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केरल होटल मालिक पर 1 लाख 10 हजार का लगा जुर्माना: ऑनलाइन बुकिंग के बावजूद कमरा देने से किया इनकार

केरल के एर्नाकुलम में एक शख्स ने OYO होटल में ऑनलाइन रूम बुक किए. लेकिन जैसे ही वो होटल पहुंचा तो उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना उसने शायद कभी नहीं की होगी. होटल मालिक ने शख्स को कमरे देने से साफ इनकार कर दिया. मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक जा पहुंचा. कोर्ट ने होटल मालिक को 1 लाख 10 हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने होटल मालिक को जुर्माना लगाते हुए कहा- ऑनलाइन बुकिंग एप्लीकेशन के माध्यम से पहले से कमरे बुक करने के बावजूद होटल मालिक ने कस्टमर और उसके परिवार को कमरा नहीं दिया. इस कारण उन्हें जो दिक्कत हुई है, उसके लिए होटल मालिक को खामियाजा भुगतना होगा. इसलिए होटल मालिक एक लाख रुपये कस्टमर को देगा और 10 हजार रुपये अदालती खर्च भी देगा.

ग्राहक अरुण दास ने अपनी शिकायत में कहा था- मैं अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात में होटल गया था. लेकिन बुकिंग करने के बावजूद हमें होटल मालिक ने कोई कमरा नहीं दिया. उस रात दूसरा होटल ढूंढने के लिए हमें काफी परेशानी हुई. बड़ी मुश्किल से फिर एक होटल हमें मिला, जहां हम उस रात रुके.

कस्टमर ने बताया उस रात क्या हुआ था?

कोर्ट ने अरुण दास द्वारा दायर शिकायत के आधार पर होटल मालिक को 30 दिनों के भीतर एक लाख रुपये का मुआवजा और 10,000 रुपये का अदालती खर्च देने का निर्देश दिया है. शिकायतकर्ता ने कहा, जब हम रात 10 बजे के करीब होटल पहुंचे तो होटल मालिक ने हमें कमरे देने से मना कर दिया. उन्होंने प्रति कमरे 2,500 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी मांगा. इसके साथ ही हमें अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात भर यात्रा करनी पड़ी और दूसरा होटल ढूंढना पड़ा.

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष डीबी बीनू और सदस्य वी रामचंद्रन और टीएन श्रीविद्या ने कहा, ‘होटल मालिक ने शिकायतकर्ता के परिवार के साथ विश्वासघात किया है. इसके कारण परिवार को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि मानसिक पीड़ा भी हुई है. इसलिए होटल मालिक पर यह जुर्माना लगाया गया है.’

मणिपुर में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन: प्रदर्शनकारियों ने राजभवन और मुख्यमंत्री के बंगले के पास किया प्रदर्शन

मणिपुर में दो समुदायों में लगी आग अभी तक शांत नही हुई है. पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है. शुक्रवार को विद्रोहियों ने बिष्णुपुर में रॉकेट से हमला कर दया. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए थे. इन हमलों के खिलाफ नेताओं ने एक रैली निकाली. इसके साथ ही इंफाल में राजभवन और मुख्यमंत्री के बंगले के पास पहुंचकर प्रदर्शनकारियों खूब बवाल काटा. साथ ही डीजीपी के हटाने की मांग भी करी. इन प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने इनपर आंसू गैस के कई गोले दागे.

हजारों लोगों ने टिडिम रोड पर तीन किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार्च किया. इसके बाद जब वो राज्य सचिवालय और भाजपा कार्यालय के पास पहुंच गए तो पुलिस ने उन्हें रोका. इस कड़ी सुरक्षा वाले क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए राज्य और केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी ने सड़क पर बैरीकेडिंग लगा दी. इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी को अलग करने के लिए भीड़ पर कई आंसू गैस के गोले दागे.

डीजीपी को पद से हटाने की मांग

प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और संदिग्ध उग्रवादियों के हाल में किए गए ड्रोन हमलों की निंदा करते हुए नारे लगाए साथ ही घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने में अधिकारियों की निंदा की. उन्होंने ड्रोन हमलों को रोकने में कथित रूप से विफल रहने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को पद से हटाने की मांग करते हुए नारे लगाए. मणिपुर में कुकी और मैतई जातीय समुदायों के बीच पिछले साल मई से शुरू हुई हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं. साथ ही हजारों लोग बेघर हो गये हैं.

