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मध्यप्रदेश फिर बना 'लेपर्ड स्टेट', 3907 हुआ तेंदुओं का आंकड़ा, यहां जानिए, किस राज्य में कितनी है संख्या

मध्य प्रदेश एक बार फिर तेंदुआ स्टेट बना है। गुरुवार को जारी गिनती में मध्यप्रदेश में 3907 तेंदुए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां पर 1985 तेंदुए मिले हैं। जबकि देश भर में 13874 तेंदुए पाए गए हैं। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज जारी किए आंकड़ों में मध्यप्रदेश में तेंदुओं की जनसंख्या रफ़्तार से बढ़ी है। 2018 में 3421 से बढ़कर 2022 में 3907 तेंदुओं का आंकड़ा दर्ज किया गया है। तत्पश्चात, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में भी तेंदुओं की अच्छी जनसंख्या है। महाराष्ट्र में 2022 में 1985 तेंदुओं की जनसंख्या हो गई है, जो कि 2018 में 1690 थी। कर्नाटक में भी तेंदुओं की जनसंख्या बढ़ी है, जहां 2022 में 1879 एवं 2018 में 1783 तेंदुआ हैं। तमिलनाडु में भी 2022 में 1070 एवं 2018 में 868 तेंदुओं की जनसंख्या दर्ज की गई है।

श्रीशैलम और पन्ना—सतपुड़ा सबसे बेहतर जंगल

तेंदुओं के संरक्षित क्षेत्रों में से एक है नगरजुनसागर श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश) के जंगल हैं, यहां पर तेंदुओं की अधिकतम जनसंख्या है, जो कि देश के अन्य इलाकों से ज्यादा है। तत्पश्चात, मध्य प्रदेश के पन्ना एवं सतपुड़ा क्षेत्र भी तेंदुओं के लिए सबसे सुरक्षित एवं बेहतर स्थान बनकर उभरे हैं।

 

5 वर्षों में मध्यप्रदेश में लेपर्ड

2017: 3100

2018: 3421

2019: 3650

2020: 3800

2022: 3907

राज्यवार लेपर्ड की संख्या

कर्नाटक— 1879

उत्तर प्रदेश — 371

उड़ीसा — 568

केरल — 570

महाराष्ट्र — 1985

तमिलनाडु— 1070

राजस्थान — 721

आंध्र प्रदेश — 569

गोवा— 77

झारखंड — 51

अरुणाचल— 42

बिहार — 86

तेलंगाना — 297

आसाम — 74

उत्तराखंड — 652

छत्तीसगढ़ — 652

क्षेत्रवार लेपर्ड

सेंट्रल इंडिया — 8820

शिवालिक — 1109

वेस्टर्न घाट— 3956

नार्थ बंगाल— 233

आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सजा माफ करने की याचिका खारिज

#asaram_did_not_get_relief_from_supreme_court

रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू को एक बार फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट से भी आशाराम को राहत नहीं मिली।शीर्ष न्यायालय ने स्वास्थ्य आधार पर दुष्कर्म मामले में सजा निलंबित करने की आसाराम बापू की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।वहीं आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के अस्पताल में इलाज कराने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का रुख करने के लिए कहा है।

आसाराम ने खराब सेहत का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत से मिली उम्रकैद की सजा के खिलाफ आसाराम की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट तेजी से सुनवाई करे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इलाज को लेकर राहत के लिए वे राजस्थान हाईकोर्ट में अर्जी दें।न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आसाराम बापू की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 

दरअसल, हाईकोर्ट ने सजा के निलंबन के लिए उनके चौथे आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अगर आसाराम को पुलिस हिरासत के बजाय अपनी मर्जी से इलाज कराने की अनुमति दी गई तो कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता की फैन फॉलोइंग को देखते हुए, हमारा विचार है कि उन्हें पुलिस हिरासत में ही अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी जाए। राजस्थान हाई कोर्ट ने आशाराम को वर्ष 2022 में जमानत देने से मना किया था। राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद आसाराम के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। 

