/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz *दिल्ली शराब घोटाले मामले में सीएम केजरीवाल को मिली राहत, कोर्ट ने दी जमानत* India
*दिल्ली शराब घोटाले मामले में सीएम केजरीवाल को मिली राहत, कोर्ट ने दी जमानत*

#delhi_liquor_scam_cm_kejriwal_rouse_avenue_court

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली शराब घोटाले मामले में आज शनिवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। शराब नीति घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए 15 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी। केजरीवाल को ईडी द्वारा आठ समन जारी किए गए। केजरीवाल एक बार भी एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद जांच एजेंसी ने कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज कराई थीं।

इससे पहले कल शुक्रवार को राजधानी दिल्ली की एक सत्र अदालत ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का समन नजरअंदाज करने के लिए मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल ने सीएम केजरीवाल को मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से गुहार लगाने का निर्देश दिया था। केजरीवाल ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा द्वारा पारित उस आदेश के खिलाफ सत्र अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्हें 16 मार्च को मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था।

बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ईडी ने शुक्रवार को तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के. कविता को गिरफ्तार किया था। के. कविता को ईडी की टीम दिल्ली लेकर आ गई है ताकि उनसे विस्तार से पूछताछ हो सके। एक तरफ जहां के. कविता की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। वहीं दूसरी कोर्ट के आदेश के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। इस दौरान अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में कोर्ट ने जमानत दे दी।

लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज, अब बस कुछ घंटों का इंतजार

#electioncommissiontoannounceloksabhaelectiondatestoday

आज देश में चुनावी रणभेरी बजने वाली है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेंगे। लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया जा सकता है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। 

संभावना है कि 543 सीटों के लिए सात या आठ चरणों में मतदान कराया जाएगा। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। इससे पहले 18वीं लोकसभा का गठन किया जाना है। ऐसा माना जा रहा है कि देश में 6-7 चरणों में मतदान हो सकता है। 

सात चरणों में हुआ था पिछला आम चुनाव

2019 में चुनाव की तारीखों का एलान 10 मार्च को हुआ था। मतदान सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराया गया, जबकि वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी। उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सात चरणों में मतदान हुआ था। वहीं, 22 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में एक ही चरण में वोट पड़े थे। 2014 में चुनाव की तारीखों की घोषणा 5 मार्च को हुई थी। 7 अप्रैल से 12 मई तक 9 चरणों में चुनाव हुए थे। 16 मई को परिणाम घोषित किए गए थे

2019 के लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को कितने प्रतिशत वोट मिला था

2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 14.61 करोड़ मतदाता थे. इस चुनाव में कुल 59.21% वोट पड़े थे. 2019 के चुनाव में बीजेपी को 49.56%, समाजवादी पार्टी को 17.96%, बहुजन समाजपार्टी को 19.26% और कांग्रेस को 6.31% वोट मिले थे. उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं. जिनमें 18 मंडल हैं

केन्द्र सरकार ने नई ईवी नीति को दी मंजूरी, टेस्ला की भारत में एंट्री होगी आसान

# central_govt_get_nod_to_new_ev_electric_vehicle_policy

केंद्र सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने के लिए एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी है। नई नीति के तहत अब देश में कंपनियां न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए प्लांट लगा सकती हैं। इसके लिए उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में कम से कम 25 प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करना होगा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को जानकारी दी कि देश में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत भारत की कोशिश होगी कि दुनिया की बड़ी ईवी कंपनियां भारत में निवेश करें।नई नीति के हिसाब से अगर कोई इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग या असेंबलिंग प्लांट लगाना चाहती है, तो उसे कम से कम 50 करोड़ डॉलर (यानी 4,150 करोड़ रुपए) का निवेश करना जरूरी होगा। जबकि इस सेगमेंट में अधिकतम निवेश की कोई सीमा तय नहीं है। ज्यादा से ज्यादा कंपनियां भारत आएं, इसके लिए सरकार उन्हें कई तरह की टैक्स छूट का फायदा देगी