एक्शन में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा की ताजा घटनाओं के लेकर एक्शन मोड में आ चुके हैं. रॉकेट हमले के बाद ही शनिवार शाम को उन्होंने तुरंत राज्यपाल एल. आचार्य से मुलाकात की. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय में अपने विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई थी. इसमें 25 विधायकों ने हिस्सा लिया और हथियार बंद उपद्रवी तत्वों से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई.

रॉकेट हमले के बाद से सर्च ऑपनेशन शुरू

मणिपुर के जिरीबाम जिले में रॉकेट हमले के बाद से कुल 5 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कुकी और मैतई समुदायों के बीच हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति को सोते समय गोली मार दी गई थी. बाकी की घटनाओं में चार की मौत हो गई थी. हालांकि इस बीच सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर जिले में सर्च ऑपनेशन चलाया और आतंकियों के तीन बंकर को नष्ट कर दिया.

मणिपुर में हिंसा की नई घटनाओं पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जताई चिंता ,क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राज्य में हिंसा की नई घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने केंद्र से मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कुकी समूहों द्वारा उठाई गई अलग प्रशासन की मांग के आगे न झुकने का भी आग्रह किया.

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कई विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और एक बैठक की. उन्होंने ये अपील राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सौंपे ज्ञापन में की है. अधिकारी के अनुसार, आचार्य को सौंपे ज्ञापन में सीएम ने कहा कि केंद्र को मणिपुर में शांति सुनिश्चित करनी चाहिए और निर्वाचित राज्य सरकार को पर्याप्त शक्तियां देनी चाहिए.

एसओओ समझौते को रद्द करने का भी आह्वान

वहीं, इस दौरान सीएम बीरेन सिंह ने परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते को रद्द करने का भी आह्वान किया. एसओओ समझौते पर केंद्र, मणिपुर सरकार और कुकी उग्रवादी संगठनों के दो समूहों- कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (केएनओ) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते पर 2008 में हस्ताक्षर किए गये थे और उसके बाद समय-समय पर इसे बढ़ाया जाता रहा है.

राजभवन ने एक बयान में कहा कि सीएम बीरेन सिंह ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा. हालांकि, न तो राजभवन और न ही मुख्यमंत्री ने ज्ञापन की विषय-वस्तु साझा की. बयान में कहा गया है कि लगभग एक घंटे तक चली बैठक के दौरान सिंह के साथ 20 से अधिक विधायकों के अलावा विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह भी थे.

CM ने राज्यपाल को स्थिति से अवगत कराया

यह बैठक मणिपुर में हिंसा की नई घटनाओं के बीच हुई, जिसमें शनिवार को जिरीबाम जिले में कम से कम पांच लोग मारे गए थे. मुख्यमंत्री ने शनिवार रात को भी राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें स्थिति से अवगत कराया था. पुलिस के अनुसार उग्रवादियों ने एक व्यक्ति के घर में घुसकर उसे सोते समय गोली मार दी. हत्या के बाद, दोनों समुदायों के सदस्यों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई.

देश के पूर्वर्ती राज्य मणिपुर में पिछले साल मई में हिंसा की शुरूआत हुई थी. राज्य के दो सबसे आवादी वाले समुदाय मैतेई और कुकी एक दूसरे खिलाफ खड़े हो गए. वहीं, पिछले साल मई से अब तक मैतेई और कुकी के बीच संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, दोनों समुदाय के बीच हिंसा में अब तक हजारों लोग बेघर हो गए हैं.

बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ असम पुलिस की सख्ती, 5 को भेजा वापस

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को बताया कि राज्य पुलिस ने शनिवार देर रात पांच बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस खदेड़ दिया है. वहीं पिछले सप्ताह सीएम द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस महीने पड़ोसी देश के 15 घुसपैठियों को पुलिस ने उनके देश वापस भेजा है, जिसमें शनिवार रात भेजे गए पांच घुसपैठिये शामिल हैं.