आसाराम 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के अन्य मामले में वर्तमान में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। अहमदाबाद के पास मोटेरा स्थित अपने आश्रम में 2001 से 2007 तक सूरत की रहने वाली एक शिष्या से कई बार बलात्कार करने के मामले में गांधीनगर की अदालत ने आसाराम को सजा सुनाई है।

बीजेपी की पहली लिस्ट फाइनल, जानें, किसे कहां से मिल सकता है टिकट

#bjpfirstlistmpcandidateswhogot_ticket

आने वाले कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना है।इससे पहले केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में लगी बीजेपी ने अपने लोकसभा उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए कड़ी मशक्कत की है।बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुरूवार रात मैराथन बैठक पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर दिया है।सूत्रों की मानें तो बीजेपी उम्‍मीदवारों की पहली लिस्‍ट में कई बड़े नाम शामिल हैं, जिनकी सीटें भी तय हो गई हैं। लोकसभा चुनाव में इस बार 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कभी भी आ सकती हैं।किसका टिकट कटने वाला है, किसकी लॉटरी लगने वाली है, इसका पता किसी भी वक्त चल जाएगा। माना जा रहा है कि बीजेपी इस चुनाव में बड़ा सरप्राइज से सकती है। बीजेपी की इस पहली सूची से पहले सूत्रों के हवाले से कई जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी समेत कुछ बड़े नामों का भी ऐलान पहली लिस्ट में ही हो सकता है। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम का भी ऐलान हो सकता है।

60-70 मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं!

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन सांसदों का प्रदर्शन ठीक नहीं रही है उनका टिकट बिना किसी झिझक के काट दिया जाएगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि हर सीट पर कमल लड़ रहा है। कम से कम 60-70 मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं।सूत्रों के मुताबिक, तीन बार जीत चुके और उम्रदराज कई सांसदों की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। हालांकि ज्यादा ओबीसी सांसदों के टिकट नहीं काटे जाएंगे। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के 303 में से 85 ओबीसी सांसद जीत कर आए थे।

यूपी में सहयोगी दलों के लिए आधा दर्जन सीटें तय!

सूत्रों की मानें तो समिति की बैठक में पहली लिस्ट को लेकर जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक यूपी में भाजपा सहयोगी दलों के लिए आधा दर्जन सीटें छोड़ सकती हैं। उत्तर प्रदेश में आरएलडी, अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी के लिए बीजेपी 6 लोकसभा सीटें छोड़ेगी। आरएलडी के लिए 2 लोकसभा सीटें, अपना दल के लिए 2 लोकसभा सीटें, सुभासपा और निषाद पार्टी के लिए 1-1 लोकसभा सीटें बीजेपी छोड़ने पर सहमति बनी है। वाराणसी सहित क़रीब 56 लोकसभा सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतरने जा रही है। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उम्मीदवार होगें।

इन्हें मिल रहा टिकट!

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव समिति में तेलंगाना पर भी काफी चर्चा हुई। तीन सिटिंग सांसदों को इस बार फिर दोबारा टिकट दिए जाने की संभावना है। पहली सूची में तेलंगाना से 4-5 नामों के घोषणा की उम्मीद है। माना जा रहा है कि जी किशन रेड्डी, बंडी संजय कुमार, अरविन्द धर्मपुरी को दोबारा टिकट मिल सकता है। वहीं, पश्चिम बंगाल में आधे से ज्यादा निवर्तमान सांसदों को टिकट मिल सकता है। इसमें जगन्नाथ सरकार, लॉकेट चटर्जी, दिलीप घोष, सुकांतो मजुमदार प्रमुख हैं। भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो सर्बानंद सोनोवाल, असम के डिब्रूगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। लखनऊ सीट से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव लड़ सकते हैं. गृहमंत्री अमित शाह को गुजरात की गांधी नगर सीट मिलने जा रही है। यूपी की आगरा से एसपीएस बघेल को फिर से लोकसभा का टिकट मिलने जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपनी को लोकसभा लड़ाया जा सकता है। मनोज तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली से फिर लोकसभा टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यूपी की कन्नौज से सुब्रत पाठक फिर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। तिरुवनंतपुरम ग्रामीण से मुरलीधरन चुनाव लड़ेंगे। पश्चिम बंगाल के बालुरघाट से सुकान्त मजूमदार को टिकट मिलने जा रहा है।गोरखपुर से रवि किशन को फिर से टिकट मिल रही है। ओडिशा के पुरी से संबित पात्रा, पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर सीट से दिलीप घोष, 

शिवराज सिंह चौहान को भोपाल से सीट ऑफर!

सूत्रों की मानें तो मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भोपाल से सीट ऑफर की गई, उन्‍होंने अपने गृह ज़िले विदिशा से लड़ने की इच्‍छा जाहिर की है।वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर से चुनाव लड़ने की उम्मीद है. इतना ही नहीं, एमपी से कुछ विधायकों को भी टिकट दिया जा सकता है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष रविंद्र रैना को राजौरी-अनंतनाग सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लग सकता है झटका!

भोपाल लोकसभा सीट से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट कटने की सुगबुगाहट हो रही है। दरअसल, प्रज्ञा सिंह ठाकुर लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण की वोटिंग के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने को लेकर विवादों में घिर गई थीं। इस विवाद पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भले ही उन्होंने (प्रज्ञा सिंह ठाकुर) बयान पर माफी मांग ली हो, लेकिन मैं उन्हें कभी दिल से माफ नहीं कर पाऊंगा।

दिल्ली में इनका कट सकता है टिकट

वहीं, दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के टिकट कटने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर का टिकट कटने की भी संभावना जताई जा रही है। ऐसा ही अनुमान मीनाक्षी लेखी को लेकर भी लगाया जा रहा है। वहीं, मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी की टिकट फाइनल मानी जा रही है।

बीजेपी की पहली लिस्ट फाइनल, जानें, किसे कहां से मिल सकता है टिकट

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आने वाले कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना है।इससे पहले केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में लगी बीजेपी ने अपने लोकसभा उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए कड़ी मशक्कत की है।बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुरूवार रात मैराथन बैठक पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर दिया है।सूत्रों की मानें तो बीजेपी उम्‍मीदवारों की पहली लिस्‍ट में कई बड़े नाम शामिल हैं, जिनकी सीटें भी तय हो गई हैं। लोकसभा चुनाव में इस बार 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कभी भी आ सकती हैं।किसका टिकट कटने वाला है, किसकी लॉटरी लगने वाली है, इसका पता किसी भी वक्त चल जाएगा। माना जा रहा है कि बीजेपी इस चुनाव में बड़ा सरप्राइज से सकती है। बीजेपी की इस पहली सूची से पहले सूत्रों के हवाले से कई जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी समेत कुछ बड़े नामों का भी ऐलान पहली लिस्ट में ही हो सकता है। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम का भी ऐलान हो सकता है।

60-70 मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं!

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन सांसदों का प्रदर्शन ठीक नहीं रही है उनका टिकट बिना किसी झिझक के काट दिया जाएगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि हर सीट पर कमल लड़ रहा है। कम से कम 60-70 मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं।सूत्रों के मुताबिक, तीन बार जीत चुके और उम्रदराज कई सांसदों की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। हालांकि ज्यादा ओबीसी सांसदों के टिकट नहीं काटे जाएंगे। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के 303 में से 85 ओबीसी सांसद जीत कर आए थे।

यूपी में सहयोगी दलों के लिए आधा दर्जन सीटें तय!

सूत्रों की मानें तो समिति की बैठक में पहली लिस्ट को लेकर जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक यूपी में भाजपा सहयोगी दलों के लिए आधा दर्जन सीटें छोड़ सकती हैं। उत्तर प्रदेश में आरएलडी, अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी के लिए बीजेपी 6 लोकसभा सीटें छोड़ेगी। आरएलडी के लिए 2 लोकसभा सीटें, अपना दल के लिए 2 लोकसभा सीटें, सुभासपा और निषाद पार्टी के लिए 1-1 लोकसभा सीटें बीजेपी छोड़ने पर सहमति बनी है। वाराणसी सहित क़रीब 56 लोकसभा सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतरने जा रही है। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उम्मीदवार होगें।

इन्हें मिल रहा टिकट!

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव समिति में तेलंगाना पर भी काफी चर्चा हुई। तीन सिटिंग सांसदों को इस बार फिर दोबारा टिकट दिए जाने की संभावना है। पहली सूची में तेलंगाना से 4-5 नामों के घोषणा की उम्मीद है। माना जा रहा है कि जी किशन रेड्डी, बंडी संजय कुमार, अरविन्द धर्मपुरी को दोबारा टिकट मिल सकता है। वहीं, पश्चिम बंगाल में आधे से ज्यादा निवर्तमान सांसदों को टिकट मिल सकता है। इसमें जगन्नाथ सरकार, लॉकेट चटर्जी, दिलीप घोष, सुकांतो मजुमदार प्रमुख हैं। भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो सर्बानंद सोनोवाल, असम के डिब्रूगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। लखनऊ सीट से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव लड़ सकते हैं. गृहमंत्री अमित शाह को गुजरात की गांधी नगर सीट मिलने जा रही है। यूपी की आगरा से एसपीएस बघेल को फिर से लोकसभा का टिकट मिलने जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपनी को लोकसभा लड़ाया जा सकता है। मनोज तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली से फिर लोकसभा टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यूपी की कन्नौज से सुब्रत पाठक फिर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। तिरुवनंतपुरम ग्रामीण से मुरलीधरन चुनाव लड़ेंगे। पश्चिम बंगाल के बालुरघाट से सुकान्त मजूमदार को टिकट मिलने जा रहा है।गोरखपुर से रवि किशन को फिर से टिकट मिल रही है। ओडिशा के पुरी से संबित पात्रा, पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर सीट से दिलीप घोष, 

शिवराज सिंह चौहान को भोपाल से सीट ऑफर!

सूत्रों की मानें तो मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भोपाल से सीट ऑफर की गई, उन्‍होंने अपने गृह ज़िले विदिशा से लड़ने की इच्‍छा जाहिर की है।वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर से चुनाव लड़ने की उम्मीद है. इतना ही नहीं, एमपी से कुछ विधायकों को भी टिकट दिया जा सकता है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष रविंद्र रैना को राजौरी-अनंतनाग सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लग सकता है झटका!

भोपाल लोकसभा सीट से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट कटने की सुगबुगाहट हो रही है। दरअसल, प्रज्ञा सिंह ठाकुर लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण की वोटिंग के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने को लेकर विवादों में घिर गई थीं। इस विवाद पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भले ही उन्होंने (प्रज्ञा सिंह ठाकुर) बयान पर माफी मांग ली हो, लेकिन मैं उन्हें कभी दिल से माफ नहीं कर पाऊंगा।

दिल्ली में इनका कट सकता है टिकट

वहीं, दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के टिकट कटने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर का टिकट कटने की भी संभावना जताई जा रही है। ऐसा ही अनुमान मीनाक्षी लेखी को लेकर भी लगाया जा रहा है। वहीं, मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी की टिकट फाइनल मानी जा रही है।

क्या चल रहा है शरद पवार के मन में? एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस और भतीजे अजित को खाने पर घर बुलाया

#sharad_pawar_invited_maharashtra_cm_eknath_shinde_deputy_cms_devendra_fadnavis_ajit_pawar

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अपने भतीजे अजीत पवार अपने घर खाने पर बुलाया है। शरद पवार ने सीएम और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को 2 मार्च को बारामती स्थित अपने मोहनबाग स्थित आवास पर खाने के लिए आमंत्रित किया है।शरद पवार का सीएम एकनाथ शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और भतीजे अजित पवार को ये निमंत्रण उनके द्वारा बनाई गई पार्टी एनसीपी में विभाजन और उनके भतीजे अजीत पवार के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच मिला है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में कोई खिचड़ी पक रही है?

