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हिम्मत नगर में दर्दनाक हादसा: कार और ट्रक की टक्कर में 7 लोगों की मौत, एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल

गुजरात में साबरकांठा जिले के हिम्मत नगर में बुधवार की अल सुबह बड़ा हादसा हुआ है. यहां एक तेजरफ्तार कार ने आगे चल रहे ट्रक में टक्कर मार दी. हादसे के वक्त कार की स्पीड इतनी थी कि आधी कार ट्रक में घुस गई. इस हादसे में कार में सवार 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत नाजुक बताजा रही है. आशंका है कि यह हादसा कार चालक को नींद का झोंका आने की वजह से हुआ. फिलहाल पुलिस घटना के कारणों की जांच कर रही है.

पुलिस के मुताबिक कार में कुल 8 लोग सवार थे और शामलाजी से चलकर अहमदाबाद जा रहे थे. पुलिस ने घायल और मृतक की पहचान करने के बाद उनके परिजनों को सूचित कर दिया है. इसी के साथ मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. यह हादसा सुबह साढ़े चार बजे के आसपास की बताई जा रही है. पुलिस के मुताबिक इस हादसे में कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. अनुमान है कि हादसे के वक्त की स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा से अधिक रही होगी.

गाड़ी को काट कर निकालने पड़े शव

चूंकि कार का अगला हिस्सा ट्रक में पीछे से अंदर घुस गया था. इसलिए पुलिस और फायर विभाग के कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से कार को काट कर शवों को बाहर निकाला. साबरकांठा एसपी विजय पटेल के मुताबिक घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम को मौके पर रवाना कर दिया गया था. पुलिस ने तुरंत घायल को गाड़ी में से निकालकर अस्पताल पहुंचाया. वहीं मृतकों का शव गाड़ी में से निकालने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि घायल और मृतकों की पहचान हो गई है. उनके आने पर शवों का पोस्टमार्टम होगा.

नींद की वजह से हादसे की आशंका

घटना की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस हादसे की वजह कार चालक को नींद आना हो सकता है. पुलिस के मुताबिक हादसे के वक्त ट्रक अपनी सामान्य स्पीड में चल रहा था. जबकि कार की स्पीड बहुत ज्यादा थी. ऐसे में हो सकता है कि कार चालक को झपकी आ गई हो और जब तक वह अपनी गाड़ी को कंट्रोल करता, कार की ट्रक में टक्कर हो गई हो. पुलिस के मुताबिक घटना की जानकारी ट्रक चालक ने ही पुलिस को दी है.

कोलकाता मर्डर केस: टीएमसी विधायक निर्मल घोष से सीबीआई ने की पूछताछ, नए खुलासे की उम्मीद

पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में पिछले महीने एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की जांच सीबीआई कर रही है. इसी सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस विधायक निर्मल घोष से केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ जारी है. घोष सोमवार को सीबीआई के सामने पेश हुए. एक अधिकारी ने बताया कि टीएमसी के पनिहाटी के विधायक निर्मल घोष सुबह साढ़े 10 बजे सीबीआई के कार्यालय पहुंचे थे.

अधिकारी ने ये भी बताया कि अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग में डॉक्टर-प्रोफेसर अपूर्ब बिस्वास से भी इसी मामले के सिलसिले में सीबीआई पूछताछ कर रही है. सीबीआई अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच एजेंसी ने आरजी कर अस्पताल की घटना के बारे में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया था.

शक के घेरे में टीएमसी नेता निर्मल घोष

उन्होंने बताया कि टीएमसी नेता निर्मल घोष को उस दिन अस्पताल और शवदाह गृह समेत कई अन्य जगहों पर भी देखा गया था, ऐसे में जांच एजेंसी को संदेह है कि घोष ने मृत चिकित्सक का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अधिकारी ने ये भी बताया कि एजेंसी को कॉल डिटेल मिली हैं जिसमें पता चला है कि आरजी कर अस्पताल के गिरफ्तार पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष और निर्मल घोष के बीच 9 अगस्त को बातचीत हुई थी. ऐसे में जांच एजेंसी जानना चाहती है कि आखिर उन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई थी.

कई लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी

सीबीआई ने इससे पहले आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी माने जाने वाले बिरुपाक्ष बिस्वास से भी पूछताछ की थी. बिस्वास पर विभिन्न अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया था. अबतक सीबीआई इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

9 अगस्त को हुई थी घटना

दरअसल बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया था, उसके बाद बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी. मृतक का शव अर्ध नग्न अवस्था में सेमिनार हॉल में पड़ा मिला था. वहीं मौके से मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद हुआ था.

