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शरद पवार ने की घोषणा, महाविकास आघाड़ी की सीट शेयरिंग 10 दिन में होगी पूरी

महाराष्ट्र में नवंबर के महीने तक विधान सभा चुनाव हो सकते हैं, इसी के चलते राज्य में चुनाव की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा, विधानसभा चुनाव के चलते महाविकास आघाड़ी की सीट शेयरिंग 10 दिन में पूरी हो सकती है.

शरद पवार ने चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, महाराष्ट्र में तीन दल (उद्धव गुट की शिव सेना, शरद पवार गुट की एनसीपी और कांग्रेस)एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा और किस पार्टी के हिस्से में कितनी सीटें आएंगी इसको लेकर दलों के बीच बातचीत की प्रक्रिया जारी है.

10 दिन में होगी सीट शेयरिंग डन

शरद पवार ने कहा, तीनों दलों के नेता बैठकर सीट शेयरिंग पर बातचीत कर रहे हैं और सीट शेयरिंग की डील को डन करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं. शरद पवार ने कहा, अगले 10 दिन में तीनों दलों के बीच सीट शेयरिंग की डील पूरी हो जाएगी और उसके बाद पता लग जाएगा कि किस दल के खाते में कौन सी और कितनी सीटें आई. इसी के बाद तीनों दल अपनी-अपनी सीटों पर उम्मीदवार तय करेंगे.

BJP को लोग दरकीनार करना चाहते हैं

शरद पवार ने कहा, देश में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में साल 2019 में महाराष्ट्र में कांग्रेस को एक ही सीट मिली थी और राष्ट्रवादी कांग्रेस को चार सीट मिली थी, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को 30 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी और उनके सहयोगी दलों को लोग दरकीनार करना चाहते हैं. यह एक आशावादी स्थिति है और इस बदलाव की प्रक्रिया में हम सब जुटे हुए है.

वन नेशन वन इलेक्शन

शरद पवार ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कहा, इंडिया गठबंधन के घटक दल का हिस्सा, हम सभी एक साथ मिलकर इस पर विचार करेंगे और एकमत से फैसला लेंगे. उन्होंने आगे कहा, अगले 8 से 10 दिनों में इंडिया गठबंधन की बैठक हो सकती है, लेकिन उस बैठक के पहले मेरे जैसे व्यक्ति के लिए वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कोई राय जाहिर करना उचित नहीं है. सभी की राय ली जानी जरूरी है.

कानपुर में रेल हादसे की साजिश नाकाम: रेलवे ट्रैक से मिला गैस सिलेंडर और बीयर के खाली कैन, जांच अधिकारी मौके पर पहुंचे

दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग के प्रयागराज कानपुर रेल खंड पर रविवार की सुबह रेल ट्रैक पर सिलिंडर मिलने से हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि उस ट्रैक से गुजर रही एक मालगाड़ी के लोको पायलट ने गैस सिलिंडर को दूर से ही देख लिया। उसने सजगता दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर मालगाड़ी रोकी, और कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी ।मामला रविवार सुबह तकरीबन 6:00 बजे के आसपास प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के निकट का है।

जेटीटीएन मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज की ओर आ रही थी। इसी दौरान जब प्रेमपुर स्टेशन पर लूप लाइन पर आ रही थी तो गाड़ी में तैनात लोको पायलट देव आनंद गुप्ता एवं सहायक लोको पायलट सी बी सिंह ने सिग्नल से कुछ दूर पहले रेल ट्रैक पर एक गैस सिलिंडर रखा हुआ देखा। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को सिलिंडर से पहले रोक लिया। कंट्रोल रूम के साथ संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दी गई।

मौके पर रेलवे आईओडब्ल्यू, रेल सुरक्षा बल सहित अन्य विभागों की टीम मौके पर पहुंची। सिलिंडर की जांच करने पर पता चला कि यह 5 लीटर का खाली सिलिंडर है । ट्रैक पर सिग्नल के थोड़ा पहले मिले सिलिंडर किसने रखा उसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है उसी के बाद कुछ कहा जा सकेगा।

रेलवे ट्रैक के पास मिलीं बीयर की खाली बोतलें

जिस स्थान पर रेलवे ट्रैक पर सिलिंडर मिला है उसके पास बीयर की दो खाली बोतलें भी मिली हैं। आशंका जाहिर की जा रही है कि नशेड़ियों ने बीयर पीने के बाद शरारत की है। फिलहाल पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।

