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पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू, पीएम मोदी ने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी संख्या में लोगों से देश के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों के लिए नामित करने का अनुरोध किया है. पीएम मोदी ने आज सोमवार को अपने एक पोस्ट में कहा कि पिछले एक दशक के दौरान जमीनी स्तर से जुड़े अनगिनत नायकों को पीपुल्स पद्म (लोगों के पद्म) से सम्मानित किया जा चुका है. अब और अधिक संख्या में लोगों को पुरस्कारों के लिए प्रेरक हस्तियों को नामित करने का आग्रह भी किया.

उन्होंने कहा कि पुरस्कार विजेताओं की जीवन यात्रा ने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “पिछले एक दशक के दौरान, हमने पीपुल्स पद्म के साथ अनगिनत जमीनी स्तर के नायकों को सम्मानित किया है. पुरस्कार विजेताओं की जीवन यात्रा ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रेरित भी किया है. उनके शानदार काम में उनका धैर्य और दृढ़ता साफ तौर से दिखाई भी देती है.”

कई नामांकन आने पर खुशीः PM मोदी

लोगों से बड़ी संख्या में पुरस्कारों के लिए नामित करने की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सहभागी बनाने के मकसद से, हमारी सरकार लोगों को अलग-अलग पद्म पुरस्कारों के लिए दूसरों को नामित करने के लिए आमंत्रित कर रही है.” मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि पुरस्कार के लिए कई नामांकन आए हैं.

पीएम मोदी ने कहा, “नामांकन

दाखिल करने की अंतिम डेट इस महीने की 15 तारीख है. इसलिए मैं अधिक लोगों से पद्म पुरस्कारों के लिए प्रेरक हस्तियों को नामित करने का अनुरोध करता हूं.” प्रधानमंत्री ने साथ ही संबंधित ऑनलाइन पोर्टल का लिंक भी साझा किया है जहां पर जाकर पद्म पुरस्कारों के लिए प्रेरक हस्तियों का नामांकन किया जा सकता है.

सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में पद्म पुरस्कार

पद्म पुरस्कार को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में गिना जाता है. पद्म पुरस्कार के तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री आते हैं. साल 1954 में इन पुरस्कारों को स्थापित किया गया है. इन पद्म पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है. इन पुरस्कारों के अंतर्गत अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिग्गज हस्तियों को सम्मानित किया जाता है.

पद्म पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, मेडिकल, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, सिविल सेवा, लोक कार्य, निर्माण, व्यापार एवं उद्योग जैसे सभी क्षेत्रों और विषयों में विशिष्ट तथा असाधारण उपलब्धियों या सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं. इन पुरस्कारों के लिए जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी लोग पात्र होते हैं. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले अन्य सरकारी सेवक भी शामिल हैं, वो पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं होते हैं.

आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को कोर्ट से बड़ी राहत, बिजली चोरी का केस हुआ खत्म

समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हमसफर रिसॉर्ट में बिजली चोरी का केस खत्म हो गया है. वो दोष मुक्त करार दी गई हैं. फातिमा ने जमा की गई 32 लाख रुपये की समन राशि के आधार पर केस को खत्म करने की अर्जी दी थी. सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुकदमा खत्म कर दिया है.

सपा नेता आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ शहर कोतवाली में 5 सितंबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसमें आरोप था कि तंजीम के हमसफर रिसोर्ट में बिजली की चोरी हो रही थी. उस वक्त डूंगरपुर बिजलीघर के जेई राहुल रंजन ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने इस मामले में विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी.

मई में तंजीम को हाई कोर्ट से मिली थी बड़ी राहत

इसके बाद मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रही थी. अब जाकर तंजीम फातिमा को बड़ी राहत मिली है. इसी साल मई में तंजीम फातिमा को इलाहाबाद हाई कोर्ट से एक केस में बड़ी राहत मिली थी. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में 24 मई को कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दी थी.

इस वजह से नहीं हो पाई थी आजम और उनके बेटे की रिहाई

जेल से बाहर आने के बाद तंजीम फातिमा ने कहा था कि न्याय की जीत हुई है. रामपुर की एक अदालत ने खान के परिवार के तीन सदस्यों को जालसाजी का दोषी पाया था. हालांकि हाई कोर्ट से सभी को जमानत मिली थी. मगर, आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की रिहाई नहीं हो पाई थी. इसकी वजह ये थी कि उनके खिलाफ और कई अन्य मामले भी चल रहे हैं.

