कोलकाता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को चेताया, कहा- बंगाल में हिंसा नहीं रूकी तो...
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लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर बंगाल में हिंसा का डर बढ़ गया है। यही वजह है कि कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।चुनाव के बाद हुई हिंसा में 11 लोगों की मौत का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में शिकायत की गई थी कि हिंसा से जनहानि हो रही है। पुलिस शिकायतें नहीं ले रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए ममता बनर्जी सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा, अगर राज्य सरकार हिंसा पर काबू नहीं कर पाती है तो अगले पांच वर्षों तक के लिए प्रदेश में केंद्रीय बल को तैनात करने का निर्देश देना पड़ सकता है।
कोर्ट ने हिंसा से जुड़ी रिपोर्ट्स को लेकर निराशा और चिंता जाहिर की। जस्टिस कौशिक चंदा ने कहा, हर दिन हम मीडिया में चुनाव के बाद की हिंसा के बारे में देख रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद जो हुआ वही इस बार भी हो रहा है। आपको (राज्य को) शर्म आनी चाहिए। अगर राज्य इस हिंसा को कंट्रोल करने में विफल रहता है तो हमें फैसला लेना होगा कि अगले पांच सालों तक केंद्रीय बल राज्य में रहेंगे।
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किया है कि वो हिंसा से प्रभावित लोगों को ईमेल के जरिए राज्य के डीजीपी को शिकायत दर्ज कराने की अनुमति दे। बेंच ने कहा कि वो किसी भी कीमत पर राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं। अदालत ने डीजीपी संजय मुखोपाध्याय को चुनाव के बाद पुलिस को मिली हिंसा की शिकायतों की संख्या, दर्ज की गई एफआईआर की संख्या और उसके बाद की गई कार्रवाई पर 10 दिनों के अंदर एक रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है। अदालत ने पुलिस से संबंधित शिकायतों को तुरंत अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने को भी कहा।
Jun 08 2024, 14:55