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नवी मुंबई में बड़ा हादसा,इमारत ढहने से मलबे में दबे एक व्यक्ति की हुई मौत

महाराष्ट्र में नवी मुंबई के बेलापुर इलाके में शनिवार सुबह एक 3 मंजिला इमारत ढह गई. इमारत ढहने से उसके मलबे में दबे एक व्यक्ति की मौत हो गई है. जबकि एक की तलाश जारी है. मलबे में फंसे दो लोगों को सुरक्षित बाहर भी निकाला गया है. राहत-बचाव कार्य अभी जारी है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि यह हादसा सुबह करीब पांच बजे शाहबाज गांव में हुआ.

एनडीआरएफ और नवी मुंबई नगर निगम के अग्निशमन कर्मियों ने इमारत ढहने के बाद इसके मलबे में फंसे दो लोगों को बचा लिया है, जबकि एक अन्य व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं.

पालिका आयुक्त नवी मुंबई, कैलाश शिंदे ने हादसे की जानकारी देते हुए कहा, "करीब आज सुबह 5 बजे के पहले ये इमारत ढह गई. ये जी+3 की इमारत है सेक्टर-19, शाहबाज गांव में है. ये 3 मंजिला इमारत था इमारत से 52 लोग सुरक्षित बाहर निकले और मलबे में फंसे 2 लोगों को बचाया गया है और भी 2 लोगों के फंसे होने की संभावना है.

कैलाश शिंदे ने आगे कहा, NDRF की टीम बचाव अभियान कर रही है...दो लोग जिसे बचाया गया है वो अस्पताल में हैं और उनकी हालत स्थिर है. 10 साल पुरानी इमारत है जांच जारी है जिसकी इमारत है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

अमेरिका में रहने वाली एक पाकिस्तानी महिला ने अपने तलाक में मनाया जश्न

कई एशियाई देशों में तलाक अभी भी एक टैबू है. तलाक लेने का फ़ैसला करने वाले जोड़ों को लोग अक्सर उनके कैरेक्टर से आंकने लगते हैं और शर्मिंदा किया जाता है. महिलाओं के लिए हालात ख़ास तौर पर बुरे हैं,

जिन्हें बोलने और अलगाव के लिए दोषी ठहराया जाता है. हाल ही में, अमेरिका में रहने वाली एक पाकिस्तानी महिला ने अपने तलाक का जश्न मनाने के लिए एक पार्टी थ्रो करके पुराने विचारों को तोड़ने का फ़ैसला किया.

वीडियो में महिला पर्पल लहंगे में बॉलीवुड के गानों पर खुशी से नाचती हुई दिखाई दे रही है, जबकि दर्शक चीयर कर रहे हैं और तालियां बजा रहे हैं.

बैकग्राउंड में, "तलाक मुबारक" लिखे बेलून जश्न के माहौल को और बढ़ा रहे हैं. एक Facebook पेज ने वीडियो को कैप्शन के साथ शेयर किया, "अगर हमारे देश में यह सब जारी रहा, तो एक दिन शादी का विचार ही खत्म हो जाएगा."

इन राज्‍यों में भारी बारिश का अनुमान,जाने कहां है रेड और ऑरेंज अलर्ट

देश के कई राज्‍यों में भारी बारिश का दौर जारी है. मौसम विभाग ने आज कई राज्‍यों के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनमान जताया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जहां पर महाराष्‍ट्र के कुछ इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, वहीं पर राजस्‍थान, उत्तराखंड, मध्‍य प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ जैसे राज्‍यों के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. साथ ही अगले 5 दिनों के दौरान पश्चिमी और मध्‍य भारत में अलग-अलग स्‍थानों पर हल्‍की से मध्‍यम बारिश के साथ ही आंधी और बिजली गिरने की संभावना जताई जा रही है.

मध्‍य महाराष्‍ट्र को लेकर मौसम विभाग का रेड अलर्ट

मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तरी बंगाल की खाड़ी व बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल तट पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है. मानसून 'ट्रफ लाइन' अपनी सामान्य अवस्था में है. इसके कारण कई स्‍थानों पर जमकर बारिश की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग ने देश के अलग-अलग राज्‍यों को लेकर भविष्‍यवाणी की है. इसके मुताबिक, मध्य महाराष्ट्र के अलग-अलग स्‍थानों पर अत्‍यंत भारी बारिश का अनुमान है. महाराष्‍ट्र के विदर्भ इलाके में बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया गया है तो माठवाड़ा में भारी बारिश हो सकती है. मध्‍य महाराष्‍ट्र में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. 

