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स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बलौदाबाजार में फहराया तिरंगा

रायपुर-    स्वतंत्रता दिवस समारोह बलौदाबाजार जिले में अत्यंत हर्ष एवं उल्लास भरे वातावरण में मनाया गया। स्थानीय पंडित चक्रपाणि हाईस्कूल मैदान में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन एवं जिला प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तिरंगा फहराया। उन्होंने मुख्यमंत्री जी के संदेश का वाचन करते हुए राज्य सरकार की प्रमुख उपलब्धियां एवं भावी कार्य-योजनाओं की जानकारी दी। श्री जायसवाल ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों के परिजनों का कुशलक्षेम पूछते हुये शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।मुख्य अतिथि श्री राय ने शासकीय योजनाओं में बेहतरीन कार्यों के लिए तीन दर्जन शासकीय कर्मियों का भी जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित कर शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर पूर्व विधायक बिलाईगढ़ सनम जांगड़े, पूर्व विधायक बलौदाबाजार प्रमोद कुमार शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश कुमार वर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल, जनपद पंचायत अध्यक्ष सुमन वर्मा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन,स्काउट गाईड प्रदेश उपाध्यक्ष विजय केसरवानी,कलेक्टर दीपक सोनी,एसपी विजय अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

पंडित चक्रपाणि हाईस्कूल मैदान में जिला स्तरीय समारोह सवेरे 9 बजे मुख्य अतिथि श्री जायसवाल द्वारा झण्डा फहराने के साथ शुरू हुआ। इस दौरान स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी साथ ही जिले में पहली बार मल्लखंब का प्रदर्शन किया गया, जो प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। जिला पुलिस बल की दो टुकड़िया, जिला महिला पुलिस बल एवं नगर सेना,एनसीसी की एक-एक टुकड़ियों, स्काउट गाइड की दो-दो टुकड़ियां एवं रेडक्रॉस कि एक टुकड़ी ने झण्डे एवं अतिथि को शानदार सलामी दी। परेड का नेतृत्व रक्षित निरीक्षक उषा ठाकुर एवं डीआईसी सब इंस्पेक्टर किशुन कुंभकार ने किया। समारोह में हर्ष और उल्लास के प्रतीक के रूप में रंगीन गुब्बारे आसमान में उड़ाये गये।

श्री जायसवाल ने जिलें के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिजन लक्ष्मी ठाकुर, सावित्री सोनी, वीर शहीद उपनिरीक्षक विवेक शुक्ला, युगल किशोर वर्मा,ट्रेड आर नंदकुमार साहू, आर हुमेश्वर प्रसाद कुर्रे, हीरा लाल गायकवाड़, संतराम साहू, धनंजय वर्मा, संतोष ध्रुव, मिथिलेश कुमार, टेकराम वर्मा के परिजनों का श्रीफल एवं साल से सम्मान किया। इसके अतरिक्त जिले के 4 मीसाबंदियो का भी सम्मान किया गया। जिसमें किरण चौहान, रेखा आडिल, रामन अग्रवाल, दूलेचंद्र वर्मा शामिल है।

इसके साथ ही श्री जायसवाल ने मुख्य मंच से करीब 46 अधिकारी-कर्मचारियों को उनके बेहतर सेवा के लिए जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया। इनमें खाद्य विभाग तत्कालिन खाद्य अधिकारी विमल दुबे, खनिज विभाग खनिज निरीक्षक भूपेन्द्र भक्त,राजस्व विभाग स्टेनोटायपिस्ट लक्ष्मी देशमुख राय, कोटवार संजय कुमार मानिकपुरी, स्वाथ्य विभाग प्रभारी एसएनसीयू नर्सिंग ऑफिसर  प्रमिला कांत, समस्त टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दामाखेड़ा,कृषि विभाग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अश्वनी कुमार साहू, कृषि विज्ञान केन्द्र भाटापारा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अंगत सिंह राजपूत,आयुष विभाग औषधालय सेवक माखन लाल ध्रुव,विद्युत विभाग अनुभाग अधिकारी संजय बिहारी अग्रवाल, जल प्रबंध संभाग क्र.-2 उप अभियंता कु.पार्वती टण्डन,एन.आई.सी. डिस्ट्रीक्ट रोल ऑउट मैनेजर राजेश्वर प्रधान, महिला एवं बाल विकास विभाग महिला बाल विकास अधिकारी आदित्य शर्मा, परियोजना पलारी पर्यवेक्षक अर्चना बर्मन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुमारी पटेल, सहायक ग्रेड-2 चन्द्रेश बरमाल,जिला पंचायत भृत्य डोमेश साहू, पी.आर.पी.  प्रतिमा टोण्ड्रे, रोजगार सहायक हरिनभटठा धर्मेन्द यादव, शिक्षा विभाग प्राचार्य संतोष वर्मा, व्याख्याता (एल.बी.) रामावतार वर्मा, सहायक शिक्षक निर्मला देवांगन, आराधना वर्मा, छात्रा कु. कोपल अम्बष्ट, कु.प्रीती, कु. डॉली पटेल, कु.अदिति साहू, कु. निधि साहू, पुलिस विभाग निरीक्षक लखेश केंवट, सउनि श्रवण कुमार नेताम, प्रधान आरक्षक मोहम्मद अरशद खान, अशोक खुंटे, महेन्द्र कुमार पोर्ते, म.आर. स्वाती साहू, आरक्षक भूपेन्द्र कुमार गुप्ता,आशुतोष बंजारे, नाथूराम निषाद, भूपेश कुमार यादव, भोला कुमार टंडन, पुरूषोत्तम कुमार बंजारे, संतोष कुमार ध्रुव, गोपाल प्रसाद पाल, टीकाराम साहू, कृष्ण कुमार सिंदराम, संजय कुमार ध्रुव शामिल है। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिला प्रशासन की ओर से प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके अतरिक्त जिला पंचायत सभापति नवीन मिश्रा को भी सम्मानित किया गया। इसी तरह आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शास्वत उच्च. माध्यमिक विद्यालय को प्रथम,सेक्रेड हाई स्कूल को द्वितीय एवं गुरुकुल इंग्लिश मीडियम स्कूल तीसरे स्थान पर रहा। परेड में वरिष्ठ सशस्त्र बल समूह में प्रथम जिला पुलिस बल पुरुष, द्वितीय जिला महिला पुलिस बल, तृतीय जिला नगर सैनिक बल इसी तरह कनिष्ठ समूह में प्रथम गाइड गुरुकुल इंग्लिश मीडियम, द्वितीय एनएनसीसी डीके कॉलेज एवं तृतीय गाइड पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी कन्या शासकीय स्कूल का रहा। साथ ही मल्लखंब की टीम को विशेष सम्मान किया गया।

