट 30 सदस्यीय टीम पहुंची है। टीम बाढ़ की स्थिति सामान्य होने तक रहेगी।

तेगच्छा, महादेव मठ, तिलकेश्वर, सपही बुढ़िया सुकराती, वधमोत्तर, कोला टोका उजुआ, अरराही, चौकीया, इटहर और लक्षमीनिया में सामुदायिक किचेन शुरू किया गया है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में कोसी नदी की उपधारा का बांध टूटा
नेपाल में लगातार बारिश हो रही है। साथ ही नदी में पानी भी छोड़ा गया है। इस कारण बिहार में नदिया उफान पर है। रविवार देर रात दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के भुभोल गांव के समीप कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध करीब 10 मीटर की दूरी में टूट गया। इस कारण एक लाख की आबादी प्रभावित है। साथ ही 24 गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। डीएम राजीव रौशन ने बताया कि किरतपुर की आठ पंचायतों के लोगों को माइकिंग करा कर ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। करीब आठ किमी की दूरी में पानी बह रहा है। घनश्यामपुर, गौड़ाबौराम, कुशेश्वरस्थान और किरतपुर प्रखंड इससे प्रभावित होंगे। लोगों से अलर्ट रहने की अपील

जानकारी के अनुसार किरतपुर प्रखंड के सहरसा सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित कोसी नदी की उपधारा का बांध भूबोल के सामने टूट गया है। अधिकारी राजीव रोशन मौके पर अपनी टीम के साथ कैंप कर रहे हैं। कई अधिकारी मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों में लगे हैं। लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। लोगों के बीच अपने आप को बचाने के लिए अफरा-तफरी का माहौल है। बांध देर रात 12 बजाकर 45 मिनट में टूटा है। लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित है।

बांध टूटने से रसियारी, किरतपुर, बगरस, दोहथा, जमालपुर, झगरुवा, कुबोल, ढागा, तरवारा, तेतरी, अमृतनगर, पखारिया, सिरसिया, रही टोल खतवारा, वर्दीपुर सिरनिया, लक्ष्मीपुर, भंडरिया, कदवारा, कटरिया, राम खेतरिया सहित कई गांव मुख्य रूप से प्रभावित है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में पलटी नाव, 9 लोग थे सवार
दरभंगा में बाढ़ का प्रकोप जारी है। इसी क्रम में रविवार को एक बड़ा नाव हादसा हो गया। यहां घास काट कर अपने गांव लौट रहे किसानों से भरी नाव पलट गई। घटना के समय नाव पर 9 लोग सवार थे। 8 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। वहीं, एक बच्ची लापता है। घटना कुशेश्वर स्थान के उजूवा गांव की है। हादसे के तुरंत बाद लोगों ने तत्परता दिखाया। 8 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। एक बच्ची की खोज जारी है। इस घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने थाना को दी है। लापता बच्ची की पहचान प्रमोद राय की 12 साल की बेटी स्वाति कुमारी के रूप में की गई है।

दरभंगा में नहीं है NDRF की टीम

घटना के समय नाव गांव से महज 500 मीटर दूर थी। घटनास्थल पर गड्ढा था। इसी वजह से नाव डगमगाई और पलट गई। वहीं, गड्ढा रहने के कारण वहां पर पानी ज्यादा था। अगल-बगल पानी कम था। इसी वजह से 8 लोगों को बचाने में आसानी हुई। पुलिस ने NDRF की टीम को सूचना दी है। लेकिन दरभंगा में एनडीआरएफ की टीम नहीं होने की वजह से देरी हो रही है।

घटनास्थल पर आक्रोशित ग्रामीण अपने स्तर से लड़की को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। लापता स्वाती की मां रुस्तम देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीण सूरज राय, चंदन राय विमला देवी और अन्य ने बताया कि हर साल बाढ़ के डर में यहां लोगों की जान चली जाती है, पर कोई भी मदद को यहां नहीं पहुंचता है। 