3 जनवरी 2019 को बीजेपी नेता ने दर्ज कराई थी शिकायत

स्थानीय कोर्ट की ओर से दोषी ठहराए जाने के बाद 2023 के 28 अक्टूबर से तंजीम जेल में थीं. अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में कोर्ट ने उन्हें सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. ये मामला 3 जनवरी 2019 का है. बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा था कि आजम और उनकी पत्नी ने बेटे अब्दुल्ला के लिए दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे.

दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: शराब घोटाला मामले में दो आरोपियों को मिली जमानत

दिल्ली में शराब घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाई कोर्ट ने आरोपी बिजनेसमैन समीर महेंद्रू और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मनप्रीत सिंह रयात को जमानत दे दी है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दी है. शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी भी न्यायिक हिरासत में है. उन्हें शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की ओर से आरोपी बनाए जाने के मामले में अभी तक जमानत नहीं मिली है.

ईडी ने समीर महेंद्रू को 28 सितंबर,

2022 में गिरफ्तार किया था. महेंद्रू पर आरोप है कि वह आबकारी नीति मामले में नियमों के उल्लंघन के प्रमुख लाभार्थियों में से एक है क्योंकि वो न केवल अल्कोहलिक बेवरेज मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चला रहा था बल्कि अपने रिश्तेदारों के नाम पर कुछ खुदरा लाइसेंस के साथ थोक लाइसेंस भी दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन था.

ईडी ने पिछले साल रयात को किया था गिरफ्तार

ईडी ने शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल रयात को गिरफ्तार किया था. जिस पर 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान के लिए कथित तौर पर नकद में पैसे के प्रबंधन करने का आरोप लगा. रयात की गिरफ्तारी के बाद मामला आगे बढ़ता चला गया है और 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.

पिछले सप्ताह विजय नायर को मिली थी जमानत

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज रहे विजय नायर को जमानत दे दी थी. नायर की गिरफ्तारी शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और उसके बाद बीआरएस नेता के कविता को भी जमानत मिल गई. विजय नायर को करीब 23 महीने तक जेल में रहना पड़ा था. नायर की गिनती उन लोगों में से होती है जिन्हें शराब घोटाला मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था.

तत्कालीन मुख्य सचिव की रिपोर्ट से हुआ था खुलासा

दिल्ली शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था. इसके बाद मामला सीबीआई के पास पहुंचा और फिर इसमें ईडी की भी एंट्री हो गई. सीबीआई और ईडी ने दावा किया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. दिल्ली के केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.

स्मार्टफोन खो जाने पर क्या करें? जानें आसान तरीके से ट्रैक और रीसेट करने का तरीका

अपना स्मार्टफोन खो देना एक बहुत ही परेशानी भरा एक्सपीरियंस हो सकता है. इसमें न सिर्फ आपके पर्सनल डेटा की चोरी का खतरा होता है, बल्कि आपके लिए यह पैसों का भी नुकसान भी हो सकता है. लेकिन घबराएं नहीं, क्योंकि कुछ आसान तरीकों से आप अपने खोए हुए स्मार्टफोन को ट्रैक कर सकते हैं और उसे रीसेट भी कर सकते हैं.

ट्रैक और रीसेट करना इसलिए जरूरी है ताकि कोई व्यक्ति आपके फोन का गलत इस्तेमाल न कर सके.

स्मार्टफोन हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन चुका है. इसलिए इसमें प्राइवेट जानकारी भी रहती है. अगर ये इन्फॉर्मेशन गलत हाथों में चली जाए तो आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. कोई आपके साथ फ्रॉड भी कर सकता है. इसलिए स्मार्टफोन खोने पर समय रहते कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए, जिसमें फोन को ट्रैक और रीसेट करना सबसे अहम हैं.

खोया हुआ फोन ऐसे ट्रैक करें

Google Find My Device: अगर आपका एंड्रॉयड फोन खो गया है, तो गूगल फाइंड माई डिवाइस फीचर से इसे ट्रैक कर सकते हैं. यह फीचर तब काम करेगा जब आपने फोन में पहले से गूगल अकाउंट से साइन इन किया हुआ है. गूगल फाइंड माई डिवाइस ऐप पर जाकर गूगल अकाउंट से साइन इन करें. यहां आपको गूगल अकाउंट से साइन इन किए सभी फोन की लिस्ट मिल जाएगी.

