बिहार में खेल आंदोलन को मिलेगी रफ्तार बिहार के सभी 38 जिलों के 8500 नगर एवं ग्राम पंचायतों में खुलेगा खेल क्लब
राज्य में खेल संस्कृति के विकास के लिए बिहार सरकार का एक ऐतिहासिक फैसला-- बिहार राज्य खेल प्राधिकरण तथा खेल विभाग के प्रस्ताव को मिली कैबिनेट की मंजूरी
सभी खेल क्लब बिहार राज्य खेल प्राधिकरण से संबद्ध होंग- रख रखाव और संचालन के लिए मिलेगा अर्थिक अनुदान -हर क्लब में होगा खेल का मैदान
पटना, बिहार के सभी 8500 नगर एवं ग्राम पंचायतों में खुलेगा खेल क्लब। इस बात की जानकारी देते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि ग्रामीण स्तर तक युवाओं के लिए विविध खेल विधाओं में प्रतियोगिता तथा प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था के लिए राज्य के हर नगर और ग्राम पंचायत में सभी संसाधनों से युक्त खेल क्लब खोलने का प्रस्ताव सरकार के सामने खेल प्राधिकरण और खेल विभाग द्वारा रखा गया था। आज कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिल गयी है। यह ऐतिहासिक फैसला बिहार के खेल के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय लिखेगा।
पंचायत स्तर पर खुलने वाला खेल क्लब बिहार के गांव गांव तक खेल आंदोलन को पहुंचाने में बहुत मह्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इससे ना सिर्फ बिहार के युवाओं में खेल के प्रति उत्साह जागेगा बल्कि इधर उधर समय बर्बाद करने की जगह खेल में अपनी प्रतिभा साबित कर खेल को करिअर के रूप में अपनाने की प्रेरणा भी मिलेगी।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक सह सचिव श्री पंकज कुमार राज ने बताया कि कि सभी खेल क्लब बिहार राज्य खेल प्राधिकरण से संबद्ध होंगे तथा उनके रख रखाव और संचालन के लिए खेल प्राधिकरण द्वारा नियुक्त समिति की अनुशंसा पर उन्हें अर्थिक अनुदान भी मिलेगा। हर क्लब के पास खेल का मैदान होगा और जिनके पास मैदान नहीं होगा उनके लिए सरकार जमीन अधिगृहित कर खेल मैदान की व्यवस्था करेगी।
सरकार का यह फैसला खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।














पटना : बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति व सीतामढ़ी के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर द्वारा यादव और मुसलमान को लेकर दिए गए बयान का मामला तुल पकड़ लिया है। विपक्ष द्वारा जहां उनके बयान की निंदा की जा रही है। वहीं जदयू ने उनके इस बयान से किनारा करते हुए इसे उनका निजी सोच पर दिया गया बयान बताया है। इस बीच इस मामले को लेकर बीते दिनों राजद छोड़कर जदयू मे शामिल हुए पूर्व राज्यसभा सांसद अशरफ करीम का बड़ा बयान सामने आया है। आज पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान अशरफ करीम ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर पार्टी के वरिष्ठ सम्मानित नेता हैं। लेकिन मुस्लिम समाज को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर ऐसा कुछ नहीं कहना चाहते जिससे उनके सम्मान को ठेस पहुंचे। लेकिन उनकी बातों से मुस्लिम समुदाय को ठेस लगी है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना भेदभाव के बिहार की उन्नति के लिए कटिबद्ध हैं। नीतीश कुमार सबके हैं। वह बिना किसी राग द्वेष के सबके विकास के लिए कार्य करते हैं। वह कभी नहीं देखते किस समुदाय ने वोट किया है, किस समुदाय ने नहीं। कहाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी समाज के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैसे भी कोई भी संवैधानिक पद पर निर्वाचित व्यक्ति एक जाति, बिरादरी, धर्म और क्षेत्र का प्रतिनिधि नहीं होता, वह सबका होता है। इसका ख़्याल हर जनप्रतिनिधि को रखना चाहिए। देवेशचन्द्र ठाकुर को इसका ख़्याल रखना चाहिए, इसलिए उन्हें मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगनी चाहिए। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार और जदयू अपने स्थापना काल से ही समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती रही है। समाज के हर वर्ग का जाति-धर्म से ऊपर उठकर उत्थान हो, विशेषकर अल्पसंख्यक समाज मुख्यधारा से जुड़ सके इसके लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार संकल्पित रही है। इसलिए नीतीश कुमार के प्रति उत्सुक समाज का देवेश चन्द्र ठाकुर अपमान न करें, उनसे माफ़ी मांगे। पटना से मनीष प्रसाद
Jun 20 2024, 18:26
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