प्रयागराज में भी ट्रेन पलटाने की थी साजिश

इसी तरह बीतीरात प्रयागराज के करछना में फ्रेट कॉरिडोर पर शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर पत्थर रख दिया। मालगाड़ी से यह पत्थर टकरा भी गया। लोको पायलट ने घटना सूचना अफसरों को दी तो छिवकी की आरपीएफ टीम मौके पर पहुंची। वहां आरपीएफ को तकरीबन तीन किग्रा का पत्थर मिला। दो दिन पहले बिलासपुर रोड रुद्रपुर सिटी स्टेशन के 43/10-11 रेलवे लाइन पर टेलीकॉम का पुराना लोहे का 7 मीटर लंबा खंभा रेलवे ट्रैक पर रखा पाया गया था। गनीमत रही कि उसे समय रहते देख लिया गया।

प्रयागराज से गुजरने वाले ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ( ईडीएफसी) में बीती रात न्यू मनौरी-न्यू करछना के बीच किलोमीटर संख्या 271/42 के पास ट्रेन के लोको पायलट को इंजन से कुछ टकराने की आवाज आई। आरपीएफ टीम को संबंधित स्थान पर पत्थर और ट्रैक पर रगड़ के निशान भी दिखे। पत्थर का वजन तकरीबन तीन किलोग्राम बताया जा रहा है।

वहां ट्रैक पर उसकी रगड़ के निशान से इस बात की पुष्टि हो रही है कि अराजकतत्वों ने ही उसे रखा था। फिलहाल गनीमत रही कि वहां कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। ट्रैक पर पत्थर मिलने की पुष्टि आरपीएफ के सीनियर डीएससी विजय प्रकाश पंडित ने भी की है। डीएफसी के अपर महाप्रबंधक मनु प्रकाश दुबे ने कहा कि एक छोटा पत्थर मालगाड़ी से टकराने की सूचना मिली है। आरपीएफ द्वारा इसकी जांच की जा रही है।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर कहा - हमने दिखा दिया की ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार बनाई जा सकती है

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार आज (22 सितंबर) दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित किया. जनता अदालत में केजरीवाल ने कहा, आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है, जंतर मंतर पर पुराने दिन याद आ गए.

जनता अदालत को संबोधित करने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने साल 2011 का जन लोकपाल बिल के आंदोलन के दिनों को याद किया. केजरीवाल ने कहा, 4 अप्रैल 2011 का दिन था और आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन इसी जंतर-मंतर में शुरू हुआ था, जोकि डेढ़-दो साल तक चलता रहा. तब की सरकार भी बहुत अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानी, चैलेंज देते थे कि चुनाव लड़कर जीत कर दिखाओ. हम भी चुनाव लड़ लिए, पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बन गई.

ईमानदारी से सरकार बनाई

अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार भी बनाई जा सकती हैं. केजरीवाल ने अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए कहा, सरकार बनाकर लोगों को ऐसी-ऐसी सुविधा दी जो उन्हें नहीं मिलती थी, लोगों के लिए मुफ्त, बिजली, पानी, शिक्षा और बुर्जुगों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा दी. केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, 10 सालों से ईमानदारी से सरकार चला रहे थे तो मोदी जी ने षड्यंत्र रचकर सारे बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया, हमने जेल से बाहर आकर इस्तीफा दिया.

इस्तीफा देने की बताई वजह

अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था, जिसके बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को एलजी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, आप सोच रहे होंगे कि हमने इस्तीफा क्यों दिया? मैं भ्रष्टाचार करने नहीं देश की राजनीति बदलने आया था. मुझे कुर्सी से प्यार नहीं है, मैं अंदर से बहुत दुखी हुआ. इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में ईमानदारी से काम किया. इन 10 सालों में मैंने सिर्फ आपका प्यार कमाया है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को सीएम आवास को खाली करना होगा, इसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है.

जनता की अदालत में आया”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा कि मेरा घर ले लो, अभी श्राद्ध चल रहे हैं नवरात्र में मुख्यमंत्री आवास छोड़कर आपके घर आकर रह लूंगा. मैंने सोचा था कि कोर्ट से जब तक बरी नहीं हो जाता तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. कोर्ट में सालों ट्रायल चलेगा, इसलिए मैं जनता की अदालत में आया हूं.

अगर मैं बेईमान होता तो हजारों करोड़ खा जाता, लोगों के लिए चीजें मुफ्त करता ? मैं आज आप लोगों से पूछने आया हूं कि केजरीवाल चोर है ? केजरीवाल ने जनता से कहा, जिन-जिन लोगों को लगता है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोदी जी ने षड्यंत्र रचा, वो हाथ खड़े करें.