शरद पवार ने इसको लेकर सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी भेजी है। शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भेजे पत्र में कहा, ''आप सरकारी यात्रा के लिए शनिवार, 2 मार्च को बारामती आ रहे हैं। उस दिन महारोजगार मेला विद्या प्रतिष्ठान, विद्यानगरी, बारामती के मैदान में आयोजित किया जा रहा है। विद्या प्रतिष्ठान का मैं संस्थापक अध्यक्ष हूं, संगठन के अध्यक्ष के रूप में मैं संगठन के परिसर में आपका स्वागत करना चाहता हूं।''

उन्होंने आगे लिखा है, "मुझे बहुत खुशी है कि आप मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद सबसे पहले बारामती शहर आ रहे हैं। मैंने आपको बारामती में अपने आवास 'गोविंदबाग' में आतिथ्य का आनंद लेने के लिए पहले ही फोन पर आमंत्रित किया है। कृपया नमो महारोजगार मेले के बाद कैबिनेट के अन्य साथियों के साथ आएं। मुझे आशा है कि आप निमंत्रण सहृदयतापूर्वक स्वीकार करेंगे।"

भले ही शरद पवार ने सीएम समेत दोनों डिप्टी सीएम को अपने घर पर आने का न्योता दिया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि शरद पवार को उनकी ओर से संचालित प्रतिष्ठित संस्थान, विद्या प्रतिष्ठान में होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। हालांकि उनकी बेटी और एनसीपी-एसपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले और दो अन्य सांसद, वंदना चव्हाण और डॉ. अमोल कोल्हे और अलग-अलग दलों के अन्य प्रमुख नेताओं का नाम निमंत्रण सूची में है।गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने अफसोसजनक लहजे में कहा कि उन्हें और उनके सहयोगी चव्हाण को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके पिता शरद पवार का नाम हटा दिया गया था, हालांकि वह उस संस्थान के प्रमुख हैं, जहां मेगा-इवेंट आयोजित किया जा रहा है।

शरद पवार ने ये चिट्ठी ऐसे समय में भेजी है जब अजित पवार ने बारामती सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने का एलान किया है। बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रियु सुले सांसद हैं। 2019 में सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की थी। अजित पवार सुप्रिया सुले के चचेरे भाई हैं। बारामती सीट से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का उम्मीदवार बनना लगभग तय माना जा रहा है, बस औपचारिक एलान बाकी है।

जेएनयू में “जंग”, लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच चले लाठी-डंडे, जानें वजह

#jnu_clash_fight_between_abvp_and_left_backed_student_groups 

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर “अखाड़ा” बना।जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में आधी रात में लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच मारपीट हो गई। लेफ्ट संगठनों का आरोप है कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की है। उन्हें लाठी-रॉड से पीटा गया है। वहीं एबीवीपी ने भी लेफ्ट के कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। 

29 फरवरी और 1 मार्च की रात को स्कूल आफ लैंग्वेज में रात्रि जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच में जमकर खूनी झड़प हुआ है। कहीं लात घुसे चले तो किसी ने लाठी डंडे चलाए। पूरी रात दोनों दल के छात्रों के बीच हिंसा की स्थिति बनी रही। दोनों ही छात्र दल एक दूसरे पर हिंसा करने का आरोप लगा रहे हैं। लेफ्ट विंग छात्र इस पूरे मामले को एबीवीपी छात्रों की गुंडागर्दी बता रहे हैं। वही राइट विंग छात्र कैंपस में इसे नक्सली अटैक बोल रहे हैं।

बताया जा रहा है कि जेएनयू कैंपस के अंदर चुनाव की इलेक्शन कमिटी के मेंबर चुनने के लिेए जनरल बॉडी मीटिंग चल रही है। किसी बात को लेकर अचानक कहासुनी हुई। इसके बाद लेफ्ट और एबीवीपी के कार्यकर्ता आपस में मारपीट करने लगे। दोनों और से एक-दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए गए हैं। 

इस घटना के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दोनों गुट के छात्र एकदूसरे पर हमला कर रहे हैं। एक को तो कंधे पर साइकल उठाकर मारते हुए देखा गया है। कुछ स्टूडेंट्स जख्मी भी हुए हैं।

एबीवीपी और लेफ्ट समर्थित समूहों दोनों के छात्रों ने एक-दूसरे के खिलाफ वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें दोनों तरफ से शिकायत मिली है। हम शिकायतों की जांच कर रहे हैं। पुलिस को तीन लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। घायलों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना के बाद कुलपति ने कहा कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव छात्रों द्वारा आयोजित किए जाते हैं। यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि यह एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया हो। इंटर-हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (IHA) चुनाव के संचालन की देखरेख करता है। छात्र संगठन की किसी भी शिकायत पर आईएचए द्वारा गौर किया जाएगा। दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ उनकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पीएम मोदी के साथ रातभर चली मैराथन बैठक, सुबह साढ़े-तीन बजे तक लोकसभा उम्मीदवारों पर चर्चा

#bjp_midnight_meeting_to_pick_candidates_for_lok_sabha_election 

लोकसभा चुनाव करीब आते ही बीजेपी जोर शोर से तैयारियों में जुट गई है। बुधवार देर रात तक चली बैठक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में आखिरकार उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लग ही गई, अब सिर्फ प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होनी बाकी है। माना जा रहा है कि आज या कल में बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है।

लोकसभा चुनाव को लेकर गुरुवार देर रात बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की अहम बैठक हुई। नई दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर में आयोजित इस अहम बैठक में पीएम मोदी की मौजूदगी में उम्मीदवारों के नामों को फाइनल करने को लेकर करीब सवा चार घंट तक मंथन हुआ। केंद्रीय चुनाव समिति की मौजूदगी में पीएम मोदी ने रात भर एक-एक उम्मीदवारों के नाम को फाइनल किया। पीएम मोदी के साथ इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। पीएम की मौजूदगी में यह बैठक रात 10:50 बजे शुरू हुई और सुबह 3.15 बजे तक चली।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीईसी की बैठक में 16 राज्यों के कई उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लग गई है। सबसे पहले देश की सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों पर मंथन हुआ। इस बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। केंद्रीय चुनाव समिति ने यूपी के उम्मीदवारों पर करीब 25 मिनट तक चर्चा की। यूपी के बाद अब पश्चिम बंगाल के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, सभी 42 सीटों पर चर्चा हुई है। इसके बाद बैठक में छत्तीसगढ़ की सभी लोकसभा सीटों पर चर्चा हुई।

सीईसी की बैठक में तेलंगाना के उम्मीदवारों पर भी मंथन हुआ। खबर है कि बीजेपी तीन सिटिंग सांसदों को इस बार दोबारा टिकट दे सकती है। इसके बाद पश्चिम बंगाल और केरल की सभी सीटों पर हुई चर्चा। आज इनमें से 5-6 सीटों के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान संभव है। राजस्थान की भी सीटों पर चर्चा हुई। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और दोनों डिप्टी सीएम मौजूद रहे। जम्मू कश्मीर में केवल जम्मू रीजन के सीटों पर चर्चा हुई। प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना के चुनाव लड़ने पर चर्चा हुई। राजौरी अनंतनाग सीट से रैना चुनाव लड़ सकते हैं।

राजधानी पटनावासियों को जाम से मिलेगी निजात, यातायात में सुधार को 209 पद मंजूर

डेस्क : राजधानी पटना में प्रतिदिन लगने वाले जाम से लोग बेहाल है। आलम यह होता है कि राजधानी के प्रमुख सड़कों पर हर दिन घंटों जाम लगा रहता है। स्थिति यह होती है कि स्कूल के बस में छोटे-छोटे बच्चे घंटों जाम के कारण परेशान रहते है। वहीं आमलोगों को भी एक किमी का सफर तय करने में घंटो लग जाते है। लेकिन अब जल्द ही इससे निजात मिलने वाली है। 

राजधानी पटना के यातायात व्यवस्था में सुधार को लेकर 209 नए पदों के सृजन की मंजूरी दी गयी है। गृह विभाग ने इन नए पदों को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अनुसार पटना में दो पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), 4 इंस्पेक्टर (पुलिस निरीक्षक), 3 परिचारी, 60 एएसआई और 140 हवलदार के पद शामिल है।

गृह विभाग की अवर सचिव किरण माला पवरिया के अनुसार ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआर एंड डी) के मापदंड 2015 के अनुसार पटना को बी श्रेणी के शहर में शामिल किया गया है। यहां यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए नए पदों की मंजूरी दी गयी है।

गृह विभाग के अनुसार राजधानी की अनुमानित जनसंख्या और पंजीकृत वाहनों को लेकर यह नई व्यवस्था की गयी है। पटना की अनुमानित जनसंख्या 72 लाख 40 हजार है। वहीं, पटना में पंजीकृत वाहनों की संख्या 20 लाख 84 हजार 375 है। पटना नगर निगम क्षेत्र में 2400 किमी सड़कें है। जबकि पथ निर्माण विभाग की 600 किमी सड़कें है। शहरी क्षेत्र के निरंतर विकास एवं बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते औद्योगिकीकरण, सड़कों की सीमित चौड़ाई एवं वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि सहित अन्य कारणों से शहर में यातायात व्यवस्था पर हमेशा दबाव बना रहता है। सब-नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत हाईवे एवं अन्य सड़कें है। यातायात व्यवस्था सुचारू रखने में वर्तमान में स्वीकृत उपलब्ध बल से कठिनाई होती है। आए दिन राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती करनी पड़ती है।

पांच दिनों के भीतर दो बार बिहार का दौरा करेंगे पीएम मोदी, प्रदेश को दो लाख करोड़ से अधिक की योजनाओं की देंगे सौगात

डेस्क : प्रधानमंत्री लगभग 20 महीने बाद बिहार आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच दिनों के भीतर दो बार बिहार आएंगे। आगामी दो मार्च को वे बिहार के औरंगाबाद और बेगूसराय, जबकि छह मार्च को बेतिया में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान पीएम बिहार को दो लाख करोड़ से अधिक की योजनाओं की सौगात देंगे।

पीएम पिछली बार जब बिहार आए थे तो उस समय एनडीए की ही सरकार थी। बीच के दिनों में महागठबंधन सरकार के दौरान पीएम बिहार दौरे पर नहीं आ सके। अब जब पीएम बिहार आ रहे हैं तो फिर से राज्य में एनडीए की सरकार बन चुकी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार औरंगाबाद में प्रधानमंत्री केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की 11 परियोजनाओं की सौगात बिहारवासियों को देंगे। इसकी लागत 18 हजार 188 करोड़ है। इसी तरह रेलवे की चार परियोजनाओं की लागत 826 करोड़ है। जलशक्ति मंत्रालय की 12 योजनाओं की लागत 2188 करोड़ है। इस तरह औरंगाबाद में पीएम कुल 21 हजार 203 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे। 

वहीं बेगूसराय में प्रधानमंत्री रेलवे की 3917 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे। इसके अलावा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन व अन्य केंद्रीय मंत्रालयों की एक लाख 56 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात बिहारवासियों को देंगे। इस तरह बेगूसराय में कुल एक लाख 60 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात पीएम बिहार को देंगे। 

बेगूसराय से लांच होने वाली राष्ट्रव्यापी योजना में से 29 हजार करोड़ की परियोजना बिहार के लिए है। बिहार से लांच होने वाले प्रोजेक्ट तेल और गैस फर्टिलाइजर और रेलवे सहित कई क्षेत्रों से संबंधित है। इन परियोजनाओं में से 39 प्रोजेक्ट तेल-गैस क्षेत्र से जुड़े हैं। 10 परियोजना रेलवे के हैं। पीएम छह नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। नए सिरे से स्थापित बरौनी फर्टिलाइजर प्लांट का उद्घाटन किया जाएगा। यह प्लांट न केवल यूरिया के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। इस प्लांट की क्षमता 12.5 एमटीपीए यूरिया प्रोड्यूस करने की होगी।

राम रहीम को बार-बार पैरोल द‍िए जाने हाईकोर्ट सख्त, हरियाणा सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा

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साध्वियों के यौन शोषण और 2 कत्ल केस में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। फिलहाल राम रहीम पैरोल पर जेल से बाहर हैं।राम रहीम को बार-बार पैरोल द‍िए जाने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की खट्टर सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने गुरुवार को कहा है क‍ि भव‍िष्‍य में बिना अदालत की इजाजत के राम रहीम को पैरोल न दी जाए।एसजीपीसी की तरफ से इस मामले में पंजाब हरयाणा कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी। इसी याचिका के कारण कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया है।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने हरियाणा सरकार से पूछा क‍ि राज्‍य सरकार बताए क‍ि डेरा मुखी राम रहीम की तरह अन्य और कितने कैदियों को इसी तरह से पैरोल दी गई। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा है क‍ि मामले की अगली सुनवाई पर जानकारी दी जाए।

डेरा मुखी राम रहीम को दी जा रही पैरोल को एसजीपीसी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एसजीपीसी का कहना था क‍ि डेरा मुखी राम रहीम के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं और इनमे उसे दोषी करार दे सजा भी सुनाई जा चुकी है। इसके बावजूद इसके हरियाणा सरकार डेरा मुखी को पैरोल दे रही है जो पूरी तरह से गलत है। लिहाजा डेरा मुखी को दी गई पैरोल को रद्द किया जाए।

कोर्ट ने याचिका को संज्ञान में लेते हुए कहा कि अगली बार बिना कोर्ट की इजाजत से राम रहीम को पैरोल नहीं दी जाएगी। साथ ही हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है कि, सरकार जानकारी दे और कितने लोगो को इस तरह से पैरोल दी गयी है। आपको बता दें 10 मार्च को राम रहीम की पैरोल खत्म हो रही है।

कब कितनी बार मिली पैरोल

राम रहीम 50 दिनों की पैरोल पर बहार है। 10 मार्च को पैरोल खत्म होते ही वो जेल चला जाएगा। लेकिन अब पैरोल मिलने में मुश्किलें आ सकती हैं। क्यूँ कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को बिना कोर्ट की इजाजत से पैरोल पर नहीं छोड़ा जाएगा। जानकारी के लिए आपको बता दें, राम रहीम को पहली बार 24 अक्टूबर 2020 में पैरोल मिली थी। जिसके बाद लगभग 7 महीने में ही उसे दूसरी बार 21 मई 2021 को पैरोल मिली थी। तीसरी बार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को 7 फरवरी 2022 में पैरोल दी गयी थी। गुरमीत राम रहीम को जून 2022 में चौथी बार पैरोल मिली। पांचवी बार राम रहीम को अक्टूबर में पैरोल दी गयी थी। जिसके बाद उसे 21 जनवरी 2023 छठी बार पैरोल पर बहार आना पड़ा। राम रहीम को सातवीं बार 20 जुलाई 2023 में पैरोल दी गयी थी। आठवीं बार नवंबर 2023 में डेरा प्रमुख को पैरोल दी गयी थी। अभी नौवीं बार पैरोल पर गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर है।