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बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस की प्रेसवार्ता: निशाने पर गुरु बालदास और गुरु खुशवंत, पूर्व मंत्री डहरिया ने कहा –
रायपुर-   बलौदाबाजार हिंसा मामले में आज कांग्रेस की प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए गुरु बालदास पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा गुरु घासीदास सतनामी समाज के असली गुरु हैं. सभी बाबा गुरु घासीदास को मानते हैं. बाबा जी के वंश में पैदा होने से कोई गुरु नहीं हो जाते. समाज के 80 प्रतिशत लोग गुरु प्रथा को बंद करना चाहते हैं. सतनामी समाज एक है. ये गुरु अवसरवादी लोग हैं, कांग्रेस की सरकार में कांग्रेस की ओर थे, अब भाजपा में चले गए. उन्होंने कहा आगे कहा कि जो गुरु भाजपा में चले गए हैं, उनकी स्वीकारता अब नहीं रह गई है.

बता दें, कांग्रेस के पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू और शिव डहरिया ने मिलकर प्रेस वार्ता आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री डहरिया ने कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को साजिशन फंसाने का आरोप लगाया है. उन्होंने बीजेपी की अंग्रेजों से तुलना करते हुए कहा कि BJP सरकार ने जैसी कार्रवाई की, अंग्रेजों ने भी नहीं किया था.

उन्होंने आगे कहा कि BJP सरकार सतनामी समाज और  कांग्रेस को बदनाम करना चाहती है. अपनी नाकामी को छुपाने के लिए सरकार ने ऐसी कार्रवाई की. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी पूरी ताकत से षड्यंत्र खिलाफ लड़ेगी. सरकारी दमन से कांग्रेस डरने वाली नहीं. इस दौरान प्रेसवार्ता में विधायक इंद्र साव और एआईसीसी राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय भी रहे मौजूद.

पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि अमर गुफा में जैतखंभ को काटने का काम किया गया. तीन मजदूरों ने पूरी घटना को अंजाम दिया. सतनामी समाज के लोगों ने सीबीआई जांच की मांग की थी. प्रशासन ने जांच नहीं की. 3 घंटों तक प्रदर्शन चलता रहा. सरकार का इंटेलीजेंस फेल हो गया था. कलेक्ट्रेट सहित एसपी कार्यालय को जला दिया गया.

उन्होंने बीजेपी सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बलौदाबाजार मामले के लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है. कांग्रेस प्रतिनिधियों को जेल में डालने का काम किया गया. इस तरह की कार्रवाई कभी अंग्रेजों ने भी नहीं की थी. सरकार की साजिश को कांग्रेस बेकनाव करेगी. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सभी जिलों में प्रदर्शन करेगी. सरकार का आतंकी व दोहरा चेहरा है उसे बेनकाब करेंगे.

रिटायर्ड आईपीएस मुकेश गुप्ता और SP रजनेश सिंह को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, ACB ने पेश की क्लोजर रिपोर्ट
रायपुर- छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस सरकार में तत्कालीन डीजी आईपीएस (रिटायर्ड) मुकेश गुप्ता और आईपीएस रजनेश सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में सीजेएम कोर्ट ने एक क्लोज़र रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मामलों में लगाए गए आरोपों में कोई वास्तविक अपराध नहीं पाया गया. यानी जो आरोप लगाए गए वह अपराध हुए ही नहीं हैं.

गंभीर धाराओं में दर्ज किया गया था प्रकरण

भूपेश बघेल सरकार ने मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर अवैध इंटरसेप्शन का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था. इन मामलों में दोनों अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

बता दें, आरोपित व्यक्ति को कोर्ट में पेश किया जा सकता है यदि आरोप प्रमाणित होते हैं, यदि अपराध साबित होता है लेकिन साक्ष्य नहीं होते हैं तो केस समाप्त किया जाता है, और यदि अपराध नहीं हुआ है तो केस खारिज कर दिया जाता है. एसीबी और ईओडब्लू ने जांच के बाद यह सिफारिश की है कि आरोपित मामलों में अपराध नहीं हुआ और इसलिए केस खारिज किया गया है.

क्लोज़र रिपोर्ट की प्रमुख बातें

क्लोज़र रिपोर्ट में एसीबी ने कोर्ट को बताया कि बगैर अनुमति के इंटरसेप्शन का आरोप पूरी तरह निराधार है. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जो भी इंटरसेप्शन हुआ, वह कानूनी और वैध तरीके से किया गया था.

गवाहों पर दबाव का आरोप

राज्य सरकार की रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि एसीबी और ईओडब्लू के तत्कालीन निदेशक जीपी सिंह ने गवाहों पर दबाव डाला और धमकी दी. आरोप है कि उन्होंने गवाहों से बयान अपने मन मुताबिक कराए, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी.

अन्य कानूनी पहलू

रिपोर्ट के अनुसार, एसीबी ने जिन धाराओं में अपराध दर्ज किया, उन धाराओं में अपराध दर्ज करने का अधिकार ही नहीं था. कोर्ट को बताया गया है कि एसआईटी का गठन बिना कोर्ट की अनुमति के किया गया और इसका इस्तेमाल कोर्ट के आदेश की अवहेलना के रूप में किया गया.

एफआईआर का खारिज होना

क्लोज़र रिपोर्ट के साथ पेश किए गए पत्र में एसीबी ने अदालत से दोनों एफआईआर को खारिज करने की सिफारिश की है. इन एफआईआर के तहत मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे, जिसमें आरोप था कि इन्होंने अवैध तरीके से कॉल इंटरसेप्शन किया और इसके आधार पर कार्रवाई की.

रायगढ़ गैंगरेप को लेकर मंत्री ओपी चौधरी चिंतित, कहा-

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लॉक में हुए गैंगरेप मामले में वित्त मंत्री और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी का बयान सामने आया है. मंत्री ओपी चौधरी इस घटना को लेकर काफी चिंतित है और इसे बेहद दुर्भाग्यजनक बताया है. उन्होंने कहा कि, ‘पीड़िता की पहचान सार्वजनिक न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्री ओपी चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम लोग विशेष रूप से ध्यान रख रहे हैं कि पीड़िता की पहचान किसी भी स्थिति में सार्वजनिक ना हो. इसलिए हम लोग सीधा न मिलके इनडायरेक्टली प्रशासन-पुलिस के माध्यम से और सीधे तौर पर टेलीफोन पर बात कर रहे हैं और लगातार मामले पर कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी थी इसके 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और मामले में कार्रवाई करते हुए आठ में से सात आरोपियों को गिरफ्तार किया और जो एक आरोपी फरार था, आज पता चला है कि वह ओडिशा में मृत अवस्था में पाया गया है. इसके अलावा पीड़िता और उसके परिजन को आरोपी की ओर से किसी प्रकार का दबाव ना डाला जा सके इसके लिए पुलिस विशेष ध्यान दे रही है.

विशेष टीम की जाए गठित

मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि एसपी से विशेष रूप से चर्चा की है. इस घटना के लिए विशेष टीम गठित करके इन्वेस्टिगेशन कर जल्द से जल्द चालान प्रस्तुत करें. साथी ही पुलिस से कहा गया है कि कोर्ट में आवेदन दे की फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से मामले में सुनवाई हो. कानूनी तौर पर पीड़िता को जो सहायता राशि की फ़ास्ट इन्सटॉलमेंट दी गई है. साड़ी चीजों पर हमलोग नजर बनाए हुए हैं. मामले में एक भी आरोपी छूट न पाए और सब पर कठोर कार्रवाई हो इसके लिए लगातार पुलिस प्रशासन के माध्यम से हम लोग प्रयास कर रहे हैं.

कांग्रेस की जांच टीम से निवेदन

इसके साथ ही मंत्री ओपी चौधरी कांग्रेस की गठित की गई जांच टीम पर कहा कि मैं निवेदन करना चाहता हूं कि जो भी घटना है अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इसमें पीड़िता की पहचान किसी भी तरह से सार्वजनिक ना हो. यह कानूनी, नैतिकता और पीड़िता के भविष्य की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस तथ्य को रखते हुए वह कोई भी कार्रवाई करें, यह कांग्रेस से निवेदन है.

सीएम साय की पहल : 800 सरकारी स्कूलों में स्किल एजुकेशन शुरू, 1,600 शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण …

इस समझौते के तहत, पहले दो शैक्षणिक वर्षों में 800 सरकारी स्कूलों में स्किल एजुकेशन को लागू किया जाएगा. इस प्रक्रिया में 1,600 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे 40,000 छात्रों, जो कक्षा 6 से 10 तक के होंगे, को स्किल और जीवन कौशल शिक्षा प्रदान कर सकें. कार्यक्रम की शुरुआत कांकेर और कोंडागांव से होगी और इसे धीरे-धीरे राज्य के सभी 33 जिलों में फैलाया जाएगा.

मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के CEO, जयंत रस्तोगी, ने कहा कि स्किल एजुकेशन किशोरों के सशक्तिकरण और उनकी शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों के लिए मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने का भी निर्देश दिया है, जिससे उनकी सांस्कृतिक पहचान और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके.

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास, विशेषकर दुर्गम आदिवासी इलाकों के बच्चों के लिए, विकसित भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण क़दम है. स्कूली शिक्षा में स्किल एजुकेशन के नए अवसर देकर, यह कदम राज्य को सशक्त करेगा और देश के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा. युवा पीढ़ी नई तकनीकों और ज्ञान से लैस होकर भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होंगे.

भारत बंद के दौरान जबरदस्ती दुकानों को कराया बंद, पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों पर किया FIR दर्ज
सूरजपुर- ST-SC आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया था. इस दौरान सूरजपुर में प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों को जबरन बंद कराए और NH43 मार्ग को जाम कर दिया था. इस मामले में अब कोतवाली पुलिस ने 15 लोगो से ज्यादा पर एफआईआर दर्ज किया है.

दरअसल, दलित और आदिवासी संगठनों (SC-ST वर्ग) ने गर्त पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर भारत बंद का ऐलान किया था. इस दौरान पूरे देश में प्रदर्शनकारियों ने हो-हल्ला मचाया. तो वहीं सूरजपुर जिला मुख्यालय में नेशनल हाईवे 43 पर चक्काजाम किया गया और साथ ही दुकानों को जबरन बंद कराया गया. इसे लेकर आक्रोशित व्यापारियों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

बता दें नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग की है.


कोतवाली सूरजपुर थाना प्रभारी विमलेश दुबे

इस पूरे मामले में कोतवाली सूरजपुर थाना प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया कि 15 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

प्रदेश में मलेरिया और उल्टी दस्त के बढ़ते प्रकोप पर हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, मामले में अब अलग बेंच करेगी सुनवाई

बिलासपुर-    बिलासपुर और बस्तर में मलेरिया एवं रतनपुर क्षेत्र में उल्टी दस्त से मौत के साथ ही संक्रमण फैलने को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वतः संज्ञान में लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है. इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि अब इस मामले के लिए अलग बेंच निर्धारित की जा रही है, जिसमें सुनवाई होगी.

बता दें, कि जून का महीना मलेरिया माह घोषित होने के बावजूद शासन की ओर से बचाव के लिए कोई अभियान नहीं चलाने तथा बस्तर के बीजापुर आश्रम में रह रहे दो मासूम बच्चों की मौत, बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र में तेजी से मलेरिया फैलने व रतनपुर क्षेत्र में उल्टी दस्त के प्रकोप को लेकर मीडिया की खबरों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और मामले को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है. पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य सचिव, सचिव शिक्षा, सचिव स्वास्थ्य, बिलासपुर कलेक्टर, बीजापुर कलेक्टर, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य संचालक, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सहित 11 लोगों को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था.

केंद्रीय मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे पर गृह मंत्री विजय शर्मा का बयान, कहा-

रायपुर-  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आज छत्तीसगढ़ आगमन है. इसे लेकर डिप्टी सीएम व गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह प्रदेश में पूरी दृढ़ता और ताकत के साथ नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई और नक्सलियों के आत्म समर्पण के लिए उचित माहौल बनाने लॉ एंड ऑर्डर पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे. इसके अलावा प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी.

वहीं नक्सल प्रभावित बस्तर में विकास कार्यों को लेकर डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि बस्तर की जनता के लिए योजना अनुरूप सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. बोर से साफ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, राशन दुकान चल रहे हैं.

बस्तर के लोग विकास के रास्ते पर दौड़ना चाहते हैं: डिप्टी सीएम विजय शर्मा

उन्होंने कहा कि  बस्तर के गांव से होकर हम आये हैं, बस्तर की जनता का मन बदल गया है. अब सभी विकास की राह पर लौटना चाहते है. वहां के लोगों ने मुख्यमंत्री जी से नरेगा शुरू करने की मांग की है. गांव के लोग 1 एकड़ के पीछे 65 हजार धान बेचना चाहते है, अब बस्तर की जनता विकास के रास्ते पर सरपट दौड़ना चाहती है.

महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर डिप्टी सीएम शर्मा का बयान:

डिप्टी सीएम शर्मा ने बिलासपुर, सूरजपुर, रायगढ़ में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर कहा कि हर प्रकरण की गंभीरता से पुलिस जांच जारी है. रायगढ़ के विषय में तुरंत गिरफ्तारी हुई, एक व्यक्ति मृत पाया गया है. जांच अब भी जारी है.

उन्होंने आगे कहा कि घटनाओं की तुलना नहीं करनी कि चाहिए कितनी हुई है. छत्तीसगढ़ में फिर भी घटनायें कम है. मसला यह है कि ऐसा होना नहीं चाहिए. जनजागरण और पुलिस की मॉनिटरिंग की आवश्यकता है. अमित शाह जी लॉ एंड ऑर्डर की भी समीक्षा करने वाले है,  उनके दौरे के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग नये अभियानों के साथ दिखेगी.

महादेव सट्टा एप मामले की जांच को CBI को सौंपा जा रहा : डिप्टी सीएम शर्मा

महादेव सट्टा एप मामले को लेकर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि महादेव सट्टा के संदर्भ में जांच CBI को सौपा जाएगा. अनेक राज्यों का मसला है. कई दोषी देश के बाहर भी हैं. CBI स्पष्टता से इसकी जांच करेगी और सारी स्थितियां स्पष्ट होंगी, इसलिए जांच सौपने का निर्णय लिया गया है.

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर डिप्टी सीएम शर्मा का बयान:

वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के विधायक देवेंद्र यादव से मुलाकात के लिए छत्तीगसढ़ दौरे को लेकर डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा- जेल में मुलाकात एक सामान्य बात है. पुलिस की जांच जारी है, जांच में सभी चीजें स्पष्ट होगी. इन्होंने EOW और ईडी के प्रकरणों को क्वॉश करने के लिए 7 पेटिशन लगाये,  सातों पेटिशन खारिज हुए हैं और कोर्ट ने कहा है कि FIR को देखकर ये कहा नहीं जा सकता कि कुछ भी नहीं हुआ है. कोर्ट ने कहा है कि 2161 करोड़ का ऑर्गनाइज्ड क्राइम किया गया है. 70 लोगों का इसमें नाम है और इसकी जांच के लिए कोर्ट ने स्वयं निर्णय लिया है. उसके बाद सड़क पर तमाशे की आवश्यकता नहीं है.

पार्किंग का निजी और व्यावसायिक उपयोग करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई, निगम कमिश्नर ने 67 भवन मालिकों को जारी किया नोटिस

बिलासपुर- बिलासपुर नगर निगम ने पार्किंग सुविधाओं के निजी और व्यावसायिक उपयोग को लेकर 67 भवन मालिकों को नोटिस जारी किया है। निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर भवन शाखा ने यह नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि तीन दिन के भीतर पार्किंग को खाली कर उपयोग नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस मिलने के बाद भवन मालिकों में हड़कंप मच गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कई स्कूल, अस्पताल, कॉम्प्लेक्स और शोरूम बिना पार्किंग की व्यवस्था के चलाए जा रहे हैं, और पार्किंग क्षेत्रों को अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है।

नगर निगम की यह पहल शहर की सड़कों को व्यवस्थित करने और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए है। निगम ने शहर के उन 67 भवनों की पहचान की है, जो पार्किंग का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। अब इन भवनों को पार्किंग की स्थिति को सामान्य करने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार किया जा सके।

स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार

बिलासपुर-  प्रदेश के स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की भर्ती मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में कोई आदेश आता है, तो इसकी जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता दोबारा यहां आए, फिर मामले में सुनवाई की जाएगी.

बता दें कि स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती पर आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन की जनहित याचिका लगाई थी, मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. जिस पर हाईकोर्ट की डीविजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने कहा है. मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी.

आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है, कि प्रदेश के स्कूलों में राज्य सरकार स्पेशल एजुकेटर नियुक्त नहीं कर रही है. 60 हजार से ज्यादा विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में 2021 तक सिर्फ़ 888 विशेष शिक्षक ही थे. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में दो हजार से ज्यादा शिक्षकों की जरुरत है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया, कि यही मामला सुप्रीम कोर्ट दायर किया गया है. जिसमें सभी राज्य सरकारों को स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करने का निर्देश जारी किया था. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले देशभर के राज्य सरकारों को स्पेशल एजुकेटर टीचर्स रखने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब तक राज्य सरकार द्वारा स्पेशल टीचर्स की भर्ती नहीं की गई है. जिससे स्पेशल बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है.

ज्ञात हो, कि आरटीई एक्ट में प्रावधान है कि पहली से आठवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए 10 बच्चों के पीछे एक स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति होगी. जो कराएंंगे. वहीं कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक 15 बच्चों के पीछे एक स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति अनिवार्य है.

डॉ. पामभोई को संचालक महामारी नियंत्रक का प्रभार, आदेश जारी

रायपुर- राज्य सरकार ने स्वास्थ्य संचालनालय के संयुक्त संचालक डॉ. एसके पामभोई को संचालक महामारी नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. इसका आदेश आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर सचिव मुकेश चौहान ने जारी किया.

देखें आदेश-