सामुदायिक शौचालय में तालाबंदी सोच मुक्त भारत का सपना दिखा फेल

जय सिंह,बलरामपुर।
विकास खंड/पचपेड़वा
ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय व्यवस्था की बात की
तो करोड़ों की लागत से
सरकार द्वारा सुविधाओं को
लेकर हाथी के दांत साबित हो रहा है ।
हमेशा मौसम गुलाबी देखा जा रहा है और उच्च अधिकारी को संतुष्ट करने के लिए उच्च गुणवत्ता संचालित रिपोर्ट भेजी जाती है
यहां पर शौचालय संचालन बराबर नहीं किया जा रहा है लेकिन
विकासखंड पचपेड़वा के लगभग शौचालय को छोड़कर सभी का यहां हाल है।
जहां ग्रामीण बताते हैं शौचालय तो बना दिया गया है यहां पर ताला लगा होता है जिसमें सभी शौच को आज भी बाहर जाने का मजबूर हैं लेकिन स्वच्छ भारत मिशन को लेकर सरकार के दावे धरातल पर फेल नजर आ रहा है जबकि सरकार करोड़ों रुपया लगाकर ग्राम पंचायत में सुविधा के लिए सुविधा प्रदान करने की दावा करते हैं जिसकी तस्वीर विकासखंड पचपेड़वा का ग्राम सभा सिसवा
ग्राम पंचायत में देखा जा सकता है ।
जहां शौचालय बंद रहता है इसके एलवह कहीं ऐसे हैं जिसमें कोई व्यवस्था तक नहीं है
जबकि महिला समूह के कार्यकर्ता को
केयरटेकर की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन जिम्मेदार के नाम पर सिर्फ खानपूर्ति का खेल किया जा रहा है और संचालन सिर्फ कागज में संचालित होते हैं बाकी शौचालय संचालन से उन्हें कोई
मतलब नहीं है ऐसे में सवाल उठता है।
क्या स्वच्छता भारत मिशन योजना के अंतर्गत सोच मुक्त भारत का सपना सरकार करने के लिए सरकार जब करोड़ों रुपया खर्च करती है उसके बाद भी शौचालय का लाभ लाभार्थी को नहीं मिलता और योजना फेल होने की बात सामने आ रही है इसमें जिम्मेदार की उदासीनता के चलते सरकार महात्व कांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन धरातल पर फेल जर आ रहा है जिसको लेकर
ग्राम प्रधान अमीर अहमद
संवाददाता दूरभाष पर संपर्क किया तो प्रधान द्वारा बताया जा रहा है कि जो तुम्हें करना है कर लो और संचालित नहीं होगा दूरभाष पर संवाददाता को अभद्र टिप्पणी किया गया
ग्राम सचिव हौसला प्रसाद दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया इसी कारण उनका पक्ष नहीं मिल सका।
Jun 01 2024, 11:55
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