बेंगलुरु में बूंद-बूंद को तरसे लोग, पानी की किल्लत के कारण कोचिंग क्लास और स्कूल बंद
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बेंगलुरु शहर पानी की भारी किल्लत से जूझ रहा है। शहर में 3 हजार से अधिक बोरवेल सूख गए हैं। हालत इतनी गंभीर हो चुकी है कि स्कूल और कोचिंग सेंटर ने आपातकाल घोषित करते हुए, बच्चों को स्कूल आने के बजाए घर से ही क्लास लेने को कहा है।बेंगलुरु की सड़कों पर पानी के टैंकर को चक्कर लगाते देखना अब आम हो चला है।वहीं शहर के टैंकर वाले 5 हजार लीटर के लिए 500 रुपए की जगह 2 हजार रुपए वसूल रहे हैं।
शिक्षण संस्थानों में एक हफ्ते के लिए ‘आपातकाल’ की घोषणा
बेंगलुरु में पीने का पानी लगभग खत्म होने के कगार पर है। हालत इतनी खराब हो चुकी है कि कोचिंग सेंटर्स और स्कूलों ने बच्चों को स्कूल आने के बजाए, घर से ही क्लास लेने की सलाह दी है। संस्थानों ने एक हफ्ते के लिए ‘आपातकाल’ की घोषणा करते हुए ये निर्णय लिया कि बच्चे घर से ही क्लास लें क्योंकि स्कूल में पानी ही नहीं है। बेंगलुरु के विजयनगर में स्थित एक कोचिंग सेंटर ने बच्चों से ऑनलाइन ही क्लास लेने को कहा है। इसी तरह, बैनरघट्टा रोड पर स्थित एक स्कूल ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है।
सीएम-डिप्टी सीएम के आवासों में भी पानी की किल्लत
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बेंगलुरु के कुमारकृपा रोड स्थित कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के कार्यालय-सह-आवास के अंदर पानी के टैंकर देखे गए हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु के सदाशिवनगर में उनके घर का बोरवेल पहली बार पूरी तरह से सूख गया है, जबकि यह (घर) सदाशिवनगर सैंकी झील के बगल में स्थित है।
शहर में 3 हजार से अधिक बोरवेल सूखे
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि शहर में 3 हजार से अधिक बोरवेल सूख गए हैं, जिनमें उनके घर का बोर भी शामिल है।शिवकुमार ने कहा कि पानी की जरूरत पूरी करने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम सभी टैंकों को अपने कब्जे में ले रहे हैं और उन सोर्सेस की पहचान कर रहे हैं जहां पानी उपलब्ध है। 217 टनल भी ढूंढ लिया गया है। हालांकि शहर को कावेरी से जो पानी सप्लाई हो रहा है, वह जारी है।
राज्य के 236 तालुका में से 223 सूखे की चपेट में
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि राज्य के 236 तालुकों में से 223 सूखे की चपेट में हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 219 बुरी तरह प्रभावित हैं। सरकार ने सूखा प्रभावित इलाकों में पानी के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए प्राइवेट वाटर टैंकर, बोरवेल्स और सिंचाई वाले कुओं को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है।
बारिश की कमी के कारण बिगड़े हालात
वर्ष 2023 में बारिश की कमी के कारण पूरा कर्नाटक, विशेष रूप से बेंगलुरु हाल के वर्षों में जल संकट की सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कम बारिश के लिए अल नीनो प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया है।
20 शहरों में होगा जल संकट – नीति आयोग
गौरतलब है कि बेंगलुरु कोई पहला ऐसा शहर नहीं जहां जल संकट चरम पर पहुंचता जा रहा है। हाल ही में नीति आयोग की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि साल 2030 तक भारत के तरीबन 20 शहरों में भारी जल संकट देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट में जिन शहरों का नाम शामिल है इसमें- दिल्ली, बेंगलुरु, गुजरात का गांधीनगर, गुरुग्राम, इंदौर, अमृतसर, लुधियाना, हैदराबाद, चेन्नई, गाजियाबाद जैसे और भी शहरों का नाम शामिल है।भारत के दक्षिणी राज्य तेलंगाना भी जल संकट की चपेट में आता दिख रहा है। बीते दिनों राज्य के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य में सूखा पड़ने जैसे हालात पैदा होते जा रहे हैं।
Mar 07 2024, 20:14