इनाम पाकर बच्चों के चेहरे खिले
सम्भल - उपनगरी सराय तरीन मुहल्ला बरखेरियान में इनामी इजलास का प्रोग्राम मुनक्किद किया गया। जलसे का आगाज बच्चों ने कुरआन पाक की तिलावत और नाते पाक से किया।
इनामी मुकाबले में बच्चों को लगातार 40 दिन तक मदरसे में हाज़िर होने और 40 दिन तक लगातार जमात के साथ नमाज़ पढ़ने वाले बच्चों को इनाम देकर सम्मानित किया गया।
लगभग 10 बच्चे ही दोनों मुकाबले में कामयाब हो सके।
कामयाब बच्चों को सम्मानित करते हुए हज़रत मौलाना मुफ्ती मुजीबुर रहमान कासमी ने कहा कि हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वह अपने बच्चों को दीनी तालीम दिलाये।
इस बुरे दौर में दीन की मज़बूत रस्सी को पकड़े बगैर हम मंज़िल तक नहीं पहुंच सकते।
बच्चों में मज़हबी तालीम का जुनून पैदा होना चाहिए ।दीनी तालीम के हासिल किए बगैर किसी भी मैदान में कामयाबी कभी भी नहीं मिलेगी। हम लोगों के लिए ज़रूरी है कि आने वाली नस्लों के लिए दीनी तालीम पर ज़ोर दें और उनके लिए ज़्यादा से ज़्यादा दीनी तालीम का हासिल करने के लिए कोशिश करें।
आज हमारी ज़िम्मेदारी है कि अपने बच्चों की निगेहबानी और तर्बीयत ज़रुर करें अपने बच्चों को पूरा वक्त दे।
जिस तरह हम अपने बच्चों की दुनिया की ज़रूरतें पूरी करते हैं उससे ज़्यादा ज़रूरत है कि हम फिक्र करें कि हमारे बच्चे दीनदार बने दुनिया की तालीम के साथ साथ दीनी तालीम ज़रूर हासिल कराएं। हमारे बच्चे अपना ज़्यादातर वक्त मोबाइल में गुज़ारते हैं हम अपने बच्चों की तर्बीयत की फ़िक्र ज़रुर करें।अपने बच्चों के वक्त की फ़िक्र करें कि हमारा बच्चा अपना वक्त कहां गुज़ार रहा है। अगर हमने अपनी औलाद की फ़िक्र नहीं की तो कल अगर बच्चे आपकी बात नहीं माने तो आप किसी से अपने बच्चों के नाफरमानी की शिकायत करने के हक़दार नहीं है।
बच्चों के नाफरमान बनने में आप ही ज़िम्मेदार है। इसलिए अपने बच्चों में दीनी तालीम को खूब आम करें इंसान को दीनदार होना बहुत ज़रूरी है अगर हमने बच्चों की सही तर्बीयत नहीं की तो वह आपको परेशानी में डाल देंगे ।
मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद ज़ैद क़ासमी ने कहा कि कुरआन एक मुकम्मल किताब है। मुसलमान सबसे पहले अपने बच्चों को कुरआन की तालीम दिलाए। साथ ही मुसलमान अपने बच्चो को उलेमा डॉक्टर इंजीनियर प्रोफ़ेसर कलेक्टर बनाए ।यह वक्त की ज़रूरत है। उन्होंने कहा की इस्लाम को सबसे ज़्यादा नफरत जहालत से है हमें इसको ख़त्म करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहां के इस तरह के प्रोग्राम करने से बच्चों की हौसला अफज़ाई होती है। और और बच्चों में इल्म हासिल करने का शौक पैदा होता है।इस अवसर पर विभिन्न मदरसों में कुरआन की तालीम हासिल करने वाले और 40 दिन लगातार जमात से नमाज़ अदा करने वाले और मदरसे में 40 दिन लगातार आने वाले मुहम्मद आज़म मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैसल मुहम्मद अबूबकर मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैज़ान मुहम्मद शहनावाज़ आदि दर्जनों बच्चों को सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर मोहम्मद साक़िब मुफ्ती मुहम्मद ज़ैद मुहम्मद आज़म मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैसल मुहम्मद अबूबकर मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैज़ान मुहम्मद शहवानाज़ मुहम्मद ज़ाहिद आदि मौजूद रहे।
Oct 03 2024, 14:35