RSS से पूछा सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, आरएसएस वाले कहते हैं कि वो राष्ट्रवादी हैं, देश भक्त हैं, मैं आज मोहन भागवत जी से पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से मोदी जी पूरे देश में लालच देकर या ED-CBI को धमकी देकर दूसरी पार्टी के लोगों को जेल भेज रहे हैं और पार्टी तोड़ रहे हैं सरकार गिरा रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि ये देश के लिए खतरा है. जिन नेताओं को मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला कुछ दिनों बाद पार्टी में शामिल करा लिया, क्या आप इससे सहमत हो ?

अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीजेपी RSS की कोख से पैदा हुई है, पार्टी भ्रष्ट ना हो ये देखना आपका काम है, कभी आपने मोदी जी को ऐसा करने से रोका.

लोकसभा चुनाव से पहले कहा गया कि बीजेपी को RSS की जरूरत नहीं है, क्या आज बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखा रहा है? क्या आपको दुख नहीं हुआ? आज मैं मोहन भागवत जी और RSS के कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं आपको दुख नहीं हुआ? आप लोगों ने ही मिलकर कानून बनाया था कि 75 साल पर रिटायरमेंट होगा, आडवाणी जी जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया, कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता ? क्या वो अलग हैं?

मनीष सिसोदिया को 2 साल जेल में डाला”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 75 सालों में शिक्षा का बेड़ा ग़र्क कर दिया गया, लेकिन 75 साल बाद एक ऐसा शख्स आया मनीष सिसोदिया, जिसने ऐसे स्कूल बनाए जहां सब को अच्छी शिक्षा मिलती हैं. मनीष सिसोदिया को मोदी जी ने 2 साल जेल में डाल दिया, ये दो साल मनीष सिसोदिया के नहीं देश के खराब हुए हैं. क्या आप इस तरह की हरकतों से सहमत हैं? मुझे उम्मीद है कि आप जवाब देंगे. RSS के सभी कार्यकर्ताओं को कहना चाहता हूं कि चिंतन जरूर करना.

केजरीवाल ईमानदार लगे तो वोट देना”

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ये आने वाला चुनाव मामूली चुनाव नहीं है, अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है. उन्होंने आगे कहा, अगर आपको लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं तो वोट देना वर्ना मत देना. ये झाड़ू ईमानदारी का प्रतीक है, झाड़ू का बटन तभी दबाना जब आपको लगे कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार है.

डबल मुनाफे की लालच में गोरखपुर का युवक ठगी का शिकार, गंवाने पड़े लाखों रुपये

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के शाहपुर में साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक शख्स कम समय में डबल मुनाफे की लालच में लाखों रुपये गंवा बैठा. हालांकि, जब उसे ठगी का अहसास हुआ तो उसने साइबर पुलिस से शिकायत की. पुलिस ठगों का पता लगा रही है.

शाहपुर थाना क्षेत्र के शिवपुरम मोहल्ले के रहने वाले सचिन कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि मेरे मोबाइल नंबर को एक वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया तो मैंने सोचा कि यह ऐसे ही सामान्य रूप से कोई ग्रुप होगा. धीरे-धीरे करके उस ग्रुप पर इन्वेस्टमेंट की बातें होने लगीं. कुछ लोग कहते थे कि जो मैंने पैसे पिछले माह लगाए थे, वह इस महीने तीन गुना हो गया है. कोई कहता था मेरे रुपये चार गुना हो गए हैं. कोई दो गुना की भी बात करता था. ऐसे में मेरी भी जिज्ञासा हुई कि सच्चाई क्या है.

पीड़ित ने पुलिस को बताया

पीड़ित के मुताबिक, मैंने जब ग्रुप के लोगों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पैसे लगाइए, भारी मुनाफा होगा. मैंने शुरू में थोड़े पैसे लगाये तो अगले महीने पचास हजार सवा लाख हो गए और पैसे मेरे खाते में वापस भी आ गए. ऐसे में मेरी लालच और बढ़ गई. मैंने धीरे-धीरे करके और पैसे लगाए. उस ग्रुप के लोगों ने मुझे टेलीग्राम पर एक ग्रुप से जोड़ दिया और फिर वहां बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट की बात होने लगी. इसी दौरान गूगल से एक लिंक भेजकर मेरी आईडी भी बनवा दी गई. धीरे-धीरे करके मैंने उस ग्रुप के मध्यम से 10 लाख 32000 रुपये लगा दिए. मेरा पैसा इन्वेस्ट हो गया.