जो फोन खो गया है, उसे चुने और लोकेशन ट्रैक करने के ऑप्शन से लोकेशन को ट्रैक करें. अगर आपका फोन चालू होगा और इंटरनेट एक्टिव होगा तो लोकेशन ट्रैक हो जाएगी. आप चाहें तो यहीं से फोन पर अलार्म बजा सकते हैं. इसके अलावा यहीं Erase Data के ऑप्शन से फोन का सारा डेटा डिलीट करने की सुविधा मिलती है. यहां से आप फोन को लॉक भी कर सकते हैं.

Apple Find My: अगर आपका iPhone खो गया है, तो इस फीचर का इस्तेमाल किया जा सकता है. ‘एपल फाइंड माई’ का इस्तेमाल करके आप अपने आईफोन को ट्रैक कर सकते हैं. यहीं से आप आईफोन को रीसेट कर सकते हैं. यह सर्विस गूगल फाइंड माई डिवाइस की तरह ही काम करती है.

फोन को कब रीसेट करें?

अगर आपको लगता है कि आपका फोन वापस नहीं मिलेगा, तो आप उसे रिमोटली फैक्ट्री रीसेट कर सकते हैं. इससे आपके फोन में मौजूद सभी डेटा मिट जाएगा और आपका फोन अपनी फैक्ट्री सेटिंग्स पर वापस आ जाएगा. ‘गूगल फाइंड माई डिवाइस’ और ‘एपल फाइंड माई’ के जरिए आप ऐसा कर सकते हैं

फोन खोने पर करें ये काम

SIM कार्ड ब्लॉक करें: अपने नेटवर्क प्रोवाइडर को कॉल करके अपनी SIM कार्ड को ब्लॉक करवा दें. इससे कोई भी व्यक्ति आपके फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.

पुलिस में शिकायत दर्ज करें: अगर आपको लगता है कि आपका फोन चोरी हो गया है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं.

अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी को जनकारी दें

अगर आपके फोन में आपके बैंक या क्रेडिट कार्ड की जानकारी है, तो तुरंत अपनी बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी को इंफॉर्म करें.

अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सिक्योर करें:

सोशल मीडिया अकाउंट्स को सिक्योर करने के लिए उनके पासवर्ड को बदल दें.

खोया हुआ फोन ढूंढना मुश्किल हो सकता है, लेकिन ऊपर बताए गए तरीकों से आप अपने खोए हुए फोन को ढूंढने और उसे सुरक्षित करने की कोशिश कर सकते हैं.

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा, पीएम मोदी से की मुलाकात

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का स्वागत किया और दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से गले मिलकर एक-दूसरे का अभिवादन किया।

क्राउन प्रिंस ने पीएम से की मुलाकात

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और एक-दूसरे से बातचीत की और फिर बैठक की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख खालिद बिन जायद अल नाहयान 8 सितंबर को भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे।

पीयूष गोयल ने किया स्वागत

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने क्राउन प्रिंस के आगमन पर उनका स्वागत किया। राष्ट्रीय राजधानी में उतरने के बाद उनका औपचारिक स्वागत भी किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ऐतिहासिक संबंधों में एक नया मील का पत्थर। महामहिम शेख खालिद बिन जायद अल नाहयान भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। पीयूष गोयल ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनका औपचारिक स्वागत किया।" जायसवाल द्वारा साझा की गई तस्वीरों में, पीयूष गोयल को शेख खालिद बिन जायद अल नाहयान का अभिवादन करते हुए और पूर्व को औपचारिक स्वागत करते हुए देखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर 9-10 सितंबर को भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई आएंगे

भारत की अपनी यात्रा के दौरान, उनका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का कार्यक्रम है। वह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे। 10 सितंबर को, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस एक बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई आएंगे, जिसमें दोनों देशों के कारोबारी नेता भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। हाल के वर्षों में, भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी राजनीतिक, व्यापार, निवेश, संपर्क, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में गहरी हुई है।" इसमें कहा गया है, "क्राउन प्रिंस की यात्रा भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी और नए और उभरते क्षेत्रों में साझेदारी के लिए रास्ते खोलेगी।"

