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आप भी ट्रेन के डिब्बे में खोल सकते हैं अपना रेस्टोरेंट,रेलवे ने शुरू कर दी है इस योजना पर काम

यदि आप कैटरिंग का कारोबार करना चाहते हैं तो यह आपके लिए अच्छी खबर हो सकती है. अब आप भी रेलवे के डिब्बों में अपना रेस्टोरेंट खोल सकते हैं. रेलवे ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इस योजना का शुभारंभ अभी छत्तीसगढ़ से होने जा रहा है. यदि योजना सफल रही तो देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के रेस्टोरेंट शुरू किए जा सकते हैं.

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह रेस्टोरेंट रेलवे परिसर में खड़े कंडम कोच में खोले जाएंगे. इस तरह के कोच अभी रायपुर और दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हैं. इन दोनों स्टेशनों पर खड़े कोच को रेस्टोरेंट खोलने के लिए ऐसी जगह पर लगाया जाएगा, जहां लोग आसानी से पहुंच सकें. इन सभी कोच में कुर्सियां इस तरह से लगाई जाएंगे, जिनसे लगेगा कि यह बर्थ हैं और यहां आने वाले लोगों को ट्रेन में बैठकर ही खाने पीने की अनुभूति हो सके.

यूनिक कांसेप्ट है कोच में रेस्टोरेंट

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इन कोच के एक हिस्से में रेलवे का इतिहास बताने वाली प्रदर्शनी और स्टॉल भी लगेंगे. इससे यहां आने वाले लोग रेलवे का इतिहास और इसकी प्रगति की कहानी आसानी से देख और समझ सकेंगे. रायपुर मंडल के सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार के मुताबिक कोच में रेस्टोरेंट का कांसेप्ट थोड़ा अलग है, लेकिन मजेदार है. फिलहाल यह कोच 10 साल की लीज पर दिए जाएंगे.

आप भी खोल सकते हैं अपना रेस्टोरेंट

इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा. इसके लिए वह सभी लोग आवेदन के पात्र होंगे, जो कैटरिंग के कारोबार में आगे बढ़ना चाहते हैं और कुछ नया करना चाहते हैं. वहीं इस तरह से शहर के लोगों को नहीं, बल्कि इन स्टेशनों से यात्रा शुरू करने वाले या यहां ट्रेन से उतरने वालों को भी अलग तरह के रेस्टोरेंट में बैठकर खाने का आनंद आएगा.

केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार विरोध प्रदर्शन में हुए शामिल, कहा 29 अगस्त से सात दिवसीय धरना करेंगे शुरू

कोलकाता में एक विरोध रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों पर कथित पुलिस कार्रवाई के विरोध में भाजपा द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के 'बंगाल बंद' के बीच 28 अगस्त को केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। भाजपा नेता ने कोलकाता के बागुईआटी में एक रैली में भाग लिया ।

मौके पर हेलमेट पहने पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। सुकांत मजूमदार, जो राज्य भाजपा अध्यक्ष भी हैं, ने संवाददाताओं से कहा कि वे कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद 29 अगस्त से सात दिवसीय धरना शुरू करेंगे।

" कोलकाता HC ने हमें सात दिवसीय धरना की अनुमति दी है। हम इसे कल से शुरू करेंगे...हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं

यहां कोई लोकतंत्र नहीं है, पुलिस गोलीबारी नहीं रोक सकती, लेकिन केवल भाजपा के विरोध को रोक सकती है। पुलिस भाजपा नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन आरोपियों को नहीं," उन्होंने संवाददाताओं से कहा।

इससे पहले आज, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के 'बंगाल बंद' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर बंगाल में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।

हम सभी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार - हत्या मामले में न्याय चाहते हैं। ममता बनर्जी भी न्याय चाहती हैं... मामला अब सीबीआई के हाथ में है... एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है... अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है

वे (भाजपा) यहां अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, कल उन्होंने पुलिस पर हमला किया और आज उन्होंने बंद बुलाया है... बंगाल में सब कुछ सामान्य है... पश्चिम बंगाल के लोगों ने भाजपा के बंद को खारिज कर दिया है,"

टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा। पश्चिम बंगाल में, भाजपा ने 'नबन्ना अभिजन' रैली में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोलकाता पुलिस द्वारा लाठीचार्ज, पानी की बौछारों और आंसू गैस के इस्तेमाल के बाद '12 घंटे का बंगाल बंद' बुलाया । 27 अगस्त को कोलकाता की सड़कों पर अराजकता फैल गई ।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार - हत्या मामले को लेकर बढ़ते विरोध के बीच,

पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय नबान्न की ओर मार्च कर रहे हावड़ा ब्रिज पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे, पानी की बौछारें कीं और लाठीचार्ज किया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या और कथित यौन उत्पीड़न ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया और देश के विभिन्न राज्यों में कई रैलियां निकाली गईं।

यूपी में बदले गए 8 रेलवे स्टेशनों के नाम, देखें पूरी लिस्ट

देश में किसी स्थान/ स्टेशन/ संस्था का नाम बदले जाने की प्रथा कोई नई नहीं है, ऐसा ही कुछ यूपी में भी देखने को मिला है. बता दें कि यूपी की सरकार ने अपने अब तक कई स्थानों के नाम बदले है. अब अमेठी जिले के कुछ रेलवे स्टेशन के नाम बदले गए है. हालांकि, यह फैसला यूपी सरकार ने नहीं बल्कि रेल मंत्रालय की ओर से लिया गया है.

8 रेलवे स्टेशनों के बदले गए नाम:

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले आठ रेलवे स्टेशनों के नामों को आधिकारिक रूप से बदल दिया गया है. यह परिवर्तन केंद्रीय रेल मंत्रालय ने मंगलवार को अधिसूचित किया.

उत्तर रेलवे की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, कासिमपुर हॉल्ट रेलवे स्टेशन को अब जायस सिटी रेलवे स्टेशन, जायस को गुरु गोरखनाथ धाम, मिसरौली को मां कालिकन धाम और बानी को स्वामी परमहंस के नाम से जाना जाएगा.

पूर्व सांसद स्मृति ईरानी ने की थी पहल:

पूर्व अमेठी लोकसभा सांसद स्मृति ईरानी ने फरवरी महीने में गृह मंत्रालय को नाम बदलने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मार्च में मंजूरी मिल गई थी. हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई, लेकिन अंततः मंगलवार को नाम बदलने का आदेश जारी कर दिया गया.

निहालगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम भी बदला:

अमेठी क्षेत्र में आने वाले मशहूर निहालगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी रेलवे स्टेशन कर दिया गया है. वहीं अकबरगंज का नाम बदलकर मां अहोरवा भवानी धाम, वारिसगंज का नाम अमर शहीद भाले सुल्तान और फुरसतगंज का नाम बदलकर तपेश्वरनाथ धाम कर दिया गया है.

किन स्टेशनों के बदले गए नाम:

लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले आठ रेलवे स्टेशनों के नए नामों की लिस्ट नीचे दी गयी है, जिसे आप देख सकते है-

कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज से पहले ही काफी विवादों में घिरी,सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

कंगना रनौत की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘इमरजेंसी’ (Emergency) रिलीज से पहले ही काफी विवादों में घिर गई है. फिल्म की रिलीज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दरअसल सिख समुदाय इस फिल्म के ट्रेलर के आने के बाद से इसके खिलाफ आब्जेक्शन उठा रहा है और इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर रहा है.

इन सबके बीच मंगलवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने कंगना समेत फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेजकर इस महीने की शुरुआत में रिलीज हुए ट्रेलर को हटाने के लिए कहा है.

एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने फिल्म पर आपत्ति जताई और खुलासा किया कि ‘इमरजेंसी’ पर बैन लगाने के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और सीबीएफसी के अध्यक्ष को अलग-अलग पत्र भी लिखे गए थे. उन्होंने रनौत पर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और दावा किया कि फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद कई ''सिख विरोधी दृश्य सामने आए थे.'

जीडीपीसी और अकाल तख्त ने भी जताई आपत्ति

वहीं पिछले हफ्ते, जीडीपीसी और अकाल तख्त ने फिल्म पर फौरन बैन लगाने की मांग की थी और दावा किया था कि यह सिखों के खिलाफ नेरेटिव बनाकर उनका "चरित्र हनन" करने की कोशिश करती है. एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को दौरान बताया था कि उन्होंने रानौत के खिलाफ एफआईआर की मांग की और फिल्म के खिलाफ आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसे कई उदाहरण हैं जब फिल्मों में समुदाय की गलत प्रस्तुति के कारण सिख भावनाएं आहत हुईं. फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए उन्होंने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को 'पक्षपातपूर्ण' बताया और सेंसर बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने का आग्रह किया था.

कंगना की फिल्म पर सिख समुदाय के कैरेक्टर असासिनेशन का आरोप

दूसरी ओर, अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) ज्ञानी रघबीर सिंह ने दावा किया कि फिल्म में "जानबूझकर अलगाववादियों के रूप में सिखों के चरित्र को गलत तरीके से दिखाया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है." उन्होंने तर्क दिया कि फिल्म समुदाय का "अपमान" करती है और कंगना पर सिखों का "जानबूझकर चरित्र हनन" करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “समुदाय जून 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता है और रानौत की फिल्म जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले के कैरेक्टर असासिनेशन करने की कोशिश कर रही है, जिसे श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कौमी शहीद (समुदाय का शहीद) घोषित किया गया है.”

इमरजेंसी’ कब होगी रिलीज?

कंगना रनौत ने 2021 में ‘इमरजेंसी’ की अनाउंसमेंट की थी. बाद में एक्ट्रेस ने क्लियर किया था कि भले ही यह एक पॉलिटिकल ड्रामा है, लेकिन यह इंदिरा गांधी की बायोपिक नहीं है. बता दें कि ‘इमरजेंसी’ में कंगना ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है. उन्होंने इस फिल्म का निर्देशन भी किया है. ‘इमरजेंसी’ में कंगना के अलावा अनुपम खेर, मिलिंद सोमन, महिमा चौधरी और श्रेयस तलपड़े भी अहम भूमिका में है. दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक भी भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम की भूमिका में नजर आएंगे. ये फिल्म 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.

राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे में किया गया बदलाव

राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा करने जा रहे हैं. वह सितंबर के पहले सप्ताह में अमेरिका यात्रा पर जाएंगे, जहां वे भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे. इस बीच विधानसभा चुनावों को देखते हुए राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे में बदलाव किया गया है और इसे 10 से 12 दिन छोटा कर दिया गया है. कांग्रेस नेता के 5 से 6 सितंबर की दरमियानी रात अमेरिका जाने का कार्यक्रम है.

अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी टेक्सास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे. उसके बाद वाशिंगटन डीसी में लॉ मेकर्स से तमाम मुलाकातें होंगी, बाकी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी विधानसभा चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगी और पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश करेंगी.

कांग्रेस महासचिव सितंबर के दूसरे हफ्ते से जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए कैंपेन का आगाज कर सकती हैं. प्रियंका चुनाव प्रचार की शुरुआत जम्मू कश्मीर से करेंगी और वह दोनों ही राज्यों में 5 से 7 रोड शो करेंगी. इसके अलावा 15 से ज्यादा चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगी. अकेले हरियाणा में प्रियंका गांधी एक दर्जन से ज्यादा रैलियां करेंगी.

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव

विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस से गठबंधन किया है, जबकि हरियाणा में उसने आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन की सभी अटकलों को खारिज करते हुए अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जम्मू-कश्मीर में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में वोटिंग करवाई जाएगी. वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें हैं और केंद्र शासित प्रदेश में 88.06 लाख मतदाता हैं.

हरियाणा में होगी चौतरफा लड़ाई

वहीं, 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, जिसके नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित होने की उम्मीद है. इस साल लोकसभा चुनावों में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी को केवल 0.87 प्रतिशत वोट मिले थे और उसका कोई भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका था. 2019 के विधानसभा चुनावों में हरियाणा में बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी और जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. जेजेपी ने 10 सीटों पर विजय पताका फहराई थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 31 सीटें गई थीं. इस साल की शुरुआत में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूट गया था. इस बार हरियाणा में बीजेपी, कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है.

ओडिशा के पुरी में भीषण आग लगने से 30 से ज्यादा घर जलकर राख,15 परिवार हुए बेघर,लाखों का हुआ नुकसान

ओडिशा के पुरी जिले के सत्यवादी ब्लॉक के अलिसा गांव में सोमवार देर रात भीषण आग लगने से 15 परिवारों के 30 से ज्यादा घर जलकर राख हो गए. इन घरों में रखे एक-एक सामान कुछ देर में आग की चपेट में आ गए. इस भयानक हादसे में लाखों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा. देखते ही देखते, आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और आसपास के दूसरे घरों को भी अपनी चपेट में ले लिया. इस हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस गया और आग की लपटों में तीन मवेशियों की जान चली गई.

इन घरों में आग की लपटों को उठता देख मौके पर अफरा-तफरी मच गई. अपने आशियाने को जलता हुआ देख सभी की चीखने चिल्लाने लगे. लोगों की जान को बचाने के लिए सभी को एक-एक करके वहां से लाया गया. बच्चे-बूढ़े युवा सभी को मौके से सुरक्षित बाहर निकाला गया. प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है. गांव में आग की लपटों को उठता देख गांववालों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी. आग को बढ़ता देख अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी गई. सूचना मिलने पर अग्निशमन सेवा कर्मी की सहायता से आग पर काबू पा लिया गया.

घर एक ऐसी पूंजी है, जिसे सभी बनाना चाहते हैं. सभी का सपना होता है कि उनका खुद का एक घर हो. सालों की जमा पूंजी के बाद एक-एक सामान को जुटाकर घर में रखने की कोशिश होती है, लेकिन अलिसा गांव में 30 से ज्यादा घर आग में जलकर खाक हो गए. इस घटना के बाद से हर कोई स्तब्ध है. 15 परिवारों में रहने वाले लोग अब बेघर हो गए. घर में रखे सारे सामान पूरी तरह से जलकर खाक हो गए. अलिसा गांव में इस आग से हुए विनाश ने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है. प्रशासन द्वारा घटना की जांच की जा रही है. फिलहाल इन घरों में आग लगने का असली कारण पता नहीं चल पाया है. घायल शख्स का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव,पहले चरण में 279 उम्मीदवारों ने किया अपना नामांकन पत्र दाखिल

जम्मू-कश्मीर के सात जिलों के 24 विधानसभा क्षेत्रों में 279 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, जहां 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होने जा रहा है. विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का 27 अगस्त आखिरी दिन था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के मुताबिक उन उम्मीदवारों के बारे में जानकारी दी गई है, जिन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है.

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में कुल 72 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है. इसके अलावा पुलवामा जिले में 55, डोडा जिले में 41, किश्तवाड़ जिले में 32, शोपियां जिले में 28, कुलगाम जिले में 28 जबकि रामबन जिले में 23 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. जम्मू संभाग में किश्तवाड़ जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 13 उम्मीदवारों ने, 48 इंद्रवाल विधानसभा क्षेत्र से 11 उम्मीदवारों ने और 49 किश्तवाड़ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किए गए हैं, जबकि 8 उम्मीदवारों ने 50 पड्डर-नागसेनी विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया है.

इतने लाख वोटर्स

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान 23.27 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जिनमें 11.76 लाख पुरुष वोटर और 11.51 लाख महिला वोटर और 60 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं, जो अपने चुनावी मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं. इनमें 5.66 लाख युवा वोटर्स भी मतदान के लिए पात्र हैं. पहले चरण के लिए अधिसूचना 20 अगस्त को जारी की गई थी और इस चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी 27 अगस्त 3:00 बजे तक थी.

नामांकन वपास लेने की तारीख

अब नामांकन पत्रों की जांच संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों की ओर से 28 अगस्त को की जाएगी. उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 30 अगस्त, 2024 को दोपहर 3:00 बजे तक रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में वापस ले सकते हैं. अब देखना होगा कि इस बार जम्मू-कश्मीर में सिक्का चलता है, क्योंकि जहां एक ओर बीजेपी इस बार वहां अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रही है, तो वहीं कांग्रेस ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिला लिया है.

गुजरात में भारी बारिश के कारण 636 सड़कों पर आवाजाही बंद,मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मूसलाधार बारिश ने गुजरात को हिलाकर रख दिया है. भारी बारिश से राज्य के ज्यादातर जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जगहों पर पावर सप्लाई ठप हो गई है. तो कुछ जगहों पर जलभराव की वजह से सड़कें बंद करनी पड़ी हैं. राजकोट के जसदण के कमलापुर गांव में तेज हवा और बारिश के चलते बिजली के 6 खंभे गिर गए हैं. इससे पूरा सूबा अंधेरे में डूब गया है. तेज हवाओं के चलते कई इलाकों में पेड़ गिरने की भी खबरें हैं. पिछले 48 घंटे से हो रही भारी बारिश के चलते पूरा राजकोट शहर मानो टापू बन गया है. 24 घंटों में 10 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है. आजी नदी का रौद्र रूप भी देखने को मिल रहा है. वहीं आणंद के खंभात में दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई है.

गुजरात में भारी बारिश से बड़े पैमाने पर सड़कें ध्वस्त हो गई हैं. लोगों का आना जाना बाधित हो गया है. आंकड़े के मुताबिक राज्य में भारी बारिश की वजह से 636 सड़कों पर आवाजाही बंद है. यहां तक कि 34 स्टेट हाईवे बंद कर दिए गए हैं. जिसमें खेड़ा 6, आणंद 2, कच्छ 1, वडोदरा 6, नर्मदा 1, पचमहल 4, भरूच 2, दाहोद 2, सूरत 1, वलसाड 1, राजकोट 1, मोरबी 4, सुरेंद्रनगर 3 सड़कें बंद हैं. वहीं पचायत की कुल 557 सड़कों पर आना जाना ठप है. 7 हजार से ज्यादा गांवों की बिजली प्रभावित हुई है.

कच्छ का समखियाली मालिया हाईवे भी बंद

भारी बरसात के चलते कच्छ का समखियाली मालिया हाईवे भी बंद कर दिया गया है. सुरक्षा को देखते हुए इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर डायवर्जन की व्यवस्था की गई है. मच्छू बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से यह फैसला लिया गया है. प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि कच्छ-अहमदाबाद जाने के लिए राधनपुर मार्ग को अपनाएं. उन रास्तों पर जाने से बचें, जिनको सुरक्षा के मद्देनजर बंद कर दिया गया है.

प्रशासन ने आम लोगों को दी हिदायत

इसके अलावा छोटाउदेपुर के पाविजेतपुर के शिहोद में पुल दो भागों में टूट गये हैं. भारज नदी में पानी का तेज बहाव आने से यह पुल टूट गया है. जानकारी के मुताबिक सुखी बांध से पानी छोड़े जाने से नदी का प्रवाह बढ़ा, नेशनल हाईवे-56 पर पुल के खंभे डूब गये. यहां तक कि पास में बना 2.39 करोड़ का डायवर्जन भी बह गया. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मौके का मुआयना करके लोगों को आवाजाही न करने की हिदायत दी है.

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

पिछले रविवार से ही हो रही तेज बारिश से गुजरात को फिलहाल राहत नहीं मिल पाई है. राज्य सरकार ने राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों को प्रभावित इलाकों से पीड़ित लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाने का निर्देश दिया है. लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक गुजरात के लिए अभी और भारी है. सौराष्ट्र कच्छ तटीय क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है.

हिमाचल प्रदेश में अब बेटियों की शादी की उम्र 18 नहीं बल्कि 21 साल से होगी

हिमाचल प्रदेश में अब बेटियों की शादी की उम्र 18 नहीं बल्कि 21 साल होगी. सरकार ने इसके लिए विधानसभा के मानसून सत्र में ‘हिमाचल प्रदेश बाल विवाह प्रतिषेध विधेयक-2024’पेश किया, जो बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. अब इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा.अभी तक प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है.

स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने बाल विवाह प्रतिषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक, 2024) पेश किया. प्रदेश में अभी लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. राज्य सरकार इसमें तीन साल की बढ़ोतरी कर रही है. इसके संशोधित ड्राफ्ट को राज्य मंत्रिमंडल ने 7 महीने पहले ही मंजूरी दे दी थी. मंगलवार को सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया.

विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है. हिमाचल प्रदेश में अपराध के लिए कोई स्थान नहीं है. सदन में सरकार सार्थक चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन विपक्ष इससे भाग रहा है. दिशाहीन विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है.

केंद्र सरकार ने कठिन समय में मदद नहीं की

उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में आपदा आई, हमारी सरकार ने तुरंत राहत और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके आपदा प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का काम किया. इसके विपरीत केंद्र सरकार ने इस कठिन समय में भी कोई मदद नहीं की. उनका यह भेदभावपूर्ण रवैया उनकी असंवेदनशीलता को दिखाता है.

सीएम ने कहा कि आपदा के कठिन समय में जब हर तरफ चुनौतियां थीं, हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों, युवाओं और छोटे बच्चों ने एकजुट होकर हमारा साथ दिया. हम उनके प्रति हृदय से कृतज्ञ हैं. यह एकता और समर्पण की भावना हमें और भी मजबूत बनाती है

देश भर में जन्माष्टमी पर हुआ इतना करोड़ रुपये का कारोबार

देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार सोमवार को बेहद धूम धाम से मनाया जा रहा है. देश भर के मंदिरों में सजावट हुई. साथ ही लोगों ने भी अपने घरों के मंदिरों एवं पूजा स्थलों को सुंदर तरीके से सजाया. जन्माष्टमी अपने साथ कारोबारियों के लिए खुशियां लेकर आई है. इस पर्व पर देश भर के बाजारों में करीब 25 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है.

शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपदा की अमावस्या के आठवें दिन मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.

कैट ने जारी किया त्योहार पर कारोबार का आंकड़ा

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री तथा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस महत्वपूर्ण त्यौहार पर फूल, फल, मिठाई, भगवान की पोशाक, शृंगार का सामान, व्रत की मिठाइयां, दूध-दही, माखन तथा ड्राई फ्रूट की बड़े पैमाने पर बिक्री हुई. जन्माष्टमी जैसे त्यौहार देश की इकोनॉमी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इनसे इकोनॉमी को मजबूत करने में मदद मिलती है.

देशभर में आयोजित किए गए अलग-अलग कार्यक्रम

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद उत्साह से मनाया गया. उत्तर एवं पश्चिम भारत में यह त्यौहार खूब उल्लास से मना. मंदिरों में आकर्षक सजावट की गई. लोगों में दर्शन करने का उल्लास अलग नजर आ रहा था. जन्माष्टमी का विशेष आकर्षण डिजिटल झांकियां, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फी प्वॉइंट और अन्य अनेक प्रकार की मनोरम झांकियां रहीं. भजन, धार्मिक नृत्य तथा संतों एवं महात्माओं के प्रवचनों का सिलसिला भी जारी रहा. सामाजिक संगठनों ने भी कई जगह जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया.