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दिव्यांगजन सशक्तिकरण पर 1225 करोड़ खर्च करेगी सरकार, बजट में किया ऐलान

 दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को वित्त वर्ष 2024-2025 में कुल 1,225.27 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं। ये गत वर्ष के संशोधित अनुमान 1,225.01 करोड़ से 0.02 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है। बजट में विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से प्रमुख कार्यक्रमों को जारी रखने और विस्तार देने पर जोर दिया गया है।

बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को समर्पित है, जिसमें इस वित्तीय वर्ष के लिए 615.33 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जो 2023-24 के संशोधित बजट में 502 करोड़ से अधिक है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 1,225.27 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान 1,225.01 करोड़ से 0.02 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है। इस कार्यक्रम में दिव्यांग व्यक्तियों को सहायक उपकरण खरीदने/फिट करने के लिए सहायता हेतु 315 करोड़ रुपये शामिल हैं, जो पहले 305 करोड़ रुपये था। दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 130 करोड़ रुपये से बढ़कर 165.00 करोड़ रुपये हो गया है।

इसके अतिरिक्त, दिव्यांगजन अधिनियम के कार्यान्वयन की योजना के लिए 135 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं , जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान 67 करोड़ रुपये से दोगुने से भी अधिक है। शैक्षिक सहायता सरकार की प्राथमिकता बनी हुई है, जिसको देखते हुए दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के लिए 142.68 करोड़ निर्धारित किए गए हैं।

अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स को लेकर आई अच्छी खबर, नासा ने वापसी पर दी यह बड़ी जानकारी

नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर करीब डेढ़ महीने से अतंरिक्ष में फंसे हैं। बोइंग स्टारलाइनर में खराबी आने की वजह से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की अभी तक वापस नहीं हो पाई है। अब इस बीच अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अच्छी खबर आई है। नासा और बोइंग के इंजीनियर ने स्टारलाइनर स्पेसशिप के थ्रस्टर के परीक्षण का काम पूरा कर चुके हैं। अंतरिक्ष यान की वापसी की योजना तैयार करने के लिए नासा और बोइंग इन परीक्षणों का इंतजार कर रहे थे। बीते सप्ताह के आखिरी में जारी एक अपडेट में बताया गया है कि 'न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स टेस्ट फैसिलिटी में स्टारलाइनर रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम थ्रस्टर का ग्राउंड परीक्षण पूरा हो चुका है। अब टीम का ध्यान डेटा समीक्षा पर है।

 अंतरिक्ष यान सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पांच जून को लेकर गया था। अंतरिक्ष यात्रियों का यह मिशन सिर्फ आठ दिन का ही था। बोइंग स्टारलाइनर की यह पहली उड़ान थी। पांच जून को सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में बैठकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर गए थे। दोनों को एक सप्ताह तक वहां रहकर काम पूरा करने के बाद लौटना था , लेकिन अंतरिक्ष यान में हीलियम लीक और थ्रस्टर में खराबी के कारण उनकी वापसी को टाल दिया गया। दोनों अंतरिक्ष यात्री बीते डेढ़ महीने से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रुके हुए हैं। इंजीनियर अंतरिक्ष यान में आई खराबी को ठीक करके उसे वापसी के लिए तैयार करने में लगे थे। ताजा जानकारी में बताया गया है कि थ्रस्टर में आई खराबी का निरीक्षण करना था , जिससे टीम यह समझ सके कि उड़ान के दौरान कुछ थ्रस्टरों ने क्यों काम करना बंद कर दिया था। इसके साथ ही यह भी पता लगाना था कि उन थ्रस्टरों को फिर से इस्तेमाल करने पर क्रू फ्लाइट टेस्ट के बाकी हिस्से पर क्या असर हो सकता है? 

