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मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में लोगों की समस्याओं का हो रहा है समाधान, दिव्यांग अशोक को ट्राई सायकल और अर्जुन को मिला श्रवण यंत्र

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह ग्राम बगिया में संचालित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के माध्यम से पीड़ितों एवं जरूरतमंदों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है। आज मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय पहुंचे श्रवणबाधित अर्जुन राम यादव को श्रवण यंत्र और दिव्यांग अशोक दुबे को ट्राई सायकल प्रदान किया गया है। दोनों ने अपनी समस्या का तत्काल समाधान होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है।

गौरतलब है कि विष्णु देव साय की पहल पर उनके गृह ग्राम बगिया में आम लोगों की समस्याओं के सामाधान के लिए मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है। अंचल के लोग बड़ी उम्मीद के साथ यहां पहुंच रहे हैं। कैंप कार्यालय में लोगों की समस्याओं को न केवल गंभीरतापूर्वक सुना जाता है, बल्कि उसका त्वरित समाधान भी किया जाता है।

जशपुर जिले के ग्राम फरसाबहार, बरटोली निवासी 60 वर्षीय अर्जुन राम यादव पिछले 40 सालों से दोनों कानों से सुनाई नहीं देने की समस्या से पीड़ित थे। इससे उन्हें अपने दैनिक जीवन में काफी परेशानी होती थी। अपनी इस समस्या को लेकर वे मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया पहुंचे। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या को तत्काल संज्ञान लेते हुए श्रवण यंत्र प्रदान किया गया। श्रवण यंत्र मिलने से वे काफी प्रसन्न हैं उन्हें अब लोगों की बातें सुनाई देने लगी है।

इसी तरह कुनकुरी निवासी 62 वर्षीय दिव्यांग अशोक दुबे चलने-फिरने में असमर्थ थे। ट्राई सायकल की मांग को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप में आवेदन किया। कैंप कार्यालय द्वारा उन्हें ट्राई सायकल दे दी गई है। श्री दुबे ने ट्राई सायकल मिलने पर प्रसन्नता जताई और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।

अब पक्की सड़क पर फर्राटे भरेंगे कमार जनजाति के लोग, छुरा और गरियाबंद जाना-आना होगा आसान

रायपुर-    छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले में अकलवारा और कमारपारा के आस-पास के इलाकों में निवासरत कमार विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग पक्की सड़क के निर्माण से बेहद खुश हैं। अब उन्हें ब्लॉक मुख्यालय छुरा और जिला मुख्यालय गरियाबंद जाने-आने में होने वाली दिक्कतों से निजात मिल जाएगी। छुरा विकासखण्ड के गांव अकलवारा से कमारपारा तक का कच्चा कीचड़ युक्त मार्ग अब प्रधानमंत्री जनमन योजना से मिली स्वीकृति के चलते पक्की डामर सड़क में तब्दील हो रहा है। इस सड़क का निर्माण तेजी से जारी है। लगभग 1.125 किलोमीटर लंबी सड़क का जीएसबी कार्य और इसके मध्य तीन पुलियों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अकलवारा और कमारपारा का क्षेत्र विशेष पिछड़ी कमार जनजाति बाहुल्य है। पक्की सड़क न होने से इस इलाके में आवागमन एवं बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाना कठिन था। पक्की सड़क का निर्माण शुरू हो जाने से एम्बुलेंस, उज्ज्वला योजना के गैस की गाड़िया, मोबाइल मेडिकल यूनिट और मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की गाड़ियां यहां पहुंचने लगी हैं।

गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना और छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के समन्वय से राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, अबूझमाड़िया, बैगा, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा बाहुल्य इलाकों में बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, आवास, पीडीएस खाद्यान्न, बिजली, स्कूल, आंगनबाड़ी, सड़क-नाली आदि का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से पिछड़ी जनजातियों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों से जोड़कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अकलवारा से कमारपारा सड़क बन जाने से क्षेत्र के लगभग डेढ़ हजार लोगों को आवागमन के लिए बारहमासी पक्की सड़क की सुविधा मिल जाएगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में कमार जनजाति के 3,350 परिवार रहते हैं। इनकी आबादी 14,285 है। कम जनसंख्या, कम साक्षरता दर, कृषि की आदिम तकनीक और आर्थिक पिछड़ेपन के कारण कमार जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया गया है। कमार जनजाति का मुख्य भोजन चावल या कोदो का पन्ना, उबला चावल, बेलिया, अरहर, मूंग, पीली दाल, काला चना तथा मौसमी सब्जियां, मांस, जंगली साग आदि हैं। छत्तीसगढ़ में कमार जनजाति की सर्वाधिक जनसंख्या गरियाबंद, मैनपुर, छुरा, नगरी, मगरलोड,महासमुंद एवं बागबाहरा विकासखंडो के छोटे-छोटे ग्रामों में निवासरत हैं। कमार जनजाति के लोग अपनी उत्पत्ति मैनपुर विकासखंड के देव डोगर गांव से मानते हैं और कमारी भाषा और छत्तीसगढ़ी भाषा बोलते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ई-आफिस प्रणाली, स्वागतम पोर्टल और मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाईन पोर्टल का किया शुभारंभ

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और शासकीय काम-काज में पारदर्शिता लाने के लिए सभी क्षेत्रों में आईटी का व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल शुरू हो गया है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज तीन पोर्टलों ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल और स्वागतम पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पहल से सुशासन के साथ शासकीय कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार सरकारी काम-काज में अधिक से अधिक पारदर्शिता लाने के लिए अधिकाधिक क्षेत्रों में आईटी का उपयोग किया जा रहा है, ताकि भष्ट्राचार की गुंजाईश न रहे। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर ये तीनों ऑनलाईन पोर्टल तैयार किए गए हैं, जिसका शुभारंभ आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बटन दबाकर मुख्यमंत्री ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्य सचिव को सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के निर्देश देने संबंधी फाइल का डिजिटल अनुमोदन कर ई-ऑफिस प्रणाली का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि सुशासन के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ई-आफिस प्रणाली और स्वागतम पोर्टल का शुभारंभ राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस और सरकारी काम में पारदर्शिता के उद्देश्य से सभी विभागों में आईटी के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। डिजिटल गवर्नेंस को हर स्तर पर ले जाने के लिए हम काम कर रहे है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज हम लोगों ने सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता और आमजन की सुविधा के लिए एक साथ तीन-तीन ऑनलाइन प्रणाली का शुभारंभ किया है। तीनों पोर्टल का शुभारंभ प्रदेश में सुशासन स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा। ई-ऑफिस प्रणाली से फाइलों के निराकरण में अनावश्यक देरी नहीं होगी। गलती की गुंजाइश कम होगी। फाइल किस स्तर पर है, इसकी ट्रेकिंग हो सकेगी।

इसी तरह मंत्रालय में मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों और अधिकारियों से मिलने जो आंगतुक आते है, उनकी सुविधा के लिए स्वागतम पोर्टल भी शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सीएमओ पोर्टल के शुभारंभ की जानकारी देते हुए बताया कि इसके माध्यम से सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों, जनहितैषी फैसलों और काम-काज की जानकारी आम लोगों को मिलेगी।

गौरतलब है कि ई-ऑफिस प्रणाली शुरुआती चरण में सामान्य प्रशासन विभाग में लागू किया गया है, जिसे क्रमशः सभी विभागों में लागू किया जाएगा। ई-आफिस प्रणाली में आफिस के दस्तावेज डिजिटल किये जाएंगे। दस्तावेज को एक आफिस से दूसरे आफिस भेजे जाने पर काफी समय लगता था, यह समय अब बच जाएगा। इसके साथ ही दस्तावेज में हेरफेर किये जाने की गुंजाईश समाप्त हो जाएगी। दस्तावेजों के खोने या गायब होने की दिक्कत नहीं रहेगी। डिजिटल माध्यम में दस्तावेज अधिक सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब तय समय-सीमा पर फाइलों का निराकरण हो सकेगा। इससे अधिकारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग भी आसान हो सकेगी। ई-आफिस सिस्टम आने से आम जनता के लिए भी अपने आवेदनों के निराकरण की स्थिति जानने में आसानी होगी।

इसी प्रकार मंत्रालय में प्रवेश हेतु स्वागतम पोर्टल के माध्यम से आगंतुकों के प्रवेश की व्यवस्था आसान हो जाएगी। आगंतुकों से संबंधित विवरणों के संधारित हो जाने से मंत्रालय परिसर की सुरक्षा सुदृढ़ होगी। इसके साथ ही सीएमओ पोर्टल का भी आज शुभारंभ किया गया। सीएमओ पोर्टल के माध्यम से शासकीय योजनाओं की जानकारी एक क्लिक पर लोगों को मिल सकेगी। इस पोर्टल के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कला संस्कृति इतिहास और अन्य विशेषताओं के बारे में लोग जान पाएंगे। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों और उससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, विधायक मोतीलाल साहू, गजेंद्र यादव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, बसवराजू एस, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव राहुल भगत, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मुकेश बंसल, अन्बलगन पी. सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में पढ़ने वाले बच्चों पर रहेगी अब शासन की सीधी नजर, रायपुर में स्थापित हुआ विद्या समीक्षा केंद्र

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए राजधानी रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में राज्य में एक और बड़ी पहल की गई है, जिसमें स्कूलों के साथ उनमें पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के प्रदर्शन पर भी अब सीधी नजर रखी जाएगी। सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल एप्प का विकास तथा कॉल सेंटर के माध्यम से मॉनिटरिंग आई.आई.टी. भिलाई के सहयोग से किया जा रहा है।

स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की ऑनलाईन मॉनिटरिंग एवं आंकड़ों के विश्लेषण करने के लिए रायपुर स्थित पेंशन बाड़ा में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की गई है। इस केन्द्र के माध्यम से शासन की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू एवं मॉनिटरिंग करने में आसानी होगी। स्कूल और उनमें पढ़ने वाले एक-एक बच्चों के प्रदर्शन का रीयल टाइम ब्यौरा मुहैया कराएगा।

विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना से शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं से संबंधित जानकारी एवं सुविधाओं को विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षकों तक आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। शालाओं में मूलभूत संरचनाओं की उपलब्धता, मरम्मत, उपयोगिता आदि की सतत् मॉनिटरिंग की जायेगी ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए उचित एवं पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सके तथा बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके। इसके द्वारा शिक्षकों की पदस्थापना से सबंधित जानकारियों की भी मॉनिटरिंग की जा रही है।

विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत शिक्षकों का विवरण, यूडाइस डाटा, मध्यान्ह भोजन, शिक्षक प्रशिक्षण से सबंधित मॉनिटरिंग, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति, अधिकारियों के द्वारा शालाओं का निरीक्षण, विद्यार्थियों का मूल्यांकन आदि तथा केन्द्र सरकार से सबद्ध शैक्षिक योजनाओं की नियमित आनलाइन मानिटरिंग की जायेगी। योजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु साफ्टवेयर एवं एप्प भी तैयार किया जा रहे हैं। योजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु काल सेंटर स्थापित किया गया है। विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षकों की शैक्षिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिये एक टोल-फ्री नम्बर भी जारी किया जायेगा।

स्कूल में मूलभूत सुविधाएँ जैसे शाला भवन, शौचालय, विद्युत् व्यवस्था आदि उपलब्ध है अथवा नहीं है, के सबंध में एआई आधारित माड्यूल के उपयोग से जानकारी प्राप्त की जा रही है। प्राप्त जानकारियों की सूची के साथ की सहायता से स्कूलों का चिन्हांकन भी किया जा रहा है।

एआई के उपयोग से ही बच्चों को दी जाने वाली मध्यान्ह भोजन की जानकारी प्राप्त की जा रही है। एआई के माध्यम से ही मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत बच्चों को परोसी जानी वाली सामग्रियों की गुणवत्ता का विश्लेषण किया जायेगा जिससे बच्चों को पर्याप्त मात्रा में भोजन मिल रहा है कि नहीं इसकी जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी। एआई (Artificial Intelligence) के उपयोग से शिक्षकों के डाटा के विश्लेषण की सुविधा भी विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत तैयार की गई है। विषयवार शिक्षकों की जानकारी, अतिशेष शिक्षकों की जानकारी, एकल शिक्षकों की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी। भविष्य में एआई के उपयोग से विद्यार्थियों के अकादमिक आंकलन/मूल्यांकन का विश्लेषण किया जायेगा जिससे कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष फोकस किया जा सकेगा। शाला में उपलब्ध सुविधाएँ, शिक्षकों की जानकारी तथा विद्यार्थियों के अकादमिक गतिविधियों के आंकड़े के आधार पर एआई आधारित विश्लेषण किया जायेगा। प्राप्त जानकारी एवं विभिन्न पैरामीटर के आधार पर शालाओं की रैंकिंग की जाएगी।

ज्ञातव्य है कि एन.सी.ई.आर.टी. के द्वारा 12-13 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में विद्या समीक्षा केंद्र के सम्बन्ध में कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के नोडल आफिसर शामिल हुये थे। उक्त कार्यशाला में विद्या समीक्षा केंद्र छत्तीसगढ़ द्वारा विकसित एआई-मॉड्यूल की जीवंत प्रस्तुतीकरण किया गया जिसकी भारत शासन, शिक्षा मंत्रालय द्वारा सराहना की गई। छत्तीसगढ़ के एआई-मॉड्यूल को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष कार्य करने तथा अन्य राज्यों के साथ साझा करने के सम्बन्ध में भारत शासन से ई-मेल प्राप्त हुआ है। शीघ्र ही एआई-मॉड्यूल को विकसित रूप भारत शासन, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

डिप्टी CM अरुण साव की बड़ी घोषणा: 900 करोड़ की लागत से नगरीय निकायों में शहरी अधोसंरचना को किया जाएगा मजबूत
रायपुर- छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बुधवार को राज्य के सभी नगरीय निकायों के लिए 450 करोड़ रुपए की राशि जारी किये जाने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत अधोसंरचना विकास के लिए जल्द ही 450 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी। इस प्रकार, कुल 900 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश के नगरीय निकायों को शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने और नए विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने यह घोषणा आज पत्रकार वार्ता के दौरान की, इस दौरान उन्होंने जनसमस्या निवारण शिविर में प्राप्त मांगों और उसके निराकरण की स्थिति की जानकारी साझा की।

उप मुख्यमंत्री साव ने बताया कि नागरिकों की समस्याएं दूर करने और उनकी जरुरतों को समझाने के लिए प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में विगत 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा का आयोजन किया गया था। शहरी नागरिकों को इसका बेहतर प्रतिसाद मिला है। मैंने खुद कई जनसमस्या निवारण शिविरों में पहुंचकर व्यवस्थाएं देखी थीं और नागरिकों से मुलाकात की थी। मैंने सभी नगर निगमों के आयुक्तों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को लोगों की समस्याओं को यथासंभव मौके पर ही निराकृत करने के निर्देश दिए थे।

बता दें कि जनसमस्या निवारण पखवाड़े के दौरान प्रदेश भर में आयोजित शिविरों में करीब एक लाख 30 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 37 प्रतिशत यानि 48 हजार आवेदनों का निराकरण मौके पर ही कर दिया गया है। दूसरे विभागों से संबंधित आवेदनों को संबंधित विभागों को प्रेषित करने के बाद शेष आवेदनों का परीक्षण कर शीघ्र निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। लोगों की जरूरतों और मांगों से संबंधित निर्माण कार्य से जुड़े कार्य बारिश की वजह से नहीं हो पाए हैं। बरसात के बाद ये कार्य तेजी से पूर्ण किए जाएंगे। शहरों में आयोजित जनसमस्या निवारण पखवाड़ा की यह बड़ी सफलता होगी।

जनसमस्या निवारण पखवाड़े के दौरान प्राप्त आवेदनों की स्थिति

प्रधानमंत्री आवास योजना: 17,512 आवेदनों में से 1,181 का त्वरित समाधान किया गया। शिविर स्थल पर ही नए आवास की स्वीकृति, त्रुटियों का निराकरण, और अधूरे आवासों को शीघ्र पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

पेयजल समस्या: 5,573 में से 1,233 आवेदनों का समाधान शिविर में ही किया गया। नए नल कनेक्शन, पाइपलाइन विस्तार और लीकेज की मरम्मत का कार्य किया गया।

कचरा संग्रहण और साफ-सफाई: 1,796 कचरा संग्रहण से संबंधित आवेदनों में से 1,127 को मौके पर निपटाया गया।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन: 2,263 आवेदनों में से 570 का त्वरित निराकरण किया गया।

सड़क और नाली मरम्मत: 17,655 में से 809 आवेदनों को तत्काल स्वीकृत कर मरम्मत कार्य किए गए। शेष मांगों के अनुरूप प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।

संपत्ति कर और भवन निर्माण: 642 संपत्ति कर से संबंधित आवेदनों में से 380 का समाधान मौके पर किया गया। संपत्ति के नामांतरण और भवन निर्माण की स्वीकृति से संबंधित 1,117 आवेदनों में से 58 का त्वरित निराकरण किया गया।

राशन कार्ड और स्वास्थ्य सेवाएं: 21,701 राशन कार्ड से संबंधित आवेदनों में से 11,541 का समाधान किया गया। 9,701 लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण और 7,613 आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए।

भूमि विवाद और राजस्व प्रकरण: 14,080 आवेदनों में से 3,000 का निराकरण किया गया। बिजली, स्ट्रीट लाइट, मवेशी, आवारा कुत्तों, अतिक्रमण और अवैध निर्माण से संबंधित 30,489 आवेदनों में से 11,146 का समाधान किया गया। शेष आवेदन अन्य विभागों से संबंधित होने के कारण संबंधित विभागों को निराकरण के लिए प्रेषित किए गए हैं।

साय सरकार ने 8 महीनों में नगरीय निकायों को दिए 1250 करोड़ रूपये

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग की सक्रियता की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के विकास और नागरिकों को अधिक सुविधाएं देने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने शुरुआती 8 महीनों में नगरीय निकायों को 1250 करोड़ रुपए दिए हैं। इस राशि का उपयोग नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अधोसंरचना विकास और जनसुविधाओं के सुधार के लिए किया जा रहा है।

इसके अलावा, पिछले 8 महीनों में जारी की गई राशि के साथ-साथ नगरीय निकायों को जल्द मिलने वाली 900 करोड़ रुपए को मिलाकर कुल 2150 करोड़ रुपए शहरों के विकास के लिए प्रदान किए जाएंगे। अरुण साव ने जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास राशि की कमी नहीं है और सभी नगरीय निकायों की मांगों और जरूरतों के अनुसार राशि स्वीकृत की जा रही है।

छत्तीसगढ़ के पुरोधाओं का प्रदर्शनी के माध्यम से मिल रही रोचक जानकारी, स्कूल और महाविद्यालय के बच्चों ने प्रदर्शनी की सराहना की

रायपुर-    राजधानी रायपुर के कचहरी चौक स्थित टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा आजादी की 77 वीं वर्षगांठ पर आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी का आमजन, स्कूल तथा महाविद्यालयीन छात्र के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने अवलोकन किया। महेंद्र साहू, सुरेश कुमार दिवान, खेमलाल यादव, सुधा कुर्रे, इंद्राणी कुर्रे ने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से आम लोगो के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी होने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के महान वीर सपूतों के बारे में भी जानकारी हुई। निजी संस्थान में कार्यरत महावीर कौशिक ने कहा कि प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ से जुड़ी रोचक जानकारी लोगो को आकर्षित कर रही है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति के बारे में जानकारी से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। इसी तरह रायपुर पी.जी.उमाठे उत्कृष्ट अंग्रेजी स्कूल से आये कुणाल साहू, कान्हा बर्मन, टिकेश्वर साहू, चरण यादव, लक्की नायक आदि बच्चों ने कहा कि प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता आंदोलनकारियों और शासकीय योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है। इस जानकारी से ज्ञान में वृध्दि हुई है।

इस प्रदर्शनी में देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारियों की स्मृतियों को सुसज्जित ढंग से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में आजादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारियों का योगदान और उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज, स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान उनकी जीवन यात्रा, जंगल सत्याग्रह, भारत छोड़ो आन्दोलन एवं स्वतन्त्रता आंदोलन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में उनके योगदानों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी प्रदर्शनी स्थल पर किया जा रहा हैं।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भोरमदेव मंदिर रख-रखाव के संबंध में पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक

रायपुर-     उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज अपने निवास कार्यालय में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा कबीरधाम जिले से आये गणमान्य नागरिकों एवं पुजारी के साथ भोरमदेव मंदिर के जीर्णोद्धार के संबंध में बैठक ली। बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने और मंदिर परिसर के विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बरसात के दिनों में पानी रिसाव की समस्या को तत्काल दूर करे। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मंदिर के इतिहास से संबंधित वीडियो डॉक्यूमेंटेशन बनाये ताकि श्रद्धालु मंदिर के इतिहास से परिचित हो सके। उन्होंने थ्री डी डिजाइन और लिडार सर्वे करवाने के निर्देश भी दिए। साथ ही भोरमदेव महोत्सव से पहले वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्य और ट्रीटमेंट को पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य, सहायक अभियंता चेतन मनहरे, उप अभियंता दिलीप साहू, कबीरधाम क्षेत्र के आदित्य श्रीवास, अजय चंद्रवंशी, आशीष पाठक, अमित वर्मा, दुर्गेश दुबे एवं खोरु सिंह उपस्थित थे।

बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने और मंदिर परिसर के विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई। श्रद्धालुओं के लिए शेड का निर्माण, चौकीदार क्वाटर को मंदिर के पास से अन्यत्र शिफ्ट करने तथा मंदिर के पीछे वीआईपी रूम बनाने चर्चा की गई। इसके अलावा मंदिर के पीछे और वीआईपी रूम के बीच की दीवाल को हटाकर ग्रील और गेट लगाने, भैरव मंदिर, चामुंडा माता मंदिर और हनुमान मंदिर आदि के पारंपरिक स्वरूप बरकरार रखने जे निर्देश दिए। इसके अलावा आवश्यकता होने पर वन विभाग के माध्यम से पेड़ों की रखरखाव के भी निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिए ।

मंदिर के बाहरी हिस्से के सौंदर्यीकरण के लिए पर्यटन विभाग के अंतर्गत प्रसाद योजना के तहत प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए। इसके अंतर्गत रोड का चौड़ीकरण, मेन गेट के बाहर पार्किंग की व्यवस्था, ई-रिक्शा का संचालन, तालाब का सौंदर्यीकरण, बाउंड्रीवाल के चारों ओर शिव कथाओं से संबंधित भित्ति चित्र बनवाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

बैठक में भोरमदेव मंदिर से छेड़की महल-मड़वा महल तक पक्की सड़क के निर्माण करवाने, मंदिर परिसर में सोलर लाइट्स और सीसीटीवी कैमरे लगाने, साथ ही मंदिर परिसर के ड्रेनेज सिस्टम में सुधार और फ्लोरिंग की जगह सेंड स्टोन लगाने के लिये चर्चा की गई।क्योंकि यह क्षेत्र पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है इसलिए सभी कार्य पुरातत्व विभाग की अनुमति से ही किए जाएंगे।

जनसम्पर्क विभाग की छायाचित्र प्रदर्शनी, विद्यार्थी, युवाओं और विभिन्न वर्ग के लोगों ने की सराहना

रायपुर-   जनसंपर्क विभाग द्वारा स्थानीय टाउन हॉल में लगाई गई राज्य सरकार की उपलब्धियों एवं स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ के महान वीर क्रांतिकारियों के जीवनवृत्त पर आधारित इस छायाचित्र प्रदर्शनी को विद्यार्थियों, युवाओं सहित सभी वर्ग के लोगों ने सराहा। आज 15 अगस्त से 21 अगस्त लगाई गई इस प्रदर्शनी का समापन हुआ। प्रदर्शनी स्थल पर युवाओं के लिए क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है।

राजधानी रायपुर के कचहरी चौक स्थित टाउन हॉल में आज इस प्रदर्शनी को देखने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी, युवाओं और विभिन्न वर्ग के लोग आए। इस प्रदर्शनी में राज्य सरकार की उपलब्धियों एवं देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारियों की स्मृतियों को बड़े ही आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया था। यह प्रदर्शनी स्कूली विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों के लिए ज्ञानवर्धक रही।

प्रतिदिन यहां प्रदर्शनी देखने के लिए आने वाले स्कूली विद्यार्थियों के मध्य क्विज प्रतियोगिता एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विजयी प्रतिभागियों को तत्काल मिलने वाले पुरस्कार से प्रदर्शनी को लेकर स्कूली विद्यार्थियों और युवाओं में उत्सुकता रही। क्विज प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के इतिहास, भूगोल, पुरातत्व पर्यटन, संस्कृति, लोक कला, खेती-किसानी सहित अन्य विषय पर आधारित प्रश्न पूछे गए और सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।

प्रदर्शनी के अंतिम दिन महाविद्यालयों की छात्राओं ने प्रदर्शनी का आनंद उठाया और प्रदर्शनी की सराहना की। छात्रा अनु पाण्डेय और सुधा कुर्रे ने प्रदर्शनी के बारे में कहा कि यहां आजादी के लिये किए गए सभी संघर्षों और छत्तीसगढ़ के वीर क्रांतिकारियों के बारे में रोचक जानकारी दी गई है। इसी तरह गोबरा नवापारा निवासी हेमलाल यादव ने बताया कि जनसंपर्क विभाग ने बहुत ही अच्छा आयोजन किया है, इस प्रकार की प्रदर्शनी समय-समय पर लगनी चाहिए जिससे आम नागरिकों में जागरूकता बढ़ेगी।

उल्लेखनीय है कि इस प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विगत 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किया था। सात दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी में आजादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारियों का योगदान और उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज, स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान उनकी जीवन यात्रा, जंगल सत्याग्रह, भारत छोड़ो आन्दोलन एवं स्वतन्त्रता आंदोलन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में उनके योगदानों को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही मुख्य योजनाओं जैसे महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, रामलला दर्शन योजना, कृषक उन्नति योजना, महिला सशक्तीकरण, पीएम जनमन योजना, मुख्यमंत्री जनदर्शन आदि योजनाओं को प्रमुख रूप से शामिल किया गया। प्रदर्शनी स्थल पर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में आगंतुको को छत्तीसगढ़ राज्य शासन के लोक कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित विभिन्न पुस्तकों का भी वितरण निःशुल्क किया गया।

महंत घासीदास संग्रहालय में ‘‘रंग परब’’ नाट्य श्रृंखला का आयोजन, दिखेगी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक झलक

रायपुर-    छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सहजने के उद्देश्य से छतीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा ‘रंग पर्व’ नाट्य श्रृंखला का आयोजन 22 से 24 अगस्त 2024 तक रायपुर के मुक्ताकाश मंच, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर में किया जाएगा । इस तीन दिवसीय आयोजन में विभिन्न नाटकों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की जनजातीय और लोक संस्कृति की झलक प्रस्तुत की जाएगी।

‘रंग परब‘ के पहले दिन 22 अगस्त को ‘गोदना’ नामक नाटक में देवार जनजाति की जीवन शैली, कला और संस्कृति को दर्शाया जाएगा, जिसकी प्रस्तुति गौतम चौबे द्वारा दी जाएगी। इसी प्रकार दूसरे दिन ‘कलंकार’ नामक नाटक में सामान्य लोक कलाकारों की सच्ची घटनाओं पर आधारित प्रस्तुति नरेन्द्र जलन्धरिया द्वारा की जाएगी। श्रृंखला के अंतिम दिन ‘आदिगाथा’ नामक नाटक के माध्यम से प्राचीन सीताबेंगरा की इतिहास और कालीदास के मेघदूत पर आधारित कला संस्कृति को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसकी प्रस्तुतिश्री किशोर वैभव जायसवाल करेंगे।

इस नाट्य श्रृंखला का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करना है। इस नाट्य श्रृंखला की प्रस्तुति प्रतिदिन शाम 7 बजे से होगी।

गृहमंत्री विजय शर्मा बोले- अब सीबीआई करेगी महादेव सट्टा ऐप की जांच

रायपुर- छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप की जांच अब CBI करेगी। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महादेव ऐप का मामला सीबीआई को सौंपने जा रही है। करीब 70 थानों में अलग-अलग FIR दर्ज है। बिरनपुर और CG PSC स्कैम के बाद ये तीसरा मामला होगा, जो विष्णुदेव सरकार CBI को सौंपने जा रही है। ED के मुताबिक केस में प्रदेश के कई सीनियर नेता, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम दर्ज हैं।

महादेव सट्टा ऐप क्या है?

महादेव सट्टा ऐप सट्टे के लिए बनाया गया है। इस पर यूजर पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम नाम के लाइव गेम खेलते हैं। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों में भी अवैध सट्टा लगाया जाता है। अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए ऐप का जाल तेजी से फैला। सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए।

ऐप को फ्रेंचाइजी के तौर पर चलाया जाता था

महादेव बेटिंग ऐप को कई ब्रांच से चलाया जाता था। छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के मुख्य प्रमोटर हैं। वे दुबई से अपनी गतिविधियों का संचालन करते थे। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हर ब्रांच को फ्रेंचाइजी के तौर पर बेचते थे।

यूजर को शुरुआत में ही मुनाफा होता और बाद में घाटा। दोनों ने मुनाफे का 80 फीसदी हिस्सा अपने पास रख लिया। इसे इस तरह बनाया गया था कि सिर्फ 30 फीसदी यूजर ही जीतते, बाकी हार जाते। इस ऐप के जरिए होने वाली कमाई को हवाला के जरिए होटल बिजनेस और फिल्मों में लगाया जाता था।