पीएम मोदी ने यूएई का दौरा किया

इस साल फरवरी में, पीएम मोदी ने यूएई का दौरा किया। उन्होंने भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों पर यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ चर्चा की और आठ समझौतों का आदान-प्रदान किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति अल नाहयान ने भारत और यूएई के बीच भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर एक अंतर-सरकारी ढांचे के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन का स्वागत किया, जो क्षेत्रीय संपर्क को आगे बढ़ाने में यूएई और भारत द्वारा उठाए गए कदमों को दर्शाता है।

केरल होटल मालिक पर 1 लाख 10 हजार का लगा जुर्माना: ऑनलाइन बुकिंग के बावजूद कमरा देने से किया इनकार

केरल के एर्नाकुलम में एक शख्स ने OYO होटल में ऑनलाइन रूम बुक किए. लेकिन जैसे ही वो होटल पहुंचा तो उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना उसने शायद कभी नहीं की होगी. होटल मालिक ने शख्स को कमरे देने से साफ इनकार कर दिया. मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक जा पहुंचा. कोर्ट ने होटल मालिक को 1 लाख 10 हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने होटल मालिक को जुर्माना लगाते हुए कहा- ऑनलाइन बुकिंग एप्लीकेशन के माध्यम से पहले से कमरे बुक करने के बावजूद होटल मालिक ने कस्टमर और उसके परिवार को कमरा नहीं दिया. इस कारण उन्हें जो दिक्कत हुई है, उसके लिए होटल मालिक को खामियाजा भुगतना होगा. इसलिए होटल मालिक एक लाख रुपये कस्टमर को देगा और 10 हजार रुपये अदालती खर्च भी देगा.

ग्राहक अरुण दास ने अपनी शिकायत में कहा था- मैं अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात में होटल गया था. लेकिन बुकिंग करने के बावजूद हमें होटल मालिक ने कोई कमरा नहीं दिया. उस रात दूसरा होटल ढूंढने के लिए हमें काफी परेशानी हुई. बड़ी मुश्किल से फिर एक होटल हमें मिला, जहां हम उस रात रुके.

कस्टमर ने बताया उस रात क्या हुआ था?

कोर्ट ने अरुण दास द्वारा दायर शिकायत के आधार पर होटल मालिक को 30 दिनों के भीतर एक लाख रुपये का मुआवजा और 10,000 रुपये का अदालती खर्च देने का निर्देश दिया है. शिकायतकर्ता ने कहा, जब हम रात 10 बजे के करीब होटल पहुंचे तो होटल मालिक ने हमें कमरे देने से मना कर दिया. उन्होंने प्रति कमरे 2,500 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी मांगा. इसके साथ ही हमें अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात भर यात्रा करनी पड़ी और दूसरा होटल ढूंढना पड़ा.

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष डीबी बीनू और सदस्य वी रामचंद्रन और टीएन श्रीविद्या ने कहा, ‘होटल मालिक ने शिकायतकर्ता के परिवार के साथ विश्वासघात किया है. इसके कारण परिवार को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि मानसिक पीड़ा भी हुई है. इसलिए होटल मालिक पर यह जुर्माना लगाया गया है.’

मणिपुर में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन: प्रदर्शनकारियों ने राजभवन और मुख्यमंत्री के बंगले के पास किया प्रदर्शन

मणिपुर में दो समुदायों में लगी आग अभी तक शांत नही हुई है. पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है. शुक्रवार को विद्रोहियों ने बिष्णुपुर में रॉकेट से हमला कर दया. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए थे. इन हमलों के खिलाफ नेताओं ने एक रैली निकाली. इसके साथ ही इंफाल में राजभवन और मुख्यमंत्री के बंगले के पास पहुंचकर प्रदर्शनकारियों खूब बवाल काटा. साथ ही डीजीपी के हटाने की मांग भी करी. इन प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने इनपर आंसू गैस के कई गोले दागे.

हजारों लोगों ने टिडिम रोड पर तीन किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार्च किया. इसके बाद जब वो राज्य सचिवालय और भाजपा कार्यालय के पास पहुंच गए तो पुलिस ने उन्हें रोका. इस कड़ी सुरक्षा वाले क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए राज्य और केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी ने सड़क पर बैरीकेडिंग लगा दी. इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी को अलग करने के लिए भीड़ पर कई आंसू गैस के गोले दागे.