मध्‍य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर ऑरेज अलर्ट

मौसम विभाग ने मध्‍य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है. इसके साथ ही कोंकण और गोवा के साथ ही गुजरात में अलग-अलग जगहों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है. वहीं मध्‍य प्रदेश और गुजरात के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश का अनुमान भी जताया है. 

इन राज्‍यों में भी बहुत भारी बारिश का जताया अनुमान

मौसम विभाग के मुताबिक, आज उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं पूर्वी राजस्‍थान में आज और कल अलग-अलग जगहों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है. इसके साथ ही 30 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्‍न इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है. साथ ही पश्चिमी राजस्‍थान में भी आज से दो दिनों तक कुछ जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं.

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची CM अरविंद केजरीवाल के घर,मुलाकात की सुनीता केजरीवाल से

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचीं। ममता बनर्जी सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की। सुनीता केजरीवाल ने ममता बनर्जी का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। यह पहली बार है जब ममता बनर्जी सीएम केजरीवाल के आवास पर पहुंची हैं।

ममता बनर्जी ने इस दौरान सीएम केजरीवाल की माता-पिता से भी मुलाकात की। ममता बनर्जी ने उनका हाल-चाल जाना। इस दौरान आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा भी मौजूद रहे। बता दें, ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने आज ही दिल्ली पहुंची हैं।

वहीं मुलाकात के आम आदमी पार्टी ने एक्स पर पोस्ट किया- तानाशाह की तानाशाही के विरोध में एकजुट है 'इंडिया'। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के परिवार से मिलने उनके निवास पर पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल जी ने ममता बैनर्जी जी का किया स्वागत।

केजरीवाल का समर्थन करती रहीं हैं ममता

ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के बीच संबंध काफी बेहतर रहे हैं। चुनाव के दौरान भी ममता केजरीवाल को अपना समर्थन देती रही हैं। दोनों ने कई बार एक साथ मंच भी साझा किया है। फिलहाल अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। ऐसे में इंडी गठबंधन के तमाम नेता सुनीता केजरीवाल से मुलाकात करने पहुंचते रहे हैं।

मुलाकात के बाद AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी और माता-पिता से मिलने उनके आवास पर गईं। उन्हें अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य की चिंता थी। उन्होंने संदेश दिया कि संघर्ष की इस घड़ी में वह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ी हैं।"

इस टेलीकॉम कंपनी के लाखों यूजर्स का डेटा हुआ लीक

सरकार की ओनरशिप पर चलने वाली कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड को बीते दिनों एक बड़े डेटा लीक का शिकार होना पड़ा. वहीं, अब सरकार ने भी इस डेटा लीक की बात स्वीकार कर ली है. भारत सरकार ने पुष्टि की है कि इस साल मई के महीने में लाखों बीएसएनएल सब्सकॉइबर्स का डेटा लीक हो गया है. इसकी के साथ लोगों की पर्सनल जानकारी भी लीक होने का खतरा बढ़ गया था

दरअसल, हैकर्स ने इस साल मई के महीने में BSNL के सिस्टम में सेंध लगाकर बड़ी मात्रा में डेटा चोरी कर लिया था. इस डेटा में सब्सक्राइबर्स के नाम, एड्रेस, फोन नंबर और बाकी पर्सनल जानकारियां शामिल होने की बात सामने आई थी. खतरे की बात ये है कि चोरी हुए डेटा का इस्तेमाल साइबर अपराधी धोखाधड़ी, पहचान चोरी करने या फिर गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए कर सकते हैं. शुरुआत में डेटा लीक को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया था लेकिन अब सरकार ने इसकी जानकारी दे दी है. 

सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही साथ लोगों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधि की जानकारी देने के लिए कहा है. इसके अलावा, सब्सक्राइबर्स को अपने ऑनलाइन पासवर्ड्स को तत्काल बदलने की सलाह भी दी गई है. साथ ही साथ अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स से सावधान रहने के लिए भी कहा गया है. डेटा सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने की भी जरूरत है. लीक्ड डेटा की मदद से हैकर्स यूजर्स को अपना शिकार बना सकते हैं. ऐसे में अगर आपके साथ किसी भी संदिग्ध लेनदेन की स्थिति में फौरन बैंक को संपर्क करें और जागरूक रहें. 

बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर अमजद खान के बेटे ने फिल्मी दुनिया में आजमाई किस्मत,सारी हुई फिल्में फ्लॉप

अमजद खान बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स में से एक थे. उन्होंने विलेन बनकर फैंस को खूब इंप्रेस किया. 

उनकी हर फिल्म सुपरहिट साबित होती थी. फिल्म से अमजद खान का नाम जुड़ना ही काफी था मगर उनके बेटे के साथ इसका उल्टा ही हुआ. अमजद खान के बेटे शादाब खान ने भी बॉलीवुड में कदम रखा था. मगर उनकी कोई भी फिल्म नहीं चली. शादाब ने फिल्म राजा की आएगी बारात से डेब्यू किया था. ये फ्लॉप साबित हुई थी.

छोड़ दी एक्टिंग

शादाब के साथ रानी मुखर्जी ने भी इस फिल्म से डेब्यू किया था. फिल्म के गाने तो शानदार थे लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. इंडस्ट्री में पापा के नाम की वजह से शाबाद को एक दो फिल्में और मिलीं लेकिन वो भी उन्हें स्टार नहीं बना सकीं. उन्होंने बेताबी और इक्का दुक्का में काम किया लेकिन वो भी फ्लॉप रहीं. जब फिल्मों में बात नहीं बनी तो शादाब ने एक्टिंग छोड़कर डायरेक्शन में कदम रखा. मगर डायरेक्शन में भी उनका सिक्का नहीं चल पाया. उनके डायरेक्शन में बनीं फिल्में भी फ्लॉप रहीं.

अब ये कर रहे हैं शादाब

कई बार फेल होने के बाद भी शादाब ने हार नहीं मानी. एक्टिंग और डायरेक्शन के बाद उन्होंने अपने पिता की बायोग्राफी लिखने का फैसला किया. शादाब ने बायोग्राफी में पिता से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात का जिक्र किया था. अमजद खान की बायोग्राफी को अमिताभ बच्चन ने लॉन्च किया था. जिसकी वजह से अमजद खान की बायोग्राफी हिट रही और शादाब एक लेखक बन गए. शादाब इसके बाद कई किताबें लिख चुके हैं. लेखन की दुनिया में शादाब का खूब नाम है. इतना ही नहीं उन्होंने कई फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी है और वो फिल्में प्रोड्यूस करते हैं. शादाब वेब सीरीज स्कैम 1992 में भी नजर आए थे लेकिन उन्हें बढ़े हुए वजन की वजह से कोई भी पहचान नहीं पाया.

सलमान खान ने अपने घर पर मनाया यूलिया वंतूर का बर्थडे

सलमान खान इन दिनों सिकंदर की शूटिंग में बिजी हैं, जिसकी झलक हाल ही में कुछ तस्वीरों में देखने को मिली थी. इसी बीच उन्होंने अपने घर पर पूरी खान फैमिली के साथ रुमर्ड गर्लफ्रेंड यूलिया वंतूर का 44वां बर्थडे सेलिब्रेट किया,

 जिसकी हाल ही में एक फोटो सामने आई थी. लेकिन अब उनके बर्थडे की कुछ अनदेखी तस्वीरें और वीडियो सामने आई है,

 जिसमें भाईजान का मस्तीभरा अंदाज देखने को मिला है. तस्वीरों में सलमान खान, हिमेश रेशमिया को किस करते हुए और पोज देते हुए देखा जा सकता है. 

दरअसल, हिमेश रेशमिया ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें यूलिया वंतूर के बर्थडे की इनसाइड तस्वीरें थीं. एक फोटो में भाईजान हिमेश रेशमिया को किस करते हुए और उनके साथ पोज देते हुए नजर आ रहे हैं. कैप्शन में ऐतिहासिक पलों के साथ प्यारी शाम भाई, फैमिली और दोस्तों के साथ.

ऑफर, अगर आप 15 अगस्त तक लेते है इस एयरफाइबर का कनेक्शन तो आपको मिलेगा 1,000 रुपये की छूट,जाने

रिलायंस जियो 15 अगस्त तक एयरफाइबर का कनेक्शन लेने पर 1,000 रुपये का इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं लेगी. कंपनी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इससे शुरुआती स्तर के प्लान पर 30 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी. बता दें कि जियो अपने नए एयरफाइबर कनेक्शन (New AirFiber Connections) पर 30% की छूट दे रहा है.अब जियो फ्रीडम ऑफर (Jio Freedom Offer) के तहत आपको इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं देना होगा.

जियो फ्रीडम ऑफर की खासियत

इस फ्रीडम ऑफर के तहत नए यूज़र्स को 1000 रुपये का इंस्टॉलेशन चार्ज (JioAirFiber installation charge) माफ किया जा रहा है. यानी आपको नए एयरफाइबर कनेक्शन के लिए स्टैंडर्ड 3 महीने का प्लान 1000 रुपये इंस्टॉलेशन चार्ज हटाने के बाद सिर्फ 2121 रुपये में मिलेगा.ऑफर के बिना यह प्लान 3121 रुपये का आता है.

ऑफर 26 जुलाई से 15 अगस्त, 2024 तक उपलब्ध 

बता दें कि ये ऑफर 26 जुलाई से 15 अगस्त, 2024 तक उपलब्ध है. जियो एयरफाइबर कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों को कम से कम तीन महीने के लिए भुगतान करना होगा. जियो ने जून, 2024 कर तिमाही में पूरे भारत में 11 लाख से अधिक नए एयरफाइबर कनेक्शन जोड़े थे.

किसे मिलेगा ऑफर का फायदा?

15 अगस्त तक एक्टिवेट किए गए सभी नए और पुराने बुकिंग्स पर ऑफर लागू होगा.

ये ऑफर सभी प्लान अवधि (3 महीने, 6 महीने और 12 महीने) के लिए है.

एयरफाइबर 5G और प्लस दोनों के नए यूज़र्स इस ऑफर का लाभ उठा सकते हैं.

नया जियो एयरफाइबर कनेक्शन पाने के लिए रिलायंस जियो की वेबसाइट पर जाएं या 60008-60008 पर मिस्ड कॉल करें और इस शानदार ऑफर का फायदा उठाएं.

कारगिल विजय दिवस पर विशेष,जानें कारगिल युद्ध की पूरी कहानी

कारगिल की लड़ाई, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है। इस लड़ाई की जीत के उपलक्ष्य में भारत 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाता है। बता दें कि पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने LoC करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। हालांकि इंडियन आर्मी के बहादुर जवानों ने न सिर्फ पाकिस्तान को इस लड़ाई में धूल चटाई, बल्कि शौर्य की एक ऐसी मिसाल पेश की जो इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बना गई।

कैसे हुई थी कारगिल की लड़ाई की शुरुआत

इस लड़ाई की शुरुआत 3 मई 1999 को ही हो गई थी जब पाकिस्तान ने कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर 5 हजार से भी ज्यादा सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। भारत सरकार को जब घुसपैठ की जानकारी मिली तब पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया। पाकिस्तान ने दावा किया था कि इस लड़ाई में लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेजों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी।

पाकिस्तानी घुसपैठ का सेना को यूं चला था पता

8 मई 1999 को पाकिस्तान की 6 नॉर्दर्न लाइट इंफैंट्री के कैप्टन 

इफ्तेखार और लांस हवलदार अब्दुल हकीम 12 सैनिकों के साथ कारगिल की आजम चौकी पर कब्जा जमाए बैठे हुए थे। उन्होंने देखा कि कुछ भारतीय चरवाहे कुछ दूरी पर अपने मवेशियों को चरा रहे थे। पाकिस्तानी सैनिकों ने आपस में इन चरवाहों को बंदी बनाने को लेकर चर्चा की, लेकिन जब उन्हें लगा कि ऐसा करने की सूरत में चरवाहे उनका राशन खा जाएंगे, तो उन्होंने उन्हें वहां से जाने दिया। कुछ देरा बाद ये चरवाहे भारतीय सेना के 6-7 जवानों के साथ वहां वापस लौटे, और पाकिस्तान के नापाक इरादों की पोल खुल गई।

कारगिल पर इसलिए कब्जा करना चाहता था पाक

पाकिस्तान का मकसद यही था कि भारत की सुदूर उत्तर की टिप पर सियाचिन ग्लेशियर की लाइफ लाइन NH 1 D को किसी तरह काट कर उस पर नियंत्रण किया जाए। पाकिस्तानी सैनिक उन पहाड़ियों पर आना चाहते थे जहां से वे लद्दाख की ओर जाने वाली रसद के जाने वाले काफिलों की आवाजाही को रोक दें और भारत को मजबूर हो कर सियाचिन छोड़ना पड़े। दरअसल, मुशर्रफ को यह बात बहुत बुरी लगी थी कि भारत ने 1984 में सियाचिन पर कब्जा कर लिया था। उस समय वह पाकिस्तान की कमांडो फोर्स में मेजर हुआ करते थे। उन्होंने कई बार उस जगह को खाली करवाने की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हो पाए।

एयर फोर्स और बोफोर्स ने बदला लड़ाई का रुख

कारगिल की लड़ाई शुरू में भारत के लिए काफी मुश्किल साबित हो रही थी, लेकिन बोफोर्स और एयर फोर्स की एंट्री ने पूरी तस्वीर ही बदल दी। बोफोर्स तोपों के हमले तो इतने भयानक और सटीक थे कि उन्होंने पाकिस्तानी चौकियों को पूरी तरह तबाह कर दिया था। पाकिस्तानी सैनिक बिना किसी रसद के लड़ रहे थे और भारतीय सैनिकों की दिलेरी के आगे उनकी एक नहीं चल पा रही थी। वहीं, कारगिल में वायु सेना की सबसे बड़ी भूमिका मनोवैज्ञानिक थी क्योंकि पाकिस्तानी सैनिकों को जैसे ही ऊपर से भारतीय जेटों की आवाज सुनाई पड़ती, वे बुरी तरह घबरा जाता थे और इधर उधर भागने लगते थे।

भारत ने बहुत कुछ खोया, पर पाकिस्तान बर्बाद हो गया

कारगिल की लड़ाई में भारत ने जहां बहुत कुछ खोया, वहीं पाकिस्तान पूरी तरह बर्बाद होकर रह गया। इस जंग में जहां भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थे, वहीं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के मुताबिक उनके 2700 से 4000 सैनिक मारे गए थे। जंग के बाद पाकिस्तान में राजनैतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ गई और नवाज शरीफ की सरकार को हटाकर परवेज मुशर्रफ सत्ता पर काबिज हो गए। वहीं, भारत में जंग ने देशप्रेम को उफान पर ला दिया और अर्थव्यवस्था को भी काफी मजबूती मिली। इस युद्ध से प्रेरणा लेकर कई फिल्में भी बनीं जिनमें LoC कारगिल, लक्ष्य और धूप का जिक्र खासतौर पर किया जा सकता है।

कारगिल से सीख लेकर भारत ने किए पुख्ता इंतजाम

कारगिल की लड़ाई से सीख लेकर भारत ने सीमा पर सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए। सरकार ने एक तरफ जहां रक्षा बजट को और बढ़ाया, वहीं सेना की क्षमता बढ़ाने पर भी काम शुरू हुआ। जंग के दौरान कई तरह की अनियमितताएं भी सामने आई थीं जिन्हें दूर करने के प्रयास हुए। साथ ही सीमा पर लगातार निगरानी की व्यवस्था की गई। कारगिल की लड़ाई ने भारत को वक्त पर कुछ ऐसे सबक दिए जो सीखने बेहद जरूरी थे। अपनी गलतियों से सीख लेकर भारत ने लगातार सुधार जारी रखा और आज इस स्थिति में पहुंच गया है कि एक साथ 2 मोर्चों पर बड़ी आसानी से दुश्मनों को संभाल सकता है।

पंजाब सरकार नीति आयोग की बैठक का करेगा बहिष्कार

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है 27 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक का राज्य सरकार की ओर से बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है. पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट में पंजाब को फंड नहीं देने को लेकर हमला किया. उन्होंने केंद्रीय बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ करार दिया.भगवंत सिंह मान कहा कि हमें इस बात पर अफसोस है कि देश का अन्नदाता होने के बावजूद बजट में पंजाब की अनदेखी की गई.

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब 532 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. और हमेशा देश हित के लिए खड़ा रहा है. फिर भी केंद्र सरकार ने सड़कें बंद कर राज्य पर बोझ डालने का काम किया है. भगवंत सिंह मान ने दीनानगर और पठानकोट हमलों के दौरान सेना भेजने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए 7.5 करोड़ रुपये के वित्तीय बोझ को माफ करने के अपने प्रयासों को भी याद किया.

राज्य को आर्थिक रूप से सक्षम बनाएंगे

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार राज्य को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए अपने वित्तीय संसाधन जुटाएगी. उन्होंने इस दौरान पंजाब को विशेष दर्जा देने की भी मांग की. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के योगदान और भारत के खाद्य भंडार में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला. भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रदेश के किसानों की अनदेखी की गई और उन्हें रोकने के लिए बैरियर लगाए गए

राज्यपाल से विवाद न पैदा करने की अपील

मुख्यमंत्री ने राज्य के 10,000 करोड़ रुपये रोकने के लिए केंद्र सरकार और रोजाना छोटे-मोटे मुद्दे उठाने के लिए राज्यपाल की आलोचना की. उन्होंने आश्वासन दिया कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे. उन्होंने राज्यपाल से छोटे-मोटे मुद्दे उठाकर विवाद पैदा नहीं करने का आग्रह किया. भगवंत सिंह मान ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में निर्णय नियुक्त प्रतिनिधियों के बजाय निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाना चाहिए.