शख्स ने बताया कि इसके बाद मैं जब भी जानकारी लेता था तो लोग बताते थे कि आपका पैसा भी डेढ़ गुना हो गया है. फिर बताएं कि दो गुना हो गया है, फिर तीन गुना बताने लगे तो मैंने कहा कि पैसा मेरे अकाउंट में वापस कर दीजिए. उन लोगों ने पहले कहा ठीक है. धीरे-धीरे दो-तीन दिन बीत गए तो फिर मैंने कहा तो टालमटोल करने लगे. उसके कुछ दिन बाद मैसेज का जवाब देना बंद कर दिए. फिर मेरे दबाव डालने पर उन लोगों ने कहा कि पैसा तो आपका वापस हो जाएगा, लेकिन जो आपका पैसा तीन गुना हो चुका है, उसका 15% सर्विस चार्ज देना पड़ेगा. वह पैसा जमा कर देंगे, उसके बाद आपका पैसा आपके खाते में चला जाएगा.

क्या बोले पुलिस अधिकारी?

सचिन ने बताया कि जब इस तरह की बात होने लगी तो मेरे मन में आशंका हो गई कि कहीं मेरे साथ गलत तो नहीं हुआ है. पता चला कि मेरे साथ ठगी हो चुकी है. इस संबंध में एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने कहा कि शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. आए दिन हम लोग सचेत करते हैं कि ऑनलाइन या किसी भी अननोन एप के माध्यम से कोई भी इन्वेस्टमेंट ना करें या कोई भी अपने अकाउंट या किसी भी आर्थिक स्थिति की जानकारी ना दें. बावजूद इसके लोग बात नहीं मान रहे हैं, जिसके चलते लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच की जा रही है.

बेंगलुरु में श्रद्धा वॉकर जैसा हत्याकांड: 25 वर्षीय युवती की बेरहमी से हत्या, शव के 30 टुकड़े किए ,आरोपी फरार

दिल्ली के छतरपुर इलाके में श्रद्धा वॉकर मर्डर केस की तरह बेंगलुरु से भी नृशंस हत्या का मामला सामने आया है. जहां 25 साल की लड़की की हत्या करके शव के 30 से ज्यादा टुकड़े किए गए हैं. इतना ही नहीं हत्यारे ने उसके शव के टुकड़ों को घर में रखे फ्रिज में रख दिया और मौके से फरार हो गया. पुलिस ने फिलहाल क्राइम सीन का जायजा लिया है. युवती की हत्या करीब 10-15 दिन पहले की गई है.

जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के व्यालिकवल थाना क्षेत्र के पाइपलाइन रोड पर वीरान्ना भवन के पास हुआ है. यहां पर एक तीन मंजिला इमारत में 25 साल की महालक्ष्मी नाम की युवती की रहती थी. महालक्ष्मी किसी और जगह की रहने वाली थी लेकिन वह लंबे वक्त से यहां पर रह रही थी. नृशंस हत्या का खुलासा उस वक्त हुआ जब पड़ोस में रहने वाले लोगों ने पुलिस को फ्लैट से बदबू आने की शिकायत की. पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो सभी के होश फाख्ता हो गए. घर के अंदर युवती का शव कई टुकड़े मिला है.

10-15 दिन पहले हुए हत्या

पुलिस ने जांच दल को तुरंत मौके पर बुलाया और सभी संभव सबूत इकट्ठा किए. पुलिस को अंदेशा है कि महालक्ष्मी की हत्या करीब 10-15 दिन पहले हुई है. पुलिस ने यह भी संदेह जताया है कि हत्यारे ने महालक्ष्मी की हत्या करने के बाद उसके शव को कई टुकड़ों में काटकर फ्रिज में इसलिए रख दिया ताकि उसने भागने का टाइम मिल जाए. पुलिस ने फिलहाल हत्यारे की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस इस हत्याकांड के मामले में इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी है.

दिल्ली में हुआ था ऐसा ही मर्डर

दिल्ली के छतरपुर में भी ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था जिसमें 27 साल की श्रद्धा वॉकर को उसके साथ लिव में रहने वाले आफताब अमीन पूनावाला नाम के शख्स ने जान से मार डाला था. 18 मई 2022 को इस हत्या के सामने आने के बाद पूरी दिल्ली सनसनी फैल गई थी. आरोपी ने श्रद्धा की लाश के कई टुकड़े किए थे और उनमें से 35 टुकड़े महरौली के जंगल में फेंक दिए थे. जब पुलिस ने घर की तलाशी ली थी और फ्रिज के अंदर भी शव के कई टुकड़े मिले थे. पुलिस को शव के टुकड़ों को कुकर में पकाने के भी सबूत मिले थे. इस हत्याकांड से न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरा देस दहल उठा था.

मम्मी चिल्लाते बच्चे की मदद करने वाली महिला को जीआरपी पुलिस ने बच्चा चोर समझकर किया गिरफ्तार, जाने पूरी मामला?

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रेलवे स्टेशन पर एक महिला को 6 वर्षीय बच्चे की मदद करना भारी पड़ गया. दरअसल, सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही एक महिला ने प्लेटफॉर्म पर मम्मी-मम्मी चिल्लाकर ट्रेन के पीछे दौड़ रहे बच्चे की मदद करने की कोशिश की. महिला ने मम्मी कहते हुए दौड़ लगा रहे बच्चे को उसके माता-पिता से मिलाने के लिए चेन पुलिंग कर दी. ट्रेन रुकते ही उसने बच्चे को ट्रेन में बैठा लिया. वहीं प्लेटफार्म पर खड़े जीआरपी पुलिस के जवान और लोगों ने महिला को देख लिया. जीआरपी के जवानों ने महिला को बच्चा चोर समझ उसे थाने ले जाकर पूछताछ की.

अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-03 पर सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही एक महिला ने ट्रेन चलने के दौरान एक बच्चे को मम्मी चिल्लाते देखा. महिला ने बच्चे की मदद के लिए चेन पुलिंग कर दी. वहीं महिला को 6 वर्षीय बच्चे की मदद करना भारी पड़ गया. महिला मम्मी-मम्मी चिल्लाकर ट्रेन के पीछ दौड़ रहे बच्चे को उसके माता-पिता से मिलवाना चाहती थी. ट्रेन रुकने पर महिला ने बच्चे को गोद में लेकर ट्रेन में बैठ गई. वहीं महिला को जीआरपी के जवानों ने देख लिया. महिला को बच्चा जोर समझकर थाने ले गए और उससे पूछताछ की. वहीं इस मामले का किसी ने वीडियो बना लिया, वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है

चेन पुलिंग के बाद खड़ी रही ट्रेन

कोतवाली सिविल लाइन क्षेत्र के अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सफर कर रही एक महिला को बच्चा चोर बताते हुए जीआरपी पुलिस द्वारा बच्चे समेत गाड़ी से उतारे जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं गाड़ी सं0-12488 सीमांचल एक्सप्रेस अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर -03 पर अपने निर्धारित ठहराव के बाद चलते ही चेन पुलिंग होने के बाद 09 बचकर 58 मिनट तक एसीपी में खड़ी हो गई. इस दौरान सहायक उप निरीक्षक रनवीर सिंह सहित सहायक उप निरीक्षक प्रेमपाल सिंह व हमराह स्टाफ ने यात्रा कर रही महिला द्वारा की गई चेन पुलिंग के बाद प्लेटफार्म नंबर तीन पर खड़ी गाड़ी को अटेंड किया गया.

जिस महिला ने बच्चे की मदद करने करना चाह रही थी वो बिहार के अररिया वीरनगर की रहने वाली है. महिला का नाम आशा खातून बताया जा रहा है. महिला से बच्चे को लेकर पूछताछ की गई लेकिन बच्चे के नाम पते के संबंध और रिश्ते के संबंध में पूछताछ करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जिसके बाद महिला को ट्रेन से उतार लिया गया.

बच्चे को उसकी मां के सुपुर्द किया

पूछताछ के बाद जीआरपी ने इसकी सूचना अगले रेलवे स्टेशन को दी और ट्रेन में ड्यूटी कर रहे टीईटी को दी. कुछ देर बाद बच्चे के माता-पिता अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए. उन्होंने अपने बच्चे की पहचान अयान के रूप में की. बच्चे की मां ने बताया कि वो आनंद विहार से बिहार ज रही थीं. अलीगढ़ में ट्रेन रुकने पर उनका बेटा बिना बताए ट्रेन से उतर गया. पुछताछ के बाद बच्चे की उसकी मां के सुपुर्द कर दिया गया.

क्वाड समिट में प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका: भारत के लिए वैश्विक मंच पर नई दिशा की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक बार फिर से वैश्विक मंच पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. आज यानी 21 सितंबर को अमेरिका के डेलावेयर में हो रहा क्वाड सम्मेलन भारत के लिए न केवल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह एक रणनीतिक कदम भी है जो भारत की सुरक्षा, आर्थिक विकास और वैश्विक स्थिरता में योगदान देगा.

क्वाड (QUAD) चार देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच का एक रणनीतिक गठबंधन है. इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देना है. यह समूह एक स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के समर्थन में कार्य करता है, जो आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है.

भारत के लिए क्वाड का महत्व

भारत के लिए, क्वाड कई मायनों में महत्वपूर्ण है. सबसे पहले, यह गठबंधन भारत को एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा बनाता है जो उसे चीन की आक्रामकता के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संतुलन प्रदान करता है. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, क्वाड भारत को इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का एक सशक्त मंच प्रदान करता है.

दूसरा, क्वाड भारत के आर्थिक विकास में भी योगदान करता है. जलवायु परिवर्तन से लेकर नई उभरती तकनीकों तक, इस मंच के तहत की जा रही पहलें भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देती हैं. उदाहरण के लिए, क्लीन एनर्जी सप्लाई चेन, 5जी नेटवर्क और ओपन RAN जैसे क्षेत्रों में क्वाड के उठाए हुए कदम भारत के तकनीकी और औद्योगिक विकास के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकती हैं.

डेलावेयर सम्मेलन का विशेष महत्व

21 सितंबर को होने वाला क्वाड शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक खास मौका है. यह सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है. चीन का बढ़ता दबदबा, रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व संकट और वैश्विक अर्थव्यवस्था की अस्थिरता. इस सम्मेलन में भारत के लिहाज से कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी.

1- इंडो-पैसिफिक सुरक्षा: भारत के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण है. क्वाड इस क्षेत्र में न केवल समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि आपदा राहत और मानवीय सहायता के लिए एक नया तंत्र भी स्थापित कर रहा है. इससे भारत को इस क्षेत्र में अपनी सैन्य और कूटनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने का मौका मिलेगा.

2. आर्थिक सहयोग: क्वाड के तहत विभिन्न आर्थिक उपायों, जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी, भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में अपनी स्थिति को बेहतर करने का अवसर प्रदान करती हैं। इसके अलावा, क्वाड की ‘100 STEM छात्रवृति’ जैसी पहल भारत के युवाओं के लिए वैश्विक स्तर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान देने का मार्ग प्रशस्त करती हैं.

3. जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए क्वाड की नई योजनाएं, जैसे कि क्लाइमेट इंफॉर्मेशन सर्विसेज और ग्रीन शिपिंग कॉरिडोर, भारत के लिए अत्यधिक फायदेमंद होंगी. भारत, जो पहले से ही स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, इन पहलों के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व कर सकता है.

भारत की वैश्विक भूमिका

क्वाड में भारत की भागीदारी केवल रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है. यह भारत को वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार और समर्पित नेता के रूप में प्रस्तुत करता है. पिछले साल जी-20 के बाद वर्ष 2025 में भारत द्वारा आयोजित किया जाने वाला क्वाड शिखर सम्मेलन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा, जहां भारत अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन कर सकेगा.

दिल्ली की नई सरकार: आतिशी के मंत्रिमंडल में पांच विधायक शामिल, चार पुराने चेहरे और एक नए चेहरे को मिली कैबिनेट में जगह

दिल्ली को आतिशी के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल गया है. आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 17वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई. उनके साथ आम आदमी पार्टी के पांच विधायकों ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. इसमें चार पुराने चेहरे हैं जबकि मुकेश अहलावत के रूप में एक नए चेहरे को शामिल किया गया है. आतिशी सरकार में एक मुस्लिम चेहरे को भी शामिल किया गया है.

आतिशी दिल्ली की कालकाजी सीट से विधायक हैं. पहली बार 2020 में उन्होंने चुनाव जीता और विधायक निर्वाचित हुईं. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद 2023 में आतिशी को पहली बार मंत्री बनाया गया. शिक्षा के साथ-साथ कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल रही थीं. पार्टी से जुड़े सियासी मुद्दों पर काफी मुखर भी रहीं केजरीवाल की अनुपस्थिति में पार्टी संगठन को एकजुट करके रखने में अहम भूमिका निभाई है.

1:आतिशी: एक साल पहले मंत्री बनीं, अब CM- दिल्ली में आतिशी की गिनती अरविंद केजरीवाल की करीबी के साथ-साथ मनीष सिसोदिया के भरोसेमंद के रूप में होती है. सिसोदिया जब शिक्षा मंत्री थे तब भी आतिशी ने उनके साथ काम किया था. हर छोटे-बड़े मुद्दों पर मुखर रही हैं. पार्टी नेताओं के जेल में रहते हुए सरकार में काफी एक्टिव रहीं और एक साथ कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी लेकर चलीं. बड़े नेताओं की अनुपस्थिति में पार्टी संगठन और नेताओं को एकजुट बनाने में अहम भूमिका रही है.

2- सौरभ भारद्वाज: सरकार से जुड़े मुद्दों पर मुखर- 2013 में जब पहली बार केजरीवाल की सरकार बनी थी तब से मंत्री हैं. सरकार से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी और पार्टी की बात रखते हैं. मौजूदा समय में आतिशी के बाद नंबर दो माना जाता है. आईटी कंपनी की नौकरी छोड़कर 2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी से जुड़े और ग्रेटर कैलाश सीट से चुनाव लड़ा. इस सीट से लगातार तीसरी बार विधायक हैं.

3- गोपाल राय: केजरीवाल के सहयोगी और भरोसेमंद- केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे. अन्ना आंदोलन के समय से ही केजरीवाल के साथ खड़े रहे. लोकपाल बिल को लेकर आवाज बुलंद की. आंदोलन से लेकर पार्टी के गठन तक अहम भूमिका निभाई. कई बार ऐसे समय आए जब पार्टी और केजरीवाल के लिए संकट मोचन बनकर उभरे. पार्टी के लिए कई कैंपेन की अगुवाई की.

4- कैलाश गहलोत: जाट नेता और LG से मधुर संबंध- 2017 में कपिल मिश्रा के इस्तीफे के बाद केजरीवाल सरकार में शामिल हुए. पार्टी के बड़े जाट नेता हैं. उपराज्यपाल से मधुर संबंध की भी चर्चा रहती है. इस साल 15 अगस्त को उपराज्यपाल ने कैलाश गहलोत को ही झंडा फहराने के लिए चुना था जबकि केजरीवाल ने आतिशी का नाम आगे बढ़ाया था. दिल्ली की नजफगढ़ सीट से दो बार के विधायक हैं.

5- इमरान हुसैन: इकलौते मुस्लिम चेहरा- केजरीवाल की सरकार में भी मंत्री रहे. पार्टी में इकलौता मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं. यही वजह है कि पार्टी ने आतिशी सरकार में भी उन्हें रिटेन किया है. दिल्ली के मुस्लिम वोटरों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं. पहले आरएलडी में थे, 2015 में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ज्वॉइन की. केजरीवाल सरकार में खाद्य मंत्री रहे. दिल्ली की बल्लीमारान सीट से विधायक हैं.

6- मुकेश अहलावत: पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल- आतिशी सरकार में पहली बार मौका दिया गया है. पार्टी में दलित चेहरा हैं. दिल्ली की सुल्तानपुर सीट से विधायक हैं. आगामी चुनाव में अहलावत के जरिए आप नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली को साधने की कोशिश में लगी हुई है. पहले बीएसपी में रहे, 2020 में आम आदमी पार्टी का दामन थामा.

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. इसके अलावा आतिशी दिल्ली की सबसे युवा सीएम भी हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड अरविंद केजरीवाल के नाम था.

दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद केजरीवाल के पैर छूकर लिया आशीर्वाद, नई सरकार की शुरुआत

दिल्ली की कमान अब आतिशी के हाथ में आ गई है. आतिशी ने दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वह राष्ट्रीय राजधानी में सीएम पद संभालने वाली तीनों महिला मुख्यमंत्रियों में से सबसे कम उम्र की महिला सीएम बन गई हैं. आतिशी को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई.

आतिशी नीली साड़ी पहनकर सीएम पद की शपथ लेने राजनिवास पहुंची थीं. वहीं, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल भी उनके साथ राजभवन आए थे. केजरीवाल भी अक्सर नीली शर्ट में नजर आते हैं. आतिशी ने शपथ ग्रहण करने के बाद केजरीवाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. इस कार्यक्रम से पहले आतिशी केजरीवाल से मुलाकात करने सीएम आवास पर गईं थीं.

आतिशी की नई मंत्रिपरिषद में सबसे पहले सौरभ भारद्वाज ने शपथ ली, उसके बाद गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और दिल्ली कैबिनेट में नए सदस्य मुकेश अहलावत ने शपथ ली. हालांकि, आतिशी का कार्यकाल संक्षिप्त होगा, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं.