मोदी सरकार का इस फैसले से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में तेजी आएगी।वाहन निर्माण क्षेत्र की उन कंपनियों को जो नई वाहन नीति में उल्लिखित शर्तों को पूरा करेंगी उन्हें 35 हजार डॉलर या उससे अधिक महंगी कारों पर 15 फीसदी से कम आयात शुल्क लगेगा। अभी भारत आयातित कारों पर 70 से 100 फीसदी तक कर वसूलता है। कार के मूल्य के आधार पर वाहन कंपनी को हर साल 8,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को आयात करने की अनुमति दी जाएगी। अगर कोई कंपनी भारत में 80 करोड़ डॉलर यानी करीब 6630 करोड़ रुपए या उससे अधिक का निवेश करती है, तो उसे हर साल अधिकतम 40,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंपोर्ट की इजाजत होगी।0 हालांकि इसमें भारत के हितों का ख्याल रखा गया है। कंपनी को उसकी इंवेस्टमेंट कमिटमेंट के बदले जो टैक्स छूट मिलेगी, वह बैंक गारंटीड होगी। ऐसे में कंपनी के इंवेस्टमेंट कमिटमेंट पूरी नहीं करने की स्थिति में भी नुकसान नहीं होगा। सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस कदम से नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करने और ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने और मेक इन इंडिया पहल में समर्थन मिलने की उम्मीद है। इम्पोर्ट किए जा सकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क छूट वार्षिक पीएलआई प्रोत्साहन (6,484 करोड़ रुपये) या मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा किए गए निवेश, जो भी कम हो, तक सीमित है।

सरकार की इस नीति से एलन मस्क की टेस्ला की राह काफी आसान हुई है। टेस्ला भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करने से पहले कुछ समय के लिए गाड़ियों को इंपोर्ट करना चाहती थी। साथ ही इस पर इंपोर्ट शुल्क में छूट भी चाहती थी। जबकि सरकार का पक्ष था कि कंपनी भारत में ही उत्पादन करे। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान एलन मस्क से मुलाकात की थी और उसके बाद से ही देश में नई तरह की ईवी पॉलिसी की जरूरत बढ़ गई थी। अब इस नई पॉलिसी में बीच का रास्ता निकाला गया है। इससे टेस्ला जैसी कंपनियों को भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ अपनी गाड़ियों को रियायती दर पर इंपोर्ट करने में भी आसानी होगी।

सीएए पर अमेरिका की टिप्पणी पर मोदी सरकार की दो टूक, विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

#india_ministry_of_external_affairs_replied_america_on_caa

भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसके बाद से ही पूरे देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। यहां तक की अमेरिका ने देश में सीएए लागू होने पर चिंता जाहिर की थी। जिसके बाद भारत ने सीएए पर अमेरिका की टिप्पणी का जवाब दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की गई है। विदेश मंत्रालय की तरफ से यह स्‍पष्‍ट कर दिया गया है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। इसमें किसी भी बाहरी देश के दखल की कोई जरूरत नहीं है।

दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने इससे पहले कहा था कि हम 11 मार्च से प्रभाव में आए सीएए के बारे में चिंतित हैं। हम बारीकी से निगरानी कर रहे हैं कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा। धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिका के रिएक्‍शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम भारत का आंतरिक मामला है और यह भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए है। विदेश विभाग ने कहा, भारतीय संविधान सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, ऐसे में अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर चिंता का कोई आधार नहीं है।

सीएए के खिलाफ आलोचना को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि संकट में फंसे लोगों की मदद को लिए किए गए प्रशंसनीय पहल को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ना सही नहीं है। विभाग की ओर से कहा गया कि जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं, विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उनके द्वारा व्याख्यान देने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

बता दें कि यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं।

लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ पूरे देश में लग जाएगा आदर्श आचार संहिता, जानें किन-किन चीजों पर रहेगी पाबंदी

#loksabhapolls2024codeofconductandrules

लोकसभा चुनाव का आगाज अब जल्द ही होने जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से शनिवार 16 मार्च की तारीख को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन होने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, आम चुनाव 2024 और कुछ राज्य विधानसभाओं के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कल यानी शनिवार, 16 मार्च को दोपहर 3 बजे आयोजित की जाएगी।संभावना जताई जा रही है कि इस बार लोकसभा चुनाव का आयोजन 6 से 7 चरण में कराया जा सकता है। बता दें कि चुनाव तारीखों की घोषणा होने के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। 

क्या आपके मन में भी सवाल उठ रहे हैं कि आचार संहिता आखिर होती क्या है? कब तक ये प्रभावशाली रहती है और इस दौरान क्या-क्या काम नहीं किए जा सकते? दरअसल आदर्श आचार संहिता का मतलब पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए बनी गाइडलाइंस से है। आचार संहिता चुनाव की घोषणा से प्रक्रिया पूरी होने यानी नतीजे जारी होने तक लागू रहती है।

क्या है आचार संहिता

आचार संहिता एक नियमावली है, जिसके तहत चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से करने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम-शर्तें तय करता है। या ये भी कह सकते हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार, आदर्श आचार संहिता 'राजनीतिक दलों एवं उम्‍मीदवारों के मार्गदर्शन हेतु' है। इसमें सामान्‍य आचरण से लेकर बैठकों, जुलूसों से जुड़ी गाइडलाइंस हैं। चुनावी घोषणापत्र में कैसे-कैसे किए जा सकते हैं, उसके भी नियम हैं।

आचार संहिता में किन कामों पर होती है पाबंदी

इलेक्शन कमीशन की नियमावली के मुताबिक आचार संहिता लगने के बाद कई तहर के कामों पर रोक लगा दी जाती है। ये ऐसे काम होते हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मतदान को प्रभावित कर सकते हैं। आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती है। होर्डिंग, बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते हैं। इस दौरान सरकार नई योजना और नई घोषणाएं नहीं कर सकती। भूमिपूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकते। चुनाव प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज आदि का उपयोग वर्जित होगा। राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस या फिर मीटिंग के लिए परमिशन लेनी होती है। धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा। मतदाताओं को किसी भी तरह से रिश्वत नहीं दी जा सकती है। किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे। किसी भी प्रत्याशी या पार्टी पर निजी हमले नहीं किए जा सकते हैं। मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते हैं। मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित नहीं की जा सकती है। 

आचार संहिता कब से कब तक प्रभावशाली रहती है

चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जब चुनाव प्रोग्राम की तारीखें घोषित करता है, उसी के साथ ही आचार संहिता भी प्रभावशाली हो जाती है। यह निर्वाचन प्रक्रिया के पूर्ण होने तक प्रवृत्त रहती है। या यूं कहें कि रिजल्ट आने तक ये प्रभाव में रहती है। चुनाव में हिस्सा लेने वाले राजनीतिक दल, उम्मीदवार, सरकार और प्रशासन समेत चुनाव से जुड़े सभी लोगों पर इन नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी होती है। 

आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कर सकता है?

यदि कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है। उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। ज़रूरी होने पर आपराधिक मुक़दमा भी दर्ज कराया जा सकता है। आचार संहिता के उल्लंघन में जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं।

ममता बनर्जी को कैसे लगी चोट, क्या किसी ने पीछे से धक्का दिया? एसआईटी करेगी जांच

#mamata_banerjee_injury_is_there_any_conspiracy 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार 14 मार्च की शाम को कोलकाता में कालीघाट स्थित अपने घर में गिर गईं। इससे वे गंभीर रूप से चोटिल हो गईं। उन्हें एसएसकेएम अस्पताल ले जा गया, जहां उनके माथे पर तीन और नाक पर एक, सहित कुल 4 टांके लगे हैं। कुछ घंटों बाद रात करीब 9.30 बजे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। हालांकि, ममता के चोटिल होने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। अब इस घटना की जांच बंगाल पुलिस की एसआईटी टीम करेगी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को बताया है कि उन्हें बेडरूम में पीछे से धक्का मारा गया है, जिसकी वजह से वह गिर गईं और शोकेस से उनका सिर टकरा गया। एसएसकेएम अस्पताल के डायरेक्टर मणिमोय बंद्योपाध्याय ने अपने मेडिकल बुलेटिन में कहा है कि बंगाल सीएम को किसी ने पीछे से धक्का दिया था, जिसके कारण वह गिर गईं।सवाल यह है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के बीच सीएम ममता के बेडरूम में कौन घुसा था, जबकि उनके पास जेड प्लस सुरक्षा है। 