डीजीपी को पद से हटाने की मांग

प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और संदिग्ध उग्रवादियों के हाल में किए गए ड्रोन हमलों की निंदा करते हुए नारे लगाए साथ ही घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने में अधिकारियों की निंदा की. उन्होंने ड्रोन हमलों को रोकने में कथित रूप से विफल रहने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को पद से हटाने की मांग करते हुए नारे लगाए. मणिपुर में कुकी और मैतई जातीय समुदायों के बीच पिछले साल मई से शुरू हुई हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं. साथ ही हजारों लोग बेघर हो गये हैं.

एक्शन में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा की ताजा घटनाओं के लेकर एक्शन मोड में आ चुके हैं. रॉकेट हमले के बाद ही शनिवार शाम को उन्होंने तुरंत राज्यपाल एल. आचार्य से मुलाकात की. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय में अपने विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई थी. इसमें 25 विधायकों ने हिस्सा लिया और हथियार बंद उपद्रवी तत्वों से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई.

रॉकेट हमले के बाद से सर्च ऑपनेशन शुरू

मणिपुर के जिरीबाम जिले में रॉकेट हमले के बाद से कुल 5 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कुकी और मैतई समुदायों के बीच हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति को सोते समय गोली मार दी गई थी. बाकी की घटनाओं में चार की मौत हो गई थी. हालांकि इस बीच सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर जिले में सर्च ऑपनेशन चलाया और आतंकियों के तीन बंकर को नष्ट कर दिया.

मणिपुर में हिंसा की नई घटनाओं पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जताई चिंता ,क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राज्य में हिंसा की नई घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने केंद्र से मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कुकी समूहों द्वारा उठाई गई अलग प्रशासन की मांग के आगे न झुकने का भी आग्रह किया.

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कई विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और एक बैठक की. उन्होंने ये अपील राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सौंपे ज्ञापन में की है. अधिकारी के अनुसार, आचार्य को सौंपे ज्ञापन में सीएम ने कहा कि केंद्र को मणिपुर में शांति सुनिश्चित करनी चाहिए और निर्वाचित राज्य सरकार को पर्याप्त शक्तियां देनी चाहिए.

एसओओ समझौते को रद्द करने का भी आह्वान

वहीं, इस दौरान सीएम बीरेन सिंह ने परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते को रद्द करने का भी आह्वान किया. एसओओ समझौते पर केंद्र, मणिपुर सरकार और कुकी उग्रवादी संगठनों के दो समूहों- कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (केएनओ) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते पर 2008 में हस्ताक्षर किए गये थे और उसके बाद समय-समय पर इसे बढ़ाया जाता रहा है.

राजभवन ने एक बयान में कहा कि सीएम बीरेन सिंह ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा. हालांकि, न तो राजभवन और न ही मुख्यमंत्री ने ज्ञापन की विषय-वस्तु साझा की. बयान में कहा गया है कि लगभग एक घंटे तक चली बैठक के दौरान सिंह के साथ 20 से अधिक विधायकों के अलावा विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह भी थे.

CM ने राज्यपाल को स्थिति से अवगत कराया

यह बैठक मणिपुर में हिंसा की नई घटनाओं के बीच हुई, जिसमें शनिवार को जिरीबाम जिले में कम से कम पांच लोग मारे गए थे. मुख्यमंत्री ने शनिवार रात को भी राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें स्थिति से अवगत कराया था. पुलिस के अनुसार उग्रवादियों ने एक व्यक्ति के घर में घुसकर उसे सोते समय गोली मार दी. हत्या के बाद, दोनों समुदायों के सदस्यों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई.

देश के पूर्वर्ती राज्य मणिपुर में पिछले साल मई में हिंसा की शुरूआत हुई थी. राज्य के दो सबसे आवादी वाले समुदाय मैतेई और कुकी एक दूसरे खिलाफ खड़े हो गए. वहीं, पिछले साल मई से अब तक मैतेई और कुकी के बीच संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, दोनों समुदाय के बीच हिंसा में अब तक हजारों लोग बेघर हो गए हैं.

बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ असम पुलिस की सख्ती, 5 को भेजा वापस

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को बताया कि राज्य पुलिस ने शनिवार देर रात पांच बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस खदेड़ दिया है. वहीं पिछले सप्ताह सीएम द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस महीने पड़ोसी देश के 15 घुसपैठियों को पुलिस ने उनके देश वापस भेजा है, जिसमें शनिवार रात भेजे गए पांच घुसपैठिये शामिल हैं.

सोशल मीडिया पर सीएम सरमा ने एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि ‘अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी निगरानी जारी है और असम पुलिस ने कल देर रात एक बजे पांच घुसपैठियों को पकड़कर वापस भेज दिया.’ इसके आगे उन्होंने बताया कि घुसपैठियों की पहचान मस्तबिस रहमान, अस्मा बीबी, अबानी सद्दार, लीमा सद्दार और सुमाया अख्तर के तौर पर हुई है.

करीब 50 बांग्लादेशी घुसपैठियों को भेजा गया वापस

इससे पहले सीएम ने बताया था कि पिछले सप्ताह दो दिनों में राज्य की पुलिस ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे 10 और बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया था. सरमा ने दावा किया था कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के बाद ही पिछले महीने सितंबर के आखिर तक करीब 50 बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई और उन्हें वापस खदेड़ दिया गया.

भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी

सीएम का कहना है कि बांग्लादेशी नागरिक कपड़ा उद्योग में काम करने के लिए दक्षिणी शहरों में पहुंचने के लिए असम का इस्तेमाल कर रहे थे. दरअसल बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पूर्वोत्तर में 1,885 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है. बांग्लादेश के लोग पनाह लेने के लिए भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं असम के पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राज्य पुलिस पूरी तरह से अलर्ट पर है. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक अवैध रूप से असम में घुसपैठ न कर सके. डीजीपी ने बताया था कि सीमा पर बीएसएफ और राज्य की पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है.

उदयपुर में तेंदुए के हमले से एक महिला की मौत, दो महिलाएं घायल

राजस्थान के उदयपुर में आए दिन तेंदुए के हमले की खबरें सामने आती रहती हैं. दिनदहाड़े तेंदुए के हमले और शहर में उसके बेखौफ घूमने से यहां लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उदयपुर में तेंदुए का इतना आतंक है कि वह कभी लोगों के बेडरूम में तो कभी गर्ल्स हॉस्टल में घंटों बेखौफ घूमता रहता है. ताजा मामला भी यहीं से आया है, जहां तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई. वहीं, दो अन्य महिलाएं घायल हो गई हैं.

राजस्थान के उदयपुर जिले में शनिवार को तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य महिलाएं घायल हो गईं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं झाड़ोल में पहाड़ी इलाके के पास लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं, जहां तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. तेंदुए ने महिला को डेढ़ किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गया जिससे महिला की मौत हो गई.

तेंदुए ने किया सिर धड़ से अलग

झाड़ोल के पहाड़ी क्षेत्र के पास महिलाएं लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं. इस दौरान तेंदुए ने महिला को इस तरह से शिकार बनाया की महिला का धड़ ही सिर से अलग हो गया. तेंदुए के हमले में मारी गई महिला का नाम मीरा है, उसकी उम्र करीब 40 साल थी. जबकी उसके साथ रही दो महिलाएं भी इस हमले में जख्मी हो गईं.

वहीं, इसकी सूचना जब स्थानीय लोगों को लगी तो वो गुस्से से भर गए. उनका गुस्सा करना जायज भी है क्योंकि यहां के लोग प्राय: तेंदुए के हमले का शिकार बनते रहते हैं. सूचना मिलने पर ये लोग पहाड़ियों के पास राजमार्ग पर एकत्र हुए. उन्होंने घटना के विरोध में उदयपुर-अहमदाबाद राजमार्ग को जाम कर दिया. और तेंदुए को गोली मारने और आर्थिक मुआवजे की मांग पर अड़े रहे.

ग्रामीण नाराज, अधिकारियों पर लगाया आरोप

उदयपुर जिले के झाड़ोल में तेंदुए के बार-बार हमलों से ग्रामीण नाराज हैं. उनका आरोप है कि अधिकारी इन घटनाओं को रोकने में विफल रहे हैं. इससे पहले भी इस तरह के हादसे का शिकार यहां के ग्रामिण होते रहे हैं. लेकिन पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

झाडोल एसडीएम, डिप्टी ,डीएफओ ने ग्रामीणों से समझाइश की उसके बाद आर्थिक सहायता देने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ. जिसके बाद बाधित नेशनल हाईवे को फिर से शुरू कराया गया है. वहीं, वन विभाग की टीमें भी तेंदुए की तलाश कर रही है.