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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कुनकुरी विधानसभा के ग्रामीणों ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-   जशपुर जिले के ग्राम पंचायत तामासिंघा, बंदरचुआं और आश्रित ग्रामों के पंचों तथा ग्रामीणों के वार्षिक भ्रमण में अब एक नई जगह जुड़ गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह ग्राम बगिया के आसपास के गांवों से वार्षिक भ्रमण पर राजधानी रायपुर पहुंचे ग्रामीणों ने गांव लौटने से पूर्व यात्रा के अंतिम पड़ाव में मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से अपनी यात्रा के बारे में रोचक बातें साझा की। मुख्यमंत्री ने सभी का हालचाल जाना और बारिश, खेती-किसानी सहित गांव से जुड़ी ढेर सारी बातें की। इस मौके पर ग्राम तामासिंघा के सरपंच संकेत साय पैंकरा भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री साय सभी से बड़ी आत्मीयता से मिले। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस साल अच्छी बारिश हुई है और पैदावार भी अच्छी होगी। श्री साय ने कहा कि कुनकुरी और आसपास के क्षेत्रों में पानी की समस्या रहती है, इसके लिए सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं पर काम हो रहा है। आने वाले समय में सिंचाई के साथ अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को सामुदायिक भवन के स्वीकृति की जानकारी दी और बच्चों के खेलकूद के लिए जरूरी अधोसंरचना उपलब्ध कराने की बात कही।ग्रामीणों ने भी मुख्यमंत्री के सामने आत्मीयता से अपनी बातें रखी। यात्रा के बारे में बताया, गांव के बारे में जानकारी दी और कुछ समस्याएं भी रखीं। ग्रामीण अपनी बात उनसे ऐसे साझा कर रहे थे, मानों गांव के अपने किसी साथी को बता रहे हों।

ग्रामीणों ने बताया कि श्री साय शुरू से ही ऐसे है, वें कहीं भी रहें उनका अपने क्षेत्र और क्षेत्रवासियों से हमेशा ऐसा ही लगाव रहा है। सांसद रहते हुए भी क्षेत्र के विकास के लिए जुटे रहे और उनका यह स्वभाव आज भी नहीं बदला है। हमने उनका संघर्ष देखा है और आज जब वो प्रदेश के मुखिया है, यह बात हमें गौरव से भर देती है।गौरतलब है कि तामासिंघा और आसपास के ग्राम पंचायत के सभी पंच अपने परिजनों के साथ प्रतिवर्ष प्रदेश के विभिन्न इलाकों के भ्रमण पर निकलते है। इसी कड़ी में पंचों के प्रतिनिधिमंडल ने अपने परिजनों के साथ इस वर्ष मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़, राजधानी रायपुर के मंत्रालय, शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम, जंगल सफारी, राम मंदिर और पुरखौती मुक्तांगन का भ्रमण किया।

इस मौके पर सायनंदन राम, सुचिता लकड़ा, सचिव अनुराग तिवारी, लिवावती बाई सहित अन्य जनप्रतिनिधि और ग्रामीण जन उपस्थित थे।

8 माह में 170 नक्सलियों ने किया सरेंडर : बीजापुर में 25 खूंखार माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, साय सरकार की पुनर्वास नीति से हुए प्रभावित

बीजापुर-   राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और बीजापुर पुलिस के ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित होकर 25 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इसमें 8-8 लाख के ईनामी कंपनी नंबर 02 के 03 PLGA/पार्टी सदस्य, 03 लाख का ईनामी प्लाटून नम्बर 16 सेक्शन डिप्टी कमाण्डर, 01-01 लाख के ईनामी 02 माओवादी एलओएस सदस्य-सीएनएम अध्यक्ष सहित भैरमगढ़ एरिया कमेटी एवं गंगालूर एरिया कमेटी के माओवादी शामिल हैं. बता दें कि 2024 में अब तक 170 माओवादियों ने सरेंडर किया है.

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से अपना रास्ता बदलने की बात कही थी नहीं तो अंतिम प्रहार की चेतावनी दी थी. जल्द नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा करने की बात भी कही थी. इसका असर बस्तर में दिखने मिला है. माओवादियों की भेदभाव पूर्ण नीति, माओवादियों के जीवन शैली व विचारधारा से क्षुब्ध होकर एवं छग शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति एवं बीजापुर पुलिस की ओर से चलाए जा रहे “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर 25 नक्सलियों ने सरेंडर किया है.

सरेंडर किए माओवादियों को दिए गए 25-25 हजार रुपए

बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया, वर्ष 2024 में अब तक 170 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. वहीं विभिन्न माओवादी घटनाओं में शामिल 346 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन के लिए शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् 25000-25000 रुपए नगद प्रोत्साहन राशि दी गई.

राज्य सरकार ने निलंबित IPS सदानंद कुमार के खिलाफ जारी किया आरोप पत्र, कही ये बात…

रायपुर-    बलौदाबाजार हिंसा मामले में निलंबित IPS सदानंद कुमार के खिलाफ राज्य सरकार ने आरोप पत्र जारी किया है. सदानंद को दिए गए आरोप पत्र में कहा गया है कि निलंबित आईपीएस सदानंद कुमार 8 फरवरी 2024 से 12 जून 2024 तक पुलिस अधीक्षक जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के पद पर पदस्थ थे. इस दौरान उन्होंने जैतखाम तोड़फोड़ मामले में अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन किया है.

पत्र में कहा गया है कि 15-16 मई 2024 की दरमियानी रात गिरौदपुरी धाम के अमरगुफा में सतनामी समाज के आस्था के प्रतीक 3 जैतखाम को काटकर फेक दिए जाने और मंदिर के गेट को तोड़कर क्षतिग्रस्त किए जाने पर गिरौदपुरी चौकी में अपराध दर्ज किया गया था. इस मामले में उचित पर्यवेक्षण किए बिना एवं प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में न रखकर सभी बिंदुओं पर गहन विवेचना के बिना न्यायालय में 05 जून 2024 को अभियोग पत्र पेश किया जाना पाया गया. यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 3(2B) (xiii) का उल्लंघन है. सदानंद कुमार ने कर्तव्यनिष्ठ न रहने और सर्वोत्तम विवेक से कार्य न करने के कारण अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम-1968 के नियम 3(2B) (xiii) का उल्लंघन किया.

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें 15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे. इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी. जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठे हुए और हिंसक प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था. हिंसा के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बलौदाबाजार के कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया था. 

नवा रायपुर में चौक-चौराहों के नामकरण पर बोले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, ‘पिछली सरकार में जो नाम किए सो किए, अब आगे काम हमारा है’

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में नामकरण की राजनीति नई नहीं बहुत पुरानी है. सरकार बदलने के साथ ही योजनाओं से लेकर चौक-चौराहों, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों के नामकरण को लेकर सियासत होती रही है. सरकारें किसी की भी रही हो नामकरण को लेकर सियासी बवाल मचते रहा है. जैसे कि अब की बार भाजपा सरकार में पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार के साथ देखने को मिल रहा है.

दरअसल भाजपा सरकार ने नवा रायपुर के चौक-चौराहों के नामकरण के लिए एक समिति का गठन किया है. समिति की ओर सुझाए गए नामों पर सरकार चौक-चौराहों का नामकरण करेगी. लेकिन इसे लेकर विपक्ष की ओर से सवाल खड़ा किया गया है कि पुरखों के नामों के साथ खिलवाड़ न किया जाए. भाजपा की सरकार नामकरण की राजनीति न करें.

इस मामले में आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पीकर हाउस में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम में साहित्यकारों, इतिहासकारों और संस्कृतिकर्मियों के बीच कहा कि भाजपा नाम बदलने पर नहीं, काम करने पर विश्वास करती है. सभी को पता है कि भारत की सबसे बड़ी सुनियोजित सिटी बनाने काम डॉ. रमन सिंह की सरकार शुरू हुआ था. अब राज्य में फिर से भाजपा की सरकार है तो नवा रायपुर के विकास को लेकर फिर से तेजी से काम शुरु हो गया है, जो कि पिछली सरकार में नहीं हो सका था.

विपक्ष को लग रहा है कि नवा रायपुर के नामकरण को लेकर हम राजनीति कर रहे हैं, लेकिन हम राजनीति नहीं विकास करने पर विश्वास रखते हैं. पिछली सरकार में जिन चौक-चौराहों का नाम जो रखना था रखा गया होगा, उस पर मैं कुछ नहीं कहूँगा और न ही उसे लेकर हमारी आपत्ति है, जो नाम किए सो किए. लेकिन अब आगे काम हमारा है. नवा रायपुर में अभी बहुत काम बाकी है, और जो काम बाकी है उसे हमारी सरकार अवश्य पूरा करेगी.

हमारी सरकार लक्ष्य और विजन के साथ काम कर रही है. सरकार की कार्ययोजना में है कि छत्तीसगढ़ के अंदर नवा रायपुर की तरह ही 10 और व्यवस्थित शहर बनाएंगे. पुरखों मान बढाएंगे. छत्तीसगढ़ का गौरवशाली इतिहास बताएंगे. स्मृतियों को सहेंजेगे. धरोहरों को बचाएंगे. राजनीति नहीं करेंगे. विकास किया है, करते रहेंगे और आगे भी करके दिखाएंगे. और इसमें आप सबकी भागीदारी होगी. साहित्यकारों, इतिहासकारों, संस्कृतिकर्मियों, रंगकर्मियों, सबकी.

आशीष ठाकुर लिखित दस्तावेजी किताब ‘रायपुर’ का डॉ. रमन सिंह ने किया विमोचन
रायपुर-   स्पीकर हाउस में सोमवार को हरि ठाकुर स्मारक संस्थान की ओर से पुस्तक विमोचन का आयोजन किया गया. रायपुर नामक दस्तावेजी किताब का विमोचन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया. किताब का लेखन वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार आशीष ठाकुर ने किया है. विमोचन के मौके पर विशेष रूप से उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे. वहीं इतिहासकार, साहित्यकार, रंगकर्मी और पत्रकार भी बड़ी संख्या में शामिल हुए.

स्पीकर हाउस बनेगा साहित्य और संस्कृति का केंद्र – डॉ. रमन सिंह

डॉ. रमन सिंह ने किताब के लेखक को बधाई देते हुए कहा कि रायपुर नगर के इतिहास पर आशीष सिंह ने जी ने बड़ा काम किया है. रायपुर प्राचीनकाल से ही ऐतिहासिक नगर रहा है. रायपुर को अलग-अलग कालखंडों में कई नाम दिए गए. जैसे कभी इसे कंचनपुर, कभी कनकपुर कहा गया. इससे पता चलता है कि रायपुर की महत्ता सोने के समान रहा है. रायपुर को रयपुर भी कहा जाता रहा है. रय का अर्थ माता लक्ष्मी और पुर का अर्थ निवास होना भी बताया गया है. अर्थात वह स्थान जहां माता लक्ष्मी का निवास हो.

डॉ. रमन सिंह ने इस दौरान यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. इतिहास के पन्नों में रायपुर और राज्य का गौरवशाली पन्ना बिखरा हुआ है. इन पन्नों को सहेजने का काम हम सबकों मिलकर करना होगा. पौराणिक काल से लेकर वर्तमान तक के रायपुर को बताने और दिखाने का काम करना होगा. रायपुर के अंदर ढेरों ऐतिहासिक धरोहर और निशानियां हैं. रमन सिंह ने इस दौरान कल्चुरी राजवंश, किला, बूढ़ा तालाब, कलेक्ट्रेट बिल्डिंग और बाबूलाल टॉकिज से जुड़े हुए किस्सों के साथ ही उन्होंने 70 के दशक में रायपुर में हुई कॉलेज की पढ़ाई के दिनों को भी साझा किया.

डॉ. रमन सिंह ने इस दौरान यह घोषणा भी की स्पीकर हाउस को हम साहित्य और संस्कृति का केंद्र बनाएंगे. राज्य के साहित्यकार, लेखकर, संस्कृतिकर्मी अगर कोई साहित्यिक आयोजन, किताब का विमोचन कराना चाहते हैं तो वें स्पीकर हाउस में कार्यक्रम आयोजन कर सकते हैं. इसकी सुव्यवस्था हाउस के अंदर मौजूद सभागार में की जा रही है. आयोजन के लिए कम से कम सप्ताहभर पूर्व एक सूचना देनी होगी. मैं एक बेहतर आयोजन के लिए साहित्यकारों और लेखकों को आमंत्रित करता हूँ कि वें निरंतर इस दिशा में प्रसात करते रहें.

पुरखों की स्मृतियों को संजोने हम संकल्पबद्ध- विजय शर्मा

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आशीष भैय्या ने जो ऐतिहासिक दस्तावेज तैयार किया वह महत्वपूर्ण है. मैं इस किताब के लेखन के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूँ. मैं किताब को अभी पढ़ तो नहीं पाया हूँ, लेकिन पन्ने पलट ही रहा था कि मेरी नजर रायपुर लगर के सौ साल पुरानी एक इमारत पर पड़ी. इससे यह पता चलता है कि रायपुर नगर शताब्दी पूर्व कैसा रहा होगा. इसी तरह के प्रयास हम सबको मिलकर करना है. अतीत के पन्नों को पलटने से वर्तमान को भविष्य का ज्ञान हो सकता है. कहने का अर्थ है की नई पीढ़ी के समक्ष दस्तावेजी इतिहास को सामने लाते रहे. मैं यही कहना चाहूँगा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 15 साल तक जब डॉ. रमन सिंह की सरकार थी तब भी पुरखों की स्मृतियों को संजोने का काम हुआ और वर्तमान में आज फिर से भी बीजेपी की सरकार है तो मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि पुरखों की स्मृतियों को संरक्षित, संवर्धित करने हम संकल्पबद्ध हैं.

कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार डॉ. रामकुमार बेहार ने की. उन्होंने कहा कि आशीष ठाकुर जी ने रायपुर नामक इस किताब से छत्तीसगढ़ के कई ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र है. यह एक शोधपरक किताब है. वहीं इतिहासकार डॉ. एल.के. निगम ने कहा कि सरकारों को ऐसे किताबों का संदर्भ लेकर ऐतिहासिक स्मारकों, दस्तवेजों को संरक्षित करने का काम करना चाहिए. इतिहासकार डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र ने कहा कि रायपुर नगर इतिहास अत्यंत प्राचीन है. रायपुर के अंदर ही अभी कई स्थानों पर खुदाई करने से अतीत के कालखंड बाहर आने लगेंगे. रायपुर सदियों पूर्व से एक बड़ा व्यापारिक केंद्र भी रहा. संस्कृति विशेषज्ञ अशोक तिवारी ने कहा कि इस किताब में कई कालखंडों का उल्लेख है. मैं किताब के लेखक दस्तावेजी लेखन के लिए बधाई देता हूँ. इस बहाने यह भी कहूँगा कि किताब के लिए जरिए जिन ऐतिहासिक धरोहरों का जिक्र किया गया उसे संरक्षित करने का प्रयास होना चाहिए. क्योंकि इस रायपुर नगर से पहली सरकारी बिल्डिंग जो कि एक धरोहर था उसे हम खो चुके हैं.

विमोचन कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. सुशील त्रिवेदी, डॉ. सुधीर शर्मा, शकुंतला तरार, जागेश्व प्रसाद, रंगकर्मी अरविंद मिश्रा, राकेश तिवारी, कवि मीर अली मीर, सहित कई अन्य साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें.

सिरफिरे ने खेला खूनी खेल: युवक के सिर पर गमले से वार कर की हत्या, पुलिस ने किया गिरफ्तार

रायपुर-   राजधानी के रामनगर इलाके में एक पुराने विवाद के चलते एक युवक की हत्या हो गई है। वासु उर्फ सूरज सिन्हा की हत्या सिर पर गमला से वार कर की गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपी भोपू उर्फ भूपेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी और मृतक रामनगर इलाके में मजदूरी का काम करते थे। यह घटना रामनगर चौकी क्षेत्र की है।

जानकरी के मुताबिक आरोपी भोपू का मृतक वासु उर्फ सूरज सिन्हा के साथ किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। बीते 25 अगस्त की रात भी दोनों के बीच कहासुनी हुई थी, देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया की तैश में आकर भोपू ने वासु के सिर पर गमले से वार किया और मौके से फरार हो गया, इस दौरान वासु लहूलुहान हालत में सड़क पर गिर पड़ा और ज्यादा खून बह जाने की वजह से उसकी मौत हो गई।

मामले में पुलिस ने फरार आरोपी भोपू को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ में जुट गई है। पुलिस की पूछताछ के बाद ही हत्या की असल वजह सामने आएगी कि आखिर भोपू ने वासु की हत्या क्यों की।

नक्सलवाद खात्मे को लेकर प्राण और मन से जुटेगी प्रशासन : गृह मंत्री विजय शर्मा

रायपुर-    रायपुर में प्रदेश में बढ़ते अपराध के मामलों को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने महत्वपूर्ण बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सितंबर से पुलिस महकमे में एक बड़ी पहल की जाएगी. इसके तहत सभी रेंज के एसपी ऑफिस में बैठकें की जाएंगी, जिनमें एसपी और थानेदारों के की-परफॉरमेंस तय की जाएगी. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 2021 से 2023 तक के आंकड़ों की तुलना में 2024 के जनवरी से जून तक अपराधों की संख्या कम है, लेकिन यह संतुष्टि का विषय नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि कम अपराध भी सरकार और समाज के लिए चिंता का विषय हैं, और कठोरता से कार्रवाई की जाएगी.

नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्राण और मन से जुटेंगे: गृह मंत्री शर्मा

वहीं उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के अमित शाह के आगामी कुछ महीनों में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर दिये गए बयान को लेकर बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प बड़ा है. पिछले कुछ महीनों में अभियानों के तहत जवानों ने कमाल कर दिखाया है, सभी प्रशंसा के हकदार हैं. हम नक्सलवाद से देश और प्रदेश को मुक्त कराने के लिए प्राण और मन से जुटेंगे. उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में बस्तर के लोगों और गांव के विकास के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा.

सरेंडर पॉलिसी में जोड़ी जाएंगी और भी सुविधाएं

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की सरेंडर पॉलिसी को लेकर भी उपमुख्यमंत्री ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि सामाजिक विश्वास जीतने में समय लगता है, और जंगल से लौटने के बाद जीवन को व्यवस्थित करना कठिन होता है. इसलिए, सरेंडर पॉलिसी में और भी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, ताकि सरेंडर करने वाले लोग जीवन को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सकें.

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने यह भी बताया कि बस्तर के सरेंडर किए गए लोगों के साथ विशेष व्यवहार किया जाता है, जहां उन्हें सात दिन के अंदर गन पकड़ाकर गनमैन बनाया जा सकता है. बस्तर के लोग विश्वसनीय होते हैं और एक बार निर्णय लेने के बाद पीछे नहीं हटते. हालांकि, जंगलों में लंबा समय बिताने के बाद जीवन को फिर से व्यवस्थित करने में कठिनाइयां आती हैं, जिसके समाधान के लिए यह पहल की जा रही है.

चार आयामों पर हो रहा काम

नक्सलवाद खात्मे को लेकर उन्होंने बताया कि बस्तर में चार आयामों पर काम हो रहा है. 13 से 18 साल के बच्चों और जवानों को घर से उठाकर नक्सली बना दिया जाता है, इसके लिए भी गतिविधियां की जा रही है. पीड़ितों के लिए कुछ एनजीओ सामने आये हैं और सरकार की ओर से भी काम हो रहा है. सभी पर कार्य किया जा रहा है. बस्तर के लोग सुरक्षित और उनकी संस्कृति संरक्षित रहे, इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.

नवा रायपुर में नामकरण के लिए समिति पर सियासत, PCC चीफ बैज बाेले –

रायपुर-     नवा रायपुर में नामकरण को लेकर गठित समिति पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, सरकार सरकारी योजनाओं को बंद करने, नाम बदलने में टाइम पास कर रही. छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार नाम बदलने और काम को बंद करने के सिवा कुछ भी नहीं कर रही है.

कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू किए जाने को लेकर बैज ने कहा, कर्मचारी हित की बात करते रहे, अटल बिहारी की सरकार में ओल्ड पेंशन को बंद किया गया. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद ओल्ड पेंशन योजना लागू की गई. आज बढ़ते दबाव को देखते हुए ओल्ड पेंशन योजना को लागू किया गया. इसमें भी नाम बदल दिए, कोई नया चीज नहीं है.

नशे के खिलाफ सख्ती को लेकर अमित शाह ने बैठक ली, इस पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, अमित शाह को इतनी चिंता है तो शराबबंदी क्यों नहीं करते. शराब से बीजेपी के नेताओं को कमीशन जा रहा है. जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने का काम कर रहे हैं. अमित शाह का बयान छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह करने वाला है.

संगठन में युवाओं को मिलेगा मौका

कांग्रेस संगठन में बदलाव को लेकर दीपक बैज ने कहा, युवाओं को ज्यादा मौका मिलेगा. बड़े चेहरे मैदान में उतरेंगे, युवाओं से काम लेंगे. हम लोगों ने सरकार के खिलाफ मजबूती के साथ सड़क की लड़ाई लड़ने की शुरुआत कर दी है. जनहित के मुद्दे उठाना है इसलिए मजबूत कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है. बीजेपी संगठन खुद नहीं चला पा रहे हैं और कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं.

गौवंशों की रक्षा के लिए सरकार गंभीर नहीं

कटघोरा अंबिकापुर नेशनल हाईवे में गौवंश हादसे के शिकार हुए, इस पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, बीजेपी के नेता अपने आप को गौ रक्षक कहते हैं, ये असल में फर्जी है. लगातार गौ वंशों की दुर्घटनाओं में मौत हो रही. सरकार गंभीर नहीं है. विपक्ष में गौ वंश के नाम पर राजनीति की. अब सरकार आने पर भी रक्षा नहीं कर पा रहे. आवश्यकता होने पर कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ फिर से आंदोलन के लिए तैयार है.

सस्पेंस, थ्रिल और कॉमेडी से भरपूर छत्तीसगढ़ी फिल्म ए ददा रे, गांव में प्रचलित सत्य घटना पर है आधारित

रायपुर-     छत्तीसगढ़ी फिल्म हण्डा की सफलता के बाद एन. माही फिल्मस प्रोडक्शन के सफल निर्माता मोहित साहू की बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म ए ददा रे प्रदेश के सभी सिनेमाघरों में 30 अगस्त को एक साथ रीलीज होने जा रही है। सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म में हॉरर, संस्पेंस, थ्रिल और कॉमेडी का तड़का है। फिल्म के लेखक, निर्देशक आनन्द दास मानिकपुरी ने बताया कि आज से 40-45 साल पहले मेरी नानी और पिता ने अपने साथ घटित घटना को आपबीती में बताया था कि किस तरह उनका सामना अलग-अलग रूप से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल में प्रचलित मटिया और रक्सा से हुआ था, उस दौरान उनके मुंह से निकले भय स्वरूप शब्द थे ए ददा रे, जिसे इस्तेमाल करते हुए इस फिल्म का नाम ए ददा रे रखा गया। आनन्द दास ने बताया कि फिल्म का आरंभ ही इसी सत्य घटना के साथ किया गया है, गांव में प्रचलित चटिया-मटिया और रक्सा की संस्पेंस कहानी, गांव में अप्रत्याशित होने वाली घटना व कॉमेडी के घालमेल इस फिल्म को फूल मनोरंजक बनाता है। फिल्म के गीत चाँदी के गोला... समझ नई आये गोरी रे और टॉईटल सांग कर्ण प्रिय हैं, जो सोशल मीडिया में भी पहले से ही छाया हुआ है। फिल्म की कहानी ऐसे गांव की है, जहां भूत-प्रेतों का अफवाह है, जिसे हीरो अपने खोजबीन से दूर करता है और सच्चाई सबके सामने लाता है। फिल्म की खुबसूरत हीरोइन हेमा शुक्ला पर्दे पर निखर कर सामने आती है। आनन्द दास ने बताया कि यह फिल्म उन्होंने दो साल पहले ही लिख डाला था और अपनी पहली ब्लॉकबस्टर छत्तीसगढ़ी फिल्म सरई से पहले इसे बनाना चाहते थे परन्तु ऐसा हो ना सका, अब वे अपनी दूसरी फिल्म के रूप में ए ददा रे लेकर आ रहे हैं, जिसकी ज्यादातर शूटिंग बिलासपुर संभाग अंतर्गत रतनपुर, हरमोड़ी, नेवरा, लोरमी के पास झापल इत्यादि गांव में किया गया है।

नानी ने बताई थी मटिया की कहानी

छत्तीसगढ़ी फिल्म ए ददा रे के लेखक, निर्देशक व अभिनेता आनन्द दास मानिकपुरी ने बताया कि फिल्म ए ददा रे गांव में प्रचलित चटिया- मटिया और रक्सा जैसे भूतिया इंसीडेंट पर आधारित है, जिसे उन्होंने बचपन में अपनी नानी और पिता से सुना है। उन्होंने बताया था कि नानी ने एक बार उसे चटिया-मटिया की कहानी बताई थी, जो मेरे जेहन में बस गया, बाद में मैंने इसे कहानीबद्ध किया और आज अपने छत्तीसगढ़ के सुधि दर्शकों के लिए बतौर मनोरजंक फिल्म के तौर पर प्रस्तुत किया है।

शूटिंग के दौरान आती थी पायल की आवाज

आनन्द दास मानिकपुरी ने बताया कि शूटिंग के दौरान रतनपुर में किराये पर लिये घर से पायल बजने की आवाज आती थी। जिसे क्रु-मेम्बर्स ने गौर किया। बाद में आनन्द दास स्वयं घर में रूके और उसे भी दोपहर के समय पायल बजने की वही आवाज सुनी, जिसका उन्होंने खुलासा करने आवाज की दिशा पर गये तो वहां जाकर सभी भौचक्के रहे गए क्योंकि दरअसल वह पायल की नई एक पुराने सिलिंग फैन से आ रही थी, जिसकी आवाज ऐसी थी मानो पायल की आवाज हो।

इस फिल्म के मुख्य कलाकार

आनंद मानिकपुरी, हेमा शुक्ला, पिंकी साहू, विवेक चंद्रा, नवरंग यादव, मनोज यदु, अमनकांत, मुकेश यादव, नीतेश लहरी, विनोद उपाध्या मैडी, नायक, शशांक, मनीषा वर्मा, सत्तू बरेठ, संतोष राठौर, ज्ञानेन्द्र शुक्ला एवं अन्य।

मामूली विवाद को लेकर दो गुटों के बीच हिंसक झड़प, पुलिस छावनी में तब्दील हुआ पूरा इलाका

अंबिकापुर-    शहर के ईरानी मोहल्ले में बीती देर रात मामूली विवाद के चलते दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हो गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया।

तनाव को देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इस घटना से स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है।