थ्रस्टर्स को नियंत्रित करने वाले हीलियम के टैंक अंतरिक्ष यान की लॉन्चिंग से पहले लीक कर रहा था। इसके कारण लॉन्चिंग में देरी हुई थी। बीते महीने अधिकारियों ने बताया था कि अंतरिक्ष यान में 70 घंटे की हीलियम है तो वहीं इसकी वापसी के लिए सिर्फ 07 घंटे की हीलियम की जरूरत है।

इस महीने की शुरुआत में अधिकारियों ने बताया था कि अगर आवश्यकता पड़ती है तो अंतरिक्ष यान अभी लौट सकता है। लेकिन यह भी कहा कि वे ऐसा करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। नासा और बोइंग ने बताया है कि इस महीने के आखिरी में वापसी की उड़ान हो सकती है।

दो की थाली में पकौड़ा और बाकी की थाली खाली है', बजट पर विपक्ष का जोरदार हंगामा

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था. इस बजट का विरोध करते हुए सड़क से संसद तक विपक्ष आक्रामक है. विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने संसद की कार्यवाही आरम्भ होने से पहले विरोध-प्रदर्शन किया. संसद की कार्यवाही आरम्भ होने पर विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उच्च सदन में बजट की निंदा करते हुए कहा कि 2 की थाली में पकौड़ा तथा बाकी की थाली खाली है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज जिस प्रकार से हमारी लोकसभा एवं राज्यसभा चल रही है, आप भी जानते हैं. मैं उस बहस में नहीं जाना चाहता. उन्होंने कहा कि कल जो बजट पेश हुआ, दो प्रदेशों को छोड़कर किसी को कुछ नहीं मिला. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने ओडिशा से लेकर दिल्ली तक के नाम गिनाए तथा कहा कि हमको तो उम्मीद थी कि सबसे अधिक हमें ही मिलेगा. हमको तो कुछ नहीं मिला. हम इंडिया ब्लॉक के सांसद इसकी निंदा करते हैं. यह किसी को खुश करने के लिए है.

मल्लिकार्जुन खड़गे जब बोल रहे थे, सदन में उपस्थित वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ कहा. इस पर खड़गे ने कहा कि रुक जाइए, माताजी बोलने में एक्सपर्ट हैं. मुझे मालूम है. खड़गे के इतना कहने के बाद आसन पर उपस्थित सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये तो आपकी बेटी के बराबर हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके पश्चात् बोलना जारी रखा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष के पक्षपातपूर्ण बजट के आरोप पर कहा कि प्रत्येक बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का अवसर नहीं प्राप्त होता. कैबिनेट ने महाराष्ट्र के वडावन में बंदरगाह बनाने का फैसला किया था मगर कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया. उन्होंने सवाल किया कि क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करे?

निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया गया है तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम बाकी प्रदेशों में नहीं जाते हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की तरफ से यह लोगों में इस प्रकार का इम्प्रेशन बनाने की कोशिश है कि हमारे प्रदेश को कुछ नहीं मिला है. यह अपमानजनक आरोप है.

मोदी सरकार में विदेशी निवेशकों को रिझाने की कोशिश, जानें चीन को कैसे झटका लगेगा ?

#china_in_tension_after_budget_2024_corporate_tax_on_foreign_companies_reduced

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट घोषणा कर दी है। बजट में सरकार ने विदेशी कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स को कम करने का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि देश की जरुरत के हिसाब से विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स को 40 फीसदी से घटाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा जाता है। सरकार के इस फैसले को स्ट्रैटिजिक तौर पर बड़ा कदम माना जा रहा है। ये फैसला विदेशी कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करेगा। वहीं भारत को चीन का विकल्प बनने में मदद करेगा।

उम्मीद की जा रही है कि ये बजट सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के टारगेट को हासिल करने में काफी मददगार साबित हो सकता है। साथ ही विदेशी कंपनियों के लिए टैक्स कटौती से इस प्रयास में काफी मदद मिल सकती है। यह बजट भारत को ग्लोबल इकोनॉमिक प्लेयर बनने में मदद करेगा, जिसमें एफडीआई को आकर्षित करने पर जोर दिया गया है। खुद को ग्लोबल फैक्ट्री या यूं कहें कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में स्थापित करके, भारत न केवल अपने लोकल मार्केट्स के लिए उत्पादन करना चाहता है बल्कि दुनिया के लिए भी प्रोडक्शन करना चाहता है।

जब पूरी दुनिया की नजर दक्षिण एशिया पर टिकी हुई है। साथ ही दुनिया की बड़ी कंपनियां चीन का विकल्प तलाश करने में जुटी हुई हैं। ऐसे में भारत अपने आपको दुनिया के सामने चीन का ऑप्शन बताने का प्रयास कर रहा है। सरकार का लक्ष्य अगले सात सालों में सालाना 110 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित करना है, जबकि पिछले पांच वर्षों में यह औसतन 70 अरब डॉलर से अधिक है। बजट में अधिक विदेशी धन आकर्षित करने, प्राथमिकता तय करने और विदेशी निवेश के लिए करेंसी के रूप में भारतीय रुपए का उपयोग करने के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एफडीआई के लिए रूल्स और रेगुलेशन को आसान बनाने का प्रयास किया गया है।

भारत ने हाल ही में एपल और फॉक्सकॉन से लेकर विनफास्ट और स्टेलेंटिस जैसी कई कंपनियों को भारत में अपनी निवेश घोषणाओं को करने के लिए मजबूर किया है। वहीं दूसरी ओर टेस्ला और दुनिया की बाकी बड़ी कंपनियों को भी रिझाने का प्रयास कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर इन कंपनियों को भी पता है कि मौजूदा समय में भारत ही चीन का दूसरा सबसे बड़ा विकल्प है। जहां पर आबादी के साथ—साथ खर्च करने की क्षमता भी है। फॉक्सकॉन भारत में निवेश और व्यापार साझेदारी को दोगुना कर रहा है। कंपनी अब चीन से बाहर अपनी सप्लाई चेन को बढ़ाने के बारे में सोच रही है। जिसके लिए कंपनी ने इस साल की शुरुआत में चेन्नई इंडस्ट्रियल पार्क में लगभग 550,000 वर्ग फुट वेयरहाउसिंग की जगह 10 साल के लिए लीज पर ली है। इसे एपल प्रोडक्ट्स के लिए निर्माण के लिए भारत में सबसे बड़ी यूनिट में से एक कहा जा सकता है।

बजट से पहले सोमवार (22 जुलाई) को पेश इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 में चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का फायदा उठाने के लिए चीन से एफडीआई को बढ़ाने की बात कही गई थी। इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप के देश चीन से अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को हटा रहे हैं, लिहाजा चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना और फिर प्रोडक्ट्स का इन बाजारों में निर्यात करना ज्यादा कारगर हो सकता है।

खामी के पर्याप्त सबूत नहीं...दोबारा नहीं होगी NEET परीक्षा, आ गया सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला

NEET केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. नीट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. सीजेआई की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया था. 

चीफ जस्ट‍िस की बेंच ने फैसला सुरक्ष‍ित करते हुए कहा था कि इन मामलों में इस न्यायालय के समक्ष उठाया जा रहा मुख्य मुद्दा यह है कि इस आधार पर पुनः परीक्षण (Re-Test) आयोजित करने का निर्देश जारी किया जाए कि प्रश्नपत्र लीक हुआ था और परीक्षा के संचालन में प्रणालीगत खामियां थी. नीट यूजी परीक्षा 571 शहरों के 4750 केंद्रों के अलावा 14 विदेशी शहरों में आयोजित की गई थी. 

सीजेआई ने आदेश की शुरुआत में मामले के तथ्यों और दोनों पक्षों की व्यापक दलीलें दर्ज कीं. उन्होंने कहा कि 1,08,000 सीटों के लिए 24 लाख छात्र प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. अदालत को इस तथ्य से अवगत कराया गया है कि 50 प्रतिशत कट ऑफ का प्रतिशत दर्शाता है. परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं और गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक होता है. यह प्रस्तुत किया गया कि पेपरलीक प्रकृति में प्रणालीगत था और संरचनात्मक कमियों के साथ मिलकर कार्रवाई का एकमात्र स्वीकार्य तरीका री-टेस्ट करना होगा. लेकिन, परीक्षा की पव‍ित्रता भंग होने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं.

