क्या रूस अपने दोस्त के साथ कर रहा धोखा? यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में एक भारतीय नौजवान की मौत
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क्या रूस भारत के साथ दोस्ती का आड़ में धोखा कर रहा है? क्या नौकरी के नाम पर भारतीय नौजवानों को यूक्रेन के खलाफ युद्ध में उतारा जा रहा है? ये सवाल ऐसे वक्त में उठ रहे हैं जब पिछले 2 सालों से रूस और यूक्रेन की सेना जंग के मैदान में आमने-सामने है। इस बीच खबर आ रही है कि नौकरी का झांसा देकर रूसी सेना में शामिल किए गए एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। मृतक शख्स हैदराबाद का रहने वाला था। उसकी पहचान मोहम्मद अफसान के रूप में हुई है।
रूस में भारतीय की मौत की ख़बर ऐसे समय आई है, जब रूसी सेना में कम से कम 20 भारतीय नागरिकों के फँसने की रिपोर्ट है।29 फ़रवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस ख़बर की पुष्टि की और कहा, लगभग 20 भारतीय मदद के लिए मॉस्को में भारतीय दूतावास पहुंचे और भारत वापस आने के लिए मदद मांगी।भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि रूस की सरकार से बात की जा रही है और इन लोगों को वापस लाने के लिए काम किया जा रहा है।
वहीं, पंजाब और हरियाणा के सात युवाओं ने भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। उनका दावा है कि उन्हें रूस में मिलिट्री सर्विस के लिए धोखे से ले जाया गया इसके बाद यूक्रेन युद्ध में शामिल होने के लिए भेज दिया गया। इन युवकों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें ये सभी एक कमरे में सैनिक वर्दी में दिखाई दे रहे हैं। ये सातों युवक एक कमरे के अंदर खड़े हैं जिसमें एक बंद (और बंद) खिड़की है। छह एक कोने में खड़ें हैं जबकि सातवां - हरियाणा के करनाल का 19 वर्षीय हर्ष - एक वीडियो मैसेज रिकॉर्ड करता है जिसमें वह आपबीती सुनाता है और मदद मांगता है।बताता है कि वे नए साल में रूस घूमने आए थे। एक एजेंट ने उन्हें कई जगहों पर घुमाया। इसके बाद एजेंट ने कहा कि वो बेलारूस ले जाएगा। उन लोगों को नहीं पता था कि बेलारूस घूमने के लिए वीजा लगता है। इसके बाद एजेंट पैसा मांगने लगा। सभी लोगों ने जितने पैसे थे, एजेंट को दे दिए। इसके बाद बाकी पैसे न देने पर एजेंट ने उन भारतीयों को हाईवे पर छोड़ दिया, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़कर रूस की आर्मी को दे दिया।रूस की आर्मी ने धमकी दी कि सभी लोग जॉब करने को लेकर एक कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लें, नहीं तो उन्हें 10 साल की सजा होगी। इसके बाद आर्मी ने सभी से हस्ताक्षर करवा कर ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। तब जाकर भारतीयों को पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है।
इधर, रूस-यूक्रेन सीमा पर डोनेट्स्क क्षेत्र में हवाई हमले में गुजरात के 23 वर्षीय हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया के मारे जाने के बाद हैदराबाद के 30 वर्षीय मोहम्मद अफसान मरने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। रूस स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा था, "हमें भारतीय नागरिक मोहम्मद असफ़ान की दुखद मौत के बारे में पता चला। हम उनके परिवार और रूसी प्रशासन के साथ संपर्क में हैं। हम उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने की कोशिशे करेंगे।"
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफसान को पिछले साल दिसंबर माह में रूस की तरफ से सहायक भूमिका के लिए बुलाया गया था। हालांकि, जब वह वहां पहुंचे तो उन्हें जबरदस्ती रूसी सेना में शामिल कर दिया गया। इसके बाद से वह यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग में लड़ रहे थे।हाल ही में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रूसी सेना में जबरन शामिल किए गए भारतीय युवा को बचाने के लिए गुहार लगाई थी। जिसके बाद मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से उनकी मौत की पुष्टि की गई है।
21 फरवरी को ओवैसी ने मीडिया से कहा था कि कुछ भारतीयों के परिवार उनसे मिले हैं और उनके अपनों के रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन भेजे जाने के बारे में बताया है। ओवैसी ने तब पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से रूसी सरकार से बात करके नौजवानों को वापस देश लाने की अपील की थी। ओवैसी ने दावा किया था कि भारत से दो जत्थों में लोग रूस भेजे गए हैं।
Mar 07 2024, 16:19