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8वीं की छात्रा ने सुसाइड नोट लिख कर की आत्महत्या

सोनभद्र जिले के चोपन थाना क्षेत्र में एक नाबालिक लड़की ने आत्महत्या कर ली. 14 वर्षीय लड़की कक्षा आठ की छात्रा थी. आत्महत्या करने से कुछ समय पहले ही उसने अपने पापा से घूमने और आइसक्रीम खाने की जिद की थी. पापा को भी क्या पता था कि चंद समय के बाद उनकी बेटी इस दुनिया को अलविदा कह देगी. बेटी के इस कदम से परिवार सदमे में है. बेटी के स्कूल बैग से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने कुछ दर्द भरी बातें लिखी थीं. फिलहाल पुलिस इस घटना की जांच-पड़ताल में जुटी है.

मामला चोपन थाना क्षेत्र के प्रीत नगर का है. यहां बीते 16 अगस्त को कक्षा 8 की एक छात्रा ने अपने ही घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. इसकी जानकारी जैसे ही परिवार के सदस्यों को हुई तो हंगामा मच गया. आनन-फानन में परिवार के लोगों ने बेटी को पंखे से उतारा और अस्पताल लेकर गए, जहां स्थिति गंभीर देखते हुए वाराणसी ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई.

पापा के लिए बेटी ने क्या लिखा?

घटना के बाद परिवार ने किसी अनहोनी की आशंका को जताते हुए जब बेटी के स्कूल बैग को खंगाला तो स्कूल की कॉपी में परिवार को घटना से संबंधित कुछ जानकारियां मिलीं, जिसमे लिखा था कि, “पापा मैं इस दुनिया से जा रही, लेकिन आप के दिल से नहीं, आप मेरे बेस्ट पापा हो”… सुसाइड नोट में अपनी मां को बेस्ट मां और परिवार के सदस्यों के बारे में भी उसने बहुत कुछ लिखा था. साथ ही 2 अप्रैल से 25 अप्रैल 2024 के समय को उसने भयानक बताया है, जो कभी न भूलने वाली बात कही.

सुसाइड नोट में ग्रेवाल पार्क का भी जिक्र

छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी वॉलीबॉल की खिलाड़ी थी और वह घर के पास ग्रेवाल मेमोरियल पार्क में वॉलीबॉल खेलने जाती थी. पिता ने बताया कि बेटी डॉक्टर बनने की बात अक्सर परिवार में किया करती थी. बेटी के सुसाइड नोट में उस ग्रेवाल पार्क का भी जिक्र है, जहां वह खेलने जाया करती थी. उसने जिक्र करते हुए लिखा है कि मेरे इस घटना की जानकारी ग्रेवाल वालों को भी होनी चाहिए. आखिरकार ग्रेवाल पार्क में ऐसा क्या हुआ था, जो बेटी अपने परिवार को न बता सकी.

सीओ सिटी ने दी जानकारी

चोपन थाना क्षेत्र के प्रीत नगर निवासी पिता ने 19 अगस्त को पुलिस को तहरीर देकर जांच व कार्रवाई की मांग की. सीओ सिटी संजीव कटियार ने बताया कि प्रीत नगर निवासी एक छात्रा ने सुसाइड किया है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है. वहीं सुसाइड नोट को लेकर सीओ ने बताया कि सुसाइड नोट नहीं, उसमें कुछ कविताएं लिखी गई हैं. नोट में कोई ऐसी जानकारी नहीं है, जिससे घटना का जिक्र हो. फिलहाल परिजन अनहोनी को देखते हुए पुलिस को तहरीर देकर जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाले RRR के गाने ‘नाटु नाटु’ की, जिसकी शूटिंग लोकेशन पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी

20 दिन, 43 रीटेक, 110 मूव्स… यह कहानी है ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाले RRR के ‘नाटु नाटु’ की, जिसकी शूटिंग लोकेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे. यह वही महल है,

 जिसके सामने 1200 करोड़ कमाने वाली RRR के पॉपुलर गाने की शूटिंग हुई. बात है साल 2021 की, जब पूरी दुनिया कोरोना की मार झेल रही थी. उसी वक्त इंडियन सिनेमा के टॉप डायरेक्टर्स में से एक SS Rajamouli ने बड़ी तैयारी की. वो एक गाने की शूटिंग के लिए यूक्रेन पहुंच गए. वहीं, राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के आवास मरिंस्की पैलेस के सामने ‘नाटु नाटु’ का शूट किया गया

इस लोकेशन पर पीएम मोदी पहुंचे तो फिर यह चर्चा का विषय बन गया. यूं तो आप में से ज्यादातर लोग जानते होंगे कि ‘नाटु नाटु’ कहां फिल्माया गया है. पर इस गाने की बनने की पूरी कहानी क्या है? किसने इसकी शूटिंग के लिए परमिशन दी, आइए आपको बताते हैं.

लोकेशन पर शूटिंग की मंजूरी किसने दी?

साल 2022 में RRR ने सिनेमाघरों में दस्तक दी. देश-विदेशों में घूमकर फिल्म की शूटिंग हुई. कोविड के चलते पिक्चर में देरी हुई. पर ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाले गाने को यूक्रेन के मरिंस्की पैलेस, मेझीहिर्या पार्क और विक्टोरिया फिल्म स्टूडियो में फिल्माया गया था. इस दौरान राष्ट्रपति ऑफिस के ही मेंबर्स ने राजामौली की मदद की. मरिंस्की पैलेस में शूटिंग ऑर्गेनाइज की गई, जो लगभग दो हफ्ते तक चली थी. वहीं, मेयर विटाली क्लिट्स्को ने प्रेसिडेंट ऑफिस तक पहुंचने में टीम की हेल्प की. यह सब कुछ रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले हुआ था. ऐसे में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इसकी परमिशन दे दी. वो खुद एक टेलीविजन एक्टर रह चुके हैं. फिल्म में यूक्रेन के कई लोकेशन को दिखाया गया है. यह तो एक पड़ाव था. गाना बनने ही पूरी कहानी अब आपको बताते हैं.

नाटु नाटु’ बनने की पूरी कहानी

RRR के गाने ‘नाटु नाटु’ को MM Keeravani ने बनाया. गाना रिलीज हुआ तो भारत के साथ ही दुनियाभर में छा गया. राम चरण और जूनियर एनटीआर के डांस स्टेप्स इतने वायरल हुए कि बड़े-बड़े सुपरस्टार्स इन्हें री क्रिएट करते दिखे. गाने का क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था. दरअसल इसका कोरियोग्राफ प्रेम रक्षित ने किया था, जो खुद ऐसा रिस्पॉन्स देखकर शॉक्ड थे. पर इस गाने के बोल इतने जबरदस्त हैं कि आप खुद को थिरकने से रोक ही न पाए. गाने का पैर हिलाने वाला स्टेप अब आपको बेशक आसान लगता हो, पर था बेहद मुश्किल. कोरियोग्राफर प्रेम ने बताया था कि उन्होंने इसे कैसे बनाया?

साउथ के दो बड़े सुपरस्टार्स इस फिल्म में काम कर रहे थे. दोनों का अभिनय मिलकर फिल्म के लिए वरदान साबित हुआ. सब कुछ एकदम परफेक्ट था. पर एक गाने में दो सुपरस्टार्स को लेकर आना प्रेम रक्षित के लिए बड़ी चुनौती था. दरअसल दोनों का अपना स्टाइल था. एक साथ एनर्जी में ढालने के लिए दोनों के एक्सपीरियंस का इस्तेमाल किया गया

एस एस राजामौली के साथ लंबे वक्त से जुड़े हुए हैं. वो यह गाना लेकर प्रेम रक्षित के पास पहुंचे थे, तो वो काफी डर गए थे. वजह थी दोनों सुपरस्टार्स को साथ में परफॉर्म करवाना. एक प्रेशर उन पर शुरू से था कि कहीं गाने के किसी भी हिस्से में एक सुपरस्टार दूसरे से कम न दिखने लगे. ऐसे में दोनों को बराबर एनर्जी में दिखाना भी बहुत बड़ा टास्क साबित हुआ

शूटिंग का क्या टाइम होता था?

इस गाने पर काफी ध्यान दिया गया था. सुबह जल्दी की फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली जाती थी. शाम को 6 बजे के पास दोनों सुपरस्टार्स रिहर्सल के लिए पहुंचते थे. वहीं रात 9 बजे तक वो प्रैक्टिस करते थे. ‘नाटु नाटु’ गाने की शूटिंग करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. शायद यही वजह थी कि जूनियर एनटीआर ने गाने को टॉर्चर बताया था. फिल्म के आखिर चरण में इसका शूट हुआ था. जूनियर एनटीआर ने कहा था कि: 65 दिनों तक ‘टॉर्चर’ किया गया था. दोनों एक दूसरे को मार रहे थे. राजामौली चाहते थे कि सबकुछ रियल लगे इसलिए दोनों एक दूसरे से नफरत कर ले. 21वें और 22वें दिन पर यह फाइनल हुआ कि इसे कर लेना चाहिए. शुरुआत में सारे कॉम्प्लीकेटेड स्टेप्स निपटा लिए गए.

गाने में आपने भी देखा होगा एनर्जी के साथ सिंक्रोनाइज़ होना भी जरूरी था, जिसे परफेक्ट तरीके से फॉलो किया गया. एस एस राजामौली काफी टेंशन में थे. पर यह गाना जब आया तो छा गया.गाने को जो दो बड़े अवॉर्ड्स मिले हैं, उसमें गोल्डन ग्लोब्स और ऑस्कर शामिल है.

कोलकाता रेप केस: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की बढ़ी मुश्किलें,CBI करेगी जांच, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में आरोपों से घिरे आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर के सारे भ्रष्टाचार की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी. पूर्व डिप्टी सुपर अख्तर अली ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि आरजी कर में भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई करेगी. चूंकि आरजी कर में एक डॉक्टर की मौत की जांच सीबीआई कर रही है, इसलिए जांच उन्हें सौंप दी गई है. जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने शनिवार सुबह 10.30 बजे तक जांच दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर के सारे भ्रष्टाचार की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी है. आरजी कर के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली के मामले की जांच सीबीआई करेगी. शनिवार तक सारे दस्तावेज सौंपने की भी बात कही गई है. बता दें कि राज्य सरकार ने आरजी कर मामले की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया था, लेकिन अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच का जिम्मा भी सीबीआई को दे दिया. शुक्रवार को न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल या एसआईटी की जांच को खारिज कर दिया.

शनिवार सुबह CBI को दस्तावेज सौपने का आदेश

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसआईटी को शनिवार सुबह 10:30 बजे तक दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा गया है. सीबीआई को तीन हफ्ते बाद जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है.

पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने बुधवार को उच्च न्यायालय में मामला दायर कर आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के खिलाफ ईडी जांच का अनुरोध किया था. डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या में संदीप की भूमिका पर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं. अख्तर ने आरजी कर के पूर्व निदेशक पर विभिन्न मामलों में वित्तीय भ्रष्टाचार के साथ-साथ लाशों और बायो-मेडिकल कचरे की तस्करी, जबरन वसूली का आरोप लगाया था.

RG Kar में भ्रष्टाचार की जांच अब सीबीआई करेगी

उन्होंने आरोप लगाया था कि संदीप घोष डेड बॉडी की तस्करी करते थे और बायो मेडिकल कचरे की भी तस्करी में शामिल थे. वह अस्पताल से जुड़े कई मामलों में भ्रष्टाचार से जुड़े थे. उन्होंने इस मामले में पहले भी शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी. इसके बाद उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है.

हाई कोर्ट ने कहा कि रेप और हत्या के मामले की जांच के साथ-साथ अस्पताल के वित्तीय भ्रष्टाचार की भी जांच सीबीआई करेगी. बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई पहले से ही डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना की जांच कर रही है.

इंसान को किन लोगों को करना चाहिए दान,और कौन सी चीजें दान करने से मिलता है लाभ?जाने

जीवन जीना एक हुनर है. इंसान अपना जीवन कैसे जीता है इस बात से काफी फर्क पड़ता है. हर आदमी अपनी सक्षमता के हिसाब से जीवन जीता है. ऐसा माना जाता है कि इंसान को अपनी सामर्थ्य के अनुसार लोगों की मदद करनी चाहिए. ये इंसानियत का भाव है. चाणक्य नीति में भी दान को लेकर विस्तार से बताया गया है और इसकी काफी महत्ता बताई गई है. चाणक्य नीति में दान को इंसान के हाथों का श्रंगार माना गया है. साथ ही ये भी बताया गया है कि इंसान को किन लोगों को दान करना चाहिए और कौन सी ऐसी चीजें हैं जिन्हें दान किया जा सकता है

दान करना जरूरी

चाणक्य नीति में दान के बड़े मायने बताए गए हैं. उनके मुताबिक हर इंसान को अपनी क्षमता के हिसाब से दान करना चाहिए. दान करने से कभी भी पैसों की दिक्कत नहीं होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. दान करने में कभी भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए और नियमित रूप से दान करने की आदत डाल लेनी चाहिए.

किन्हें करना चाहिए दान?

दान हमेशा जरूरतमंद लोगों को ही देना चाहिए. किसी को भी दान नहीं कर देना चहिए. साथ ही उन लोगों को तो कभी भी दान नहीं करना चाहिए जो पैसों का दुरुपयोग करते हैं. इसके अलावा कभी भी लालच या स्वार्थ का भाव मन में रखते हुए दान नहीं करना चाहिए. मंदिर अथवा कई अलग संस्थाओं में भी अपनी श्रद्धा अनुसार दान किया जा सकता है.

क्या करना चाहिए दान?

दान करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि किस दिन क्या दान करना चाहिए. कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जिन्हें कभी भी दान नहीं करना चाहिए. दान में कभी भी स्टील के सामान नहीं देने चाहिए. इससे सुख-सम्पत्ति चली जाती है और कलह पैदा होती है. गौ दान, घी का दान, कपड़ा, तिल और गुढ़ का दान कर सकते हैं. दान के लिए ये चीजें काफी शुभ मानी गई हैं. हिंदू धर्म में गौ दान को सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है.

क्या दाढ़ी बढ़ाने शुभ होता है या अशुभ, इसे रखने से कौन सा ग्रह होता है खराब

हिंदू धर्म में दाढ़ी बढ़ाना शुभ नहीं माना जाता है. लेकिन आज के समय में अक्सर लोग इसे फैशन के तौर पर बढ़ाते हैं, लेकिन दाढ़ी रखना अशुभ माना जाता है

अगर विवाहित पुरुष दाढ़ी रखते हैं तो उनके दांपत्य जीवन या शादीशुदा लाइफ में विभिन्न प्रकार की मुश्किलें आ सकती है और रिश्ते खराब हो सकते हैं.

दाढ़ी का संबंध शुक्र ग्रह से हैं. अगर आपका शुक्र ग्रह खराब स्थिति में है तो शादीशुदा लाइफ के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.

बालों का संबंध शुक्र और बुध ग्रह से हैं. कुंडली में शुक्र और बुध के कमजोर होने के कारण दूसरी समस्याएं भी इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण होती हैं.

जो लड़के या आदमी सादगी से प्रेरित होते हैं वो अक्सर दाढ़ी नहीं बढ़ाते और जिंदगी में जाते हैं और तरक्की करते हैं.

प्राचीन ग्रंथ रावण संहिता के अनुसार शरीर पर अनचाहे बालों का बढ़ना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है. इसीलिए समय रहते हैं पुरुषों को दाढ़ी रोज बनानी चाहिए.

राहुल गांधी को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दिया बड़ा बयान,कहा अनुच्छेद 370 को बहाल करना चाहते हैं

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करना चाहते हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि इस कदम को देश स्वीकार नहीं करेगा.

केंद्रीय कपड़ा मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब लोकसभा में विपक्ष के नेता जम्मू कश्मीर दौरे पर हैं. जहां कांग्रेस नेता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की प्राथमिकता है. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य जम्मू कश्मीर के साथ-साथ लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार वापस दिलाना है.

‘कांग्रेस नेता तब से थके हुए लग रहे हैं जब से…,’

केंद्र सरकार ने साल 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था. और तत्कालीन राज्य को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. कपड़ा मंत्री सिंह ने यहां दिल्ली हाट में ‘शिल्प दीदी महोत्सव’ से इतर पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह बात कही है.

उन्होंने कहा, ‘यह राहुल गांधी के दिमाग में है. वह कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा.’ इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता तब से थके हुए लग रहे हैं. जब से उनसे उनके ‘धर्म और जाति’ के बारे में पूछा गया है.

अनुच्छेद 370 पर रुख स्पष्ट करे कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है, लेकिन उसने विशेष दर्जे को रद्द किए जाने के मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है. बीजेपी महासचिव और जेके में पार्टी प्रभारी तरुण चुघ ने भी राहुल गांधी के जम्मू कश्मीर दौरे पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस नेता से अनुच्छेद 370 और 35ए पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने को कहा था.

त्रिपुरा में बारिश ने मचाई तबाही,22 लोगों की मौत,17 लाख लोग प्रभावित

त्रिपुरा में पिछले कुछ दिन में हुई भारी बारिश के कारण कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए. अधिकारी ने बताया कि राज्य में 65,400 लोगों ने 450 राहत शिविरों में शरण ली है, क्योंकि भारी बारिश के कारण उनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा कि सांतिरबाजार में अश्वनी त्रिपुरा पारा और देबीपुर में भूस्खलन के बाद दस लोग मलबे के नीचे दब गए. उन्होंने कहाकि मैं मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करता हूं. यह अपूरणीय क्षति है. राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को चार लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है.

राज्य में भारी बारिश से तबाही

इससे पहले राजस्व विभाग के सचिव बृजेश पांडेय ने बताया था कि राज्य में भारी बारिश के बाद 12 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है और दो लोग लापता हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट में भौतिक बुनियादी ढांचे और कृषि फसलों के साथ-साथ घरों और पशुओं को भी भारी नुकसान होने की बात कही गई है.

राज्य में करीब 17 लाख लोग प्रभावित

अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य में करीब 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बृजेश पांडेय ने कहा कि 2,032 स्थानों पर भूस्खलन की खबरें आईं, जिनमें से 1,789 स्थानों को साफ कर दिया गया है, जबकि अन्य स्थानों पर बहाली का काम जारी है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों में फंसे लोगों को निकालने के लिए दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं.

750 से ज्यादा लोगों को निकाला

असम राइफल्स ने बताया कि राज्य भर से 750 से अधिक लोगों को निकाला गया है. उन्होंने कहा कि असम राइफल्स की राइफल महिलाएं त्रिपुरा में राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व कर रही हैं. राज्य के विभिन्न भागों में चार बचाव टुकड़ियां उतारी गईं, जिनमें पूर्वी कंचनबाड़ी, कुमारघाट, उनाकोटी जिला, गोमती जिले का अमरपुर, बिशालगढ़, सिपाहीजाला और त्रिपुरा पश्चिम शामिल हैं.मौसम विभाग ने भी त्रिपुरा में कई स्थानों पर अत्यधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है.

कृष्ण जन्माष्टमी पर इस रंग के कपड़े पहनने से बाल गोपाल की बरसती है कृपा

श्रीकृष्ण का रंग, रूप बेहद ही मनमोहक था, श्यामवर्ण वाले कान्हा की एक झलक पाने के लिए गोपियां कई तरह के जतन करती थी. श्रीकृष्ण को कुछ खास रंग बेहद प्रिय थे, कहते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी पर उन रंग के कपड़े पहनने से बाल गोपल की कृपा बरसती है.

श्रीकृष्ण को गुलाबी, लाल, पीला, मोरपंखी रंग बेहद प्रिय है. 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर इस रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है. मान्यता है कि मां यशोदा भी कान्हा को ज्यादातर इन्हीं रंगों के कपड़े पहनाती थीं.

बाल गोपाल को गोपी चंदन बेहद प्रिय है, जन्माष्टमी पर पूजा में तो इसका इस्तेमाल करें साथ ही स्वंय भी गोपिका चंदन से तिलक करें. इससे मानसिक तनाव दूर होता है.

जन्माष्टमी के दिन रातरानी के फूलों का इत्र लगाना अच्छा माना जाता है. कहते हैं श्रीकृष्ण के शरीर से भी मादक गंध आती थी. ग्रंथों के अनुसार कान्हा के शरीर से अष्टगंध की सुगंध आती थी. इस खुशबू से वह जल्द प्रसन्न होते हैं.

जन्माष्टमी के अवसर पर कान्हा जी को बांसुरी प्रिय है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में बांसुरी रखने से सुख और समृद्धि का आगमन होता है.

कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन कान्हा को उनकी प्रिय वस्तु अर्पित करने से व्यक्ति की समस्याओं का अंत होता है.

क्या आप जानते हैं सिगरेट पीने से होंठ में भी हो सकता है कैंसर,जाने लक्षण

दुनियाभर में हर साल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है. आपके आमतौर पर लंग्स, ब्रेस्ट, पेट के कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैंसर होठों पर भी होता है. इसको लिप कैंसर कहते हैं. हालांकि इसके मामले अन्य कैंसर की तुलना में कम आते हैं, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे लक्षण हैं जो होठों के कैंसर के हो सकते हैं. ऐसे में आपको होठों के कैंसर के बारे में जानना जरूरी है.

लिप कैंसर होठों की स्किन पर होता है. यह ऊपरी या निचले होंठ पर कहीं भी हो सकता है, लेकिन यह निचले होंठ पर सबसे आम है. होंठ का कैंसर एक प्रकार का मुंह (मुंह) का कैंसर माना जाता है. इसको स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कहते हैं. होठों के आसपास की सेल्स का असामान्य रूप से बढ़ने से यह कैंसर होता है.

कैसे होता है होंठ का कैंसर?

ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ विनीत तलवार बताते हैं कि सिगरेट, तंबाकू और धूप में अधिक रहने से होंठ का कैंसर हो सकता है. सिगरेट की वजह से होंठों का काला पड़ना भी इसका रिस्क फैक्टर है. फेयर स्किन वाले लोगों में और कमजोर इम्यूनिटी वालों में इसका रिस्क अधिक होता है. होंठ के कैंसर के उपचार में आमतौर पर कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है, कुछ मामलों में कीमोथेरेपी भी की जा सकती है.डॉ तलवार बताते हैं कि होंठ के कैंसर के मामले अन्य कैंसर की तुलना में कम आते हैं, हालांकि डॉक्टर इसको माउथ कैंसर की श्रेणी में ही रखते हैं

होंठ के कैंसर के लक्षण

होंठ का सफेद रंग का होना ( सफेद पैच)

आपके होंठ पर एक घाव जो ठीक नहीं हो रहा

होठों या मुंह के आसपास की त्वचा में दर्द या सुन्न होना

बचाव कैसे करें

तम्बाकू का सेवन बंद करें. यदि आप तंबाकू का सेवन करते हैं तो बंद कर दें.

तंबाकू का उपयोग हो चाहे सिगरेट इससे आपके होठों की सेल्स खतरनाक केमिकल के संपर्क में आती हैं, जो कैंसर का कारण बन सकती है.

तेज धूप में जाने से बचें

शरीर पर बना टैटू सरकारी नौकरी में खड़ी कर सकती है मुश्किलें

शरीर पर बना टैटू भी सरकारी नौकरी मिलने में मुश्किल खड़ी कर सकता है. हाल में एक ऐसा ही मामला चर्चा में आया. उत्तर प्रदेश के बागपत के 20 वर्षीय दीपक यादव को टैटू के कारण दिल्ली पुलिस भर्ती में रिजेक्ट कर दिया गया. दीपक ने इसके लिए बकायदा कानूनी लड़ाई लड़ी. अब दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है. फैसले में कहा गया है कि हल्के पड़ चुके टैटू के निशान के आधार पर उम्मीदवार को सरकारी नौकरी से रिजेक्ट नहीं किया जा सकता

जानिए सरकारी नौकरियों में टैटू क्यों बढ़ाता है रिजेक्शन, कौन-कौन सी नौकरियों में टैटू के कारण नहीं मिलती नौकरी, क्या है था हालिया मामला.

टैटू क्यों बढ़ाता है रिजेक्शन?

टैटू बनवाया है तो कोई भी सरकारी नौकरी के लिए रिजेक्ट कर दिया जाएगा, यह पूरी तरह से सच नहीं है. कुछ ऐसी जॉब प्रोफाइल हैं जहां पर टैटू को लेकर सख्ती है और कुछ में पाबंदियां हैं. टैटू के नाम पर उम्मीदवारों को रिजेक्ट क्यों कर दिया जाता है, अब इसे समझ लेते हैं. इसकी कई वजह बताई गई हैं.

माना जाता है कि टैटू कई तरह के रोगों जैसे एचआईवी, स्किन डिजीज, हेपेटाइटिस ए और बी को बढ़ावा दे सकता है. टैटू बनवाने वाले लोग अपने काम को गंभीरता से नहीं करते. सबसे बड़ा कारण यह बताया जाता है कि ऐसा नौकरियों में समानता दिखाने के लिए किया जाता है. वहीं, सेना में ऐसे उम्मीदवारों की भर्ती नहीं की जाती है जिनकी बॉडी पर बड़े टैटू होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि टैटू बनवाने से उस शख्स की पहचान आसानी से हो जाती है और सेना में सुरक्षा के लिहाज से ऐसा ठीक नहीं होता.

टैटू को लेकर क्या हैं नियम?

टैटू को लेकर कई बार मामले कोर्ट तक पहुंच चुके हैं. इसको लेकर फैसले भी आए. भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, जनजाति के प्रचलित रीति-रिवाजों और परंपराओं से जुड़े शख्स के शरीर में किसी भी हिस्से पर स्थायी टैटू पहनने की अनुमति है. हालांकि, अन्य लोगों के लिए केवल छोटे, सुरक्षित टैटू की अनुमति है. इसमें धार्मिक प्रतीक या किसी अपने प्रियजन का नाम नहीं होना चाहिए.

टैटू के ज्यादातर मामले सेना से जुड़ी भर्ती के रहे हैं, जहां इसको लेकर गाइडलाइन सख्ती से लागू की जाती है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय नौसेना, तटरक्षा और पुलिस विभाग में शामिल होने शख्स के शरीर के किसी बाहरी हिस्से में, कोहनी से कहलाई तक या हथेली के पिछले हिस्से में टैटू की अनुमति नहीं है. शरीर के अंदरूनी हिस्से में छोटे टैटू की अनुमति है. टैटू अभद्र, लैंगिकवादी या नस्लवादी नहीं होने चाहिए. आमतौर पर अगर टैटू आपत्तिजनक नहीं है तो भर्ती के कैंडिडेट को अयोग्य नहीं घोषित किया जा सकता.

टैटू के मामले जो कोर्ट तक पहुंचे

बागपत के दीपक ने साल 2023 में कर्मचारी चयन आयोग का विज्ञापन देखा, जिसमें दिल्ली पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती का जिक्र था. उन्होंने आवेदन किया. दिसम्बर 2023 में लिखित परीक्षा पास की. मेडिकल परीक्षा में फिटनेस टेस्ट के लिए दीपक के दाहिने हाथ पर बने मां के टैटू को मिटवाने की कोशिश की थी. फिटनेस टेस्ट में वो सफल रहे, लेकिन मिटाए हुए टैटू के कारण उन्हें अनफिट बता दिया गया. फिर मामला कोर्ट पहुंचा और दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया.

अब दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है. फैसले में कहा गया है कि हल्के पड़ चुके टैटू के निशान के आधार पर उम्मीदवार को सरकारी नौकरी से रिजेक्ट नहीं किया जा सकता.

ऐसा ही एक मामला दो साल पहले आया था. एक शख्स ने अपने दाहिने हाथ के पिछले हिस्से में धार्मिक टैटू बनवाया था. उसने CRPF, NIA समेत अन्य बलों में भर्ती के लिए परीक्षा दी तो उसे रिजेक्ट कर दिया गया. इसके बाद मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा.