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भाजपा नेता लोकसभा चुनाव हारी तो उनके चार समर्थकों ने दे दी जान, जबकि वीडियो जारी कर संयम बरतने की अपील की गई थी


 महाराष्ट्र की भाजपा नेता पंकजा मुंडे के लोकसभा चुनाव 2024 हार जाने से उनके समर्थक इतने निराश हुए कि उन्होंने जान दे दी। चुनाव परिणाम आने बाद अब तक 4 समर्थक सुसाइड कर चुके हैं। बीते दिन भी उनके एक समर्थक ने खुदकुशी कर ली, जबकि पंकजा मुंडे ने वीडियो जारी करके इस तरह के कदम न उठाने की अपील अपने समर्थकों से की थी, बावजूद इसके समर्थक ने सुसाइड कर ली। भाजपा नेता को जब इस बारे में पता चला तो वे मृतक के परिजनों से मिलने पहुंची। इस दौरान माहौल गमगीन देखकर वे खुद भी फूट-फूट कर रोने लगीं। उनके रोने का वीडियो सामने आया है, जिसमें वे मृतक से परिजनों से घिरी नजर आ रही हैं।

पंकजा मुंडे ने महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। कांटे की लड़ाई में पंकजा मुंडे शरद गुट के बजरंग सोनवणे से 6 हजार वोटों से हार गईं। पंकजा की हार उनके समर्थक बर्दाश्त नही कर पा रहे हैं। रविवार को पंकजा मुंडे ने बीड जिले में एक मृतक के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देकर निकली ही थीं कि गणेश बड़े ने शिरूर कसार में खेत मे जाकर फांसी लगा ली। इससे पहले 7 जून को लातूर के रहने वाले सचिन मुंडे ने आत्महत्या की थी। 9 जून को पांडुरंग सोनवणे ने बीड के अम्बाजोगई में सुसाइड नोट लिख जीवनलीला समाप्त की थी। 10 जून को पोपट वायभसे ने बीड के आष्टी गांव में जान दे दी थी। इन्हीं तीनों मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए पंकजा मुंडे पहुंची थीं।

पंकजा की अपील के बावजूद नहीं रुका सिलसिला

पांडुरंग सोनवणे ने सुसाइड नोट में पंकजा मुंडे की हार से निराश होकर सुसाइड करने की बात लिखी थी। इससे पंकजा मुंडे को झटका लगा और उन्होंने एक वीडियो जारी करके समर्थकों से अपील की थी कि कोई भी अपनी जान न दे। स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे हो या मैं खुद, हमने कभी भी राजनीति के लिए लोगों और अपने समाज का इस्तेमाल नहीं किया है। लोगों के खुदकुशी करने ने मुझे झटका लगा है। उन्होंने अपील की कि खुदकुशी जैसे कदम न उठाएं। राजनीति में हार जीत लगी रहती है। इंदिरा गांधी भी चुनाव हारीं थी। मेरी सभी से अपील है कि कोई भी खुदकुशी न करें। हम मिलकर फिर से मेहनत करेंगे और अगला चुनाव बहुमत से जीतेंगे। हमारी जीत निश्चित है, आज नहीं तो कल।

सौतेली मां ने पकड़े हाथ पैर और बाप ने रेत दिया गला, यूपी के गोंडा में जवान बेटी के मर्डर की चौंकाने वाली वजह आई सामने

उत्तर प्रदेश के गोंडा में श्वेता की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि सौतेली मां और पिता ने ही जवान बेटी की हत्या की थी। 

पुलिस जांच के दौरान आरोपियों ने खुलासा करते हुए बताया कि श्वेता की शादी वो एक शख्स के साथ करना चाहते थे, लेकिन श्वेता ने शादी से इंकार कर दिया था इसी वजह से उन्होंने मिलकर श्वेता की बेरहमी से हत्या कर दी।

