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प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने निकले स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल, बंगले में बुलाई अधिकारियों की बैठक, लगेगी क्लास

रायपुर-    लगातार मिल रही शिकायतों के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने निकले. शिकायतों में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने और सफाई व्यवस्था की कमी की बात सामने आई थी।

मंत्री जायसवाल ने सबसे पहले मेकाहारा अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने मरीजों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना और सफाई व्यवस्था का जायजा लिया. सफाई में लापरवाही पाए जाने पर उन्होंने “कॉल मी सर्विस” सफाई कंपनी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. इसके बाद, स्वास्थ्य मंत्री दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जिला अस्पताल पंडरी, और प्रसव हॉस्पिटल काली बाड़ी का भी निरीक्षण करने निकले. इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में सफाई, सुरक्षा और मरीजों की सुविधाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान मंत्री जायसवाल ने सफाई, सुरक्षा, किचन खाना, ड्यूटी टाइमिंग को लेकर जानकारी ली. वहीं हॉस्टल में सुविधा बढ़ाने के लिए PWD के अधिकारियों को निर्देश दिए.

निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने अस्पतालों के संबंधित अधिकारियों को अपने बंगले पर बैठक के लिए बुलाया है. इस बैठक में मेकाहारा के अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज के डीन, हॉस्टल अधीक्षक, PWD के अधिकारी, और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे, जहां मंत्री अधिकारियों की क्लास लेंगे.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में तैनात स्टाफ की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है. हर जगह CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जहां नहीं है वहां लगाने के निर्देश दे रहे हैं. अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेना से रिटायर्ड जवानों को तैनात किया जाएगा और बंदूकधारी सुरक्षाकर्मियों को भी नियुक्त किया जाएगा.

न्यायाधीश की कार्यशैली पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए : चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि न्यायाधीश की कार्यशैली पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। यह सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि न्यायाधीशों का यह गुण फैसला सुनाते समय उनके आदेश और निर्णयों में भी परिलक्षित होने चाहिए। सीजे ने कहा कि ईमानदारी और निष्ठा को न्यायाधीशों के महत्वपूर्ण गुणों के रूप में सामने आता है। जिसे किसी के द्वारा सिखाया नहीं जा सकता बल्कि वह व्यक्तित्व में समाहित होता है। न्यायदान की प्रक्रिया में आप अपने व्यक्तित्व व विशेष गुणों का परिचय दें।

चीफ जस्टिस सिन्हा बुधवार को छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा नव-पदोन्नत जिला जज (प्रवेश स्तर) के ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम और नव-नियुक्त सिविल जज वर्ग- दो (प्रवेश स्तर) के इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन कर रहे थे। इस अवसर पर उपस्थित ज्यूडिशियल अफसरों को संबाेधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम इस प्रकार तैयार किया गया है जिससे न्यायाधीशों को कानूनों को व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त हो। चीफ जस्टिस सिन्हा ने न्यायाधीशों की भूमिका की महत्वपूर्णता पर जोर दिया, जो विधि का शासन बनाए रखने तथा सभी नागरिकों को न्याय प्राप्त हो सुनिश्चित करने के संबंध में निभाई जाती है। उन्होंने नव-पदोन्नत जिला जजों और नव- नियुक्त सिविल जजों को उनकी नवीन भूमिकाओं के लिए बधाई दी तथा न्यायपालिका में उनके पद के महत्व पर प्रकाश डाला।

महिला जजों को दी बधाई

महिलाओं की न्यायपालिका में बढ़ती भागीदारी को देखते हुए सीजे सिन्हा ने विशेष रूप से महिला न्यायिक अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक सकारात्मक और प्रगतिशील न्यायपालिका का सूचक है। यह तथ्य न्यायपालिका की समावेशिता, विविधता और लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। न्यायिक अधिकारियों को तकनीकी दक्षता हासिल करने और कानून के लगातार बदलते पहलुओं के साथ चलने के लिए निरंतर शिक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

