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लोकसभा चुनाव : मुंगेर सीट पर देखने को मिलेगी रोचक टक्कर, एक बार फिर ललन सिंह मारेंगे बाजी या अशोक महतो की पत्नी करेंगी उलट-फेर

डेस्क : लोकसभा चुनाव में इसबार फिर बिहार के मुंगेर सीट पर रोचक मुकाबला होने जा रहा है। दरअसल पिछले दिनों बिहार के बड़े बाहुबली कुख्यात अशोक महतो द्वारा खरमास में 62 साल की उम्र में शादी करने के बाद अपनी पत्नी के साथ राजद सुप्रीमो से मिलने पहुंचे थे। जिसके बाद यह चर्चा तेज हो गई थी उनकी राजनीति में फिर से इंट्री होने जा रही है। उनकी पत्नी कुमारी अनिका राजद से चुनाव लड़ेगी। आखिरकार हुआ भी यही। कुमारी अनिता मुंगेर से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ेगी।

मुंगेर सीट पर वर्तमान में जदयू का कब्जा है। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह इस सीट से सांसद है। वहीं एकबार फिर पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। यह दूसरी बार हुआ जब ललन सिंह का मुकाबला एकबार फिर एक बाहुबली की पत्नी के साथ होगा।

बता दें वर्ष 2019 के चुनाव में ललन के खिलाफ कांग्रेस से बिहार के बाहुबली छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी चुनाव लड़ी थी। जिसमे ललन सिंह की जीत हुई थी। वहीं एकबार इस सीट से ललन सिंह के खिलाफ एक बाहुबली की पत्नी ही चुनाव मैदान में है।

राजद ने इस वजह से कुमारी अनिता को बनाया है प्रत्याशी

राजद ने इस सीट से आखिरकार अशोक महतो की पत्नी को प्रत्याशी क्यों चुना है। इसके पीछे वजह यह है कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में धानुक जाति के वोटरों की अच्छी खासी तादाद है। अशोक महतो कोइरी जाति से आते है और यही कारण कुख्यात अशोक महतो की पत्नी को चुना गया है। राजद को यकीन है कि धानुक और यादवों की जुगलबंदी से मुंगेर में नया समीकरण बन सकता है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर लोकसभा सभा चुनाव में कुर्मी, धानुक के साथ एमवाई समीकरण अगर राजद की रथ पर सवार हो जाए तो राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को बड़ा खतरा हो सकता है। जातीय आंकड़ों पर नजर डाले तो मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में धानुक 1.40 लाख, कुर्मी 1.49 लाख, यादव 2.93 लाख। कुल जोड़ दें तो ये जिताऊ समीकरण की ओर जा सकता है। मसलन, लगभग 6 लाख के आधार वोट बैंक की किलेबंदी करने में अशोक महतो का पराक्रम काम कर गया तो ये जदयू उम्मीदवार ललन सिंह के लिए परेशानी खड़ा कर जाएगा।

ललन सिंह को मिल सकता है इसका लाभ

वही ललन सिंह के पक्ष में देखा जाए तो मुंगेर में भूमिहार के वोटरों की संख्या 2.42 लाख बताई जाती है। अगर अनिता देवी की उम्मीदवारी को 90 की दशक में लौटना मान लिया गया तो राजपूत 70 हजार, ब्राह्मण 50 हजार और कायस्थ का 10 हजार मत भी जंगल राज लौटने की आशंका के विरोध में सारे सवर्ण मत जदयू के पक्ष में जाएंगे। ये गोलबंदी ललन सिंह को जीत दिला सकती है।

ट्रेनिंग में शामिल नहीं होना शिक्षकों को पड़ा महंगा, अब होगी यह कार्रवाई

डेस्क : राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने शिक्षकों के लिए आज 25 मार्च से 6 दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत की है। वही इस प्रशिक्षण में शामिल नही होने वाले शिक्षकों को लेकर परिषद् द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई है।  

प्रशिक्षण परिषद ने ऐसे शिक्षकों का जो प्रशिक्षण में शामिल नहीं हुए है उनका वेतन काटने का निर्देश जारी किया है। इस बावत परिषद् ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया है। 

दिए गए आदेश में कहा गया है कि 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में योगदान नहीं देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की गयी है। राज्य के तमाम शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण 25 मार्च से छह दिनों के लिए शुरू किया गया था। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी की गयी थी। लेकिन कुछ ऐसे शिक्षक आवंटित प्रशिक्षण संस्थान में योगदान नहीं दिये।

उक्त शिक्षकों को चिन्हित कर एक सप्ताह का वेतन कटौती करने हेतु संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी/जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को अनुशंसा के साथ पत्र प्रेषित करना सुनिश्चित करें।

लोकसभा चुनाव : जदयू ने पिछड़ा और अति पिछड़ा को दिया मौका, बीजेपी ने ज्यादा सवर्ण चेहरों पर जताया भरोसा

डेस्क : लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में एनडीए गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे के बाद अब लोजपा (रामविलास) को छोड़कर सभी घटक दलों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। 

बीते शनिवार को जहां जदयू ने अपने खाते में आए सभी 16 सीटों के प्रत्याशियों के नाम का एलान किया था। वहीं बीते रविवार को बीजेपी द्वारा भी बिहार के अपने सभी 17 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया गया।

इसबार दोनो दलों से कई वर्तमान सांसदो का पत्ता साफ हो गया है। कुछ सीटों के बंटवारे में अदला-बदली से वर्तमान सांसद बेटिकट हो गए है। तो कुछ को पार्टी ने बेटिकट करते हुए उनकी जगह नये चेहरों को टिकट दिया है। 

सबसे बड़ी बात यह है कि एनडीए के दोनो बड़े घटक दल दल अलग-अलग फार्मूले पर इस चुनाव मैदान में उतरने जा रहे है। जदयू ने जहां पिछड़ा व अतिपछड़ा पर ज्यादा भरोसा जताया है तो बीजेपी सवर्ण पर अधिक भरोसा की है।  

जदयू ने 16 में 11 पिछड़ा व अतिपिछड़ा को मौका दिया

जदयू के 16 उम्मीदवारों में छह पिछड़ा, पांच अतिपिछड़ा, एक महादलित, 3 सामान्य, एक मुस्लिम वर्ग से शामिल हैं। वहीं, दो महिलाओं को भी प्रत्याशीं बनाया गया है।

भाजपा ने 17 उम्मीदवारों में 10 सवर्ण चेहरा उतारा

भाजपा ने अपने 17 प्रत्याशियों में दस सवर्ण को टिकट दिया है। इनमें सबसे अधिक पांच राजपूत हैं। ये पांचों अभी सांसद हैं। दो भूमिहार और दो ब्राह्मण एक कायस्थ उम्मीदवार पर दांव लागाया है। वहीं चार पिछड़े, दो अतिपिछड़े और एक दलित को उम्मीदवार बनाया गया है।

राज्य में होली, रमजान और लोकसभा चुनाव को लेकर सभी जिलों में क्यूआरटी तैनात, सोशल मीडिया पर प्रशासन की विशेष नजर

डेस्क : प्रदेश में होली, रमजान और लोकसभा चुनाव को शांति और सद्भावपूर्ण संपन्न कराने को लेकर प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है। प्रदेश के सभी जिलों में क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) और दंगा निरोधी दस्ता तैयार किया गया है। रविवार को सभी जिलों में इसकी तैनाती भी हो गयी। सभी जिलों के एसपी को इन दोनों टीमों का मूल्यांकन (आडिट) करने के लिए कहा गया है। टीमों की तैनाती सभी संवेदनशील और प्रमुख स्थानों पर की गई है। होलिका दहन, जुलूस या रंग-अबीर लगाने को लेकर कभी-कभी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसे लेकर खासतौर से चौकसी बरतने के लिए कहा गया है।

पुलिस मुख्यालय के स्तर से सभी जिलों को त्योहार और चुनाव को ध्यान में रखते हुए खासतौर से चौकसी बरतने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। सभी तरह के शरारती तत्वों या हुड़दंग करने वालों, आपत्तिजनक टीका-टिप्पणी करने, किसी पर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग, छेड़खानी, सार्वजनिक स्थानों पर अभद्र व्यवहार करने समेत ऐसे सभी तरह की समस्याओं पर हमेशा नजर रखने के लिए कहा गया है। सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाने के अलावा राज्य में पूर्ण शराबबंदी के तहत नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए कहा गया है।

सभी जिलों में कंट्रोल रूप स्थापित करने और इसे 24 घंटा चालू रखने के लिए कहा गया है। राज्य मुख्यालय के स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम से सभी जिलों के कंट्रोल रूप में हर दो-दो घंटे पर अपडेट लिया जाएगा। पटना, गया, नालंदा, भागलपुर, सीवान, नवादा, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी और मोतिहारी में अतिरिक्त संख्या में बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा सभी जिलों में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करके इनके लगातार निगरानी की व्यवस्था की गई है। संवेदनशील स्थानों की श्रेणी में उन स्थानों को रखा गया है, जहां पिछले वर्षों या तीन वर्षों के दौरान होली या अन्य किसी पर्व-त्योहार के मौकों पर किसी तरह का दंगा या फसान या कोई विवाद हुआ हो। ऐसे स्थानों के मौजूदा हालात की खुफिया रिपोर्ट प्राप्त करके इनकी समीक्षा करवा लें। एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने सभी रेंज आईजी, डीआईजी और एसपी को खासतौर से निर्देश दिया है।

सोशल मीडिया पर चौकसी

सोशल मीडिया फेसबुक, एक्स, व्हाट्स एप, इंस्टाग्राम समेत अन्य सभी पर हमेशा चौकसी रखें। धर्म, जाति या संप्रदाय के नाम पर नफरत फैलाने वाले किसी पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई करें। किसी अफवाह के खिलाफ तत्काल सही सूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित करें।

बिहार में भद्रा मुक्त पूर्णिमा तिथि में 24 मार्च को हुआ होलिका दहन, उदयातिथि के अनुसार कल 26 मार्च को मनाई जायेगी होली

डेस्क : इस साल एकबार फिर होली दो दिन मनाया जा रहा है। देश के कुछ हिस्सों में जहां आज 25 मार्च को रंगो का त्योहार होली मनाया जा रहा है। वहीं बिहार में बीते रविवार की देर रात भद्रा मुक्त पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को होलिका दहन हुआ। वहीं आज दोपहर 12 बजे के तक पूर्णिमा होने होने की वजह से होली की शुरुआत होगी। उदयातिथि को मानने वाले लोग कल यानि 26 मार्च को होली मनाएंगे। 

इधर राजधानी पटना में रविवार को भद्रा मुक्त पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को होलिका दहन श्रद्धा, भक्ति और होलियाना उत्साह में मनाया गया। रात साढ़े 11 बजे के बाद होलिका दहन का अगजा सर्वार्थ सिद्धि, लक्ष्मी, पर्वत, केदार, वरिष्ठ, अमला, उभयचरी, सरल और महापुरुष योग में जलाया गया।

घरों से निकलकर देर रात तक अगजा की पूजा करने लोग पहुंचे। उन्होंने अगजा में घर में तैयार बड़ी, बजका सहित अन्य पकवान डालकर पूजा की शुरुआत की। बाद में उन्होंने अगजा में अक्षत, रोली, चंदन, हल्दी आदि लगाया दीपक जलाकर आरती उतारी। अगजा में गोईठा और आम की लकड़ी के अलावा आटा, गुड़, कपूर, तिल,धूप, गुग्गल, जौ, घी, अर्पित कर सात बार परिक्रमा की गई और अपने परिजनों के सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। 

दोपहर बाद मनाएंगे होली 

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्णिमा के ठीक अगले दिन होली मनाने का विधान है। पूर्णिमा सोमवार 25 मार्च दोपहर 12 बजे के बाद तक है। इसके बाद होली का मुहूर्त बन रहा है। बड़ी संख्या में लोग सोमवार दोपहर के बाद होली मनाएंगे, वहीं उदयातिथि को मानने वाले श्रद्धालु 26 को होली त्योहार मनाएंगे।

एक दिन पहले जदयू में हुई शामिल इस महिला नेत्री को पार्टी ने बनाया लोकसभा प्रत्याशी, सीवान की वर्तमान सांसद कविता सिंह की जगह लड़ेगी चुनाव, जानिए

डेस्क ; लोकसभा चुनाव के लिए जदयू ने आज रविवार को अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति से वरिष्ठ नेता वशिष्ट नारायण सिंह ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है। इसमें जदयू ने अपने खाते में आई सभी 16 प्रत्याशियों के नाम का एलान किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि जदयू ने वर्तमान दो सांसदों का नाम काट नये चेहरे को टिकट दिया है। जिसमें सीवान की सांसद कविता सिंह भी शामिल है। 

बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह वर्तमान में सीवान से सांसद है। कविता सिंह की राजनीतिक सफर की कहानी भी बड़ी विचित्र है। दरअसल 2011 से पहले तक कविता सिंह का नाम तक किसी को नहीं पता था। उस वक्त सिवान के दरौंधा विधान सभा सीट से विधायक जगमातों देवी के निधन से खाली हुए सीट पर उपचुनाव होना था। 

जगमातो देवी के बेटे अजय सिंह ने इस सीट से दावेदारी पेश की। लेकिन उनकी बाहुबली वाली छवि के कारण जदयू ने उन्हें प्रत्याशी बनाने से मना कर दिया। जिसके पितृपक्ष में अजय सिंह कविता सिंह से शादी कर टिकट हासिल किया और दरौंदा विधानसभा सीट से जदयू की टिकट पर कविता सिंह चुनाव जीत विधान सभा पहुंची। कविता सिंह इस सीट से दो बार विधायक रही। वहीं 2019 में जदयू ने लोकसभा का प्रत्याशी बनाया और कविता सिंह ने राजद प्रत्याशी दिवंगत पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को पराजित कर लोकसभा पहुंची। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में इनका पत्ता साफ हो गया है। कविता सिंह की जगह जदयू ने विजय लक्ष्मी को सीवान से अपना प्रत्याशी बनाया है। 

कौन हैं विजयलक्ष्मी कुशवाहा?

आइए अब आपको बताते है कि यह विजय लक्ष्मी कुशवाहा कौन हैं। जिनके पार्टी में शामिल होने के अगले ही दिन पार्टी ने इनपर भरोसा जताते हुए वर्तमान सांसद का टिकट काट इनपर भरोसा जताते हुए लोकसभा का टिकट दिया है।  

दरअसल विजय लक्ष्मी सीवान के जीरादेई विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं। रमेश कुशवाहा पहले जदयू में थे। वह 2015 में जेडीयू की टिकट पर ही जीरादेई सीट से विधायक चुने गए थे। 2020 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और वे उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में चले गए थे और प्रदेश अध्यक्ष थे। बीते शनिवार (23 मार्च) को ही अपनी पत्नी विजय लक्ष्मी के साथ जेडीयू में वापसी की थी। 

रमेश कुशवाहा की सीवान में अच्छी पकड़ है और जदयू के ऐसा लगता है कि इसका फायदा उसे हो सकता है।

लोकसभा चुनाव : जदयू ने अपने प्रत्याशियों के नाम का किया एलान, जानिए किसे मिला टिकट

डेस्क ; राजधानी पटना से बड़ी खबर है। लोकसभा चुनाव के लिए जदयू ने आज रविवार को अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति से वरिष्ठ नेता वशिष्ट नारायण सिंह ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है। इसमें जदयू ने अपने खाते में आई सभी 16 प्रत्याशियों के नाम का एलान किया है।  

लोकसभा चुनाव के लिए जदयू ने इस बार अपने 12 मौजूदा सांसदों को फिर से प्रत्याशी बनाया है। वहीं सीवान सीट से सांसद का टिकट गया है। वहां पार्टी ने विजया लक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने इस बार अतिपिछड़ा और पिछड़ा वर्ग पर बड़ा दांव खेला है। 16 उम्मीदवारों में सर्वाधिक 11 प्रत्याशी इन्हीं दो वर्गों से हैं। इसमें 6 पिछड़ा और 5 अतिपिछड़ा हैं। इसके अतिरिक्त तीन सवर्ण और 1 महादलित तथा 1 मुस्लिम उम्मीदवार बनाए गया हैं। 

इन्हे बनाया गया है प्रत्याशी

बाल्मीकि नगर - सुनील कुमार , सीतामढ़ी - देवेश चंद्र ठाकुर , झंझारपुर - रामप्रीत मण्डल , सुपौल - दिलेश्वर कामत , किशनगंज - मास्टर मुजाहिद , कटिहार - दुलाल चंद्र गोश्वमी , पूर्णिया - संतोष कुमार , मधेपुरा - दिनेश चंद्र यादव , सिवान - विजया लक्ष्मी , गोपालगंज - डॉ अलोक सुमन , भागलपुर - अजय कुमार मण्डल , बांका - गिरधारी यादव , मुंगेर - ललन सिंह , नालंदा - कौशलेन्द्र , जहानाबाद - चंदेश्वर प्रसाद , शिवहर - लवली आनंद शामिल हैं।

पटना जिलाधिकारी ने मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक, कहा- निष्पक्ष, भयमुक्त चुनाव कराना प्रशासन की पहली प्राथमिकता

