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वन नेशन वन इलेक्शन' पर तेजी से काम कर रही केंद्र सरकार, मौजूदा कार्यकाल में ही लागू होगा
#modi_gov_nda_government_will_implement_one_nation_one_election_soon *
बीजेपी के नेतृत्व वाली मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही 'एक देश, एक चुनाव' को लागू करेगी।सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि एनडीए में शामिल सभी राजनीतिक दलों, विशेष रूप से केंद्र सरकार में शामिल सहयोगियों द्वारा इस बिल का समर्थन करने की उम्मीद है। पिछले महीने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, प्रधान मंत्री ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की जोरदार वकालत की और तर्क दिया कि बार-बार होने वाले चुनाव देश की प्रगति में बाधाएं पैदा कर रहे हैं। मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, 'देश को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए आगे आना होगा।'' प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों से लाल किले से और राष्ट्रीय तिरंगे को साक्षी मानकर देश की प्रगति सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने पार्टियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग आम आदमी के लिए किया जाए और कहा, 'हमें 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के सपने को साकार करने के लिए आगे आना होगा।' इससे पहले मार्च में 'वन नेशन वन इलेक्शन' यानी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की संभावना पर विचार करने के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति की रिपोर्ट में आने वाले वक्त में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ-साथ नगरपालिकाओं और पंचायत चुनाव करवाने के मुद्दे से जुड़ी सिफारिशें दी गई। 191 दिनों में तैयार इस 18,626 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार समिति के साथ साझा किए थे जिनमें से 32 राजनीतिक दल 'वन नेशन वन इलेक्शन' के समर्थन में थे। रिपोर्ट में कहा गया है, "केवल 15 राजनीतिक दलों को छोड़कर शेष 32 दलों ने न केवल साथ-साथ चुनाव प्रणाली का समर्थन किया बल्कि सीमित संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए ये विकल्प अपनाने की ज़ोरदार वकालत की।" इसके अलावा, विधि आयोग सरकार के सभी तीन स्तरों लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है। वह सदन में अविश्वास प्रस्ताव या अनिश्चितकाल तक बहुमत नहीं होने की स्थिति में एकता सरकार का प्रावधान करने की सिफारिश कर सकता है।
मैं झुकूंगा नहीं”, गोल्फ क्लब के पास गोलीबारी के बाद बोले डोनाल्ड ट्रंप

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जुलाई के बाद एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हमले का सामना करना पड़ा। रविवार को जब वह फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में अपने गोल्फ कोर्स में गोल्फ खेल रहे थे। तभी वहां पर गोलीबारी हुई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफी नजदीक गोलियां चलीं। हालांकि, गनीमत रही की इस गोलीबारी में डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह सुरक्षित हैं।गोलीबारी की घटना पर डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया आई है।पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह सुरक्षित हैं और झुकेंगे नहीं।

घटना के बाद समर्थकों को एक ईमेल में, ट्रंप ने कहा कि मेरे आसपास गोलियों की आवाजें थीं, लेकिन इससे पहले कि अफवाहें नियंत्रण से बाहर होने लगें, मैं चाहता था कि आप पहले यह जान लें कि मैं सुरक्षित हूं। उन्होंने कहा कि कोई भी मुझे चुनाव प्रचार से पीछे नहीं हटा पाएगा। मैं कभी आत्मसमर्पण नहीं करूंगा। मेरा समर्थन करने के लिए मैं हमेशा आपका आभारी हूं।

अमेरिका में हिंसा के लिए जगह नहीं

वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन और राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दोनों को इस जांच के बारे में जानकारी दे दी गई है और उन्हें इस बारे लगातार ताजा जानकारी दी जाएगी। व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि उन्हें यह जानकर राहत मिली है कि ट्रंप सुरक्षित हैं।

13 जुलाई को भी हुआ था ट्रंप पर हमला

इससे पहले पेनसिल्वेनिया में 13 जुलाई को एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निशाना बनाते हुए एक बंदूकधारी ने गोलीबारी की थी। इस हमले में एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई थी, जबकि रैली में शामिल एक व्यक्ति मारा गया था और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

बाल-बाल बचे डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर फिर हुआ हमला, आरोपी रेयान रूथ गिरफ्तार

