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स्कूल की छत का प्लास्टर बच्चों पर गिरा, मचा हड़कंप
जांजगीर-चांपा- पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत और छत गिरने की खबरें सामने आ रही हैं. इस बीच आज जांजगीर-चांपा जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है. यहां सरकारी स्कूल के कमरे का छज्जा अचानक गिर गया, जिससे कई छात्र-छात्राएं और शिक्षक घायल हो गए हैं. घटना से स्कूल में हड़कंप मच गया. वहीं सभी घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।


जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के पुटपुरा गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हर दिन की तरह आज भी क्लास चल रहा था. इस दौरान दोपहर करीब 1:30 बजे जब कक्षा 6वीं के छात्र कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे. तभी अचानक छत का प्लास्टर गिर गया. जिसकी चपेट में आने से छात्र-छात्राएं और शिक्षक घायल हो गए. हादसे में 4 छात्रा, एक छात्र और एक शिक्षक घायल हुए है. हादसे के बाद सभी घायलों को आननफानन में जिला अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक इलाज किया गया.

छज्जा गिरने से 4 छात्राएं और शिक्षक घायल

घायलों में कक्षा 6 वीं के छात्र समर राठौर (11 वर्ष), पूनम राठौर (11 वर्ष), मानवी यादव (11 वर्ष), राधिका केवट (12 वर्ष), शिक्षा यादव (11 वर्ष) और एक शिक्षक शामिल हैं. छात्रा शिक्षा यादव के सिर और पैर में ज्यादा चोट आई है, लेकिन वह खतरे से बाहर है.

कमरे में पानी टपकने की दो दिन पहले ही दी गई थी सूचना

इस स्कूल भवन का निर्माण 1999 में हुआ था, और हाल ही में इसके एक कमरे में पानी टपकने की समस्या आई थी. इस समस्या के बारे में सरपंच को दो दिन पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया और आज यह हादसा हुआ. गनीमत रही की सभी बच्चों को ज्यादा चोट नहीं आई. लेकिन प्रशासन की ठिलता से आज बड़ा हादसा हो सकता था. यह घटना सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति और रखरखाव में कमी को उजागर करती है.
कॉलेज में वर्चस्व को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट, युवकों ने चलाए डंडे और लात-घूसे

रायपुर-   राजधानी के समता कॉलोनी स्थित मैक कॉलेज और नगर निगम के बाहर दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट का मामला सामने आया है. बताया जा रहा कि वर्चस्व की लड़ाई के चलते कॉलेज छात्रों के बीच लड़ाई हुई है. बूढ़ापारा गवली फील्ड और बैजनाथ पारा के युवकों ने जमकर डंडे और लात-घूसे चलाए हैं. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा.

घटना की सूचना पर कोतवाली सीएसपी मौके पर पहुंची और युवकों को हिरासत में लिया. जानकारी के मुताबिक, दोनों पक्ष समता कॉलोनी स्थित मैक कॉलेज के बाहर लड़ाई के बाद नगर निगम के बाहर भी भिड़ गए. पुलिस वायरल वीडियो से युवकों की पहचान कर रही.

जानकारी के मुताबिक महाराजा अग्रसेन इंटरनेश्नल कॉलेज (MAIC) के छात्रों के बीच कॉलेज में अपना वर्चस्व स्थापित करने को लेकर पिछले लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन आज ये विवाद दो गुटों के बीच बलवा में बदल गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कॉलेज के भीतर कुछ देर पहले छात्रों के बीच मारपीट हुई. इस दौरान आक्रोशित छात्रों ने अपने-अपने गुटों से युवकों को कॉलेज के बाहर बुला लिया था.

समता कॉलोनी में ही दोनों पक्षों से आए करीबन पचास युवकों के बीच जमकर विवाद हुआ. इसके बाद युवकों का नगर निगम व्हाईट हाउस बिल्डिंग के बाहर भी जमकर मारपीट हुई. इसका वीडियो सामने आया है. पुलिस ने दोनों पक्षों के कुछ युवकों को हिरासत में लिया है.

वीडियो से युवकों की पहचान कर रही पुलिस : सीएसपी

कोतवाली थाना सीएसपी योगेश साहू ने बताया कि नगर निगम गार्डन के पास कुछ युवकों के बीच मारपीट की जानकारी मिली थी. इसके बाद तत्काल कोतवाली थाना पुलिस टीम को रवाना कर दिया गया था. मौके से कुछ युवकों को हिरासत में लेकर थाना लाया गया है. मारपीट का वीडियो सामने आया है, जिसके आधार पर अन्य युवकों की पहचान की जा रही है.

डीएमएफ घोटाले पर महाराष्ट्र के साथ छत्तीसगढ़ में ईडी की छापेमारी, 1 करोड़ से अधिक की रकम की फ्रीज…
रायपुर- पीएमएलए के तहत डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में चार स्थानों पर छापेमारी की. दो दिन पूर्व हुई इस कार्रवाई में 1.11 करोड़ रुपए फ्रीज किए गए हैं. वहीं 76 लाख रुपए नगद बरामद किए गए. 


प्रवर्तन निदेशालय ने अपने बयान में बताया कि डीएमएफ खननकर्ताओं द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है. राज्य सरकार के अफसरों और राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने से पैसे निकालने में शामिल हुए. छत्तीसगढ़ पुलिस के 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू हुई है.

ईडी की जांच से पता चला कि ठेकेदारों ने अफसरों और राजनीतिक अधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन/अवैध परितोषण का भुगतान किया है, जो अनुबंध मूल्य का 25 फीसदी से 40 फीसदी तक है. रिश्वत के भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली नकदी विक्रेताओं द्वारा आवास प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई थी. प्रवेश प्रदाताओं और उनके संरक्षकों की तलाशी ली गई, जिसमें विभिन्न आपत्तिजनक विवरण, कई फर्जी स्वामित्व इकाई और भारी नकदी मिली.

तलाशी और जब्ती अभियान के परिणामस्वरूप 76.50 लाख रुपए की नकदी जब्त की गई है. प्रवेश प्रदाता फर्मों से संबंधित 8 बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं. इनमें लगभग 35 लाख रुपए डमी फर्मों से संबंधित विभिन्न टिकटें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए हैं. आगे की जांच जारी है.
पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, रायपुर रेंज आईजी ने बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को किया इधर से उधर, देखें लिस्ट …
रायपुर- रायपुर रेंज के पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों का तबादला हुआ है. जिसमें सहायक उप निरीक्षक (ASI), प्रधान आरक्षक और आरक्षकों को इधर से उधर किया गया है. यह ट्रांसफर आदेश आईजी अमरेश कुमार मिश्रा ने जारी की है.

जारी आदेश के अनुसार, रायपुर रेंज के रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार, महासमुंद जिले के कुल 84 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर हुआ है. इनमें 14 ASI, 22 प्रधान आरक्षक और 48 पुलिसकर्मियों का नाम शामिल है.

देखिये ट्रांसफर आदेश-
‘कोलकाता की निर्भया’ को न्याय दिलाने छत्तीसगढ़ के डॉक्टर्स हुए एकजुट, काली पट्टी लगाकर कर रहे मरीजों का इलाज

रायपुर- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की छात्रा से दुष्कर्म के बाद की गई हत्या से केवल पश्चिम बंगाल ही नहीं पूरा देश में गुस्सा है. इसकी बानगी रायपुर में भी नजर आ रही है. छत्तीसगढ़ के सभी OPD डॉक्टर आज जहां काली पट्टी बांधकर मरीजों को अटेंड कर रहे हैं, वहीं बुधवार को विरोध-प्रदर्शन करेंगे. 

यूडीएफए और छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की बैठक में फैसला 14 अगस्त को सामूहिक हड़ताल पर जाते हुए ओपीडी को बंद करने का फैसला लिया गया. हड़ताल के दौरान इलेक्टिव सर्विसेज जहां बंद रहेंगे, वहीं इमरजेंसी सर्विस चालू रहेगी. बैठक में रायपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर के जेडीए के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे. बैठक में केंद्र सरकार से सीबीआई जांच सहित पांच सूत्रीय माँग रखी गई. इसके साथ राज्य सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने की अपील कर रहे हैं.

डॉक्टरों की मांगों का जिक्र करते हुए एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया कि कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ऑन ड्यूटी डॉक्टर के साथ हुई घटना के आरोपियों को सीबीआई जांच के माध्यम से कड़ी सजा देने की मांग करते हैं. इसके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य प्रतिष्ठान संरक्षण अधिनियम- स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्यस्थल पर हिंसा को रोकने के लिए पूरे भारत में जल्द से जल्द “केंद्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य प्रतिष्ठान संरक्षण अधिनियम” लागू किया जाना चाहिए.

पदाधिकारियों ने कहा कि कार्यस्थल सुरक्षा प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गार्ड अपने ड्यूटी घंटों के दौरान अपने स्थान पर रहें और उनके काम की सख्ती से निगरानी की जानी चाहिए. इसके साथ राज्य के भीतर मेडिकल कॉलेज परिसरों के भीतर अंधेरे क्षेत्रों की पहचान की जानी चाहिए और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे सभी अंधेरे स्थलों में उचित रोशनी लगाई जानी चाहिए, इसके अलावा मेडिकल कॉलेज परिसरों के चारों ओर उचित सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ये कैमरे काम करने की स्थिति में हों.

कॉलेज का गेट कर दिया बंद

छत्तीसगढ़ में ही नहीं घटना के केंद्र कोलकाता में भी डॉक्टरों का गुस्सा उबल रहा है. कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज (सीएनएमसी) के छात्रों ने ममता सरकार की लापरवाहीपूर्ण कार्रवाई के विरोध में संदीप घोष के प्रवेश को रोकने के लिए गेट बंद कर दिया है.

दरअसल, जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना को लेकर छात्रों के साथ आम लोगों के गुस्से को देखते हुए आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन ममता सरकार ने चार घंटे बाद ही उन्हें सीएनएमसी कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया. ममता सरकार के कदम के विरोध में सीएनएमसी के छात्रों ने संदीप घोष को पदभार ग्रहण करने से रोकने के लिए कॉलेज गेट बंद कर दिया है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुए अहम खुलासे

वहीं दूसरी ओर जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने रेप के बाद पीड़िता का गला घोंटा. आरोपी ने पीड़िता का गला दबाकर और मुंह दबाकर हत्या की. रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह 3 से 5 बजे के बीच डॉक्टर की हत्या की गई. पीड़िता के शरीर पर कई जगहों पर चोट के गंभीर निशान पाए गए हैं.

‘‘एक पेड़ महतारी के नाम’’ महाभियान का शुभारंभ, एक पेड़ महतारी के नाम रथ को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

रायपुर-   पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अभिनव पहल पर ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ का अनुसरण करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में ‘‘एक पेड़ महतारी के नाम’’ महाअभियान की शुरूआत की। उन्होंने इस मौके पर आम नगारिकों से प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनने की अपील की। मुख्यमंत्री ने एक पेड़ महतारी के नाम रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री निवास परिसर में अभियान की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने 94.3 माय एफ एम को बधाई देते हुए कहा कि वह इस अभिनव पहल को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ‘‘एक पेड़ महतारी के नाम’’ अभियान की शुरूआत कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ महतारी को हरियर बनाने के लिए माय एफ एम की पहल के साथ राज्य के आमजनों को अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी इस अभियान से जुड़े और एक पेड़ जरूर लगाएं। हमारी मातृशक्ति देवियों की पुण्य भूमि दंतेवाड़ा, रतनपुर, डोंगरगढ़, चंद्रपुर तथा कुदरगढ़ में भी हम मातृशक्ति की वंदना करते हुए पेड़ लगाएंगे। आप सभी प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें। आप सभी का यह प्रयास मिल का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्कूली बच्चों को विभिन्न किस्मों के पौधों के बीज भी वितरित किए और उन्हें वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया।

श्रम मंत्री ने रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में निर्माणी श्रमिकों को दी 14.47 करोड़ रूपये की सौगात

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने राज्य के 33 हजार से अधिक निर्माणी श्रमिकों एवं उनके परिजनों को रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में 14 करोड़ 47 लाख रूपए से अधिक सौगात दी है। यह राशि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाएगी। श्रम मंत्री ने भी विभिन्न विभागीय योजनाओं के तहत श्रमिक परिवारों के हितग्राहियों के लिए 14 करोड़ 47 लाख 44 हजार 709 रूपए की स्वीकृति प्रदान की।

यहां यह उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग द्वारा निर्माणी श्रमिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता, मिनीमाता महतारी जतन योजना, नोनी सशक्तिकरण योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति, गणवेश, पुस्तक, कॉपी, सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू शिक्षा सहायता योजना, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना, आवास सहायता योजना सहित अन्य योजनाओं के अंतर्गत सीधे लाभान्वित किए जाता है।

श्रम विभाग अतंर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित विभिन्न योजनाएं जैसे- मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत 885 श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है। इसी तरह नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 9354, मुख्यमंत्री मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना 50, मिनीमाता महतारी जतन योजना 975, मुख्यमंत्री सियान सहायता योजना 71, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास योजना 114, नोनी बाबू मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना 36, एवं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कापी हेतु सहायता योजना के तहत् छात्र-छात्राएं 18028 अन्य योजनाओं में इस प्रकार कुल 33873 निर्माण श्रमिक एवं उनके बच्चों को योजनाओं के तहत् सीधे उनके खाता में ऑनलाईन के माध्यम राशि लाभान्वित हेतु राशि रूपये 14 करोड़ 47 रूपये स्वीकृत किया गया है।

श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत गरियाबंद जिले के लिए पात्र श्रमिकों की संख्या 17, स्वीकृत राशि 24 लाख रूपए, जिला धमतरी में श्रमिकों की संख्या 33, स्वीकृत राशि 04 करोड़ 84 लाख 29 हजार रूपए, जिला महासमुंद में श्रमिकों की संख्या 2767, स्वीकृत राशि 04 करोड़ 30 लाख 07 हजार रूपए, जिला मुंगेली में श्रमिकों की संख्या 276, स्वीकृत राशि 54 लाख 80 हजार रूपए, जिला कोरबा में श्रमिकों की संख्या 324, स्वीकृत राशि 71 लाख 05 हजार 25 रूपए, जिला रायगढ़ में श्रमिकों की संख्या 225, स्वीकृत राशि 44 लाख 86 हजार रूपए, जिला बस्तर में श्रमिकों की संख्या 22, स्वीकृत राशि 03 लाख 92 हजार 628 रूपए, जिला कोण्डागांव में श्रमिकों की संख्या 328, स्वीकृत राशि 29 लाख 68 हजार 500 रूपए, जिला कांकेर में श्रमिकों की संख्या 08, स्वीकृत राशि 08 लाख रूपए, जिला दंतेवाड़ा में श्रमिकों की संख्या 735, स्वीकृत राशि 01 करोड़ 12 लाख 61 हजार 500, जिला सरगुजा में श्रमिकों की संख्या 496, स्वीकृत राशि 99 लाख 20 हजार रूपए, जिला जशपुर में श्रमिकों की संख्या 28, स्वीकृत राशि 09 लाख 60 हजार रूपए, जिला दुर्ग में श्रमिकों की संख्या 340, स्वीकृत राशि 79 लाख 20 हजार, जिला राजनांदगांव श्रमिकों की संख्या 976, स्वीकृत राशि 01 करोड़ 83 लाख 25 हजार रूपए, जिला बालोद में श्रमिकों की संख्या 200, स्वीकृत राशि 40 लाख 80 हजार एवं जिला कबीरधाम में श्रमिकों की संख्या 1326, स्वीकृत राशि 01 करोड़ 59 लाख 10 हजार रूपए शामिल है।

इस तरह कुल 33 हजार 873 श्रमिकों एवं उनके परिजनों को लाभान्वित करने के लिए 14.47 करोड़ रूपए की मंजूरी दे दी गई है। यह राशि छत्तीसगढ़ भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा स्वीकृत की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सीजी साथी पुस्तिका का किया विमोचन

रायपुर-  स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज अपने निवास कार्यालय में सीजी साथी (Chhattisgarh Strategic Alliance for Transforming Healthcare Initiatives) नामक पुस्तिका का विमोचन किया। यह पुस्तिका छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं संकेतकों को बेहतर करने के साथ योजनाओ और परियोजनाओं के बेहतर संचालन हेतु सहयोगी संगठनों के तकनीकी सहयोग को दिशा देने में मदद करेगी।

यह राज्य मे अपनी तरह का पहला अभिनव पहल है, जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाओं को एक साझा मंच मिलेगा। इसके अन्तर्गत समयबद्ध चरणों में योजनाओं के क्रियान्वयन और नये योजनाओं पर विस्तारित रुप से चर्चा एवं समीक्षा की जायेगी। इस पहल से आपसी संवाद के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यक्रम और विभिन्न संकेतकों का तत्वरित क्रियान्वयन किया जा सकेगा।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन और आखरी व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। इसे पूरा करने के लिए CG SATHI एक बेहतरीन पहल है।

इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग छत्तीसगढ़ और यूनिसेफ का विशेष सहयोग रहा है। विमोचन के अवसर पर राज्य से गैर-सरकारी संगठनों के नोडल कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कमलेश जैन, यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य सहयोगी संगठनों के राज्य प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

सड़कों की हालत पर हाईकोर्ट ने अफसरों की लगा दी क्‍लास; पूछा- ये कैसी इंजीनियरिंग है, मांगा व्‍यक्तिगत हलफनामा

बिलासपुर- बिलासपुर शहर में ड्रेनेज सिस्टम को लेकर हाई कोर्ट ने निगम के अफसरों, उनकी इंजीनियरिंग पर बड़ा सवाल उठाया है। निगम कमिश्नर व नगरीय प्रशासन विभाग के सिक्रेटरी से पूछा है कि ये कैसी इंजीनियरिंग है कि हल्की सी बारिश होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है, नालियां व नाले जाम हो जा रही है। लोगों की परेशानी से आप लोगों को लेनादेना है या नहीं। बारिश के दिनों में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिया कोई कार्ययोजना है भी या नहीं। कोर्ट ने कहा कि अभी तो पूरी बरसात है। लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग और बिलासपुर नगर निगम क्या कर रहा है। शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश डिवीजन बेंच ने दिया है।

जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच में हुई। याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने शासन व निगम कीओर से पैरवी करने के लिए उपस्थित ला अफसरों से पूछा कि बुधवार को हल्की वर्षा के कारण पुराने बस स्टैंड की सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। नाली का पानी सड़क पर आ जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे पहले ही लोगों को जलजमाव की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

अखबार में प्रकाशित खबर को स्वत: संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जनहित याचिका में सोमवार से सुनवाई प्रारंभ की है। याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सचिव, शहरी प्रशासन एवं विकास, और आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर को निर्देश दिया है कि वे खराब जल निकासी व्यवस्था के कारण जल जमाव के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

इन अफसरों को बनाया पक्षकार

मुख्य सचिव छग शासन, सचिव नगरीय प्रशासन , चेयरमैन सीएसपीड़ीसीएल ,एमड़ी डिस्ट्रीब्युशन , कलेक्टर बिलासपुर , कमिश्नर नगर निगम बिलासपुर और ईई सीएसपीड़ीसीएल।

कोर्ट ने यह भी कहा

हल्की वर्षा के दौरान कश्यप कालोनी में अधूरे नाली निर्माण के कारण पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में सड़क पर जलभराव की स्थिति हो गई। पानी खाली होने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया। कश्यप कालोनी में नाली निर्माण का कार्य पिछले दो माह से चल रहा है और बारिश से पहले काम पूरा नहीं होने से समस्या आ रही है। बुधवार को हुई हल्की वर्षा से पुराने बस स्टैंड और राजीव प्लाजा की नालियां भी लबालब हो गईं। साथ ही होर्डिंग तेज अंधड़ में नीचे जाकर बिजली लाइन में फंस गया, जिससे और 33 केवी लाइन में फाल्ट हो गया। इसे सुधारने में काफी समय लगा। इस अवधि के दौरान, पुराने आरटीओ, व्यापार विहार और पीजीबीटी सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति घंटों बाधित रही। ये सब व्यवस्था कब तक दुरुस्त होगी। व्यवस्था सुधारने के लिए विभाग के अफसर क्या कर रहे हैं और क्या कार्ययोजना है।

शादी का सामान खरीदने डिप्टी कलेक्टर मैडम सरकारी गाड़ी में जाती हैं दुर्ग-रायपुर!, ड्राइवर ने की शिकायत…

बालोद- बालोद जिला में महिला अधिकारी के निजी काम के लिए सरकारी वाहन के उपयोग करने का मामला सामने आया है. अनुविभागीय अधिकारी के ड्राइवर ने अपर कलेक्ट को लिखित शिकायत में बताया कि मैडम सरकारी वाहन से शादी का सामान खरीदने के लिए रायपुर, दुर्ग-भिलाई आना-जाना कर रही हैं, यही नहीं अपनी प्राइवेट कार में सरकारी राशि से पेट्रोल भी भरवा रही हैं. अपर कलेक्टर ने शिकायत की जांच कराने की बात कही है.दरअसल, शिकायतकर्ता कमल किशोर गंगराले गुरुर अनुविभागीय अधिकारी की सरकारी गाड़ी चलाता है. 22 जुलाई से पूर्व अनुविभागीय अधिकारी पूजा बंसल की अवकाश (छुट्टी) पर चले जाने से उनकी जगह डिप्टी कलेक्टर प्राची ठाकुर को प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी बनाया गया है. शिकायतकर्ता के अनुसार, पदभार ग्रहण करने के अगले ही दिन 23 जुलाई को अधिकारी सरकारी वाहन CG 02 H0042 में ड्राइवर को साथ लेकर दुर्ग-भिलाई और रायपुर स्थित शॉपिंग मॉल खरीदारी की. रात में भिलाई स्थित अपने घर पर रुक गई. इसके बाद ड्राइवर अधिकारी और गाड़ी को छोड़ रात 11 बजे बस से बालोद लौट गया.
5 दिन बाद 27 जुलाई को फिर इस सरकारी वाहन से ड्राइवर को रायपुर ले जाकर अपना पर्सनल काम कर रात में भिलाई निवास में रुक गई. ड्राइवर फिर गाड़ी छोड़कर बस से रात में बालोद लौट गया. 29 तारीख को महिला अधिकारी ने अपनी प्राइवेट कार की सरकारी बताकर 50 लीटर पेट्रोल भरवा लिया. इसका रिकॉर्ड सरकारी दस्तावेज लॉग बुक में चढ़ाने पर ड्राइवर ने जब अधिकारी से पूछा तो उसे बिना कोई जवाब दिए, गाड़ी चलाने से हटा दिया. इस पूरे मामले को लेकर ड्राइवर कमल किशोर गंगराले ने अपर कलेक्टर से शिकायत की है. दस्तावेजी सबूत…
ड्राइवर की शिकायत पर जब अनुविभागीय अधिकारी प्राची ठाकुर का पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो उन्होंने मीडिया में कोई भी बयान देने से साफ इंकार कर दिया. वहीं मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक का कहना है कि अधिकारी के खिलाफ शिकायत आई है. आधिकारिक कथन लिया जाएगा. उन्होंने दोनों पक्षों को सुनने के बाद नियमानुसार कार्रवाई का बात कही है.