10 जून की रात को श्वेता शुक्ला के सोने के बाद पिता और माता ने उसका मर्डर कर दिया। सौतेली मां ने श्वेता के हाथ पैर पकड़ लिये और पिता ने उसका तेजधार हथियार से गला रेत दिया। दोनों ने शव को बाहर फेंक दिया और पुलिस को बुलाकर गुमराह किया। पुलिस को बताया कि उसके भाईयों ने श्वेता का मर्डर कर दिया है। 

मृतका के गले पर धारदार हथियार के निशान पाए गए थे। नातिन श्वेता की हत्या के मामले में पुलिस ने श्वेता के नाना बृजबिहारी मिश्र के बयान लिए तो पुलिस अफसर भी चौंक गए। श्वेता के नाना ने पुलिस को बताया कि उनके दामाद राजेश और उसकी दूसरी पत्नी ने ही श्वेता की हत्या की है। 

पुलिस को अपनी शिकायत में श्वेता के नाना ने कहा कि श्वेता के पिता राजेश शुक्ला ने ही कई साल पहले उनकी बेटी नीतू की हत्या की थी। जिसके बाद राजेश ने दूसरी महिला से शादी कर ली थी। लेकिन बेटी की हत्या की जानकारी उन्हे कई सालों बाद मिली थी। उससे पहले बेटी की मौत को सामान्य मौत मानकर चुप बैठ गए थे। पूरे मामले की जानकारी होने पर नातिन के भविष्य के बारे में सोचकर उन्होने इस मामले की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। 

मृतका के नाना ने आरोप लगाया कि राजेश शुक्ला उसकी नातिन की शादी दहेज हत्या के आरोपी से करना चाहता था। लेकिन श्वेता ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था। इसीलिए राजेश ने अपनी पत्नी किरण के साथ मिलकर श्वेता की हत्या कर दी। हत्या के इस मामले में पुलिस ने श्वेता के बाप राजेश शुक्ला और सौतेली मां किरण शुक्ला को तुलसीरामपुरवा की पुलिया के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की निशानदेही पर वो चाकू बरामद किया जिससे हत्या की गयी थी।

पेरिस ओलंपिक में भजन कौर ने रचा इतिहास, भारतीय महिला तीरंदाज ने देश के लिए जीता गोल्ड

 भारतीय महिला तीरंदाज भजन कौर ने रविवार को 'पेरिस फाइनल ओलंपिक क्वालीफायर में तीरंदाजी' में स्वर्ण पदक जीतकर व्यक्तिगत ओलंपिक कोटा हासिल किया। भारत की शीर्ष महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी को शुरुआती दौर में अजरबैजान की यायागुल रमाज़ानोवा से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। लेकिन कम अनुभवी भजन ने फाइनल में एक भी सेट गंवाए बिना शीर्ष वरीयता प्राप्त ईरान की मोबिना फल्लाह को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियां बटोरीं। भजन ने एकतरफा फाइनल में मोबिना को 6-2 (28-26, 29-29, 29-26, 29-29) से हराया।

अंकिता भकत क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गईं लेकिन उन्होंने भी अंतिम आठ में प्रवेश करके व्यक्तिगत कोटा हासिल कर लिया था। शीर्ष आठ देशों को व्यक्तिगत कोटा दिया जाता है। प्रत्येक देश को एक व्यक्तिगत कोटा मिलता है। इस प्रकार भारत ने पुरुष और महिला दोनों वर्गों में व्यक्तिगत कोटा हासिल कर लिया है। धीरज बोम्मदेवरा ने इससे पहले एशियाई क्वालीफाइंग चरण से पुरुष व्यक्तिगत कोटा जीता था।

राउंड 32 के तीसरे दौर में मिली बाई

तीसरी वरीय भजन को राउंड 32 के तीसरे दौर में बाई मिली थी। उन्होंने मंगोलिया की उरानटुंगलाग बिशिन्डी को 6-2 (29-27, 28-26, 26-29, 27-24) से हराया और प्री क्वार्टर फाइनल में स्लावेनिया की उर्सका काविच को 7-3 (28-22, 29-18, 28-28, 26-27,27-24) से हराकर अंतिम आठ में प्रवेश किया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने वियोलेटा माईस्जोर को 6-0 (30-28, 27-24, 30-28) से शिकस्त दी। सेमीफाइनल में भजन ने एलेक्सांद्रा मिर्का को 6-2 (27-26, 28-27, 26-27, 27-26) से हराया।

मोबिना ने अंकिता को क्वार्टरफाइनल में 6-4 (27-27, 28-27, 27-29, 27-27, 29-28) से पराजित किया। नौवीं वरीय अंकिता ने क्वार्टरफाइनल में पहुंचकर पहले कोटा हासिल कर लिया था जब उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल में 40वीं वरीयता प्राप्त फिलीपींस की गैब्रियल मोनिका बिडौर पर 6-0 (26-23, 28-22, 28-23) से जीत हासिल की। इससे पहले अंकिता ने इजराइल की शेली हिल्टन को 6-4 (24-26, 25-25, 28-20, 25-25, 27-25) और मिकाएला मोशे को 7-3 (28-25, 25-27, 27-27, 28-25, 26-25) से हराकर अंतिम 16 में जगह बनायी थी।

दूसरी वरीय दीपिका को अजरबेजान की तीरंदाज ने 6-4 (26-28, 25-27, 23-26, 24-25, 27-29) से मात दी। टीम के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "उपकरण संबंधित कोई खराबी नहीं थी, लेकिन खराब रिलीज के कारण ऐसा हुआ। यह दबाव के कारण या किसी और वजह से हो सकता है।" भारतीय पुरुष और महिला टीम अंतिम ओलंपिक क्वालीफायर से कोटा हासिल नहीं कर सकी थीं। लेकिन अगर दोनों टीम अपनी विश्व रैंकिंग बरकरार रखती हैं तो वे 24 जून की अंतिम तारीख तक पेरिस ओलंपिक में जगह बना सकती हैं।

क्या रियासी आतंकी हमले में स्थानीय कश्मीरी भी शामिल थे ? NIA खोलेगी राज, गृह मंत्रालय ने सौंपी जांच रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 9 जून को तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है, सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने इस मामले में सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इसमें ये भी पता लगाया जाएगा कि, इस हमले में केवल पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे, या फिर उन्हें स्थानीय कश्मीरियों ने भी मदद की थी। क्योंकि, हाल ही में प्रदेश से आतंकियों का एक ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) शब्बीर अहमद गिरफ्तार हुआ था, जिसके पास पिस्तौल, गोलियां, 4 हैंड ग्रेनेड, 2 IED जैसे खतरनाक हथियार मिले थे।  

उल्लेखनीय है कि, रियासी के शिव खोरी मंदिर से कटरा लौट रही बस पर हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की मौत हो गई थी और 33 अन्य घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ़्ते जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में कुल 50 संदिग्धों को हिरासत में लिया था। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा की गई व्यापक जांच के बाद की गई, जिसमें महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिससे हमले की साजिश रचने वालों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद मिली।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले में शामिल तीन

 आतंकवादियों में से एक का स्केच जारी किया है। साथ ही उसके बारे में जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। आतंकवादी का स्केच प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताए गए विवरण के आधार पर तैयार किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को घाटी में हुए हालिया आतंकी हमलों के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की । उन्होंने जम्मू में आतंकवाद समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए और आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करने का आह्वान किया।

योगी सरकार बना रही पेपर लीक कानून को लेकर सख्त प्लान, दोषियों को होगी उम्रकैद व लगेगा 1 करोड़ जुर्माना

डेस्क: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पेपर की सरकार पेपर लीक को लेकर अब सख्त नजर आ रहे हैं। सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए इससे सख्ती से बरतने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक, सरकार पेपर लीक को लेकर सख्त कानून बनाने जा रही है। इसके लिए सरकार ने खाका भी तैयार कर लिया, जिसको वह जल्द धरातल पर लागू कर देगी। यूपी में युवाओं को नौकरी देने के लिए परीक्षाओं की फूलप्रूफ व्यवस्था की जाएगी, जिसके बाद पेपर लीक की समस्या से निजात पाया जा सकेगा।

8 भर्ती परीक्षा के हो चुके पेपर लीक

जानकारी के मुताबिक, यूपी में पिछले 7 सालों में 8 भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो चुके हैं, जिसमें RO/ARO, UPSSSC, PET और UPTET के पेपर लीक की घटनाएं भी शामिल हैं, अब इस पर रोक लगाने क लिए योगी सरकार काफी सख्त हो गई है। सरकार जल्द ही एक पेपर लीक कानून लाने जा रही है। इस कानून के तहत पेपर लीक मामले में संलिप्त दोषियों पर 1 करोड़ तक जुर्माना लग सकता है, साथ ही दोषी को उम्रकैद की सजा भी हो सकती है। 

साथ ही इसमें यह भी प्रावधान किया जा रहा है कि अगर आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट लगा तो उसकी संपत्ति पर बुलडोजर चलेगा। साथ ही इन मामलों में दोषियों को जल्द सजा मिले, इसे लिए हर आरोपी को कोर्ट में अलग से ट्रायल होगा। पेपर लीक कानून के लिए सरकार ने मसौदा तैयार कर लिया है।

अभी पेपर लीक रोकने के लिए कानून

प्रदेश में अभी पेपर लीक के आरोपी आसानी से जमानत पर छूट जाते हैं। इसकी बड़ी वजह है, सख्त कानून का न होना। साल 1998 में बने कानून के तहत ही अभी राज्य में कार्रवाई की जाती है। इसमें 1 से 7 साल की सजा और 10 हजार जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में, आरोपियों को कड़ी सजा का कोई डर नहीं रहता है और वे बेबाकी से युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं।

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे ने दिलाई बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट की याद, पिछले एक साल में हुई रेल दुर्घटनाओं पर एक नजर

#biggesttrainaccidentinindia

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास सोमवार सुबह कंचनगंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी में टक्कर हो गई। इस हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत की खबर है। काफी लोग घायल हो गये हैं। हादसे ने ठीक एक साल पहले ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की याद ताजा कर दी। यह हादसा 2 जून 2023 को बालासोर के बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन पर शाम सात बजे हुआ था। इस हादसे में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थीं। इस दुर्घटना में कुल 296 लोगों की मौत हुई और 1,200 से अधिक लोग घायल हो गये थे।

इससे पहले भी कई हादसे हुए हैं जिसमें जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। पिछले एक साल में देश ने दर्जनों रेल हादसे देखे हैं जिसमें कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ गई।पिछले साल से लेकर अब तक करीब 19 रेल हादसे हुए हैं। आइए, जानते हैं पिछले एक साल में हुए कुछ बड़े ट्रेन हादसों के बारे में-

बालासोर रेल हादसा

पिछले साल 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर में उस समय बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, जब 3 ट्रेनें आपस में टकरा गईं। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच ट्रेन दुर्घटना हुई थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस की तेज गति के कारण ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से 3 डिब्बे पास के ट्रैक पर आ रही एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12864) से टकरा गए। इस हादसे में कम से कम 233 लोग मारे गए थे। वहीं 900 से अधिक लोग घायल हुए थे। आजादी के बाद से अबतक की सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक यह हादसा बताया जाता है।

मदुरै हादसा

26 अगस्त 2023 की सुबह करीब 5:15 बजे मदुरै जंक्शन के पास खड़ी लखनऊ-रामेश्वरम भारत गौरव ट्रेन में अचानक से आग लग गई. हादसे में 10 लोगों की जान चली गई जबकि 20 लोग घायल हो गए. हादसे के बारे में पता चला कि श्रद्धालु ट्रेन में गैस सिलेंडर लेकर जा रहे थे और कोच में खाना बना रहे थे, तभी आग लग गई।

जब ट्रेन का ड्राइवर की लापरवाही से गईं 14 जानें

आंध्र प्रदेश में 29 अक्टूबर 2023 को दो पैसेंजर ट्रेनों की टक्कर में 14 यात्रियों की मौत हो गई थी। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कंटाकापल्ली में हावड़ा-चेन्नई लाइन पर रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन ने विशाखापत्तनम पलासा ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी थी। दुर्घटना में 50 से ज्यादा यात्री घायल हो गए थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की वजह बताते हुए कहा था कि ट्रेन का ड्राइवर और असिस्टेंट ड्राइवर फोन पर क्रिकेट मैच देख रहे थे।

बिहार में पटरी से उतरे डिब्बे, 4 की मौत

11 अक्टूबर 2023 की रात एक ट्रेन हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे। रात 9.50 बजे बिहार के बक्सर में दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन जब रघुनाथपुर स्टेशन के पास पहुंची तो उसके 6 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे यह बड़ा हादसा हो गया। ट्रेन की पटरी से उतरने के कारण कम से कम 2 एसी III टियर डिब्बे पलट गए, जबकि 4 अन्य डिब्बे पटरी से उतर गए।

जब कोहरा बना काल

झारखंड के गम्हरिया रेलवे स्टेशन पर 18 जनवरी 2024 को ट्रेन की चपेट में आने से 4 लोगों की मौत हो गई थी।यहां रेलवे ट्रैक पार कर रहे चार लोग उत्कल एक्सप्रेस की चपेट आ गए थे।सभी की मौके पर मौत ही मौत हो गई थी।नई दिल्ली-पुरी उत्कल एक्सप्रेस टाटानगर स्टेशन जा रही थी।गम्हरिया रेलवे स्टेशन के पास घने कोहरे के कारण रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान चार लोग तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए थे।

दार्जिंलिंग के जलपाईगुड़ी में भयानक रेल हादसा, मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस में मारी टक्कर, 8 की मौत, कई जख्मी*
#agartala_kolkata_kanchenjunga_express_train_accident
पश्चिम बंगाल में दार्जिंलिंग के जलपाईगुड़ी के पास भयानक रेल हादसा हुआ है। इस रेल हादसे में कंचनगंजा एक्सप्रेस से एक मालगाड़ी भिड़ गई। इस भयानक रेल हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग घायल हुए हैं।टक्कर इतनी जोरदार थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन की पीछे की तीन बोगियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं।मौके पर तत्काल बचाव टीम पहुंची है। रेस्क्यू जारी है। इस भयानक रेल हादसे में इंजन पर बोगियां तक चढ़ गई। वहीं कई बोगियां पटरी से भी उतर गई थीं। तस्वीरों में हवा में लहरा रही बोगियां देखी जा सकती हैं। हादसा इतना भयानक था, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इंजन पर ट्रेन की बोगी चढ़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया। प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है। रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी भी दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। इस हादसे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा से एक दुखद रेल दुर्घटना के बारे में जानकारी मिली। स्तब्ध हूं। हालांकि पूरी जानकारी का इंतजार है, कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में एक मालगाड़ी टकरा गई है। बचाव दल और मेडिकल सहायता के लिए टीमें घटनास्थल पर भेजी गई हैं। डीएम और एसपी को भी मौके पर भेजा गया है. युद्धस्तर पर रेस्क्यू जारी है।
स्कूली पाठ्यक्रम के भगवाकरण के आरोपों को एनसीईआरटी के डायरेक्टर ने किया खारिज, बोले-दंगों के बारे में पढ़ाना जरूरी नहीं

#ncert_director_say_on_saffronisation_of_ncert_syllabus_books 

स्कूली पाठ्यक्रम के भगवाकरण के आरोपों को एनसीईआरटी के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने खारिज कर दिया है।उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को इतिहास में हुई हिंसा के बारे में पढ़ाया जाना जरूरी नहीं है, इसलिए कई पाठों में बदलाव किए गए हैं।उनका कहना है कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भों को इसलिए संशोधित किया गया, क्योंकि दंगों के बारे में पढ़ाना 'हिंसक और अवसादग्रस्त नागरिक पैदा कर सकता है।

एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने शनिवार को कहा कि पाठ्यपुस्तकों में बदलाव वार्षिक संशोधन का हिस्सा है और इसे शोर-शराबे का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों या बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भ में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सकलानी ने कहा, 'हमें स्कूली पाठ्यपुस्तकों में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और अवसादग्रस्त व्यक्ति।उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को इतिहास में हुई हिंसक और बर्बरतापूर्ण घटनाओं के बारे में पढ़ाना जरूरी नहीं है, इसलिए साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर कई अहम बदलाव किए गए हैं।

एनसीईआरटी निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा, अगर कोई चीज अप्रासंगिक हो जाती है, तो उसे बदलना ही होगा। स्कूलों में इतिहास तथ्यों से अवगत कराने के लिए पढ़ाया जाता है, न कि इसे युद्ध का मैदान बनाने के लिए। ऐसे में बदलावों पर सवाल या विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है। साल 2002 में हुए गुजरात दंगों से जुड़े किताब के अंशों में बदलाव पर उन्होंने साफ किया, घृणा, हिंसा स्कूल में पढ़ाने का विषय नहीं है। एनसीईआरटी जैसी शोध आधारित पाठ्यपुस्तकों का इन मुद्दों पर फोकस नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। बदलावों में एनसीईआरटी निदेशक के रूप में अपनी भूमिका को लेकर दिनेश सकलानी ने कहा, मैं प्रक्रिया को निर्देशित या हस्तक्षेप नहीं करता।

सकलानी की टिप्पणियाँ ऐसे समय आई हैं, जब नयी पाठ्यपुस्तकें कई संदर्भ हटाए जाने और बदलावों के साथ बाजार में आई हैं। कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की संशोधित पाठ्यपुस्तक में बाबरी मस्जिद का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसे ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ के रूप में संदर्भित किया गया है। इसमें अयोध्या खंड को चार से घटाकर दो पृष्ठ का कर दिया गया है और पिछले संस्करण से विवरण हटा दिया गया है।यह इसके बजाय उच्चतम न्यायालय के फैसले पर केंद्रित नजर आता है, जिसने उस स्थान पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जहां दिसंबर 1992 में कारसेवकों द्वारा गिराए जाने से पहले विवादित ढांचा खड़ा था। शीर्ष अदालत के फैसले को देश में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया था। न्यायालय के फैसले को देश में व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया। मंदिर में राम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा इसी वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी।

दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज पर दौड़ी ट्रेन, संगलदान से रियासी तक ट्रायल रन सफल

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कश्मीर को कन्याकुमारी तक रेल के जरिए जोड़ने का सपना बहुत जल्द ही पूरा होने जा रहा है। विश्‍व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज कश्मीर में बन कर तैयार हो गया है। इस बीच भारतीय रेल ने संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। सबसे खास बात यह है कि इस ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर भी दौड़ाया गया। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रायल रन की सूचना दी है। 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रायल रन का वीडियो सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि "पहली ट्रायल ट्रेन संगलदान से रियासी तक सफलतापूर्वक चली है, जिसमें चिनाब ब्रिज को पार करना भी शामिल है। यूएसबीआरएल के लिए सभी निर्माण काम लगभग समाप्त हो चुके हैं, केवल सुरंग नंबर 1 आंशिक रूप से अधूरी है।"

जम्मू के रियासी जिले के सावलाकोट से चलकर दोपहर तीन बजे इंजन रियासी रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। इंजन आने की सूचना पर लोग स्टेशन पर पहुंच गए। जैसे ही इंजन बक्कल सुरंग पार कर सायरन बजाता हुआ रियासी पहुंचा तो स्टेशन भारत माता की जय से गूंज उठा।वहीं रेलवे सूत्रों का कहना है कि ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन के सफल परीक्षण के बाद संगलदान और रियासी के बीच उद्घाटन ट्रेन 30 जून को चलने की संभावना है।

रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि अभी ट्रायल रन चलता रहेगा। ट्रेन ट्रैक पर पूरी तरह से परीक्षण के बाद ही इस पर ट्रेन के परीचालन की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद सिर्फ साढ़े तीन घंटे में श्रीनगर से जम्मू का सफर पूरा होगा।

ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पर दशकों से कार्य चल रहा है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना 272 किलोमीटर की है। इसे 1997 में मंजूरी दी गई थी। 1997 में अपनी शुरुआत के बाद से इस पर 209 किलोमीटर की दूरी का काम हो चुका है। रियासी और कटरा के बीच बाकी 17 किलोमीटर की दूरी इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जनवरी को संगलदान से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद बनिहाल से संगलदान तक ट्रेन चल रही है। इस ट्रायल रन के बाद 37 पुल के साथ 111 किमी कटड़ा-बनिहाल रेल खंड में भी ट्रेन दौड़ेगी। इसी खंड में चिनाब पर बना विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च पुल भी है। अब पूरे ट्रैक का काम पूरा हो गया जल्द जम्मू से श्रीनगर ट्रेन चलेगी।

देश के अधिकांश राज्य भीषण गर्मी और लू से बेहाल, जानें कब मिलेगी राहत?*
#heatwave_in_delhi_ncr_up_bihar देश के कई राज्यों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है।दिल्ली, यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब समेत उत्तर-पश्चिम भारत के करीब एक दर्जन राज्य भीषण गर्मी और लू से बेहाल हैं और फिलहाल उन्हें कोई खास राहत मिलती भी नहीं दिख रही।दिल्ली में जमकर गर्मी पड़ रही है और मौसम विभाग ने लू को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। पहले ही मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, लेकिन अब हालात और भी बिगड़ गए हैं और रेड अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली में बुधवार तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। हालांकि, गुरुवार को तूफान के चलते तापमान में गिरावट आएगी। इसके बाद प्री-मानसून की बारिश राहत दे सकती है। दिल्ली में अब रात को भी दिन जैसी गर्मी हो रही है। यहां रात में भी मौसम में दिन जैसी तपिश देखने को मिल रही है। सुबह से ही निकलने वाली तेज धूप दस बजे के बाद इतनी ज्यादा कड़ी हो रही है कि लोगों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में लू की स्थिति बनी रहेगी। अधिकतम तापमान 45 और न्यूनतम 33 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इस दौरान हवा की गति भी 35 से 45 किमी प्रति घंटे तक रह सकती है। मौसम विभाग की तरफ से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, प्रचंड गर्मी अभी पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली को 17 जून और यूपी के अधिकांश हिस्सों को 17-18 जून तक इसी तरह सताएगी। जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि में अगले एक-दो दिन कमोबेश यही स्थिति रहेगी। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अभी रात के तापमान में भी कोई खास कमी आने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि 11 जून के बाद से मानसून आगे नहीं बढ़ा है। इसी वजह से देश के मध्य और उत्तरी इलाकों में बेहद गर्मी पड़ रही है। दिल्ली में तेज हवाएं चल रही हैं, लेकिन इनमें नमी नहीं है और यह बेहद गर्म हैं। शहर के ऊपर हल्के बादल भी हैं, जो गर्मी को रोक कर रखते हैं। इससे शहर का तापमान और बढ़ रहा है। आमतौर पर 27-30 जून के बीच में मानसून दिल्ली पहुंचता है और इस बार भी इसी समय तक मानसून के दिल्ली पहुंचने की संभावना है। हालांकि, उससे पहले पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19-20 जून को बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 4-5 दिनों में उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है। 8 और 19 जून को ओडिशा में कुछ इलाकों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा अगले चार दिनों में पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, बिहार, झारखंड और ओडिशा में भी “हल्की से मध्यम बारिश” हो सकती है।