जिले में पहली बार मल्लखंब का प्रदर्शन रहा प्रमुख आकर्षण का केंद्र

जिले में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही पहली बार मल्लखंब का प्रदर्शन किया गया। जो की विशेष आकर्षण का केंद्र रहा मल्लखंब भारत की प्राचीन खेल विधा है जिसे योग, जिम्नास्टिक, एरोबिक्स के आयामों के साथ खेला जाता है। मास्टर ट्रेनर के रूप में आएं कोच पुष्कर दिनकर राष्ट्रीय स्तर के निर्णायक और कोच हैं। पुष्कर दिनकर अपने अकादमी के माध्यम से बच्चों को भारत के प्राचीन खेल मल्लखंब की बारीकियों से अवगत कराए। वह विगत आठ वर्षाे से पामगढ़ में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे है। उनके खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर 36 मैडल और राज्य स्तर पर 102 मेडल अर्जित कर चुके हैं। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश एवं विशेष प्रयास से जिला मुख्यालय में पहली बार मल्लखंब की 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शहर के मुख्य स्थान शासकीय प्री मैट्रिक बालक छात्रावास में किया गया था। आज किए प्रदर्शन में जिले के स्थानीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेते हुए अपना जौहर दिखाया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज आकर्षक मार्च पास्ट के लिए केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सवेरे राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित 78 वें स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर पेरड कमांडर रविन्द्र मीणा के नेतृत्व में 16 प्लाटूनों ने आकर्षक मार्च पास्ट कर सलामी दी। आकर्षक मार्च पास्ट के लिए केन्द्रीय बलों में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को प्रथम और राज्य बलों में छत्तीसगढ सशस्त्र बल (महिला) को प्रथम पुरस्कार से मुख्यमंत्री श्री साय ने सम्मानित किया।

78 वें स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में पुलिस परेड मैदान में पेरड कमांडर रविन्द्र मीणा ने परेड का निरीक्षण कराया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने परेड कमाण्डरों से परिचय प्राप्त किया। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा मुख्यमंत्री के साथ रहे। प्लाटूनों के हर्ष फायर की। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने हर्ष और उल्लास के प्रतीक रंगीन गुब्बारे आसमान में छोड़े और प्रदेश के निरंतर विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्याे, नीतियों, योजनाओं पर केन्द्रित जनता के नाम संदेश का वाचन किया।

परेड कमांडर रविन्द्र मीणा के नेतृत्व में स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व बल, भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, केन्द्रीय सशस्त्र बल (पुरूष), ओडिसा पुलिस, छत्तीसगढ सशस्त्र बल (पुरूष), छत्तीसगढ सशस्त्र बल (महिला), छत्तीसगढ पुलिस बल महिला, छत्तीसगढ पुलिस 6 वीं वाहिनी, जेल प्लाटून, नगर सेना 13 वीं वाहिनी (पुरूष), नगर सेना (महिला), एन सी सी जूनियर (पुरूष), एन सी सी जूनियर (महिला), पुलिस अश्वारोही दल, बैंड प्लाटून प्रथम वाहिनी के जवानों ने आकर्षक मार्च पास्ट कर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सलामी दी।

आकर्षक मार्च पास्ट के लिए केन्द्रीय बलों में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को प्रथम, भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल दूसरा तथा ओडिसा पुलिस को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ, जिन्हें मुख्यमंत्री श्री साय ने पुरस्कृत किया। इसी प्रकार राज्य बलों में छत्तीसगढ सशस्त्र बल (महिला) को प्रथम पुरस्कार, जेल प्लाटून को द्वितीय और केन्द्रीय सशस्त्र बल (पुरूष) को तीसरा पुरस्कार मिला। एन सी सी के लिए एनसीसी जूनियर ब्वायस को प्रथम और एनसीसी जूनियर गर्ल्स को द्वितीय पुरस्कार मुख्यमंत्री ने प्रदान किया।

अश्वारोही दल की प्रस्तुति ने किया रोमांचित, राजधानी रायपुर में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में किया प्रदर्शन

रायपुर-   स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और हज़ारों दर्शकों के बीच छत्तीसगढ़ पुलिस के अश्वारोही दल का प्रदर्शन हुआ। पुलिस अश्व दल का नेतृत्व प्लाटून कमांडर योगेश चंद्रा ने किया। आज प्रदर्शन में 13 अश्व और उनके संचालित करने वाले जवान शामिल रहे। अश्वारोही दल के प्रदर्शन की शुरुआत अश्व सारंगी पर सवार होकर आरक्षक संतोष साहू ने फ्लैग होस्टिंग करते हुए की। उनके बाद अश्व गंगा पर सवार होकर आरक्षक विक्रम सिंह ने स्टैडिंग सैल्यूट दिया।

इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए टेंट पेगिंग का प्रदर्शन क्रमशः शक्ति, रुद्र, आभा, अश्वत्थामा पर सवार होकर प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश यादव, आरक्षक कुमारेश मिस्त्री, आरक्षक दिलीप कर्ष एवं आरक्षक अजय जैन ने किया। शो जपिंग का प्रदर्शन अश्व - केसरी, अवनी, अलकनंदा व धनुष पर सवार रहते हुए क्रमशः प्रधान आरक्षक अनिल कुमार, आरक्षक विक्रम सिंह, आरक्षक लोकेश्वर सिदार एवं धनेश्वर कंवर ने किया। अंतिम में अश्वारोही दल की पूरी टुकड़ी ने गैलप राउंड की प्रस्तुति दी। अश्वारोही दल की यह सभी प्रदर्शन रोमांच से भरपूर व रोंगटे खड़े कर देने वाला रहा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बिलासपुर में फहराया तिरंगा, रिमझिम फुहारों के बीच गरिमामय माहौल में मनाया गया 78वां स्वतंत्रता दिवस