डेस्क : लोकसभा चुनाव को लेकर पटना के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने समाहरणालय के सभाकक्ष में मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त, एवं सहभागितापूर्ण लोकसभा चुनाव कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए प्रशासनिक तंत्र सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। डीएम ने कहा कि 10 मतदान केन्द्रों पर एक सेक्टर पदाधिकारी को तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा कि इन सेक्टर पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। निर्वाचकों को ईवीएम एवं वीवीपैट के प्रति जागरूक करने के लिए जिला एवं सभी छह अनुमंडलों में ईवीएम-सह-वीवीपैट प्रदर्शन केन्द्र केन्द्रों तथा सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में 14 मोबाइल डिमॉन्सट्रेशन वैन के जरिये जागरूकता अभियान चलाया गया है। उन्होंने प्रतिनिधियों को संपत्ति विरुपण अधिनियम तथा वाहनों के उपयोग के संबंध में निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन करने को कहा।

बैठक में उप निर्वाचन पदाधिकारी आशुतोष राय ने एजेंडा वार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इसमें प्रतिनिधियों को निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। संसदीय निर्वाचन क्षेत्रवार निर्वाचकों की संख्या की विवरणी-मतदाताओं की संख्या, मतदान केन्द्रों एवं मतदान भवनों की संख्या, मूल मतदान केन्द्रों में संशोधन का प्रस्ताव, डाक मतपत्र से मताधिकार का प्रयोग, मतदान दलों का डिस्पैच केन्द्र, विधि-व्यवस्था संधारण, सोशल मीडिया, आचार संहिता का अनुपालन, संपत्ति विरूपण अधिनियम, तकनीकी सुविधाओं, ईको-फ्रेंड्ली निर्वाचन कराने के लिए प्रबंध, निर्वाचन में बाल श्रम निषेध इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि चुनाव कार्य में बाल श्रम का नियोजन प्रतिबंधित है। भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निदेश के आलोक में 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को निर्वाचन कार्य में प्रशासन-राजनीतिक दलों की ओर से नहीं लगाया जाना है। सभी इसका अक्षरश अनुपालन करें।

बड़ी खबर : कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने नहीं लड़ेगी लोकसभा चुनाव, खुद किया एलान

डेस्क : लोकसभा चुनाव के एलान के बीच बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान की हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा है कि 2024 का आम चुनाव मैंने नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। लेकिन, मैं अपने देश के लोगों, विशेष कर गरीब, वंचित वर्ग और महिलाओं की सेवा हमेशा करती रहूंगी।

गौरतलब है कि इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें सासाराम से एकबार फिर कांग्रेस से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा थी। लेकिन, मीरा कुमार ने शनिवार को खुद ही स्थिति स्पष्ट कर दी कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी। 

पूर्व प्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार सासाराम संसदीय क्षेत्र से छह बार चुनाव लड़ीं, पर जीत दो बार हुई। पहली जीत वर्ष 2004 में हुई थी। तब कांग्रेस की सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री बनाया गया था। इसके बाद वर्ष 2009 के चुनाव में भी इन्होंने जीत दर्ज की। तब उन्हें लोकसभा अध्यक्ष चुना गया।

बताते चले कि मीरा कुमार विदेश सेवा की नौकरी छोड़ राजनीति में आई थीं। वे पहली बार 1985 में बिजनौर से सांसद बनी थीं। इसके बाद 1996 में दूसरी बार सांसद बनीं।

बड़ी खबर : लालू परिवार से एक और सदस्य का होने जा रहा राजनीति में प्रवेश, रोहिणी आचार्य छपरा लोकसभा सीट से लड़ेंगी लोकसभा चुनाव !

डेस्क : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार के एक और सदस्य की राजनीति में इंट्री होने जा रही है। लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य छपरा से लोकसभा चुनाव लड़ेगी।

सिंगापुर में रहने वाली रोहिणी पिछले लंबे समय से बिहार की राजनीति में काफी दिलचस्पी ले रही थी। वे अपने सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर टिप्पणी करती रहती थी। जिसके बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि रोहिणी की बिहार की राजनीति में इंट्री हो सकती है। जिसपर तकरीबन मुहर लग गई है। 

अब लालू परिवार के तरफ से इसकी पुष्टि कर दी है। रोहिणी अपने पिता लालू प्रसाद की कर्म भूमि रही छपरा सीट से चुनाव मैदान में नजर आएंगी। लालू-राबड़ी और तेजस्वी भी रोहिणी को चुनाव लड़ने के लिए हौसला बढ़ा रहे हैं। 

 

खबर है कि ‘इंडिया’ अलायंस में सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा के पहले ही आरजेडी की ओर से पार्टी उम्मीदवारों का नाम फाइनल कर लिया गया है। इसके तहत यह निर्णय लिया गया है कि रोहणी छपरा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में होंगी।