हालांकि तृणमूल द्वारा पहले साझा की गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री गुरुवार शाम अपने आवास पर टहलते समय फिसल गईं। तृणमूल की सोशल मीडिया सेल ने एक तस्वीर भी जारी की थी, जिसमें मुख्यमंत्री के माथे से खून बहता देखा जा सकता है।उनकी पार्टी ने लिखा कि हमारी चेयरपर्सन को गंभीर चोट आई है, उनके लिए दुआ कीजिए।

पहले भी लग चुकी हैं ममता को चोटें

इससे पहले भी कई बार ममता बनर्जी चोटिल हो चुकी हैं। इसी साल जनवरी में बर्धमान से एक बैठक से ममता लौट रही थीं तभी उनको चोट लगी गई थी। उस समय कार का अचानक ब्रेक लगाने से ममता के माथे में चोट आई थी। मुख्यमंत्री की कार जब चल रही थी तो उसी दौरान रास्ते में एक ऊंची जगह आ गई। इसके चलते ड्राइवर को तेजी से ब्रेक लगाना पड़ा। अचानक ब्रेक लगने से कार में बैठे लोग असंतुलित हो गए, जिसके चलते ममता के माथे पर हल्की चोट लग गई थी।

ममता बनर्जी को 27 जून को विदेश यात्रा के दौरान बाएं घुटने में चोट लग गई थी। इसी घुटने में उन्हें साल 2023 की शुरुआत में हेलिकॉप्टर से उतरते समय भी चोट लगी थी। उनके घुटनों की जांच एसएसकेएम अस्पताल में की गई। जांच में ममता के बाएं पैर के घुटने के लिगामेंट में चोट का पता चला था। साथ ही उनके बाएं कूल्हे के जोड़ में भी चोट के निशान थे। अस्पताल में उन्हें भर्ती होने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने अपना इलाज घर पर ही करवाया था।

10 मार्च 2021 को ममता नंदीग्राम में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान घायल हुई थीं। ममता के पैर में चोट लग गई थी। इसके बाद उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम हॉस्पिटल में तीन दिन तक एडमिट रहना पड़ा। डॉक्टरों ने उनके पैर पर प्लास्टर चढ़ाया था। इसके बाद ममता ने व्हीलचेयर पर बैठकर ही विधानसभा चुनाव प्रचार किया था।

तमिलनाडु में विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम मोदी, गिनाए विपक्षी गठबंधन के स्कैम

#pm_modi_in_tamilnadu 

लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कल यानी शनिवार को किया जाएगा। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण भारत के दौरे पर हैं। पीएम मोदी और भाजपा का फोकस दक्षिण की करीब 129 लोकसभा सीटों पर है। इस कड़ी में आज पीएम मोदी तमिलनाडु पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार को दावा किया कि तमिलनाडु की धरती पर उन्हें ‘बहुत बड़े परिवर्तन’ की आहट महसूस हो रही है और आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रदर्शन विपक्षी गठबंधन इंडिया का सारा घमंड तोड़कर रख देगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खास अंदाज में संबोधन की शुरुआत की। उन्‍होंने कन्‍याकुमारी में उमड़े लोगों के हुजूम का तमिल भाषा में अभ‍िवादन कर भाषण की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने कन्‍याकुमारी में विपक्ष को लगातार अपने निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने कहा, आज कन्याकुमारी से देश के इस दक्षिणी छोर से जो लहर उठी है ये लहर बहुत दूर तक जाने वाली है। मैं 1991 में एकता यात्रा लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर गया था, इस बार मैं कश्मीर से कन्याकुमारी आया हूं। उन्‍होंने कहा, देश को तोड़ने का सपना देखने वालों को जम्मू कश्मीर के लोगों ने नकार दिया है। अब तमिलनाडु के लोग भी ऐसा ही करने जा रहे हैं। मैं तमिलनाडु में बहुत बड़े परिवर्तन की आहट देख रहा हूं। डीएमके औऱ कांग्रेस के इंडी अलांयस का सारा घमंड बीजेपी तोड़कर रख देगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमके पर भी निशाना साधा। उन्होंने डीएमको को तमिलनाडु का दुश्मन बताया है। सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, डीएमके तमिलनाडु के भविष्य की ही दुश्मन नहीं है, डीएमके तमिलनाडु के अतीत की, उसकी विरासत की भी दुश्मन है। उन्होंने आगे कहा, डीएमके और कांग्रेस तब भी चुप बैठी रही, जब जल्लीकट्टू पर पाबंदी लगी थी। ये लोग तमिल संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। ये हमारी सरकार है, एनडीए की सरकार है जिसने जल्लीकट्टू को पूरे उत्साह के साथ मनाए जाने का रास्ता साफ किया।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, हमने ऑप्टिकल फाइबर और 5जी दिया, हमारे नाम पर डिजिटल इंडिया स्कीम है। इंडी अलायंस के नाम पर लाखों करोड़ रुपए का 2 जी का स्कैम है और डीएमके उस लूट की सबसे बड़ी हिस्सेदार थी। हमारे नाम पर उड़ान स्कीम है, इंडी अलायंस के नाम हेलीकॉप्टर स्कैम है। हमारी खेलो इंडिया और टीओपीएस स्कीम्स से देश ने खेलों में ऊंचा मुकाम हासिल किया, लेकिन उनके नाम पर सीडब्लयूजी स्कैम का दाग है। उन्होंने कहा, इंडी अलायंस कभी भी तमिलनाडु को विकसित नहीं बना सकता। इन लोगों का इतिहास घोटालो का है। इन लोगों की राजनीति का आधार लोगों को लूटने के लिए सत्ता में आना है। एक तरफ भाजपा की कल्याणकारी योजनाएं होती हैं, तो दूसरी ओर इनके करोड़ों के घोटाले होते हैं।