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक बार फिर हमला हुआ है।अमेरिका के फ्लोरिडा वेस्ट पाम बीच में डोनाल्ड ट्रंप के गोल्फ क्लब के पास गोलीबारी हुई। इस दौरान ट्रंप क्लब के अंदर ही मौजूद थे।ट्रंप के आवास मार ए लागो गोल्फ कोर्स के पास गोलीबारी करने के आरोप में सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। संदिग्ध की पहचान 58 वर्षीय रेयान वेस्ले रूथ के रूप में हुई है। घटनास्थल से एक अत्याधुनिक एके-47 राइफल, एक स्कोप और एक गोप्रो कैमरा भी बरामद किया गया है। ट्रंप पर ये दूसर हमला है।लगभग दो महीने पहले ही उन पर एक रैली में हमला किया गया था। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं।

एफबीआई ने बताया कि ट्रंप आवास के आसपास गोलीबारी होने के बाद जवाबी कार्रवाई में सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने भी फायरिंग की। जिस पर झाड़ी में छिपा बैठा रेयान रूथ बाहर निकला और एक काले रंग की कार में बैठकर मौके से फरार हो गया। हालांकि बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अमेरिकी सीक्रेट एजेंसी के एजेंटों ने बताया कि जहां ट्रम्प खेल रहे थे, वहां से लगभग 400 गज की दूरी पर झाड़ियों के बीच एक एके-47 भी बरामद किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रेयान रूथ नॉर्थ कैरोलिना ग्रीन्सबोरो इलाके का निवासी है और पेशे से पूर्व निर्माण श्रमिक है। रूथ की कोई औपचारिक सैन्य पृष्ठभूमि नहीं थी, लेकिन वह सोशल मीडिया पर सशस्त्र सैन्य संघर्ष में भाग लेने की इच्छा जाहिर कर चुका है। खासकर रूस के यूक्रेन हमले के बाद उसने यूक्रेन की तरफ से युद्ध लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। रूथ ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था कि वह यूक्रेन के लिए लड़ने और मरने के लिए तैयार है। अपने सोशल मीडिया बायो में रूथ ने लिखा है कि 'नागरिकों को युद्ध को बदलना चाहिए और भविष्य के युद्धों को रोकना चाहिए।'

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने कहा कि वह इस घटना की जांच कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि इस घटना की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को दी गई है। व्हाइट हाउस ने बयान में कहा, 'राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को ट्रंप के इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स में सुरक्षा को लेकर जानकारी दी गई। उन्हें यह जानकर राहत मिली है कि ट्रंप सुरक्षित हैं।'

इससे पहले 13 जुलाई को, पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक रैली में हत्या के प्रयास के दौरान ट्रंप को गोली मार दी गई थी. यह गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई थी. जिसके आठ दिन बाद, डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन चुनावी रेस से हट गए, जिससे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को पार्टी का उम्मीदवार बनने का रास्ता मिल गया था।

अरविंद केजरीवाल ने चला इस्तीफे का दांव, हरियाणा विधानसभा चुनाव मे कितना होगा असर?*
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हरियाणा विधानसभा चुनाव को 1 महीने से भी कम समय बचा है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सियासत में भूचाल खड़ा कर दिया है। तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद सीएम केजरीवाल ने इस्तीफा देने की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया है। अब सवाल यह है कि केजरीवाल के ये इस्तीफे वाला दांव हरियाणा चुनाव पर कितना असर डालेगा? *हरियाणा चुनाव पर होगा पूरा फोकस* राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम केजरीवाल के इस्तीफे से हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी का बड़ा फायदा मिल सकता है। कहा जा रहा है कि इस्तीफे के बाद केजरीवाल हरियाणा चुनाव को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो सकते हैं। चूंकी, हरियाणा आप के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल खुद जाकर हरियाणा के अलग-अलग विधानसभाओं में पार्टी के कैंडिडेट्स के साथ प्रचार करेंगे। आम आदमी पार्टी दिल्ली में तीन बार और पंजाब में एक बार सरकार बना चुकी है। ऐसे में अब हरियाणा में भी बड़ा “खेल” कर सकती है। *केजरीवाल खेल रहे इमोशनल कार्ड!* माना ये भी जा रहा है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा की जनता के बीच में बड़ा इमोशनल कार्ड खेलेंगे। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि हरियाणा केजरीवाल का गृह राज्य है जबकि हिसार जिले में वो पले बड़े हैं। वो अक्सर खुद को हरियाणा के लाल भी कहते रहते हैं।इसलिए माना जा रहा है कि केजरीवाल अब हरियाणा की जनता के बीच में अपना इमोशनल कार्ड खेलने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। बता दें कि हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी एक प्रमुख पार्टी है। केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हैं। केजरीवाल की रिहाई के बाद लग रहा है कि हरियाणा का चुनाव दंगल जोरदार होगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 46 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, उस समय वोट शेयर महज 1 फीसदी के आसपास का रहा था और किसी भी सीट पर खाता नहीं खोल पाई थी। इस चुनाव के बाद आप ने हरियाणा में खुद को मजबूत भी किया और जनता के बीच में अपनी पैठ भी मजबूत की है। इस बार के लोकसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिला। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का हरियाणा में वोट शेयर 3.94 फीसदी के आसपास पहुंच गया।
संभावना: मानसून की विदाई भी इस बार रिकॉर्ड बनाकर होगी


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

सितंबर के 14 दिन बीत गए लेकिन धुआंधार बारिश जारी है। यूपी के क‌ई जिलों में मानसून कहर ढा रहा है। मौसम वैज्ञानिक अचरज में है कि इस बार मानसून की विदाई के लक्षण अभी तक नहीं दिख रहे हैं। हर साल एक सितंबर तक मानसून की विदाई शुरू हो जाती है और 25 सितंबर तक यह देश से चला जाता है। इस बार अनुमान है कि मानसून 25 अक्टूबर के बाद तक होगा। यानी विदाई में रिकॉर्ड देरी होगी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 2021 में मानसून छह अक्टूबर को विदा हुआ था। 2022 में 20 सितंबर और 2023 में 25 सितंबर को मानसून लौट गया था। इस बार बारिश का ढर्रा पुरी तरह बदला हुआ रहा। ज्यादातर इलाकों में पोकेरेन ( छोटे-छोटे टुकड़ों में बारिश हुई। बादलों के छोटे-छोटे टुकड़े ( सामान्य आकार 100 किमी की तुलना में आधे) बने, जिनमें घर्षण कम हुआ। इससे बादलों का गर्जन हु कम सुना गया। यह जलवायु परिवर्तन के कारण माना जा रहा है।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून के देर तक टिकने की एक वजह यागी तूफान है। दरअसल 2017 के बाद मानसून वापस देरी शुरू हुई थी, जो इस बार उच्चतम स्तर पर देखी जा रही है। पिछले साल 25 सितंबर को मानसून की वापसी धीमी गति से शुरू हुई थी। तब पूरे देश से मानसून की वापसी 19 अक्टूबर को पूरी हुई थी। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि मानसून वापसी के कुछ मानक है। जैसे लगातार पांच दिनों तक बारिश की गतिविधियां बंद होनी चाहिए। निचले वायुमंडलीय उच्च दबाव क्षेत्र बनना चाहिए। नमी की कमी दिखाई देनी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने यूं ही नहीं किया इस्तीफे का ऐलान, जानें इस्तीफे के ऐलान की Inside Story

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है।आबकारी नीति मामले में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दो दिनों के बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है।तिहाड़ जेल से छूटने के करीब 40 घंटे बाद ही आम आदमी पार्टी के संयोजक ने जिस तरह सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान किया उसने सभी को हैरत में डाल दिया है। सभी के मन में सवाल यही उठ रहा कि आखिर दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में जब वो तिहाड़ जेल में बंद थे तब इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अब अचानक इस फैसले की वजह क्या है?

जानकारों को मनना है क‍ि असल में इसके पीछे की वजह सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला है। ज‍िसमें केजरीवाल को जमानत देते वक्‍त कई शर्ते रखी गई थीं। जिसकी वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री पर ये फैसला लेने का दबाव बढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले में उन्हें जमानत दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें सर्शत जमानत दी थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

कानूनी जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की शर्तें अरविंद केजरीवाल को उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में कर्तव्यों का पालन करने की पूरी आजादी नहीं देती हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि रिहाई के बाद भी वह सचिवालय या सीएम ऑफिस का दौरा नहीं कर सकते। साथ ही साथ उन फाइलों के अलावा वो किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं जिन्हें उपराज्यपाल की ओर से मंजूरी दी जानी है।

केजरीवाल सरकार को इससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता सकता था।वह बाहर आकर द‍िल्‍ली के क‍िसी भी कामकाज को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकते थे। जानकारों का मनना है क‍ि अगर वह यह फैसला इसी वजह से ल‍िया गया है। ताक‍ि द‍िल्‍ली की सीएम की कुर्सी पर कोई और बैठे और राजधानी में जो भी लटके हुए काम हैं उनको जल्‍द से जल्‍द पूरा करके चुनावी मैदान में उतरा जा सके।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। अपनी रिहाई के बाद रविवार को अरविंद केजरीवाल ने आम लोगों को संबोधित करते हुए दो दिन के बाद इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी से कोई दूसरा शख्स दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनेगा। आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला होगा। वह और मनीष सिसोदिया जनता में जाएंगे और जनता से अपील करेंगे कि यदि वे ईमानदार नहीं हैं, तो उन्हें वोट नहीं दें।

राहुल गांधी देश के नंबर वन आतंकी” केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू का विवादित बयान

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केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी नेता रवनीत सिंह बिट्टू का बड़ा विवादित बयान दिया है। रेल राज्य मंत्री बिट्टू ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को देश का नंबर वन आतंकी बताया है।बिट्टू ने कहा कि कांग्रेस नेता ने सिखों को बांटने की कोशिश की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिख किसी दल से जुड़े नहीं हैं। यह चिंगारी लगाने की कोशिश है और राहुल गांधी नंबर एक टेररिस्ट हैं।बिट्टू ने ये विवादित बातें राहुल गांधी के अमेरिका में सिखों को लेकर दिए बयान को लेकर कही हैं।

केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने भागलपुर में कहा, मैंने चैंलेंज किया है कोई सिख जो यहां खड़ा है जो किसी पार्टी से जुड़ा नहीं है।यहां बोल दे भागलपुर में किसी ने उनसे बोला कि आप कड़ा नहीं डाल सकते, किसी ने कहा हो आप पगड़ी नहीं डाल सकते, किसने कहा गुरुद्वारे नहीं जा सकते, एक सिख यहां खड़ा होकर कह दे, मैं अभी बीजेपी छोड़ दूंगा। चिंगारी लगाने के लिए पहले मुस्लिमों को यूज करने की कोशिश की अब नहीं हुआ तो बिल्कुल बॉर्डर पर जो सिख हैं जो देश की रक्षा करते हैं उनमें फूट डालने की कोशिश करते हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आगे कहा कि हमें लगता है कि राहुल गांधी को देश से ज्यादा प्यार नहीं है। इसीलिए वह बाहर जाकर हर चीज को लेकर उल्टा-पुल्टा बयान देते हैं। कभी वो ओबीसी की बात करते हैं तो कभी जाति की बात करते हैं। उनको कोई समझ नहीं है कि क्या कहना है और क्या करना है। हम लोग 2009 में एक साथ सांसद बने, लेकिन वो आज तक समझ नहीं सके हैं।

राहुल गांधी का जिक्र करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि आज भी वह रिक्शा वाले के पास जाते हैं, आपको आज तक यह नहीं पता चला कि उनके दर्द क्या होते हैं। आप विपक्ष के नेता हैं। आप फोटो खिंचवाने के लिए कहीं भी पहुंच जाते हैं और बाद में उसका मजाक बनता है। आज भी यह गरीब तबके के लोगों का दर्द नहीं समझ सके हैं।

बता दें कि रवनीत सिंह बिट्टू ने अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए एक बयान से खफा होने के बाद उन्हें आतंकी बताया है। हाल ही में संपन्न अपनी अमेरिका दौरे के दौरान राहुल गांधी ने वर्जीनिया में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों से बातचीत की थी।इस दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है।कांग्रेस नेता ने कहा कि लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं।या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं।

आधार कार्ड यूजर्स के लिए आई बड़ी खबर, UIDAI ने जारी किया ये अपडेट, 14 दिसंबर तक मुफ्त में करा सकते हैं अपडेट

आधार कार्ड होल्डर्स के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट आया है। आधार कार्ड को मुफ्त में अपडेट कराने की डेडलाइन को यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने बढ़ा दिया है। अब आप 14 दिसंबर 2024 तक अपने आधार कार्ड को बिना किसी शुल्क के अपडेट करवा सकते हैं। पहले यह डेडलाइन आज समाप्त हो रही थी, किन्तु अथॉरिटी ने इसे 3 महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। UIDAI ने 10 वर्षों से पुराने आधार कार्ड को मुफ्त में अपडेट कराने की सुविधा प्रदान की है, तथा इसकी डेडलाइन आज खत्म हो रही थी, जिसे अब आगे बढ़ा दिया गया है। पहले इसे 14 मार्च से बढ़ाकर 14 जून 2024 कर दिया गया था, तथा इसके बाद इसे 14 सितंबर तक बढ़ाया गया था। शनिवार को एक और विस्तार करते हुए, UIDAI ने इसे 14 दिसंबर 2024 तक मुफ्त में कराने की सुविधा प्रदान की है। यह जानकारी UIDAI ने सोशल मीडिया पर साझा की है तथा एक्स पर पोस्ट की है। डेडलाइन समाप्त होने के पश्चात्, आधार कार्ड को अपडेट करने के लिए आपको UIDAI द्वारा तय चार्ज देना होगा, जो 50 रुपये होगा। ध्यान देने योग्य बात यह है कि UIDAI द्वारा दी जा रही मुफ्त आधार कार्ड अपडेट सेवा केवल myAadhaar Portal पर उपलब्ध है। ऑनलाइन डिटेल अपडेट करने के लिए यह करें: UIDAI की ऑफिशियल वेबसाइट https://uidai.gov.in/ पर लॉग इन करें। होमपेज पर माई आधार पोर्टल पर जाएं और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मिले OTP का उपयोग करके लॉग इन करें। अपनी डिटेल की जांच करें और अगर सही है, तो सही वाले बॉक्स पर टिक करें। यदि डेमोग्राफिक जानकारी गलत है, तो ड्रॉप-डाउन मेनू से पहचान दस्तावेज़ सेलेक्ट करें और दस्तावेज़ अपलोड करें। यह दस्तावेज़ JPEG, PNG, और PDF के रूप में अपलोड किया जा सकता है। ध्यान दें कि मुफ्त आधार अपडेट सेवा केवल ऑनलाइन उपलब्ध है। अगर आप आधार कार्ड में किसी भी तरह के अपडेट के लिए आधार केंद्र पर जाते हैं, तो आपको निर्धारित शुल्क देना होगा। कुछ अपडेट, जैसे आइरिस या बायोमेट्रिक डेटा अपडेट, केवल आधार सेंटर पर जाकर ही कराए जा सकते हैं।
उत्तराखंड में UCC लागू करने की कवायद शुरू, अंतिम चरण में प्रक्रिया, शादी का पंजीकरण नहीं करने पर नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस नई व्यवस्था के तहत, राज्य में शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा, और जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यह निर्णय मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और यूसीसी समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें संहिता की नियमावली के अंतिम चरण की समीक्षा की गई और कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया।

UCC के तहत, सरकार शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर सकती है और सरकारी सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके लिए सरकार एक समय सीमा तय कर सकती है, और इस अवधि के बाद पंजीकरण न कराने वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यदि कोई व्यक्ति पंजीकरण करवा लेता है, तो उसे पूर्ववत लाभ जारी रहेगा। समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत एक डेटा बेस भी तैयार किया जाएगा, जिसमें परिवार पंजीकरण जैसी जानकारियां शामिल होंगी। इस डेटा एप के माध्यम से सरकार को भविष्य की योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी।

यूसीसी की नियमावली के अनुसार, जब यह कानून लागू होगा, तब से छह महीने के भीतर वे जोड़े जो पहले से शादीशुदा हैं, उन्हें पंजीकरण करवाने का समय मिलेगा। वहीं, यूसीसी लागू होने के दिन या उसके बाद शादी करने वालों को केवल तीन महीने का समय दिया जाएगा। निर्धारित समय के बाद पंजीकरण न करवाने वाले किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे, लेकिन पंजीकरण करवाने के बाद उन्हें लाभ मिल सकेगा। बैठक में UCC के सदस्य मनु गौड़, सुरेखा डंगवाल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव रमेश कुमार और सुधांशु भी शामिल हुए।

बंगाल में कांग्रेस नेता की हत्या से मच गया हड़कंप, घर के बाहर बुलाकर उतारा मौत के घाट, इलाके में फैली सनसनी

बंगाल में वारदातों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ उठी आवाज अभी शांत नहीं हुई है कि राज्य के अलग-अलग कोनों से हत्या और रेप के मामले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक कांग्रेस नेता की मौत हो गई है। कुछ लोगों ने उन्हें घर से बाहर बुलाया और उनकी हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।

यह मामला पश्चिम बंगाल का है। मालदा के कालिआचक इलाके में कांग्रेस नेता को मौत के घाट उतार दिया गया है। खबरों की मानें तो अलीनगर कांग्रेस के 43 वर्षीय नेता सिराजुल अली की बीती रात हत्या कर दी गई। हत्या की वजह अभी तक सामने नहीं आई है। मगर इस घटना से आसपास के इलाकों में दहशत मच गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कातिलों का सुराख नहीं लग सका है।

बता दें कि सिराजुल अली पेशे से कारोबारी थे। साथ ही वो ग्राम पंचायत के भी सदस्य थे। सिराज काफी लंबे समय से कांग्रेस के साथ जुड़े थे। बीती शाम को कुछ लोगों ने सिराज के घर का दरवाजा खटखटाया। जब सिराज ने दरवाजा खोला, तो आरोपियों ने उन्हें बाहर बुलाया। सिराज जैसे ही घर से बाहर निकले आरोपियों ने उनकी हत्या कर दी।

सिराज की मौत कैसे और क्यों की गई? इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। पुलिस ने FIR दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो सिराज की हत्या के पीछे कोई बड़ी साजिश नहीं है। पुलिस की शुरुआती जांच में आपसी रंजिश की बात सामने आ रही है। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है।