सोशल मीडिया पर सीएम सरमा ने एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि ‘अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी निगरानी जारी है और असम पुलिस ने कल देर रात एक बजे पांच घुसपैठियों को पकड़कर वापस भेज दिया.’ इसके आगे उन्होंने बताया कि घुसपैठियों की पहचान मस्तबिस रहमान, अस्मा बीबी, अबानी सद्दार, लीमा सद्दार और सुमाया अख्तर के तौर पर हुई है.

करीब 50 बांग्लादेशी घुसपैठियों को भेजा गया वापस

इससे पहले सीएम ने बताया था कि पिछले सप्ताह दो दिनों में राज्य की पुलिस ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे 10 और बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया था. सरमा ने दावा किया था कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के बाद ही पिछले महीने सितंबर के आखिर तक करीब 50 बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई और उन्हें वापस खदेड़ दिया गया.

भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी

सीएम का कहना है कि बांग्लादेशी नागरिक कपड़ा उद्योग में काम करने के लिए दक्षिणी शहरों में पहुंचने के लिए असम का इस्तेमाल कर रहे थे. दरअसल बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पूर्वोत्तर में 1,885 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है. बांग्लादेश के लोग पनाह लेने के लिए भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं असम के पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राज्य पुलिस पूरी तरह से अलर्ट पर है. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक अवैध रूप से असम में घुसपैठ न कर सके. डीजीपी ने बताया था कि सीमा पर बीएसएफ और राज्य की पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है.

उदयपुर में तेंदुए के हमले से एक महिला की मौत, दो महिलाएं घायल

राजस्थान के उदयपुर में आए दिन तेंदुए के हमले की खबरें सामने आती रहती हैं. दिनदहाड़े तेंदुए के हमले और शहर में उसके बेखौफ घूमने से यहां लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उदयपुर में तेंदुए का इतना आतंक है कि वह कभी लोगों के बेडरूम में तो कभी गर्ल्स हॉस्टल में घंटों बेखौफ घूमता रहता है. ताजा मामला भी यहीं से आया है, जहां तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई. वहीं, दो अन्य महिलाएं घायल हो गई हैं.

राजस्थान के उदयपुर जिले में शनिवार को तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य महिलाएं घायल हो गईं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं झाड़ोल में पहाड़ी इलाके के पास लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं, जहां तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. तेंदुए ने महिला को डेढ़ किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गया जिससे महिला की मौत हो गई.

तेंदुए ने किया सिर धड़ से अलग

झाड़ोल के पहाड़ी क्षेत्र के पास महिलाएं लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं. इस दौरान तेंदुए ने महिला को इस तरह से शिकार बनाया की महिला का धड़ ही सिर से अलग हो गया. तेंदुए के हमले में मारी गई महिला का नाम मीरा है, उसकी उम्र करीब 40 साल थी. जबकी उसके साथ रही दो महिलाएं भी इस हमले में जख्मी हो गईं.

वहीं, इसकी सूचना जब स्थानीय लोगों को लगी तो वो गुस्से से भर गए. उनका गुस्सा करना जायज भी है क्योंकि यहां के लोग प्राय: तेंदुए के हमले का शिकार बनते रहते हैं. सूचना मिलने पर ये लोग पहाड़ियों के पास राजमार्ग पर एकत्र हुए. उन्होंने घटना के विरोध में उदयपुर-अहमदाबाद राजमार्ग को जाम कर दिया. और तेंदुए को गोली मारने और आर्थिक मुआवजे की मांग पर अड़े रहे.

ग्रामीण नाराज, अधिकारियों पर लगाया आरोप

उदयपुर जिले के झाड़ोल में तेंदुए के बार-बार हमलों से ग्रामीण नाराज हैं. उनका आरोप है कि अधिकारी इन घटनाओं को रोकने में विफल रहे हैं. इससे पहले भी इस तरह के हादसे का शिकार यहां के ग्रामिण होते रहे हैं. लेकिन पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

झाडोल एसडीएम, डिप्टी ,डीएफओ ने ग्रामीणों से समझाइश की उसके बाद आर्थिक सहायता देने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ. जिसके बाद बाधित नेशनल हाईवे को फिर से शुरू कराया गया है. वहीं, वन विभाग की टीमें भी तेंदुए की तलाश कर रही है.

अरुणाचल प्रदेश,सेप्पा में भीषण आग की चपेट में आने से 23 मकान जलकर खाक,लाखों का हुआ नुकसान

अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले के सेप्पा में भीषण आग की चपेट में आने से 23 मकान जलकर खाक हो गए हैं. मकानों में आग शनिवार शाम को लगी थी और देखते ही देखते बस्ती के 23 मकान जलकर पूरी तरह से नष्ट हो गए. घर जलने की वजह से लाखों का नुकसान भी हुआ है, लेकिन राहत की बात रही है कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. फिलहाल पुलिस इस घटना की जांच में जुटी हुई है कि आखिर इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई. पुलिस घटना को लेकर हर एंगल से जांच कर रही है ताकि तह तक पहुंचा जा सके.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कामेंग जिले के पुलिस अधीक्षक कामदास सिकोम ने बताया कि शनिवार शाम को करीब 7 बजे अबोटानी कॉलोनी में यह घटना घटी. आग की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन संदेह है कि इलेक्ट्रिक शॉट सर्किट की वजह से आग लगी है. घटना में जिनका घर जल गया है उनके रहने के लिए पास के ही एलबीएस-2 स्कूल में राहत शिविर स्थापित किया गया है.

मुख्यमंत्री बोले- घटना पर सरकार की नजर

घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि सरकार की स्थिति पर नजर बनाई हुई है. 23 मकानों के जलने की बात सुनकर दुख हुआ है. उन्होंने लोगों से कहा कि कृपया घबराइए मत, हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारियों को नियमों के अनुसार हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. घटना के बाद एक राहत शिविर स्थापित किया गया है. मैं सभी प्रभावितों से अपील करता हूं कि वे शिविर का लाभ उठाएं और सुरक्षा एहतियात भी बरतें ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो सके.

सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट के विरोध कर्मचारियों को नोटिस

दूसरी ओर प्रदेश के अपर सियांग में ‘सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट’ के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों और ग्राम प्रधान को लेकर सरकार सख्त हो गई है. जिला प्रशासन ने कथित तौर पर प्रदर्शन में शामिल होने तथा बांध विरोधी आंदोलन का समर्थन करने के लिए नोटिस जारी किया है.

31 अगस्त को विरोध में शामिल हुए थे कई कर्मचारी

प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों को नोटिस जारी कर पूछा है आखिर उनके खिलाफ केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के तहत अवज्ञ3 और कदाचार के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए. जिले में कई बांध विरोधी ग्रुपों ने 31 अगस्त को सियांग जिले के डाइट डाइम में एक प्रदर्शन रैली निकाली थी. ये लोग एक विशाल प्रस्तावित पनबिजली परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नजर आए थे.

केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ीं, जाने CBI ने नई चार्जशीट में क्या-क्या कहा?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में हैं, जिसके बाद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सीबीआई ने इस मामले में पांचवीं और आखिरी चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई ने अपनी पूरक चार्जशीट (Supplementary Charge Sheet) में आरोप लगाया है कि सीएम अरविंद केजरीवाल शुरू से ही दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और उसको लागू करने की “आपराधिक साजिश में शामिल” थे.

हालांकि, जहां एक तरफ सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है कि सीएम केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले में शुरू से शामिल है, वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का कहना है कि एजेंसी को अब तक केजरीवाल मामले में भ्रष्टाचार का एक रुपया भी नहीं मिला है.

CBI की चार्जशीट में क्या-क्या?

सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि केजरीवाल के मन में पहले से ही आबकारी नीति के “निजीकरण का विचार ” था, जिसे बाद में भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद रद्द कर दिया गया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है, जब साल 2021 में मनीष सिसोदिया (मामले में सह आरोपी) और अन्य मंत्री इस नीति को तैयार कर रहे थे, उस समय सीएम केजरीवाल ने अपनी पार्टी के लिए वित्तीय समर्थन की मांग की थी.

सीबीआई ने कहा, 2021 में मार्च के महीने में सीएम केजरीवाल के मीडिया एवं संचार प्रभारी जोकि सीएम के करीबी हैं,आरोपी विजय नायर दिल्ली आबकारी कारोबार के कई हितधारकों से बातचीत कर रहे थे और आबकारी नीति के बदले उनसे अवैध रिश्वत की मांग कर रहे थे.

AAP ने क्या कहा?

सीबीआई के इन आरोपों के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया है. साथ ही पार्टी ने कहा, अगर इतने आरोप है तो अभी तक सीबीआई को एक भी रुपया क्यों बरामद नहीं हुआ? पार्टी ने कहा, 500 गवाहों से पूछताछ और 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल करने के बावजूद, किसी भी आप नेता के पास से भ्रष्टाचार का एक रुपया भी बरामद नहीं हुआ.

आम आदमी पार्टी ने कहा, आप एक ईमानदार पार्टी है और बीजेपी हमारे नेताओं पर झूठे आरोप लगा रही है. पार्टी ने कहा, ईडी कोर्ट ने साफ कहा है कि सीएम केजरीवाल के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है, बीजेपी और उसकी एजेंसियां ​​बिना किसी सबूत के उनकी गिरफ्तारी को टालने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं, लेकिन आखिर में सच्चाई सामने आएगी और अरविंद केजरीवाल जल्द ही रिहा हो जाएंगे.

क्या है पूरा मामला?

सीएम केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जब वह (ईडी) द्वारा दर्ज कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में बंद थे. हालांकि, सीएम केजरीवाल को ईडी ने 9 बार समन भेजा था, जिसके बाद उन्हें ईडी ने 21 मार्च को हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद उन्हें 1 मई को तेहाड़ जेल भेजा गया था. कथित शराब घोटाला मामले में आप के दिग्गज नेता संजय सिंह, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी जेल जाना पड़ा था, लेकिन उन्हें राहत मिल गई.

सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को सुनवाई कर 10 सितंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया है.

काम की बात - यूपीआई लेनदेन में गलती से पैसे ट्रांसफर होने पर तुरंत करें ये काम

देश में अप्रैल – जुलाई 24 के बीच यूपीआई से 80 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ. तेजी से बढ़ते डिजिटल ट्रांजैक्शन के दौर में गलती से दूसरे व्यक्ति की यूपीआई आईडी पर पैसे ट्रांसफर होने के मामले आ रहे हैं.

ऐसी स्थिति में तेजी से उठाए गए कुछ कदम आपकी कमाई को बचा सकती है. आइए समझते हैं.

बैंक या यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें

फंड वापस पाने के लिए गलती की तत्काल रिपोर्ट करना अहम है. तुरंत अपने बैंक या यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें.

आप जितनी जल्दी शिकायत दर्ज कराएंगे आपके गलत भुगतान की वापसी की उतनी ही ज्यादा संभावना रहेगी. अगर आप शिकायत करने में देरी करेंगे तो ऐसा भी हो सकता है कि आपका भुगतान वापस नहीं आएगा.

गलत यूपीआई की पूरी जानकारी दें

गलत यूपीआई आईडी, राशि और तारीख सहित लेनदेन विवरण अपने बैंक या यूपीआई प्रोवाइडर से साझा करें. क्योंकि अधिकांश बैंकों और यूपीआई प्रोवाइडर के पास ऐसे विवादों से निपटने की प्रक्रियाएं हैं.

प्राप्तकर्ता से सीधे संपर्क करें

यदि संभव हो तो उस व्यक्ति से संपर्क करें जिन्हें आपने गलती से पेमेंट किया है. विनम्रतापूर्वक गलती बताएं और धन वापसी का अनुरोध करें. इससे सबसे तेज समाधान मिल सकता है. यहां आपको शालीनता का पूरा ध्यान रखना पड़ेगा.

एनपीसीआई के पास शिकायत दर्ज करें

यदि अन्य तरीके विफल हो जाते हैं, तो एनपीसीआई से शिकायत करें, जो यूपीआई प्रणाली की देखरेख करता है. वह जांच करेगा और समाधान करेगा. इसके लिए आपको एनपीसीआई की वेबसाइट पर जाकर या फिर उसके टोल फ्री नंबर 1800-120-1740 पर जाकर 24×7 शिकयत कर सकते हैं.

कानूनी मदद लें

ट्रांजैक्शन और शिकायत से संबंधी सभी दस्तावेज सुरक्षित रखें. अंतिम उपाय के रूप में, धोखाधड़ी के संदेह में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने पर विचार करें. अगर पुलिस आपकी शिकायत को सीरियस नहीं लेती है तो आप कोर्ट की भी शरण ले सकते हैं.

फिलिस्तीन ने गाजा में शांति के लिए भारत से मांगी मदद, NSA अजीत डोभाल रूस जाएंगे

रूस यूक्रेन युद्ध में शांति के लिए दुनियाभर के देश भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. रूस यूक्रेन में युद्ध विराम की कोशिश के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. अब फिलिस्तीन ने भी गाजा में शांति के लिए भारत का रुख किया है. भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने कहा, “हम हमेशा मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए भारत जैसे दोस्त की तलाश में हैं.”

गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी मध्यस्थ युद्ध विराम समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं. रूस-यूक्रेन के बाद अब भारत से फिलिस्तीन इजराइल मुद्दे पर भी मध्यस्थ की भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है.

भारत एक शांतिपूर्ण देश”- अबू अल-हैजा

फिलिस्तीनी राजदूत अबू अल-हैजा ने कहा, “मुझे पता है कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है इसलिए हम भारत से अपील कर रहे हैं कि वे मध्यस्थ भूमिका निभाएं. भारत के दोनों देशों (इजराइल-फिलिस्तीन) से अच्छे संबंध हैं. हम भारत से आग्रह करते हैं कि वे युद्धविराम समझौते और फिलिस्तीन की 1967 के सीमाओं के आधार पर एक राज्य की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करें.

युद्ध विराम के लिए रूस जा रहे डोभाल

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि चीन, भारत और ब्राजील शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. इसके बाद इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भी ऐसा ही बयान दिया और दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया था.

अब खबर आई है कि भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. खबर है कि वे यहां BRICS देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे. इन मुलाकातों में रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए भी चर्चा हो सकती है

हरियाणा चुनाव: आप-कांग्रेस गठबंधन पर सोमनाथ भारती ने उठाए सवाल

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी के भीतर से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक और नई दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार रहे सोमनाथ भारती ने कहा कि हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन होने से पहले आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में बने इसी तरह के गठबंधन की ताकत और कमजोरियों की पहचान करनी चाहिए.

सोमनाथ भारती ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए, AAP के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया लेकिन AAP उम्मीदवारों खासकर मुझे दिल्ली कांग्रेस और स्थानीय नेताओं की ओर से बिल्कुल भी समर्थन नहीं दिया गया. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत कई कांग्रेस नेता चल रहे चुनाव प्रचार के बीच में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.

मिलने से किया इनकार

सोमनाथ भारती ने बताया कि कांग्रेस के सीनियर लीडर अजय माकन ने मिलने से भी इनकार कर दिया, जितेन्द्र कोचर जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसों के लिए भाजपा के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. सोमनाथ भारती ने कहा कि कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में एकजुट करने के लिए हमारे संसदीय क्षेत्रों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया.

सभी सीटों पर चुनाव

यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के समर्थक इस तरह के बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं और आम आदमी पार्टी को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए. हरियाणा बीजेपी अपने आखिरी दिन पर है. कांग्रेस बड़े पैमाने पर अंदरूनी झगड़ों का सामना कर रही है और हरियाणा केजरीवाल जी का गृह राज्य है, ऐसे में आम आदमी पार्टी को हरियाणा में पहली गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी ईमानदार सरकार देने के लिए अपने दम पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.

अजय माकन पर आरोप

सोमनाथ भारती ने आगे कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस काल्पनिक शराब घोटाले ने भाजपा को हमारे नेताओं को महीनों और सालों तक गिरफ्तार करने की वजह दी. उसकी साजिश अजय माकन ने रची और उसे सख्ती से आगे बढ़ाया गया. जब आम आदमी पार्टी को हराने की बात आती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों खुले तौर पर या चुपके से एक साथ काम करते हैं.