दिखा मुहर्रम का चांद, सजने लगे इमामचौक, गुंजने लगी ढोल-ताशों की आवाज
गोरखपुर। इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी ने मुहर्रम का चांद दिखने पर कमेटी के संरक्षक एवं वरिष्ठ काउंसलर खैरूल बशर के निर्देश पर कमेटी अध्यक्ष अब्दुल्लाह, कमेटी संयोजक हाजी कलीम अहमद फरजंद, सचिव शकील अहमद अंसारी, मुर्तजा हुसैन रहमानी, आबिद अली, मिस्बाहुददीन सिद्दीकी, एजाज रिजवी एडवोकेट, पूर्व पार्षद नवीउल्लाह अंसारी, पार्षद उजैर अहमद, मंसूर आलम, जावेद खान, डा. एम सेराज सलमानी, डा. शाहिद अंसारी, अकील अहमद मुन्ना, सनउवर खान वकील अहमद, मोमिन अली सिद्दीकी, जमील अहमद शीश महल दरगाह जाफरा बाजार के गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी एवं डा. सरवर हुसैन ने मुहर्रम का चांद दिखते ही इमामबाड़ों और इमामचौकों पर पहुंचकर वहां की व्यवस्था देखी और मुहर्रम को सम्पन्न कराने के लिए शासन और प्रशासन के गाइडलाइन पर पुरानी परम्परा के मुताबिक मुतवल्लियों और अखाड़ों के उस्तादों से जुलूसों को निकालने का आग्रह किया है।
कमेटी अध्यक्ष अब्दुल्लाह ने बताया कि मुहर्रम के जुलूस को निकालने की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं।
इमामचौकों पर रंगरोगन का काम लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि ढोल और ताशों को धूप दिखाया जा रहा है, ताकि ढ़ोल और ताशों की आवाज बुलंद रहे। अब्दुल्लाह ने कहा कि मियां बाजार स्थित इमामबाड़ा इस्टेट से मियां साहब का पांचवीं, नौवीं और 10वीं मुहर्रम का जुलूस शाही अंदाज में बड़े ही अकीदत के साथ निकलेगा।
उन्होंने कहा की महानगर के बेनीगंज, जाफरा बाजार, इलाहीबाग, निजामपुर, बक्शीपुर, तुर्कमानपुर, पुराना गोरखपुर, रसूलपुर, पिपरापुर, मोहनलालपुर, रहमतनगर, खोखर टोला, घासी कटरा, गाजीरौजा, सिधारीपुर, सूरजकुंड अम्बेडकर नगर, भरपुरवा, निजामपुर, झाऊ खूनीपुर, नखास महुआ पीर, असकरगंज, बसंतपुर, मिर्जापुर, पहाड़पुर, जाहिदाबाद, जमुनहिया, बड़गो, बहरामपुर, सिविल लाइन, गोलघर, खूनीपुर, नखास, बक्शीपुर, घोसीपुरवा, बिछिया कैंप, रेलवे स्टेशन, फतेहपुर, मानबेला, नौतन, नकहा, रानीडीहा, पिपराइच सहित तमाम जगहों पर मुहर्रम की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं। वहीं इमामचौकों के आसपास साफ-सफाई और रंगरोगन का काम हो चुका है।
इस मौके पर इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के संरक्षक एवं वरिष्ठ काउंसलर खैरूल बशर ने कहा कि रसूल के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 शैदाइयों की शहादत का गम मनाने का दौर मुहर्रम में चलता है।
उन्होंने कहा कि कर्बला की जंग मानव इतिहास की ऐसी पहली जंग है, जिसमें जीतने वाले यजीद का नाम लेवा न कोई रहा है और न रहेगा। उन्होंने कहा कि इस जंग में शहीद हजरत इमाम हुसैन को पूरी दुनिया साल-दर-साल अकीदत के साथ याद करती है। इस जंग ने संदेश दिया कि जुल्म के खिलाफ खड़े होने वाले मर कर भी अमर हो जाते हैं। बशर ने कहा कि मुहर्रम के नौ तारीख की रात को जगह जगह कुरआन ख्वानी का सिलसिला पूरी रात जारी रहता है। इमामचौकों पर पूरी रात फतिहा और नजर नियाज का सिलसिला जारी रहता है।
Jul 09 2024, 12:38