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लोकसभा चुनाव का टिकट मिलते ही भाजपा सांसद उपेंद्र सिंह रावत का कथित अश्लील वीडियो वायरल, पुलिस में शिकायत दर्ज, एडिटेड बताया

 उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से सांसद और नवघोषित उम्मीदवार उपेन्द्र सिंह रावत का एक कथित अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कथित अश्लील वीडियो वायरल होने पर सांसद के प्रतिनिधि दिनेश चंद्र रावत ने पुलिस में शिकायत दे दी है. शिकायत में वीडियो को फर्जी और एडिटेड बताते हुए पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच का आग्रह किया गया है.

बता दें कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 195 प्रत्याशियों की अपनी पहली लिस्ट शनिवार को जारी की है. पार्टी ने अपनी पहली सूची में 34 केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया है. वहीं, भाजपा ने बाराबंकी से उपेन्द्र सिंह रावत को उम्मीदवार बनाया है. जैसे ही उपेन्द्र सिंह रावत को बाराबंकी से टिकट दिया गया, एक विदेशी महिला के साथ उनका कथित अश्लील वीडियो वायरल हो गया.

इस मामले में सांसद और उम्मीदवार उपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि ये मेरा वीडियो नहीं है. यह फर्जी वीडियो है, जो AI की मदद से बनाया गया है. इसमें मेरा चेहरा लगा दिया गया है. मुझे बदनाम करने के लिए ये सब किया जा रहा है. उन्होंने कहा की मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. मैंने केस दर्ज करवा दिया है.

आठ मार्च को महाशिवरात्रि पर करें इन 4 चीजों का दान, दूर होगी आर्थिक परेशानियां

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार को बहुत विशेष माना जाता है. महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है. वही इस साल 8 मार्च के दिन महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा. वही महाशिवरात्रि पर इस वर्ष 2024 में सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग आर्थिक लाभ एवं कार्य सिद्धि के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली महाशिवरात्रि पर आप कौन सी वस्तुएं दान कर सकते हैं? 

महाशिवरात्रि पर करें इन 4 चीजों का दान

घी का दान

महाशिवरात्रि के दिन घी लगाने से महादेव प्रसन्न होते हैं. इसके अतिरिक्त इस दिन घी का दान करने से आप संकट से बच सकते हैं. साथ ही यदि आपके घर में किसी प्रकार की परेशानी या नकारात्मक ऊर्जा है तो उसे भी दूर किया जा सकता है.

दूध का दान

महाशिवरात्रि के दिन महादेव का दूध से अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है. जो मनुष्य महाशिवरात्रि के दिन दूध का दान करता है उसकी कुंडली में कमजोर चंद्रमा मजबूत होता है तथा मनुष्य को मानसिक शांति मिलती है.

काले तिल का दान करें

महाशिवरात्रि के दिन काले तिल का दान करें. काले तिल का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं तथा पितृदोष भी दूर होता है. इस दिन काले तिल का दान करने से आपके रुके हुए काम पूरे होने लगते हैं.

वस्त्र दान करें

महाशिवरात्रि के दिन किसी जरूरतमंद मनुष्य को कपड़े दान करने से आपके जीवन में आर्थिक संकट दूर होता है, घर में धन-संपदा बढ़ती है, कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है तथा महादेव की कृपा भी मिलती है.

महादेव का इन चीजों से करें अभिषेक

महाशिवरात्रि के दिन पूजा करते वक़्त शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत ही शुभ होता है.

ऐसा करने से श्रद्धालुओं के जीवन में आने वाली सभी मुश्किलें दूर हो जाती हैं तथा महादेव की कृपा बनी रहती है.

शिवरात्रि के दिन दही हांडी से महादेव का रुद्राभिषेक करने से आर्थिक क्षेत्र की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं.

गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं तथा जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है.

महादेव का अभिषेक करते समय ‘ओम पार्वतीपतये नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें, ऐसा करने से जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं रहेगी.

सनातन धर्म पर विवादित बयान मामले में उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, दी ये हिदायत

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देते हुए इसकी तुलना डेंगू मलेरिया से की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज हुए। इन सभी मुकदमों के एक साथ जोड़ने की मांग को लेकर उदयनिधि स्टालिन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। जहां सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन से पूछा, 'आपने 19(1) ए और 25 के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है, आप जानते हैं कि आपने क्या कहा है ? आपको उसके परिणामों का एहसास होना चाहिए था, आप एक मंत्री हैं कोई आम आदमी नहीं।'

सनातन धर्म के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले उदयनिधि स्टालिन की याचिका मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने सोमवार को सुनवाई की। उदयनिधि ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ देशभर के विभिन्न हिस्सों में दर्ज मुकदमों को क्लब करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में स्टालिन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बैंगलोर, उत्तर प्रदेश, बिहार और जम्मू में मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसके एक साथ मिला देना चाहिए।

उदयनिधि की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दत्ता ने बेहद सख्त टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, ‘आपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्म के प्रचार-प्रसार की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग किया है और अब आप अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट से राहत मांग रहे हैं?’ 

