क्या सच में हत्यारे का चेहरा कैद हो जाता है सांप की आंख में,जाने क्या कहते हैं सांपो के एक्सपर्ट्स?
पुरानी हिंदी फिल्मों में हम हमेशा से देखते आए हैं कि सांप की आंखो में हमलावरों की तस्वीरें कैद हो जाती हैं. इसके बाद वो या फिर उसका पार्टनर उन हमलावरों से बदला लेता है. ऐसी कहानियों पर कई फिल्में बन चुकी हैं. साल 1976 में एक नागिन नाम से फिल्म आती है. इस फिल्म में संजय दत्त के पिता सुनील दत्त लीड रोल में होते हैं. इसमें वो और उनके कुछ दोस्त गल्ती से एक नाग की हत्या कर देते हैं. इस घटना को नागिन (उसकी पार्टनर) देख लेती है. इसके बाद इंतकाम लेने के लिए सभी को एक एक कर मार देती है. ऐसे में एक सवाल उठता है, क्या सच में सांपो की आखों में हत्यारे का चेहरा कैद हो जाता है? क्या सांप की इतनी मेमोरी होती है कि वो हत्यारों को याद कर सकें? आइये जानते हैं इसपर साइंस क्या कहता है.
सांपों को लेकर बहुत सी कहानियां बचपन से हमारे अंदर घर कर चुकी हैं. लोगों में ये धारणा है कि सांप अपनी आंखों में फोटो खींच लेता है और फिर उसका पार्टनर बदला लेने वापस आता है. जबकि ये सच्चाई नहीं है. सांप की आंख उस चीज को कैद नहीं कर पाती, जो उसने मरने के बाद आखिरी बार देखा था. सभी जीवित जीवों की तरह सांप की भी देखने की क्षमता उसके दिमाग पर निर्भर करती है. सांप के मरने पर उसका दिमाग काम करना बंद कर देता हैं, जिसेक कारण सांप की आंख में कैद कोई भी तस्वीर उसकी मौत के बाद बरकरार नहीं रहती है. सांप भले ही देख सकते हैं, लेकिन उनके देखने की रेंज काफी कम होती है.
सांपों के बदला लेने की अवधारणा सिर्फ अंधविश्वास
सांपो के बदला लेने की कहानी एक मनगढ़ंत कहानी है. इसे कभी बदला नहीं जा सकता. मरे हुए सांप कभी बदला नहीं लेते हैं. कई फिल्मों में देखा गया है कि मरे हुए सांप का पार्टनर उसकी मौत का बदला लेता है, ये भी सच नहीं है. सांपों की याद रखने की क्षमता बहुत कमजोर होती है और उन्हें तो थोड़ी देर के लिए भी कुछ याद नहीं रहता है. इसलिए सांपों के इंतकाम की कहानी पूरी तरह से फिल्मी है. इसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं है. इस बात पर समझना जरूरी है कि सांपों द्वारा बदला लेने के मामले का समर्थन करने वाला कोई वैज्ञानिक प्रमाण हमारे बीच में नहीं है. सांपों के बदला लेने की अवधारणा सिर्फ सामाजिक अंधविश्वासों और स्थानीय मान्यताओं की देन है.
सांपो के एक्सपर्ट्स कहते है
इस पर सांप के एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सांप की याददाश्त में ये नहीं रहता कि उसको किसने मारा है न ही उसकी आंखो में कोई तस्वीर छपती है. अधिकतर समय वे अपने आप से ही मतलब रखते हैं. बता दें, भारत में सांपों की करीब 350 प्रजातियां पाई जाती हैं. इसमें से 70 प्रतिशत सांपों में जहर नहीं होता है. सिर्फ 30 प्रतिशत में भी कुछ ऐसी प्रजातियां हैं जिनके काटने से इंसानों को कोई नुकसान नहीं होता है.
Aug 01 2024, 10:05