घटना से देशभर में मचा था बवाल

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ था, उसके बाद उसकी हत्या की गई थी. इस घटना से हड़कंप मच गया था. डॉक्टर के साथ हुई इस दरिंदगी ने सभी को हिलाकर रख दिया था. मामले में जमकर राजनीति भी हुई. घटना से सूबे की सरकार पर चौतरफा हमला हुआ. वहीं इस जघन्य घटना से नाराज डॉक्टर हड़ताल पर चल गए, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. देशभर में घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए. फिलहाल मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस का बड़ा ऑपरेशन: तीन नक्सली मारे गए, एके-47 राइफल और हथियार बरामद

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है.नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया है. इसमें एक महिला नक्सली भी है. मारे गए नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों को एके-47 सीरीज की राइफल और अन्य हथियार व गोलाबारूद बरामद हुआ है. ये जानकारी नायाणपुर पुलिस ने दी है. उन्होंने बताया कि इलाके में अभी सर्च ऑपरेशन जारी है.

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने के साथ ही पुलिस लगातार उन्हें मुख्यधारा में लाने के भी प्रयास कर रही है. इस कड़ी में पुलिस को रविवार को बड़ी सफलता मिली थी. दंतेवाड़ा जिले में 3 महिला नक्सलियों और एक पुरुष नक्सली ने सरेंडर किया था. इन पर 20 लाख रुपये का इनाम था.

2020 में पुलिस ने शुरू किया था ‘लोन वर्राटू’

इसको लेकर पुलिस की ओर से बताया गया था कि जून 2020 में ‘लोन वर्राटू’ (स्थानीय गोंडी बोली में बोले जाने वाला शब्द जिसका अर्थ है

अपने घर/गांव वापस लौटो) अभियान शुरू किया गया था. इसके तहतअब तक दंतेवाड़ा में 872 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है और मुख्यधारा में लौटे हैं.

तामो सूर्या और उसकी पत्नी पर था 8-8 का इनाम

अधिक जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने कहा था कि एक दंपति समेत 4 नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण किया. इसके लिए वो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने पहुंचे थे. सरेंडर करने वालों में हुंगा तामो उर्फ ​​तामो सूर्या (37) और उसकी पत्नी आयती ताती (35) माओवादियों की क्षेत्रीय कंपनी नंबर-2 में थे. दोनों पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था.

बीजापुर हमले में शामिल थे ये लोग

उन्होंने बताया कि 2018 में छत्तीसगढ़-तेलंगाना अंतरराज्यीय सीमा पर पामडे (बीजापुर) के जंगलों में सुरक्षाकर्मियों पर हमला हुआ था.

कथित रूप से ये लोग उसमें शामिल थे. इसके अलावा दो महिला नक्सलियों देवे उर्फ ​​विज्जे (25) पर तीन लाख और माडवी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था.

25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई

पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले ये चारों लोग पड़ोसी सुकमा जिले के रहने वाले हैं. नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में आए इन चारों लोगों को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई है. इसके साथ ही सरकार की नीति के तहत इनका पुनर्वास किया जाएगा.

सेल्फी लेना अब साइबर अपराधियों का नया हथकंडा: कैसे आपकी एक सेल्फी से हो सकती है आपकी बैंक अकाउंट खाली,जाने कैसे बचें


आजकल सेल्फी लेना फैशन बन गया है. हर कोई अपनी खूबसूरत तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करना चाहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी यह आदत आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है?

साइबर क्रिमिनल्स अब सेल्फी का इस्तेमाल करके आपकी पर्सनल से लेकर बैंक अकाउंट की जानकारी चुरा सकते हैं. इसके बाद आपके बैंक अकाउंट पर साइबर अटैक करके खाली भी कर सकते हैं. साइबर हैकर्स के लिए सेल्फी से धोखाधड़ी करना नया हथकंडा है. इसलिए आपको सावधान रहने की जरूरत है.

सेल्फी ऑथेंटिकेशन और साइबर फ्रॉड

आपने देखा होगा कि कई ऐप्स और वेबसाइट्स में अपनी पहचान साबित करने के लिए सेल्फी लेने को कहा जाता है. इसे सेल्फी ऑथेंटिकेशन कहा जाता है. यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल यह चेक करने के लिए किया जाता है कि आप वही व्यक्ति हैं, जिसके होने का आप दावा कर रहे हैं.