कोर्ट ने स्टालिन के वकील से पूछा कि आप इस मामले को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए हैं?

उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था 

2 सितंबर 2023 को उदयनिधि स्टालिन ने 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से सनातन धर्म की तुलना की थी। उन्होंने कहा था कि इसके विरोध की नहीं बल्कि सफाये की जरूरत है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, इन्हें सिर्फ समाप्त किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छड़ों, मलेरिया और कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे समाप्त करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना होगा।

पीएम बनते ही शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ उगला जहर, फिर अलापा कश्मीर राग

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शहबाज शरीफ आज यानी सोमवार (4 मार्च) को दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी सोमवार दोपहर बाद तीन बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान शहबाज शरीऱफ को पीएम पद की शपथ दिलाएंगे। प्रधानमंत्री बनते ही शहबाज ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पीएम बनते ही ने शहबाज भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर चुके हैं और उन्होंने अपने पहले संबोधन में ही कश्मीर राग अलापा है।

शहबाज शरीफ ने अपने पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और इसकी तुलना फिलिस्तीन से की। शहबाज ने नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान किया। शहबाज शरीफ ने जम्मू कश्मीर को लेकर कई दावे किए। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में कश्मीरियों के खून बहाए जा रहे हैं और वादी खून से सुर्ख हो गई है।' शरीफ ने इंटरनेशनल कम्युनिटी पर हमला बोलते हुए कहा, 'लेकिन फिर भी दुनिया के होंठ सिले हुए हैं।' शहबाज ने विपक्षी सांसदों से 'फिलिस्तीन और कश्मीर की आजादी' के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील भी की. जिसमें फिलिस्तीन और कश्मीर में 'जुल्म' के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने का जिक्र हुआ।

पीएम पद के लिए रविवार को हुई थी वोटिंग

बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए हुए पिछले महीने हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन पीएम पद किसके पास रहेगा इसे लेकर भी तनातनी बनी रही। उसके बाद रविवार यानी 3 मार्च को दोनों पार्टियों के बीच पीएम पद के लिए वोटिंग हुई।

जिसमें पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता शहबाज शरीफ ने जीत हासिल की. अब शरीब पाकिस्तान की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे. पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संयुक्त उम्मीदवार शहबाज शरीफ (72) को 336 सदस्यीय सदन में 201 वोट मिले थे। जो सदन का नेता बनने के लिए जरूरी मतों से 32 अधिक हैं। वहीं जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उनके प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान को 92 मत ही प्राप्त हुए।

वोट के बदले नोट मामले में सांसदों-विधायकों को नहीं मिलेगी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1998 का फैसला

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सांसदों और विधायकों को विधायिका में भाषण देने या वोट डालने के लिए रिश्वत लेने पर कानूनी संरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के पीवी नरसिम्हा राव मामले के फैसले को खारिज कर दिया है और कहा है कि सांसदों और विधायकों को रिश्वत के बदले विधायिका में वोट देने पर कानूनी कार्रवाई से छूट नहीं है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने फैसला सुनाया। सात जजों ने सहमति से यह फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस छूट पर अपनी असहमति जताई है और साल 1998 में दिए अपने पिछले फैसले को पलट दिया है।सात जजों की संविधान पीठ ने जेएमएम घूसखोरी मामले में पांच जजों की पीठ के फैसले पर पुनर्विचार किया। झारखंड की विधायक सीता सोरेन पर साल 2012 में राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। इस मामले में उनके खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है। इन आरोपों पर अपने बचाव में सीता सोरेन ने तर्क दिया था कि उन्हें सदन में कुछ भी कहने या किसी को भी वोट देने का अधिकार है और संविधान के अनुच्छेद 194(2) के तहत उन्हें विशेषाधिकार हासिल है। जिसके तहत इन चीजों के लिए उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। इस तर्क के आधार पर सीता सोरेन ने अपने खिलाफ चल रहे मामले को रद्द करने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के घूसकांड पर 1998 में दिए पांच जजों की संविधान पीठ के एक फैसले की सात जजों की पीठ द्वारा समीक्षा करने का फैसला किया। समीक्षा इस बात की की जा रही है कि सदन में बोलने और नोट के बदले वोट के मामले में सांसदों-विधायकों को आपराधिक मुकदमों से छूट जारी रहेगी या नहीं?