रायपुर-  देश की आजादी का 78वां पर्व बिलासपुर में रिमझिम फुहारों के बीच गरिमामय माहौल में उत्साहपूर्वक मनाया गया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पुलिस ग्राउंड में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण पश्चात राष्ट्रगान की धुन पर सलामी दी गई। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने शांति के प्रतीक सफेद कबूतर उड़ाए तथा हर्षोल्लास व उमंग के प्रतीक तिरंगे गुब्बारे आकाश में छोड़े। पूरे परिधान में सजे हुए 12 प्लाटूनों ने भव्य एवं आकर्षक परेड का प्रदर्शन किया।

श्री साव ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन किया। उन्होंने नक्सल हिंसा में शहीद हुए जवानों के परिजनों को सम्मानित किया। शासकीय कार्याें एवं दायित्वों के उत्कृष्ट निर्वहन के लिए विभिन्न विभागों में कार्यरत 114 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह में स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।

बिलासपुर में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में बेलतरा के विधायक सुशांत शुक्ला, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, संभागायुक्त नीलम नामदेव एक्का, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर अवनीश शरण, पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह, नगर निगम के कमिश्नर अमित कुमार और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी. चौहान सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी तथा गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।

राज्यपाल रमेन डेका ने राजभवन में किया ध्वजारोहण

रायपुर-    राज्यपाल रमेन डेका ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज सुबह राजभवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया एवं सलामी ली तथा परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रथम महिला रानी डेका काकोटी भी उपस्थित थी।

राज्यपाल ने राजभवन सचिवालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने राजभवन के कर्मचारियों के परिजनों एवं बच्चों से आत्मीयता से मुलाकात की और बच्चों को टॉफी-मिठाई वितरित की। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।राजभवन में आयोजित परेड का नेतृत्व सुमित गुप्ता उप पुलिस अधीक्षक ने किया।

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने महासमुंद में किया ध्वजारोहण

रायपुर-    महासमुंद जिले में स्वतंत्रता दिवस पूरे हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। खाद्य मंत्री दयाल बघेल ने जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह और पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह मंच पर मौजूद थे।

खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के साथ परेड का निरीक्षण किया। परेड कमांडर रक्षित निरीक्षक दीप्ति कश्यप के नेतृत्व में 20 वीं वाहिनी छ.ग. सशस्त्र पुलिस बल, जिला पुलिस बल, नगर सैनिक, एन.सी.सी, एन.एस.एस., स्काउट, गाइड, रेडक्रॉस की कुल 11 टुकड़ियों ने सलामी दी। श्री बघेल द्वारा मुख्यमंत्री का जनता के नाम संदेश का वाचन किया एवं शांति के प्रतीक रंग-बिरंगे गुब्बारे एवं कपोत आकाश में छोड़े गए। तत्पश्चात प्लाटूनों द्वारा मार्च पास्ट एवं सलामी दी गई। मुख्य अतिथि द्वारा परेड कमाण्डर एवं प्लाटून कमाण्डर का परिचय लिया गया। मुख्य अतिथि श्री बघेल ने जिले में निवासरत शहीद के परिजनों को शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इसके अलावा उत्कृष्ट कार्य करने वाले 116 शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों सहित पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया।

कौशल्या साय ने सीएम कैम्प कार्यालय बगीया में किया ध्वजारोहण, जशपुर जिले के विभिन्न कार्यक्रम में हुई शामिल

रायपुर-   जशपुर जिले के सीएम कैम्प कार्यालय बगिया में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्म पत्नी कौशल्या साय ने ध्वजारोहण किया और देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर कार्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं सुरक्षा में तैनात जवान मौजूद रहे।

श्रीमती साय ने बी एल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंदरचुँवा में भी ध्वजारोहण कर देश की सुरक्षा करते हुए बलिदानी जवान आरक्षक अलसन एक्का, नोवेल खलखो, राजकुमार केरकेट्टा, मनसीद कुजूर और नेल्सन एक्का को श्रद्धांजलि अर्पित किया। श्रीमती साय ने कुनकुरी विकासखण्ड के खेल मैदान में आयोजित ब्लॉक स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुई एवं ध्वजारोहण कर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया।

राजीव भवन में फहराया तिरंगा, पीसीसी चीफ दीपक बैज का आह्वान –
रायपुर- लोगों ने अपने प्राणों की आहुति देकर, यातना सहकर भारत के स्वतंत्रता का लक्ष्य हासिल किया. देश और संविधान की रक्षा करना कांग्रेस की जिम्मेदारी के साथ नैतिक और राजनीतिक कर्तव्य है. लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारियां बढ़ जाती है. यह बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने स्वतंत्रता दिवस पर कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यक्रम में कही. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में पार्टी पदाधिकारी, सेवा दल स्वयं सेवकों और कार्यकर्ताओं के समक्ष पीसीसी चीफ दीपक बैज ने तिरंगा फहराया. राजगीत, राष्ट्रगीत और ध्वजगीत के साथ स्वतंत्रता समारोह की शुरुआत हुई. इस दौरान दीपक बैज ने समस्त राज्य एवं देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी.

