/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz स्ट्रीटबज्ज हेल्थ टिप्स: मानसून में मौसमी बीमारियों से बचने के लिए पीजिए नींबू और हल्दी से बने येलो ड्रिंक जो आपकी इम्यूनिटी को करेंगे बूस्ट Healthcare
स्ट्रीटबज्ज हेल्थ टिप्स: मानसून में मौसमी बीमारियों से बचने के लिए पीजिए नींबू और हल्दी से बने येलो ड्रिंक जो आपकी इम्यूनिटी को करेंगे बूस्ट

दिल्ली:-अभी मानसून चल रहा है बरसात के मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले ड्रिंक की काफी जरूरत होती है क्योंकि बरसात के मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लाता है.इस मौसम में फ्लू डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, डायरिया जैसी कुछ बीमारियां हैं जो आपको परेशान कर सकती हैं. इसको लेकर हम सावधान भी रहते हैं लेकिन सुहाने मौसम का आनंद लेने के लिए कभी-कभी कुछ गलतियां कर देते हैं. जिससे हम बुरी तरह से बीमार भी पड़ जाते हैं।

ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आप जल्दी ठीक हो जाएं और आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहे तो आप हल्दी और नींबू वाला ड्रिंक ट्राई कर सकते हैं. नींबू और हल्दी का पानी एक हेल्दी ड्रिंक है.नींबू और हल्दी दोनों में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर को ढ़ेरों लाभ प्रदान करते हैं.

इम्यूनिटी बढ़ाए- नींबू और हल्दी अपने इम्यून बूस्टिंग गुणों के लिए जाने जाते हैं. नींबू में विटामिन सी होता है जो मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है.वहीं हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभावों वाला एक यौगिक है.ये भी इम्यून फंक्शन को बढ़ावा दे सकता है.कुल मिलाकर दोनों का संयोजन आपके तिरक्षा प्रणाली को बेहतर बना सकता है.इससे आप बीमार भी कम पड़ते हैं औऱ अगर बीमार पड़ भी गए तो रिकवरी फास्ट होती है.

सूजन में फायदेमंद:-नींबू और हल्दी दोनों में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो सूजन और पुरानी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।इसके अलावा इस मिश्रण में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. दिल से जुड़ी बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं.

पाचन तंत्र- नींबू और हल्दी वाला पानी स्वस्थ पाचन में सहायता कर सकता है.नींबू का रस, अपनी साइट्रिक एसिड सामग्री के कारण, पाचन एंजाइमों के उत्पादन को उत्तेजित कर सकता है. यह भोजन के टूटने में सहायता करता है और बेहतर पोषक तत्व अवशोषण को बढ़ावा देता है. हल्दी का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन तंत्र को शांत करने और सूजन और गैस से राहत देने के लिए किया जाता रहा है. यह अपच जैसी स्थितियों के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है.

कब पिएं हल्दी और नींबू वाला ड्रिंक

आप खाली पेट नींबू और हल्दी वाला पानी पी सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि सुबह इसका सेवन करने से आपका शरीर पोषक तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित कर पाता है.दूसरा विकल्प यह है कि आप अपने भोजन से 30 मिनट पहले यह हेल्दी ड्रिंक पी सकते हैं ऐसा करने से पाचन उत्तेजित हो सकता है, पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ सकता है और हेल्दी मेटाबॉलिज्म का समर्थन हो सकता है।

बॉडी डिटॉक्सिफई-नींबू और हल्दी का पानी शरीर के लिए प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर के रूप में काम कर सकता है. नींबू में साइट्रिक एसिड की मौजूदगी लिवर के कार्य को उत्तेजित करती है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है.विषाक्त पदार्थ निकलने से पिंपल दाग धब्बों की समस्या दूर होती है. त्वचा पर निखार आता है.

संगीत सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि विभिन्न बिमारियों के इलाज में भी है सहायक, कैसे..? जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर


संगीत का महत्व केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। चिकित्सा विज्ञान भी इस बात को मान्यता देने लगा है कि संगीत का प्रभाव शरीर और मन पर सकारात्मक होता है।

संगीत और मानसिक स्वास्थ्य

संगीत सुनने से मस्तिष्क में डोपामाइन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है, जो हमें खुशी और संतोष का अनुभव कराता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। जब हम अपनी पसंद का संगीत सुनते हैं, तो हमारे मन की स्थिति सुधरती है और मानसिक तनाव कम होता है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

संगीत का प्रभाव केवल मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है। विभिन्न शोधों से यह साबित हो चुका है कि संगीत सुनने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय गति सुधरती है। यह दर्द को भी कम करने में सहायक होता है, इसलिए ऑपरेशन के दौरान और उसके बाद भी मरीजों को संगीत सुनने की सलाह दी जाती है।

बीमारियों का उपचार

कई बीमारियों के उपचार में संगीत थेरेपी का उपयोग किया जाने लगा है। जैसे कि अवसाद, अनिद्रा, और पुराने दर्द जैसी समस्याओं में यह बहुत प्रभावी साबित हुई है। प्रतिदिन २० मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से इन रोगों से बचा जा सकता है और मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

संगीत का नियमित रूप से आनंद लेना न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। चिकित्सा विज्ञान भी अब इस बात को मान्यता दे चुका है कि संगीत का सुनना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इसलिए, प्रतिदिन २० मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनकर आप बहुत से रोगों से दूर रह सकते हैं और अपने जीवन को अधिक स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं।

हेल्थ टिप्स: बारिश के मौसम में पोषक तत्वों से भरपूर पोई साग खाने से मिलते कई फायदे, आइए जानते हैं!

मानसून की शुरूआत हो चुकी है।बारिश का मौसम जहां अपने साथ ताजगी और ठंडक लाता है, वहीं यह कई बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में पोषक तत्वों से भरपूर पोई साग (मलबार स्पिनच) को अपने आहार में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।आइए जानते हैं, पोई साग के फायदों के बारे में:

1. इम्यूनिटी बढ़ाता है

पोई साग विटामिन सी से भरपूर होता है, जो हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह शरीर को संक्रमणों से बचाने और बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।

2. एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत

इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे कि बीटा-कैरोटीन, ल्यूटिन, और ज़ेक्सैंथिन पाए जाते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं और त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।

3. हड्डियों के लिए फायदेमंद

पोई साग में कैल्शियम और मैग्नीशियम पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। यह खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है।

4. पाचन तंत्र के लिए अच्छा

इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है। यह कब्ज जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करता है।

5. वजन कम करने में सहायक

पोई साग कैलोरी में कम और पोषक तत्वों में भरपूर होता है, जिससे यह वजन कम करने में सहायक साबित हो सकता है। इसे सलाद या सूप में शामिल कर सकते हैं।

6. त्वचा के लिए लाभकारी

इसमें मौजूद विटामिन ए और सी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखते हैं। यह त्वचा के लिए एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र का काम करता है।

7. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

पोई साग में पाए जाने वाले पोटेशियम और मैग्नीशियम हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक होते हैं।

8. आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद

इसमें मौजूद विटामिन ए और ल्यूटिन आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करते हैं और उम्र से संबंधित दृष्टि समस्याओं से बचाते हैं।

9. तनाव को कम करता है

इसमें मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन बी6 मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होते हैं। यह मन को शांति और ताजगी प्रदान करता है।

10. हाइड्रेशन बनाए रखने में मददगार

बारिश के मौसम में हाइड्रेशन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। पोई साग में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखने में मदद करती है।

कैसे करें सेवन?

पोई साग को विभिन्न तरीकों से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है:

इसे सब्जी के रूप में बना सकते हैं।

सलाद में कच्चा प्रयोग कर सकते हैं।

सूप या स्टर-फ्राई के रूप में बना सकते हैं।

निष्कर्ष

पोई साग एक पोषक तत्वों से भरपूर साग है, जिसे बारिश के मौसम में अपने आहार में शामिल करना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। इसे नियमित रूप से खाने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं और अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बना सकते हैं। इसलिए, इस मानसून अपने खानपान में पोई साग को जरूर शामिल करें और स्वस्थ रहें।

खान-पान :आम खाने से पहले रखें इन बातों का ख्याल वरना हो सकती है कई दिक्क़तें..?


अभी चल रहा है आम का सीजन, आम खाने में स्वादिष्ट और कई तरह के विटामिन्स और पोषक तत्व से पूर्ण होते हैं जिसे खाने कई लाभ भी होते हैं.

ये विटामिन-सी का अच्छा स्रोत होने के साथ फाइबर से भी भरपूर होता है जो इम्युनिटी बढ़ाने के साथ पाचन को ठीक रखने में मददगार है। मसलन आम न सिर्फ स्वाद के मामले में काफी पसंदीदा फल है बल्कि इससे सेहत को भी कई प्रकार के लाभ भी मिलते हैं 

पर क्या आप जानते हैं कि जितना हम इस अद्भुत फल को पसंद करते हैं, इससे होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर भी उतना हीं सावधानी बरतने कि जरूरत हैं।

ये विरोधाभासी है कि फाइबर के कारण आम खाने को पाचन के लिए बेहतर माना जाता है पर अगर इसका अधिक सेवन किया जाए तो इससे सूजन, दस्त, पेट दर्द, अल्सर और अपच की भी समस्या होने की खतरा भी हो सकता है.

आम के सेवन से क्या-क्या हैं लाभ

अध्ययनों से पता चलता है कि आम फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं जिनकी हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए जरूरत होती है। हालांकि कुछ स्थितियों में इसके अधिक सेवन के कारण शुगर बढ़ने, डायरिया और कई तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी जोखिम हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ की क्या है सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बाजार से लाने के बाद यदि आप अच्छे तरीके से आम को बिना धोए ही खाते हैं तो इसको पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने हानिकारक तत्व पेट में जा सकते हैं जिसके कारण विषाक्तता बढ़ने का खतरा हो सकता है।

आम खाने के लिए हमें रखना चाहिए ये सावधानी...?

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है ज्यादातर फलों को पकाने के लिए अप्राकृतिक तरीकों को प्रयोग में लाया जाता है.इसके लिए कैल्शियम कार्बाइड (CaC2) नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है. जब कैल्शियम कार्बाइड को पानी में मिलाया जाता है तो इससे एसिटिलीन गैस निकलती है.एसिटिलीन गैस फलों को पकाने का काम करती है.

कैल्शियम कार्बाइड से पके फल खाने से विषाक्तता होने का खतरा रहता है। इससे त्वचा की गंभीर समस्याओं के साथ पॉइजनिंग और किडनी फेलियर तक का खतरा होता है. इसलिए आम खाने से पहले उसे कम से कम दो घंटे पानी में भिगाकर रखें और अच्छी तरह से धोकर ही खाएं.

ज्यादा आम खाने से होती है पाचन में दिक्कत

 आहार विशेषज्ञ के अनुसार आम का अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, मुख्य रूप से उनमें उच्च फाइबर सामग्री के कारण इस तरह का जोखिम देखा जाता रहा है। अत्यधिक फाइबर का सेवन करने से पेट में सूजन, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त के मामले बढ़ जाते हैं। आम का सेवन सीमित मात्रा में करना सही रहता है। दिन में 3-4 आम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।

ब्लड शुगर पीड़ित व्यक्ति के लिए आम से करना चाहिए परहेज

आम हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों में से एक है जिसका अर्थ है कि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने पर यह रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि कर सकता है। मधुमेह वाले व्यक्तियों या इंसुलिन प्रतिरोधी लोगों के लिए इससे शुगर बढ़ने का खतरा हो सकता है। आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि डायबिटीज रोगियों को आम खाने से बचना चाहिए। जिन लोगों का शुगर कंट्रोल रहता है वह अपने डॉक्टर की सलाह पर दिन में एक आम खा सकते हैं।

वजन कम करने के लिए अपने खान पान में आप इन चीजों के सिड्स (बीज )को करें शामिल इस से मिलेंगे आप को लाभ

आज लोगों के खान पान और जीवन शैली के कारण लगातार वजन बढ़ रही है.वजन ज्यादा बढ़ना आप के शरीर में कई कम्प्लीकेशन उत्पन्न कर देती है,

कई बीमारियों को निमंत्रण देती है. इसलिए हेल्दी वेट होना काफी जरूरी होता है. हम अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए कई कोशिशे करते हैं, जिनमें हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज आदि शामिल हैं.

 वजन कम करने के इन तरीकों को और असरदार बनाने में अगर हम अपने भोजन में कुछ सीड्स का प्रयोग करें तो हमें लाभ मिल सकता है. इन सिड्स में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे फाइबर, प्रोटीन, मिनरल और फैटी एसिड पाए जाते हैं। इनसे वजन कम करने में मदद तो मिलती ही है, साथ ही, सेहत भी दुरुस्त रहती है. इसे आप अपनी डाइट में सलाद, सैंडविच, स्मूदी आदि में मिलाकर शामिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कुछ सिड्स के बारे में जो वजन काम करने में हमारी मदद कर सकते हैं.

सब्जा के बीज

सब्जा के बीज वजन कम करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इनमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर का फैट कम होता है। साथ ही, इसमें कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा काफी कम होती है, जो वेट लॉस में काफी मदद करता है. इसके अलावा, सब्जा के बीच ओमेगा-3 फैटी एसिड, ओमेगा-6 फैटी एसिड, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर होते हैं। इसलिए इन्हें खाने से वजन तो कम होता है, लेकिन शरीर में कमजोरी नहीं आती

चिया सीड्स

चिया सीड्स का नाम आपने वेट लॉस के लिए इस्तेमाल होने वाले फूड्स में खूब सुना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो मसल बिल्डिंग में मदद करता है. इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं, जिनसे सेहत को काफी फायदा होता है. वजन कम करने और स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखने के लिए चिया सीड्स एक बेहतर ऑप्शन है.

कद्दू के बीज

कद्दू के बीज भी मसल बिल्डिंग में मददगार होते हैं, जिससे शरीर में फैट की मात्रा कम होती है. ऐसा इसमें मौजूद जिंक की वजह से होता है. साथ ही, इसमें फाइबर भी होता है, जिससे पेट देर तक भरा रहता है. इससे आप ओवर ईटिंग करने से बचते हैं. इसलिए अपनी वेट लॉस के लिए कद्दू के बीज काफी फायदेमंद हैं.

अलसी के बीज

अलसी के बीज भी वजन कम करने के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. इसमें फाइबर, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं. फाइबर बार-बार भूख लगने की परेशानी को दूर करता है और प्रोटीन मांसपेशियों मजबूत बनाता है. इसलिए वेट लॉस के लिए अलसी के बीज भी फायदेमंद हैं.

तनाव को दूर करने के लिए ले एक्यूप्रेशर का सहारा दबाए इन प्वाइंट को,कम होगी आपकी तनाव


सबसे ज्यादा अगर किसी काम को करते हुए नींद आती है तो वह है पढ़ाई या फिर ऑफिस का काम. पढ़ने के लिए किताब खोल के बैठो तो कुछ मिनटों में ही पलकें झपकने लगती हैं।

अक्सर पढ़ाई के दौरान या काम करते वक्त नींद आ जाना एक सामान्य समस्या है। इसके लिए कुछ एक्यूप्रेशर पॉइंट्स हैं, जिन्हें दबाने से आप सतर्क और जागरूक रह सकते हैं।

ब्रो पॉइंट (Third Eye Point): यह पॉइंट आपकी दोनों भौंहों के बीच में स्थित होता है। इसे हल्के से दबाने पर तनाव कम होता है और सतर्कता बढ़ती है।

सन पॉइंट (Sun Point): यह पॉइंट आपकी भौंहों के बाहरी किनारों पर स्थित होता है। इसे दबाने से मानसिक थकान कम होती है और जागरूकता बढ़ती है।

हैंड प्वाइंट्स: आपके हाथों में भी कुछ ऐसे पॉइंट्स होते हैं, जैसे कि अंगूठे और तर्जनी के बीच का पॉइंट। इसे दबाने से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।

नैक पॉइंट (Wind Mansion): यह पॉइंट आपके गर्दन के पीछे, बालों के नीचे स्थित होता है। इसे दबाने से तनाव कम होता है और ऊर्जा मिलती है।

इन पॉइंट्स को दबाने के अलावा, आप अन्य उपाय भी कर सकते हैं, जैसे:

अच्छी नींद लें: सुनिश्चित करें कि आप रात में पर्याप्त नींद लें।

हेल्दी डाइट: अपने खाने में पौष्टिक आहार शामिल करें।

ब्रेक लें: लंबे समय तक लगातार काम न करें, बीच-बीच में ब्रेक लें।

व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से आपका शरीर और मन तरोताजा रहता है।

इन उपायों से आपको पढ़ाई और काम के दौरान सतर्क और जागरूक रहने में मदद मिलेगी।

हेल्थ टिप्स:मेथी दाना को पानी में रातभर भिगोकर सुबह उठकर खाली पेट पीने से मिलते है कई फायदे आइए जानते है उससे मिलने वाले फायदे के बारे में


मेथी के दानों और मेथी के साग का प्रयोग तो हमलोग किचन में करते है।सब्जी में छोका लगाने में पराठे में सब्जी में जिससे ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ जाता है ,बल्कि मेथी स्वास्थ के लिए भी काफी अच्छा है। 

मेथी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे सोडियम, पोटेशियम, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन सी। इसके सेवन से पाचन-तंत्र दुरुस्त रहने के साथ डायबिटीज कंट्रोल में रहती हैं। 

यह खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ शरीर की कई परेशानियों को आसानी से दूर करती हैं। मेथी दाने का इस्तेमाल लगभग हर किचन में होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भीगी हुई मेथी का पानी पीने से भी शरीर की कई समस्याएं दूर होती है। इस पानी को पीने से शरीर की कमजोरी दूर होने के साथ हड्डियां भी मजबूत होती हैं। यह पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है और इस पानी से बैली फैट भी तेजी से बर्न होता है। 

मेथी के पानी में एंटी-बैक्टिरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को हेल्दी रखने के साथ कई बीमारियों को आसानी से दूर करते हैं। आइए जानते हैं भीगी हुई मेथी का पानी पीने के फायदों के बारे में।

वजन कम करने में मददगार

अगर आप लंबे समय से वजन कम करने के बारे में सोच रहे है, तो इस पानी को पिएं। इस पानी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पेट को लंबे समय तक भरकर रखता है। इस कारण आप अतिरिक्त नहीं खा पाते है और वजन कम करने में मदद मिलती है। इस पानी में मौजूद गुण बैली फैट को भी कम करते है।

पाचन-तंत्र के लिए फायदेमंद

भीगी हुई मेथी का पानी पीने से पाचन से जुड़ी कई परेशानियां दूर होती हैं। यह पानी में पेट में गैस, अपच और कब्ज की समस्या को दूर करती है। मेथी में मौजूद फाइबर मल को सॉफ्ट बनाता है। इस पानी में पाचक एंजाइम पाए जाते हैं, जो खाने को आसनी से पचाते है।

डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार

भीगी हुई मेथी का पानी पीने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। मेथी ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कम करती है। इस पानी को नियमित पीने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है और शरीर भी हेल्दी रहती है। यह पानी डायबिटीज मे होने वाली कब्ज की समस्या से भी बचाव करता है।

हार्ट के लिए फायदेमंद

भीगी हुई मेथी का पानी पीने से हार्ट संबंधी परेशानियां भी कम होती है। इस पानी को पीने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है और हार्ट संबंधी रोगों से बचाव होता हैं। इस पानी को पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल होता है और हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

स्किन के लिए फायदेमंद

भीगी हुई मेथी का पानी से स्किन को कई फायदे मिलते है। यह पानी स्किन एलर्जी को कम करता है। इस पानी के सेवन से स्किन को पोषण मिलता है और पिंपल्स,दाग-धब्बे भी आसानी से दूर होते हैं। यह पानी स्किन को मुलायम बनाने के साथ ग्लोइंग भी बनाता है।

भीगी हुई मेथी का पानी बनाने का तरीका

भीगी हुई मेथी का पानी बनाने के लिए 1 चम्मच मेथी दाने को 1 गिलास पानी में रात भर के लिए भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को छानकर खाली पेट इसका सेवन करें।

भीगी हुई मेथी का पानी शरीर के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इस पानी को पिएं।

हेल्थ टिप्स:अगर रहना चाहते है स्वस्थ तो रात को खाए जल्दी खाना मिलेंगे ये फायदे


दिल्ली:- अच्छी सेहत के लिए सिर्फ खाना खाना ही जरूरी नही है बल्कि खाने का समय का भी ध्यान रखना काफी जरूरी होता है। व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण लोग अक्सर देर रात को खाना खाते हैं, इस वजह से वो कब्ज समेत कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।

डाक्टर अक्सर रात में सोने से दो-तीन घंटे पहले खाना खाने की सलाह देते हैं। स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको सुबह का नाश्ता, लंच, डिनर समय पर करना चाहिए। अगर आप रोजाना जल्दी खाना खाते हैं तो इससे कई बड़े फायदे हो सकते हैं।

रात में जल्दी खाना खाने के फायदे

अच्छी नींद

रात में जल्द खाना खाने से शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इससे अच्छी नींद आती है। डाक्टर अक्सर रात में सोने से दो-तीन घंटे पहले खाना खाने की सलाह देते हैं। इससे हमारा पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है और शरीर के अंगों को भी अन्न पचाने में कसरत नहीं करनी पड़ती।

वजन कंट्रोल

रात में खाना जल्दी खाने से न सिर्फ आप खुद को फिट महसूस करेंगे, बल्कि इससे आपको वजन घटाने में भी मदद मिलेगी। कोशिश यह करें कि हल्का और फाइबर युक्त भोजन करें, इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और भूख भी कंट्रोल होती है और वजन भी।

कब्ज की दिक्कत

बदलती लाइफस्टाइल के कारण आजकल कब्ज की समस्या आम है। इससे शौच करने में कठिनाई होती है। रात का खाना जल्दी खाने से शरीर को भोजन पचाने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इससे आप कब्ज की समस्या से राहत पा सकते हैं।

दिल के लिए फायदेमंद

जो लोग देर से खाना खाते हैं उनमें दिल की बीमारियों का खतरा अधिक होता है। अगर आप रात का खाना जल्दी खाते हैं और समय पर सोते हैं तो इससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है। रात के खाने में हमेशा हल्का खाना खाएं और मसालेदार खाना खाने से बचें।

ब्लड शुगर कंट्रोल

रात में जल्दी भोजन करने से भी ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।

ये फूड खाने से मिलेगी फैटी लिवर में राहत


आजकल के भागदौड़ वाले समय खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण फैटी लिवर की समस्या भी बढ़ती जा रही है. ये एक ऐसी स्थिती है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में फैट ज्यादा जमा हो जाती है. 

फैटी लिवर साधारण बीमारी है लेकिन अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो ये गंभीर हो सकती है. बता दें कि रोजाना एक्सरसाइज नहीं करने से भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है.

खासतौर पर मानसून के दौरान लिवर से जुड़े जोखिम और भी बढ़ जाते हैं. ऐसे में अपनी डाइट में वही फूड्स शामिल करें जो लिवर की सुरक्षा करें. मानसून के मौसम में फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए कौन-कौन से फूड खाने चाहिए, आइए इसके बारे में जानते हैं.

हरी सब्जियां

हरी सब्जियों में आयरन के साथ-साथ विटामिन की मात्रा भी भरपूर होती है. पालक, केल और मटर जैसी सब्जियों को डाइट में शामिल किया जा सकता है. विटामिन और मिनरल हमारे लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.

ताजे फल

फल हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं. जामुन, संतरे, सेब और अनार जैसे फलों में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है. ये फ्री रेडिकल्स को बेअसर करके लिवर को हेल्दी रखते हैं.

बेहतरीन मसाला हल्दी

हेल्दी को सबसे बेहतरीन मसाला माना जाता है. इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं. गौर हो कि हल्दी मेंकरक्यूमिन नाम का एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो फैटी लीवर रोग वाले व्यक्तियों को लाभ पहुंचा सकते हैं.

साबुत अनाज

साबुत अनाज भी फैटी लिवर में बेहद फायदेमंद हैं. ब्राउन राइस, चने और दालें जैसी चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. इनमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं. इसके अलावा, ये शरीर में ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करते हैं.

हाइ़ड्रेट रहें

लिवर ठीक ढंग से फंक्शन करे, इसके लिए खुद को हाइड्रेट रखें. लिवर को दुरुस्त रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं. पानी शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने का भी काम करता है.

सेहत के साथ साथ नारियल त्वचा के लिए भी है फायदेमंद,आइए, जानें इसका प्रयोग कर कैसे निखार सकते हैं अपनी त्वचा...?


नारियल का सेवन स्वास्थ्य के लिए उत्तम है, क्योंकि इसमें पोषण तत्त्व भरपूर मात्रा में होते हैं। सेहत के साथ साथ नारियल त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। आइए, जानें इसका प्रयोग उचित ढंग से करके हम कैसे अपनी त्वचा को निखार और पौष्टिकता प्रदान कर सकते हैं। 

त्वचा के निखार के लिए करें नारियल का प्रयोग

नारियल का तेल माश्चराइजर के रूप में त्वचा पर प्रयोग किया जा सकता है, जिससे त्वचा में नमी बनी रहती है और त्वचा पोषित भी रहती है। बिना कुछ मिलावट के नारियल तेल (वर्जिन कोकानेट आयल) को त्वचा पर लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त माश्चराइजर में कुछ बूंदें नारियल तेल की मिला कर त्वचा पर लगा सकते हैं। इससे त्वचा में चमक बनी रहती है।

नारियल तेल में मौजूद लैटिक एसिड मुंहासों के लिए भी अच्छा होता है।

मेेेकअप रिमूव करने में नारियल तेल का प्रयोग लाभप्रद होता है। थोड़ा-सा नारियल तेल रूई के फाहे पर लगायें या हथेली में नारियल तेल डालें और त्वचा पर मलें। हल्के हाथों से मलने पर मेकअप साफ हो जायेगा और त्वचा कोमल बनी रहेगी।

नारियल तेल त्वचा को मुलायम बनाने के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से टोनर का काम भी करता है। नारियल तेल में वसा होने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा।

आहार में नारियल शामिल कर पौष्टिकता बढ़ायें

करी वाली सब्जी में सूखे नारियल का चूरा रिच ग्रेवी तैयार कर सेवन कर सकते हैं।

 चटनी में कच्चा नारियल डाल कर खा सकते हैं। स्वाद भी बढ़ेगा और पौष्टिकता भी मिलेगी।

 नारियल पानी का सेवन कई विटामिन्स व मिनरल्स से भरपूर होता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में कई प्रकार की कमी दूर होगी।

सूखे नारियल का पाउडर केक-पाई बनाने में प्रयोग कर उसे अधिक पौष्टिक बना सकते हैं।

कच्चा नारियल कद्दूकस कर सलाद पर डाल सकते हैं। स्वीड डिश में भी नारियल मिला कर उसे अधिक पौष्टिक बना सकते हैं।