जस्टिस संजय के, अग्रवाल ने न्यायाधीशों की नवीन भूमिकाओं के साथ जुड़े दायित्वों की गंभीरता पर बल दिया। उन्होंने नव-पदोन्नत और नव-नियुक्त न्यायाधीशों से हमेशा निष्पक्षता, ईमानदारी तथा सहानुभूति के साथ कर्तव्य निर्वहन करने पर जोर दिया। उनके द्वारा न्यायाधीशगण से यह भी अपेक्षा की गई कि वे निरंतर शिक्षा के मूल्यों को बनाये रखें। जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने न्यायिक आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया और न्यायाधीशों को न्याय के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को अडिग बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा उपस्थित थे।

जस्टिस संजय के, अग्रवाल ने न्यायाधीशों की नवीन भूमिकाओं के साथ जुड़े दायित्वों की गंभीरता पर बल दिया। उन्होंने नव-पदोन्नत और नव-नियुक्त न्यायाधीशों से हमेशा निष्पक्षता, ईमानदारी तथा सहानुभूति के साथ कर्तव्य निर्वहन करने पर जोर दिया। उनके द्वारा न्यायाधीशगण से यह भी अपेक्षा की गई कि वे निरंतर शिक्षा के मूल्यों को बनाये रखें। जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने न्यायिक आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया और न्यायाधीशों को न्याय के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को अडिग बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा उपस्थित थे।

इस पर रहा फोकस

- न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमः न्याय, ईमानदारी और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता

- नव-पदोन्नत और नव-नियुक्त न्यायाधीशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन

- न्यायपालिका की उत्कृष्टता न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

- न्यायिक अधिकारियों की नई यात्राः प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह

- न्यायपालिका में विविधता और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम

- न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन ईमानदारी, समावेशिता और उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता

सफलता की कहानी - पहाड़ी कोरवा छतकुंवर अब बन गई शिक्षिका

रायपुर-     विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा से ताल्लुक रखने वाली छतकुंवर की पहचान अब शिक्षिका के रूप में होगी। छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन कोरबा द्वारा छतकुंवर को सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी दे दी गई है। विशेष पिछड़ी जनजाति की होने के बावजूद छतकुंवर ने पोस्ट ग्रेजुएशन तक शिक्षा हासिल करने के साथ कम्प्यूटर में डिप्लोमा भी की है। छतकुंवर के उच्च शिक्षा हासिल करने के पीछे तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद की विशेष प्रेरणा रही है।

कोरबा में कलेक्टर रहने के दौरान पी. दयानंद एक बार दौरे में कोरबा ब्लॉक के आंछीमार गांव पहुंचे थे। इस दौरान गांव में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी पहाड़ी कोरवा जनजाति की छात्रा छतकुंवर से मुलाकात हुई थी। कलेक्टर ने छतकुंवर को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा था कि उसे नौकरी हासिल करने के लिए आगे की पढ़ाई पूरी करनी होगी।

पोस्ट ग्रेजुएट छतकुंवर आज सहायक शिक्षिका के रूप में करतला ब्लॉक के शासकीय माध्यमिक शाला नोनबिर्रा में अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रही है। विषम परिस्थिति में एक गरीब परिवार में पली-बढ़ी वह कहती है कि उन्हें खुशी है कि तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया था। उनकी प्रेरणा का ही परिणाम है कि वह पोस्ट ग्रेजुएट तक शिक्षा हासिल कर शिक्षक बन गई हैं।

छतकुवंर का कहना है कि पहाड़ी कोरवा समाज अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है। समाज के कुछ लोग ही शिक्षा हासिल कर पाये हैं। उन्हें नौकरी दिए जाने से जो पिछड़े हुए हैं उन्हें भी प्रेरणा मिल रही है। वे लोग भी पढ़ाई करने स्कूल जा रहे हैं। छतकुंवर चाहती है कि अन्य समाज की तरह उनके समाज के सभी लोग शिक्षा से जुड़ पाएं और एक सामान्य जीवनयापन कर सकें। छतकुंवर ने उन्हें और उनके समाज के बेरोजगारों को नौकरी से जोड़ने आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर विकास से जोड़ने के लिए शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया और बताया कि नौकरी मिलने के बाद घर की आर्थिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ी कोरवा समाज के अनेक घरों में आज भी जीवनयापन सामान्य नहीं है। गरीबी की वजह से ही वे पीछे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने शिक्षा से नाता जोड़ लिया, आज इसी का परिणाम है कि जिला प्रशासन ने उन्हें नौकरी देकर बहुत पिछड़े हुए समाज को अन्य समाज के साथ मुख्यधारा में लाने और बेहतर भविष्य बनाने की दिशा में कदम उठाया है। छतकुंवर बताती है कि उनके समाज में युवा ज्यादा पढ़ाई नहीं किये थे, इसलिए आठवीं पास सजातीय युवक से विवाह हो गया। इस बीच उन्हें 12वीं तक पढ़ाने में मदद की। अभी उनके पति की नौकरी भी भृत्य के पद पर लग गई है और परिवार खुश है।

जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता जरूरी : राज्यपाल रमेन डेका
रायपुर- राज्यपाल रमेन डेका ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर देते हुए पर्यावरण संवर्धन के लिए सभी से एक पेड़ लगाने का आह्वान किया है। राज्यपाल श्री डेका ने दुर्ग जिले में आयोजित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में उक्त आशय के विचार व्यक्त किए।

राज्यपाल ने जिले में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के अलावा सामाजिक हितों के लिए जिले में किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से इसका लाभ जन-जन तक पहुंचता है। उन्होंने अधिकारियों को दायित्वों का निर्वहन कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की भावना से करने कहा।

राज्यपाल श्री डेका ने अधिकारियों से एजेण्डावार 20 विषयों पर विचार-विमर्श किया। साथ ही इस पर प्रशासनिक अधिकारियों से सुझाव आमंत्रित किए। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिले की योजनाओं के संबंध में पॉवर पांइट प्रेसेन्टेशन दिया। बैठक में संभागायुक्त एस.एन. राठौर, पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

राज्यपाल रमेन डेका से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सपरिवार भेंट की
रायपुर-   राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सपरिवार सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय एवं परिजन उपस्थित थे।
विधायक देवेंद्र यादव को राखी बांधने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंची सैकड़ों महिलाएं, अनुमति नहीं मिलने पर किया चक्काजाम

रायपुर-    बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव को राखी बांधने आज भिलाई क्षेत्र से भारी संख्या में महिलाएं रायपुर के केंद्रीय जेल पहुंची और विधायक की कलाई पर राखी बांधने की मांग की. महिलाओं का कहना था कि वह हर साल विधायक देवेंद्र यादव को राखी बांधती है, लेकिन इस बार उनके सलाखों के पीछे रहने से वह अब तक रक्षाबंधन का पर्व नहीं माना सकी है. वहीं प्रशासन की अनुमति न होने से उन्हें केंद्रीय जेल के अंदर नहीं घुसने दिया गया है, जिसके बाद महिलाएं सड़क पर उतर आई.

सैकड़ों की संख्या में महिलाओं के सड़क पर उतरने से केंद्रीय जेल के सामने चक्काजाम की स्थिति बन गई. चक्काजाम के चलते केंद्रीय जेल के सामने भारी संख्या में गाड़ियां काफी समय तक खड़ी रही। एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी गाड़ियों को भी चक्काजाम का सामना करना पड़ा. महिलाओं का कहना था विधायक देवेंद्र यादव को झूठे आरोपों के तहत गिरफ़्तार किया गया है. यदि सरकार इतनी त्वरित कार्रवाई उन कोलकाता दुष्कर्म और हत्या जैसी घटनाओं पर करती तो आज देश महिलाओं के लिए सुरक्षित होता.

महिलाओं के इस हठ प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन को पुलिस बल का उपयोग करना पड़ा. कड़ी मशक़्क़त के बाद महिलाओं को सड़क से उठाकर किनारे किया गया. वहीं महिलाएं विधायक देवेंद्र यादव की कलई में राखी बांधने की मांग करती रही. अंत में सारी राखियों को जेल के सलाख़ों के पीछे देवेन्द्र यादव तक पहुंचने के अनुरोध के साथ महिलाओं ने अपना प्रदर्शन ख़त्म कर चक्काजाम समाप्त किया.

नया भारत उत्सव में युवाओं से सीधा संवाद करेंगे बृजमोहन अग्रवाल, मोदी सरकार के 10 वर्ष पूर्ण होने पर मनाया जा रहा है नया भारत उत्सव

रायपुर-    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 10 वर्ष पूर्ण होने पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल गुरुवार को नया भारत उत्सव में युवाओं से सीधा संवाद करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन एनआईटी रायपुर में किया जाएगा। इस अवसर पर भारत सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगायी जा रही है ।
नया भारत उत्सव के संयोजक दानसिंह देवांगन ने बताया कि मोदी के कार्यकाल के 10 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्र सरकार की योजनाओं से आम युवाओं को जोड़ने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है ।
इसके तहत रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सभी केंद्रीय शैक्षिक संस्थान एम्स, एनआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम, सिपेट समेत 100 कॉलेज में मोदी सरकार की योजनाओं पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं का सम्मान भी किया जाएगा।
विश्व आख्यान दिवस: छत्तीसगढ़ की लोक आख्यान परंपरा पर केन्द्रित कार्यक्रम 22 को

रायपुर-  दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा संचालनालय संस्कृति एवं राजभाषा, छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 अगस्त 2024 को 'विश्व आख्यान दिवस' के अवसर पर महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, घड़ी चौक, सिविल लाइन्स, रायपुर, छत्तीसगढ़ में सायं 6 बजे, छत्तीसगढ़ की लोक आख्यान परंपरा पर केन्द्रित कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ मे लोक कथा, आख्यान की समृध्द परंपरा है। इस परंपरा को विविध कला प्रकारों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। इस आयोजन में पंडवानी एवं भरथरी गायन इन लोक आख्यानों की प्रस्तुतियाँ दी जाएगी। इन लोक आख्यानों में रितु वर्मा एवं समूह द्वारा 'पंडवानी गायन, एवं किरन शर्मा एवं समूह द्वारा 'भरथरी गायन' प्रस्तुत किया जाएगा।

विश्व लोक आख्यान दिवस प्रतिवर्ष 22 अगस्त को मनाया जाता है। सन 1991 में इंटरनेशनल फोकलोर कमेटी द्वारा वैश्विक स्तर पर इसकी शुरुआत की गई थी। लोक-आख्यान परम्पराएँ, मानव जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। इस अमूर्त परंपरा में लोककथा, दंतकथाएं, गीत, नृत्य, एवं रीतियों का समावेश होता है, जो कि पीढ़ी दर पीढी हस्तांतरित होती है। हमारी लोक परम्पराएँ सम्पूर्ण विश्व में हमारी विशिष्ट पहचान हैं। आइये, लोक आख्यानों के आयोजन एवं सहभागिता के द्वारा हम अपनी विलुप्त होती सांस्कृतिक परम्पराओं को सहेजने एवं इस सम्पदा को अगली पीढ़ी तक हस्तांतरित करने का गौरव प्राप्त करें।

इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रहकर दर्शक इस आयोजन का आनंद उठायें ऐसा आवाहन दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर, के प्रभारी संचालक के. के. गोपालकृष्णन द्वारा किया गया है।

मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में लोगों की समस्याओं का हो रहा है समाधान, दिव्यांग अशोक को ट्राई सायकल और अर्जुन को मिला श्रवण यंत्र

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह ग्राम बगिया में संचालित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के माध्यम से पीड़ितों एवं जरूरतमंदों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है। आज मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय पहुंचे श्रवणबाधित अर्जुन राम यादव को श्रवण यंत्र और दिव्यांग अशोक दुबे को ट्राई सायकल प्रदान किया गया है। दोनों ने अपनी समस्या का तत्काल समाधान होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है।

गौरतलब है कि विष्णु देव साय की पहल पर उनके गृह ग्राम बगिया में आम लोगों की समस्याओं के सामाधान के लिए मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है। अंचल के लोग बड़ी उम्मीद के साथ यहां पहुंच रहे हैं। कैंप कार्यालय में लोगों की समस्याओं को न केवल गंभीरतापूर्वक सुना जाता है, बल्कि उसका त्वरित समाधान भी किया जाता है।

जशपुर जिले के ग्राम फरसाबहार, बरटोली निवासी 60 वर्षीय अर्जुन राम यादव पिछले 40 सालों से दोनों कानों से सुनाई नहीं देने की समस्या से पीड़ित थे। इससे उन्हें अपने दैनिक जीवन में काफी परेशानी होती थी। अपनी इस समस्या को लेकर वे मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया पहुंचे। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या को तत्काल संज्ञान लेते हुए श्रवण यंत्र प्रदान किया गया। श्रवण यंत्र मिलने से वे काफी प्रसन्न हैं उन्हें अब लोगों की बातें सुनाई देने लगी है।

इसी तरह कुनकुरी निवासी 62 वर्षीय दिव्यांग अशोक दुबे चलने-फिरने में असमर्थ थे। ट्राई सायकल की मांग को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप में आवेदन किया। कैंप कार्यालय द्वारा उन्हें ट्राई सायकल दे दी गई है। श्री दुबे ने ट्राई सायकल मिलने पर प्रसन्नता जताई और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।

अब पक्की सड़क पर फर्राटे भरेंगे कमार जनजाति के लोग, छुरा और गरियाबंद जाना-आना होगा आसान

रायपुर-    छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले में अकलवारा और कमारपारा के आस-पास के इलाकों में निवासरत कमार विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग पक्की सड़क के निर्माण से बेहद खुश हैं। अब उन्हें ब्लॉक मुख्यालय छुरा और जिला मुख्यालय गरियाबंद जाने-आने में होने वाली दिक्कतों से निजात मिल जाएगी। छुरा विकासखण्ड के गांव अकलवारा से कमारपारा तक का कच्चा कीचड़ युक्त मार्ग अब प्रधानमंत्री जनमन योजना से मिली स्वीकृति के चलते पक्की डामर सड़क में तब्दील हो रहा है। इस सड़क का निर्माण तेजी से जारी है। लगभग 1.125 किलोमीटर लंबी सड़क का जीएसबी कार्य और इसके मध्य तीन पुलियों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अकलवारा और कमारपारा का क्षेत्र विशेष पिछड़ी कमार जनजाति बाहुल्य है। पक्की सड़क न होने से इस इलाके में आवागमन एवं बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाना कठिन था। पक्की सड़क का निर्माण शुरू हो जाने से एम्बुलेंस, उज्ज्वला योजना के गैस की गाड़िया, मोबाइल मेडिकल यूनिट और मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की गाड़ियां यहां पहुंचने लगी हैं।

गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना और छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के समन्वय से राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, अबूझमाड़िया, बैगा, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा बाहुल्य इलाकों में बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, आवास, पीडीएस खाद्यान्न, बिजली, स्कूल, आंगनबाड़ी, सड़क-नाली आदि का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से पिछड़ी जनजातियों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों से जोड़कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अकलवारा से कमारपारा सड़क बन जाने से क्षेत्र के लगभग डेढ़ हजार लोगों को आवागमन के लिए बारहमासी पक्की सड़क की सुविधा मिल जाएगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में कमार जनजाति के 3,350 परिवार रहते हैं। इनकी आबादी 14,285 है। कम जनसंख्या, कम साक्षरता दर, कृषि की आदिम तकनीक और आर्थिक पिछड़ेपन के कारण कमार जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया गया है। कमार जनजाति का मुख्य भोजन चावल या कोदो का पन्ना, उबला चावल, बेलिया, अरहर, मूंग, पीली दाल, काला चना तथा मौसमी सब्जियां, मांस, जंगली साग आदि हैं। छत्तीसगढ़ में कमार जनजाति की सर्वाधिक जनसंख्या गरियाबंद, मैनपुर, छुरा, नगरी, मगरलोड,महासमुंद एवं बागबाहरा विकासखंडो के छोटे-छोटे ग्रामों में निवासरत हैं। कमार जनजाति के लोग अपनी उत्पत्ति मैनपुर विकासखंड के देव डोगर गांव से मानते हैं और कमारी भाषा और छत्तीसगढ़ी भाषा बोलते हैं।