संविधान पीठ ने 1998 के झामुमो रिश्वतकांड पर दिए अपने फैसले पर पुनर्विचार के संबंध में सुनवाई पूरी कर बीते साल 5 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अक्तूबर में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिश्वत के बदले वोट के मामले में मिले विशेषाधिकार का विरोध किया था। सरकार ने भी अपनी दलील में कहा था कि रिश्वतखोरी कभी भी मुकदमे से छूट का विषय नहीं हो सकती। संसदीय विशेषाधिकार का मतलब किसी सांसद-विधेयक को कानून से ऊपर रखना नहीं है।  

सीजेआई ने कहा, 'नरसिम्‍हा राव फैसले की व्‍याख्‍या अनुच्‍छेद 105/194 के उलट है।' उन्‍होंने कहा, 'हमारा मानना है कि रिश्वतखोरी संसदीय विशेषाधिकारों द्वारा संरक्षित नहीं है।' सीजेआई ने कहा कि 'सांसदों-विधायकों के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से भारतीय संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली नष्ट होती है।'

एनआईए को सौंपी गई बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट की जांच, गृह मंत्रालय ने लिया फैसला

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गृह मंत्रालय ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंप दी है। यह धमाका 1 मार्च को बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके के कैफे में हुआ था। जहां 10 लोग घायल हो गए थे। इस घटना का आरोपी सीसीटीवी फुटेज में दिखा था। जिसने टोपी और मास्क लगा रखा था।मामले में दावा किया जा रहा है कि इसी शख्स ने रामेश्वरम कैफे में बैग रखा गया था, जिसके कुछ देर बाद जोरदार धमाका हुआ। 

एनआईए ने मामले को फिर से दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। बता दें, यह फैसला पिछले सप्ताह एनआईए की एक टीम के विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद लिया गया है।बंगलूरू पुलिस ने कैफे में विस्फोट के संबंध में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। यह धमाका शुक्रवार दोपहर एक बजे हुआ था।

1 मार्च को हुए धमाके के बाद बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे के बाहर के सीसीटीवी फुटेज में एक सफेद रंग की टोपी पहने और कंधे पर बैग टांगे एक संदिग्ध शख्स कैद हुआ है। पुलिस को शक है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे इसी शख्स ने कैफे के अंदर आगर बैग को प्लांट किया था। जिसके बाद ही यह धमाका हुआ है। पुलिस की जांच में पता चला है कि संदिग्ध आरोपी रामेश्वरम कैफे में सबुह 11.30 बजे दाखिल हुआ। इसके बाद उसने 11.38 पर रवा इडली का ऑर्डर दिया। इसके बाद वह रवा इडली खाने के बाद 11.44 पर हाथ धोने के लिए वॉश बेसिन की तरफ गया। इसी दौरान उसने आईईडी वाला बैग रख दिया। 11.45 पर संदिग्ध आरोपी कैफे से बाहर निकल गया। इसके बाद दोपहर 12.56 बजे धमाका हुआ।

ईडी के सामने आज भी नहीं पेश होंगे केजरीवाल, आठवें समन की भी अनदेखी, पर जवाब देने के लिए रख ये शर्त

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अनदेखी कर रहे हैं। कथित शराब घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ने आज पेशी के लिए बुलाया था। सीएम केजरीवाल ने आज भी पेशी पर जाने से इनकार कर दिया है। यह आठवीं बार है, जब केजरीवाल समन पर एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। हालांकि, वे पूछताछ के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन पर जवाब भेजा है। उन्होंने कहा है कि यह समन गैरकानूनी है। लेकिन मैं आपके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं। अरविंद केजरीवाल ने ईडी से 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईडी की जांच में शामिल होंगे। 

दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं और इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। बीती 27 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आठवां समन भेजा था। इससे पहले 22 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था। लेकिन केजरीवाल सातवें समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 14 फरवरी और 22 फरवरी को भी ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी।

इससे पहले सीएम केजरीवाल ने ईडी के समन को गैर जरूरी बताते हुए कहा था कि अगर कोर्ट इस संबंध में आदेश देगी, तभी वो ईडी के सामने पेश होंगे। केजरीवाल के पेश नहीं होने को लेकर ईडी ने कोर्ट का भी रुख किया है और कोर्ट ने मुख्यमंत्री को 16 मार्च को अपनी कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में अपनी व्यस्तता के कारण व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थता जाहिर करते हुए कोर्ट की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था।

नशीले पदार्थों पर बढ़ा लोगों का खर्चा, पढ़ाई पर घटा, सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

डेस्क: पिछले 10 साल में पान, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों पर खर्च बढ़ा है और लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा ऐसे उत्पादों पर खर्च कर रहे हैं। एक सरकारी सर्वे में यह बात कही गई। पिछले सप्ताह जारी घरेलू उपभोग व्यय सर्वे 2022-23 से पता चलता है कि कुल घरेलू खर्च के एक हिस्से के रूप में पान, तंबाकू और नशीले पदार्थों पर खर्च ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में बढ़ गया है। आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में इन मदों पर खर्च 2011-12 के 3.21 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 3.79 प्रतिशत हो गया है।

एजुकेशन के खर्च में आई गिरावट

इसी तरह, शहरी क्षेत्रों में खर्च 2011-12 के 1.61 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 2.43 प्रतिशत हो गया। शहरी क्षेत्रों में शिक्षा पर खर्च का अनुपात 2011-12 के 6.90 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.78 प्रतिशत रह गया। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 2011-12 के 3.49 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.30 प्रतिशत रह गया।

प्रोसेस्ड फूड पर बढ़ा खर्चा

सर्वे में यह भी कहा गया कि शहरी क्षेत्रों में पेय पदार्थों और प्रोसेस्ड फूड पर खर्च 2011-12 के 8.98 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 10.64 प्रतिशत हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 2011-12 के 7.90 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 9.62 प्रतिशत हो गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) ने अगस्त, 2022 से जुलाई, 2023 तक घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES) किया। घरेलू उपभोग व्यय से संबंधित इस सर्वे का मकसद प्रत्येक परिवार के मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (MPEC) के बारे में जानकारी हासिल करना है। इसके तहत देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों व विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के लिए अलग-अलग रुझानों का पता लगाया जाता है।

पाकिस्तान को मिला नया प्रधानमंत्री, शहबाज शरीफ के हाथ दूसरी बार आई कमान

डेस्क: पाकिस्तान के नवनिर्वाचित संसद में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने आसानी से बहुमत हासिल कर लिया है। दोनों पार्टियों ने सर्वसम्मति से शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार चुन लिया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब शहबाज शरीफ को गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री चुना गया है। पाकिस्तान में आम चुनाव होने से पहले उनके भाई नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने नवाज के सामने ऐसी शर्त रख दी कि शहबाज को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल गया। 

बता दें कि शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। अब वह लगातार दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए हैं। 72 वर्षीय शहबाज़, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुने गए हैं। उन्हें 336 सदस्यीय सदन में 201 वोट हासिल हुए हैं। 

पीटीआई नेता को मिले सिर्फ 92 वोट

शहबाज के प्रतिद्वंद्वी और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ने भी अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की ओर से उमर अयूब खान को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उन्हें 336 सदस्यीय सदन में सिर्फ 92 वोट ही मिल सके। जबकि पीटीआई के निर्दलीय समर्थकों ने 93 सीटें जीती हैं। पाकिस्तान में नई संसद का सत्र बुलाए जाने के बाद पीटीआई समर्थित सांसदों ने खूब हंगामा किया। 

इन सबके बीच शहबाज को पीएम पद का उम्मीदवार चुना गया। अब शहबाज शरीफ को सोमवार को राष्ट्रपति भवन ऐवान-ए-सद्र में प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। पाकिस्तान में आम चुनाव कराने के लिए संसद भंग होने से पहले शहबाज़ ने अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक गठबंधन सरकार के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया था।

*"जब तक चीन नहीं करेगा ये काम...तब तक शांति की कोई गुंजाइश नहीं", LAC विवाद पर बोले जयशंकर*


डेस्क: भारत-चीन के बीच वर्ष 2020 से ही तनाव चरम पर बना हुआ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति के लिए दोनों देशों के बीच हुई 20 से अधिक सैन्य वार्ताएं भी विफल रही हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव पीक पर है। इस बीच विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी सैन्य गतिरोध को लेकर बड़ा बयान दिया। जयशंकर ने शनिवार को कहा कि चीन को सीमा प्रबंधन समझौतों का पालन करना चाहिए और भारत-चीन संबंधों में सुधार के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति का माहौल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक चीन इस समझौते का पालन नही करता, तब तक सीमा पर शांति संभव नहीं है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ‘थिंकटैंक’ के संवाद सत्र में कहा कि मोदी सरकार सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों में संतुलन होना चाहिए। जयशंकर ने चीन से निपटने को लेकर एक व्यापक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भारत ने अतीत में अंतरराष्ट्रीय संबंधों का उतना प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं किया, जितना वह कर सकता था। मगर अब मौजूदा सरकार इसमें कोई कोताही नहीं कर रही। विदेश मंत्री ने चीन से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों समेत विभिन्न क्षेत्रों में एक मजबूत देश बनने की भारत की आवश्यकता को रेखांकित किया।

चीन को करना होगा समझौते का पालन

भारत-चीन के बीच गलवान घाटी हिंसा के बाद से तनाव चरम पर है। इस बीच दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य वार्ताएं हुई और दोनों पक्षों ने सीमा पर सैनिकों के जमावड़े को कम किया। बावजूद स्थाई शांतिके लिए अब तक कोई समाधान नहीं खोजा जा सका है। जयशंकर ने कहा, “एक संतुलन होना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति होनी चाहिए, जो समझौते हुए हैं उनका पालन करना होगा।”(भाषा)