बिहार में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आए फैसले पर तेजस्वी का बड़ा बयान, बीजेपी के कारण हुआ ऐसा
पटना – बिहार मे आरक्षण के बढ़े सीमा पर आज पटना हाईकोर्ट का अहम फैसला आया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को रद्द करते हुए बिहार में पूर्व की तरह आरक्षण कायम रहने का फैसला दिया है।
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इधर इस मामले को लेकर बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने इसका ठीकरा केन्द्र की बीजेपी सरकार पर फोड़ा है। उन्होंने कहा है कि हमको पहले से शंका थी भाजपा के लोग आरक्षण विरोधी हैं। हम सरकार में थे तो जाति आधारित जनगणना कराया और आरक्षण बढ़ाया। हमने भारत सरकार से रिक्वेस्ट किया इसे नवमी अनुसूची में डाल दिया जाए ताकि सुरक्षित रहे। 6 महीने पूरे हुए केंद्र सरकार ने इसे नहीं डाला। पता नहीं क्यों सीएम नीतीश चुप हैं।
तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। बीजेपी के आते ही आरक्षण को किस तरीके से समाप्त किया जा रहा है यह दिख रहा है। लेकिन सीएम नीतीश कुमार चुप है। लेकिन मैं सीएम नीतीश कुमार से अनुरोध करूंगा कि वे कई बार पीएम का पैर पकड़ चुके है एक बार और पैर पड़कर आरक्षण को नवमी सूची में डलवा ले।
उन्होंने कहा कि मेरा प्रस्ताव है कि एक सर्वदलिय कमेटी पीएम मोदी से जाकर मिले और मिलकर अनुसूची 9 में डलवाने का काम करें। हम चाहते हैं वंचित समाज को अधिकार मिले हमने यह लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ेंगे। अगर बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं गई तो राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट जाएगा। नवमी अनुसूची को लेकर नीतीश को चिट्ठी लिखेंगे कि जल्द सर्व दलीय दलीय बैठक बुलाएं।
पटना से मनीष प्रसाद















पटना : बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति व सीतामढ़ी के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर द्वारा यादव और मुसलमान को लेकर दिए गए बयान का मामला तुल पकड़ लिया है। विपक्ष द्वारा जहां उनके बयान की निंदा की जा रही है। वहीं जदयू ने उनके इस बयान से किनारा करते हुए इसे उनका निजी सोच पर दिया गया बयान बताया है। इस बीच इस मामले को लेकर बीते दिनों राजद छोड़कर जदयू मे शामिल हुए पूर्व राज्यसभा सांसद अशरफ करीम का बड़ा बयान सामने आया है। आज पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान अशरफ करीम ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर पार्टी के वरिष्ठ सम्मानित नेता हैं। लेकिन मुस्लिम समाज को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर ऐसा कुछ नहीं कहना चाहते जिससे उनके सम्मान को ठेस पहुंचे। लेकिन उनकी बातों से मुस्लिम समुदाय को ठेस लगी है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना भेदभाव के बिहार की उन्नति के लिए कटिबद्ध हैं। नीतीश कुमार सबके हैं। वह बिना किसी राग द्वेष के सबके विकास के लिए कार्य करते हैं। वह कभी नहीं देखते किस समुदाय ने वोट किया है, किस समुदाय ने नहीं। कहाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी समाज के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैसे भी कोई भी संवैधानिक पद पर निर्वाचित व्यक्ति एक जाति, बिरादरी, धर्म और क्षेत्र का प्रतिनिधि नहीं होता, वह सबका होता है। इसका ख़्याल हर जनप्रतिनिधि को रखना चाहिए। देवेशचन्द्र ठाकुर को इसका ख़्याल रखना चाहिए, इसलिए उन्हें मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगनी चाहिए। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार और जदयू अपने स्थापना काल से ही समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती रही है। समाज के हर वर्ग का जाति-धर्म से ऊपर उठकर उत्थान हो, विशेषकर अल्पसंख्यक समाज मुख्यधारा से जुड़ सके इसके लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार संकल्पित रही है। इसलिए नीतीश कुमार के प्रति उत्सुक समाज का देवेश चन्द्र ठाकुर अपमान न करें, उनसे माफ़ी मांगे। पटना से मनीष प्रसाद
Jun 20 2024, 18:39
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