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा मैं 22 हजार कि आबादी बाढ़़ से प्रभावित
दरभंगा में किरतपुर प्रखंड में बाढ़ ने दुबारा दस्तक दे दी है। नेपाल से छोड़े गए कोशी नदी के पानी का असर किरतपुर प्रखंड के दर्जनों गांव में देखने को मिल रहा है।
कोशी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण किरतपुर प्रखंड के दर्जनों गांव वर्दीपुर सिरनिया, पकरिया, अमृतनगर, लक्ष्मीपुर, भंडरिया, कदवारा, कटरिया, राम खेतरिया सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

कोशी का पूर्वी तटबंध टूटने के कगार पर है। प्रशासन ने इस पर आवाजाही बंद करवा दी है। एनडीआरएफ मौके पर नहीं है। और न ही जल संसाधन विभाग का कोई कर्मी मौजूद है। स्थानीय लोगों की मदद से मिट्टी का बोरा तटबंध के किनारे रखा जा रहा है।


22 हजार की आबादी इस बाढ़ से ग्रसित

किरतपुर प्रखंड के नरकटिया गांव के पास बांध के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है। अभी तक कोई राहत शिविर इलाके में नहीं चलाया गया है। जबकि 24 घंटे पहले से ऐसा करने का निर्देश था। किरतपुर सीओ अब चालू करवाने की बात कह रहे हैं। लगभग 22 हजार की आबादी इस बाढ़ से ग्रसित है। सभी बांध पर आकर शरण लेने को मजबूर हैं। 2004 के बाद ये पहला मौका है जब बाढ़ ने इतनी बड़ी दस्तक दी है।

बिजली नहीं रहने पर अंधेरे में रहने को मजबूर

लोगों को घर से निकलने में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पानी से घिर जाने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीणों को पशुओं के लिए चारा जुटाने में हो रहा है। वहीं, स्थानीय लोग प्रवीण यादव ने बताया है कि दिन में तो किसी तरह रह लेते हैं। रात में बिजली नहीं रहने पर अंधेरे में रहने को मजबूर रहते हैं। पानी पीने को तरस रहे हैं। घर से निकला मुश्किल हो गया है।
पशुओं के लिए नहीं जुटा पा रहे चारा

कई घरों को कोशी नदी अपने तेज बहाव में अपने साथ बहा ले गया है। घर को बहते देख भय उत्पन्न हो गई है। लोग दूर-दूर नाव से जाकर पशुओं के चारा लाकर पशु को खिला रहे हैं। स्थानीय लोग राम कुमार यादव ने बताया कि दूसरी बार बाढ़ का पानी आने से लोगों को कष्ट झेलना पड़ रहा है। 55 साल के उम्र में इतना पानी कोशी नदी में कभी नहीं देखा था।

ग्रामीणों को राशन, दवाइयां, पशु चारा और अन्य जरूरत के कार्यों के चलते नदी की तेज धारा में नाव के जान को जोखिम में डालकर नाव सहारे निबटारा करना पड़ रहा है। लेकिन कोशी नदी के रूद्र रूप के कारण नाव तक जाना मुश्किल होता है। पानी का करंट ज्यादा होने के कारण लोगों को हिम्मत तक नहीं होती है। 16 नाव चालू करवा दिया गया

कोशी नदी में जलस्तर के बढ़ने की संभावना को लेकर बांध पर नजर रखी जा रही है। बांधों पर बने रेन कट को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इस कोशी बाढ़ को देखते हुए किरतपुर सीओ आशुतोष कुमार सन्नी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का अब तक 16 नाव चालू करवा दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर और नाव दिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आवश्यकता होने पर सामुदायिक किचन और पीने की पानी की व्यवस्था चालू करवा दी जाएगी।

उन्होंने बताया है कि कोशी नदी में पानी का जलस्तर स्थिर हो गई है। लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने को लेकर प्रशासन अलर्ट कर दिया है। अपवाह पर ध्यान न देनी की अपील की है। कोई भी सूचना मिले तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को जानकारी देने का अपील किया है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट