*जिले की 2420 गर्भवती महिलाओं में मिली आयरन की कमी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।नियमित मॉनीटरिंग न होने के कारण जिले में 2420 गर्भवती महिलाएं खून (आयरन) की कमी से जूझ रहीं हैं। इनमें करीब 100 महिलाएं हाई रिस्क में हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के पोषण ट्रैकर एप पर जुलाई में 11 हजार 565 में से 2420 महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त मिली हैं। इस बार पिछली बार की अपेक्षा एनीमिया से पीड़ित 830 गर्भवती महिलाएं ज्यादा मिली हैं। 2021 में करीब 10 हजार में से 1650, 2022 में नौ हजार में 1721 और 2023 में 12 हजार 720 में से करीब दो हजार गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित मिली थीं। मां में खून की कमी के कारण कुपोषित शिशु पैदा होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खान-पान में लापरवाही और पौष्टिक आहार में कमी के कारण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होती है। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव योजना सहित अनेक कार्यक्रम संचालित हैं। इस योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन और प्रसव के बाद गोलियां दी जाती हैं। जिले में स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रम सही तरीके से नहीं चलाए जा रहे हैं। महिलाओं में जागरुकता का अभाव है। इसलिए एनीमिया केस बढ़े हैं। भदोही सीएचसी की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी पाठक ने कहा कि एनीमिया को जड़ से खत्म करने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है। शरीर में खून की कमी को ठीक होने में छह माह का समय लगता है। कहा कि एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को आहार में मीट, मछली, अंडा, किशमिश, हरी बींस, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही शरीर में विटामिन सी की पूर्ति के लिए अमरूद, आंवला और संतरे का जूस लेना चाहिए। आयरन और कैल्शियम की गोली लेने के साथ ही समय-सयम पर जांच कराना चाहिए। जानिए क्या है एनीमिया शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ आयरन की भी आवश्यकता होती है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं और हीमोग्लोबिन फेफड़ों से आक्सीजन लेकर रक्त में आक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से जहां शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, वहीं हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में आक्सीजन की कमी होने लगती है। इससे शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होती है। इसे एनीमिया कहते हैं।
गर्भवती महिलाओं को जरूरी पोषण देने का प्रयास किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सहयोग मिलता है। पोषण ट्रैकर 10 प्रतिशत के करीब रहने वाली महिलाओं को भी एनीमिक मान लेता है।- मंजू वर्मा, डीपीओ
Sep 12 2024, 15:31