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शुभमन गिल ने विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ा, बने सबसे युवा कप्तान

पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर जब अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे, तब उनके उत्तराधिकारी के तौर पर विराट कोहली के नाम की चर्चा हो रही थी. वो टीम इंडिया में आ भी चुके थे और धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहे थे. इसके बाद कोहली ने अपने करियर में जो हासिल किया, वो सब जानते हैं और सही मायनों में वो सचिन की जगह के हकदार साबित हुए. इसी तरह विराट कोहली की लेगेसी को आगे बढ़ाने वाले बल्लेबाज के तौर पर पिछले कुछ सालों से शुभमन गिल का नाम ही सबसे ज्यादा लिया जाता है. गिल पूरी तरह रंग में तो नहीं आए हैं लेकिन उनका असर भी दिखने लगा है और कोहली के कुछ रिकॉर्ड तोड़ने लगे हैं लेकिन बल्ले से कोहली के रिकॉर्ड तोड़ने से पहले गिल ने कप्तानी में विराट का एक रिकॉर्ड तोड़ा था, वो भी सिर्फ 20 साल की उम्र में. शुभमन गिल के जन्मदिन के मौके पर आपको इस रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं.

अंडर-19 वर्ल्ड कप से हिट, टीम इंडिया में एंट्री

8 सितंबर 1999 को पंजाब के फाजिल्का में जन्मे शुभमन गिल पर क्रिकेट जगत का ध्यान तब गया, जब 2018 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. उनसे ठीक 10 साल पहले विराट कोहली भी अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे. बस फर्क ये था कि कोहली कप्तान थे, जबकि गिल टीम के अहम बल्लेबाज थे. गिल ने तब सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन शतक जमाया था और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन के साथ प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे.

गिल की इस सफलता के बाद से ही भारतीय क्रिकेट के कर्ता-धर्ताओं की नजर उन पर लगी रही और जल्द ही वो आईपीएल में भी आ गए, जहां कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें 1.8 करोड़ रुपये की मोटी बोली के साथ खरीदा था. इसके एक साल बाद जनवरी 2019 में न्यूजीलैंड दौरे पर गिल ने टीम इंडिया के लिए वनडे क्रिकेट से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. उनका डेब्यू खास अच्छा नहीं रहा था और सिर्फ 9 रन बना सके थे. अगले वनडे में भी वो 7 रन तक ही पहुंच पाए. इसके बाद गिल की टीम इंडिया में वापसी सीधे दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुई, जहां उन्होंने वनडे मैच में 33 रन बनाए थे और फिर मेलबर्न में टेस्ट डेब्यू किया था.

कप्तानी में तोड़ा विराट का रिकॉर्ड

वनडे डेब्यू और टीम इंडिया में वापसी के बीच गिल ने काफी डॉमेस्टिक क्रिकेट खेला और साथ ही इंडिया-ए के साथ अलग-अलग दौरों में हिस्सा लिया. यही वो वक्त था जब गिल ने एक खास रिकॉर्ड बनाया. डॉमेस्टिक क्रिकेट में उनके दमदार प्रदर्शन से प्रभावित होकर सेलेक्टर्स ने 2019-20 की देवधर ट्रॉफी में गिल को इंडिया-C टीम का कप्तान नियुक्त किया. गिल की कप्तानी में टीम फाइनल तक पहुंचने में सफल रही लेकिन खिताब से चूक गई और इंडिया-B ने ट्रॉफी अपने नाम की. टीम जरूर हार गई लेकिन गिल ने एक खास रिकॉर्ड बना दिया. वो इस टूर्नामेंट के फाइनल में कप्तानी करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. गिल तब सिर्फ 20 साल 57 दिन के थे और उन्होंने विराट का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 2009-10 सीजन के फाइनल में 21 साल 112 दिन की उम्र में नॉर्थ जोन की कप्तानी की थी.

शुभमन गिल का करियर और रिकॉर्ड

इसके बाद से गिल इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना जलवा दिखा रहे हैं. उनके नाम टी20 इंटरनेशनल में भारत के लिए सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 63 गेंदों में 126 रन जड़े थे और कोहली के 122 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा था. इतना ही नहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ 23 साल की उम्र में उन्होंने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जमा दिया था और ऐसा करने वाले दुनिया के सबसे युवा बल्लेबाज बने.