ज्यादातर बैंक या फिनटेक कंपिनयां सेल्फी से लोगों की वेरिफिकेशन करने का काम करते हैं. लेकिन इसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल साइबर अपराधी आपका फायदा उठाने के लिए भी कर सकते हैं.

सेल्फी से कैसे होता है फ्रॉड?

फिशिंग अटैक: साइबर अपराधी आपको फिशिंग ईमेल या एसएमएस भेजते हैं जिनमें आपको एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. जब आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं तो आप एक फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं जहां आपको अपनी सेल्फी खींचने और अपलोड करने के लिए कहा जाता है. इस तरह आपकी सेल्फी का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.

मैलवेयर: साइबर अपराधी आपके फोन में मैलवेयर इंस्टॉल कर देते हैं, जिससे आपके फोन के कैमरा का कंट्रोल उन तक पहुंच जाता है. इस तरह वे आपके बिना बताए आपकी सेल्फी ले सकते हैं, और उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.

सोशल मीडिया और डीपफेक: साइबर हैकर्स आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल से आपकी तस्वीरें चुराकर उनका इस्तेमाल डीपफेक के लिए कर सकते हैं. डीपफेक का मतलब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से की जाने वाली नकल है. इसमें किसी की तस्वीर से नकली फोटो और वीडियो बनाना शामिल है. इसमें वॉयस की नकल का भी इस्तेमाल किया जाता है.

सेल्फी से साइबर धोखाधड़ी

बैंक फ्रॉड करना: साइबर अपराधी आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके आपके बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर सकते हैं और आपके पैसे निकाल सकते हैं.

लोन लेना: साइबर हैकर्स आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके आपके नाम पर लोन ले सकते हैं.

सिम कार्ड क्लोन करना: आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके साइबर क्रिमिनल्स आपके सिम कार्ड को क्लोन कर सकते हैं और आपके मोबाइल नंबर पर आने वाले सभी ओटीपी को रिसीव कर सकते हैं.

खुद को बचाने के तरीके

किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें.

अपने सभी अकाउंट्स के लिए मजबूत और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें.

सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two-Factor Authentication) का यूज करें.

अपने फोन के सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें.

एक अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके आप अपने फोन को मैलवेयर से बचा सकते हैं.

सोशल मीडिया पर सावधान रहें और निजी जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें

अगर आपको लगता है कि आपके साथ कोई साइबर फ्रॉड हुआ है तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें. आपको हमेशा सावधान रहना चाहिए और अपनी पर्सनल जानकारी किसी को नहीं बतानी चाहिए.

बिहार किसानों के लिए प्रेरणा: विजय कुमार की बैंगन की खेती से कमाए साढ़े तीन लाख रुपये

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया के अमवा गांव के रहने वाले किसान विजय कुमार ने महज साढ़े चार कट्ठा खेत में बैगन की खेती कर महज दो महीने में साढ़े तीन लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है. उनके बैगन की बंपर की खेती को देखने आ रहे किसान दांतो तले उंगली दबा रहे हैं. बैगन की खेती करने वाला ये किसान पहले बरसों से चली आ रही परंपरागत तरीके से खेती करता आ रहा था.

इससे उसे सिर्फ अपने पेट पालने भर तक का मुनाफा हो पाता था, लेकिन जबसे उसने आधुनिक तकनीक से खेती करना शुरू किया तो मानो उसकी लॉटरी लग गयी है.

खेती करने की इस खास तरकीब से वो एक सफल किसान बन गया है. महज दो से तीन महीनों में उसने बैगन को बेच कर और ज्यादा उन्नत खेती करने के लिए अब अपना ट्रैक्टर भी खरीद लिया है. इससे वो अब ज्यादा खुशी महसूस कर रहा है. किसान विजय के अनुसार पहले उसने खेती की शुरुआत की तो वहां फसल ज्यादा नही हो पाती थी. फिर उसने कृषि विभाग के सलाहकार से मुलाकात कर खेती का नया तरीका जाना और फिर उसके बताये हुए तरीके से करना शुरू कर दिया. इसके बाद उसको फायदा ही फायदा होना शुरू हो गया है.

कौन से तरीके का किया इस्तेमाल?