NEET का 4 जून को रिजल्ट आने के बाद से पेपर लीक को लेकर छात्रो का आक्रोश सामने आया था. सबसे पहले इस परीक्षा में बिहार में पेपर लीक की खबर ने तूल पकड़ा था. उसके बाद रिजल्ट आने पर परीक्षा में 67 टॉपर और एक ही परीक्षा केंद्र से कई टॉपर आना, एक सवाल के दो उत्तर, ग्रेस मार्क्स जैसे प्वाइंट्स किसी को हजम नहीं हो रहे थे. उसी दौरान नेशनल टेस्ट‍िंंग एजेंसी पर भड़के छात्रों ने पूरे देश में रिजल्ट में हेरफेर और पेपरलीक को लेकर प्रदर्शन किया. 

परीक्षा में पेपर लीक के संदेह पर देशभर के हाईकोर्ट में दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर याचिकाओं का सिलस‍िला शुरू हुआ. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सभी याचिकाओं को सुनने की कार्यवाही शुरू हुई. इस सुनवाई में बिहार पेपर लीक से लेकर हजारीबाग, सीकर और गोधरा तक के मामलों की जांच, एक सवाल के दो उत्तर, सीबीआई जांच जैसे सभी मुद्दों पर बहस हुई. सर्वोच्च अदालत की बेंच ने सभी पहलुओं पर बहस सुनने के बाद यह तय किया कि इस पर जल्द से जल्द फैसला देना होगा, क्योंकि छात्रों को किसी भी हाल में लटकाकर नहीं रख सकते. इसी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया है.

मालदीव को भारत ने बजट में दिया बड़ा झटका, पैकेज में 370 करोड़ कम किए

#indian_govt_reduced_budget_allocation_for_maldives

मोदी 3.0 सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया। इसमें विदेश मंत्रालय को 22 हजार 154 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह 2023-24 के बजट से करीब 24% यानी कम है। पिछले साल विदेश मंत्रालय को 29 हजार 121 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसमें 6,967 हजार करोड़ की कटौती की गई है।इस बार के बजट में सरकार ने मालदीव को झटका द‍िया है। मालदीव को आवंट‍ित की जाने वाली राश‍ि में कटौती की गई है।

विदेश मंत्रालय के बजट में 'नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी' और 'सागर मिशन' के तहत भारत के पड़ोसी और मित्र देशों को आर्थिक मदद के लिए राशि आवंटित की गई है। इनमें भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव समेत 10 देश शामिल हैं। इसके अलावा कई अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी और यूरोएशियाई देशों के लिए भी एड का प्रावधान है। केंद्र सरकार इस वित्तीय वर्ष सबसे अधिक भूटान के विकास पर खर्च करेगा। भूटान के लिए 2 हजार 68 करोड़ का पैकेज रखा गया है। हालांकि, यह पिछले साल से करीब 400 करोड़ कम है। 

मालदीव को मिलने वाले बजट पर केंद्र सरकार ने कैंची चलाई है। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।मालदीव को आंवटित की जाने वाली राशि में कटौती ऐसे समय में की गई है जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मोहम्मद मुइज्जू के द्विपीय देश का राष्ट्रपति बनने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव आया गया है।

इस साल के बजट में मालदीव के ल‍िए 400 करोड़ रुपये का आवंटन क‍िया गया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए यह राश‍ि 770.90 करोड़ थी, ज‍िसे 370 करोड़ रुपये घटा द‍िया गया है।बजट में सबसे ज्यादा कटौती चीन समर्थक मालदीव के पैकेज में की गई है। 2023 में मालदीव के लिए आर्थिक मदद को 183 करोड़ से बढ़ाकर 770 करोड़ किया गया था। वहीं इस साल इसे 400 करोड़ कर दिया गया है। 

दरअसल, पिछले साल नवंबर में मालदीव में 'इंडिया आउट' कैंपेन चलाने वाले मोहम्मद मुइज्जू की सरकार आने के बाद से दोनों देशों में तनाव है।सरकार बनाते ही मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकालने की घोषणा की थी। इस साल मई में सभी 88 सैनिक भारत लौट आए। इसके अलावा 4 जनवरी को PM मोदी के लक्षदीप दौरे के बाद मालदीव के मंत्रियों ने मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत सर्विस के मामले में मालदीव का मुकाबला नहीं कर सकता। इस विवाद के बाद भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट आई। दोनों देशों में तनाव के बीच राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट भी खत्म कर दिया था।

बजट पर राज्यसभा में खूब गरजे खरगे, बोले- बस दो राज्यों की थाली में पकौड़ा और जलेबी

#congressleaderkhargetargetedmodigovtregarding_budget

संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। कल यानी बीते मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। आज संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा होनी है। आज संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों के सदस्यों ने आम बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। 

इससे पहले उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट पर केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। बजट का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला। सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी।’’

खरगे ने कहा कि न तमिलनाडु को कुछ मिला, न केरल, न कर्नाटक, न महाराष्ट्र, न पंजाब, न हरियाणा, न छत्तीसगढ़... दिल्ली और ओडिशा को भी कुछ नहीं दिया। ये सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए, किसी को खुश करने के लिए हुआ है। हम इसकी निंदा करते हैं। उनका इशारा एनडीए सरकार में शामिल घटक दल जेडीयू और टीडीपी की तरफ था।

जिस जगह ने नकार, उसे कुछ नहीं मिला-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा कि वह कर्नाटक से (राज्यसभा में) आई हैं। मेरी तो अपेक्षा यही थी कि सबसे ज्यादा मुझे ही मिलेगा लेकिन हमको तो कुछ नहीं मिला। हम इसके खिलाफ प्रोटेस्ट करेंगे। कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक करेंगे। खरगे ने आगे कहा कि जिस-जिस जगह विपक्षी पार्टी चुनकर आ गई, जिस जगह आपको नकार दिया गया उस जगह कुछ नहीं मिला। अगर आप ऐसा करते गए, अगर बैलेंस नहीं होगा तो गवर्नेंस कैसे होगा।

खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री ने दिया जवाब

वहीं, खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। उन्होंने कहा,"हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है?

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।"

नेपाल में बड़ा विमान हादसा, काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्रैश हुआ विमान, 18 लोगों की मौत

# plane_crashes_during_take_off_at_kathmandu

नेपाल में काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयर पोर्ट पर बुधवार को टेकऑफ के दौरान सौर्य एयरलाइंस का एक प्लेन क्रैश हो गया है। इस हादसे में 18 लोगों की जान चली गई। प्लेन में क्रू समेत 19 लोग सवार बताए जा रहे हैं। द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक क्रैश साइट से 18 शवों को बरामद किया गया है। 

त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रवक्ता प्रेमनाथ ठाकुर ने बताया है कि पोखरा जा रहे विमान में विमान चालक दल सहित 19 लोग सवार थे, जो सुबह करीब 11 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एयरलाइंस के विमान संख्या एमपी सीआरजे 200 ने रनवे 2 से पोखरा के लिए उड़ान भरा था, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से टेक ऑफ करने के कुछ देर के बाद ही विमान में आग लग गई और तेज धुंए के गुब्बार के साथ जमीन पर आ गिरा। हादसे के बाद पूरे एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई।

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सौर्या एयरलाइंस के विमान में आग लगने से ये दुखद घटना हुई है। हवाईअड्डे के सूत्रों के अनुसार उड़ान भरने के दौरान विमान रनवे से फिसल गया, जिसके नतीजे में ये दुर्घटना हुई। ये विमान काठमांडू से पोखरा जा रहा था और इसमें कुल 19 लोग प्लेन में सवार थे। 37 वर्षीय कैप्टन एमआर शाक्य को मलबे से बचा कर इलाज के लिए सिनामंगल स्थित केएमसी अस्पताल ले जाया गया है।

नेपाल विमान दुर्घटना: सौर्य एयरलाइंस का विमान उड़ान भरने के दौरान हुआ दुर्घटनाग्रस्त

नेपाल विमान दुर्घटना अपडेट: बुधवार को नेपाल के काठमांडू में त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान भरने के दौरान सौर्य एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार पोखरा जाने वाले विमान में एयरक्रू सहित उन्नीस लोग सवार थे, जो सुबह करीब 11 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पुलिस और दमकलकर्मी दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान चला रहे हैं।

नेपाल में औसतन हर साल एक उड़ान दुर्घटना होती है। 2010 से, हिमालयी गंतव्य ने कम से कम 12 घातक विमान दुर्घटनाओं को देखा है, जिसमें नवीनतम भी शामिल है। जनवरी 2023 में, एक दुखद दुर्घटना हुई जब यति एयरलाइंस का एक विमान पोखरा के केंद्रीय शहर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना में यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित विमान में सवार सभी 72 लोगों की जान चली गई। पोखरा के पास पहुंचते ही विमान एक गहरी खाई में गिर गया, जिसके टुकड़े-टुकड़े हो गए और उसमें आग लग गई।

29 मई, 2022 को, तारा एयर का एक विमान मस्तंग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके परिणामस्वरूप उसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई।

2018 में, काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक दुखद दुर्घटना हुई जिसमें यूएस-बांग्ला एयरलाइंस की उड़ान शामिल थी। विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे 51 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

पुलिस जांच और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, अभी घटना से हुई मौत और घायल लोगों की फुख़ता जानकारी सामने नहीं आई है। आगे की अपडेट स के लिए फॉलो करे streetbuzz app को।

इस साल गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 21 जुलाई बना इतिहास का सबसे गर्म दिन

#july_21_was_world_s_hottest_day_in_at_least_84_years 

ग्लोबल वॉर्मिंग का भयानक असर देखा जाने लगा है। पिछले एक या दो शताब्दियों में ग्लोबल वॉर्मिंग ने पृथ्वी के जलवायु पैटर्न को बिगाड़ दिया है। दुनियाभर में भीषण गर्मी, बाढ़, बेमौसम बरसात जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। इस बीच वैश्विक स्तर पर तापमान के परिवर्तन पर नजर रखने वाली एजेंसी ने झुलसा देने वाली गर्मी को लेकर आंकड़े जारी किए। यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) के अनुसार, पृथ्वी ने 21 जुलाई को पृथ्वी के हाल का इतिहास का सबसे गर्म दिन महसूस किया गया है।

कॉपरनिकस एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि रविवार को पृथ्वी की सतह पर वायुमंडल का औसत तापमान 17.09 सेल्सियस (62.67 फॉरेनहाइट) पर पहुंच गया, जो साल 1940 के बाद से सबसे ज्यादा है। यह पिछले साल जुलाई में रिकॉर्ड किए गए 17.08 सेल्सियम के पिछले रिकॉर्ड से थोड़ा अधिक है। पिछले साल 6 जुलाई को साल की सबसे भीषण गर्मी पड़ी थी, जिसे 21 जुलाई के इस तापमान ने तोड़ दिया है, हालांकि दोनों तापमानों में थोड़ा अंतर है, 6 जुलाई को पृथ्वी का तापमान 17.08 डिग्री सेल्सियस (62.74 डिग्री फारेनहाइट) था।

कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल का जून का महीना लगातार 13वां सबसे गर्म महीना रहा है, इस महीने पृथ्वी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा पिछले एक साल के तापमान के आधार पर बताया गया है। कॉपरनिकस सेवा के निदेशक कार्लो बुआनटेम्पो ने कहा कि 'यह संभव है कि इस सप्ताह रविवार का रिकॉर्ड भी टूट जाए, क्योंकि दुनिया भर में गर्मी का कहर जारी है।'

कोपरनिक्स के अनुसार जून 2023 से लेकर लगातार 13 महीने की बात करें तो पर्यावरण में तेजी से बदलाव देखने को मिले हैं। उत्तरी गोलार्ध में गर्मी का प्रकोप अधिक देखने को मिला है। 21 जुलाई ग्रह पर सबसे गर्म दिन रहा है। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि पिछले साल के बाद टूटा ये रिकॉर्ड अंतिम नहीं हो सकता। अभी जुलाई के कई दिन बाकी हैं। यह रिकॉर्ड भी टूट सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले सप्ताह संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और रूस के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का प्रकोप देखा गया। रूस के उन इलाकों में भी लोगों के पसीने निकल रहे थे, जहां ठंड होती है।

दुनिया बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के संकट को टालने के लिए विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करने के कगार पर खड़ी है। जुलाई इस तय सीमा के करीब पहुंचने का लगातार 13वां महीना है। सी3एस के वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले साल जून के बाद से हर महीना रिकॉर्ड पर सबसे गर्म महीना रहा है।