सिर्फ इतना ही नहीं, अपने 25वें जन्मदिन से ठीक पहले गिल को वनडे और टी20 क्रिकेट में टीम इंडिया का नया उप-कप्तान भी बना दिया गया, जो ये संकेत देता है कि उन्हें ही भविष्य का कप्तान देखा जा रहा है. गिल ने अभी तक टीम इंडिया के लिए 25 टेस्ट मैच में 1492 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और 6 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 47 वनडे मैच में वो 2328 रन बना चुके हैं और 6 शतक, 13 अर्धशतक जड़ चुके हैं. 21 टी20 इंटरनेशनल मैच में वो 1 शतक-3 अर्धशतक की मदद से 578 रन बना चुके हैं.

पेरिस पैरालंपिक में नवदीप सिंह का कमाल, जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास

पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए मेडल आने का सिलसिला जारी है. 8 सितंबर को खेलों का यह भव्य इवेंट समाप्त हो जाएगा, लेकिन उससे एक दिन पहले शनिवार 7 सितंबर को भारत की झोली में 1 और गोल्ड मेडल आया. इसके साथ ही भारत के पास अब 7 गोल्ड हो गए हैं. ये कारनामा नवदीप सिंह ने मेंस जैवलिन थ्रो F41 कैटेगरी में किया. इस कैटेगरी में मेडल जीतने वाले में वो पहले खिलाड़ी हैं. इस कैटेगरी में कम हाइट वाले एथलीट हिस्सा लेते हैं. नीरज चोपड़ा तो पेरिस में गोल्ड नहीं जीत सके थे लेकिन उन्हें अपना प्रेरणा का स्त्रोत मानने वाले नवदीप ने समाज से मिलते तानों के बीच ये गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. 4 फुट 4 इंच के हरियाणा इस खिलाड़ी के लिए सफलता के इस मुकाम तक पहुंचने का सफर कठिनाइयों से भरा रहा है.

कम हाइट के कारण घर से निकलना मुश्किल

24 साल के नवदीप ने तीसरे प्रयास में 47.32 मीटर का थ्रो किया था, लेकिन ईरान के एथलीट सादेग बेत सयाह ने 47.64 मीटर थ्रो करके गोल्ड पर कब्जा जमाया लिया. हालांकि, इवेंट के बाद पैरालंपिक के नियमों का उल्लंघन करने के कारण उन्हें डिस्क्वालिफाई किया गया और नवदीप का सिल्वर गोल्ड में अपग्रेड हो गया. इससे नवदीप के खुशी का ठिकाना नहीं रहा. ये सफलता उनके जुनून का फल है, क्योंकि हरियाणा के बुआना लाखू गांव में पले-बढ़े नवदीप बचपन से ही बौनेपन का शिकार थे. पड़ोस के बच्चें उन्हें “बौना” कहकर ताने देते थे. इसके कारण उनका घर से निकलना मुश्किल हो जाता था

नवदीप ने जब ये कारनामा किया तब उनके भाई मनदीप श्योराण और मां मुकेश रानी उन्हें चीयर कर रहे थे. मुकाबले के बाद उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के इंटरव्यू में खुलासा किया कि पड़ोस के सभी बच्चे उनकी हाइट को लेकर चिढ़ाते थे. इससे नवदीप परेशान होकर खुद को कमरे में बंद कर लेते थे. वह कई दिनों तक घर से बाहर तक नहीं निकलते थे, लेकिन 2012 से ये तस्वीर धीरे-धीरे बदलनी शुरू हुई. दरअसल, 2012 में नवदीप को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा.

पिता के कारण शुरू हुआ सफर, नीरज ने किया प्रेरित

नवदीप का जन्म साल 2000 में हुआ था. जब वो दो साल के हुए तब माता-पिता एहसास हुआ कि उनका बच्चा बौनेपन से पीड़ित है. दोनों इलाज करवाने की खूब कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जब उनकी उम्र बढ़ी तो गांव के बच्चों ने चिढ़ाना शुरू कर दिया. इसके बाद उनके पिता ने उन्हें बढ़ावा देना शुरू किया. नवदीप के पिता ग्राम सचिव के साथ-साथ एक रेसलर भी थे. उन्होंने नवदीप को एथलेटिक्स में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया. इससे उनके जीवन सकारात्मक बदलाव आने शुरू हुए. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल प्रतियोगिता जीता और 2012 में उन्हें राष्ट्रीय बाल पुरष्कार से सम्मानित किया गया.

अवॉर्ड पाने के 4 साल बाद नवदीप ट्रेनिंग के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गए, जहां उनके कोच नवल सिंह ट्रेन करना शुरू किया. नवदीप गांव में रेसलिंग की ट्रेनिंग करते थे, लेकिन उन्होंने अंडर-20 में नीरज चोपड़ा को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए देखा. इससे वो काफी प्रेरित हुए और रेसलिंग छोड़कर जैवलिन का खेल शुरू कर दिया. उनके भाई मनदीप ने बताया कि जैवलिन उन्हें मेरठ या विदेश से मंगवाना होता था. इसके लिए उनके पिता लोन भी लेना पड़ा.

ऋषभ पंत ने द्रविड़ और गंभीर के कोचिंग स्टाइल में अंतर का किया खुलासा

राहुल द्रविड़ को 2021 में टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी मिली थी. उनके कार्यकाल में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. द्रविड़ के रहते भारत ने 2024 का टी20 वर्ल्ड कप और 2023 का एशिया कप जीता. इसके अलावा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल भी खेला. इस अपार सफलता के बाद द्रविड़ अपने पद से मुक्त हो चुके हैं. अब उनकी जगह भारत के दिग्गज क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ले ली है. टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत दोनों की कोचिंग में खेल चुके हैं. अब उन्होंने द्रविड़ और गंभीर के कोचिंग स्टाइल में अंतर का खुलासा किया है. उनका मानना है कि भारत के वर्तमान हेड कोच ज्यादा एग्रेसिव हैं.

गंभीर और द्रविड़ में क्या अंतर?

ऋषभ पंत ने हाल ही में जियो सिनेमा पर द्रविड़ और गंभीर को लेकर बात की. उन्होंने खुलासा किया कि भारत के पूर्व हेड कोच एक इंसान और एक कोच के तौर पर ज्यादा बैलेंस थे. वहीं दूसरी ओर गंभीर ज्यादा एग्रेसिव हैं. मौजूदा हेड कोच लेकर उन्होंने कहा कि वो जीत को लेकर काफी एकतरफा हैं. वो हर हाल में जीतना चाहते हैं. हालांकि, पंत ने ये भी कहा कि दोनों के ही अपने पॉजिटिव और निगेटिव साइड हैं. हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस चीज पर फोकस करना चाहता है.

दलीप ट्रॉफी में फ्लॉप रहे पंत

ऋषभ पंत ने जानलेवा हादसे के बाद टी20 वर्ल्ड कप से इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की थी. इसके बाद श्रीलंका दौरे पर उन्हें वनडे सीरीज में भी मौका दिया गया था. उन्हें टेस्ट मैच खेले हुए करीब 2 साल होने को है. ऐसे में अब उनकी नजर टीम इंडिया की टेस्ट टीम पर है. हालांकि, दलीप ट्रॉफी की पहली पारी में वो फ्लॉप रहे.

इंडिया बी के लिए खेलते हुए वो केवल 7 रन ही बना सके. बता दें पंत अभी तक सबसे ज्यादा टेस्ट में सफल रहे हैं. उन्होंने इस फॉर्मेट में 43 की औसत से 2271 रन बनाए हैं. साथ ही कई मैच जिताउ पारियां भी खेली हैं. इसमें ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में खेली गई 89 रन की पारी सबसे यादगार है. अब 19 सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से टेस्ट में वापसी की उम्मीद लगाए हुए हैं.

द्रविड़ बने राजस्थान के हेड कोच

द्रविड़ की बात करें तो टीम इंडिया से विदाई लेने के बाद उन्होंने एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी एंट्री की है. द्रविड़ ने अगले सीजन के लिए आईपीएल की राजस्थान रॉयल्स का दामन थाम लिया है. फ्रेंचाइजी ने उन्हें अपना हेड कोच नियुक्त किया है. 9 साल बाद इस टीम में उन्होंने फिर से वापसी की है.

पीएम मोदी ने पैरालंपिक मेडल विजेताओं से की बात, दी बधाई

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय पैरा-एथलीट्स के दमदार प्रदर्शन ने पूरे देश को खुश कर दिया है. भारतीय खिलाड़ियों ने अभी तक इन गेम्स में 26 मेडल जीत लिए हैं, जो पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सबसे शानदार प्रदर्शन है. पैरा-एथलीट्स की सफलताओं पर सिर्फ आम फैंस ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बेहद खुश हैं और लगातार खिलाड़ियों का हौसला बना रहे हैं. इसी क्रम में पीएम मोदी ने बीते दो दिनों मेडल जीतने वाले हरविंदर सिंह, सचिन खिलारी, कपिल परमार, प्रणव सूरमा और धरमबीर से फोन पर बात की और उन्हें मेडल जीतने पर बधाई दी. पीएम ने इन मेडल विजेताओं की उपलब्धि को देश के लिए तोहफा बताया

पैरालंपिक मेडल्स को बताया देश के लिए गिफ्ट

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा था और भारतीय खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक के 7 मेडल की सफलता को भी नहीं दोहरा सके थे. पेरिस में भारतीय एथलीट्स 6 मेडल जीतकर लौटे, जिसमें एक भी गोल्ड मेडल नहीं था. पैरालंपिक में कहानी एकदम अलग रही है और यहां भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो पैरालंपिक के 19 मेडल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. भारतीय एथलीट्स की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी भी लगातार उनसे बात करते हुए बधाई दे रहे हैं और बाकी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहे हैं.

शुक्रवार 6 सितंबर को पीएम मोदी ने ऐसे ही मेडल विजेताओं से बात की. पीएम ने पैरा आर्चरी के गोल्ड मेडलिस्ट हरविंदर सिंह, शॉट पुट में सिल्वर जीतने वाले सचिन खिलारी समेत अन्य पदक विजेताओं से फोन पर बात कर सफलता के लिए बधाई दी. इस दौरान पीएम ने इन खिलाड़ियों के हौसले की तारीफ की और उन्हें प्रेरणा बताया. सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि पीएम ने इन खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाने वाले सभी कोच को सराहा और उनकी मेहनत की जमकर प्रशंसा की. हरविंदर और सचिन के अलावा जूडो में पहली बार भारत को मेडल दिलाने वाले कपिल परमार, क्लब थ्रो में एशियन रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीतने वाले धरमबीर और इसी इवेंट का सिल्वर मेडल जीतने वाले प्रणव सूरमा से भी प्रधानमंत्री ने बात की.

अभी तक रिकॉर्ड प्रदर्शन

भारत की झोली में अभी तक कुल 26 मेडल आए हैं, जिसमें से 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल हैं. भारत अभी मेडल टेबल में 14वें स्थान पर है और इन मेडल्स की संख्या बचे हुए 2 दिनों में और ज्यादा बढ़ने की संभावना है. शुक्रवार 6 सितंबर को भारत की झोली में एक गोल्ड मेडल आया, जहां पुरुषों की T64 कैटेगरी की हाई जंप में प्रवीण कुमार ने एशियन रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया. प्रवीण ने 2.08 मीटर ऊंची छलांग के साथ ये गोल्ड जीता. इसके साथ ही उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में जीते सिल्वर मेडल के रंग को बदलने के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया.

9 साल बाद राहुल द्रविड़ की राजस्थान रॉयल्स में वापसी,RR को मिलेगी नई दिशा*

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज, कप्तान और कोच राहुल द्रविड़ की एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी हो गई है.

टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनाने के बाद राहुल द्रविड़ को अब आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स ने अपना हेड कोच नियुक्त किया है. पिछले कई दिनों से इसकी हलचल हो रही थी और अब खुद फ्रेंचाइजी ने इस राज से पर्दा हटा दिया. शुक्रवार 6 सितंबर को राजस्थान ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए द्रविड़ को टीम का नया हेड कोच बनाए जाने का आधिकारिक ऐलान कर दिया. राहुल द्रविड़ इससे पहले भी राजस्थान से जुड़े थे और 2014-2015 में लगातार 2 सीजन तक टीम के मेंटॉर रहे थे.

9 साल बाद राजस्थान में वापसी

राजस्थान रॉयल्स के सीईओ जेक लश मैक्करम ने राहुल द्रविड़ को टीम की आईपीएल जर्सी सौंपते हुए फ्रेंचाइजी में फिर से स्वागत किया. द्रविड़ ने भी कहा कि वर्ल्ड कप के बाद उनके लिए वापस कोचिंग में लौटने का ये सबसे अच्छा जरिया था. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप के बाद नई चुनौती शुरू करने के लिए यही आदर्श वक्त था और उनके लिए राजस्थान रॉयल्स ही इस काम के लिए सबसे सही जगह थी. फ्रेंचाइजी ने एक बयान में बताया कि द्रविड़ ने अगले कई साल के लिए ये डील साइन की है.

राहुल द्रविड़ 2021 में टीम इंडिया के हेड कोच बने थे और ढाई साल तक इस पद पर रहे थे, जहां 29 जून को बारबाडोस में उन्होंने टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. इसके साथ ही द्रविड़ ने टीम इंडिया के साथ अपने सफर का अंत किया था. इसके बाद से ही द्रविड़ का नाम अलग-अलग आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ रहा था. आखिरकार द्रविड़ फिर से अपनी पुरानी फ्रेंचाइजी में लौट आए, जहांं वो 2011 से 2013 तक कप्तान रहे थे और फिर 2014 से 2015 तक 2 सीजन के लिए टीम के मेंटॉर रहे. अब 9 साल बाद वो फिर से इस फ्रेंचाइजी में लौटे हैं

ऐसा रहा है द्रविड़ का कोचिंग करियर

राहुल द्रविड़ के कोचिंग करियर की बात करें तो इसकी शुरुआत राजस्थान रॉयल्स से ही हुई थी. यहां 2 सीजन तक मेंटॉर रहने के बाद 2015 में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स (दिल्ली कैपिटल्स) का दामन थामा था. यहां भी वो मेंटॉर की भूमिका में थे और इसी दौरान संजू सैमसन और ऋषभ पंत जैसे युवा सितारों की दिल्ली के जरिए आईपीएल में पहचान बनी थी. फिर 2017 में उन्होंने दिल्ली का साथ भी छोड़ दिया था क्योंकि बीसीसीआई ने उन्हें इंडिया-ए और अंडर-19 टीम का कोच बनाया था. इसी दौरान 2019 में बीसीसीआई ने उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी का डाइरेक्टर भी नियुक्त किया और इस दौरान भी वो दोनों जूनियर टीमों के कोच की भूमिका निभाते रहे. फिर नवंबर 2021 में उन्हें टीम इंडिया का कोच बनाया गया था.

दिलीप ट्रॉफी में मुशीर खान का कमाल, 181 रनों की पारी खेलकर तोड़ा बड़ा रिकॉर्ड

अगर किसी टीम के 7 विकेट 91 रनों पर गिर गए हों तो अकसर उसके हौसला पस्त हो जाता है, लेकिन अगर उस टीम में मुशीर खान हो तो घुटने टेकने का सवाल ही खड़ा नहीं होता. दिलीप ट्रॉफी में भी इंडिया-बी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. पहले दिन इंडिया बी की टीम ने 100 रन से पहले 7 विकेट गंवा दिए थे. यशस्वी जायसवाल,सरफराज और पंत जैसे बल्लेबाज पवेलियन की राह पकड़ चुके थे लेकिन फिर 19 साल के मुशीर खान ने कमाल ही कर दिया. मुशीर खान ने इंडिया-ए के खिलाफ शानदार शतक लगाया, उनके बल्ले से 181 रन निकले और इस खिलाड़ी ने नवदीप सैनी के साथ मिलकर बड़ा रिकॉर्ड भी तोड़ दिया.

मुशीर खान का कमाल

मुशीर खान ने दिलीप ट्रॉफी में इंडिया-ए के खिलाफ 373 गेंदों तक पिच पर खूंटा गाड़ा और उनके बल्ले से 5 छक्के और 16 चौके निकले. यहां इससे भी बड़ी बात ये है कि मुशीर ने नवदीप सैनी के साथ मिलकर 205 रनों की साझेदारी की जो कि दिलीप ट्रॉफी के इतिहास में 8वें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है. मुशीर और सैनी की इस साझेदारी के दम पर इंडिया-बी ने 321 रनों का अच्छा स्कोर खड़ा किया.

मुशीर की कामयाबी का फॉर्मूला

मुशीर खान से जब उनकी इस बड़ी पारियों के बारे में पूछा गया तो इस खिलाड़ी ने कहा कि उनके पिता ने उन्हें बड़ी पारियां खेलने की ट्रेनिंग दी है. मुशीर के मुताबिक उनका शतक 150 रनों से शुरू होता है. मुशीर ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें सिखाया है कि 150 रन पार होने के बाद ही वो अपने शॉट्स खुलकर खेल सकते हैं. मुशीर के लिए ये फॉर्मूला काम भी कर रहा है यही वजह है कि महज 19 की उम्र में ही ये खिलाड़ी कमाल दिखा रहा है.

कोलकाता नाइट राइडर्स को मिल सकता है नया मेंटर, कुमार संगाकारा संभालेंगे गौतम गंभीर की जगह!

शाहरुख खान की टीम ने पिछले साल गौतम गंभीर के मेंटॉरशिप में तीसरी बार आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की थी. ट्रॉफी जिताने के बाद गौतम गंभीर ने केकेआर का साथ छोड़कर टीम इंडिया के हेड कोच बन गए थे. तभी से फ्रेंचाइजी को उनके जैसे एक दिग्गज की तलाश थी, जो अब पूरी होती नजर आ रही है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक कुमार संगाकारा केकेआर में गंभीर की जगह ले सकते हैं. इसके लिए शाहरुख की टीम ने उनसे बातचीत शुरू कर दी है और अगले कुछ दिनों में इसका ऐलान भी हो सकता है.

राजस्थान रॉयल्स से तोड़ेंगे नाता

कुमार संगाकारा 2021 से ही राजस्थान रॉयल्स के साथ जुड़े हुए हैं. राजस्थान की फ्रेंचाइजी में वो डाईरेक्टर ऑफ क्रिकेट की भूमिका में थे, साथ ही हेड कोच की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे. हाल ही में राजस्थान ने राहुल द्रविड़ को अपना नया हेड कोच बनाया था. वहीं विक्रम राठौड़ को असिस्टेंट कोच बनाने पर मंथन जारी है. बता दें राजस्थान ने संगाकारा को दूसरी लीग में फ्रेंचाइजी की टीमों को संभालने की जिम्मेदारी दी थी. टेलीग्राफ ने सूत्रों के हावले से रिपोर्ट किया है कि संगाकारा ने अब फ्रेंचाइजी के साथ अपने रिश्ते को यही विराम देने का फैसला किया है.

कई टीमों से ऑफर

भारत के पूर्व क्रिकेटर चंद्रकांत पंडित आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स में हेड कोच की जिम्मेदारी संभालते हैं. वहीं भारत के पूर्व बॉलिंग कोच भरत अरुण के पास टीम के बॉलिंग कोच की जिम्मेदारी है. जबकि गौतम गंभीर, रेयान टेन डेश्काटे और अभिषेक नायर के जाने के बाद मेंटॉर, फील्डिंग कोच और बैटिंग कोच का पद खाली है. फिलहाल, शाहरुख की टीम अपने मेंटॉर की तलाश में है और उसने इसके लिए संगाकारा से बातचीत की है. वहीं दूसरी ओर संगाकारा को आईपीएल की कुछ अन्य टीमों से भी ऑफर मिला है. कुछ ही दिन में वो तय करेंगे कि उन्हें किस टीम को जॉइन करना है.

राजस्थान के लिए है बढ़िया रिकॉर्ड

कुमार संगाकारा इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. कुछ दिन पहले तक वो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के व्हाइट बॉल के हेड कोच बनने की रेस में भी शामिल थे. हालांकि, इंग्लैंड ने ब्रैंडन मैक्कुलम को इसके लिए चुन लिया है. इसके साथ ही संगाकार अब रेस से बाहर हो गए हैं. बात करें आईपीएल में संगाकारा के रिकॉर्ड की तो उन्होंने 2021 में राजस्थान को जॉइन करने के बाद से अच्छा काम किया था. उनकी निगरानी में टीम 2022 में फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थी. वहीं 2024 के सीजन में प्लेऑफ में क्वालिफाई किया था और तीसरे नंबर पर रही थी.

रवींद्र जडेजा ने भी थामा बीजेपी का हाथ,पत्नी रिवाबा ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा इस वक्त क्रिकेट मैदान से दूर हैं. गुरुवार 5 सितंबर से शुरू हुई दलीप ट्रॉफी से भी उन्होंने ब्रेक लिया हुआ है. वैसे तो ये वक्त वो अपने परिवार के साथ बिता रहे हैं लेकिन इस दौरान उन्होंने एक और बड़ा कदम उठाया है. पत्नी रिवाबा के बाद रवींद्र जडेजा ने भी राजनीति में उतर गए हैं. जडेजा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. गुजरात से बीजेपी विधायक रिवाबा ने खुद एक सोशल मीडिया पोस्ट से इसकी जानकारी दी.

पत्नी ने शेयर किया मेंबरशिप सर्टिफिकेट

गुजरात और केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इन दिनों पूरे देश में सदस्यता अभियान चला रही है और जडेजा ने भी इसी अभियान के तहत पार्टी जॉइन की है. रिवाबा ने ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट से इसका ऐलान किया. जहां उन्होंने अपनी मेंबरशिप को रिन्यू करवाया तो वहीं उनके पति और भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने पहली बार सदस्यता ली. रिवाबा ने दोनों के मेंबरशिप सर्टिफिकेट की तस्वीरें पोस्ट की. रवींद्र जडेजा इससे पहले 2022 में गुजरात चुनाव के दौरान अपनी पत्नी के लिए प्रचार भी किया था.

जडेजा ने जून में टीम इंडिया के टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था. इसके बाद से ही वो क्रिकेट एक्शन से दूर हैं. उन्हें पिछले महीने श्रीलंका दौरे पर खेली गई वनडे सीरीज में भी जगह नहीं मिली थी. वहीं गुरुवार से शुरू हुए दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट में उन्हें एक टीम में चुना गया था लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से एक हफ्ता पहले ही उन्होंने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया था. सेलेक्शन कमेटी ने भी उनकी इस रिक्वेस्ट को मानते हुए ब्रेक लेने की मंजूरी दी थी.

टेस्ट सीरीज से करेंगे वापसी

रवींद्र जडेजा अब इसी महीने शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से वापसी करेंगे. भारत और बांग्लादेश के बीच 19 सितंबर से दो टेस्ट मैच की सीरीज शुरू होगी, जिसमें जडेजा टीम का अहम हिस्सा होंगे. सिर्फ ये सीरीज ही नहीं, बल्कि उसके बाद होने वाली न्यूजीलैंड सीरीज में भी उनका बड़ा रोल होगा. जडेजा ने अभी तक 72 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उनके हिस्से 294 विकेट आए हैं, जबकि 3036 रन भी उनके बल्ले से निकले हैं.

क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने रचा इतिहास, 900 गोल दागकर बनाया रिकॉर्ड

नेशन लीग की शुरुआत हो गई है. 5 सिंतबर की देर रात पुर्तगाल और क्रोएशिया के बीच मुकाबला हुआ. इस मुकाबले में पुर्तगाल ने क्रोएशिया को 2-1 से हरा दिया. पुर्तगाल की इस जीत में कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो का अहम योगदान रहा. उनकी टीम पहले से ही 1-0 से आगे चल रही थी, तभी 34वें मिनट में उन्होंने एक और गोल दागकर बढ़त को मजबूत कर दिया. रोनाल्डो ने इस एक गोल से फुटबॉल के इतिहास में एक नया कीर्तिमान भी रचा. क्लब और अपने देश के लिए खेलते हुए रोनाल्डो ने अपने करियर का 900वां गोल दागा. ऐसा करने वाले वो दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए हैं.

900 गोल दागकर रोनाल्डो ने क्या कहा?

900 गोल दागने का कारनामा करने वाले रोनाल्डो ने इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड को अपने नाम करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया भी दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फुटबॉल के सफर का एक छोटा सा क्लिप शेयर किया. इस वीडियो को शेयर करते हुए रोनाल्डो ने सभी फैंस को शुक्रिया कहा. साथ ही कहा कि उन्होंने काफी समय से ये सपना देखा था, जो पूरा हो चुका है. अभी कुछ और सपने पूरे करने बाकी हैं. वहीं एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इस कीर्तिमान तक पहुंचने का वो काफी समय से इंतजार कर रहे थे. उन्हें पूरा भरोसा था कि वो इस नंबर तक पहुंच जाएंगे. ये माइलस्टोन काफी इमोशनल है.

दुनिया में सबसे ज्यादा गोल का रिकॉर्ड

फुटबॉल में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी लंबे समय से एक-दूसरे के राइवल रहे हैं. गोल दागने में दोनों ही खिलाड़ियों का कोई मुकाबला नहीं है. हालांकि, 39 साल के रोनाल्डो इस मामले मेसी से भी आगे हैं. फुटबॉल के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल दागने का रिकॉर्ड उनके ही नाम है. इंटरनेशनल और क्लब करियर में वो 900 गोल के साथ टॉप पर हैं. इतना ही इंटरनेशनल मुकाबलों में भी वो 131 गोल के साथ टॉप पर हैं.

2002 में रोनाल्डो के करियर की शुरुआत हुई थी. तब से अब तक उन्होंने 458 गोल रियल मेडरिड के लिए, 145 गोल मैनचेस्टर यूनाइटेड, 101 गोल जुवेंटस और 68 गोल अस नस्सर के लिए दागे हैं. उन्होंने 5 गोल स्पोर्टिंग लिस्बन के लिए किए हैं, जहां से उनके करियर की शुरुआत हुई थी. बता दें लियोनेल मेसी 859 गोल के साथ सबसे ज्यादा गोल दागने वाले दुनिया के दूसरे फुटबॉलर हैं.

बेंगलुरू में बनकर तैयार हुई नई NCA, पीएम मोदी 27 सितंबर को करेंगे उद्घाटन

देश में क्रिकेट को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड लगातार बड़े कदम उठा रहा है. इसी का अहम हिस्सा है नई नेशनल क्रिकेट एकेडमी, जिसके लिए भारतीय बोर्ड ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं और जल्द ही इसकी शुरुआत होने वाली है. बेंगलुरू में ही बनकर तैयार हुई इस एकेडमी का उद्घाटन इसी महीने किया जाएगा और अगर बीसीसीआई की योजना सफल हुई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नई NCA का उद्घाटन करेंगे. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 27 सितंबर को बोर्ड की ये नई एकेडमी शुरू होगी, जिसमें 3 बड़े स्टेडियम से लेकर कई प्रैक्टिस पिच और अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं.

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कुछ ही दिनों पहले ऐलान किया था कि नई क्रिकेट एकेडमी बनकर लगभग तैयार है और जल्द ही इसकी शुरुआत होगी. अब टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 27 सितंबर को होने वाली बीसीसीआई की एजीएम यानी वार्षिक बैठक के वक्त ही इसका उद्घाटन होगा. रिपोर्ट में बीसीसीआई के सूत्रों के हवाले से खुलासा किया गया है पीएम मोदी के ही इसके उद्घाटन करने की संभावना है. इस एकेडमी का निर्माण करीब 500 करोड़ रुपये में किया गया है.

2019 में शुरू हुई नई NCA की तैयारी

भारतीय बोर्ड की मौजूदा एकेडमी की शुरुआत 2000 के दशक में हुई थी और तब से ही ये एकेडमी बेंगलुरु के ही एम चिन्नास्वामी स्टेडियम से चलाई जा रही है. पिछले 20 साल से कई बार स्टेडियम से अलग एक नई और ज्यादा बड़ी एकेडमी बनाए जाने की चर्चा होती रही लेकिन कभी इस पर काम नहीं हो पाया था. फिर 2019 में बीसीसीआई का सचिव बनने के बाद जय शाह ने इसे अमली जामा पहनाया लेकिन कोविड के कारण इसका निर्माण वक्त पर शुरू नहीं हो पाया. फिर फरवरी 2022 में इसकी आधारशिला रखी गई थी. करीब ढाई साल के निर्माण कार्य के बाद एकेडमी तैयार है जो चिन्नास्वामी स्टेडियम से दूर होगी.

नई एकेडमी में क्या-क्या है खास?

अब सवाल ये है कि इस नई एकेडमी में क्या-क्या अलग और खास होगा? सबसे पहली बात- ये एकेडमी बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैली है. सैकड़ों एकड़ जमीन पर तैयार इस सेंटर में तीन बड़े क्रिकेट ग्राउंड हैं, जो इंटरनेशनल क्रिकेट के स्तर के होंगे. यानी जरूरत पड़ने पर यहां इंटरनेशनल क्रिकेट मैच हो सकते हैं. मैदानों के अलावा खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए भी पर्याप्त संसाधन इस एकेडमी में होंगे. बोर्ड ने यहां कुल 45 प्रैक्टिस पिच तैयार करवाई हैं, जिसमें एक ही वक्त में कई खिलाड़ी अभ्यास कर सकते हैं. सिर्फ संख्या के हिसाब से नहीं, बल्कि जरूरत के हिसाब से भी ये पिच अहम हैं. यहां ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की तेज उछाल-भरी परिस्थितियों के हिसाब से ही पिच तैयार की गई हैं.

इसके साथ ही यहां इन्डोर प्रैक्टिस फेसिलिटी भी है, ताकि बारिश की स्थिति में भी खिलाड़ियों की प्रैक्टिस में परेशानी न हो. इतना ही नहीं, यहां पर ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल भी तैयार किया गया है, जिसमें खिलाड़ी खुद को रिफ्रेश कर सकेंगे और रिहैबिलिटेशन में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा स्पोर्ट्स साइंस फेसिलिटी और मॉडर्न ट्रेनिंग की सुविधाएं हैं, जिससे इंजरी मैनेजमेंट में मदद मिलेगी. इतना ही नहीं, NCA में खिलाड़ियों के रहने के लिए अच्छी सुविधाओं वाले 70 कमरे भी तैयार किए गए हैं. कुल मिलाकर ये एकेडमी भारतीय क्रिकेट के भविष्य को बेहतर बनाने में मदद करेगी.