बता दें कि कथित शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के 2 दिन बाद यानी 15 सितंबर को केजरीवाल आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे थे. तब केजरीवाल ने दो दिन बाद इस्तीफे का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार हैं. मैं हर घर और गली में जाऊंगा और जब तक जनता का फैसला नहीं मिल जाता, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. इसके बाद सीएम पद के लिए आतिशी के नाम का ऐलान हुआ था. पार्टी की विधायक दल की मीटिंग में आतिशी को सीएम बनाने का फैसला लिया गया था.

राज निवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी के अन्य नेता और विधायक शामिल हुए. साथ ही दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ​​समेत भाजपा सांसद और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा भी समारोह में शामिल हुए

आम आदमी पार्टी की नई कमान: आतिशी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिलाई शपथ

आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने शनिवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

राज निवास में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आतिशी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.इसके साथ ही कांग्रेस नेता शीला दीक्षित और भाजपा नेता सुषमा स्वाराज को बाद वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गयी हैं.

शराब नीति मामले में जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था. शुक्रवार की रात को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया. इसके साथ ही आतिशी को सीएम पद पर नियुक्त किया गया था. बता दें कि आतिशी पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की काफी विश्वासी मानी जाती हैं

इसके पहले आप की बैठक में आतिशी को विधायक दल की नेता निर्वाचित किया गया था. विधायक दल की नेता निर्वाचित होने के बाद आतिशी ने उपराज्यपाल से सीएम पद की शपथ दिलाने का दिन तय करने का आग्रह किया था.

साल 2023 में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के शराब नीति मामले में जेल जाने के बाद आतिशी ने शिक्षा मंत्री का पद संभाला था. वह दिल्ली कैबिनेट में मंत्री के रूप में वित्त, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, बिजली, सेवा, महिला और बाल विकास विभाग भी संभाल चुकी हैं.

दिल्ली में पली-बढ़ी और हासिल की शिक्षा

8 जून 1981 को आतिशी का जन्म हुआ है. उनका जन्म दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह एवं त्रिप्ता वाही के घर में हुआ. वह दिल्ली में जन्मी और यही उनका लालन-पालन हुआ.

द स्प्रिंगडेल्स स्कूल से स्कूली शिक्षा और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद और इतिहास में ऑक्सफोर्ड से मास्टर डिग्री हासिल की. उनके माता-पिता मार्क्स से प्रभावित थे. इस कारण उनका मध्य मध्य नाम ‘मार्लेना’ रखा गया था. यह मार्क्स एवं लेनिन का संयोजन है, लेकिन आतिशी ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ‘मार्लेना’ अपने नाम से हटा दिया.

2006 में आतिशी की हुई शादी

साल 2006 में आतिशी की पंजाबी राजपूत परिवार के प्रवीण सिंह से शादी हुई. प्रवीण संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड पॉलिटिक्स में शोधकर्ता और शिक्षक के कार्य से जुड़े हैं.

उन्होंने आईआईटी दिल्ली के सााथ आईआईएम अहमदाबाद से डिग्री हासिल कर करीब आठ सालों तक कॉरपोरेट सेक्टर में भारत और अमेरिका में कंसल्टेंसी फर्मों में काम किया है. वह समाज सेवा के काम से भी जुड़े हुए हैं. हालांकि सार्वजनिक जीवन में उन्हें बहुत ही कम देखा जाता है.

साल 2013 में आप में शामिल होकर राजनीति में रखा कदम

आतिशी साल 2013 में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा और मेनिफेस्टो ड्राफ्टिंग कमेटी की सदस्य बनाई गईं. साल 2015-2018 तक दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सलाहकार रूप में पहले काम किया. फिर सक्रिय राजनीति में कदम रखा. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया था.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी ने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन पूर्व भाजपा नेता गौतम गंभीर से पराजित हो गईं. साल 2020 के चुनावों के बाद आतिशी को आप की गोवा इकाई का प्रभारी का दायित्व दिया गया. साल 2020 के दिल्ली के कालकाजी विधानसभा केंद्र से जीत हासिल की. उन्होंने भाजपा नेता धर्मबीर सिंह को हराया और यही से उनका दिल्ली की राजनीति में उनका उदय हुआ.

मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद बनीं मंत्री

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल ने उन्हें कैबिनेट में शामिल किया.दिल्ली कैबिनेट में मंत्री के रूप में उन्होंने वित्त, पीडब्ल्यूडी, बिजली, सेवा, राजस्व, महिला और बाल विकास और शिक्षा सहित विभिन्न विभागों को संभाला.

2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आतिशी ने अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश किया था. इसके अनुसार उनके पास 1 करोड़ 41 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति है. हालांकि आतिशी के पास अपनी कोई कार और आभूषण जैसी कोई संपत्ति नहीं है.