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वायनाड भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 70 से ज्यादा, रेस्क्यू में जुटीं सेना और एनडीआरएफ की टीमें*
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केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि 116 घायल हुए हैं। वहीं सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है।जिन्हें सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिए तेज रफ्तार से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इलाके में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। राज्य से लेकर केंद्र तक एक्टिव मोड में नजर आ रहा है। *अस्पतालों में पहुंचे 70 से अधिक शव पहुंच* केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन पर केरल के मुख्य सचिव डॉ. वी. वेणु ने कहा, 'स्थिति अभी भी बहुत गंभीर बनी हुई है। अस्पतालों में 70 से अधिक शव पहुंच चुके हैं। लेकिन हमें खबर मिली है कि अभी भी कई लोग लापता हैं और हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। एक छोटी सी टीम नदी पार करके पहुंचने में कामयाब रही है, लेकिन हमें मदद पहुंचाने और नदी के दूसरी तरफ बचाव अभियान शुरू करने के लिए और भी लोगों को भेजना होगा। आज और कल रेड अलर्ट है इसलिए हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सकते। एनडीआरएफ पूरी ताकत से वहां मौजूद है, हमारे पास सेना का बैकअप है।' *भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में परेशानी* हालांकि, इलाके में भारी बारिश के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मलप्पुरम के नीलांबुर क्षेत्र में बहने वाली चालियार नदी में कई लोगों के बह जाने की आशंका है। इस बीच, मुंडक्कई में कई घर, दुकानें और वाहन मलबे में दबे हुए हैं। घटनास्थल पर जाने वाला एक पुल बह गया है, जिससे रेस्क्यू में परेशानी आ रही है। *केरल सरकार ने घोषित किया राजकीय शोक* केरल में आधिकारिक शोक की घोषणा की गई है। आज और कल शोक रहेगा। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। राज्य सरकार के आधिकारिक कार्यक्रम और समारोह आज और कल स्थगित कर दिए गए हैं।
सदियों से गुरुद्वारों पर लहरा रही 'भगवा' पताका, अब नहीं लहराएगी ! SGPC ने लिया रंग बदलने का फैसला



गुरुद्वारों पर सदियों से फहराया जा रहे ध्वज का रंग अब भगवा या केसरिया नहीं होगा। सिख समुदाय की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस संबंध में बाकायदा आदेश जारी किए हैं कि अब निशान साहिब का रंग बसंती होगा। यह फैसला SGPC ने श्री अकाल तख्त साहिब में हुई पांच सिंह साहिबान की मीटिंग में लिया है।

SGPC ने कहा है कि केसरी निशान साहिब को लेकर संगत के बीच असमंजस था। कुछ मामले श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में आए थे, जिन पर चर्चा हुई। पांच सिंह साहिबानों की बैठक में इस मुद्दे पर बातचीत हुई कि निशान साहिब का रंग बेशक भगवा है, मगर गलती से यह हिंदू धर्म के प्रतीक भगवा रंग से मेल खाता है। इसके चलते कई बार संगत के लोग या अजनबी लोग इसमें फर्क नहीं कर पाते हैं और दोनों को एक ही समझ लेते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। SGPC ने कहा कि सिख धर्म हिंदू धर्म से अलग है, लेकिन फिर भी कुछ लोग यह प्रचार करते हैं कि हिंदू और सिख एक ही धर्म हैं। इस प्रकार के भ्रम से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

वैसे ये अलग बात है कि, सिख गुरुओं ने तो अपने आप को हिन्दुओं से अलग नहीं समझा था। मुग़लकाल और ब्रिटिश काल में भी ये एक ही रहे। लेकिन बंटवारे के बाद राजनेताओं की सियासी चाह और पाकिस्तानी साजिश ने इनमे फूट डाल दी। खालिस्तान मुद्दे ने इसमें आग में घी का काम किया, जो इंदिरा गांधी के कार्यकाल में पैदा हुआ था। वरना किस सिख गुरु ने अलग देश माँगा था ? गुरु नानकदेव ने राम कि वंदना की है, गुरु गोविन्द सिंह ने दुर्गा की और गुरु गोबिन्द सिंह ने चंडी चरित्र लिखा है, दुर्गा की उपासना की है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा था कि, 'सकल जगत में खालसा पंथ गाजे, जगे धर्म हिंदू, सकल भंड भाजे।'

गुरु गोबिंद सिंह, अपनी सेना को संबोधित करते हुए कहते थे कि, ''देहि शिवा वर मोहे, शुभ करमन ते कबहूं न टरूं, न डरूं अरि सौं जब जाइ लरूं, निश्चय कर अपनी जीत करूं।'' यहाँ गुरु गोबिंद सिंह किस शिवा की बात कर रहे हैं, दरअसल भारत में शिव की अर्धांगिनी माँ दुर्गा को ही शिवा कहा जाता है। यही नहीं, भारत में जय माता जी का नहीं, बल्कि 'जय माता दी' का नारा प्रसिद्ध है, क्योंकि सिख गुरुओं से लेकर समुदाय ने भी माता को खूब पूजा है और आज भी पूजते हैं। लेकिन SGPC का कहना है, तो आगे जाकर शायद ये बंद भी हो सकता है, क्योंकि अलग करने की कोशिशें तो शुरू हो ही चुकी हैं। बुल्ले शाह जी कहते हैं कि, ना कहूँ जब की, ना कहूँ तब की, ना कहूँ जब की, ना कहूँ तब की, बात कहूँ मैं अब की, अगर ना होते गुरु गोविन्द सिंह, सुन्नत होती सभ की। यानी अगर गुरु गोबिंद सिंह ना होते तो सभी लोग मुसलमान होते। ये बताता है कि, गुरु गोबिंद सिंह ने किस कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

वैसे एक दौर वो भी था, जब धर्म रक्षा के लिए हिन्दू परिवार अपने घर के एक बेटे को सिख बनाया करते थे और उन्हें गुरुओं की सेवा में भेजा करते थे। बन्दा सिंह बहादुर पहले महंत माधोदास बैरागी थे, भाई मणि राम राजपूत परिवार से थे, भाई मती दास छिब्बर वंश के (सारस्वत) मोहयाल ब्राह्मण परिवार से थे, भाई सतीदास उनके छोटे भाई थे। ऐसे तमाम लोग गुरुओं के हाथों आशीर्वाद लेकर धर्म और देश रक्षा के लिए बलिदान हुए। गुरु ने खुद कश्मीरी पंडितों की विनती मानकर उन्हें आश्रय दिया और औरंगज़ेब के खिलाफ आवाज़ उठाई। ये तमाम चीज़ें बताती हैं कि, सिख और हिन्दू कभी अलग नहीं रहे। पर अब उन्हें अलग करने की कोशिश जारी है, क्योंकि दुश्मन ने तो लकड़ी के गट्ठर को ना तोड़ पाने वाली कहानी पढ़ी है, शायद भारतवासी भूल गए।  अफ़सोस, भारत को आज भी शत्रुबोध की समझ नहीं है, और वो आपस में ही टूटकर बिखरने के लिए तैयार है।
कांग्रेस ने गिनाए मोदी सरकार में हुए बड़े रेल हादसे, पूछा- जिम्मेदारी किसकी?*
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पिछले साल ओडिशा रेल हादसा के बाद से सुरक्षा को लेकर चिंता जस की तस बनी हुई है। इस हादसे में करीब 290 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, ओडिशा रेल हादसे के बाद भी कई रेल दुर्घटनाएं देखने को मिली। मंगलवार को झारखंड के बाराबाम्बो में हावड़ा-मुंबई मेल की 18 बोगिया पटरी से उतर गई। इस हादसे में दो की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा घायल हुए। इस हादसे से पहले पिछले भी कई ट्रेनें पटरी से उतर गईं और दुर्घटनाएं में कईयो ने जान गंवाई है। लगातार हो रहे रेल हादसों को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार में 2014 से अब तक हुए हादसों का जिक्र कर केंद्र पर हमला बोला है। कांग्रेस ने मोदी सरकार में हुए बड़े रेल हादसे गिनाते हुए पूछा, जिम्मेदारी किसकी? कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए हैं, जिनमें अब तक हुए रेल हादसों का पूरा ब्यौरा दिया है। जिसमें 26 मई 2014 से लेकर आज तक यानी मंगलवार 30 जुलाई 2024 तक का जिक्र है। एक पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा है कि मोदी सरकार रेल मंत्रालय और रील मंत्री की गंभीरता को समझिए। इसके आगे पोस्ट में पिछले जून-जुलाई में हुए रेल हादसों का जिक्र करते हुए पार्टी ने बताया कि इन हादसों में 21 लोगों की जान चली गई थी वहीं 100 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। *जयराम रमेश का रेल मंत्री पर कटाक्ष* कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने यह कटाक्ष भी किया कि एक के एक बाद रेल हादसों के बावजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ‘पीआर मशीन’ जारी है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘एक और रेल दुर्घटना। लेकिन फेल मंत्री की ‘‘पीआर मशीन” जारी है। अकेले जून और जुलाई 2024 में ‘असफल मंत्री’ के तहत तीन दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुल मिलाकर 17 भारतीय नागरिकों की जान चली गई और 100 लोग घायल हो गए।” *मोदी के नए भारत में की एक वास्तविकता- पवन खेड़ा* कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट लिखा कि प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत में कोई जवाबदेही नहीं है, कोई इस्तीफा नहीं है, केवल अप्रासंगिक रेल परियोजनाओं के बारे में बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, जिनका कोई मतलब नहीं। देखिए, मोदी के नए भारत में की एक वास्तविकता… 18 जुलाई: उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 4 की मौत 31 घायल 19 जुलाई: गुजरात के वलसाड में मालगाड़ी पटरी से उतरी 20 जुलाई: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में मालगाड़ी के 12 डिब्बे पटरी से उतरे 21 जुलाई: राजस्थान के अलवर में मालगाड़ी के 3 डिब्बे पटरी से उतरे 21 जुलाई: पश्चिम बंगाल के राणाघाट में मालगाड़ी पटरी से उतरी 26 जुलाई: उड़ीसा के भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी पटरी से उतरी 29 जुलाई: बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस बिहार के समस्तीपुर में 2 टुकड़ों में बंट गई 30 जुलाई: झारखंड के चक्रधरपुर में हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतरे, 2 की मौत 20 घायल
मनु भाकर ने रचा इतिहास, पेरिस ओलंपिक में जीता दूसरा मेडल, सरबजोत के साथ देश को दिलाया एक और ब्रॉन्ज
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भारत ने पेरिस ओलंपिक में दूसरा पदक जीत लिया है। मंगलवार को 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य जीता है। भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में दक्षिण कोरिया की ओह ये जिन और ली वोन्हो की जोड़ी को 16-10 से हराया। भारत ने कुल मिलाकर आठ राउंड जीते, जबकि कोरिया ने पांच राउंड में जीत हासिल की। मनु भाकर और सरबजोत सिंह की ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में शुरुआत अच्छी नहीं हुई थी। भारतीय जोड़ी पहला शॉट से हार गई थी। भारतीय जोड़ी खराब शुरुआत से निराश नहीं हुई और अगला ही शॉट जीत लिया। इसके बाद तो उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। देखते ही देखते मनु भाकर और सरबजोत सिंह 6-2 से आगे हो चुके थे। जब कोरियाई जोड़ी 6 के स्कोर तक पहुंची तब तक भारतीय जोड़ी 14 तक पहुंच गई। जब भारत को जीत के लिए सिर्फ दो अंक की जरूरत थी। तब कोरियाई जोड़ी ने लगातार दो शॉट जीतकर अपना स्कोर 10 तक पहुंचा लिया। लेकिन भारतीय जोड़ी ने इसके बाद विरोधी जोड़ी को कोई मौका नहीं दिया। भारतीय जोड़ी ने 13वें शॉट को अपने नाम कर स्कोर 16-10 कर दिया। मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने इस मुकाबले में तकरीबन एक जैसा प्रदर्शन किया। मनु ने 10 बार टेन या इससे अधिक का स्कोर किया तो सरबजोत सिंह ने 9 बार यह कारनामा किया। इसी के साथ आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली मनु भाकर पहली भारतीय एथलीट भी बन गई हैं। मनु भाकर ने इससे पहले 28 जुलाई को पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल के सिंगल्स इवेंट में भी ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना लगाया था। पेरिस में जीते अपने पहले ब्रॉन्ज के साथ ही मनु ने मेडल टैली में भारत का खाता खोला था। अब पेरिस में मिली पहली कामयाबी के 48 घंटे बाद मनु भाकर ने एक और ब्रॉन्ज अपने नाम कर इतिहास रचा है। मनु भाकर से पहले ओलंपिक इतिहास में सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ी ही ऐसे हुए हैं, जिन्होंने इंडिविजुअल इवेंट में दो मेडल जीते हैं। सुशील कुमार ने 2008 और 2012 में कुश्ती में मेडल जीते थे। इसी तरह स्टार शटलर पीवी सिंधु ने 2016 और 2020 में मेडल जीते हैं। लेकिन मनु भाकर पहलवान सुशील कुमार और शटलर पीवी सिंधु से इस मामले में आगे निकल गई हैं कि उन्होंने अपने दोनों मेडल एक ही ओलंपिक में जीते हैं।
विपक्ष के हमलों के बीच पीएम मोदी ने बजट पर दिया जवाब, बोले-10 साल में 5 बड़ी आपदा, फिर भी नहीं रुकी विकास की रफ्तार
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बजट 2024 के पेश होने के बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर बना हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने सिर्फ दो राज्यों पर ध्यान दिया है, जबकि बाकी राज्यों की अनदेखी की गई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के पोस्ट बजट सेशन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में 'विकसित भारत की यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के बाद का सम्मेलन' के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने 5 बड़ी आपदाओं का सामना किया, फिर भी विकास की रफ्तार नहीं रुकी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की हर सेक्टर की इकोनॉमी पर सरकार का फोकस है। ग्लोबल ग्रोथ में भारत का शेयर 16 फीसदी पहुंच चुका है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरे सबसे बड़े इकोनॉमिक पावर बन जाएगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मैं सीआईआई का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मुझे याद है पैंडेमिक के समय आप बहुत चिंता कर रहे थे। हर चर्चा के केंद्र के विषय रहता था गेटिंग ग्रोथ बैक। भारत बहुत ही जल्द विकास के पथ पर दौड़ेगा। आज भारत किस ऊचाई पर है। आज भारत 8 प्रतिशत की रफ्तार से ग्रो कर रहा है। आज हम सभी डिस्कस कर रहे हैं, जर्नी टुवार्ड विकसित भारत। यह बदलाव सिर्फ सेंटिमेंट का नहीं है यह बदलाव कॉन्फिडेंस का है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की तारीख में ग्लोबल ग्रोथ में भारत का शेयर 16 फीसदी हो गया है। पिछले दस साल में हमारी सरकार ने देश के हर सेक्टर की इकोनोमी की ग्रोथ का विशेष ध्यान रखा है। आज भारत का लोहा दुनिया मानने लगा है।तमाम संकटों और चुनौतियों के बाद भी दुनिया के तमाम देशों के बीच भारत जैसी तरक्की कोई और देश नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ही वर्तमान है, टेक्नोलॉजी भविष्य है। इसे फोकस करते हुए हमारी सरकार काम कर रही है। लाखों युवाओं का भविष्य इस टेक्नोलॉजी से जुड़ा है।

पीएम ने कहा, मैं जिस बिरादरी से आता हूं उस बिरादरी की पहचान बन गई है। चुनाव से पहले जो बातें करते हैं चुनाव के बाद भुला देते हैं। मैं वैसा नहीं हूं। इसलिए मैं याद दिला देता हूं मैंने कहा था मेरे तीसरे टर्म में देश तीसरे नंबर की इकोनॉमी बनेगा। भारत बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे बढ़ रहा है। 2014 में जब आपने हमें सेवा करने का अवसर दिया तब सबसे बड़ा प्रश्न यही था इकोनॉमी को कैसे वापस पटरी पर लाएं। 2014 से पहले ही फ्रेजाइल फाइव वाली स्थिति और लाखों करोड़ों के घोटाले के बारे में यहां हर कोई पता है। इकोनॉमी की क्या स्थिति थी इसकी बारीकियां सरकार ने श्वेत पत्र जारी कर के बताई है। लेकिन आज की तारीख में हर क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हो रहा है। पिछले दस साल में देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनोमी बन चुका है। हम इसी तरह प्रगति करते हैं तो भारत विकसित देश जल्द बनेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हर सेक्टर पर ध्यान दे रही है और इसके तहत रेलवे और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बजट में भारी वृद्धि की गई है। रेलवे का बजट आठ गुना बढ़ाया गया है, जबकि कृषि के क्षेत्र में चार गुना वृद्धि की गई है। इससे इन क्षेत्रों में सुधार और विकास को गति मिलेगी। मोदी ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं, जिससे देश में आर्थिक सुधार और विकास को बल मिला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में स्टार्टअप संस्कृति को भी बढ़ावा मिला है, और वर्तमान में भारत में 1 लाख 40 हजार स्टार्टअप्स चल रहे हैं। यह युवा उद्यमियों और नई तकनीकों के विकास का स्पष्ट संकेत है, जो भारत को आर्थिक मोर्चे पर और मजबूत बना रहा है। उन्होंने कहा, हालांकि दुनियाभर में अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद भारत ने अपनी प्रगति को बनाए रखा है।
बिहार में लगातार गिरते पुलों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, SC ने नितीश सरकार से मांगा जवाब

शीर्ष अदालत ने एक जनहित याचिका (PIL) पर बिहार सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार से हाल ही के महीनों में नियमित अंतराल पर 10 पुलों के गिरने के बाद सूबे के सभी पुलों की इन्फ्रास्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग उठाई है। SC के एक वकील ने बिहार में निरंतर गिरते पुलों की जांच कराने के लिए जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई। रिपोर्ट के अनुसार, देश के CJI डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने वकील ब्रजेश सिंह द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को नोटिस भेजा है। इस नोटिस के मुताबिक, बिहार सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चरल ऑडिट करने और पुलों को चिन्हित करने के लिए एक एक्सपर्ट समिति का गठन करने की मांग की गई है। इस समिति द्वारा निकाले गए ऑडिट निष्कर्षों के आधार पर यह निर्धारित किया जाएगा कि पुल की मरम्मत की जा सकती है या फिर उन्हें ध्वस्त कर दोबारा बनाया जाना चाहिए। वकील ब्रजेश सिंह ने यह याचिका गत माह दाखिल की थी। अपनी इस याचिका में सिंह ने भारी वर्षा के बाद 16 दिनों के अंदर 10 पुलों के ढहने पर चिंता जाहिर की थी। बृजेश सिंह ने लिखा था कि 10 दिनों के भीतर ही सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में पल ढह गए। अंतिम घटना सीएम नीतीश कुमार द्वारा सड़क निर्माण और ग्रामीण कार्य विभागों को राज्य के पुराने पुलों का आकलन करने और फ़ौरन मरम्मत की जरूरत वाले पुलों की पहचान करने के निर्देश देने के ठीक एक दिन बाद हुई। PIL में राज्य में मानसून के दौरान आई बाढ़ और भारी बारिश के बाद पुलों की सुरक्षा और टिकाऊपन पर सवाल खड़े किए गए है। लगातार गिरते पुलों के बाद बिहार में बढ़ हुए भ्रष्टाचार की बात उजागर हो गई है। बिहार में लगातार नीतीश कुमार की सरकार है, ऐसे में जनता उन्हें ही इन हादसों के लिए जिम्मेदार बता रही है। सीएम नीतीश कुमार ने इन गिरते हुए पुलों की जांच कराने को लेकर जनता को आश्वासन देने की कोशिश की है।
कर्नाटक में बड़े सियासी उलटफेर की तैयारी, दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की बैठक, जुटेंगे राहुल-खड़गे सहित दिग्गज नेता

कर्नाटक में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर अपने हमले तेज़ कर दिए हैं। भाजपा और JDS विपक्ष को संबोधित करने के लिए मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। मुख्य सहभागियों में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल होंगे। उनका उद्देश्य भविष्य के लिए रणनीति बनाना है, संभावित रूप से कर्नाटक सरकार में महत्वपूर्ण फेरबदल पर निर्णय लेना है। बताया जा रहा है कि इसमें डीके शिवकुमार पर भी फैसला हो सकता है, जो फ़िलहाल डिप्टी सीएम हैं और मुख्यमंत्री बनने के लिए जोर लगा रहे हैं। रिपोर्ट बताती हैं कि कर्नाटक सरकार के भीतर मंत्रियों के विभागों को फिर से आवंटित किया जा सकता है, जो चल रही चर्चा का विषय है। इस समय प्रवर्तन निदेशालय (ED) महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम से 84 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध हस्तांतरण की जांच कर रहा है, जिसके कारण कांग्रेस विधायक बी नागेंद्र की गिरफ्तारी हुई है। भाजपा वित्तीय अनियमितताओं को उनके विभाग से जोड़ते हुए सीएम सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग कर रही है, क्योंकि उनके पास वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो भी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोटाले से निपटने की आलोचना की, सवाल किया कि पुलिस या बैंक अधिकारियों को अनियमितताओं के बारे में क्यों नहीं बताया गया। सरकारी धन निजी खातों में भेजा गया। आगामी बैठक के दौरान, कांग्रेस नेता भाजपा-JDS गठबंधन को जवाब देंगे, जो सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग करते हुए एक सप्ताह तक विरोध मार्च (पदयात्रा) की योजना बना रहा है। भाजपा ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण पर मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों को शामिल करते हुए अवैध रूप से मूल्यवान भूखंड आवंटित करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनावों के बाद से रक्षात्मक है, जहाँ उन्हें भाजपा-जेडीएस की 21 सीटों की तुलना में केवल 9 सीटें मिलीं। इसने भाजपा-जेडीएस को सीएम के इस्तीफे की जोरदार मांग करने के लिए प्रोत्साहित किया है। स्थानीय चुनावों के करीब आने के साथ, कांग्रेस संगठनात्मक बदलावों पर विचार कर रही है, जिसमें संभवतः डीके शिवकुमार को कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख के पद से हटाना शामिल है, जो "एक व्यक्ति, एक पद" के सिद्धांत का पालन करता है। आंतरिक विरोध उन मंत्रियों के खिलाफ भी है जिनके निर्वाचन क्षेत्रों ने लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया।
केजरीवाल के लिए जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगा INDIA गठबंधन, दिल्ली CM की शिकायत करने वाली कांग्रेस भी होगी शामिल !

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सहित विपक्षी गठबंधन आज यानी मंगलवार (30 जुलाई) को राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर इंडिया ब्लॉक की एक रैली निकालने वाले हैं। जिसमें न्यायिक हिरासत में AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की बिगड़ती सेहत पर आवाज़ उठाई जाएगी। आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को इसका ऐलान किया था। बता दें कि, AAP लगातार केंद्र की भाजपा पर जेल में केजरीवाल की 'हत्या की साजिश' रचने का इल्जाम लगा रही है। इसके लिए AAP ने केजरीवाल की मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि तीन जून से सात जुलाई के बीच मुख्यमंत्री का शुगर लेवल 34 बार गिरा है। एक प्रेस वार्ता में संजय सिंह से मंगलवार की रैली में शामिल होने वाले दलों के बारे में बताते हुए कहा कि, 'कांग्रेस, सपा, TMC, DMK, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ये साड़ी पार्टियां केजरीवाल के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएंगी।' उन्होंने कहा कि हम दो-तीन और दलों के साथ चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जंतर-मंतर में होने वाली रैली में शामिल होने वाले नेताओं का नाम मंगलवार को मालूम चलेगा। बता दें कि दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलेमें ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को अरेस्ट किया था। मजे की बात ये है कि, शराब घोटाले में केजरीवाल की लिखित शिकायत कांग्रेस ने ही की थी, लेकिन तब उनका गठबंधन नहीं था, अब दोनों INDIA ब्लॉक के सदस्य हैं, तो जाहिर है कांग्रेस केजरीवाल के पीछे खड़े होकर केंद्र पर निशाना साधेगी। वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित शराब घोटाले से जुड़े CBI मामले में AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। CBI ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए केजरीवाल को मामले का सूत्रधार करार दिया था। CBI ने कहा था कि अगर उन्हें रिहा किया जाता है तो वह गवाहों के प्रभावित कर सकते हैं। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। जांच एजेंसी की तरफ से पेश अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा 'उनकी (केजरीवाल) गिरफ्तारी के बिना जांच पूरी नहीं की जा सकती थी। हमने एक महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद हमें सबूत मिले। उनकी अपनी पार्टी के कार्यकर्ता खुद जवाब देने के लिए आगे आए।' इससे पहले दिन में सीबीआई ने मुख्यमंत्री और आप विधायक दुर्गेश पाठक समेत पांच अन्य के खिलाफ निचली अदालत में अपना अंतिम चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमे केजरीवाल को घोटाले का किंगपिन बताया गया था।
अग्निपथ योजना को लेकर लोकसभा में राहुल गांधी और राजनाथ सिंह के बीच हुई तीखी बहस विपक्ष द्वारा कड़ी आलोचना की जा रही

अग्निपथ योजना पर आज लोकसभा में कांग्रेस के राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के बीच तीखी बहस हुई। मंत्री ने विपक्ष के नेता पर योजना के बारे में गलत सूचना फैलाने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करने की पेशकश की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर अपने भाषण के दौरान, गांधी ने दावा किया कि अग्निपथ योजना ने सैनिकों और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा और सम्मान से वंचित किया है, पेंशन की अनुपस्थिति को उजागर किया है। उन्होंने सरकार पर "युवा विरोधी और किसान विरोधी" झुकाव रखने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा कि गांधी ने बजट के बारे में कई गलतफहमियाँ फैलाई हैं, जिसका समाधान वित्त मंत्री सीतारमण अपने आगामी भाषण में करेंगी। उन्होंने कहा कि गांधी अग्निपथ के बारे में जनता को गुमराह कर रहे हैं, जिससे दोनों नेताओं के बीच तनाव और बढ़ गया है। यह टकराव 1 जुलाई को लोकसभा में इसी तरह की तीखी बहस के बाद हुआ है, जब गांधी ने बारूदी सुरंग विस्फोट में मारे गए अग्निवीर को शहीद के रूप में मान्यता न देने के लिए सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने तर्क दिया कि सरकार अग्निवीरों को बेकार मजदूरों की तरह मानती है, उनके परिवारों को पेंशन और मुआवजे से वंचित करती है। सिंह ने स्पष्ट किया कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने गांधी से अनुरोध किया कि वे गलत बयानबाजी करके सदन को गुमराह न करें। जवाब में गांधी ने अग्निवीर अजय कुमार का मामला बताया, जिनकी ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई। अजय कुमार के पिता का एक वीडियो पोस्ट करते हुए गांधी ने दावा किया कि परिवार को केंद्र सरकार से कोई पैसा नहीं मिला है और उन्होंने परिवार के लिए उचित मान्यता और लाभ की मांग की। अजय कुमार के परिवार ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्हें कुछ मुआवज़ा मिला है, लेकिन उन्होंने अजय के लिए नायक का दर्जा मांगा और अग्निपथ योजना को खत्म करने की मांग की। उनके पिता ने मीडिया से कहा, "हम चाहते हैं कि अग्निवीर योजना खत्म कर दी जाए और हमें पेंशन और कैंटीन कार्ड मिलना चाहिए।" 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में अल्पकालिक सेवा के लिए कर्मियों की भर्ती करना है, जिससे सभी उम्मीदवारों की आयु सीमा कम हो जाएगी। अग्निवीर के रूप में जाने जाने वाले ये व्यक्ति वर्तमान में सेवा में मृत्यु की स्थिति में अपने परिवारों के लिए पेंशन जैसे नियमित लाभों के लिए पात्र नहीं हैं। इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है, तथा एक संसदीय पैनल ने सिफारिश की है कि कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को नियमित सैन्य कर्मियों के परिवारों को दिए जाने वाले लाभों के बराबर लाभ मिलना चाहिए।
मनु भाकर एक और पदक के लिए तैयार, सरबजोत के साथ ब्रॉन्ज के लिए साधेंगी निशाना*
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हरियाणा की शूटर मनु भाकर ने रविवार को देश की झोली कांस्य पदक डाला है। वहीं सोमवार को 25 मीटर पिस्टल के मिक्स्ड इवेंट में वो सरबजोत के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गईं। अब आज यानी मंगलवार को फाइनल मैच खेला जाएगा। पेरिस ओलिंपिक 2024 में मनु भाकर और सरबजोत सिंह सोमवार को फ्रांस के चेटौरॉक्स में क्वालीफिकेशन राउंड में तीसरे स्थान पर रहे। इसी के साथ ये जोड़ी अब पेरिस ओलंपिक की 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम स्पर्धा में कांस्य पदक के लिए भिड़ेंगे। आज कोरिया के साथ इनका मुकाबला होगा। अब आज कांस्य पदक मैच में यदि मनु भाकर और सरबजोत सिंह कांस्य पदक मैच को जीतने में सफल रही तो मनु ओलंपिक के इतिहास में एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगी। इससे पहले अबतक कोई भी भारतीय ऐसा कारनामा ओलंपिक में नहीं कर पाया है। वैसे, सुशील कुमार और पीवी सिंधु ने दो मेडल जरूर जीते हैं लेकिन ये मेडल एक ही ओलंपिक में नहीं जीते हैं। वहीं, पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल में अर्जुन बबूता एक स्थान से ब्रॉन्ज मेडल चूक गए। अर्जुन बबूता पदक जीतने के करीब पहुंचने के बाद चौथे स्थान पर रहे। बबूता ने 208 . 4 स्कोर किया। क्रोएशिया के मिरान मारिसिच के 10.7 के जवाब में उनका 9.5 का शॉट भारी पड़ गया। रमिता जिंदल महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल में सातवें स्थान पर रहीं। रमिता ने फाइनल में 145.3 स्कोर किया। 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम में भारत की रिदम सांगवान और अर्जुन सिंह चीमा की जोड़ी 576 के स्कोर के साथ दसवें स्थान पर रही।