आजमगढ़: लखीमपुर-खीरी शहीद किसानों की स्मृति में मनाया गया किसान दिवस
आजमगढ़। लखीमपुर-खीरी किसान शहीदों की तीसरी वर्षगांठ पर संयुक्त किसान मोर्चा आजमगढ़ के विभिन्न किसान संगठन किसान संग्राम समिति, अ.भा.किसान महासभा,अ.भा.किसान सभा, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति,जय किसान आंदोलन, भारतीय किसान यूनियन, संयुक्त किसान मजदूर संघ,लोक जनवादी मंच,जनमुक्ति किसान मंच आदि के संयुक्त तत्वावधान में अमर शहीद कुंवर सिंह उद्यान में ‘किसान दिवस’ मनाया गया। इस अवसर पर सबसे लखीमपुर-खीरी में शहीद हुए चार किसान और एक स्वतंत्र पत्रकार को दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। उसके किसानों ने शहीद स्मारक के पास खड़े होकर *लखीमपुर-खीरी के शहीदों को न्याय दो, लखीमपुर-खीरी के शहीदों की कुर्बानी, याद करेंगे हिन्दुस्तानी, साज़िशकर्ता अजय मिश्र टेनी पर उचित आपराधिक मुकदमा दर्ज करो,लखीमपुर-खीरी के हत्यारों को सजा दो!..आदि नारें गूंजें
।* वक्ताओं ने लखीमपुर-खीरी के नृशंस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी द्वारा उकसाऊ भाषण देकर इस मामले को हत्याकांड की ओर ले आने के लिए हत्या और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कर उन्हें भी फ़ौरन गिरफ्तार किया जाना चाहिए था।मूकदर्शक बने इस अपराध में शामिल पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया जाए और उन पर भी साजिश मे शामिल होने का मुकदमा चलाया जाना चाहिए था।इस मामले में चार किसानों पर थोपे गए फर्जी, मनगढ़ंत मुकदमे वापस लिए जाय। यह पूरा मामला सरकार में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की रची गई साजिश लगती है, इसलिए इस पूरी घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए।मृतक किसान परिवार व पत्रकार के परिवार को सरकार की ओर से परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देकर संवेदनाशीलता का परिचय देना चाहिए। सभी घायलों को मुआवजा को संज्ञान लेना चाहिए। लेकिन लोकतांत्रिक, संवैधानिक देश में अन्नदाता किसानों अनसुना करके अपना तानाशाही चरित्र दिखा रही है। बड़ी बेशर्मी, ढिठाई से लखीमपुर-खीरी के हत्यारों और साजिशकर्ताओं को सरकार संरक्षण दे रही है। यही कारण है कि मोदी सरकार अपने जिस बाहुबली मंत्री को बर्खास्त नहीं करने का साहस नहीं जुटा पाई, उसे लखीमपुर-खीरी की जनता ने वोट से हराकर बर्खास्त कर दिया। ज्ञात हो कि दिनांक 3 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के लखीमपुर दौरे के समय किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर अपने घर रहे थे। यह प्रदर्शन इसलिए था क्योंकि कृषि राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी अपने 25 सितंबर 2024को दिए भाषण में किसानों को सबक सिखा देने की धमकी दी थी। किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का यूं सार्वजनिक रूप से धमकी देना निंदनीय है। इस कारण केशव प्रसाद मौर्या के साथ चूंकि अजय मिश्र टेनी भी थे, किसान उनके रास्ते में बैठ गए और उन्हें काला झंडा दिखाया। इस कारण उनके काफिले को रास्ता बदल कर जाना पड़ा। केशव प्रसाद मौर्या के कार्यक्रम के समापन के बाद अजय मिश्र टेनी का बेटा अभिषेक उर्फ मोनू मिश्र टेनी अपनी गाड़ियों के काफिले के साथ लौटा और प्रदर्शन कर किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, फिर खुद फायरिंग करते हुए खेतों से होकर भाग निकला। इस घटना में अब तक 4 किसानों के और एक पत्रकार की मौत हो गई । इसके अलावा किसान आंदोलन के नेता तजविंदर सिंह विर्क सहित कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। गोदी मीडिया ने झूठा प्रचार किया था कि गुस्से में किसानों ने हत्या के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ियों को आग लगा दी थी। लेकिन कुछ प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना था कि गाड़ियों में असलहे और विस्फोटक रखे थे, इस कारण उसमें स्वतः आग लग गई। दोनों में से जो भी बात सही हो, लेकिन आग लगने के बाद उसमें असलहे और विस्फोटक होने की पक्की खबरें आई थीं।लोगों का कहना था कि मंत्री के पुत्र की गाड़ी के पीछे पुलिस की गाड़ियां भी लगी हुईं थी, फिर भी मंत्री पुत्र को न तो उन्होंने रोका न ही उसे भागते हुए पकड़ने का प्रयास ही किया।जिससे सरकार पर भी शक होना लाज़िमी है। किसान दिवस कार्यक्रम में राजनेत यादव,राजेश आज़ाद, विनोद सिंह, रामनयन यादव, रामराज ,रामकुमार यादव, डाँ.रविन्द्र नाथ राय,राहुल विद्यार्थी, अवधराज यादव,राजेश, जगन्नाथ राम, भीम राव, हरिश्चंद्र शास्त्री, दानबहादुर मौर्य, प्रशांत आदि मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकुमार यादव व संचालन राजेश आज़ाद ने किया।
Oct 06 2024, 17:53