इस दौरान बैज ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों पर लगातार हमले हो रहा है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी संविधान को बदलने की बात सामने आई. देश की जागरूक जनता ने संविधान विरोधी तत्वों की मंशा पर पानी फेर दिया. क्षेत्र, धर्म, सांप्रदायिकता के नाम पर सत्ता में बैठे हुए लोग राजनीति कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी केंद्र व राज्य दोनों में बखूबी निभा रही है. छत्तीसगढ़ में 5 साल कांग्रेस की सरकार रही. हमने छत्तीसगढ़िया अस्मिता के लिए काम किया. कांग्रेस की योजनाओं को जन-जन तक पहुंच कर लाभान्वित किया. आगे भी हम जनता की लड़ाई के लिए तत्पर रहेंगे.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 8 महीने में कानून-व्यवस्था बर्बाद हो गई है. कलेक्टर-एसपी के कार्यालय जलाएं जा रहे हैं. बस्तर में फिर से वह आतंक और फर्जी मुठभेड़ का दौर शुरू हो गया है. डायरिया, मलेरिया जैसे गंभीर बीमारियों से कई लोगों की मृत्यु हुई है. 4 सालों में सरकार को उखाड़ फेंकने की हम शपथ लेते हैं.
छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस: बृजमोहन अग्रवाल ने कहा – “आपने मुझे दिल्ली भेजा है, अब 8वीं अनुसूची में छत्तीसगढ़ी को शामिल कराने की जिम्मेदारी मेरी

रायपुर- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के स्थापना दिवस का 17वां समारोह 14 अगस्त को राजधानी रायपुर में मनाया गया। यह कार्यक्रम रायपुर के घड़ी चौक स्थित महंत राजा घासीदास संग्रहालय के आडिटोरियम में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने की। विधायक पुरंदर मिश्रा और संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी.जी. भी इस अवसर पर विशेष अतिथि थे। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे से हुई, जिसमें प्रदेशभर से कवि, इतिहासकार और राजभाषा आयोग से जुड़े लोग उपस्थित हुए।

बता दें कि यह विषेश कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया। दूसरे सत्र में राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित 14 पुस्तकों का विमोचन सांसद बृजमोहन अग्रवाल के हाथों हुआ। इसके बाद, छत्तीसगढ़ी में पाठ्यक्रम की दिशा और प्रशासकीय कार्यों में छत्तीसगढ़ी के उपयोग पर एक परिचर्चा आयोजित की गई।

छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आज 17वें स्थापना दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन और पुस्तक विमोचन का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि आयोग लगातार मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए संघर्षरत है और छत्तीसगढ़ी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने तथा प्रशासनिक कार्यों में लाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्य अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने समारोह पर सभी को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन हमारे नेतृत्व में हुआ है और मातृभाषा का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़वासियों को आश्वस्त किया कि जनता ने उन्हें संसद तक भेजा है, इसलिए छत्तीसगढ़ी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की जिम्मेदारी भी उनकी है।

विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाने के संकल्प में छत्तीसगढ़ प्रभावी भूमिका अदा कर रहा है। हमारी सरकार विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को लेकर राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए नई-नई योजनाएं तैयार कर रही है। उन्होंने राज्य की जनता को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष और बलिदान से हमें आजादी मिली है। आजादी के लिए हमारे पुरखों ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद के विरूद्ध लंबा संघर्ष किया। उनके बलिदान और संघर्षों के फलस्वरूप मिली आजादी को हमें अक्षुण बनाए रखना है। लोकतांत्रिक ताकतों को मजबूत बनाना है। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में ध्वजारोहण के बाद प्रदेशवासियों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरे देश के स्वाधीनता सेनानियों के साथ ही छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत माता की परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए जो अनथक मेहनत की, उसके सुखद परिणाम स्वरूप आज हम स्वतंत्र वातावरण में साँस ले रहे हैं। देश के अन्य हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में शहीद गेंद सिंह, शहीद धुरवा राव, शहीद यादव राव, शहीद वेंकट राव, वीर गुंडाधुर, शहीद डेबरी धुर, शहीद आयतु माहरा, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे हमारे अनेक ऐतिहासिक नायकों ने अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेकने के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए जनमानस में स्वाधीनता की अलख जगायी। आज जिस स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं, वह हमारे पुरखों के बलिदान का प्रतिफल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर का संविधान आज लोकतंत्र को आगे बढ़ने की राह दिखा रहा है। यह हमारे लिए एक प्रकाश स्तंभ है। बरसों पहले बाबा गुरु घासीदास जी ने समता मूलक समाज का आदर्श हम सबके सामने रखा था, जो बाबा साहेब द्वारा निर्मित संविधान में फलीभूत हुआ। उनके संविधान में कबीर की वाणी का सार भी है, जो भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ समानता प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसे का संकट सबसे बड़ा संकट होता है। यह तंत्र निश्चित ही जनता का अपने प्रतिनिधियों पर भरोसा कायम रखने से ही चलता है। छत्तीसगढ़ सरकार की बागडोर संभालने के बाद हमारी सबसे बड़ी चुनौती इसी भरोसे को बहाल करने की थी। हमें यह कहते हुए संतोेष हो रहा है कि हमारी सरकार ने आपसे किये अधिकांश वायदों को पूरा कर विश्वास को फिर से स्थापित किया है। हमारे संविधान निर्माताओं का सपना ऐसे ही मजबूत लोकतंत्र का था, जहां जनता और उसकी चुनी हुई सरकार भरोसे की ऐसी ही मजबूत डोर में बंधी रहे। वास्तव में यह लोकतंत्र का मजबूत रक्षासूत्र है, जिसे कभी भी किसी भी लोकसेवक को कमजोर नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारे राज्य निर्माता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्वर्गीय अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण प्रदेश के व्यापक आर्थिक विकास एवं प्रदेश की सुंदर संस्कृति के संरक्षण के लिए किया। हमारा दायित्व है कि ‘हमने ही बनाया है, हम ही संवारेंगे’ के संकल्प के साथ प्रदेश के नवनिर्माण में पूरी लगन से जुट कर अटल जी का सपना साकार करें। विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देकर हम पूर्वजों की इस परंपरा को आगे बढ़ाने का यश हासिल कर सकते हैं, यही हमारा कर्तव्य भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज के दिन हम उन पूर्वजों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जिन्होंने आपातकाल के कठिन दौर में संविधान की मशाल को बुझने नहीं दिया। देश भर में हजारों लोकतंत्र सेनानियों ने इमरजेंसी का विरोध किया और इसके प्रतिरोध में जेल की सजा और अन्य यातनाएँ भुगतीं। अगले वर्ष 25 जून को इमरजेंसी के पचास बरस पूरे हो जाएंगे। इस वर्ष ‘‘आपातकाल स्मृति दिवस‘‘ के अवसर पर 25 जून के दिन हमें अपने प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों का आशीर्वाद मिला है। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि अपने लोकतंत्र सेनानियों के प्रति कृतज्ञता-ज्ञापित करने हेतु पिछले पांच वर्षों से रुकी उनकी सम्मान निधि हमारी सरकार द्वारा पुनः प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज के दिन हम अपने उन जवानों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जो हमारे प्रदेश में लोकतंत्र विरोधी, नक्सलवादी आतंक से पूरे साहस और जज्बे के साथ मुकाबला कर रहे हैं। बीते आठ महीनों में हमारे जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 146 नक्सलियों को मार गिराया है। इस दौरान हमने 32 नये सुरक्षा कैंप खोले हैं और आने वाले दिनों में 29 नये कैंप शुरू करने जा रहे हैं। आज कई वर्षों बाद क्षेत्र की जनता सुरक्षित महसूस कर रही है, जिसका कारण हमारे वीर जवानों की मेहनत व पराक्रम है।
अब बस्तर तीव्र विकास के लिए है तैयार
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नक्सलवादी घटनाओं से निपटने के लिए अनुसंधान और अभियोजन की कार्रवाई और भी प्रभावी रूप से हो सके, इसके लिए हमने राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) का गठन किया है। बस्तर की जनता नक्सलियों से त्रस्त हो चुकी है और विकास के मार्ग पर सरपट दौड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अन्दरूनी क्षेत्रों में नये कैंपों का विस्तार कर लोगों को आतंक से मुक्ति देने के साथ ही इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसके लिए हमने ‘’नियद नेल्लानार’’ योजना शुरू की है। इस शब्द का अर्थ होता है -’’आपका अच्छा गांव’’। विशेष पिछड़ी जनजातियों के हितग्राहियों के लिए आरंभ की गई ‘’पीएम जनमन योजना’’ की तरह इस योजना से कैंपों के निकट पांच कि.मी. की परिधि के गांवों में 17 विभागों की 53 हितग्राही मूलक योजनाओं एवं 28 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ लोगों को दिया जा रहा है। इन गांवों में पहली बार लोगों के आयुष्मान कार्ड बने हैं। वे शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सरकार की लोकहितकारी योजनाओं का लाभ अब उठा रहे हैं। उनके जीवन में सुशासन का नया सवेरा आया है।
प्रदेश में रिकॉर्ड धान खरीदी
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमें अपने जवानों के साथ अपने किसानों पर भी गर्व है। उनके श्रम से छत्तीसगढ़ महतारी का धान का कटोरा भरा-पूरा रहता है। प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी के अनुरूप हमने अन्नदाताओं की सुख-समृद्धि को सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखा है। पूर्व प्रधानमंत्री और हमारे प्रेरणा पुंज अटल जी के जन्मदिन ‘‘सुशासन दिवस’’ के अवसर पर हमने राज्य के 13 लाख किसानों के बैंक खाते में 3716 करोड़ रुपये का बकाया धान बोनस अंतरित किया। हमने अपने वायदों को पूरा करते हुए किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की। प्रदेश में ‘‘रिकॉर्ड’’ 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई।
खेती-किसानी में लौटी रौनक
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य की 32 हजार करोड़ रुपए की राशि के साथ ही कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत प्रदेश के 24 लाख 75 हजार किसानों को अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपये अंतरित किए गए। इस प्रकार हमारे अन्नदाताओं के खाते में सरकार ने धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर लगभग 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किए। भूमिहीन किसानों को हमने दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना के अंतर्गत 10 हजार रुपए वार्षिक सहायता राशि देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में कृषि हितैषी नीतियों की वजह से खेती-किसानी में रौनक लौट आई है और किसानों के चेहरों पर मुस्कान नजर आ रही है। आज हमारे गांव आर्थिक रूप से संपन्न नजर आते हैं। एक लोककल्याणकारी सरकार के लिए इससे बढ़कर संतोष की बात और कुछ नहीं हो सकती।
प्रदेश के विकास में मातृशक्ति की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को गढ़ने और सँवारने में मातृशक्ति की अहम भूमिका है। हम उनके योगदान का वंदन करते हैं। हमारे छत्तीसगढ़ में तीज-त्योहार की परंपरा है। तीजा के मौके पर भाई अपनी बहनों को भेंट देते हैं। प्रदेश की माताओं-बहनों को ‘’महतारी वंदन योजना’’ के रूप में यही भेंट हम प्रदान कर रहे हैं। 10 मार्च, 2024 के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्चुअल समारोह में 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में महतारी वंदन योजना की पहली किश्त के रूप में एक-एक हजार रुपए की राशि अंतरित की। अब तक इस योजना की छह किश्त जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारी माताएं-बहनें इससे आर्थिक रूप से सक्षम व आत्मनिर्भर हुई हैं। वे इस राशि का उपयोग अपनी इच्छा अनुसार बच्चों की पढ़ाई एवं घर के बजट को व्यवस्थित करने में कर रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक संबल मिल रहा है। जब हम बेटियों को मजबूत करते हैं तो पूरा परिवार मजबूत होता है और मजबूत परिवार से ही मजबूत समाज और मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है। महिलाओं केे आर्थिक सामाजिक सशक्तीकरण से निश्चित ही विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला मजबूत हो रही है।
समाज के सबसे आखिरी व्यक्ति का उत्थान
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हमारे समक्ष अंत्योदय के लिए कार्य करने का आदर्श रखा है। समाज के सबसे आखिरी व्यक्ति के उत्थान और विकास को सुनिश्चित करने के इसी लक्ष्य के अनुरूप हम अनथक कार्य कर रहे हैं। अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी 68 लाख परिवारों को अगले पांच सालों तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण का निर्णय हमारी सरकार द्वारा लिया गया है। आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसमें सबसे पहले सबको आवास सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी है। मैं पिछले तीन दशकों से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के निकट संपर्क में रहा हूँ, उनके करीब रहकर मैंने देखा है घास-फूस के आवास में रहने वालों का दर्द क्या होता है।
18 लाख लोगों का आवास का सपना होगा पूरा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री पीएम आवास योजना लेकर आए तो प्रदेश के लाखों परिवारों को उम्मीदें जगी लेकिन पिछले 5 सालों में प्रदेश के 18 लाख जरूरतमंद परिवारों के आवास का सपना पूरा नहीं हो सका। हमने संकल्प लिया कि हम इन 18 लाख परिवारों की पीड़ा दूर करेंगे। शपथ लेने के अगले दिन ही हमारी सरकार ने इनके आवास के सपने को पूरा करने की राह खोल दी। इसके साथ ही सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण में चिन्हांकित 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को आवास स्वीकृत करने का निर्णय भी हमने ‘‘मुख्यमंत्री आवास योजना’’ के तहत लिया है।
39 लाख परिवारों के यहां नल से जल
सबको आवास के साथ ही सबको शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने जलजीवन मिशन भी आरंभ किया है। प्रदेश में इसके क्रियान्वयन की दिशा में हम तेजी से काम कर रहे हैं। इसके लिए हमने 4500 करोड़ रुपए का बजट रखा है। प्रदेश में भू जल की समस्या वाले गांवों में जलजीवन मिशन के अंतर्गत मल्टी विलेज स्कीम के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का काम शुरू हो गया है। फिलहाल राज्य के 18 जिलों में 70 मल्टी विलेज योजनाओं का काम आरंभ हो गया है। हमने छत्तीसगढ़ में 50 लाख ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा था। मुझे खुशी है कि इसमें से 39 लाख 31 हजार परिवारों में हम नल कनेक्शन उपलब्ध करा चुके हैं। आयुष्मान भारत से 77 लाख परिवारों को चिकित्सा सुविधा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे ग्रंथों में ‘‘सर्वे संतु निरामया’’ की कामना की गई है। किसी तरह की बीमारी हो जाने पर सबसे ज्यादा चिंता आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उठानी पड़ती है। इसे देखते हुए प्रदेश में ‘’आयुष्मान भारत’’-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’’ के साथ ही ‘‘शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना’’ लागू करने का निर्णय लिया गया है। इन दोनों योजनाओं से छत्तीसगढ़ के 77 लाख 20 हजार परिवारों को 5 लाख रूपए तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है।
अब वन अधिकार पत्र होंगे हस्तांतरित
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वन अधिकार पत्र धारकों की मृत्यु हो जाने के पश्चात् उनके वारिसों को वन अधिकार पत्र हस्तांतरित करने की प्रक्रिया का उल्लेख वन अधिकार नियमों में नहीं था। इस वजह से नामांतरण, सीमांकन, खाता विभाजन जैसे राजस्व संबंधी कार्य संभव नहीं थे। हमने अपने जनजाति और वनवासी भाइयों की पीड़ा को समझा। हमारी सरकार द्वारा उनके वारिसों को वन अधिकार पत्र हस्तांतरित करने का प्रावधान किया गया है। अब वन अधिकार पत्र धारण करने वाले हमारे जनजाति और वनवासी भाइयों के लिए सीमांकन, नामांतरण, खाता विभाजन जैसे कार्य सहज हो गये हैं। इन वन अधिकार पत्रों को डिजिटलाइज भी किया गया है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ी पारिश्रमिक दर
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में वनधन केंद्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने वनोपज संग्राहकों की आर्थिक तरक्की की नई राह खोली है। हमारी सरकार ने राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहकों की पारिश्रमिक दर को 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिया है। साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण समय-सीमा में भी वृद्धि की गई, जिससे हमारे भाई-बहन अधिक समय तक तेंदूपत्ता संग्रहण कर बढ़ी हुई आय अर्जित कर पा रहे हैं। इस साल 13 लाख 5 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 855 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इनकी संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 1 लाख 72 हजार अधिक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि युवा हमारे भविष्य हैं। युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिले, उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त वातावरण हो, इसके लिए हम प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं। हमारी सरकार यह मानती है कि भर्ती प्रक्रियाओं में की गई अनियमिततायें होनहार युवकों को रोजगार के अवसरों से वंचित तो करती ही हैं, साथ ही इससे सिविल सेवा की गुणवत्ता पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। हमारी सरकार द्वारा राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2021 में हुई अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया गया। हम युवाओं के लिए समान अवसर और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित हैं।
आरक्षित वर्ग के युवाओं को यूपीएससी की निःशुल्क कोचिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में हमारे युवाओं की सफलता दर बढ़े, इसके लिए आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग द्वारा नई दिल्ली में संचालित यूथ हॉस्टल में यू.पी.एस.सी. की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों के लिए सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर हमने 185 कर दी हैं। अब सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के चयनित युवा पूर्णतः निःशुल्क कोचिंग प्राप्त कर सकेंगे एवं दिल्ली में कहीं भी निवास करने पर उनको निर्धारित स्टाइपेंड भी प्राप्त होगा, जिससे उन्हें किराये के लिए भी प्रतिपूर्ति प्राप्त होती रहेगी। हमने शासकीय सेवाओं हेतु आयोजित परीक्षा में सम्मिलित होने की अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की है। इससे प्रदेश के लाखों युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ है। राजधानी के नालंदा परिसर की तरह ही 13 और नगरीय निकायों में सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी भी तैयार की जाएगी।
खेल सुविधाओं को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए खेल की सर्वाेत्तम अधोसंरचना तैयार करने की दिशा में हमारी सरकार द्वारा गहन प्रयास किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमने ‘‘छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना‘‘ आरंभ करने का निर्णय लिया है। रायगढ़ जिले में इंडोर स्टेडियम काम्प्लेक्स, हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान एवं सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक 31 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से बनाया जाएगा, वहीं बलौदाबाजार जिले में 14 करोड़ रुपए की लागत से इंडोर स्टेडियम कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। जशपुर जिले के कुनकुरी में 33 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से आधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। निश्चित रूप से हमारी सरकार युवाओं को उन्नति के लिए हर अवसर प्रदान करेगी, यह हमारा संकल्प है।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप मातृभाषा में शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के बेहतर अवसर अच्छी शिक्षा से उत्पन्न होते हैं। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की नींव को ठोस करने का काम हमने शुरू कर दिया है। इसके लिए प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ अपनी बोली-भाषा की विविधता से समृद्ध है। हमारे यहां कहावत प्रचलित है कि ‘‘कोस-कोस मा पानी बदलय, चार कोस मा बानी।‘‘ प्रारंभिक आयु में बच्चे सबसे ज्यादा अपनी मातृभाषा में सीखते हैं, इसके चलते ही हमने नई शिक्षा नीति के तहत 18 स्थानीय भाषाओं में प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है। इससे बच्चों का अपनी भाषा से अनुराग भी बढ़ेगा तथा हमारी नई पीढ़ी अपनी जड़ों से भी जुड़ी रहेगी।
सर्वसुविधायुक्त पीएमश्री स्कूल
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों की अधोसंरचना को बेहतर करने एवं यहां शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 211 स्कूलों में पीएमश्री योजना आरंभ की गई है। इन स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में हमें 52 स्कूलों की स्वीकृति मिली है। हम ग्रीन स्कूल तैयार कर रहे हैं। स्कूलों में स्थानीय भाषाओं के साथ रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विषय भी पढ़ाये जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थी नये समय के अनुरूप स्वयं को तैयार कर सकें। प्रदेश के स्कूलों में न्योता भोज का आयोजन भी शुरू किया गया है। इसमें जन्मदिन जैसे विशेष अवसरों पर स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने समाज की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। इससे बच्चों का पोषण विकास तो होता ही है, सामुदायिक भावना का भी विकास होता है। पैरेंट्स-टीचर मीटिंग के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में हम काम कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हमने उच्च शिक्षा में भी अपनाया है। इसके चलते हमारे पाठ्यक्रम रचनात्मक होने के साथ ही रोजगारमूलक भी होंगे ताकि नये समय की जरूरतों के अनुरूप मानव संसाधन उपलब्ध कराये जा सकें और युवाओं को बेहतर रोजगार मिल सके। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए हमने ‘‘छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन‘‘ का गठन किया है। हम आईआईटी की तर्ज पर प्रदेश के हर लोकसभा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी संस्थान आरंभ करने जा रहे हैं। इसके लिए पहले चरण में रायपुर, रायगढ़, बस्तर, कबीरधाम और जशपुर में इनकी स्थापना की जाएगी।
मेडिकल शिक्षा का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को मजबूत करने मेडिकल शिक्षा का लगातार विस्तार जरूरी है। हमने संभाग स्तर पर एम्स की तर्ज पर छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स) आरंभ करने का निर्णय लिया है। रायपुर में मेकाहारा तथा बिलासपुर में सिम्स के भवन विस्तार तथा अन्य सुविधाओं पर काम प्रारंभ कर दिया है।
छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का होगा गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान करते हुए अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने हेतु हम प्रदेश की नई उद्योग नीति तैयार कर रहे हैं। इसके लिए हम देश की जानी-मानी विशेषज्ञ संस्थाओं तथा उद्योग संगठनों की सलाह लेकर कार्य कर रहे हैं। औद्योगिक अवसरों को आगे बढ़ाने देश-दुनिया में जो नवाचार प्रारंभ किये गये हैं, उन्हें राज्य की परिस्थिति के अनुरूप लागू करने छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद के गठन का निर्णय भी हमने लिया है। राज्य में निवेश का बेहतर माहौल हो, इसके लिए हमने सिंगल विंडो सिस्टम को नवीनीकृत किया है। इससे उद्यमियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा अन्य क्लियरेंस के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल में जिस तरह से छत्तीसगढ़ में नेशनल हाइवे, एयरपोर्ट और रेलवे कनेक्टिविटी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं, उससे छत्तीसगढ़ अब निवेश के लिए सबसे आदर्श जगह बन गया है। यहां प्रचुर खनिज संसाधन, कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति और कुशल मानव संसाधन के बूते उद्योगों के फलने-फूलने की प्रचुर संभावनाएं हैं।
तीव्र आर्थिक विकास के लिए रणनीति तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक विविधता को देखते हुए हमने सभी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए रणनीति तैयार की है। बस्तर और सरगुजा में हम वनोपज प्रसंस्करण केंद्रों, इको टूरिज्म, नैचुरोपैथी आदि पर जोर दे रहे हैं। नवा रायपुर को हम आईटी हब तथा इनोवेशन हब के रूप में विकसित कर रहे हैं। राजधानी के समुचित विकास के लिए और यहां उद्यम के अवसरों को बढ़ावा देने हम नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) की तरह ही स्टेट कैपिटल रीजन विकसित करने जा रहे हैं। कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रियल कारिडोर बनाने का निर्णय हमने लिया है। इसके अस्तित्व में आने पर इन क्षेत्रों में औद्योगिक विस्तार और भी तेज हो जाएगा। उद्यमी युवाओं को ‘‘छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना‘‘ के माध्यम से 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ हम ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेंगे।
‘‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग‘‘ का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिखाई गयी सुशासन की राह पर चलकर छत्तीसगढ़ को संवार रही है। सुशासन के मूल्यों को क्रियान्वित करने हमने ‘‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग‘‘ का गठन किया है। यह विभाग शासन-प्रशासन के हर स्तर पर पारदर्शिता, नवाचार और सुशासन का कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रहा है। योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन की प्रभावी मानिटरिंग के लिए हमने ‘‘अटल मॉनिटरिंग ऐप‘‘ भी तैयार किया है। प्रशासन के हर स्तर पर पारदर्शिता लाने के लिए हम विभागों में 266 करोड़ रुपए की लागत से आईटी टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हें अपनाने से मानवीय त्रुटि एवं कूटरचना की आशंका समाप्त हो जाएगी। यह पारदर्शिता की ओर सरकार द्वारा उठाया गया सबसे बड़ा कदम है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की हमारी नीति को कार्यान्वित करने में इससे बड़ी मदद मिल रही है।
ई-ट्रांजिट पास और जेम पोर्टल
मुख्यमंत्री ने कहा कि गवर्नेंस के हर हिस्से में हम पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं। खनिजों के परिवहन में हमने मैनुअल पद्धति को समाप्त कर दिया है और ई-ट्रांजिट पास जारी करने की व्यवस्था पुनः शुरू की है। इसी तरह सरकारी खरीदी में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हमने जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी का निर्णय लिया। आबकारी नीति में पारदर्शिता लाने तथा भ्रष्टाचार को समाप्त करने, पुरानी व्यवस्था के स्थान पर सीधे कंपनियों से खरीदी का निर्णय लिया है।
तहसीलदारों के अधिकारों का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संबंधी प्रकरणों के त्वरित और समय-सीमा में निराकरण के लिए हमने तहसीलदारों के अधिकारों का विस्तार किया है। नाम, जाति, पता की त्रुटि, सिंचिंत-असिंचित रकबा, कैफियत त्रुटि, एक फसली-बहु फसली त्रुटि को सुधारने का अधिकार तहसीलदार को दिया गया है, जिससे राजस्व संबंधी परेशानी झेल रहे लोगों की दिक्कत दूर हो रही है।
‘‘अमृतकाल विजन/2047’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की तर्ज पर राज्य नीति आयोग का गठन किया गया है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी के सौ बरस पूरे होने पर वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है और इसके लिए एक रोड मैप तैयार किया है। हमारी सरकार भी इससे कदमताल करते हुए ‘‘विकसित छत्तीसगढ‘‘़ का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है। इसके लिए राज्य नीति आयोग द्वारा ‘‘अमृतकाल विजन/2047’’ तैयार किया जा रहा है। हमारी दिशा स्पष्ट है, नियत साफ है और हौसला पर्वत जैसा है। निश्चित ही आप सभी की भागीदारी के साथ ‘‘अमृतकाल विजन/2047’’ पर काम कर हम विकसित छत्तीसगढ़, विकसित भारत के निर्माण का संकल्प पूरा करेंगे।
संस्कृति संवर्धन
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़िया लोगों की पहचान देश-दुनिया में सहज-सरल लोगों के रूप में है। यह हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हम मेहनतकश लोग हैं। ईमानदारी से काम करते हैं। यह हमारे सांस्कृतिक मूल्य हैं। इन्हें सहेज कर रखना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। अपनी बोली-भाषा, तीज त्यौहार, खान-पान को सहेजते हुए आने वाली पीढ़ी को इनसे परिचित कराते हुए हमें निरंतर आगे बढ़ना है।
’‘एक पेड़ माँ के नाम’‘ अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संकट को देखते हुए हम सबका कर्तव्य है कि पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपनी भागीदारी दें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ’‘एक पेड़ माँ के नाम’‘ अभियान आरंभ किया है। मैंने अपने गृह ग्राम बगिया में इस अभियान के अंतर्गत रुद्राक्ष का पौधा लगाया है। रायपुर में मुख्यमंत्री निवास में मैंने दहीमन का पौधा लगाया है। आप भी एक पौधा जरूर लगाएं, यह आग्रह है।
श्रीराम के वनवास काल का साक्षी रहा छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी पुण्य भूमि का परम सौभाग्य है कि श्रीराम हमारे भांजे हैं और उनकी कर्मभूमि भी छत्तीसगढ़ है। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के सीतामढ़ी हरचौका से लेकर सुकमा के इंजरम तक कण-कण श्रीराम के वनवास काल का साक्षी है। हमारी धरती, माता शबरी की पुण्य भूमि है। पवित्र शिवरीनारायण धाम में उन्होंने अपनी अगाध श्रद्धा से जूठे बेर प्रभु को खिलाए थे। वनवास के दौरान बिताए गए चौदह वर्षों में से दस वर्ष प्रभु श्री राम ने हमारे छत्तीसगढ़ में ही बिताए हैं। रामायण के प्रसंग जनजातीय लोगों से प्रभु श्रीराम के अद्भुत स्नेह तथा प्रभु श्रीराम के जनजातीय लोगों के प्रति गहन अनुराग और समर्पण से भरे पड़े हैं। हम जब भी इन प्रसंगों को सुनते हैं, भाव विभोर हो जाते हैं। हम धन्य हैं कि हमारा जन्म इस पुण्य भूमि में हुआ है। यह सौभाग्य हमें श्रीराम के आदर्शों पर चल कर निरंतर काम करने की प्रेरणा देता है।
‘‘अयोध्या धाम श्रीरामलला दर्शन योजना‘‘
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच सौ वर्षों के अहिंसक संघर्ष की पूर्णाहुति अयोध्या धाम में श्रीरामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के रूप में हुई। अपने भांचा राम के दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ का हर नागरिक उत्सुक है। ‘‘अयोध्या धाम श्रीरामलला दर्शन योजना‘‘ के माध्यम से हम हजारों रामभक्तों को उनके आराध्य के दर्शन के लिए पूर्णतः निःशुल्क भेजने का माध्यम बने हैं। यह पुण्य अवसर हमें श्रीरामलला ने दिया है। उन्होंने तुलसीदास जी के रामचरितमानस के दोहे का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘‘दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज्य नहीं काहुहि ब्यापा।’’ भगवान श्रीराम ने एक आदर्श राज्य की स्थापना की। आप सभी के सहयोग से हम अपने पूरे सामर्थ्य के साथ काम करते हुए छत्तीसगढ़ को सुखी, समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में काम करेंगे।