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सरकार पर बरसे कपिल सिब्बल, बताया अब तक सबसे बड़ा घोटाला, एसआईटी जांच की मांग

#kapilsibalsaysbjptakebenefitsofelectoralbondstargetpm_modi

भारतीय चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी बॉन्ड को जारी कर दिया है।चुनाव आयोग द्वारा भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साझा किए गए चुनावी बांड डेटा प्रकाशित करने के एक दिन बाद, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इसे लेकर केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच एक विशेष जांच दल यानी (एसआईटी) से कराने की मांग की।

सिब्बल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि जांच होगी, इसकी संभावना ही कम है। उन्होंने कहा कि जांच होगी ही नहीं। ना तो सीबीआई और ना ही ईडी जांच करेगी। तो अब जिम्मेदारी कोर्ट पर है। सिब्बल ने 2जी स्कैम की जांच के लिए गठित एसआईटी का हवाला देकर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए किस पार्टी को, किसने कितना चंदा दिया है और उसे बदले में क्या फायदा पहुंचाया गया, इसकी जांच के लिए भी एसआईटी बननी चाहिए। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि जैसे टूजी (स्कैम) में हुआ, उसी तरह कोर्ट को एक एसआईटी बनानी चाहिए। कोर्ट को खुद ही एसआईटी के सदस्यों की नियुक्ति करनी चाहिए। जिस-जिस कंपनी ने डोनेशन दिया है, उसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि कई ऐसी कंपनियां हैं जो घाटे में हैं या जिनका मुनाफा बहुत कम है, उन्होंने भी चंदा दिया है। अगर चंदे के बदले कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है तो इसकी जांच होनी चाहिए। यह अवैध है और ऐसे चंदे के पैसे जो इमारतें बनी हैं, वो भी अवैध हैं।

नोटबंदी बड़ा घोटाला, उससे भी बड़ा स्कैम बॉन्ड स्कीम-सिब्ब्ल

सिब्बल ने दावा किया कि नोटबंदी देश का बहुत बड़ा घोटाला था और उससे भी बड़ा घोटाला अब सामने आया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में दो बहुत बड़े स्कैम हुए। एक दो नोटबंदी का, जहां करोड़ों रुपये जो कैश में थे लोगों के, किसी ने कोई ऐतराज नहीं किया और सभी ने पैसा बदल लिया। उसकी आज तक जांच नहीं हुई। वो बहुत बड़ा स्कैम था। उससे भी बड़ा स्कैम ये है।

पीएम मोदी पर कसा तंज

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि ‘सरकार ने नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लिया है।’ इसके साथ ही सिब्बल ने इशारों इशारों में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘किसी ने कहा था कि वे स्विस बैंक से काला धन लाएंगे और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये ट्रांसफर करेंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने वह पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया है।पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि किसी ने कहा था- 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा'। हालांकि, इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स से पता चलता है कि कहीं न कहीं 'लाभ के बदले लाभ देने' का काम हुआ है।

दरअसल, चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च को चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल्स दी, जिसे फिर सार्वजनिक कर दिया गया। भारत के चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों से पता चला है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, जिसके निदेशक लॉटरी मैग्नेट सैंटियागो मार्टिन चुनावी बांड के शीर्ष खरीदार हैं। उन्होंने 1368 करोड़ रुपये के बांड खरीदे हैं। यह डेटा 2019-2024 की अवधि से संबंधित है। मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।

पीएम मोदी का मिशन साउथ, आज तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में करेंगे रोड शो

 लोकसभा चुनावों से पहले दक्षिणी राज्यों में एक मजबूत आधार बनाने के प्रयास में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में रोड शो करेंगे, भाजपा रैलियों और सार्वजनिक बैठकों को संबोधित करेंगे। केरल में, प्रधान मंत्री सुबह लगभग 10.30 बजे दक्षिणी शहर पथानामथिट्टा पहुंचेंगे और एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगे, जिसमें लगभग 1 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

बैठक के दौरान, वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवारों - वी मुरलीधरन, अनिल के एंटनी, शोभा सुरेंद्रन और बैजू कलासाला के लिए प्रचार करेंगे। इस बीच, कांग्रेस के दिग्गज नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल, जो इस महीने की शुरुआत में भाजपा में शामिल हुईं, भी बैठक में मौजूद रहेंगी। जनवरी और फरवरी में पिछली तीन यात्राओं के बाद यह मोदी की केरल की चौथी यात्रा है।

तमिलनाडु में, वह कन्नियाकुमारी में एक भाजपा रैली को संबोधित करेंगे, क्योंकि भाजपा आगामी चुनावों से पहले राज्य में धीरे-धीरे अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। अपने दक्षिणी आउटरीच के हिस्से के रूप में, प्रधान मंत्री ने हाल के दिनों में तमिलनाडु की कई यात्राएँ कीं। शुक्रवार शाम को मोदी का हैदराबाद में शहर के मिर्जालगुडा इलाके से मल्काजगिरी चौरास्ता तक रोड शो करने का कार्यक्रम है। तेलंगाना भाजपा के महासचिव जी प्रेमेंदर रेड्डी के अनुसार, प्रधानमंत्री कल नागरकुर्नूल में एक सार्वजनिक बैठक को भी संबोधित करेंगे और 18 मार्च को जगतियाल में एक रैली में भाग लेंगे।

ड्रोन हमलों से निपटने के लिए तेलंगाना पुलिस ने तैयार किए 3 बाज़ ! क्या सिद्ध होगा काज ?

 तेलंगाना पुलिस VVIP यात्राओं और सार्वजनिक समारोहों के दौरान ड्रोन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षित ईगल तैनात करके इतिहास रचने के लिए तैयार है। नीदरलैंड और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों से प्रेरणा लेते हुए, जहां ईगल्स (बाज़) को दुश्मन के ड्रोन को रोकने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, तेलंगाना पुलिस ने इस उद्देश्य के लिए तीन ईगल्स तैयार करने में पिछले तीन साल बिताए हैं।

हाल ही में हैदराबाद के बाहरी इलाके में मोइनाबाद में इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी (IITA) में पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों द्वारा देखे गए एक प्रदर्शन में, प्रशिक्षित ईगल्स ने प्रभावी ढंग से ड्रोन को मार गिराया। यह देश में किसी भी पुलिस बल द्वारा इस तरह के ऑपरेशन के लिए ईगल का उपयोग करने का पहला उदाहरण है।

ऐसी खबरें आई हैं कि भारतीय सेना दुश्मन के ड्रोनों को निशाना बनाने के लिए प्रशिक्षित पतंगबाजों का इस्तेमाल कर रही है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कथित तौर पर संकेत दिया है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियारों, गोला-बारूद और दवाओं की तस्करी करने वाले मानव रहित हवाई वाहनों से जुड़ी घटनाएं 2021 के बाद से दोगुनी से अधिक हो गई हैं। हालाँकि, अब ये देखना भी दिलचस्प होगा की तेलंगाना पुलिस की ये पहल कितनी कारगर सिद्ध होती है।