उसने बताया कि आजकल लोग खेत में लगातार दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उस जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है, लेकिन उसने पुरानी तरकीब अपनाते हुए मवेशी खाद के साथ-साथ वैज्ञानिक पद्वति से रासायनिक खादों का भी प्रयोग करना शुरू किया है. इस कारण उत्पादन और ज्यादा बढ़ता जा रहा है. किसान विजय के मुताबिक वो बैगन से प्रतिदिन आठ से दस हजार रुपये तक की कमाई कर लेता है. इसके बाद वो काफी ख़ुशहाल है. किसान विजय के मुताबिक, इस बार बैगन का बम्पर उत्पादन हुआ है.

वहीं दूसरी तरफ अगर रेट की बात करें तो शादी ब्याह के सीजन में उसने 5000 से लेकर 6000 तक प्रति क्विंटल के दर से बेचा है तो वही अभी सितंबर महीना में 3500 रुपये क्विंटल की हिसाब से अभी विक्री हो रही है. विजय के मुताबिक, जून महीने से लेकर नवंबर महीने तक यानी लगभग आठ महीने तक ये बैगन लगातार निकलता रहेगा. फिर उसके बाद फूल गोभी और फिर से बैगन की खेती करूंगा. ताकि, अभी से ज्यादा मुनाफा मिलता रहेगा और मैं खुशहाल रहूंगा.

छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने से राजनांदगांव में 8 लोगों की मौत, 1 घायल

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में एक बड़ा हादसा हो गया. यहां आकाशीय बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई. मामला सोमानी थाना क्षेत्र के जोरातराई गांव का है. जिले से लगभग 12 किलोमीटर दूर जोरातराई गांव पड़ता है जहां दोपहर अचानक मौसम खराब हो गया और आकाशीय बिजली गिरने की घटना सामने आई. इस हादसे में कुल आठ लोगों की मौत हो गई जिसमें से चार युवक और चार स्कूली बच्चे हैं जबकी हादसे में एक व्यक्ति बुरी तरह से घायल है. घायल व्यक्ति का इलाज जारी है.

पूरे देश में इस वक्त अजीब का मौसम हो गया है. जहां कई इलाकों में बाढ़ जैसी हालत है तो वहीं कई इलाकों में तेज धूप और चिपचिपी गर्मी हो रही है. इसी बीच छत्तीसगढ़ में बारिश ने हाहाकार मचा रखा है. यहां के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आई हुई है तो वहीं कई जगह पर तेज बारिश और कड़कड़ाती बिजली ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है.

बिजली गिरने से 8 लोगों की मौत

ऐसे ही सोमवार दोपहर, राजनांदगाव जिले के सोमानी थाना क्षेत्र के जोरातराई में अचानक मौसम खराब हो गया और तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने से 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली गिरने से जहां चार युवकों की मौत हो गई तो वहीं आकाशीय आपदा की चपेट में आने से चार स्कूली बच्चों की भी दर्दनाक मौत हो गई. घटना से आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया. इस दुर्घटना में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है. युवक को लोगों ने तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया है.

मौके पर पहुंचा राहत दल

अस्पताल में युवक का इलाज चल रहा है. वहीं घटना की जानकारी के बाद स्थानीय प्रशासन और राहत दल मौके पर पहुंच गए हैं और राहत का काम शुरू कर दिया गया है. ग्रामीणों में इस हादसे को लेकर डर का माहौल है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो बारिश और खराब मौसम के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी खुले क्षेत्र में न जाएं. साथ ही बच्चों और बूढ़ों को भी जितना हो सके ऐसे मौसम में बाहर ना रहने दें.

बीजेपी का महासदस्यता अभियान: 25 सितंबर को एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य

25 सितंबर को बीजेपी महासदस्यता अभियान चलाएगी. अपने इस अभियान में बीजेपी ने देश के एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इस तारीख को पार्टी केंद्र, राज्य, जिला, मंडल से लेकर बूथ स्तर तक सदस्यता महाअभियान का विशेष ड्राइव चलाएगी. बता दें कि इस दिन बीजेपी के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिन है

बीजेपी ने देशभर में मेगा सदस्यता अभियान की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान का पहला सदस्य बनकर इसकी शुरुआत की. बीजेपी के इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे हैं

किसने किया अभियान की शुरूआत

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने 2 सितंबर को इस अभियान की शुरुआत की थी. देशभर में इस सदस्यता अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस अभियान के तहत सबसे पहले खुद पीएम मोदी ने सदस्यता ग्रहण की, वहीं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें सदस्यता दिला. इस अभियान के तहत अगर किसी को पार्टी का सदस्य बनना है, तो वह घर बैठे ही ऑनलाइन मोड के माध्यम से सदस्य बन सकता है.

कौन बन सकता है सदस्य?

पार्टी का यह सदस्यता अभियान ऑनलाइन मोड पर शुरू किया गया है. इस अभियान में मिस्ड कॉल, नमो ऐप, वेबसाइट और क्यूआर कोड स्कैन करके कोई भी व्यक्ति सदस्य बन सकता है. भारतीय जनता पार्टी में कोई भी व्यक्ति सिर्फ 6 साल के लिए ही पार्टी का सदस्य रह सकता है. 6 साल के बाद फिर से सदस्यता लेनी होती है. बीजेपी हर पांच साल में सदस्यता अभियान चलाती है. इस बार बीजेपी ने 10 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. यह अभियान 51 दिनों तक चलेगा. इसकी खास बात यह है कि सभी कार्य पार्टी को 51 दिनों के अंदर ही पूरा करना है. वर्ष 2014 में जब पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाया था, तब 11 करोड़ से अधिक सदस्य जोड़े गए थे और यह अभियान करीब 6 महीने तक चला था.

बाराबंकी में फेक किडनैपिंग: तीन बच्चों ने स्कूल नहीं जाने के लिए रची झूठी कहानी, जाने पूरी मामला

ऐसा कहा जाता है कि बच्चे बड़ी जल्दी चीजों को सीखते हैं इसलिए इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वो टीवी या फिर फोन पर क्या देख रहे हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से सामने आया. यहां तीन बच्चों ने अपनी ही फेक किडनैपिंग की कहानी पुलिस को बता दी. बाराबंकी में तीन बच्चों की बताई गई किडनैपिंग की पूरी स्टोरी झूठी निकली. जांच में सामने आया कि बच्चे स्कूल नहीं जाना चाहते थे. घर वालों के दबाव के चलते बच्चे घर से तो जरूर निकले लेकिन उन्होंने बैग रास्ते में ही कहीं रख दिया और घूमते रहे, फिर किसी राहगीर के फोन से घर वालों को किडनैपिंग की पूरी झूठी कहानी बता डाली.

बच्चों के बयान के आधार पर जब पुलिस वालों ने अपनी तहकीकात शुरू की और रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पूरा सच सामने आ गया. बाद में बच्चों ने बताया कि क्राइम सीरियल्स और मूवी देखकर उन्होंने यह पूरा प्लान बनाया था.

स्कूल नहीं जाना चाहते थे बच्चे

पूरा मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के दशहराबाग के पास नीलकंठ चिल्ड्रेंस एकेडमी से जुड़ा है. यहां पढ़ने वाले तीन बच्चे, जिसमें दो सगी बहनें और एक पड़ोस में रहने वाला लड़का शामिल हैं, ये तीनों छठी और सातवीं के छात्र हैं. इन तीनों ने अपनी किडनैपिंग की झूठी कहानी गढ़ डाली. बच्चे घर वालों के डर से बैग लेकर स्कूल जाने के लिये जरूर निकले, लेकिन पहुंचे नहीं. रास्तें में तीनों ने कहीं अपना बैग रखा और काफी देर तक घूमते रहे, फिर काफी देर के बाद एक राहगीर के फोन से परिजनों को अपने अपहरण की झूठी कहानी बताई.

पुलिस की जांच में खुला मामला

अपहरण की बात सुनकर बच्चों के माता-पिता के हाथ-पैर फूल गये और वह आनन-फानन में मौके पर पहुंचे. सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची. बच्चों से एक-एक बात की जानकारी ली लेकिन जब पुलिस ने अपनी पड़ताल शुरू की और बच्चों के बयान के आधार पर रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पूरी कहानी ही उल्टी निकली. जांच में पता चला कि बच्चे झूठ बोल रहे हैं और उनका कोई अपहरण हुआ ही नहीं था, बल्कि वह स्कूल नहीं जाना चाहते थे. घरवालों के डर से वह घर से निकले लेकिन फिर घूमने-फिरने निकल गये. पुलिस की पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें ये आइडिया मोबाइल और टीवी पर क्राइम सीरियल्स और मूवी देखकर आया था.

ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ीं: न्यायिक हिरासत 7 अक्टूबर तक बढ़ी

आम आदमी पार्टी के दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की न्यायिक हिरासत को 7 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया था. हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में अपना मेडिकल रिकॉर्ड ले जाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने जेल के अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी.

अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग में जांच दो FIR के चलते शुरू हुई है, जिनमें एक दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़ी अनियमितताओं में CBI ने दर्ज की थी और दूसरी FIR दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में की. ईडी ने दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के जरिए एक बड़ी रकम हासिल की है और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया.

वक्फ बोर्ड की संपत्ति का फायदा

एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और अमानतुल्लाह खान के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध तरीके से फायदा उठाकर कमाई की. इसके साथ ही एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में एक चार्जशीट दायर की थी और अमानतुल्लाह के तीन सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामजद किया था.

2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था

अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था. इससे पहले उनके घर पर छानबीन की गई थी और उनसे कुछ सवाल किए गए थे, जिसके जवाब वो सही तरह से नहीं दे पाए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें 23 सितंबर तक यानी आजतक के लिए हिरासत में भेजा गया था और अब उन्हें फिर से 7 अक्टूबर तक हिरासत में भेज दिया गया है.

यह आप नेता भी हो चुके हैं गिरफ्तार

अमानातुल्लाह खान भी आप के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें एजेंसी ने अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया है. इन नेताओं में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम शामिल है. हालांकि केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह अब जमानत पर जेल से बाहर हैं.

पितृपक्ष में चावल से पिंडदान का महत्व: आखिर क्यों चावल से ही बनाता है पिंड?

पितृ पक्ष 2024 चल रहा है. सोमवार 23 सितंबर को छठवें दिन का श्राद्ध है. इसे षष्ठी का श्राद्ध भी कहते हैं. इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन हिंदू पंचांग की षष्ठी तिथि को हुआ हो.

श्राद्ध को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है. ये 16 दिन की अवधि होती है जिसमें हर दिन के हिसाब से श्राद्ध के नियम होते हैं. पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान होता है. इसे विधि पूर्वक किया जाता है और हर एक बारीक बातों का भी ध्यान रखा जाता है. जैसे कि हमेशा कुशा के साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है. वहीं पिंडदान में जो पिंड बनाए जाते हैं वो चावल के ही बनाए जाते हैं. क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है?

चावल से क्यों बनता है पिंड

चावल से पिंड दान करने के पीछे की वजह है इसके गुण. चावल की तासीर ठंडी होती है और इसके गुणों की सक्रियता भी लंबे समय तक रहती है. पूर्वजों को शीतलता मिले और लंबे समय तक उनके मन में आत्म संतुष्टि का भाव रहे, इसलिए चावल से पिंड बनाए जाते हैं. चावल का सीधा संबंध चंद्रमा से है.

इससे जोड़ते हुए भी इसे देखा जा सकता है. दरअसल चंद्रमा के माध्यम से ही पिंड, पितरों तक पहुंचता है. इसलिए पिंड बनाने के लिए चावल को श्रेष्ठ माना जाता है. चावल के अलावा जौ से या फिर काले तिल से भी पिंड बनाया जाता है.

कुशा से ही क्यों किया जाता है तर्पण

तर्पण के वक्त कुशा धारण करने के कई दृष्टिकोण और मान्यताए हैं. मान्यताओं की मानें तो समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें कुशा पर गिर गई थी. इससे कुशा हमेशा के लिए अमर हो गई. ये कभी भी नष्ट नहीं होती है.

ये सूखती है और फिर से उग जाती है. वहीं जब इंसान शरीर त्याग देता है तो आत्मा के पास तर्पण ग्रहण करने का माध्यम नहीं होता है. इसलिए कुशा से तर्पण करने पर जल, पितरों तक पहुंच जाता है और वे इसे आसानी से ग्रहण कर लेते हैं. कुछ लोग कुशा हाथ में लेते हैं तो कुछ इसकी अंगूठी बनाकर पहनते हैं.

वहीं इसे अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भी कई फायदे हैं. कुशा एक ऐसी पवित्र घास है जिसकी तासीर शीतल होती है. ऐसे में इसे धारण कर के पितरों का पिंडदान और तर्पण करने से पितरों तक शीतलता पहुंचती है और पूर्वज खुशी-खुशी इसे ग्रहण करते हैं.